4.4.24

गर्मी में आम का सुपर पॉवर: फायदे और सावधानियाँ"

        गर्मी में आम का सुपर पॉवर: फायदे और सावधानियाँ"




मित्रों ,फल और सेहत  विषय पर विडिओ प्रस्तुत करने की शृंखला मे आज" गर्मी में आम का सुपर पॉवर: फायदे और सावधानियाँ" पर चर्चा कर रहे हैं 
गर्मियों की चिलचिलाती धूप, उमस भरी गर्मी भला किसे पसंद हैं. लेकिन इन सबके बाद भी हममें से ज्यादातर लोग इस गर्मी को पसंद करते हैं. वो भी सिर्फ इसलिए कि इस मौसम में आने वाली चीजें खाने को मिलती हैं और उन्हीं में से एक फल  है आम. 
आम को फलों का राजा कहा जाता है. और इस मौसम में मिलने वाले फ्रेश आम की बात ही कुछ और होती है. आम को सेहत के लिए भी काफी गुणकारी फल माना जाता है. यानि ये फल न केवल आपके स्वाद बल्कि गर्मी से भी बचाने में मददगार है. गर्मी के मौसम में सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. खासकर शरीर को ठंडा रखने के लिए हम कई चीजों का इस्तेमाल करते हैं. भारत में आम के कई प्रकार आपको मिल जाएंगे. दरअसल आम एक रसदार स्वादिष्ट फल है जिसे लगभग हर कोई खाना पसंद करता है. आम में मैग्नीनिशयम, पोटैशियम, प्रोटीन, विटामिन और फोलेट, जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को कई लाभ पहुंचाने में मदद कर सकते हैं.

अच्छी नींद के लिए आवश्यक

आम में अमीनो एसिड पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो सेरोटोनिन यानी "फील-गुड" हार्मोन का लेवल बढ़ाने में सहायक होता है। रात में आम खाने से शरीर में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ातरी होने में मदद मिलती है। जिसकी वजह से आपको रात के समय अच्छी नींद आती है। 

हाई बीपी में कैसे फायदेमंद है आम

दरअसल, आम में प्रचुर मात्रा में बीटा कैरोटीन और फाइबर पाया जाता है, जो बीपी कंट्रोल रखने का काम तो करता ही है, साथ ही जो सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होते हैं।  इसलिए यदि सही मात्रा में आम का सेवन किया जाए, तो हाई बीपी की समस्या से राहत पाई जा सकती है।

पाचन पर प्रभाव 

आम खाने से पाचन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं। आम में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन में मदद करती है और कब्ज से राहत दिलाती है. हालांकि, अधिक मात्रा में आम खाने से एसिडिटी, ब्लोटिंग और पेट दर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.

पक्का आम खाने से कौन सी बीमारी ठीक होती है?

डाइटिशियन के अनुसार, गर्मियों में पका हुआ आम खाने से पेट में गैस, अपच, कब्ज, ब्लोटिंग और दस्त जैसी समस्या नहीं होती हैं। पका हुआ आम खाने से इम्यूनिटी बनाए मजबूत बनाने, ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखने, हृदय रोगों के जोखिम को करने और आंखों को हेल्दी बनाने में मदद मिलती है।

लू से बचाव 

आम लू से बचाव करता है। कच्चे आम, खासकर आम पन्ना, लू से बचाव में मदद कर सकते हैं. आम पन्ना शरीर को ठंडा रखता है, एनर्जी देता है, और डिहाइड्रेशन से बचाता है

इम्यून सिस्टम को करें मजबूत

आम में विटामिन सी, विटामिन ए, और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं. विटामिन सी सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करता है. आम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट भी शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

कैंसर का खतरा कम करे

आम में मैंगिफेरिन होता है, एक एंटीऑक्सीडेंट जिसमें कैंसर विरोधी गुण पाए जाते हैं। मैंगिफेरिन कोशिकाओं यानी सेल्स को डैमेज से बचाने में मदद कर सकता है और कैंसर सेल्स के विकास को रोकने में मदद कर सकता है।

हड्डियां मजबूत बनाए

कच्चा आम खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं। दरअसल, इसमें कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए जरूरी माना जाता है। इसके नियमित सेवन से हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का खतरा कम होता है।

त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद

आम (mango) त्वचा और बालों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ और बालों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं.
वहीं अगर आपके चेहरे पर मुहासे जैसी समस्या है तो आप चेहरे पर इसका फेस पैक लगा सकते हैं।


मेमोरी बढ़ाने में मददगार

अगर आप चीजों को रखकर भूल जाते हैं और चीजों को याद रखने में आपको परेशानी का सामना करना पड़ता है, तो आप आम का सेवन कर सकते हैं। जैसे बादाम खाने से आपकी मेमोरी तेज होती है, उसी तरह आम खाने से मेमोरी को बढ़ाने में मदद मिलती है। 

क्या आम खाने से वजन घटता है?

हां, वजन कम करने की कोशिश करते समय आप आम खा सकते हैं, लेकिन सीमित मात्रा में। 
 वजन कम करने के लिए आम को सिर्फ काट कर खाएं उसका सेवन शेक बनाकर, आमरस और स्मूदी के रूप में नहीं करें।

कोलेस्ट्रॉल को करें कंट्रोल

आम में उच्च स्तर के फाइबर पाए जाते हैं, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। रात में आम खाने से हृदय रोग और स्ट्रोक का जोखिम हो सकता है। हार्ट हेल्थ के लिए आप रात के समय सीमित मात्रा में आम का सेवन कर सकते हैं

दिल की सेहत के लिए फायदेमंद

आम पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत है, जो एक मिरनल है, जो दिल की सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। पोटेशियम ब्लड प्रेशर और हृदय गति यानी हार्ट बीट को नियंत्रित करने में मदद करता है और यह हृदय रोग को रोकने में भी मदद कर सकता है।

कितनी मात्रा में डायबिटीज में आम खाना होता है सेफ


डायबिटीज में आम का सेवन किया जा सकता है, लेकिन उसकी मात्रा का ध्यान रखना चाहिए। जिनका शुगर लेवल हमेशा हाई रहता है, उन्हें इसका सेवन करने से बचना चाहिए। अगर शुगर लेवल कंट्रोल में है तो बहुत कम मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए। 

आम को कब नहीं खाना चाहिए?

आम का सेवन सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, खाना खाने के तुरंत बाद भी आम खाना नहीं चाहिए। इन समयों में आम खाने से एसिडिटी और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. -

एक दिन में कितने आम खाएं?

  आहार एक्सपर्ट रोजाना लगभग 1-2 कप यानी 150 से 330 ग्राम आम खाने की सलाह देते हैं। या फिर एक मीडियम आकार के आम को दिन भर में खा सकते हैं। वहीं डायबिटीज के पेशेंट भी  इस सीजनल फल का मजा ले सकते हैं लेकिन इसकी मात्रा 100 ग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए|

आम  से नुकसान 

ज्यादा आम खाने से पेट की समस्या, वजन बढ़ना, और एलर्जी हो सकती है. आम में प्राकृतिक शर्करा अधिक होती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है, खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए.
आम में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जिसके चलते आपके आंत में जलन हो सकती है।
आम में कैलोरी ज्यादा पाई जाती है, अगर सीमित मात्रा में नहीं खाया जाए तो वजन बढ़ सकता है।
आम की तासीर गर्म होती है, जिसके चलते आपको मुंहासे भी हो सकते हैं।
अगर आपको इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम है, तो आपको आम का सेवन नहीं करना चाहिए।
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छोटा सा फल बड़ी बीमारियों का समाधान :अंगूर के आश्चर्यजनक फायदे




अंगूर बेहद रसीला और स्वादिष्ट फल है। मीठे स्वाद से भरपूर अंगूर हर किसी को पसंद होता है। अंगूर कई रंगों में आपको मार्केट में मिल जाएंगे। इनमें पाए जाने वाले पोषक तत्व आपके शरीर के लिए बेहद गुणकारी होते हैं। अंगूर में विटामिन-सी, पोटैशियम, कैल्शियम जैसे तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें फ्लेवोनॉयड्स और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी मौजूद होते हैं। जो स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से बचाते हैं। 


दिल की सेहत के लिए फायदेमंद



आप जो खाते हैं, दिल की सेहत पर उसका असर पर पड़ता है। ऐसे में आप अपनी डाइट में अंगूर जरूर शामिल करे। यह हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। अंगूर में पॉलीफेनोल्स, पोटैशियम और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जो हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।

स्किन पर नैचुरल ग्लो आता है

दाग धब्बे दूर करने के लिए अंगूर 



अंगूर खाने से स्किन पर नैचुरल ग्लो आता है. इससे चेहरे पर होने वाले दाग धब्बों, झुर्रियों से छुटकारा पाया जा सकता है. सुबह-शाम अंगूर खाइए अर्थराइटिस या जोड़ो के दर्द में आराम मिलेगा क्योंकि अंगूर शरीर से उन लवणों को निकाल देता है, जिनके कारण अर्थराइटिस शरीर में बनी रहती है. यदि आप भूख न लगने की समस्या से परेशान हैं और इस वजह से ही आपका वजन भी नहीं बढ़ रहा तो आप ज्यादा से ज्यादा अंगूर खाएं. इसके सेवन से कब्ज की समस्या तो दूर होती ही है, साथ ही भूख भी लगने लग जाती है. अंगूर का रस निकालकर उस रस से गरारे करने से मुंह में होने वाले छालों से राहत पाई जा सकती है.

हार्ट अटैक से बचाए: 

हार्ट-अटैक से बचने के लिए काले अंगूर का रस एसप्रिन की गोली के समान कारगर है. एसप्रिन खून के थक्के नहीं बनने देती है. काले अंगूर के रस में फलोवोनाइडस नामक तत्व होता है और यह भी यही कार्य करता है. यह खून के थक्के को नहीं जमने देता.
आप जो खाते हैं, दिल की सेहत पर उसका असर पर पड़ता है। ऐसे में आप अपनी डाइट में अंगूर जरूर शामिल करे। यह हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। अंगूर में पॉलीफेनोल्स, पोटैशियम और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जो हृदय रोग के खतरे को कम करने में मदद करते हैं।

आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए काले अंगूर 




काले अंगूर खाने से आंखों की रोशनी बेहतर होती है। अगर इसे आप अपनी डाइट में नियमित रूप से शामिल करते हैं, तो आप आंखों की बीमारियों से बच सकते हैं। इनमें ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन पाए जाते हैं, जो आंखों को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं।

कब्ज से राहत दिलाने में कारगर




अंगूर में फाइबर और पानी की मात्रा अधिक होती है। अगर आप कब्ज की समस्या से परेशान हैं, तो अंगूर आपके लिए बेहतरीन फल है। यह मल त्याग को आसान बनाता है, जिससे आप कब्ज से निजात पा सकते हैं।

किडनी के लिए फायदेमंद

अंगूर एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। जो किडनी के लिए फायदेमंद माने जाते हैं । अंगूर किडनी से संबंधित कई रोगों को दूर करने में कारगर है।

माइग्रेन की समस्या

अगर आपको माइग्रेन की समस्या है तो आपको अंगूर खाने चाहिए. इससे अंगूर सिरदर्द दर्द से राहत पाई जा सकती है. हो सके तो दर्द होने पर अंगूर का रस पियें, जल्दी फायदा होगा. अंगूर शरीर में खून की कमी को पूरा करता है. इसका कारण है कि इसमें काफी मात्रा में आयरन पाया जाता है. अगर आपको खून की कमी या एनीमिया है तो आपको नियमित रूप से अंगूर खाना चाहिए या अंगूर का रस पीना चाहिए. खून की कमी को दूर करने के लिए एक गिलास अंगूर के जूस में 2 चम्मच शहद मिलकार पीने से खून की कमी दूर हो जाती है.

कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंद: 



अगर आप कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या से पीडि़त हैं तो आपको रोजाना काले अंगूर का सेवन करना चाहिए. 500 ग्राम काले  अंगूर रोजाना खाने से यह आपके बैड कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने का काम तेजी से कर सकता है. यही नहीं, अंगूर में मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट तत्‍व भी कोलेस्‍ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद कर सकता है.

किस समय खाना चाहिए अंगूर?

 अंगूर को खाली पेट सुबह नहीं खाना चाहिए। आप इसे मिड मॉर्निंग या दोपहर में खा सकते हैं। सुबह खाली पेट अंगूर के सेवन से आपको गैस, खट्टी डकार और अपच हो सकती है। वहीं रात के वक्त भी इसके सेवन से बचना जरूरी है

गर्भावस्था के दौरान एक दिन में कितने अंगूर खाने चाहिए?




अगर गर्भावस्था में अंगूर खाने की संतुलित मात्रा की बात करें, तो डायटीशियन एक सर्विंग बाउल में अन्य फलों के साथ अंगूर के करीब 16 दाने खाने की सलाह देते हैं। इन्हें दिन में दो बार (16-16 अंगूर के दाने) खाया जा सकता है


अंगूर की तासीर कैसे होती है 

अंगूर की तासीर ठंडी होती है। इसमें सबसे ज्यादा पानी की मात्रा होती है। इसके अलावा इसमें फ्लेवोनाइड्स और कुछ एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कि आपके शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। लेकिन, जब आप इसे गलत समय पर खाते हैं तो इसकी ठंडी तासीर सर्दी-जुकाम समेत बुखार और कई समस्याओं का कारण बन सकता है।
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3.4.24

अजवाईन के औषधीय गुण और फायदे //Ajwain ke fayde





अजवाइन सौंफ और जीरे की तरह दिखती है। प्राचीन काल से भारतीय, अफ्रीकी और मध्य पूर्वी देशों में खाना पकाने के लिए अजवाइन का इस्तेमाल किया जाता रहा है। यह खाने का स्वाद भी बढ़ाती है और चटनी, अचार और जैम में प्रेज़रवेटिव की तरह काम करती है। इसमें डाइजेस्टिव फाइबर का एक अनूठा स्रोत होता है जो पेट की सेहत अच्छी रखने में मदद करता है।

मोटापा कम करना: 

शरीर में फैट बढ़ने के कारण मोटापे की समस्या होती है. इसके कारण पेट भी बाहर निकल आता है. पेट बाहर निकलने की समस्या में अजवाइन पानी पीने बेहद फायदेमंद होता है. सुबह खाली पेट अजवाइन वाला पानी पीने से वजन को कंट्रोल में रखना आसान होता है. इसके रोजाना सेवन से पेट की चर्बी कम होती है.

शरीर का दर्द हो दूर

अगर आपके शरीर में किसी भी हिस्से में दर्द हो रहा हो तो इस दर्द को दूर करने में अजवाइन आपके बेहद काम आ सकती है। आप अजवाइन को पानी में पीसकर एक गाढ़ा पेस्ट तैयार करें। अब बने बेस्ट को प्रभावित स्थान पर लगाएं। ऐसा करने से शरीर के दर्द से राहत मिलेगी। इससे अलग यदि अजवाइन की सेक को शरीर के दर्द को दूर करने में उपयोगी है। ऐसे में अजवाइन को गैस पर अच्छे से भूनकर और उसके धुएं से प्रभावित स्थान पर सेक लगाएं। ऐसा करने से भी शरीर का दर्द दूर हो सकता है।

पाचन रहेगा दुरुस्त

अजवाइन का पानी पाचन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, इसमें घुलनशील फाइबर पाया जाता है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। रोज सुबह खाली पेट अजवाइन का पानी पीने से गैस, अपच, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है


कोलेस्ट्रॉल कम करे

सुबह खाली पेट अजवाइन का पानी पीने से हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। एक शोध के अनुसार, अजवाइन के बीज का अर्क एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और टोटल लिपिड को कम कर सकता है। इसके नियमित सेवन से हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
ब्लअजवाइन के औषधीय उपयोग और सेहत को मिलने वाले फायदे:
अजवाइन के अर्क से मेथॉक्ससेलेन दवा बनाई जाती है। यह कैप्सूल, टॉपिकल क्रीम जैसा अलग-अलग फॉर्मेट में उपलब्ध है। विटिलिगो (स्किन पिगमेंटेशन का आंशिक नुकसान) सोरायसिस जैसी त्वचा की समस्याओं के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

अजवाइन गर्भ नाशक है:

गर्भ नाशक ऐसे पदार्थ होते हैं जो गर्भपात को प्रेरित करते हैं। परंपरागत रूप से, अजवाइन का उपयोग इस उद्देश्य के लिए किया जाता रहा है। बिना स्वास्थ्य देखभाल एक्सपर्ट की देखरेख के इसका उपयोग करना खतरनाक है।
अजवाइन नर्वाइन (Nervine) है:

अजवाइन एक एंटी-स्पैसमोडी(Anti-Spasmodi) है :

अजवाइन में मौजूद वाष्पशील तेलों में ऐंठनरोधी गुण होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे मांसपेशियों की ऐंठन से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इससे पीरियड्स में ऐंठन, सिरदर्द और माइग्रेन (migraines) जैसी स्थितियों का इलाज करने में मदद मिल सकती है।प्राचीन काल से हर्बल फॉर्मूलेशन तैयार करने के लिए अजवाइन का इस्तेमाल किया जा रहा है क्योंकि उनका मानना है कि यह शरीर के सिस्टम को संतुलित कर सकता है।
अजवाइन में कई स्वास्थ्यप्रद और उपचारात्मक गुण हैं।
अजवाइन घुलनशील डाइटरी फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, और यह पेट की समस्याओं में पाचन तंत्र को बेहतर करने, आंतों की सेहत में सुधार करने के लिए जाना जाता है। यह पेट फूलने की समस्या से राहत दिलाने में भी मदद करती है।
अजवाइन मांसपेशियों में ऐंठन के दर्द, अपच के कारण पेट की समस्या, छाती में जलन और भूख न लगने के इलाज में फायदेमंद होती है।

पीरियड्स के दर्द में राहत: 

अजवाइन पानी पीरियड्स के दर्द से भी राहत दिलाता है. जिन महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट में दर्द की समस्या रहती है वो इसका सेवन कर सकते हैं. अजवाइन पानी पीने से पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम किया जा सकता.

अजवाइन एक मूत्रवर्धक है:

एक मूत्रवर्धक मूत्र की मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है। यदि आप मूत्र में जल प्रसार (water retention) कम कर चाहते है या मूत्र में मौजूद हानिकारक पदार्थों को कम करना चाहते है तो यह आप की सहायता कर सकता ह

अजवाइन एक रेचक है:

अजवाइन में मौजूद वाष्पशील तेल (volatile oil) पाचन तंत्र को उकसाते है, जिसके कारण मल त्याग को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। इसे कब्ज के इलाज के लिए उपयोगी बनता है।
 अजवाइन एक गर्भाशय उत्तेजक है:
हमारे देश में परंपरागत रूप से, इस जड़ी बूटी का उपयोग प्रसव को प्रेरित करने और प्रसव के दौरान सिकुड़न को उकसाने के लिए किया जाता था। इससे प्रसव में आसानी होती थी। इसका उपयोग केवल स्वास्थ्य देखभाल एक्सपर्ट की देखरेख में ही किया जाना चाहिए।
अजवाइन एंटी-ऑक्सीडेंट का बेहतरीन स्रोत है और इसलिए यह दिल के मरीजों के लिए वरदान है। एंटीऑक्सीडेंट शरीर में अच्छे और खराब कोलेस्ट्रॉल को मैनेज कर सकते हैं और इस तरह से ये दिल की बीमारियों को रोकते हैं।
अजवाइन में एंटी-बैक्टीरियल (जीवाणुरोधी) और एंटी-फंगल (फंगस रोधी) गुण होते हैं और इसलिए यह फूड पोइज़निंग और आंत व पेट की समस्याओं को रोकने के लिए साल्मोनेला, ई कोली और फंगई जैसे बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करती है।
अजवाइन के अर्क में प्रमुख केमिकल कंपाउंड (रासायनिक यौगिक) होते हैं जो कैल्शियम चैनलों को ब्लॉक करते हैं, जो ब्लड प्रेशर लेवल को और कम कर सकते हैं।
अजवाइन एक एक्स्पेक्टोरेंट (Expectorant), कफनाशक:एक्स्पेक्टोरेंट (Expectorant), बलगम को ढीला करने में मदद करता है और खांसी को आसान बनता हैं। अजवाइन में मौजूद वाष्पशील तेल (volatile oils) एक्स्पेक्टोरेंट के रूप में काम करता हैं जो उन्हें सर्दी, ब्रोंकाइटिस (bronchitis) और अन्य सांस सम्बन्धी समस्याओं की इलाज में भी मदद करता है। इसका मतलब है की यह फेफड़ों और वायुमार्ग से कफ और बलगम को ढीला करने में मदद करता है, जिससे खांसी करना और बलगम का बाहर निकलना आसन हो जाता है। इससे बलगम के जमाओ को दूर कर सांस लेने में भी आसानी होती है।साथ ही साथ, अजवाइन अपने एंटी-माइक्रोबियल (Anti-microbial) गुणों के कारण सांस सम्बन्धी इन्फेक्शन को भी रोकने में कारगर साबित हो सकता है। यदि आप को सांस लेने में समस्या या सर्दी से सीने में दर्द होता हैं, तो अपने भोजन में अजवाइन की थोड़ी से मात्रा को शामिल करने का प्रयास करे। इससे आपको सांस लेने में कुछ आसानी मिलेगी।अजवाइन को चबाना अपच और पेट फूलने जैसी समस्याओं को खत्म करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है।
अजवाइन की चाय डायरिया, पेचिश, स्पास्मोडिक (ऐंठन) दर्द के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद है।
अजवाइन का तेल स्टीम डिस्टिलेशन (भाप आसवन) प्रक्रिया द्वारा तैयार किया जाता है और यह रह्यूमेटिक दर्द के इलाज में बहुत असरदार है इसलिए इसे दर्द वाली जगह पर लगाया जाता है।
अस्थमा (दमा) और ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारियों के इलाज के लिए अजवाइन और अदरक के अर्क का मेल काफी असरदार होता है।
अजवाइन वायु प्रवाह और फेफड़ों के कामकाज में सुधार करती है।
अजवाइन में ब्रोंको-डाइलेटिंग प्रभाव होता है, यह फेफड़ों में ब्रोन्कियल नलियों को फैलाने में मदद करता है जिससे हल्के अस्थमा में राहत मिलती है।
अजवाइन एक प्रभावशाली पाचन सहायक है अजवाइन एक कार्मिनेटिव (carminative) जड़ी बूटी है जो गैस और सुजन से राहत दिलाने में मदद करती है। आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार, इसका उपयोग गैस और सुजन के साथ-साथ और भी अन्य समस्याओं के इलाज में भी किया जाता है। आधुनिक विज्ञान ने भी इन दावों का समर्थन करना शुरु कर दिया है। रिसर्च से पता चला है की अजवाइन मे ऐसे केमिकल होते है जो पाचन तंत्र (digestive system) की चीकनी मांसपेशियों (smooth muscle) को आराम देने में मदद करते हैं ।
इससे गैस और सूजन के लक्षणों को कम करने मे मदद मिलती है। अजवाइन में एंटी-माइक्रोबियल (antimicrobial) गुण होते हैं जो संक्रमण (infection) से बचाने में मदद करते है। इन कारणों से, अजवाइन पाचन सम्बन्धी समस्याओं के लिए असरदार प्राकर्तिक इलाज है, यदि अगली बार जब भारी भोजन के बाद पेट फूला हुआ महसूस करें तो कुछ अजवाइन के बीज लें। इनमें से कुछ छोटे बीजों को खाने से आप को वह राहत मिल सकती है जिसकी आप को तलाश है।अजवाइन का पानी एक बेहतरीन माउथ वॉश है, और यह अच्छी ओरल हाइजीन बनाए रखने में मदद कर सकता है।
अजवाइन गर्भवती महिलाओं की अपच संबंधी समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद है; यह गर्भाशय और पेट को साफ करने में मदद करती है, जिससे अनियमित पीरियड्स की समस्या दूर हो जाती है।
नियमित रूप से अजवाइन का पानी पीने से मेटाबोलिज्म बढ़ता है, जिससे शरीर की चर्बी कम करने में मदद मिलती है
अजवाइन में एंटीबायोटिक गुण होते हैं, और यह लाली को कम करने और जलन व सूजन के लिए फायदेमंद होती है।
अजवाइन के एनेस्थेटिक गुणों के कारण यह दर्द और सूजन को दूर करने में मदद करती है।

अजवाइन एस्ट्रिंजेंट (Astringent) होती है:

एस्ट्रिंजेंट त्वचा को टाइट और निखार में मदद करते हैं। अजवाइन में मौजूद वाष्पशील तेल एक एस्ट्रिंजेंट(Astringent) के रूप में कार्य करते हैं, सूजन को कम करने और घावों को ठीक करने में मदद करते हैं।

अजवाइन एक डायफोरेटिक (पसीना लाने वाला) है:

डायफोरेटिक्स पसीने को बढ़ावा देता है, जो शरीर को डिटॉक्सीफाई (detoxify) करने और बुखार को कम करने में मदद कर सकता है। अजवाइन में मौजूद वाष्पशील तेल पसीना लाने में मदद करते हैं, जो उन्हें सर्दी और फ्लू के इलाज के लिए कारगर बनाता हैं। पसीने को बढ़ावा देकर और पाचन में सुधार करके, अजवाइन शरीर से हानिकारक पदार्थों को खत्म और शारीरिक संतुलन बनाने में मदद करता है।
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2.4.24

हृदय और दिमाग के लिए किसी औषधि से कम नहीं है सुखा नारियल खोपरा गोला





पूजा-पाठ से लेकर खाने में नारियल का इस्तेमाल किया जाता है। कई लोग नारियल पानी व नारियल का बुरादा खाते है तो कहीं लोग इसे कच्चा या सूखा भी खाते हैं। इसके अलावा कुछ लोग भोजन बनाने में भी नारियल तेल का इस्तेमाल करते है। इसमें प्रोटीन, विटामिन-सी और विभिन्न मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है जो सभी सेहत के लिए फायदेमंद होते है। साथ ही इसमें एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते है
 सूखा नारियल हार्ट और ब्रेन के लिए बहुत ही अच्छा होता है. साथ ही यह इम्यूनिटी को बढ़ाता है और शरीर को वायरल इंफेक्शन से दूर रखने में मदद करता है. ये स्किन के लिए भी बहुत ही अच्छा होता है. 

एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर

नारियल में फिनॉलिक कंपाउंड होते हैं, जो कि एंटीऑक्सीडेंट्स की तरह काम करते हैं. ये बॉडी के सेल्स के ऑक्सीडेटिव डैमेज को रोकते हैं. इसमें गैलिक एसिड, कैफिक एसिड, सैलिसिलिक एसिड, पी-कोम्यूरिक एसिड होता है. सूखा नारियल शरीर में ब्लड फ्लो को सही बनाकर रखता है.मजबूत होती है हड्डियां : टिश्यूज में भरपूर मिनरल्स का होना ज़रूरी होता है क्योंकि इसकी कमी हमारे शरीर के हिस्सों को नुकसान पहुंचाती है जिससे आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में सूखा नारियल खाने से त्वचा, लिगामेंट्स, टेंडन्स और हड्डियों के टिश्यूज़ में मजबूती आती है और टिश्यूज को मिनरल्स भी मिल जाता है।

खांसी, फेफड़ों के रोग और टी.बी. :

आप सूखे नारियल को घिसकर बुरादा बना लें। फिर एक कप पानी में एक चौथाई कप बुरादा भिगो दें। दो घंटे बाद इसे छानकर नारियल का बुरादा निकालकर पीस लें। इसकी चटनी-सी बनाकर भिगोए हुए पानी में घोलकर पी जाए। इस प्रकार इसे प्रतिदिन तीन बार पीने से खांसी, फेफड़ों के रोग और टी.बी. में लाभ होता है।

मस्तिष्क स्वस्थ रहता है :




सूखा नारियल खाने से ब्रेन फंक्शन में सुधार होता है और इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स भी बेहतर तरीके से काम करते हैं। ब्रेन में न्यूरॉन्स होते हैं और इस पर एक कवर होता है जिसपर कोई भी क्षति गंभीर न्यरोलॉजिकल समस्या को जन्म दे सकती है। नारियल में मौजूद तत्व इस हिस्से की रक्षा करते हैं।

ह्रदय के लिए :





रात में सोने से पहले नारियल खाने से आपकी दिल की सेहत दुरूस्त बनी रहती है। इसमें मौजूद फैट शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल में सुधार कर सकता है।  नारियल के तेल का सेवन करने से पेट की चर्बी कम होती है। यह खासतौर से फायदेमंद है, क्योंकि अतिरिक्त पेट की चर्बी आपके ह्दय रोग और मधुमेह के खतरे को बढ़ाती है।
सूखे नारियल में डायटरी फाइबर होता है जो कि ह्दय को हेल्दी बनाये रखता है। सूखे नारियल में एंटी ऑक्सीडेंट्स की मात्रा पाई जाती है. जो दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है. नारियल हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है. इससे हार्ट ब्ल़ॉकेज को होने से रोका जा सकता है.

कोलेस्ट्रॉल लेवल घटाए :

सूखे नारियल में हेल्दी फैट्स होते हैं जो ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम करता है जिससे आर्टरीज़ में ब्लॉकेज के चांस कम हो जाते हैं और दिल भी बेहतर तरीके से काम करता है और दिल के दौरे का खतरा नहीं रहता।

गठिया ठीक करने में :


सूखे नारियल के सेवन से गठिया ठीक हो जाती है और दर्द से आराम मिलता है। चूंकि इसमें कई मिनरल्स होते हैं ऐसे में ये ऊतकों को स्वस्थ रखते हैं और शरीर को हेल्दी बनाएं रखते हैं।


​बेहतर नींद लाने में मदद करे




आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में नींद न आने की समस्या आम हो गई है। अगर आप भी रातभर करवट बदलते रहते हैं, तो सोने से पहले कच्चे नारियल का सेवन कर लें। नियमित रूप से रात को सोने से पहले नारियल का एक टुकड़ा खाकर सो जाएं। अच्छी नींद आने में मदद मिलेगी|

एनीमिया :

शरीर में खून की कमी होना जो की कभी कभी जानलेवा भी साबित होता है। सूखा नारियल खाने से एनीमिया यानी खून की कमी की बिमारी से भी राहत देता है। अक्सर महिलाओं में खून की कमी ज़्यादा होती है और वो कमजोर पड़ जाती हैं और तो और शरीर में जीवाणुओं का हमला भी आराम से हो सकता है जिससे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। सूखे नारियल में आयरन भारी मात्रा में पाया जाता है और इसके सेवन से एनीमिया पर काबू पाने में आसानी होती है। तो आपने जाना कैसे सूखा नारियल आपके स्वस्थ शरीर के लिए कितना ज़रूरी है। स्वाद ही नहीं बल्कि गुणवत्ता से भरपूर है यह सूखा नारियल।

प्रेग्नेंसी में सूखे नारियल के फायदे-


सूखे नारियल को प्रेगनेंसी पीरियड में भी आसानी से खाया जा सकता है. इससे महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनती है. साथ ही यह आपके भ्रूण के लिए भी फायदेमंद होता है. नारियल में फैटी एसिड होता है, जो शिशु के विकास और वृद्धि में मदद करता है.

बढ़ता है दूध-




स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सूखे नारियल का सेवन करना बेहद फायदेमंद माना जाता है. क्योंकि इसके सेवन से स्तनों में दूध का उत्पादन बढ़ता है. साथ ही शिशु को भी जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं.

कैंसर :

यदि आपके परिवार में किसी को पहले कैंसर था तो आपको हमेशा सतर्कता बरतनी चाहिए, खासकर महिलाओं को, जिनके यहां ब्रेस्ट कैंसर का मामला सामने हो। वैसे कोकोनट प्रोस्टेट कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर को न होने में मदद करता है। इसलिए आप इसे अपनी खुराक में अवश्य शामिल करें।

यूरिन इंफेक्शन से करता है बचाव-

नारियल का सेवन करने से यूरिन इंफेक्शन से बचा जा सकता है. यह बैक्टीरिया को पैदी होने से रोकता है. नारियल खाने से यूटीआई जैसे गंभीर संक्रमण को भी रोका जा सकता है.

आयरन की कमी होती है दूर-

पोषक तत्वों से भरपूर नारियल का एक टुकड़ा खाने से न सिर्फ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, बल्कि याद्दाश्त में भी सुधार होता है। अगर आप स्वास्थ्य के लिए इसके लाभों को बढ़ाना चाहते हैं, तो सोने से ठीक पहले कच्चा नारियल खाना शुरू कर दें। यह आपकी सेहत के लिए वरदान साबित हो सकता है।

​वजन नियंत्रित करे




आजकल हर दूसरा व्यक्ति वजन बढ़ने रेशान है। शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करना एक चुनौती बन गया है। लेकिन इसमें नारियल कारगार साबित हो सकता है। सोने से पहले कच्चा नारियल खाएं। इसमें मौजूद फाइबर शरीर से एक्स्ट्रा फैट को बर्न करने में बहुत मदद करता है।
नारियल में फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। अगर आप वजन बढऩे, नींद न आने के अलावा दिल से जुड़ी समस्याओं से ग्रसित हैं, तो नियमित रूप से नारियल का एक टुकड़ा रात में सोने से पहले खाएं। कुछ दिनों में आपको सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेगा।

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नींद की समस्या का समाधान: बिस्तर पर जाते ही गहरी नींद के रामबाण उपाय







मित्रों घरेलू आयुर्वेद से चिकित्सा  के विडिओ की शृंखला आज का टॉपिक है " नींद की समस्या का समाधान: बिस्तर पर जाते ही गहरी नींद के रामबाण उपाय"

  स्वस्थ रहने के लिए अच्छी और गहरी नींद बहुत जरूरी है। लेकिन, आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और बढ़ते के कारण नींद न आने की समस्या लोगों में काफी आम हो गई है। अक्सर ऐसा होता है कि दिनभर की थकान के बाद भी रात में नहीं आती है। नींद पूरी न होने के कारण अगले दिन सुस्ती और आलस से बुरा हाल हो जाता है। रात में नींद पूरी न हो तो न सिर्फ हमारी दिनचर्या प्रभावित होती है, बल्कि कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। अच्छी नींद न लेने से मोटापा, डायबिटीज, मूड स्विंग, सिर दर्द जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। अगर आप भी रात में अच्छी और गहरी नींद नहीं ले पा रहे हैं तो यह आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। लेकिन चिंता मत कीजिए, इस video  में हम आपको कुछ ऐसी टिप्स बता रहे हैं, जिससे आपको रात में अच्छी और गहरी नींद आएगी।
आयुर्वेद के अनुसार वात, कफ और पित्त के संतुलन पर मनुष्य का स्वास्थ्य निर्भर होता है। जब इनमें असंतुलन आता है तो नींद ना आने जैसी समस्या उत्त्पन्न हो जाती है और हम सोने की कोशिश करते है उसके बावजूद भी हमें नींद नहीं आती तो उसकी वजह वात दोष होती है।
नींद पूरी हो जाने पर शरीर ऊर्जावान बना रहता है। नींद हमारी दिनचर्या का सबसे अहम हिस्सा होती है। नींद ना आने के कारण शरीर में बीमारियां हो सकती है। शरीर में तमोगुण बढ़ने पर नींद आती है और जब सत्व गुण बढ़ता है तो जागना होता है।

अच्छी और भरपूर नींद के लिए अपनाए ये आसान घरेलू नुस्खे 


सोने का टाइम रखें फिक्‍स

आजकल ज्यादातर लोग रात में देर तक जागते हैं। खासतौर पर युवा वर्ग के लोगों में देर रात तक मोबाइल या लैपटॉप चलाने की आदत होती है। लेकिन, ऐसा करने से आपकी नींद प्रभावित हो सकती है। अच्छी और गहरी नींद के लिए नियमित समय पर सोना बहुत जरूरी है। अगर आप गहरी नींद सोना चाहते हैं तो सोने का टाइम फिक्स करें और रोज उसी समय पर सोने के लिए बिस्तर पर चले जाएं।
 इसके अलावा सोते समय फोन और टीवी को बंद कर दें। कमरे में लाइट बंद कर दें। इस तरह से आपको नींद आने में मदद मिलेगी।

खानपान में बदलाव

अगर आपको अक्सर अनिद्रा की शिकायत रहती है तो आपको एक बार अपने खान-पान पर भी फोकस करना चाहिए। बेहतर होगा कि आप दोपहर के बाद कैफीन वाले खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ का सेवन कम से कम करें। इसके अलावा डिनर हमेशा लाइट करें और बेडटाइम से कम से कम दो-तीन घंटे पहले करें। इसके अलावा आप सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध पी सकते हैं। यह नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करता है, जिससे अच्छी नींद आती है।




मसाज थेरेपी

एक स्टडी के मुताबिक, शरीर की मसाज करने से स्लीप क्वालिटी को सुधारा जा सकता है। इसलिए, आपको हफ्ते में दो से तीन बार शरीर का मसाज करना चाहिए। अगर आपने कभी नोटिस किया हो तो सिर की मालिश के बाद बेहद प्यारी नींद आने लगती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मसाज करने से शरीर की थकान दूर होती है और आप रिलैक्स महसूस करते हैं। जिससे स्लीप क्वालिटी भी बेहतर होती है।
अच्छी और गहरी नींद के लिए जरूरी है कि सोने से पहले नारियल का तेल या सरसो का तेल या  बादाम का तेल के साथ सर का मालिश किया जाए। और साथ ही साथ पैर के तलवों में भी कुछ देर तक मालिश किया जाए।

गुनगुने पानी से नहाएं- 

अगर आपको रात में नींद नहीं आती या फिर गहरी नींद नहीं सोते हैं तो सोने से पहले गुनगुने पानी से नहा लें. इससे आपकी तंत्रिकाओं और मांसपेशियों को आराम मिलेगा. आप काफी रिलेक्स महसूस करेंगे और इससे आपको अच्छी नींद आएगी. रात को नहाने से बॉडी टेपंरेचर कम हो जाका है जिससे नींद जल्दी आती है. गुनगुने पानी से नहाने से आप रिलेक्स फील करेंगे.


दिन में एक झपकी लें- 

जो लोग रात में ठीक से सो नहीं पाते हैं उन्हें दिन में एक नींद की झपकी   जरूर लेनी चाहिए. भले ही आप दिन में सिर्फ 10 से 20 मिनट की नींद लें, लेकिन इससे आपका मूड फ्रेश रहेगा और आपका काम में भी मन लगेगा. दिन की नींद से थकान और चिड़चिड़ापन भी दूर होगा.


अपने रूटीन में एक्सरसाइज शामिल करें

रोज व्यायाम करने से न सिर्फ आप स्वस्थ रहेंगे, बल्कि इससे रात में अच्छी नींद भी आएगी। दरअसल, व्यायाम करने से शरीर में मेलाटोनिन का उत्पादन बढ़ता है, जो नींद के लिए जिम्मेदार है। रोजाना सुबह व्यायाम करने से स्लीपिंग पैटर्न सुधरता है, जिससे रात में गहरी नींद लेने में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही, आप रात मेंसोने से पहले योग और प्राणायाम का अभ्यास भी कर सकते हैं। 

खाने में लाएं बदलाव- 

अगर आपको जल्दी नींद नहीं आती है या फिर नींद बार-बार टूटती है तो खाने के करीब 3-4 घंटे बाद सोएं. जो लोग खाना खाते ही सो जाते हैं उनके पेट में मौजूद एसिड शरीर की फूड पाइप में पहुंच जाता है. इससे सीने में जलन होने लगती है और गैस की समस्या हो सकती है. 

कॉफी या अन्य उत्तेजक पदार्थों से दूर रहें

कॉफी या अन्य उत्तेजक पदार्थ आपकी नींद को प्रभावित कर सकते हैं। आपको रात में कॉफी या अन्य उत्तेजक पदार्थों से दूर रहना चाहिए। इसके बजाय दूध पी सकते हैं। 
 अपनी जीवनशैली में कुछ परिवर्तन करने होंगे। तो आपको क्या करना है चलिए जानते है।
आपको यह कोशिश करनी होगी की प्रत्येक दिन आप को किसी प्रकार का श्रम करना होगा। अगर आप पुरे दिन बैठे ही रहते है या कोई श्रम वाला कार्य नहीं करते तो आप बेहतर नींद नहीं ले सकेंगे।
ज्यादा से ज्यादा खुश रहने की कोशिश करे और तनाव से दूर रहे। यदि आप तनाव में रहेगें तो मन हर समय नकारात्मक विचारों से घिरा रहेगा और आप सो नहीं पाएंगे इसलिए खुश रहे।
सोने के पहले संगीत सुने या किताब पढ़कर सोये इससे आपका दिमाग शांत रहेगा और आपको सुकून का अनुभव होगा जो अच्छी नींद लेने के लिए आवश्यक है।
यदि आप किसी खेल में रूचि रखते है तो उसे नियमित तौर पर खेले। इससे आपको ऊर्जा मिलेगी और आपको आराम की जरूरत होगी तो आप अच्छे से सो पाएंगे और मनपसंदीदा खेल खेलने पर आपको ख़ुशी भी मिलेगी।
अच्छी नींद आने के घरेलु उपाय करने से भी नींद आने में मदद मिलती है तो क्या है यह घरेलू उपाय जानते है।

केला - 

केले में पाए जाने वाले तत्व मांस-पेशि‍यों को तनावमुक्त रखते हैं। इसमें मैग्न‍िशि‍यम और पोटैशि‍यम मौजूद होते है और विटामिन बी ६ होता है
जो अच्छी नींद को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं।

दालचीनी - 

 रात को गर्म दूध में आधा चम्मच दालचीनी मिलाकर पिएं। इससे आपको अच्छी नींद आएगी।


दूध - 

रात को सोने से पहले गर्म दूध पीना चाहिए। दूध कैल्शि‍यम का अच्छा स्त्रोत है। दूध में ट्रीप्टोफन और सेरोटोनिन होता है जो बेहतर नींद में मददगार होता है।

चेरी - 

यदि सोने से पहले चेरी का सेवन किया जाये तो यह अच्छी नींद लेने में मददगार होती है।

नींद आने के आयुर्वेदिक उपाय 


पर्याप्त नींद ना आना बड़ी समस्या भी बन सकती है। इसलिए आपको कुछ ऐसे नींद आने के उपाय अपनाने चाहिए जिससे की आप अच्छे से सो सके।

ध्यान - 

 सोने से १० - १५ मिनट पहले ध्यान लगाए। आपके मन और दिमाग को आराम मिलेगा और आप गहरी नींद सो सकेंगे।

योग -

 नियमित रूप से व्यायाम, योग और प्राणायाम करे। इससे आप स्वस्थ रहेंगे और आपको सोने में मदद मिलेगी।

तेल मालिश - 

सिर में तेल से मालिश करे तेल को हल्का सा गर्म कर ले। आपको शांति और सुकून का अनुभव होगा।
आयुर्वेदिक चूर्ण - सर्पगंधा और अश्वगंधा दोनों को समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना ले। सोने से पहले ३ से ५ ग्राम की मात्रा में इस चूर्ण को पानी के साथ लेने से भी लाभ होगा।
  सावधानी ये बरतनी है कि  कोई भी उपाय करने से पूर्व अपने चिकित्सक से सलाह लेवें| 
घरेलू आयुर्वेद से चिकित्सा के ऐसे ही विडिओ अपने मोबाईल पर प्राप्त करनेके लिए हमारे चैनल को subscibe  कीजिए कमेन्ट मे अपने विचार लिखें ,धन्यवाद आभार! 

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खीरा मे छुपे हैं सेहत के राज : गर्मियों का सुपर फूड :अनेकों रोगों मे फायदे मंद




  खीरा शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन सी और विटामिन के आदि पाए जाते हैं। इसके सेवन से शरीर एनर्जेटिक रहता है और ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करने में मदद मिलती है। खीरा डायबिटीज के मरीज भी आसानी से खा सकते हैं। इसको खाने से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। खीरा खाने से शरीर की कई बीमारियां आसानी से दूर होती हैं और शरीर लंबे समय तक हेल्दी रहता है। गर्मियों में इसमें काला नमक लगाकर खाया जा सकता है। ये पेट को ठंडा रखने के साथ लू लगने से भी बचाता है।

वजन कम करने के लिए खीरा खाने के फायदे




माेटापे की समस्या को नियंत्रित करने के लिए खीरे का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, एक शोध के अनुसार, 100 ग्राम खीरे में सिर्फ 15 कैलोरी होती है और पानी की मात्रा अधिक होती है। कम कैलोरी और पानी की अच्छी मात्रा के कारण, खीरा वजन कम करने वाले लोगों के लिए एक आदर्श आहार हो सकता है। इस आधार पर खीरा खाने के फायदे में बढ़ते वजन को नियंत्रित करना भी शामिल हो सकता है

हड्डियां होती हैं मजबूत




क्या आपको पता है कि खीरे में काफी मात्रा में कैल्शियम होता है, जिसकी वजह से यह आपकी हड्डियों को मजबूत करने का काम करता है। अगर आप रोजाना खीरा खाते हैं, तो इससे आपकी मस्सल्स मजबूत होती हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि खीरे में विटामिन के अच्छी मात्रा में होता है, जो आपकी ब्लड क्लॉटिंग होने से रोक सकता है।


स्किन केयर




इसमें विटामिन ए, बी और सी तथा अनेको प्रकार के मिनरल जैसे मैगनीशियम, सिलिका और कैल्शियम आदि होते हंै, जो कि त्वचा के लिए अच्छे माने जाते हैं। खीरे की स्लाइस को त्वचा पर लगाने से बहुत लाभ भी मिलता है। इसको चेहरे पर लगाने से त्वचा टाइट बनती है। 

बालों की ग्रोथ बढ़ाए





इसमें सिलिकॉन तथा सल्फर होने के नाते यह बालों को घने व चमकदार रखने के साथ ही उनकी ग्रोथ भी बढ़ाता है। खीरे के रस के साथ गाजर का जूस तथा पालक का रस मिला कर पिएं।

ब्लड प्रेशर को कम करे खीरा -


पोषक तत्वों से भरपूर खीरा खाने से ब्लड प्रेशर की समस्या आसानी से दूर होती है। खीरे में भरपूर मात्रा में मैग्नीशियम और पोटैशियम पाया जाता हैं, जो ब्लड प्रेशर को कम करके शरीर को स्वस्थ रखता है। इसके सेवन से ब्लड प्रेशर निंयत्रिण में रहता है।

पाचन तंत्र को मजबूत करे

गर्मियों में खीरा खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो कब्ज की समस्या को आसानी से दूर करता है। इसके सेवन से मल सॉफ्ट होता है और पेट आसानी से साफ होता है। खीरा खाने से अपच, गैस और जी मिचलाने की समस्या भी दूर होती हैं।

 हृदय को स्वस्थ रखना 

खीरा खाने के फायदे में हृदय को स्वस्थ रखना भी शामिल है। दरअसल, एक वैज्ञानिक अध्ययन में इस बात का जिक्र मिलता है कि एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स की मौजूदगी की वजह से खीरे का सेवन हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। वहीं, इसका सेवन उच्च रक्तचाप से बचाव का काम भी कर सकता है, जो कि हृदय रोग का एक जोखिम कारक है|

एसिडिटी में ठंडक

खीरा खाने से शरीर के अंदर और बाहर ठंडक पहुंचती है. खीरा खाने से एसिडिटी (हार्टबर्न) में राहत भी मिलती है. साथ ही सूर्य की गर्मी से झुलसी त्वचा पर खीरा लगाने से आराम मिलता है.


सिरदर्द से राहत

सुबह उठने पर अगर सिर में दर्द या खुमारी की शिकायत होती है तो आपको सोने से पहले खीरा खाना चाहिए. इसमें विटामिन बी, शुगर और इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं, जो सिरदर्द व खुमारी से उबरने में मदद करते हैं.


आंखों के लिए लाभकारी




यदि आंखों के नीचे सूजन आ गई है, तो खीरे की स्लाइस लगाने से वह ठीक हो जाती है। इसके अलावा यदि स्किन में सनबर्न हो जाए, तो खीरे का रस लगाना चाहिए।

हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल में खीरे का सेवन :

  खीरे का नियमित सेवन करने से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल की जगह गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल एचडीएल बढ़ता है जो बॉडी को सही प्रकार काम करने में मदद करता है.



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1.4.24

अनार के फल और पत्ते के हैरान करने वाले फायदे : Benefits of pomegranate fruits and leaves




  अनार हमारे देश में लगभग सभी राज्यों में उगाया जाता है और बड़े चाव से खाया भी जाता है। पारंपरिक तौर पर देशी नुस्खों में अनार कई तरह के रोगोपचारों में इस्तेमाल किया जाता है। अनार के फलों के अलावा इसके पेड़ के लगभग सभी अंग औषधीय गुणों से भरपूर हैं। वैसे कई ग्रामीण अंचलों में इसके फलों की अपेक्षा इसकी कच्ची कली और छिलके में अधिक औषधीय गुण होने की बात की जाती है। आदिवासी भी अनार को अनेक हर्बल नुस्खों में अपनाते हैं।
अनार का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। अनार पोषक तत्वों से भरपूर फल है, इसलिए इसे सुपरफूड कहा जाता है। अनार में आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन की अच्छी मात्रा होती है। साथ ही इसमें कई औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं। शरीर में खून की कमी को दूर करने, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने, दिल को स्वस्थ रखने के साथ ही कैंसर जैसे गंभीर रोगों के जोखिम को करने के लिए अनार बहुत फायदेमंद है। साथ ही अनार का सेवन डायबिटीज रोगियों के लिए भी स्वस्थ माना जाता है, क्योंकि अनार खाने से ब्लड शुगर में स्पाइक नहीं होती है और ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।ॉ

क्या कहता है पारंपरिक हर्बल ज्ञान?

ऐसा माना जाता है कि अनार के सेवन से शरीर में खून की कमी दूर हो जाती है और इसी वजह से यह हृदय के लिए भी खूब लाभदायक होता है। प्रतिदिन एक गिलास अनार का जूस पीने से सेहत तंदुरुस्त रहती है।

गर्भधारण की क्षमता में वृद्धि

आदिवासियों की मान्यता के अनुसार जिन महिलाओं को मातृत्व प्राप्ति की इच्छा हो, अनार की कलियां उनके लिए वरदान की तरह है। इन आदिवासियों के अनुसार अनार की ताजी, कोमल कलियां पीसकर पानी में मिलाकर, छानकर पीने से महिलाओं में गर्भधारण की क्षमता में वृद्धि होती है।

मुंह के छालों में

लगभग 10 ग्राम अनार के पत्तों को आधा लीटर पानी में उबालें, जब यह एक चौथाई शेष बचे तो इस काढ़े से कुल्ला करने से मुंह के छालों में लाभ होता है।

मिरगी के रोग में

लगभग 100 ग्राम अनार के हरे पत्तों को 500 ग्राम पानी में उबालें। जब चौथाई पानी रह जाए, तो इसे छानकर 75 ग्राम घी और 75 ग्राम शक्कर मिलाएं। इसे सुबह-शाम पीने से मिरगी के रोग में खूब फायदा होता है।
अनार का इस्तेमाल कर गंजेपन का इलाज

बालों के झड़ने, या गंजेपन की समस्या में अनार के ताजे हरे पत्तों का रस लें। इसमें 100 ग्राम अनार के पत्तों का पेस्ट, और आधा लीटर सरसों का तेल मिला लें। इस तेल को पकाकर छान लें। इससे बालों पर लगाएं। इससे बालों झड़ना रुक जाता है, गंजेपन की समस्या दूर होती है।

दांतों से खून आना बंद

पातालकोट के आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार अनार के फूल छाया में सुखाकर बारीक पीस लिए जाए और इसे मंजन की तरह दिन में २ से 3 बार इस्तेमाल किया जाए तो दांतों से खून आना बंद होकरदांत मजबूत हो जाते हैं।

अनार के पत्ते

अनार के पत्ते इम्यूनिटी को बढ़ाने और खांसी-जुकाम का इलाज करने में मदद करते हैं। अगर आप या कोई भी सदस्य सर्दी-खांसी से पीड़ित है तो अनार के पत्तों का काढ़ा बनाकर पिए। इसके लिए आपको अनार के पत्तों को अच्छे से धोकर पानी में उबालना है। इस पानी को दिन में दो बार पिएं। यह खांसी से राहत दिलाते हुए आपके गले में मौजूद संक्रमण को दूर करने में मदद कर सकता है। साथ ही अनार में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और इसमें विटामिन सी होता है।
अनार के सेवन से एनीमिया और पीलिया में फायदा एनीमिया, और पीलिया रोग के उपचार के लिए 250 मिली अनार के रस में, 750 ग्राम चीनी मिलाकर चाशनी बना लें। इसे दिन में 3-4 बार सेवन करें। इससे एनीमिया, और पीलिया में फायदा होता है।

थकान, और कमजोरी

अनेक लोगों को थकान, और कमजोरी की शिकायत रहती है। ऐसे लोग 20 ग्राम अनार के ताजे पत्ते लेकर, 400 मिली पानी में उबाल लें। जब पानी 100 मिली शेष रह जाएं, तो इसमें गर्म दूध मिलाकर पिएं। इससे शारीरिक, और मानसिक कमजोरी ठीक (pomegranate benefits) होती है।

एनीमिया और पीलिया 

एनीमिया और पीलिया रोग से ग्रस्त लोग 3-6 ग्राम अनार के पत्ते को छाया में सुखा लें। इस चूर्ण को सुबह गाय के दूध से बने छाछ के साथ पिएं। इसी तरह शाम को इसी छाछ के साथ पनीर का सेवन करें। इससे एनीमिया, और पीलिया रोग में फायदा होता है।

चेहरे पर होने वाले पिंपल्स

अनार के पत्ते आपको फफोले, चेहरे पर होने वाले पिंपल्स से जल्दी छुटकारा दिला सकते हैं। अगर आप अनार के पत्तों का पेस्ट लगाते हैं तो पिंपल्स दूर हो जाते हैं। आपको बता दें कि अनार का जूस एक बेहतरीन टोनर भी है, जो रोमछिद्रों यानी पोर्स को बंद कर आपकी त्वचा को खूबसूरत बनाता है।


अनार का प्रयोग कर बच्चों की दस्त पर रोक

जिस बच्चे को बार-बार दस्त की शिकायत होती है, उसके लिए अनार की ताजी कलियां ले, इसे छोटी इलायची के बीज, और रुमीमस्तगी केक साथ पीस लें। इसमें चीनी मिलाकर पेस्ट जैसा तैयार कर लें। इसे चटाने से बच्चों के दस्त, और पेचिश में विशेष लाभ होता है।

अनिद्रा के इलाज के लिए

अनार के पत्ते अनिद्रा के इलाज के लिए उपयोगी जड़ी-बूटी हैं। लगभग 3 ग्राम ताजे अनार के पत्तों का पेस्ट बनाकर 200 मिलीलीटर पानी में उबाल लें। इस पानी को तब तक उबालें जब तक कि तरल घटकर 50 मिली न हो जाए। इस मिश्रण को रात को सोने से पहले पिएं। इससे आपको अच्छी नींद लेने में मदद मिलेगी। अनार के पत्ते इस तरह से अनिद्रा का इलाज कर आपको स्वास्थ्य लाभ दे सकते हैं।

सीने में जलन से छुटकारा दिलाता है

अनार के जूस का पीने से हार्ट बर्न या सीने में जलन की समस्या में बहुत फायदा मिल सकता है। आप अनार का सीधे तौर पर सेवन भी कर सकते हैं। अनार पेट में गैस बनने से रोकता है। अनार शरीर में पित्त को संतुलित करने में मददगार है, क्योंकि अनार स्वाद में कड़वा होने के साथ ही कसैला भी होता है।

पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद

अनार के पत्ते पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद होते हैं। अगर आप पेट दर्द और इससे जुड़ी अन्य समस्याओं से परेशान हैं तो अनार के पत्तों का सेवन औषधि के रूप में किया जा सकता है। इनमें मौजूद पोषक तत्व और मिनरल्स पाचन को सही करने में मदद करते हैं, जिससे आपके शरीर को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है, साथ ही यह अपच और दस्त की परेशानी भी दूर हो जाती है।

आंत से संबंधित रोगों में फायदेमंद है

अनार का रस पीने पीने से इर्रिटेबल बाउल डिजीज (Irritable Bowel Disease) की समस्या में बहुत फायदा मिल सकता है। अनार के रस में पॉलीफेनोल यौगिक मौजूद होते हैं जो आंत में सूजन को कम करने में मदद करते हैं और आंत से संबंधित रोगों से छुटकारा प्रदान करने में मदद करते हैं।

पेट फूलने की समस्या में फायदेमंद है

जब आप नमक वाले आहार का अधिक सेवन करते हैं तो इससे वॉटर रिटेंशन होता है, साथ ही ब्लोटिंग की समस्या होती है। अनार मैग्नीशियम और पोटेशियम से भरपूर होता है जिससे यह यूरिन के फ्लो को बढ़ाता है। यह सूजन को कम करने में मदद करता है और ब्लोटिंग से छुटकारा दिलाता है।
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