5.12.23

बेहद फायदे मंद होता है सर्दियों के मौसम में गराड़ू खाना





ठंड के सीजन में गराडू खाना लोगों की पहली पसंद होती है। क्योंकि यह चटपटा और कुरकुरा होने के साथ बेहद स्वादिष्ट होता है। इसलिए लोग इसे बड़े चाव के साथ खाते हैं। गराडू में फाइबर, ढेर सारे पोषक तत्व होते है साथ ही ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इसे दिमाग के लिए भी है फायदेमंद माना जाता है। इसे बच्चों को भी खिलाना चाहिए। गराडू का स्वाद भी एक दम स्वादिष्ट होता है इसलिए बच्चे इसे बड़े शौक से खाना पसंद करेंगे।

सर्दियों के मौसम में गराड़ू खाने के ये फायदे

गराडु में भरपूर मात्रा में फाइबर यानी की रेशे अच्छी मात्रा में पाए जाते है,जिस वजह से यह पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. फाइबर वाले आहारों के सेवन से आंतों की गंदगी साफ हो जाती है और भोजन पचने में आसानी होती है. इसलिए गराडू को खाने से आपके पाचन से जुड़ी सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं जैसे- कब्ज, अपच, बदहजमी, गैस आदि. गराडू खाने से आपका पेट अच्छी तरह साफ होता है.

मौजूद हैं अनेक पोषक तत्व -

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि गराडू में कैल्शियम, आयरन, कॉपर, मैग्नीज, फॉस्फोरस आदि तत्व अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं. ये सभी तत्व आपको सेहतमंद रखने और शरीर को कई तरह की बीमारियो से बचाने में मददगार होते हैं. कुछ जगहों पर गराडू के बारे में लोग कम ही जानते हैं, लेकिन ये सब्जी बहुत सारे पोषक तत्वों से भरपूर होती है.
गराडू की सब्जी में ढेर सारे पोषक तत्व मौजूद रहते है। गराडू में कैल्शियम आयरन कॉपर मैगनीज फॉस्फोरस आदि तत्व पाए जाते हैं।

एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में -

गराडू में विटामिन्स के साथ के साथ ही एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते है। इसका सेवन मानसिक तनाव को कम करने में मददगार होता है।

इम्यूनिटी बढ़ाने में करता है मदद



 सर्दियों का मौसम शुरू होते ही गराडू मार्केट में आने लग जाते हैं। दरअसल गराडू को लोग एक सब्जी की तरह भी खाना पसंद करते हैं। यह सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में बिका और खाया जाता है। कई लोग गराडू तल कर खाना पसंद करते हैं, तो कई इसकी सब्जी बनाकर खाते हैं। ठंड में गराडू खाने के काफी ज्यादा फायदे बताए गए हैं। दरअसल गराडू की तासीर गर्म होती है। इसलिए इसे सर्दियों में खाना पसंद किया जाता है।

फाइबर से भरपूर -


गराडू में फाइबर यानी रेशे बहुत अच्छी मात्रा में होते हैं। इसलिए ये पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। फाइबर वाले आहारों के सेवन से आंतों की गंदगी साफ हो जाती है और भोजन अच्छी तरह पचता है।

दिमाग के लिए भी है फायदेमंद

गराडू कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो आपको दिमाग और शरीर की कई बीमारियों से बचाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स वो तत्व होते हैं, जो शरीर में ऑक्सिडेशन की प्रक्रिया को धीमा करते हैं, जिससे आप लंबे समय तक जवान रहते हैं और कैंसर, ट्यूमर, कार्डियोवस्कुलर रोगों से बचे रहते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है -

जानकारों का कहना है कि गराडू में विटामिन सी होता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। वहीं कैल्शियम की मौजूदगी से गराडू हड्डियों और दांतों के लिए फायदेमंद होता है।

गराडू की गरमा-गरम चाट खाने का मजा कुछ और -


सर्दी के दिनों में गरमा-गरम गराडू खाने और मजा ही कुछ और होता है। ठंड में शाम अथवा रात के के समय गराडू खाना स्वास्थ्य के साथ शरीर को गर्माहट देता है।
दरअसल गराडू को लोग एक सब्जी की तरह भी खाना पसंद करते हैं। यह सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में बिका और खाया जाता है। कई लोग गराडू तल कर खाना पसंद करते हैं, तो कई इसकी सब्जी बनाकर खाते हैं।

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4.12.23

अच्छी सेहत के लिए सर्दियों में क्या ख़ास फूड्स खाएं ?





सर्दी हो या गर्मी सुबह उठने के बाद हम अकसर चाय, कॉफी और बिस्कुट खाते हैं। लेकिन सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीना सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है। सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीने की आदत काफी बुरी होती है। कई लोग फिर भी सुबह उठने के बाद चाय और कॉफी ही पीते हैं, लेकिन कई लोग सुबह हेल्दी ड्रिंक या फिर हर्बल टी पीते हैं। वहीं, आपका ब्रेकफास्ट भी हेल्दी होना चाहिए। आपको अपने सुबह के खाने को बिल्कुल भी स्किप नहीं करना चाहिए। खासकर, सर्दियों में सुबह उठने के बाद हेल्दी भोजन खाना बहुत जरूरी होता है। अभी सर्दी का मौसम शुरू हो गया है, इसलिए आप सोच रहे होंगे कि आखिर सर्दी में सुबह उठने के बाद क्या खाना चाहिए?
सर्दियों में सुबह उठने के बाद ड्राई फ्रूट्स खाना बेहद फायदेमंद होता है। ड्राई फ्रूट्स में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही ड्राई फ्रूट्स की तासीर भी बेहद गर्म होती है। ऐसे में अगर आप सर्दी में सुबह उठकर ड्राई फ्रूट्स खाएंगे, तो इससे आपका शरीर गर्म रहेगा। साथ ही आपकी इम्यूनिटी भी बूस्ट होगी। आपको एनर्जी मिलेगी, आप पूरे दिन ऊर्जावान और फिट महसूस करेंगे।

पंजीरी

हमारे देश के उत्तरी भागों में सर्दियों के दौरान इससे कई रेसिपी तैयार किया जाते हैं। यह सूखा और मीठा स्नैक बहुत गर्म होता है और माना जाता है कि यह शरीर को दर्द से राहत दिलाता है और मांसपेशियों और जोड़ों को भी खोलता है। साबुत गेहूं, बाजरा, सत्तू या मूंग दाल के आटे का उपयोग करके आप गुड़ से अलग-अलग चीजें बना सकते हैं। साथ ही आप इनमें घी, नट्स, ड्राई फ्रूट्स, और मसाले जैसे इलायची, सौंफ, केसर और जायफल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जो कि इम्यूनिटी बूस्टर हैं।

दालचीनी का पानी

दालचीनी की तासीर बेहद गर्म होती है। ऐसे में अगर आप सर्दी के मौसम में सुबह दालचीनी का पानी पिएंगे, तो इससे आपको गर्माहट मिलेगी। इसके साथ ही दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण भी पाए जाते हैं। रोजाना दालचीनी का पानी पीने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी और आपको सर्दी-जुकाम नहीं लगेगी। दालचीनी का पानी पीने से आपका पाचन और मेटाबॉलिज्म में भी सुधार होगा। इसके लिए आप एक गिलास पानी में दालचीनी का टुकड़ा डालें। इसे अच्छी तरह से उबाल लें और फिर पानी को छानकर पी लें।

गुड़

गुड़ एक नेचुरल स्वीटनर है। यह हमारे गले के आंतरिक अस्तर पर एक परत बनाकर गले की जलन को शांत करता है और खराश में कमी लाता है। यह ब्लड वेसल्स को भी पतला करता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। सर्दियों में रोज रात को सोने से पहले इसे खाना शरीर में गर्माहट पैदा करता है।
तुलसी

सर्दियों में तुलसी खाना या इसका रेगुलर इस्तेमाल करना आपको कई बीमारियों से बचाए रख सकता है। ऐसा इसलिए कि इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण होते हैं। ये वायरल संक्रमणों से लड़ने, विशेष रूप से सर्दियों में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ शरीर को अंदर से गर्म रखने का काम करते हैं।

लहसुन

ताजा लहसुन में एलिसिन होता है, जो कि प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। ये रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। ये एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है, जो सर्दियों में होने वाले हड्डियों के दर्द से आपको बचाए रख सकता है। इसे आप चटनी और सूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

बाजरा

सर्दियों के मौसम में बाजरे का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ-साथ शरीर को गर्म रखने में भी मदद करता है। साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के लिए भी यह काफी फायदेमंद हो सकता है।

पपीता

पपीता सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सुबह उठकर पपीता खाना सेहत के लिए लाभकारी होता है। पपीता में फाइबर, विटामिन्स और फोलेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इससे आपको पर्याप्त एनर्जी और ऊर्जा मिलेगी। पपीता खाने से पाचन में भी सुधार होता है। इसलिए हेल्दी और फिट रहने के लिए आप सुबह उठकर पपीता खा सकते हैं।

अंडा

सर्दियों में सुबह अंडा खाना काफी लाभकारी होता है। रोजाना सुबह उठने के बाद अंडा खाने से आपको पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलेगा। साथ ही आपका पेट भी लंबे समय तक भरा हुआ रहेगा। अंडे की तासीर भी गर्म होती है। ऐसे में सर्दियों में अंडा खाने से आपको गर्माहट मिलेगी, आपकी इम्यूनिटी बढ़ेगी। हर दिन अंडा खाने से आप सर्दियों में फिट और हेल्दी बने रह सकते हैं। अगर आपका वजन अधिक है, तो आप सिर्फ अंडे का सफेद हिस्सा खा सकते हैं।

सब्जियों का जूस

सर्दियों में सुबह उठकर सब्जियों का जूस पीना काफी फायदेमंद होता है। सब्जियों में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए आप सर्दियों में गाजर और चुकंदर का जूस पी सकते हैं।

टमाटर सूप




सर्दी हो या गर्मी सुबह उठने के बाद हम अकसर चाय, कॉफी और बिस्कुट खाते हैं। लेकिन सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीना सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है। सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीने की आदत काफी बुरी होती है। कई लोग फिर भी सुबह उठने के बाद चाय और कॉफी ही पीते हैं, लेकिन कई लोग सुबह हेल्दी ड्रिंक या फिर हर्बल टी पीते हैं। वहीं, आपका ब्रेकफास्ट भी हेल्दी होना चाहिए। आपको अपने सुबह के खाने को बिल्कुल भी स्किप नहीं करना चाहिए। खासकर, सर्दियों में सुबह उठने के बाद हेल्दी भोजन खाना बहुत जरूरी होता है। अभी सर्दी का मौसम शुरू हो गया है, इसलिए आप सोच रहे होंगे कि आखिर सर्दी में सुबह उठने के बाद क्या खाना चाहिए?
सर्दियों में सुबह उठने के बाद ड्राई फ्रूट्स खाना बेहद फायदेमंद होता है। ड्राई फ्रूट्स में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही ड्राई फ्रूट्स की तासीर भी बेहद गर्म होती है। ऐसे में अगर आप सर्दी में सुबह उठकर ड्राई फ्रूट्स खाएंगे, तो इससे आपका शरीर गर्म रहेगा। साथ ही आपकी इम्यूनिटी भी बूस्ट होगी। आपको एनर्जी मिलेगी, आप पूरे दिन ऊर्जावान और फिट महसूस करेंगे।

पंजीरी

हमारे देश के उत्तरी भागों में सर्दियों के दौरान इससे कई रेसिपी तैयार किया जाते हैं। यह सूखा और मीठा स्नैक बहुत गर्म होता है और माना जाता है कि यह शरीर को दर्द से राहत दिलाता है और मांसपेशियों और जोड़ों को भी खोलता है। साबुत गेहूं, बाजरा, सत्तू या मूंग दाल के आटे का उपयोग करके आप गुड़ से अलग-अलग चीजें बना सकते हैं। साथ ही आप इनमें घी, नट्स, ड्राई फ्रूट्स, और मसाले जैसे इलायची, सौंफ, केसर और जायफल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जो कि इम्यूनिटी बूस्टर हैं।

दालचीनी का पानी

दालचीनी की तासीर बेहद गर्म होती है। ऐसे में अगर आप सर्दी के मौसम में सुबह दालचीनी का पानी पिएंगे, तो इससे आपको गर्माहट मिलेगी। इसके साथ ही दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण भी पाए जाते हैं। रोजाना दालचीनी का पानी पीने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी और आपको सर्दी-जुकाम नहीं लगेगी। दालचीनी का पानी पीने से आपका पाचन और मेटाबॉलिज्म में भी सुधार होगा। इसके लिए आप एक गिलास पानी में दालचीनी का टुकड़ा डालें। इसे अच्छी तरह से उबाल लें और फिर पानी को छानकर पी लें।

गुड़

गुड़ एक नेचुरल स्वीटनर है। यह हमारे गले के आंतरिक अस्तर पर एक परत बनाकर गले की जलन को शांत करता है और खराश में कमी लाता है। यह ब्लड वेसल्स को भी पतला करता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। सर्दियों में रोज रात को सोने से पहले इसे खाना शरीर में गर्माहट पैदा करता है।
तुलसी

सर्दियों में तुलसी खाना या इसका रेगुलर इस्तेमाल करना आपको कई बीमारियों से बचाए रख सकता है। ऐसा इसलिए कि इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण होते हैं। ये वायरल संक्रमणों से लड़ने, विशेष रूप से सर्दियों में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ शरीर को अंदर से गर्म रखने का काम करते हैं।

लहसुन

ताजा लहसुन में एलिसिन होता है, जो कि प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। ये रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। ये एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है, जो सर्दियों में होने वाले हड्डियों के दर्द से आपको बचाए रख सकता है। इसे आप चटनी और सूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

बाजरा

सर्दियों के मौसम में बाजरे का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ-साथ शरीर को गर्म रखने में भी मदद करता है। साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के लिए भी यह काफी फायदेमंद हो सकता है।

पपीता

पपीता सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सुबह उठकर पपीता खाना सेहत के लिए लाभकारी होता है। पपीता में फाइबर, विटामिन्स और फोलेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इससे आपको पर्याप्त एनर्जी और ऊर्जा मिलेगी। पपीता खाने से पाचन में भी सुधार होता है। इसलिए हेल्दी और फिट रहने के लिए आप सुबह उठकर पपीता खा सकते हैं।

अंडा

सर्दियों में सुबह अंडा खाना काफी लाभकारी होता है। रोजाना सुबह उठने के बाद अंडा खाने से आपको पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलेगा। साथ ही आपका पेट भी लंबे समय तक भरा हुआ रहेगा। अंडे की तासीर भी गर्म होती है। ऐसे में सर्दियों में अंडा खाने से आपको गर्माहट मिलेगी, आपकी इम्यूनिटी बढ़ेगी। हर दिन अंडा खाने से आप सर्दियों में फिट और हेल्दी बने रह सकते हैं। अगर आपका वजन अधिक है, तो आप सिर्फ अंडे का सफेद हिस्सा खा सकते हैं।

सब्जियों का जूस

सर्दियों में सुबह उठकर सब्जियों का जूस पीना काफी फायदेमंद होता है। सब्जियों में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए आप सर्दियों में गाजर और चुकंदर का जूस पी
टमाटर सूप (Tomato Soup)यह सूप के सबसे लोकप्रिय प्रकारों में से एक है और इसे ही ज्यादातर दुनिया भर के लोगों द्वारा पसंद किया जाता है।
टमाटर के सूप में विटामिन E, A, C, K और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो हमें स्वस्थ रखता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

शहद

गर्मियों में शहद का सेवन करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। लेकिन सर्दियों के लिए यह अच्छा विकल्प है और साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने वाले कई गुण इसके अंदर मौजूद होते हैं, जो बेहद फायदा देते हैं।

हेल्दी मॉर्निंग ड्रिंक्स

जिस तरह आप गर्मी के मौसम में मॉर्निंग ड्रिंक्स पीते हैं, उसी तरह सर्दियों में भी हेल्दी ड्रिंक्स पीना बहुत जरूरी होता है। आप रोज सुबह उठकर जीरा पानी, नारियल पानी, मेथी का पानी या फिर शहद का पानी पी सकते हैं। इसके अलावा आप सर्दियों में नींबू का पानी, काली मिर्च का पानी पी सकते हैं। इससे आपका पाचन सही होगा, बॉडी डिटॉक्स होगी और आपकी इम्यूनिटी भी बढ़ेगी।
हर्बल ड्रिंक जैसे ग्रीन टी, लेमन टी, अदरक और तुलसी की चाय का सेवन करें क्योंकि ये आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करेंगे और स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छे हैं।
सर्दियों में स्वस्थ रहने के लिए कुछ टिप्स विटामिन C से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने की कोशिश करें, क्योंकि इस मौसम में हमारी त्वचा शुष्क हो जाती है और खट्टे पदार्थ त्वचा और बालों के लिए अच्छे होते हैं।
अपने कार्ब्स को खर्च करें, क्योंकि हम इस मौसम में बहुत कुछ खाते हैं और अपने वजन को बनाए रखने और फिट रहने के लिए आवश्यक है की, आप अपने शरीर में मौजूद वसा को घटायें इसके लिये हमेशा कुछ व्यायाम करें।
ढेर सारा पानी पियें, यह आपको हाइड्रेटेड रखेगा और इससे आपकी त्वचा स्वस्थ रहेगी।
सर्दियों में अपने आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड शामिल करें, क्योंकि यह डिप्रेशन को कम करता है, जो आमतौर पर सर्दियों में देखा जा सकता है। मछली, बीज वाले भोज्य पदार्थों और नट्स में ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्रचुर मात्रा होती है।
धूप में बैठें, क्योंकि हमारे शरीर के लिए विटामिन D बहुत आवश्यक होता है और यह किसी भी भोजन में नहीं पाया जाता, क्योंकि हमारा शरीर इसे कोलेस्ट्रॉल से बनाता है। जब पराबैंगनी किरणें हमारे शरीर को छूती हैं, तो त्वचा कोशिकाओं में कोलेस्ट्रॉल की उपस्थिति से विटामिन D बनाती है। इसलिए हमेशा धूप में कुछ समय बिताने की कोशिश करें।
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मालकांगनी जड़ी बूटी के फायदे और नुकसान




  भारत देश में सालों से आयुर्वेद का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा के तौर पर किया जाता रहा है। इसके पीछे का कारण है यहां मौजूद अनगिनत जड़ी बूटियां, जिनका इस्तेमाल कई शारीरिक समस्याओं के इलाज के लिए फायदेमंद माना जाता है। मालकांगनी भी उन्हीं में से एक है।
 मालकांगनी  एक जड़ी बूटी है, जिसके बीज, फल, जड़, पत्ते आदि इस्तेमाल में लाए जाते हैं। मालकांगनी का सेवन सेहत को कई लाभ पहुंचाता है। क्योंकि मालकांगनी औषधीय गुणों से भरपूर होता है, मालकांगनी का सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं भी दूर होती है। क्योंति मालकांगनी में सोडियम, मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम, पोटेशियम, कैल्शियम, मैंगनीज, आयरन, कॉपर, तांबा जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिहाज से काफी फायदेमंद साबित होते हैं।
 स्वास्थ के लिए मालकांगनी के फायदे कई सारे हैं। यहां हम उन्हीं फायदों के बारे में क्रमवार तरीके से बताने वाले हैं, लेकिन उससे पहले हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि मालकांगनी को किसी भी गंभीर समस्या का संपूर्ण इलाज समझने की भूल न करें।

मस्तिष्क के लिए लाभकारी





मालकांगनी को दिमाग के लिए बेहद लाभकारी माना गया है। इस पर हुए शोध में साफ तौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के इलाज और सीखने एवं याददाश्त को बढ़ाने के लिए मलकांगनी का उपयोग कई सालों से किया जाता रहा है । दरअसल, आयुर्वेद के अनुसार ज्योति का मतलब होता है ज्ञानोदय, और मती का अर्थ होता है मस्तिष्क की कार्यप्रणाली। बताया जाता है कि यह मध्य गुण यानी स्मृति शक्ति में सुधार करता है। इसके पीछे नूट्रोपीक  संज्ञानात्मक कार्य में सुधार करने वाला प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है
इसके अलावा, मालकांगनी में सेडेटिव  दिमाग को शांत करने वाला  गुण भी मौजूद होता है। यही वजह है कि मालकांगनी की जड़ों और बीजों से बने काढ़े को ब्रेन टॉनिक के रूप में जाना जाता है। यही नहीं, ज्योतिषमति को सिरदर्द की समस्या और अवसाद की समस्या को भी कम करने में लाभकारी माना गया है

गठिया में उपयोग





नर्वस सिस्टम के लिए भी मालकांगनी के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, ज्योतिषमती के बीज से निकाले गए तेल को केंद्रीय तंत्रिका तंत्र  बेहद प्रभावी माना गया है। इस पर हुए शोध बताते हैं कि इसके पाउडर का इस्तेमाल पानी के साथ मिलाकर तंत्रिका संबंधी विकारों के इलाज के किया जा सकता है । इसके अलावा, मालकांगनी के तेल पर हुए एक अन्य शोध में यह पाया गया है कि मलकंगनी का तेल एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रदर्शित कर सकता है, जो हाड्रोजन प्रोक्साइड  के खिलाफ न्यूरोनल कोशिकाओं पर एक सुरक्षात्मक प्रभाव दिखा सकता है

आंखों के लिए

मालकांगनी का उपयोग आंखों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि अगर आप मालकांगनी के तेल से पैर के तलवों की मालिश करते हैं, तो इससे आंख संबंधी समस्या दूर होती है और आंखों की रोशनी  भी तेज होती है।


संक्रमण के लिए

मालकांगनी के फायदे संक्रमण से बचाव के लिए भी देखे जा सकते हैं। इससे संबंधित शोध में बताया गया है कि मालकांगनी में एंटी बैक्टीरियल गुण (बैक्टीरिया से लड़ने वाला) के साथ-साथ एंटी वायरल (संक्रमण से लड़ने वाला) गुण भी मौजूद होते हैं . इस आधार पर यह माना जा सकता है कि संक्रमण से बचाव के लिए मालकांगनी का उपयोग फायदेमंद हो सकता है।

गठिया में उपयोग

गठिया  की शिकायत होने पर जोड़ों में दर्द और सूजन की शिकायत हो जाती है, जिसकी वजह से उठने- बैठने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अगर आप मालकांगनी का सेवन करते हैं, तो यह काफी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि मालकांगनी के अर्क में एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण पाए जाते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

मासिक धर्म विकार के लिए

महिलाओं को मासिक धर्म के समय काफी दर्द और ऐंठन की शिकायत रहती है, इसलिए ऐसे में अगर महिलाएं मालकांगनी के सूखे पत्तों का सेवन करती हैं, तो इससे दर्द और ऐंठन की शिकायत से काफी हद तक छुटकारा मिलता है।

बालों के लिए





मालकांगनी तेल के उपयोग में बालों की देखभाल भी शामिल है। इससे संबंधित एक शोध में बताया गया है कि मालकांगनी तेल का उपयोग गुजरात में बालों की देखभाल के लिए किया जाता रहा है। मालकांगनी तेल के उपयोग से बालों को सिल्की बनाए रखने में मदद मिल सकती है .इसके अलावा, एक अन्य शोध से यह पता चलता है कि बालों को सफेद होने से बचाने के लिए मालकांगनी बीज के फायदे भी देखे जा सकते हैं। इसके लिए खीर के साथ घी में ऊबला हुआ मालकांगनी के बीज का सेवन करने की सलाह दी जाती है। बताया जाता है कि इसके सेवन से बालों के समय से पहले सफेद होने की समस्या को कम किया जा सकता है

दर्द से राहत पाने के लिए

दर्द से राहत पाने के लिए भी मालकांगनी के बीज लाभ देखे जा सकते हैं। बताया जाता है कि मालकांगनी के बीज का तेल शरीर पर लगाने से बदनदर्द से राहत मिल सकती है। साथ ही यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने में भी मददगार साबित हो सकता है। यही नहीं, जोड़ों में दर्द की समस्या में भी मालकांगनी तेल के लाभ देखे जा सकते हैं .इसकी पीछे का कारण इसमें मौजूद एनालेजेसिक यानी दर्द से राहत दिलाने वाले गुण को जिम्मेदार माना जा सकता है

त्वचा के लिए-





मालकांगनी के तेल का उपयोग त्वचा  के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि मालकांगनी के तेल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी एजिंग गुण पाए जाते है, इसलिए अगर आप त्वचा पर मालकांगनी के तेल का उपयोग करते हैं, तो इससे झुर्रियों की शिकायत दूर होती है।

फिस्टुला के लिए

शरीर के दो अंगों को जोड़ने वाले अप्राकृतिक और असामान्य जोड़ को फिस्टुला कहा जाता है। यह किसी चोट, सर्जरी, सूजन या संक्रणम के कारण हो सकता है, जो शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है . ऐसे में मालकांगनी तेल का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है। इससे संबंधित एक शोध में साफतौर से बताया गया है कि फिस्टुला में मालकांगनी तेल लगाने से आराम मिल सकता है 

मालकांगनी के नुकसान

1- गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) को मालकांगनी का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
2- मालकांगनी का अधिक मात्रा में सेवन उल्टी (Vomiting) का कारण बन सकता है।

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2.12.23

सर्दियों में अमरूद खाने के चौंकाने वाले फायदे !, Amrud ke fayde







सर्दि‍यों के मौसम में बाजार में अमरूद आसानी से मिल जाते हैं। वैसे तो ये गर्म और शुष्क दोनों जलवायु में पाया जाता है, मगर सर्दि‍यों में ये ज्यादा पाए जाते हैं। अमरूद सेहत के लिए काफी अच्छा होता है। इसमें विटामिन-सी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन-ए और बी भी इसमें पाए जाते हैं। इसमें लोहा, चूना और फॉस्फोरस भी ज्यादा मात्रा में होते हैं।अमरूद में पाए जाने वाला मैग्नीशियम मांसपेशियों को मजबूत और राहत देने का काम करते हैं. इसको खाने से तनाव भी कम होता है. अगर आप अवसाद से पीड़ित हैं तो इसका सेवन जरूर करें.

वजन कम करने में भी अमरूद बहुत कारगर

वजन कम करने में भी अमरूद बहुत कारगर होता है. इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती हो जो वजन को बढ़ने नहीं देती है. वहीं, अमरूद खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बूस्ट होती है. इससे आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. इसे गर्भावस्था के दौरान भी खा सकती हैं.

 डायबिटीज से बचाता है

अमरूद डायबिटीज से बचाता है। इसमें रिच फाइबर कंटेंट और लो ग्लायसेमिक इंडेक्स पाया जाता है। लो ग्लायसेमिक इंडेक्स अचानक शुगर लेवल बढ़ने से रोकता है। वहीं, फाइबर्स के कारण शुगर अच्छे से रेगुलेट होती रहती है।

डाइजेशन –

सर्दियों में अमरूद खाने का सबसे बड़ा फायदा पाचन में सुधार से मिलता है. फाइबर से भरपूर होने के चलते अमरूद पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है और इससे कब्ज से भी राहत मिलती है. अमरूद विटामिन सी का भी अच्छा सोर्स है. स्टडीज में पाया गया है कि अमरूद की पत्तियों का रस डायरिया में काफी फायदा पहुंचाता है. अपनी डाइट में अमरूद को शामिल कर इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से भी राहत पाई जा सकती है.

कब्ज में मिलता है आराम

खराब दिनचर्या, गलत खानपान के चलते आजकल कब्ज आम समस्या हो गई है। अगर आप भी कब्ज की समस्या से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं, तो रोजाना अमरूद का सेवन कर सकते हैं। सर्दी में अमरूद खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसमें डाइटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके लिए डॉक्टर रोजाना सुबह में अमरूद खाने की सलाह देते हैं ।

वजन कंट्रोल होता है

अगर आप बढ़ते वजन से परेशान हैं और तेजी से वजन कंट्रोल करना चाहते हैं, तो अमरूद का सहारा ले सकते हैं। अमरूद के सेवन से बढ़ते वजन को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें डाइटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। साथ ही क्रेविंग की समस्या से भी निजात मिलता है।

इम्यून सिस्टम मजबूत होता है

कोरोना काल में इम्यून सिस्टम मजबूत रहना जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर विटामिन सी रिच फूड खाने की सलाह देते हैं। अगर आप भी इम्यून सिस्टम को मजबूत करना चाहते हैं, तो अमरूद का सेवन जरूर करें। इसके सेवन से सेहत पर अनुकूल असर पड़ता है।

 शरीर को पहुंचाता है ताकत

अच्छी तरह पके नरम और मीठे अमरूदों को मसलकर दूध में फेंट लें। इसके बाद छानकर इसके बीज निकाल दें। आवश्यकतानुसार शक्कर मिलाकर सुबह सुबह 21 दिन तक लेने से शरीर में काफी ताकत आती है।

बवासीर में असरदार

सुबह खाली पेट 200-300 ग्राम अमरूद का नियमित रूप से सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है। पके अमरुद खाने से पेट का कब्ज खत्म होता है। इससे बवासीर में काफी फायदा पहुंचता है। कुछ दिनों तक रोजाना सुबह खाली पेट 250 ग्राम अमरूद खाने से बवासीर ठीक हो जाती है। बवासीर को दूर करने के लिए सुबह खाली पेट अमरूद खाना सबसे अच्छा होता है


 पेट दर्द में पहुंचाता है फायदा

नमक के साथ पके हुए अमरूद को खाने से आराम मिलता है। इसके पेड़ के 50 ग्राम पत्तों को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। अमरूद के पेड़ की पत्तियों को बारीक पीसकर काले नमक के साथ चाटने से भी आराम होता है। अमरूद के फल की फुगनी यानि कि इसके फल के नीचे वाले छोटे पत्ते में थोड़ी सी मात्रा में सेंधा नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पीने से पेट का दर्द खत्म हो जाता है। 250 ग्राम अमरूद भोजन करने के बाद कुछ देर बाद खाने से कभी पेट की कोई समस्या नहीं होती है। कब्ज की शिकायत रहने वाले लोगों को खाना खाने से पहले अमरूद खाना चाहिए।अमरूद में पाए जाने वाला मैग्नीशियम मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने और होने वाले दर्द से राहत देने का काम करते हैं. इसको खाने से तनाव भी कम होता है. अगर आप अवसाद से पीड़ित हैं तो इसका सेवन जरूर करें.
अमरूद खाने से आपकी आंखों की भी सेहत अच्छी होती है. यह फल विटामिन-ए, सी व फोलेट से समृद्ध होता है. साथ ही इसमें जिंक और कॉपर जैसे तत्व भी पाए जाते हैं. जिन लोगों को कम उम्र में आंखों की समस्या होती है उनको तो इसे जरूर आहार में शामिल कर लेना चाहिए.

नुकसान 

सर्दी होने या जुखाम होने पर अमरूद का सेवन भी आपको नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी तासीर काफी ठंडी होती है. दरअसल, खाली पेट अमरूद खाने से पेट में दर्द इसलिए होता है, क्योंकि अमरूद के बीज खाली पेट में जाकर आसानी से नहीं पचते हैं और इस वजह से पेट में दर्द हो सकता है

अमरूद फल के तौर पर खाएं: 

अपनी भूख के अनुसार 1-2 अमरूद एक दिन में खाए जा सकते हैं।

अमरूद खाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

अमरूद को खाली पेट छोड़कर किसी भी समय खाना चाहिए। यह बात केले पर भी लागू होती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यदि आपके शरीर को इन फलों के लाभों को प्राप्त करने की आवश्यकता है, तो इसे पचाने और साथ में मिश्रण करने के लिए आपके पेट में कुछ भोजन होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इसका सेवन खाना खत्म करने के 30 मिनट बाद ही करना चाहिए।
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1.12.23

खाली पेट हींग का सेवन: पेट के विकार, ब्लड प्रेशर ,श्वासरोग ,सिरदर्द की अमोघ औषधि



मित्रों ,घरेलू आयुर्वेद से रोगों की चिकित्सा के विडिओ की शृंखला मे आज का टॉपिक है "खाली पेट हींग का सेवन: पेट के विकार, ब्लड प्रेशर ,श्वासरोग ,सिरदर्द  की अमोघ औषधि "
   हींग काफी लंबे वक्त से हमारी पारंपरिक रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। दाल और सब्जियों में तड़का लगाने से लेकर बिरयानी में भी हींग का प्रयोग किया जाता है। हींग की खुशबू हमारे जायके को और भी लजीज बना देती है और साथ ही इसके कई स्वस्थ्य लाभ भी हैं। हींग में कई बीमारियों को दूर करने के गुण पाए जाते हैं।
हींग सदियों से पारंपरिक चिकित्सा का हिस्सा भी रही है।  हींग में एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होते हैं। यही एक कारण है कि हींग को देवताओं का भोजन भी कहा जाता है। 
  हींग खाने से कई बीमारियों में आराम मिल सकता है, जैसे कि पाचन संबंधी समस्याएँ (कब्ज, गैस, अपच), श्वसन संबंधी समस्याएँ (खांसी, अस्थमा), और दर्द (सिरदर्द, जोड़ों का दर्द)। इसके अलावा, हींग रक्तचाप को नियंत्रित करने और रक्त संचार को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है. 

पीरियड में उठने वाले दर्द

हींग मासिक धर्म यानी पीरियड में उठने वाले दर्द (menstrual pain) के लिए एक सही विकल्प है। यह प्रोजेस्टेरोन स्राव को बढ़ाने में मदद करती है जो रक्त प्रवाह को और आसान बनाता है और दर्द और ऐंठन से राहत देता है।
अपने एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, हींग खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करती है। यह छाती की जकड़न को दूर करती है।

सिरदर्द में फायदेमंद




  सिर दर्द को कम करने के लिए हींग और घी का लेप फायदेमंद हो सकता है। सिरदर्द होने पर हींग और घी को मिक्स कर लें। इसके बाद इसे अपने सिर पर लगाएं और कुछ देर के लिए छोड़ दें। इससे आपको काफी रिलैक्स महसूस होगा, जो सिर के दर्द को कम कर सकता है।
  सिरदर्द की समस्या में हींग का खाली पेट सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। हींग में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सिरदर्द की समस्या कम करने और सूजन से छुटकारा दिलाने में बहुत फायदेमंद होते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप डॉक्टर की सलाह लेकर हींग का सेवन कर सकते हैं।
  गर्म दूध में हींग के कुछ टुकड़े मिलाकर इसका सेवन करने से आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को लाभ मिलते हैं। इसका रोजाना एक या दो बार सेवन किया जा सकता है। यह एसिडिटी और गैस को कम करने में मदद करती है।

ब्लड प्रेशर रेगुलेट करने में फायदेमंद





ब्लड प्रेशर की समस्या में हींग का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है, लेकिन इसका सेवन सिर्फ डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही करना चाहिए। हींग में मौजूद गुण शरीर में ब्लड क्लॉट होने से रोकते हैं और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में फायदेमंद होते हैं। रोजाना सुबह के समय हींग का पानी पीने से ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने में फायदा मिलता है।
हींग एक प्राकृतिक ब्लड थिनर के रूप में भी जानी जाती है, जो रक्तचाप के स्तर (blood pressure level) को कम करने में मदद करती है। साथ ही, हींग में एक यौगिक होता है जो रक्त के थक्कों यानी ब्लड क्लॉटिंग को बनने से रोकता है।

वजन घटाने के लिए




बटरमिल्क यानी छाछ आपके पाचन स्वास्थ्य और वजन घटाने के लिए बेहद फायदेमंद है। एक गिलास छाछ में एक चुटकी हींग मिलाकर पीने से आपकी सेहत को और अधिक लाभ मिल सकते हैं। गैस्ट्रिक समस्याओं के लिए, आप दिन में एक या दो बार खाना खाने के ठीक बाद हींग वाला एक गिलास छाछ पी सकते हैं। महिलाएं अपने पीरियड्स के दौरान भी इसका सेवन कर सकती हैं जिससे दर्द और ऐंठन को कम करने में भी मदद मिल सकती है।

पुरुषों के लिए हींग के फायदे





नपुंसकता और शीघ्रपतन में हींग के फायदे देखने को मिलते हैं। जिन पुरुषों को शीघ्रपतन और नपुंसकता की समस्या है उन्हें हींग का सेवन आवश्य करना चाहिए। आप हींग पाउडर को एक ग्लास गुनगुने पानी डालकर पी सकते हैं। इससे शरीर में रक्त संचार तेज होता है। यह खांसी और ब्रोंकाइटिस के लिए भी अच्छा होता है। इसके लिए आप हींग पाउडर में आधा चम्मच अदरक का रस और शहद को मिलाकर खा सकते हैं।

पाचन के लिए फायदेमंद

हींग का सेवन पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। हींग में मौजूद गुण अपच की समस्या में बहुत फायदेमंद होते हैं। खाली पेट एक चुटकी हींग खाने से आपको पेट से जुड़ी परेशानियों में फायदा मिलेगा। अपच या पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए आप डॉक्टर की सलाह पर हींग का सेवन कर सकते हैं।

सांस से जुड़ी परेशानियों में फायदेमंद

सांस से जुड़ी परेशानियों में हींग का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। हींग में एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस की समस्या में बहुत फायदेमंद होते हैं। सांस लेने में परेशानी और जकड़न की समस्या में खाली पेट हींग का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। अपने एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, हींग खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। यह छाती की जकड़न को दूर करता है।
    हींग का पानी पेट की समस्याओं में रामबाण की तरह काम करता है. औषधीय गुणों से भरपूर यह पानी कई बीमारियों से शरीर को सुरक्षित रखता है. गैस, बदहजमी, कब्ज जैसी समस्याओं को हींग का पानी  झट से दूर कर सकता है. वजन कम करना हो, हार्ट की बीमारी से बचना हो तो हींग पानी फायदेमंद होता है. 
 एक अध्ययन मे बताया गया है की  कैंसर और डायबिटीज के मरीजों को भी हींग का पानी लाभ पहुंचा सकता है.
 ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप अपने डेली रूटीन में हींग का सेवन कर सकते हैं। 
  हींग का पानी रोजाना पीना हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा। इसके लिए आप एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच हींग डालकर मिलाएं। इसे खाली पेट पीने से पाचन संबंधी समस्याओं  से राहत मिलती है। 
    पेट में ब्लोटिंग या गैस की समस्या से अगर आप परेशान रहते हैं तो हींग का सेवन जरूर करें। खाली पेट हींग के सेवन से ब्लोटिंग और गैस की समस्या से आराम मिलता है।
  हींग के सेवन से ब्लड प्रेशर की समस्या में भी फायदा मिलता है। खाली पेट हींग का पानी पीने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रह सकता है। 
एंटी-इंफ्लेमेटरी गणों से भरपूर हींग के सेवन से सिरदर्द में आराम मिलता है। इसके साथ ही सूजन की समस्या में भी हींग फायदा करती है।
खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस की समस्या में भी हींग का सेवन फायदेमंद साबित होता है। 

हींग और काला नमक खाने से क्या होता है?

हींग और काले नमक में मौजूद गुण मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का काम करते हैं. पानी के साथ हींग और काला नमक मिलाकर पीने से मेटाबॉलिज्म की दर बढ़ जाती है, इससे पाचन से जुड़ी कई दिक्कतें दूर हो जाती हैं. काला नमक और हींग का पानी बॉडी को डिटॉक्स करने का काम करता है. इस पानी को पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है.

बुखार होने पर छोटे बच्चों को कैसे लगाएं हींग की पट्टी?

यदि आपके घर में किसी छोटे बच्चों को बुखार हो गया है, तो हींग का लेप या फिर हींग की पट्टी लगाएं। इसका प्रयोग करने के लिए सबसे पहले 1 छोटी सी कटोरी लें, इसमें थोड़ा सा हींग और पानी की कुछ बूंदों को डालकर इसे लेप की तरह तैयार कर लें। इसके बाद एक कागज का टुकड़ा लें। अब इसे गोल आकार में काट लें और फिर इसे हींग के लेप में डुबोएंं। इसके बाद इसे अपने बच्चे के सिर के दोनों ओर लगाएं और रातभर के लिए छोड़ दें। धीरे-धीरे बच्चे के शरीर का तापमान कम हो जाता है।

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26.11.23

पिंड खजूर सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं







खजूर का सेवन तो हम सभी करते हैं। कुछ लोग सूखे खजूर यानी छुहारा खाना पसंद करते हैं, वहीं कुछ लोग ताजे खजूर खाना पसंद करते हैं। आप खजूर का सेवन किसी भी रूप में करें, ये सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी पिंड खजूर का सेवन किया है? हम में से ज्यादातर लोग पिंड खजूर का सेवन करते हैं। यह थोड़े गीले और रस से भरपूर होते हैं, जिससे यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगते हैं। लेकिन ये सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, सेहत के लिए बहुत फायदेमंद भी होते हैं।
पिंड खजूर में सेहत के लिए जरूरी कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह विटामिन बी, डाइट्री फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, आयरन, कॉपर और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत है। जिससे यह न सिर्फ शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करने में सहायक है, बल्कि अद्भुत फायदे भी प्रदान करता है

वजन प्रबंधन में करे मदद:

 डाइट्री फाइबर से भरपूर पिंड खजूर बेहतरीन स्नैक हैं। यह क्रेविंग को कंट्रोल करते हैं और पाचन को बढ़ावा देते हैं। मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मददगार हैं, साथ ही भूख को भी नियंत्रित रखते हैं। जिससे यह शरीर में स्वस्थ वजन को बनाए रखने में मदद करते हैं।

त्वचा और बालों को रखे हेल्दी: 

खून की कमी दूर करने और प्रोटीन से भरपूर होने के कारण यह आपकी त्वचा और बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह त्वचा में नेचुरल ग्लो लाता है और बालों की कई समस्याओं को दूर करता है।

अच्छी आती है नींद: 

यह चिंता, तनाव और थकान को दूर करने में लाभकारी है और शरीर को ऊर्जावान बनाता है। यह आपको रात में बेहतर नींद लेने में मदद करता है और अनिद्रा से छुटकारा दिलाता है।

आर्थराइटिस के रोगियों को खाना चाहिए

खजूर में मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है। इसलिए आर्थराइटिस के रोगियों को काफी लाभ मिलता है। खजूर में पोटैशियम, बोरोन, कैल्शियम, कोबाल्ट, कॉपर, फ्लोरीन, मैंगनीज, फॉस्फोरस, सोडियम और जिंक जैसे 15 मिनरल्स होते हैं।

जो सेब, केले, संतरे में नहीं, वो केवल खजूर में

खजूर में पाए जाने वाले प्रोटीन में 23 तरह के एमिनो एसिड पाए जाते हैं। इनमें से कुछ एमिनो एसिड संतरे, सेब और केले में भी नहीं मिलता। खजूर में विटामिन C, B1 थाईमीन, B2 राइबोफ्लेविन, नायसीन और विटामिन A की प्रचुर मात्रा रहती है।

पेट को रखे स्वस्थ

 फाइबर से भरपूर होने के कारण यह पाचन को बेहतर बनाता है। साथ ही पेट में गैस, कब्ज, अपच, ब्लोटिंग और कई अन्य समस्याओं को दूर करता है। यह आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है और आंत में छालों से बचाता है। सुबह खाली पेट पिंड खजूर का सेवन पेट के लिए बहुत लाभकारी है।

हीमोग्लोबिन बढ़ाता है: 

शरीर में खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में लाभकारी है। आयरन से भरपूर होने की वजह यह रक्त में ऑक्सीजन और लाल रक्त कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देता है।

जिन्हें खून की कमी है वो 3 महीने तक खाएं खजूर

खजूर में आयरन की मात्रा काफी अधिक होती है। जिनमें हीमोग्लोबीन की कमी हो या जिनकी इम्यूनिटी कमजोर हो, उन्हें हर दिन एक खजूर खाना चाहिए। अगर 2 से 3 महीने तक खजूर खाते हैं तो न केवल वजन बढ़ेगा बल्कि शरीर में खून भी बनेगा।

ब्लड प्रेशर रखे कंट्रोल:

 कैल्शियम, पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर पिंड खजूर हाई ब्लड प्रेशर को कम करने और बीपी को सामान्य रखने में भी मददगार हैं।
पिंड खजूर का सेवन सेहत के लिए बहुत लाभकारी है। लेकिन डायबिटीज के रोगियों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें शुगर की मात्रा अधिक होती है। साथ ही इसका अधिक सेवन न करें, दिन 4-5 खजूर से ज्यादा न खाएं।

1 दिन में कितने खजूर खा सकते हैं?

शरीर को जरूरी न्यूट्रिएंट्स देने के लिए हर दिन दो खजूर खाना काफी है। अगर पाचन क्रिया ठीक है तो चार खजूर भी खाए जा सकते हैं। जबकि बच्चों को दिनभर में एक खजूर से अधिक नहीं देना चाहिए। खजूर से बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ती है।

खाली पेट खजूर खाना ज्यादा फायदेमंद

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. दीक्षा भावसार बताती हैं कि खजूर को सही समय पर लिया जाए तो शरीर को अधिक लाभ होता है। आयुर्वेद के अनुसार, खजूर सुबह खाली पेट लेना चाहिए। चूंकि खजूर की तासीर ठंडी होती है इसलिए शरीर में वात और पित्त का बैलेंस बना रहता है।
वैसे एक-दो खजूर को दोपहर में स्नैक्स की तरह ले सकते हैं या जब मीठा खाने का मन करे तब खा सकते हैं। खजूर को भोजन करने के तुरंत बाद नहीं लेना चाहिए। यदि वजन बढ़ाना चाहते हैं तो रात में सोने से पहले घी के साथ खजूर खा सकते हैं।

खजूर को 8-10 घंटे पानी में भिगो कर रखें

खजूर को खाने से पहले उसे 8-10 घंटे पानी में भिगो कर रखें। पानी में रखने से खजूर में मौजूद टैनिंस या फाइटिक एसिड निकल जाते हैं। इससे न्यूट्रिएंट्स ठीक से एब्सॉर्ब हो पाते हैं। पानी में भिगो कर रखने से इसे पचाने में भी आसानी होती है।

अन्य गुण -

दांतों को मजबूती: खजूर में फ्लोरीन होता है जो दांतों को कमजोर होने से बचाता है।

कब्ज करे दूर: खजूर में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, इससे कब्ज की शिकायत दूर होती है।

हार्ट को रखे दुरुस्त: खजूर में मौजूद न्यूट्रिएंंट्स हमारे हार्ट को स्वस्थ रखते हैं।

कोलेस्ट्रॉल करे कम: हर दिन एक खजूर खाने से भी बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है।

हडि्डयों को मजबूती: खजूर को कैल्शियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कॉपर और मैग्नीशियम का पावर हाउस कहा जाता है। इससे हडि्डयों को ताकत मिलती है।

ब्रेन को खुराक: मेंटल हेल्थ को ठीक करता है, अल्जाइमर जैसी बीमारियों को कंट्रोल करने में भी मददगार होता है

स्टैमिना: शरीर की कमजोरी दूर होती है, स्टैमिना बढ़ता है।

पाइल्स में राहत: फाइबर रिच होने के कारण पाइल्स में भी खजूर खाना चाहिए।

हेल्दी प्रेग्नेंसी: आयरन की अधिक मात्रा होने की वजह से प्रेग्नेंट महिलाओं की डाइट में खजूर होना चाहिए।



24.11.23

सर्दियों के मौसम के रोग और उनके घरेलु उपचार








सर्दियों के मौसम में कई समस्याएं दस्तक देनी शुरू हो जाती हैं। शरीर का तापमान अधिक और बाहर का तापमान कम होने के कारण व्यक्ति कई समस्याओं से परेशान हो जाता है। ऐसे में इन समस्याओं से बचाव की जरूरत होती है। सर्दियों में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी काफी ज्यादा परेशान रहते हैं। शुष्क हवाओं के कारण इस मौसम में स्किन फटना बहुत ही आम समस्या है। इसके अलावा सर्दी, जुकामस फ्लू इत्यादि कई अन्य समस्याएं सर्दियों में होती हैं।

खांसी-जुकाम

सर्दियों में खांसी जुकाम होना बहुत ही आम है। लेकिन अगर समय पर इसका इलाज ना हुआ तो आपको अन्य समस्याएं हो सकती हैं। जैसे- नाक बहना, कफ, गले में दर्द, कफ की समस्या इत्यादि। इन समस्याओं से बचाव के लिए आप अपने घर में कुछ घरेलू नुस्खे अपना सकते हैं.

सर्दियों में खांसी-जुकाम होना उपचार -

  खांसी और जुकाम की समस्या से राहत पाने के लिए काली मिर्च, लौंग इलायची, बरहड़, कच्ची हल्दी, अदरक इत्यादि गर्म चीजें लेने से आपको राहत मिलती हैं।

औषधीय गुणों से भरपूर चाय

सर्दी जुकाम के कारण होने वाले गले के दर्द और खांसी में औषधीय गुणों वाली चाय बहुत फायदेमंद होती है। अदरक, तुलसी, काली मिर्च, सोंठ, हल्दी, गुड़, जैसी गुणकारी चीजों को मिलाकर बनी चाय गले की तकलीफ में आराम दिलाती है।

यूरिक एसिड बढ़ना-

यूरिक एसिड की समस्या से ग्रसित लोगों को भी सर्दियों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सर्दियां जैसे ही शुरू होती है, उन्हें अंगूठों में दर्द की शिकायत शुरू हो जाती है। इसके अलावा अगर यूरिक एसिड शरीर में ज्यादा बढ़ जाए, तो घुटनों और जोड़ों में भी दर्द शुरू हो जाता है। इन समस्याओं से बचाव के लिए आप आयुर्वेदिक उपचार का सहारा ले सकते हैं।

यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के घरेलू उपचार - 

   यूरिक एसिड को हम कंट्रोल करने के कई घरेलू उपचार हैं। यदि आप यूरिक एसिड की समस्या से ग्रसित हैं, तो 1 चम्मच काला जीरा लें। इसे अच्छी तरह भूनें। अब इसे पीसकर 1 गिलास गर्म पानी से इसका सेवन करें। ध्यान रहे कि जीरा का सेवन करने से एक घंटा पहले और बाद में कुछ भी ना खाएं।

हाइपोथर्मिया

हाइपोथर्मिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर का तापमान 35 डिग्री के नीचे चला जाता है। इस वजह से शरीर बहुत ही ज्यादा ठंडा होता है। ऐसे मरीजों को घर से बाहर निकलने या फिर पानी छूने में काफी ज्यादा ठंड लगती है। इस वजह से शरीर में थकान, बार-बार पेशाब आना औह थरथराहट जैसा महसूस होता है। इस समस्या का इलाज जल्द ना कराया गया, तो व्यक्ति की मौत हो सकती है। हाइपोथर्मिया से बचने के लिए मरीज को गर्म चीजें खानी चाहिए

हाइपोथर्मिया का घरेलू उपचार -

हाइपोथर्मिया से ग्रसित व्यक्ति को गर्म स्थान पर रखें। उन्हें कंबल या मोटी चीजों से ढककर रखें। ऐसे व्यक्ति के पास आग जलाएं, ताकि उसे गर्मी पहुंचे। स्किन टू स्किन हीट दें। हाइपोथर्मिया के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना ही इसका बचाव है।

अर्थराइटिस

आयुर्वेदाचार्य राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि सर्दियों में हमारा शरीर हीट को काफी ज्यादा कंवर्ज करता है। इससे हृदय और फेफड़ों में ज्यादा रक्त संचार होने लगता है। ऐसे में बांह, घुटने और कंधे की कोशिकाएं काफी ज्यादा सिकुड़ जाती है। जिसके कारण जोड़ों में दर्द और अर्थराइटिस की समस्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है।

अर्थराइटिस की समस्या को दूर करने के घरेलू उपाय - 

सर्दियों में अर्थराइटिस की समस्याओं से बचने के लिए स्वस्थ दिनचर्या को फॉलो करें। सुबह खाली पेट गर्म पानी पिएं। इसमें 1 चम्मच सेब का सिरका डालने से यह आपके लिए और भी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

अस्थमा की समस्या

सर्दियों में सर्द हवाओं की वजह से अस्थमा के लक्षण काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं। इस दौरान गले में घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होने लगती है। ऐसे में अस्थमा के रोगियों ठंड के मौसम में अपना खास ख्याल रखना चाहिए। ठंडियों में हवाओं में एलर्जेंस काफी ज्यादा मौजूद होते हैं, जो अस्थमा के रोगियों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। इस कारण झींक, खांसी और छाती में जकड़न जैसी परेशानी हो जाती है।

गले में खराश

सर्दियों में लोगों को गले में खराश की शिकायत काफी ज्यादा होती है। गले में खराश की वजह से बोलने और खाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। लेकिन इसकी अच्छी बात यह है कि आप घरेलू नुस्खों से गले में खराश की समस्या से निजात पा सकते हैं।
गले में खराश की समस्या से निजात पाने के लिए आप कई तरह के घरेलू नुस्खे आजमा सकते हैं। अदरक और शहद का जूस सबसे असरदार माना जाता है। 1 चम्मच अदरक से जूस में 1 चम्मच शहद मिलाकर पिएं। दिन में 2-3 बार ऐसा करने से आपके गले की खराश दूर हो जाएगी।

अस्थमा का घरेलू उपचार - 

   अस्थमा के रोगियों को सर्दियों में खास ख्याल रखना होता है। बाहर निकलने से पहले हमेशा अपने हाथ, पैर और मुंह को ढककर रखें। पैरों में हमेशा मौजे पहने रहें। चिकित्सक की सलाह पर गर्म चीजों का सेवन करें। रात में सोने से पहले 1 गिलास दूध में 5-6 लहसुन की कलियां डालकर उबालें और इसे पी जाएं। यह दूध अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

ब्रेन स्ट्रोक

सर्दियों में हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा रहता है। खासतौर पर 50 से 60 वर्ष की उम्र के लोगों को इन दिनों काफी ज्यादा परेशानी होती है। अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी समस्याएं हैं, तो सर्दियों में अपना खास ख्याल रखें। आयुर्वेद के कुछ उपचार अपना कर आप ब्रेन स्ट्रोक के खतरे से बच सकते हैं।

ब्रेन स्ट्रोक के खतरे से बचने के लिए घरेलू उपाय- 

ब्रेन स्ट्रोक के खतरे से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपना जरूरी है। खतरे से बचाव के लिए वजन को कम रखें। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराएं। खाने में हरी सब्जियों को शामिल करें। सर्दियों में एक्सरसाइज को स्किप ना करें।

ड्राई स्किन

   सर्दियों में शुष्क हवाओं की वजह से स्किन काफी ड्राई हो जाती है। ड्राई स्किन सेहत पर काफी बुरा असर डाल सकती है। ऐसे में आपको स्किन ड्राई होने से पहले कुछ घरेलू उपाय अपनाने चाहिएं।

ड्राई स्किन से बचाव के घरेलू उपाय - 

 रात को सोने से पहले अपने चेहरे और हाथ-पैरों को सरसो तेल से मालिश करें। इससे आपको अच्छी नींद भी आएगी। साथ ही ड्राई स्किन से भी छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा अगर आपकी होंठ फटती है, जो नाभि में 1 बूंद तेल डालकर सोएं। यह आपके लिए फायदेमंद है।

हाई-ब्लड प्रेशर

सर्दियों में हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ने की काफी संभावना होती है। इसका प्रमुख कारण कम शारीरिक एक्टिविटी और अधिक खानपान है। हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने से शरीर में कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए सर्दियों में हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने से बचने के लिए नियमित रूप से योगा और एक्सरसाइज करें।

घरेलू उपाय-

 हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को खाने में नमक की मात्रा कम रखनी चाहिए। सर्दियों में अपने शरीर को एक्टिव रखें। सुबह खाली पेट मेथी और अजवाइन का पानी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

जावित्री और जायफल


रसोई के मसालों में मौजूद जायफल और जावित्री औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इनमें एंटी.इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। छाती में जमा कफ और जुकाम से निपटने के लिए जायफल और जायपत्री को बराबर मात्रा में पीसकर पीसकर शहद के साथ बच्चों को चटाने से आराम मिलता है।


अदरक, हल्दी और पुराना गुड़

गले में जमा कफ और बंद नाक बच्चों की परेशानी का कारण बनने लगता है। इससे निजात पाने के लिए 1 इंच अदरक को 1 चुटकी हल्दी और पुराने गुड़ के साथ दूध में उबालें। कुछ देर बॉइल करने के बाद ठण्डा करके बच्चे को पिला दें। इससे बच्चे को जल्द राहत मिलने लगती है।

अजवाइन और लहसुन का तेल

अजवाइन और लहसुन की तासीर गर्म होने से उन्हें सरसों के तेल में कुछ देर पकाकर चेस्ट और पैरों पर लगाने से बेहद फायदा मिलता है। अगर आप ओवर द कांउटर मेडिसिन से परेशान हैं, तो कुछ आसान नुस्खे इस समस्या को हल कर सकते हैं। आधा कप सरसों के तेल को अच्छी तरह से पकाकर उसमें पिसा हुआ लहसुन और 1 चम्मच अजवाइन का मिलाएं और पकने दें। इससे ठण्ड, खांसी और जुकाम की समस्या अपने आप हल हो जाती है। रात को सोते वक्त इसे लगाकर कुछ देर के लिए पंखा बंद कर दें।

अदरक का रस और शहद

 गले में होने वाली खराब को कम करने के लिए एंटी इंफलामेटरी गुणों से भरपूर अदरक का प्रयोग फायदेमंद साबित होता है। इसके लिए 1 इंच को कसकर उसका रस निकाले लें। आधा चम्मच अदरक के रस में 2 से 3 बूंद शहद की टपकाएं और बच्चे को खाने के लिए दें। ध्यान रखें कि इसका सेवन धीरे धीरे करें। अन्यथा शहद गले में चिपकने का भय रहता है।

मुलेठी का पानी

गले में बढ़ने वाली खराश और कफ की समस्या को दूर करने के लिए मुलेठी का सेवन अवश्य करें। इसमें मौजूद औषधीय गुण प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ बनाए रखते हैं। जो विटामिन, आयरन और फासफोरस से भरपूर है। इसे चबाकर भी खा सकते हैं। इसके अलावा आधा चम्मच मुलेठी के पाउडर को पानी में उबालकर पीने से भी राहत मिल जाती है। बच्चों को 1 चौथाई कप मुलेठी का हल्का गुनगुना पानी पीने के लिए दें। इससे खांसी और चंस्ट कंजेशन की समस्या से बचा जा सकता है।