14.2.20

जामुन के सिरके के फायदे और बनाने की विधि

  
                               


कब्ज और उदर रोग में जामुन का सिरका उपयोग करें। जामुन का सिरका गुणकारी और स्वादिष्ट होता है, इसे घर पर ही आसानी से बनाया जा सकता है और कई दिनों तक उपयोग में लाया जा सकता है।

जामुन का सिरका जितना पुराना होता है यह खाने में उतना ही स्वादिष्ट और पेट सम्बंधित रोगों के लिए उतना ही अधिक लाभकारी होता है। जामुन के सिरके के सेवन से भूख बढ़ती है, पेट की वायु निकलती है और कब्ज की समस्या दूर होती है
जामुन की तासीर ठंडी होती है और इसकी कई देसी विदेशी किस्मे होती हैं | लेकिन सबके धर्म, गुण समान हैं। जामुन का अंग्रेजी नाम – Java Plum और Blackberry है | जामुन से भूख बढती है और भोजन पचाती है, शरीर से गंदगी बाहर निकलती है। जामुन नहीं होने पर इसका सिरका काम में ले सकते हैं। यह मोटी और पकी हुई अच्छी होती है। इसका खट्टापन और अम्लीय गुण रक्त-दोषों को दूर करते है।




जामुन का सिरका रेसपी 

काले जामुन – 1/2 किलो
सूखी मिर्च – 3
नमक – आवश्यकतानुसार
पानी – आवश्यकतानुसार
सहायक सामग्री
सूती कपड़ा – जामुन बांधने के लिए
मिट्टी का बर्तन – जामुन रखने के लिए
कांच की बोतल – सिरका रखने के लिए
जामुन का सिरका बनाने का तरीका
– काले जामुन को साफ पानी से धो कर पोछ लें।
– फिर इसे मिट्टी के बर्तन में डालकर नमक मिलाकर साफ कपड़े से बांध कर धूप में रख दें।
– लगभग एक महीनों तक धूप में रखने के बाद इसके रस को किसी साफ सूती कपड़े से छानकर कांच के बोतल में भर कर रख लें।
– अब इसमें 3 सूखी लाल मिर्च डाल दें और कांच की बोतल का मुंह बंद कर दें।


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