26.11.21

अलसी के तेल के फायदे: Flax seed oil benefits


 

 अलसी को स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि अलसी का तेल भी स्वास्थ्य गुणों से भरपूर है. अलसी का तेल फ्लैक्ससीड ऑयल के नाम से जाना जाता है. अलसी के तेल में औषधीय गुण पाए जाते हैं. अलसी में लिगनेंस एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कैंसर, डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम के रिस्क को कम करने में मदद करते हैं. इतना ही नहीं अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड, मैग्नीशियम और विटामिन बी जैसे गुण पाए जाते हैं. जो शरीर को कई बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं. एनीमिया के शिकार लोगों के लिए अलसी काफी फायदेमंदबीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं।

  अलसी के बीज से बनने वाला तेल में औधषीय गुणों से भरपूर होता हैं। सेहतमंद रहने के साथ-साथ यह कई गंभीर बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। कई लोग याददाश्त बढ़ाने के लिए अलसी के बीज का सेवन करते हैं। बता दें कि अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड, मैग्नीशियम और विटामिन बी जैसे गुण पाए जाते हैं, जिससे कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं। वहीं अलसी के तेल में मछली से 50 प्रतिशत ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है, जिसका इस्तेमाल कई तरीके से किया जाता है।
 वजन घटाने के लिए अलसी के तेल काफी फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने और पाचन क्रिया को दुरुस्त करने के लिए अलसी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं अलसी के तेल कई बीमारियों के लिए रामबाण इलाज है। आइए जानते हैं कि किन-किन बीमारियों में अलसी के तेल का इस्तेमाल करना फायदेमंद हैं।

गठिया मरीजों के लिए-

बढ़ती उम्र में ज्यादातर लोगों को गठिया की परेशानी शुरू हो जाती है। इस बीमारी में हड्डियों में असहनीय दर्द शुरू हो जाता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए अलसी के तेल का इस्तेमाल करें। नियमित इसके सेवन से गठिया की परेशानी से राहत पा सकते हैं। इसके अलावा इसमें पाए जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड की वजह से यह आर्थराइटिस पीड़ितों के लिए लाभदायक होता है।अलसी के तेल में ओमेगा -3 फैटी एसिड हड्डियों और शरीर के अन्य हिस्सों की कठोरता को कम करने में मदद कर सकता है। (घुटने के रोगी)ऑस्टियोआर्थ्रिटिक रोगी इन आवश्यक फैटी एसिड का जवाब भी दे सकते हैं। यह साबित हो गया है कि ये फैटी एसिड जोड़ों में कठोरता को कम करने में मदद करते हैं। यह उस गति को भी तेज करता है जिस पर पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस के रोगी चल सकते हैं।

कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग से बचाव में अलसी के तेल के लाभ-


कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है। बढ़ते कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करने के लिए अलसी के तेल का इस्तेमाल करें। इसमें ओमेगा 3 फैटी पाया जाता है जो कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकता हैं। इसके लिए नियमित तौर पर अलसी के तेल का इस्तेमाल करें।
अलसी का तेल हृदय से जुड़ी समस्याओं से बचाव में कारगर हो सकता है। वैज्ञानिक भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि अलसी के तेल का सेवन करने से कार्डियोवैस्कुलर (हृदय) स्वास्थ्य में सुधार हो जा सकता है। अलसी का तेल रक्तचाप को नियंत्रित करके हृदय पर पड़ने वाले अनावश्यक भार को कम कर सकता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों के कारण भी यह हृदय के लिए फायदेमंद साबित को सकता है । इसके अलावा, अलसी में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा जीरो होती है, जिस कारण कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित मरीजों के लिए अलसी का तेल सुरक्षित हो सकता है|अलसी के तेल जैसे अल्फा-लिनोलेनिक एसिड में समृद्ध भोजन हृदय रोगों को रोकने और उनका इलाज करने में मदद कर सकता है। ए ल ए कार्डियोप्रोटेक्टिव के रूप में भी कार्य करता है अर्थात्, वे विभिन्न हृदय रोगों को रोकते हैं और एक स्वस्थ हृदय प्रणाली के कामकाज को बढ़ाते हैं। अलसी के तेल के नियमित सेवन से दिल के दौरे की संभावना कम हो जाती है। यह रक्तचाप को कम करता है, शरीर में कुल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखता है, रक्त वाहिकाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और दिल की धड़कन को नियंत्रित करता है।

बालों को दें पोषण-

 सेहत के साथ-साथ बालों को पोषण देने के लिए भी अलसी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। अलसी के तेल विटामिन और मिनरल्स जैसे तत्व पाए जाते हैं जो हेल्दी बालों के लिए जरूरी होते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड बालों को पोषण देते हैं। बालों को स्वस्थ रखने के लिए 2 चम्मच अलसी के तेल को हल्का गर्म करें और स्कैल्प पर अच्छी तरीके से मसाज करें। कुछ देर बाद अपने बालों को धो लें।

कब्ज में मदद करता है-

अलसी के तेल के लिए मुख्य उपयोग कब्ज के दर्द से राहत के लिए है। बृहदान्त्र के लिए एक स्नेहक के रूप में कार्य करके, अलसी के तेल आसान और प्राकृतिक आंत्र आंदोलन को बढ़ावा देता है। उनके उच्च फाइबर सामग्री के साथ, तेल स्वस्थ पाचन को बढ़ावा देता है और कब्ज के कारण होने वाली बेचैनी से राहत देता है। अलसी का तेल बृहदान्त्र स्वास्थ्य और कठोर मल की कमी में सहायक है। यह ओमेगा -3 फैटी एसिड, फोलेट, मैंगनीज, तांबा, फॉस्फोरस और विटामिन बी 6 से समृद्ध है।

वजन कम करने के लिए फायदेमंद- 

वजन कम करने के लिए भी अलसी के तेल का सेवन फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड फैट बर्न करने में मदद करते हैं। अगर आप शरीर से चर्बी कम करना चाहते हैं तो नियमित रूप से अलसी के तेल का सेवन करें, इससे काफी फायदा होगा। विशेषज्ञों के मुताबिक अलसी के तेल का सेवन करने से पाचन तंत्र दुरुस्त होते हैं।

दृष्टि दोष में अलसी के तेल का उपयोग-

आंखों के लिए भी अलसी कुदरत का वरदान है। ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त होने की वजह से इसे आंखों के लिए फायदेमंद माना जा सकता है। आंखों में सूखापन जैसी समस्याओं में अलसी के तेल के फायदे देखे गए हैं। आंखों में सूखापन एक प्रकार का विकार है, जिसमें आंखें सूखी, लाल और सूजी हुई होती हैं। अलसी में मौजूद एसेंशियल फैटी एसिड (EFA) एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव के कारण आंखों की इस समस्या से राहत दे सकता है। इसलिए, नेत्र विशेषज्ञ अलसी के तेल को सप्लीमेंट के रूप में आहार में शामिल करने की सलाह देते हैं

कैंसर के खतरे होते हैं कम- 

रिसर्च के मुताबिक अलसी का तेल कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करने के लिए महिलाएं अलसी के तेल का सेवन कर सकती हैं। इसके सेवन से महिलाओं के साथ पुरुषों को भी काफी फायदा मिलता है। इससे प्रोस्टेट कैंसर और पेट के कैंसर का खतरा कम होता है।कैंसर एक जानलेवा बीमारी है, जिसके इलाज के लिए व्यापक चिकित्सा प्रक्रिया की जरूरत होती है। वहीं, खान-पान और अच्छी दिनचर्या के जरिए इस खतरनाक बीमारी से बचना आसान है। ऐसे में अलसी के तेल का सेवन कैंसर के जोखिम को कुछ हद तक कम कर सकता है। खासतौर पर स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में अलसी और इसके यौगिकों को फायदेमंद पाया गया है।अलसी के तेल लाभों में स्तन ट्यूमर, प्रोस्टेट कैंसर और पेट के कैंसर के विकास को रोकने में मदद करना शामिल है। अलसी का तेल कैंसर कोशिका गुणन को कम करता है और एपोप्टोसिस को बढ़ाता है, अर्थात कैंसर कोशिकाओं की कोशिका मृत्यु। फ्लैक्ससीड्स में लिग्नन्स होते हैं, जो कि हार्मोन के प्रति संवेदनशील कैंसर के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं। लिग्नन्स एंजाइमों को अवरुद्ध करते हैं जो हार्मोन चयापचय में कार्य करते हैं और ट्यूमर कोशिकाओं के विकास को रोकते हैं।

महिला स्वास्थ्य के लिए अलसी का तेल

अलसी के तेल का सेवन महिला स्वास्थ्य के लिहाज से भी उत्तम हो सकता है। विशेष तौर पर अलसी के तेल से बने सप्लीमेंट्स के सकारात्मक प्रभाव रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के दौरान देखे गए हैं। इसका कारण अलसी में पाए जाने वाले एस्ट्रोजेनिक प्रभाव को माना जा सकता है। वैज्ञानिक शोध कहते हैं कि महिलाओं में मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं के निदान में एस्ट्रोजन थेरेपी के साथ-साथ अलसी के सप्लीमेंट इलाज की गुणवत्ता को बढ़ा 

सकते हैं।  
मेनोपॉज के बाद ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी) का खतरा बढ़ जाता है, जिससे बचाव में अलसी के पोषक तत्व काम आ सकते हैं ।

सूजन कम करने के लिए- 

शरीर में किसी तरह के सूजन को कम करने के लिए अलसी के तेल का इस्तेमाल करें। दरअसल अलसी में म्यूसिलेज पाया जाता है जो शरीर के डिटॉक्स करने में मदद करता है। यह शरीर के अंदर और बाहर किसी भी तरह के सूजन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।अलसी के तेल के फायदे में सूजन को कम करना शामिल है। इस तेल में अल्फा लिनोलेनिक एसिड (ALA) पाया जाता है जो ओमेगा-3 फैटी एसिड में से एक है। अल्फा लिनोलेनिक एसिड(ALA) एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव दिखा सकता है, जो शरीर में आई सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिक शोधों में अलसी के एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों का प्रभाव अर्थराइटिस (जोड़ों में दर्द की समस्या) और जोड़ों की सूजन (joint oedema) पर देखा गया है। अलसी में एंटीअर्थराइटिस गुण पाया जाता है। इसलिए, कहा जा सकता है कि सूजन से बचने के लिए अलसी एक उत्तम विकल्प साबित हो सकती है

अलसी के तेल का सेवन कैसे करें :

अलसी के तेल को सलाद की ड्रेसिंग में इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसे मफिन या केक बनाते समय इस्तेमाल किया जा सकता है।
अलसी के तेल का प्रयोग स्मूदी या शेक बनाने में किया जा सकता है।
डॉक्टर के सुझाव पर इसे कैप्सूल के रूप में भी लिया जा सकता है।

परामर्श-

अलसी के तेल का उपयोग खाना पकाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि अधिक गरम करने पर ये अपनी पौष्टिकता खो सकता है|

असली का सेवन करने का सही तरीका

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो साबुत अलसी के बीज (Whole Flaxseed) खाने की बजाए अलसी के बीज को पीसकर (Ground Flaxseed) खाना ज्यादा फायदेमंद होता है. दरअसल, साबुत अलसी के बीज में ऊपर भूरे रंग का एक कवर जैसा होता है, जिसे पचाना आंत के लिए काफी मुश्किल होता है और इस वजह से अलसी के पोषक तत्वों को शरीर अवशोषित नहीं कर पाता. यही वजह है कि असली को पीसकर खाने की सलाह दी जाती है.
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