आज पूरी दुनियाँ मे उच्च रक्त चाप यानि की hypertension एक गंभीर समस्या बनी हुई है। आम भाषा में हम इसे High Blood Pressure (BP) कहते है। यह एक जानलेवा बीमारी है। High Blood Pressure एक शांत ज्वालामुखी की तरह है जिसमे बाहर से कोई लक्षण या खतरा नहीं दिखाई नहीं देता पर जब यह ज्वालामुखी फटता है तो हमारे शरीर पर लकवा और हार्ट अटैक जैसे गम्भीर परिणाम हो सकते है। पहले यह माना जाता था की यह समस्या उम्रदराज लोगो की समस्या है लेकिन बदलते माहौल मे hypertension की समस्या बच्चो और युवाओ मे भी फैलती जा रही है।
क्यों होता है ब्लड प्रेशर
चिंता, क्रोध, ईर्ष्या, भय आदि मानसिक विकार। अनियमित खानपान। कई बार आवश्यकता से अधिक खाना। मैदा से बने खाद्य पदार्थ, चीनी, मसाले, तेल, घी, अचार, मिठाइयां, मांस, चाय, सिगरेट व शराब आदि का सेवन।
रक्त चाप बढने से तेज सिर दर्द,थकावट,टांगों में दर्द ,उल्टी होने की शिकायत और चिडचिडापन होने के लक्छण मालूम पडते हैं। यह रोग जीवन शैली और खान-पान की आदतों से जुडा होने के कारण केवल दवाओं से इस रोग को समूल नष्ट करना संभव नहीं है। जीवन चर्या एवं खान-पान में अपेक्षित बदलाव कर इस रोग को पूरी तरह नियंत्रित किया सकता है।Hypertension का ज़्यादातर लोगो में कोई खास लक्षण नहीं होते है। कुछ लोगो में ज्यादा Blood Pressure बढ़ जाने पर सरदर्द होना, ज़्यादा तनाव, सीने में दर्द या भारीपन, सांस लेने में परेशानी, अचानक घबराहट, समझने या बोलने में कठिनाई, चहरे, बांह या पैरो में अचानक सुन्नपन, झुनझुनी या कमजोरी महसूस होना या धुंदला दिखाई देना जैसे लक्षण दिखाई देते है
हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है। जैसे- दिमाग, आंख, दिल, गुर्दा और शरीर की धमनियां। अगर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो आपको हार्ट-अटैक, नस फटने और किडनी फेल होने की ज्यादा संभावना होती है। हाई ब्लड प्रेशर के रोगी को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए। नियमित व्यायाम रक्त-संचार को स्थिर करता है और हार्ट-अटैक की संभावना को कम करता है।
हाई ब्लड प्रेशर के मुख्य कारण--
१) मोटापा
२) तनाव(टेंशन)
३) महिलाओं में हार्मोन परिवर्तन
४) ज्यादा नमक उपयोग करना
अब यहां ऐसे सरल घरेलू उपचारों की चर्चा की जायेगी जिनके सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करने से बिना गोली केप्सुल लिये इस भयंकर बीमारी पर पूर्णत: नियंत्रण पाया जा सकता है-
१) सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि रोगी को नमक का प्रयोग बिल्कुल कम कर देना चाहिये। नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है।
२) उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण है रक्त का गाढा होना। रक्त गाढा होने से उसका प्रवाह धीमा हो जाता है।
सोडियम, सोडियम क्लोराइड) कम खाएं या खाने से बचें | आपको अपनी डाइट में निश्चित रूप से नमक की कम मात्रा की ज़रूरत होती है | सोडियम मांसपेशियों और नर्व (nerves) में इलेक्ट्रिक प्रोसेस (electric process) का नियमन करने में मदद करता है लेकिन इसकी अधिक मात्रा लेने से अतिरिक्त तरल इकठ्ठा होने लगता है जिससे आपके रक्त का तरल आयतन बढ़ जाता है | जब आपके रक्त का आयतन अधिक हो जाता है तब इस अतिरिक्त आयतन या वॉल्यूम को पूरे शरीर में गति कराने के लिए ह्रदय को पंप करने में कठिनाई होती है | इस कारण ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है | याद रखें, यह सिर्फ नमक नहीं है जिसे आप अपने भोजन में पकाते समय या खाते समय डालते हैं बल्कि यह सोडियम की मात्रा भी है जो आपके ख़रीदे गये तैयार भोजन में पायी जाती है | कई तैयार, पैकेज्ड भोज्य पदार्थों में सोडियम बेंजोएट (sodium benzoate) एक परिरक्षक (preservative) के रूप में पाया जाता है | आपको “लेबल पर ध्यान देने वाला” और “कम नमक/सोडियम” या ‘बिना नमक वाले” भोज्य पदार्थ खरीदने वाला व्यक्ति बनना चाहिए और बिना नमक का भोजन पकाना चाहिए | परन्तु, ऐसे प्रोडक्ट्स से सावधान रहें जो सोडियम के स्थान पर पोटैशियम को लेकर प्रोडक्ट में “कम सोडियम” होने का दावा करते हैं क्योंकि ये और अधिक हानिकारक हो सकते हैं |
उच्च रक्त चाप के घरेलू उपचार -
*नमक और अन्य योजकों के साथ साधारण प्रसंस्कृत (processed) खाद्य पदार्थों, तैयार, डिब्बाबंद और बोतलबंद भोज्य पदार्थों जैसे मीट, अचार, ऑलिव, सूप, मिर्च, सॉसेज, बेकरी प्रोडक्ट्स और मोनो सोडियमग्लूटामेट (monosodium glutamate) या एमएसजी और पानी मिला हुआ मीट (जिसमे सोडियम की उच्च मात्रा पाई जाती है) लेने से बचें: मसालों से भी बचें जैसे तैयार मस्टर्ड या सरसों का सॉस, चिली सॉस, सोया सॉस, केचप, और अन्य सौसेस | प्रतिदिन 2 ग्राम (2000 मिलीग्राम) के कम सोडियम गृहण करने की कोशिश करें |
इससे धमनियों और शिराओं में दवाब बढ जाता है।लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार घरेलू वस्तु है।यह रक्त का थक्का नहीं जमने देती है। धमनी की कठोरता में लाभदायक है। रक्त में ज्यादा कोलेस्ट्ररोल होने की स्थिति का समाधान करती है।
*एक बडा चम्मच आंवला का रस और इतना ही शहद मिलाकर सुबह -शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ होता है।
* जब ब्लड प्रेशर बढा हुआ हो तो आधा गिलास मामूली गरम पानी में काली मिर्च पावडर एक चम्मच घोलकर २-२ घंटे के फ़ासले से पीते रहें। ब्लड प्रेशर सही मुकाम पर लाने का बढिया उपचार है।
* तरबूज का मगज और पोस्त दाना दोनों बराबर मात्रा में लेकर पीसकर मिला लें। एक चम्मच सुबह-शाम खाली पेट पानी से लें।३-४ हफ़्ते तक या जरूरत मुताबिक लेते रहें।
* बढे हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा निंबू निचोडकर २-२ घंटे के अंतर से पीते रहें। हितकारी उपचार है।
* तुलसी की १० पती और नीम की ३ पत्ती पानी के साथ खाली पेट ७ दिवस तक लें।
कई शोधों में यह माना जा चुका है कि ब्लड प्रेशर सर्दियों में अधिक होता है जबकि गर्मियों में कम। ऐसे में इस मौसम की कड़कती ठंड में हाई बीपी के मरीजों को दिल के दौरे या स्ट्रोक की समस्या सबसे अधिक होने की आशंका होती है।
*अदरक:-
प्याज और लहसून की तरह अदरक भी काफी फायदेमंद होता है। बुरा कोलेस्ट्रोल धमनियों की दीवारों पर प्लेक यानी कि कैलसियम युक्त मैल पैदा करता है जिससे रक्त के प्रवाह में अवरोध खड़ा हो जाता है और नतीजा उच्च रक्तचाप के रूप में सामने आता है। अदरक में बहुत हीं ताकतवर एंटीओक्सीडेट्स होते हैं जो कि बुरे कोलेस्ट्रोल को नीचे लाने में काफी असरदार होते हैं। अदरक से आपके रक्तसंचार में भी सुधार होता है, धमनियों के आसपास की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है जिससे कि उच्च रक्तचाप नीचे आ जाता है।
*लालमिर्च:-
धमनियों के सख्त होने के कारण या उनमे प्लेक जमा होने की वजह से रक्त वाहिकाएं और नसें संकरी हो जाती हैं जिससे कि रक्त प्रवाह में रुकावटें पैदा होती हैं। लेकिन लाल मिर्च से नसें और रक्त वाहिकाएं चौड़ी हो जाती हैं, फलस्वरूप रक्त प्रवाह सहज हो जाता है और रक्तचाप नीचे आ जाता है।
*उच्च रक्तचाप के रोगी को सबसे पहले अनुलोम-विलोम का अभ्यास करना चाहिए। उसके बाद सुखासन ( आराम की मुद्रा ) में बैठकर जीभ को बाहर निकालकर नलीनुमा बनाइए और मुंह से सांस को आराम से अंदर खींचिए। सांस अंदर खीचने के बाद जीभ अंदर करके मुंह बंद करें और फिर नाक से धीरे-धीरे सांस बाहर निकालें। शुरूआत में यह क्रिया 5 बार कीजिए उसके बाद इसे बढाकर 50-60 कर दीजिए।
*अधिकतर चिकित्सा विशेषज्ञ “कम सोडियम वाली डाइट” लेने कि सलाह देते हैं जिसमे सोडियम की मात्रा प्रतिदिन 1100 से 1500 मिलीग्राम के बीच हो | अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार वास्तव में मनुष्य का शरीर प्रतिदिन 200 मिलीग्राम से कम सोडियम खाने पर भी अपना काम सुचारू रूप से कर सकता है |
*अच्छे स्वाद के लिए कई ब्रांड्स बिना नमक के मसाले बनाते हैं जिनमे मसालों और हर्ब्स के पाउडर और ठोस संयोजन आते हैं | साथ ही, नकली नमक वाले प्रोडक्ट्स सिर्फ कम या “लाइट” साल्ट वाले प्रोडक्ट्स नहीं हैं बल्कि ये “नमक के विकल्प” होते हैं (जैसे पोटैशियम पर आधारित पोटैशियम क्लोराइड) और इनका “सोडियम युक्त नमक से भिन्न” स्वाद के रूप में संयम से उपयोग किया जाना चाहिए |
*चावल:-(भूरा) उपयोग में लावें। इसमें नमक ,कोलेस्टरोल,और चर्बी नाम मात्र की होती है। यह उच्च रक्त चाप रोगी के लिये बहुत ही लाभदायक भोजन है। इसमें पाये जाने वाले केल्शियम से नाडी मंडल की भी सुरक्षा हो जाती है।
मध्यम और बिना चर्बी वाला आहार खाएं और उत्तेजकों से बचें:
कैफीन, ज्यादा मात्रा में चॉकलेट, चीनी, सफ़ेद कार्ब्स (carbs) (हालाँकि ब्रेड, पेस्ट्रीज और केक्स की तरह पास्ता तुरंत शर्करा में परिवर्तित नहीं होता), कैंडी, चीनीयुक्त पेय और आहर में उपस्थित अतिरिक्त फैट से बचें | बहुर अधिक मांस, दूध के उत्पाद और अंडे खाने की अपेक्षा शाकाहारी आहार अधिक लेने की कोशिश करें |कैफीन (caffeine) का उपयोग कम करें: कॉफ़ी और अन्य कैफीनयुक्त पेय पदार्थों को लेना बंद करने से ब्लड प्रेशर कम हो जायेगा | लेकिन सिर्फ एक या दो कप कॉफ़ी आपके ब्लड प्रेशर को “अस्वस्थ स्टेज के पहले स्तर” पर पहुंचा सकती है | अगर कोई व्यक्ति पहले से ही हाइपरटेंशन की पहली स्टेज में हो तो कॉफी सामान्यतः और गंभीर परेशानियाँ उत्पन्न कर सकती है क्योंकि कैफीन एक तंत्रिका तंत्र उत्तेजक (nervous system stimulant) है | इस प्रकार, उत्तेजित तंत्रिकाओं के कारण ह्रदय तेज़ी से स्पंदन करता है जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है | अगर आप ऐसे व्यक्ति हैं जो बहुत ज्यादा कॉफ़ी पीते हैं (प्रतिदिन 4 कैफीन युक्त पेय से अधिक) तो आपको खुद को कॉफ़ी को छोड़ने के बाद होने वाले लक्षणों जैसे सिरदर्द से बचाने की ज़रूरत हो सकती है |
आनुवंशिकता(heredity)-
फाइबर आपके सिस्टम को साफ़ करते हैं और पाचन को नियमित करके ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने में मदद करते हैं | कई फलों, नट्स और फलियों जैसे बीन्स और मटर में समग्र अनाज के उत्पादों के समान फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है |
कुछ प्राकृतिक उपचारों का प्रयोग करें:
अपने डॉक्टर से जाँच कराएँ कि आपके लिए इलाज़ के लिए प्राकृतिक औषधियां एक सुरक्षित विकल्प हो सकती हैं | कई प्राकृतिक उपचार
* वैज्ञानिक प्रमाणों के द्वारा दर्शाते हैं कि उनसे उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर कम किया जा सकता है |
*ब्लड प्रेशर कम करें के लिए सबसे अच्छे सप्लीमेंट हैं- कोएंजाइम Q10, ओमेगा-3, मछली का तेल, लहसुन, कर्कुमिन (curcumin जो हल्दी से मिलता है), अदरक, कैयेंन (cayenne), नागफनी, मैग्नीशियम और क्रोमियम (chromium) |
*दिन में तीन बार एक छोटी चम्मच सेव का सिरका (apple cider vinegar) लें | इसे एक कप पानी डालकर पतला करें | यह तुरंत और प्रभावी रूप से काम करता हैं |
*दिन में एक बार एक लहसुन की टेबलेट या लहसुन की एक कच्ची कली खाएं |
*उच्च रक्त चाप से बचने के लिए भोजन का बहुत महत्व है अगर उचित भोजन लिया जाए तो इससे बचा जा सकता है। भोजन मे नमक की मात्रा कम हो। पोटैशियम को उचित मात्रा मे लेने से उच्च रक्त चाप का स्तर अच्छा हो जाता है। इसके अलावा आहार मे फल जैसे केला, संतरा, नाशपाती, टमाटर, सूखे मटर, बादाम और आलू अवश्य शामिल करे क्योकि इनमे पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है। चिकनाई या fat वाला खाना कम मात्रा मे खाये|
*धूम्रपान करने से ऐथिरोस्केलेरोसिस, मधुमेह, दिल का दौरा और मस्तिष्क आघात होने की सँभावना ज़्यादा होती है। इसलिए धूम्रपान और हाई ब्लड प्रेशर एक-दूसरे के बहुत बड़े दुश्मन हैं और अगर ये दोनों मिल जाएँ तो कई तरह के हृदय रोग हो सकते हैं। हालाँकि सबूतों से बिलकुल उल्टा साबित हुआ है मगर कॉफी, चाय और कोला में रहनेवाले कैफिन से, साथ में मन और शरीर के तनाव से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इसके अलावा वैज्ञानिकों को पता चला है कि हद-से-ज़्यादा और लंबे समय से शराब पीने और बहुत ज़्यादा आलसीपन से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
*ओमेगा-3 से संपन्न भोज्य पदार्थ खाएं जैसे पोटैशियम: टमाटर/टमाटर का जूस, आलू, बीन्स, प्याज, संतरे, फल और सूखे मेवे: सप्ताह में दो बार या इससे ज्यादा मछली का उपभोग करें | मछली में प्रोटीन की उच्च मात्रा होती है और कई प्रकार की मछलियों में जैसे सालमन (salmon), मैकरील (mackerel) और हेरिंग (herring) भी ओमेगा-3 फैटी एसिड के उच्च स्तर से युक्त होती हैं जिनमे ट्राइग्लिसराइड नामक अपेक्षाकृत कम वसा होता है और पूरे ह्रदय के स्वस्थ को बढाती हैं |
अधिक वज़न होने के कारण आपके ह्रदय को हर समय अधिक कठिनाई से काम करना पड़ता है और इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है। मान लें, अगर आपका वज़न 9 किलोग्राम तक अतिरिक्त रूप से बढ़ जाएँ तो यह उसी प्रकार होगा जैसे आप लगभग 9 किलोग्राम का सामान उठाये हुए हों | जब आपका यह अतिरिक्त वज़न उठाये हो तब अपनी कॉलोनी के चारों ओर रोज़ टहलें | जल्दी ही, आपका ह्रदय तेज़ी से और कठिनाई से धड़कना शुरू कर देगा, आपकी सांस फूलने लगेगी और आप बहुत थकान अनुभव करने लगेंगे | अंततः, एक समय पर ऐसा बिंदु आयेगा जब आप सामान को नीचे रखने के लिए और इंतज़ार नहीं कर पाएंगे |
*सोचें कि पूरे समय यह अतिरिक्त वज़न को वहन करना आपके शरीर के लिए कितना मुश्किल भरा होता है! दुर्भाग्यवश, हममे से कई लोग 9 किलोग्राम से भी ज्यादा वज़न का वहन करते रहते हैं | इस अतिरिक्त वज़न को कम करने से आपके ह्रदय को धड़कने में मुश्किल नहीं होगी और आपका ब्लड प्रेशर कम हो जायेगा |
*तनाव कम करने के लिए अपने शरीर को आराम दें: कई लोगों को तनाव होने पर अस्थायी रूप से ब्लडप्रेशर बढ़ता है | अगर आपको अधिक वज़न या फैमिली हिस्ट्री की वज़ह से हाई ब्लडप्रेशर है तो तनाव होने पर यह और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि एड्रेनल ग्लैंड (adrenal gland) स्ट्रेस हार्मोन निकालती हैं जिसके कारण आपका कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम अधिक काम करने के लिए प्रवृत्त होता है |
*अगर आप चिरकारी तनाव से जूझ रहे हैं जिसमे प्रतिदिन तनाव के हार्मोन उत्पन्न होते हैं तो आपका कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम (cardiovascular system) स्वाभाविक रूप से एक ऐसी स्थिति में आ जायेगा जहाँ उसे अधिक काम करना पड़ेगा | अधिकतर ऐसा होने के कारण स्ट्रेस हार्मोन (stress hormone) “लड़ो या भागो” की तैयारी के रूप में आपकी नाडी, श्वसन और ह्रदय गति को बढ़ा देते हैं | आपके शरीर को लगता है कि आपको लड़ने या भागने की ज़रूरत आ पड़ी है इसलिए स्वाभाविक रूप से आपका शरीर इनमें से किसी एक स्थिति के लिए तैयार होता है | लम्बे समय तक रहने वाले तनाव के बाद सोचिये की आपका ह्रदय किस प्रकार काम करता है | इसलिए कुछ विश्राम या शिथिलीकरण की तकनीकें आजमायें:
*सोने जाने से पहले एक लम्बे तनाव भरे दिन के तनाव कम करने के लिए लम्बी दूरी तक टहलने की कोशिश करें | प्रतिदिन तनाव कम करने के थोड़ा लिए समय निकालें |
*एक गर्म पानी के बाथटब में 15 मिनट के लिए बैठें या गर्म पानी का शावर लें जो वास्तव में कई घंटो के लिए ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है: सोने से ठीक पहले गर्म पानी से नहाने से शरीर को पूरी रात या घंटों तक ब्लड प्रेशर कम रखने में मदद मिल सकती है |व्यायाम: लगभग 3 किलोमीटर प्रति घंटे की मध्यम गति से कम से *कम 20 से 30 मिनट तक प्रतिदिन टहलें | कई अध्ययनों के बाद यह पाया गया कि टहलने की क्रिया से हाइपरटेंशन पर सप्रेशन इफ़ेक्ट (suppression effect) पड़ता है |अगर आप बाहर जाकर नहीं टहल सकते तो एक ट्रेडमिल खरीदकर उपयोग कर सकते हैं | इसके लाभ हैं; आप बाहर बारिश होने या बर्फ गिरने पर भी इसका उपयोग कर सकते हैं | आप अपने घर के कपड़ों में भी टहल सकते हैं और पड़ोसियों की नज़रों से भी बाख सकते हैं! लेकिन खुद से ये वादा करें कि आप प्रतिदिन 30 मिनट तक बिना इस नियम को तोड़े टहलेंगे |
लो ब्लड प्रेशर के उपचार -
लो ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए पैदल चलना, साइकिल चलाना और तैरना जैसी कसरतें फायदेमंद साबित होती हैं।
इन सबके अलावा सबसे जरूरी यह है कि व्यक्ति तनाव और काम की अधिकता से बचें।
प्रोटीन, विटामिन बी और सी लो ब्लड प्रेशर को ठीक रखने में मददगार साबित होते हैं। ये पोषक तत्व एड्रीनल ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोनों के स्राव में वृद्धि कर लो ब्लड प्रेशर को तेजी से सामान्य करते हैं।
लो ब्लड प्रेशर को दूर करने के लिए ताजे फलों का सेवन करें। दिन में करीब तीन से चार बार जूस का सेवन करना फायदेमंद रहेगा। जितना संभव हो सके, लो ब्लड प्रेशर के मरीज दूध का सेवन करें।
लो ब्लड प्रेशर को सामान्य रखने में चुकंदर का जूस काफी कारगर होता है। जिन्हें लो ब्लड प्रेशर की समस्या है उन्हें रोजाना दो बार चुकंदर का जूस पीना चाहिए। हफ्ते भर में आप अपने ब्लड प्रेशर में सुधार पाएंगे।
*50 ग्राम देशी चने व 10 ग्राम किशमिश को रात में 100 ग्राम पानी में किसी भी कांच के बर्तन में रख दें। सुबह चनों को किशमिश के साथ अच्छी तरह से चबा-चबाकर खाएं और पानी को पी लें। यदि देशी चने न मिल पाएं तो सिर्फ किशमिश ही लें। इस विधि से कुछ ही सप्ताह में ब्लेड प्रेशर सामान्य हो सकता है।
*रात को बादाम की 3-4 गिरी पानी में भिगों दें और सुबह उनका छिलका उतारकर कर 15 ग्राम मक्खन और मिश्री के साथ मिलाकर बादाम-गिरी को खाने से लो ब्लड प्रेशर नष्ट होता है। प्रतिदिन आंवले या सेब के मुरब्बे का सेवन लो ब्लेड प्रेशर में बहुत उपयोगी होता है।