अक्सर कई लोगोंं को कमर के निचले हिस्से में अचनाक दर्द होने लगता है। वो इस दर्द को यह सोचकर अनदेखा कर देते हैं कि ऐसा अधिक काम करने या फिर थकान के कारण हुआ होगा और यही सबसे बड़ी भूल साबित होती है। दरअसल, आम-सा लगने वाला यह दर्द साइटिका का हो सकता है। साइटिका में धीरे-धीरे कमर के नीचे का पूरा भाग बेकार हो जाता है, लेकिन इस बात से बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं, समय रहते कुछ उपाय और उपचार अपना कर इससे बचा जा सकता है।
साइटिका नर्व नितंबों के नीचे से शुरू होकर पैरों के पिछले हिस्से से होते हुए एड़ियों पर खत्म होती है। इस नर्व यानी कि नाड़ी में जब सूजन या फिर दर्द होता है तो इसे ही साइटिका का दर्द कहा जाता है। यह अक्सर तेज दर्द के साथ शुरू होता है। यूं तो साइटिका के दर्द के लिए एलोपैथी में कई तरह के उपचार मौजूद हैं जो दर्द से तुरंत निजात दिलाने में तो कारगर हैं लेकिन इसके दीर्घकालिक उपचार में नाकाम हैं। साथ ही साथ इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स बाद में नजर आते हैं। लेकिन आयुर्वेद में इस रोग को जड़ से खत्म करने के लिए उपचार मौजूद हैं।
इसे आयुर्वेद में गृघ्रसी कहा जाता है। दरअसल यह एक तंत्रिका नाड़ी है। जो सर्दी लगने पेट की कब्जी गर्भावस्था या रीड की हड्डी में किसी तरह की समस्या होने पर पैर की सुन्नता Numbness कमर से लेकर पैर के अंगूठे तक खिंचाव के साथ दर्द सूजन जाती है। कई बार यह दर्द असहनीय Unbearable हो जाता है। पैर के घुटनों के पीछे भी दर्द रहता है। पैर सुन्नता हो सकती है।
दर्द के कारण
हड्डियों के बीच स्निग्धता की कमी के कारण।
सामान्यतया 50 की उम्र के बाद हो सकता है।
वजन उठाने का काम करने वाले तथा अधिक समय तक कमर से झुकने वाले कार्य करने वाले व्यक्तियों को होता है।
लगातार कंप्यूटर में बैठकर कार्य करने वाले व्यक्तियों को की समस्या हो सकती है।
सायटिक तंत्रिका पर किसी प्रकार की चोट पहुंचने पर sciatica का दर्द हो सकता है।
अगर आप एक वेटलिफ्टर है तो आपको भी यह समस्या हो सकती है।
वर्कआउट करते समय अपनी क्षमता से अधिक वजन उठाने पर भी इस तरह की समस्या हो सकती है।
sciatica रोग पर किसी भी प्रकार का दबाव होने पर साइटिका का दर्द शुरू हो जाता है। यह दबाव रीड की हड्डी की कशेरुकाओं से भी हो सकता है।
साइटिका के लक्षण
साइटिका के लक्षण व्यक्ति विशेष आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं
कमर, कूल्हों, और पैरों में हल्के दर्द का बने रहना।
कमर की तुलना में पैरों में अधिक दर्द महसूस होना।
किसी एक पैर में तीव्र दर्द का महसूस होना।
पैरों के साथ पैरों की उंगलियों में दर्द होना।
कमर और परों में झुनझुनी महसूस होना।
पैरों का बेजान महसूस होना।
साइटिका के लिए घरेलू उपाय
लहसुन का दूध
सामग्री :
8 से 10 लहसुन की कलियां
300 एमएल दूध
एक कप पानी
शहद स्वाद के लिए
कैसे इस्तेमाल करें :
सबसे पहले लहसुन की कलियों को कुचल लें।
अब एक बर्तन में कुचले हुए लहसुन के साथ दूध और पानी को डालकर गर्म होने के लिए गैस पर रख दें।
फिर इसमें उबाल आने तक इसे पकाएं।
उबाल आने के बाद गैस बंद कर दें और तैयार मिक्सचर को गुनगुना होने दें।
जब मिक्सचर हल्का गुनगुना हो जाए, तो उसमें स्वाद के लिए थोड़ा शहद मिलाएं।
फिर मिक्सचर को गिलास में निकाल कर पिएं।
इस प्रक्रिया को दिन में करीब दो बार दोहराएं
लहसुन में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है। यह गुण साइटिका नर्व की सूजन को कम कर साइटिका के दर्द से राहत दिलाता है । इस कारण हम कह सकते हैं कि साइटिका का घरेलू इलाज करने के लिए लहसुन का उपयोग लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
हॉट ऑर कोल्ड कम्प्रेस
सामग्री :
एक वाश क्लॉथ
एक कटोरा गर्म या बर्फ डालकर ठंडा किया गया पानी
कैसे इस्तेमाल करें :
गर्म या ठंडे पानी में वाशक्लॉथ को डुबोएं (यह इस पर निर्भर करता है कि आप ठंडे पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं या गर्म)।
अब वाशक्लॉथ को हल्का निचोड़ कर प्रभावित स्थान पर कुछ देर के लिए रखें।
इस प्रक्रिया को करीब पांच से छह मिनट के अंतर पर कई बार दोहराएं।
इस प्रक्रिया को आप दिन में करीब तीन से चार बार दोहरा सकते हैं।
हरसिंगार –
हरसिंगार के फूल, पत्ते और छाल भी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। साइटिका के लिए हरसिंगार के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। हरसिंगार के पत्तों को साफ कर एक लीटर पानी में उबाल लें। फिर ठंडा कर छान लें और एक दो रत्ती केसर मिला लें। अब इसे रोजाना सुबह शाम एक कप पिएं
अदरक
सामग्री :
अदरक का एक बड़ा टुकड़ा
आधा नींबू
एक चम्मच शहद स्वाद के लिए
कैसे इस्तेमाल करें :
सबसे पहले अदरक को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
अब इसे मिक्सर में डालकर अच्छी तरह से पीस लें।
अच्छी तरह से पिस जाने के बाद अदरक के पेस्ट को निकाल लें।
इस पेस्ट को किसी साफ सूती कपड़े में रखकर इसका रस अलग कर लें।
अब इस रस में नींबू और शहद मिलाकर सेवन करें।
इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहराएं।
हल्दी
सामग्री :
एक चम्मच हल्दी पाउडर
एक चम्मच तिल का तेल
कैसे इस्तेमाल करें :
तिल के तेल में हल्दी पाउडर मिलकर पेस्ट बना लें।
अब प्रभावित स्थान पर इस पेस्ट को लगाएं और हल्के हाथ से मसाज करें।
इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहराएं।
विटामिन्स
कैसे है उपयोगी :
इस संबंध में किए गए शोध में पाया गया कि विटामिन सी और ई का संयुक्त इस्तेमाल साइटिका की समस्या में लाभदायक साबित होता है। इससे सूजन और दर्द में तो राहत मिलती ही है, साथ ही ये साइटिक नर्व की क्षति को भी ठीक करने में मददगार साबित होते हैं। वैज्ञानिक अध्ययन में विटामिन-सी और ई के संयुक्त इस्तेमाल से एंटी-नोकिसेप्टिव का प्रभाव भी पाया गया है इसके लिए विटामिन सी (जैसे – आम, पपीता, अनानास, तरबूज)और विटामिन ई (जैसे – वेजिटेबल ऑयल, नट्स व हरी पत्तेदार सब्जियां) युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं । वहीं, डॉक्टर की सलाह पर साइटिका का उपचार करने के लिए इनके सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।
नींबू का रस
सामग्री :
आधा नींबू
एक गिलास पानी
एक चुटकी काला नमक स्वाद के लिए
कैसे इस्तेमाल करें :
एक गिलास पानी में एक चुटकी काला नमक और नींबू का रस मिला लें और पी जाएं।
इस प्रक्रिया को दिन में करीब दो बार दोहराएं
मेथी दाना
सामग्री :
एक चम्मच मेथी दाने का पाउडर
एक चम्मच दूध
कैसे इस्तेमाल करें :
मेथी दाने के पाउडर को दूध में मिलाएं।
प्रभावित स्थान पर तैयार पेस्ट को लगाएं।
वहीं लेप के सूख जाने पर इसे गर्म पानी से धो लें।
इस प्रक्रिया को दिन में करीब दो बार दोहराएं।
एलोवेरा
सामग्री :
एक एलोवेरा का पत्ता
एक कप पानी
चार से पांच बूंद नींबू का रस
शहद स्वादानुसार
कैसे इस्तेमाल करें :
एलोवेरा के पत्ते को काटकर बीच का गूदा निकाल लें।
इस गूदे को एक कप पानी से साथ मिक्सर में डालें और जूस बना लें।
अब तैयार जूस को गिलास में निकालें और नींबू व शहद मिलाकर सेवन करें।
इस प्रक्रिया को दिन में करीब दो बार दोहराएं।
सेब का सिरका
सामग्री :
एक गिलास गुनगुना पानी
दो चम्मच सेब का सिरका
एक चम्मच शहद स्वाद के लिए
कैसे इस्तेमाल करें :
एक गिलास गुनगुने पानी में सेब का सिरका और शहद मिलाकर सेवन करें।
इस मिश्रण का दिन में दो बार सेवन करें।
साइटिका का आयुर्वेदिक उपचार-
सिंहनाद गुग्गुल
विषतिन्दूक वटी
त्रयोदशांग गुगलु
मकरध्वज रस
एकांगवीर रस
वृहत् वात चिंतामणि रस,
वातगजंकुश रस,
गोदंती भस्म,
शिलाजीत्वादी लौह,
अश्वगंधा चूर्ण,
अजमोदादि चूर्ण,
महारास्नादि क्वाथ ,
दशमूल क्वाथ,
अश्वगंधारिष्ट,
आदि आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग किया जाता है। इसके साथ ही कई सारी पेटेंट औषधियों का प्रयोग भी लाभकर होता है।
अन्य चिकित्सा पैथी में में उपचार
एलोपैथी में sciatica दर्द का उपचार पेन किलर दवाइयों तथा स्टेरॉयड का उपयोग किया जाता है। sciatica का दर्द कम ना होने पर शल्य चिकित्सा द्वारा इसका ऑपरेशन भी किया जाता है।
फिजियो थेरेपी में sciatica का इलाज विशेष प्रकार की एक्सरसाइज करवा कर किया जाता है। विशेष प्रकार की एक्सरसाइज की मदद से sciatica नर्व पर आए दबाव को कम कर कर उपचार किया जाता है।
एक्सरसाइज भी है जरूरी –
साइटिका पर किए गए शोध बताते हैं कि इसका सबसे बेहतर उपचार व्यायाम होता है। नियमित व्यायाम करने से कमर की मांसपेशियों में मजबूती आती है साथ ही साथ दर्दनिवारक हार्मोंन्स का स्राव भी बढ़ता है। इसके अलावा अगर आपको दिनभर कुर्सी पर बैठना होता है तो हमेशा सीधे बैठने की कोशिश करें, या फिर कुर्सी में कमर के हिस्से पर तकिया लगा लें।
क्या करें
क्या करें
गुनगुना पानी पिएं, धूप लें, वजन कम करें, घर का खाना खाएं, गाय का घी, गाय का दूध, ओलिव ऑयल, तिल का तेल, मछली का तेल, गेहूं, लाल चावल, अखरोट, मुनक्का, किशमिश, सेब, अनार, आम, आैर इमली का प्रयोग करें।
क्या न करें
तैलीय खाना, मसालेदार खाना, ठंडा खाना, बासी खाना, अधिक व्यायाम, ओवर ईटिंग, दिन में सोना, रात में जागना, जामुन, सुपारी, अरहर की दाल, मूंग की दाल आदि से दूर रहें।
विशिष्ट परामर्श-
संधिवात,कमरदर्द,गठिया, साईटिका ,घुटनो का दर्द आदि वात जन्य रोगों में जड़ी - बूटी निर्मित हर्बल औषधि ही अधिकतम प्रभावकारी सिद्ध होती है| रोग को जड़ से निर्मूलन करती है| औषधि से बिस्तर पकड़े पुराने रोगी भी दर्द मुक्त गतिशीलता हासिल करते हैं| बड़े अस्पतालों के महंगे इलाज़ के बावजूद निराश रोगी इस औषधि से आरोग्य हुए हैं| त्वरित असर औषधि के लिए वैध्य श्री दामोदर से 98267-95656 पर संपर्क कर सकते हैं|
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