शहद इस धरती पर एक ऐसा पदार्थ है जो कभी सडता या खराब नहीं होता है। शहद को कभी उबालना नहीं चाहिये , वर्ना इसमें मौजूद एन्जाईम्स नष्ट हो जाएंगे। लेकिन कुछ उपचार ऐसे हैं जिनमें शहद को गर्म करना पड सकता है। बहुत दिनों तक ठंडे और अंध्रेरे की जगह में रखा रहने पर शहद जम जाता है और क्रिस्टल्स बन जाते हैं । इसके लिये किसी बर्तन में पानी गर्म करके उसमे शहद का पात्र कुछ समय रख दें । शहद पिघल जाएगा। ;अनुसंधान में यह प्रदशित हुआ है कि शहद और दाल चीनी के मिश्रण में मानव शरीर के अनेकों रोगों का निवारण करने की अद्भुत शक्ति है। दुनियां के करीब सभी देशों में शहद पैदा होता है। आज के वैज्ञानिक इस तथ्य को स्वीकार कर चुके हैं कि शहद कई बीमारियों की अचूक औषधि है। पश्चिम के वैज्ञानिक कहते हैं कि शहद मीठा जरूर है लेकिन अगर इसे सही मात्रा में सेवन किया जावे तो मधुमेह रोगी भी इससे लाभान्वित सकते हैं।
हृदय रोगों में उपयोगी है
शहद और दालचीनी के पावडर का पेस्ट बनाएं और इसे रोटी पर चुपडकर खाएं। घी या जेली के स्थान पर यह पेस्ट इस्तेमाल करें। इससे आपकी धमनियों में कोलेस्टरोल जमा नहीं होगा और हार्ट अटेक से बचाव होगा। जिन लोगों को एक बार हार्ट अटेक का दौरा पड चुका है वे अगर इस उपचार को करेंगे तो अगले हार्ट अटेक से बचे रहेंगे। इसका नियमित उपयोग करने से द्रुत श्वास की कठिनाई दूर होगी । हृदय की धडकन में शक्ति का समावेश होगा। अमेरिका और कनाडा के कई नर्सिंग होम में प्रयोग किये गये हैं और यह निष्कर्ष आया है कि जैसे-जैसे मनुष्य बूढा होता है, उसकी धमनियां और शिराएं कठोर हो जाती हैं। शहद और दालचीने के मिश्रण से धमनी काठिन्य रोग में हितकारी प्रभाव देखा गया है।
संधिवात मे
संधिवात रोगी दो बडे चम्मच शहद और एक छोटा चम्मच दालचीनी का पावडर एक गिलास मामूली गर्म जल से लें। सुबह और शाम को लेना चाहिये। कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपने शौध में कहा है कि चिकित्सकों ने नाश्ते से पूर्व एक बडा चम्मच शहद और आधा छोटा चम्मच दालचीनी के पावडर का मिश्रण गरम पानी के साथ दिया। इस प्रयोग से केवल एक हफ़्ते में ३० प्रतिशत रोगी संधिवात के दर्द से मुक्त हो गये। एक महीने के प्रयोग से जो रोगी संधिवात की वजह से चलने फ़िरने में असमर्थ हो गये थे वे भी चलने फ़िरने लायक हो गये। मूत्राषय का संक्रमण
ब्लाडर इन्फ़ेक्शन होने पर दो बडे चम्मच दालचीनी का पावडर और एक बडा चम्मच शहद मिलाकर गरम पानी के साथ देने से मूत्रपथ के रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।
कोलेस्टरोल घटाने के लिये
बढे हुए कोलेस्टरोल में दो बडे चम्मच शहद और तीन चाय चम्मच दालचीनी पावडर मिलाकर आधा लिटर मामूली गरम जल के साथ लें। इससे सिर्फ़ २ घंटे में खून का कोलेस्टरोल लेविल १० प्रतिशत नीचे आ जाता है। और दिन मे तीन बार लेते रहने से कोलेस्टरोल बढे हुए पुराने रोगी भी ठीक हो जाते हैं।
मधुमेह रोगियों के लिए दालचीनी और शहद का मिश्रण बहुत ही फायदेमंद होता है। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट फ्लेवोनोइड्स होते हैं। जिनका प्रभाव और कार्य इंसुलिन के समान होता है। जिसके कारण यह रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने और मौजूद ग्लूकोज को ऊर्जा के रूप में परिवर्तित करने में सहायक होता है। शहद को प्राकृतिक शर्करा का सबसे बेहतर रूप माना जाता है, लेकिन यह शरीर में रक्त शर्करा के उतार-चढ़ाव का कारण नहीं बनता है।
जब शहद और दालचीनी दोनों के गुण आपस में मिलते हैं तो शरीर द्वारा ग्लूकोज का उपयोग लगातार ऊर्जा उत्पादन में किया जाता है। जिससे शरीर को पर्याप्त ऊर्जा प्राप्त होती है साथ ही रक्त शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आप भी मधुमेह रोगी हैं तो दालचीनी और शहद के मिश्रण का सेवन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
आमाषय के रोग
शहद और दालचीनी के पावडर का मिश्रण लेने से पेट दर्द और पेट के अल्सर जड से ठीक हो जाते हैं। जापान और भारत में किये गये रिसर्च में साबित हुआ है कि दालचीनी और शहद के प्रयोग से उदर की गैस का भी समाधान हो जाता है।
तीन बडे चम्मच शहद और एक चाय चम्मच दालचीनी पावडर का पेस्ट बनाएं। रात को सोते वक्त चेहरे पर लगाएं। सुबह गरम जल से धोलें । दो हफ़्ते के प्रयोग से मुहासे समाप्त होकर चेहरा कांतिमान दिखेगा।
दालचीनी और शहद समाना भाग लेकर मिश्रित कर एक्ज़ीमा,दाद जैसे चर्म उद्भेद पर लगाने से अनुकूल परिणाम आते हैं।
शहद और दालचीनी के पावडर का मिश्रण लेने से पेट दर्द और पेट के अल्सर जड से ठीक हो जाते हैं। जापान और भारत में किये गये रिसर्च में साबित हुआ है कि दालचीनी और शहद के प्रयोग से उदर की गैस का भी समाधान हो जाता है।
मुहासे
तीन बडे चम्मच शहद और एक चाय चम्मच दालचीनी पावडर का पेस्ट बनाएं। रात को सोते वक्त चेहरे पर लगाएं। सुबह गरम जल से धोलें । दो हफ़्ते के प्रयोग से मुहासे समाप्त होकर चेहरा कांतिमान दिखेगा।
त्वचा विकार
दालचीनी और शहद समाना भाग लेकर मिश्रित कर एक्ज़ीमा,दाद जैसे चर्म उद्भेद पर लगाने से अनुकूल परिणाम आते हैं।
बेहरापन
कम सुनने के रोग में दालचीनी और शहद बराबर मात्रा मे लेने से फ़यदा होता है। दिन में दो बार लेना हितकर है।दीर्घ जीवन
लंबी उम्र के लिये दालचीनी और शहद की चाय नियमित उपयोग करें। तीन गिलास पानी उबालें । इसमें चार चाय चम्मच शहद और एक चाय चम्मच दालचीनी का पावडर मिलाएं। एक चौथाई गिलास चाय हर तीसरे घंटे पीयें। इससे त्वचा स्वच्छ और झुर्री रहित बनाने में मदद मिलती है। बुढापे को दूर रखने का सर्वोत्तम उपाय है। दीर्घ जीवन की कामना रखने वाले लोग १०० की उम्र में भी थिरकते दिखेंगे।प्रतिरक्षा तंत्र शक्तिशाली बनाता है
शहद और दालचीनी के उपयोग से इम्युन सिस्टम ताकतवर बनता है। खून मे सफ़ेद कणों की वृद्धि होती है जो रोगाणु और वायरस के हमले से शरीर की सुरक्षा करते है। जीवाणु और वायरल बीमारियों से लडने की ताकत बढती है।दालचीनी का प्रयोग कैंसर जैसे रोग पर नियंत्रण पाने में सक्षम है। वैज्ञानिकों ने अमाशय के कैंसर और हड्डी के बढ़ जाने की स्थति में दालचीनी और शहद को लाभदायक बताया है। एक माह तक गरम पानी में दालचीनी पाउडर और शहद का सेवन इसके लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ सके।
गठिया एक गंभीर और बहुत ही कष्टदायक समस्या होती है। जिसके कारण रोगी के शरीर में लगभग सभी ज्वाइंटों में बेहद दर्द और सूजन रहती है। दालचीनी और शहद का सेवन गठिया का उपचार करने में आपकी मदद कर सकता है। इसके अलावा दालचीनी और शहद का लेप लगाना भी गठिया के लक्षणों को कम कर सकता है। आप इस पेस्ट का नियमित सेवन कर हड्डियों को स्वस्थ रख सकते हैं।
गठिया के दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए आप 1 गिलास गर्म पानी में थोड़ा सा दालचीनी पाउडर और 1 चम्मच शहद को घोलें और नियमित रूप से दिन में 2 बार सेवन करें। यह कुछ ही दिनों में आपको गठिया के लक्षणों से छुटकारा दिला सकता है।
हृदय रोग -
हृदय को स्वस्थ बनाए रखने और हृदय रोगों पर नियंत्रण रखने में दालचीनी सहायक होती है, क्योंकि यह हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकती है। प्रतिदिन शहद और दालचीनी का गर्म पानी के साथ सेवन करें। आप दालचीनी और शहद के मिश्रण को रोटी के साथ भी खा सकते हैं। इसके अलावा दालचीनी को चाय में डालकर भी ले सकते हैं। इसके प्रयोग से हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।
मोटापा -
मोटापा -
मोटापे के लिए दालचीनी का सेवन एक रामबाण उपाय है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करती है, जिससे मोटापा नहीं बढ़ता। इसके लिए दालचीनी की चाय बहुत फायदेमंद है।एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास जल में उबालकर आंच से उतार लें। इसके बाद उसमें दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ता करने से आधा घंटा पहले पिएं।
रात को सोने से पहले भी इसका सेवन करना दुगुना फायदेमंद होता है, और अतिरिक्त चर्बी धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।
दालचीनी और शहद का सेवन प्रजनन क्षमता बढ़ाए
वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा को बढ़ाने के लिए शहद का उपयोग आयुर्वेद में प्राचीन समय से ही किया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि शहद वीर्य को प्रबल बनाता है और बांझपन से संबंधित समस्याएं मिट जाती हैं। आयुर्वेद के अनुसार प्रतिदिन सोने से पहले 2 चम्मच शहद का सेवन करने से नपुंसकता के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। जबकि पूर्व के बहुत से देशों में जो महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं उन्हें नियमित रूप से दालचीनी के सेवन की सलाह दी जाती है। चीन में महिलाएं अपने गर्भाशय को मजबूत बनाने के लिए दालचीनी पाउडर का सेवन करती हैं।
नियमित रूप से प्रतिदन दालचीनी और शहद का सेवन करने से पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम को भी ठीक किया जा सकता है। जिससे किसी महिला की अवधि चक्र को शुरु करने और प्रजनन क्षमता को बढ़ाने मदद मिलती है।
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