एक्जिमा एक तरह की त्वचा संबंधी समस्या है, जिसका असर आपकी त्वचा पर होता है। इसमें आपको खुजली, त्वचा पर लाल निशान और सूजन जैसी समस्या हो सकती हैं। यह रोग त्वचा में नमी के कम होने से हो सकता है। इसकी वजह से त्वचा में खुजली और जलन होने लगती है। अधिक खुजलाने पर त्वचा छिल भी सकती है, जो घाव के रूप में परिवर्तित होकर एक्जिमा को बढ़ावा दे सकती हैं
एक्जिमा के लक्षण
एक्जिमा का मुख्य लक्षण खुजली है. इसमें खुजली वाली जगह पर लाल या भूरे रंग के पैच बन जाते हैं. इसमें कभी-कभी जलन भी होने लगता है. बार-बार खुजली करने का मन करता है. खुजली करने के बाद कभी-कभी दाने की तरह उभार भी निकल आते हैं. कभी-कभी सूजन भी पड़ने लगने लगता जिसके बाद स्किन का रंग पीला पड़ने लगता है. आमतौर पर यह हाथ, अंडरआर्म, बैक और घुटनों में होता है. हालांकि यह खतरनाक बीमारी नहीं है लेकिन सही समय पर इलाज नहीं करने से स्किन में लंबे समय तक के लिए परेशानी हो सकती है.
एक्जिमा के प्रकार
एक्जिमा को उसके प्रभाव के अनुसार वर्गीकृत किया गया है।
एटोपिक डर्मेटाइटिस: इसकी शुरुआत सामान्य खुजली से होती है। यह बच्चों और दमे के मरीज को जल्दी प्रभावित करता है ।
इर्रिटेन्ट कॉन्टेक्ट डर्मेटाइटिस: यह बीमारी त्वचा के डिटर्जेंट और एसिड के संपर्क में आने से उत्पन्न होता है। यह भी एक तरह का एक्जिमा रोग है ।
स्टैसिस डर्मेटाइटिस:
यह शरीर में रक्त का संचार ठीक तरह से न होने के कारण होता है। शरीर में खुजली और भूरे रंग का निशान होना स्टैसिस डर्मेटाइटिस का लक्षण है ।
एलर्जिक: यह समस्या रासायनिक चीजों के संपर्क में आने के कारण हो सकती है। इस बीमारी के कारण आपकी त्वचा में सूजन आ सकती है ।
एलर्जिक: यह समस्या रासायनिक चीजों के संपर्क में आने के कारण हो सकती है। इस बीमारी के कारण आपकी त्वचा में सूजन आ सकती है ।
चर्मरोग:
यह भी एक तरह का एक्जिमा है। ज्यादा खुजली करने से आपकी त्वचा में संक्रमण हो सकता है। खुजली से संक्रमण पूरे शरीर में फैल कर बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकता है । वहीं, लगातार खुजली करने से त्वचा में दाद की समस्या हो जाती है। जिसे कई लोग एक्जिमा का ही रूप समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। दाद एक्जिमा नहीं होता है।
डिशिड्रोटिक एक्जिमा:
इसका असर हाथ और पैरों पर दिखने को मिलता है। यह आपकी त्वचा में भी फैल सकता है।
सेबोरिक डर्मेटाइटिस:
यह कान, छाती, पीठ और स्कैल्प को प्रभावित करता है। यह बालों से झड़ने वाली रूसी की वजह से होता है ।
नुम्मूलर एक्जिमा:
इस तरह के एक्जिमा में गोल घाव हो जाते हैं, जिसमें खुजली होती है। यह अक्सर गले के पास होता है और धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है ।
जेरोटिक एक्जिमा:
ऐसा अमूमन ठंड के दिनों में होता है। इस तरह का एक्जिमा रूखी त्वचा के कारण होता है
एक्जिमा के कारण
हालांकि एक्जिमा का सटीक कारण अब तक पता नहीं है. माना जाता है कि यह वंशानुगत (अनुवांशिक) और मौसम में नमी आने के कारण होता है. बैक्टीरियल संक्रमण के कारण भी एक्जिमा होता है. यह मुख्यतः स्टेफिलोकोकस ऑरियस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है. इसके अलावा किसी प्रकार की एलर्जी के कारण जैसे- डेंड्रफ मोल्ड, पराग कण, घरेलू जानवरों के संपर्क में आने, या धूल-मिट्टी के संपर्क में आने के कारण भी हो सकता है. ठंडे और गर्म तापमान में तुरन्त जाना या नमीयुक्त और आर्द्रतायुक्त वातावरण के संपर्क में आने से भी यह बीमारी हो सकती है. एक्जिमा तनाव के कारण भी हो सकता है.
एक्जिमा के कारण
हालांकि एक्जिमा का सटीक कारण अब तक पता नहीं है. माना जाता है कि यह वंशानुगत (अनुवांशिक) और मौसम में नमी आने के कारण होता है. बैक्टीरियल संक्रमण के कारण भी एक्जिमा होता है. यह मुख्यतः स्टेफिलोकोकस ऑरियस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है. इसके अलावा किसी प्रकार की एलर्जी के कारण जैसे- डेंड्रफ मोल्ड, पराग कण, घरेलू जानवरों के संपर्क में आने, या धूल-मिट्टी के संपर्क में आने के कारण भी हो सकता है. ठंडे और गर्म तापमान में तुरन्त जाना या नमीयुक्त और आर्द्रतायुक्त वातावरण के संपर्क में आने से भी यह बीमारी हो सकती है. एक्जिमा तनाव के कारण भी हो सकता है.
एक्जिमा के घरेलू उपचार
एक्जिमा के उपचार के लिए नारियल तेल
सामग्री :
थोड़ा-सा नारियल का तेल
कैसे करें इस्तेमाल :
तेल को एक्जिमा प्रभावित जगह पर सीधे लगा सकते हैं।
बेहतर परिणाम के लिए पूरी रात लगे रहने दें।
कितने बार करें :
हर रात को सोने से पहले इसे लगाएं।
कैसे है लाभदायक :
नारियल के तेल में प्राकृतिक रूप से एंटीबैक्टीरियल व एंटीइंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। नारियल तेल की यह विशेषता आपको त्वचा संबंधी बीमारियों से छुटकारा दिला सकती है और उन्हीं बीमारियों में से एक एक्जिमा भी है। इसे त्वचा पर लगाने से बैक्टीरिया के प्रभाव को कम किया जा सकता है
एलोवेरा से इलाज
सामग्री :
एलोवेरा का पत्ता
कैसे करें इस्तेमाल :
एलोवेरा के पत्ते से जेल को निकाल लें।
जेल को एक्जिमा प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं।
कितने बार करें :
जल्दी प्रभाव के लिए प्रतिदिन लगाएं।
कैसे है लाभदायक :
एलोवेरा की सहायता से आप घर में ही एक्जिमा का इलाज कर सकते हैं। इसका जेल आपको ठंडक के साथ-साथ खुजली की समस्या से भी राहत दिला सकता है। इस प्रकार एक्जिमा से छुटकारा पाया जा सकता है
शहद से एक्जिमा का इलाज
सामग्री :
2 चम्मच शहद
2 चम्मच दालचीनी
कैसे करें उपयोग :
शहद और दालचीनी को अच्छी तरह से मिलाकर पेस्ट बना लें।
फिर एक्जिमा प्रभावित जगह को पानी से धोकर सुखा लें।
इसके बाद पेस्ट को लगाकर सूखने के लिए छोड़ दें।
जब पेस्ट सूख जाए, तो पानी से धो लें।
कैसे है लाभदायक :
स्वाद में मीठे शहद का उपयोग बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता है। एक्जिमा के लिए शहद कारगर इलाज साबित हो सकता है। शहद में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो घाव को भरने में मदद करते हैं । वहीं, दालचीनी में भी एंटीऑक्सीडेंट व एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी समस्या से राहत दिला सकते हैं
एलोवेरा की सहायता से आप घर में ही एक्जिमा का इलाज कर सकते हैं। इसका जेल आपको ठंडक के साथ-साथ खुजली की समस्या से भी राहत दिला सकता है। इस प्रकार एक्जिमा से छुटकारा पाया जा सकता है
शहद से एक्जिमा का इलाज
सामग्री :
2 चम्मच शहद
2 चम्मच दालचीनी
कैसे करें उपयोग :
शहद और दालचीनी को अच्छी तरह से मिलाकर पेस्ट बना लें।
फिर एक्जिमा प्रभावित जगह को पानी से धोकर सुखा लें।
इसके बाद पेस्ट को लगाकर सूखने के लिए छोड़ दें।
जब पेस्ट सूख जाए, तो पानी से धो लें।
कैसे है लाभदायक :
स्वाद में मीठे शहद का उपयोग बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए भी किया जाता है। एक्जिमा के लिए शहद कारगर इलाज साबित हो सकता है। शहद में एंटीमाइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं, जो घाव को भरने में मदद करते हैं । वहीं, दालचीनी में भी एंटीऑक्सीडेंट व एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो एक्जिमा जैसी त्वचा संबंधी समस्या से राहत दिला सकते हैं
नीम का उपयोग
सामग्री :
नीम के तेल की 10-12 बूंदें
एक चौथाई जैतून का तेल
कैसे करें इस्तेमाल :
इन दोनों सामग्रियों को आपस में मिला लें।
फिर इसे प्रभावित जगह पर लगाएं।
कितने बार करें :
प्रतिदिन इसका उपयोग करें ।
कैसे है लाभदायक :
नीम में एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक व एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। इन सभी गुणों के कारण ही नीम त्वचा से जुड़ी विभिन्न बीमारियों के लिए कारगर है। नीम से न सिर्फ त्वचा की बाहरी समस्या को ठीक हो सकती है, बल्कि इसके सेवन से अंदरूनी बीमारियों को भी ठीक किया जा सकता है। नीम शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया को पूरी तरह खत्म कर सकती है
मुलेठी से एक्जिमा का उपचार
सामग्री :
मुलेठी की जड़ का चूर्ण
पानी (आवश्यकतानुसार)
कैसे करें इस्तेमाल :
मुलेठी के जड़ से बने चूर्ण को पानी में मिक्स करके पेस्ट बना लें।
फिर इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं।
कैसे है लाभदायक :
मुलेठी में एंटीसेप्टिक व एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। एक्जिमा के इलाज के लिए इसे वर्षों से आयुर्वेदिक औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है
एक्जिमा के उपचार के लिए हल्दी
सामग्री :
थोड़ा-सा हल्दी पाउडर
पानी
दूध
गुलाब जल
कैसे करें उपयोग :
हल्दी पाउडर को पानी में मिलकर पेस्ट बना लें।
पेस्ट में दूध या फिर गुलाब जल मिलकर एक्जिमा प्रभावित जगह पर लगा लें।
कुछ समय तक इसे सूखने दें और फिर पानी से धो लें।
कितनी बार करे :
आप इसे हफ्ते में 4 बार लगा सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
कई वर्षों से हल्दी को आयुर्वेदिक दवाई के रूप में रोग मुक्त व खूबसूरत त्वचा के लिए उपयोग किया जा रहा है। हल्दी में करक्यूमिन नामक खास तत्व पाया जाता है, जो एंटीसेप्टिक, एंटीइंफ्लेमेटरी व एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। हल्दी से घाव को भरने में मदद मिलती है। साथ ही त्वचा संबंधी एलर्जी का भी इलाज किया जा सकता है
अलसी का तेल
सामग्री:
1 चम्मच नींबू का रस
1 चम्मच अलसी का तेल
कैसे करें :
नींबू के रस और अलसी के तेल को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें।
फिर इसे एक्जिमा प्रभावित जगह पर लगाएं।
कुछ समय तक सूखने दें और फिर पानी से धो लें।
कितने बार करें :
जल्दी परिणाम के लिए दिन में कम से कम एक बार तो जरूर उपयोग करें।
एक्जिमा के उपचार के लिए हल्दी
सामग्री :
थोड़ा-सा हल्दी पाउडर
पानी
दूध
गुलाब जल
कैसे करें उपयोग :
हल्दी पाउडर को पानी में मिलकर पेस्ट बना लें।
पेस्ट में दूध या फिर गुलाब जल मिलकर एक्जिमा प्रभावित जगह पर लगा लें।
कुछ समय तक इसे सूखने दें और फिर पानी से धो लें।
कितनी बार करे :
आप इसे हफ्ते में 4 बार लगा सकते हैं।
कैसे है लाभदायक :
कई वर्षों से हल्दी को आयुर्वेदिक दवाई के रूप में रोग मुक्त व खूबसूरत त्वचा के लिए उपयोग किया जा रहा है। हल्दी में करक्यूमिन नामक खास तत्व पाया जाता है, जो एंटीसेप्टिक, एंटीइंफ्लेमेटरी व एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। हल्दी से घाव को भरने में मदद मिलती है। साथ ही त्वचा संबंधी एलर्जी का भी इलाज किया जा सकता है
अलसी का तेल
सामग्री:
1 चम्मच नींबू का रस
1 चम्मच अलसी का तेल
कैसे करें :
नींबू के रस और अलसी के तेल को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें।
फिर इसे एक्जिमा प्रभावित जगह पर लगाएं।
कुछ समय तक सूखने दें और फिर पानी से धो लें।
कितने बार करें :
जल्दी परिणाम के लिए दिन में कम से कम एक बार तो जरूर उपयोग करें।
कैसे है लाभदायक :
अलसी के तेल को आयुर्वेदिक दवाई की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। यह एक्जिमा के उपचार में कारगर है। इसके इस्तेमाल से त्वचा में हो रही जलन कम होती है, रूखापन कम होता है और त्वचा हाइड्रेट रहती है। वैज्ञानिक अध्ययन में भी पाया गया है कि प्रतिदिन अलसी इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी रोगों को दूर किया जा सकता है
तुलसी का प्रयोग कर एक्जिमा से पाएं मुक्ति
तुलसी का एंटी- माइक्रोबियल गुण स्किन को इन्फेक्शन से बचाता है l यह स्किन की जलन कम करता है और फुंसी आदि को भी ठीक करता है l
उपयोग का तरीका
तुलसी के कुछ पत्ते तोड़ कर इसका रस निकाल लें l रस निकालने के लिए आप पतले सूती कपड़े या मलमल का इस्तेमाल कर सकते हैं l अब इस रस को एक्जिमा वाली जगह पर लगाएं और सूखने का इन्तजार करें l सूख जाने के बाद सादे पानी से धो लें l ऐसा आप रोजाना भी कर सकते हैं l तुलसी की चाय पीने से भी एक्जिमा से राहत मिल सकती है l
एक्जिमा में आहार – क्या खाएं और क्या न खाएं
गलत खान-पान की वजह से एक्जिमा की समस्या बढ़ सकती है। ऐसी स्थिति में आपको क्या खाना है और क्या नहीं, यहां हम इसी बारे में बता रहे हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले भोजन का सेवन करना चाहिए। इसके लिए टूना, सार्डिन, अल्बाकोर और हेरिंग मछली सबसे अच्छी होती है।
शरीर में अच्छे बैक्टीरिया को बनाए रखने में सहायक होने वाले चीजों का सेवन करना चाहिए, जैसे – गेहूं, सोया, लौंग, दालचीनी व टमाटर आदि।
सब्जी और फल का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, जैसे कि ब्रोकली, पालक, गोभी, चेरी व सेब आदि।
कुछ चीजे ऐसी भी हैं, जो एक्जिमा को बढ़ाने का कारण बन सकती हैं
अंडे
दूध
नट्स
सोया
ग्लूटेन युक्त अनाज
जिन लोगों को डिसहाइड्रोटिक एक्जिमा - इसमें पैर और हाथ प्रभावित होते हैं) हो, उन्हें इन खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित रूप से करना चाहिए।
ब्लैक टी
चॉकलेट
मसूर
शैल फिश
बीन्स
एक्जिमा से बचाव
अलसी के तेल को आयुर्वेदिक दवाई की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। यह एक्जिमा के उपचार में कारगर है। इसके इस्तेमाल से त्वचा में हो रही जलन कम होती है, रूखापन कम होता है और त्वचा हाइड्रेट रहती है। वैज्ञानिक अध्ययन में भी पाया गया है कि प्रतिदिन अलसी इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी रोगों को दूर किया जा सकता है
तुलसी का प्रयोग कर एक्जिमा से पाएं मुक्ति
तुलसी का एंटी- माइक्रोबियल गुण स्किन को इन्फेक्शन से बचाता है l यह स्किन की जलन कम करता है और फुंसी आदि को भी ठीक करता है l
उपयोग का तरीका
तुलसी के कुछ पत्ते तोड़ कर इसका रस निकाल लें l रस निकालने के लिए आप पतले सूती कपड़े या मलमल का इस्तेमाल कर सकते हैं l अब इस रस को एक्जिमा वाली जगह पर लगाएं और सूखने का इन्तजार करें l सूख जाने के बाद सादे पानी से धो लें l ऐसा आप रोजाना भी कर सकते हैं l तुलसी की चाय पीने से भी एक्जिमा से राहत मिल सकती है l
एक्जिमा में आहार – क्या खाएं और क्या न खाएं
गलत खान-पान की वजह से एक्जिमा की समस्या बढ़ सकती है। ऐसी स्थिति में आपको क्या खाना है और क्या नहीं, यहां हम इसी बारे में बता रहे हैं।
ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले भोजन का सेवन करना चाहिए। इसके लिए टूना, सार्डिन, अल्बाकोर और हेरिंग मछली सबसे अच्छी होती है।
शरीर में अच्छे बैक्टीरिया को बनाए रखने में सहायक होने वाले चीजों का सेवन करना चाहिए, जैसे – गेहूं, सोया, लौंग, दालचीनी व टमाटर आदि।
सब्जी और फल का सेवन आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, जैसे कि ब्रोकली, पालक, गोभी, चेरी व सेब आदि।
कुछ चीजे ऐसी भी हैं, जो एक्जिमा को बढ़ाने का कारण बन सकती हैं
अंडे
दूध
नट्स
सोया
ग्लूटेन युक्त अनाज
जिन लोगों को डिसहाइड्रोटिक एक्जिमा - इसमें पैर और हाथ प्रभावित होते हैं) हो, उन्हें इन खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित रूप से करना चाहिए।
ब्लैक टी
चॉकलेट
मसूर
शैल फिश
बीन्स
एक्जिमा से बचाव
गुनगुने पानी से नहाना–
गुनगुने पानी में नहाने से शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया खत्म हो सकता है। इससे एक्जिमा फैलाने वाले संक्रामक बढ़ाने से रुक सकता है और एक्जिमा रोग होने से बचा जा सकता है।
मॉइस्चराइज–
त्वचा को मॉइस्चराइज रखने से भी एक्जिमा के रोग से बचा जा सकता है। त्वचा में नमी (मॉइस्चराइज) होने के कारण खुजली की समस्या नहीं होती है, जिससे एक्जिमा होने का जोखिम नहीं होता है। इसके लिए आप मॉइस्चराइजिंग क्रीम का भी उपयोग कर सकते हैं।
नाखून–
अगर आप त्वचा को नाखून से खरोंचते हैं, तो इस आदत को दूर कर एक्जिमा के रोग से दूर रह सकते हैं। कई बार खरोंच से आपके नाखून में मौजूद बैक्टीरिया त्वचा में चले जाते हैं, जिससे एक्जिमा हो सकता है।
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