27.6.19

लालमिर्च खाने के फायदे और नुकसान



लाल मिर्च लगभग हर घर की रसोई में पाया जाता है और भोजन एवं व्यंजनों में इसका प्रयोग किया जाता है। यह एक तरह से मसाले का कार्य करता है और भोजन के स्वाद को बढ़ा देता है। लाल मिर्च को पोषक तत्वों का पावर हाउस कहा जाता है। यह भोजन के स्वाद को बढ़ाने के साथ ही औषधिक गुणों से भी युक्त होती है। इसमें कई तरह के केमिकल कंपाउंड मौजूद होते हैं जो शरीर के विभिन्न विकारों को दूर करने में सहायक होते हैं। लाल मिर्च कॉपर, मैग्नेशियम, आरयल, मैगनीज और पोटैशियम जैसे खनिजों का अच्छा स्रोत है। साथ ही इसमें विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन ई और विटामिन k भी पाए जाते है।
रेड चिली/लाल मिर्च सोलेनेसी कुल का सदस्या है और कैप्सिकम नामक पौधे का एक फल है। माना जाता है कि लाल मिर्च मैक्सिको की उपज है इसके बाद यह भारत में आयी। लाल मिर्च में कैप्सीकिन एक सक्रिय क्षार पाया जाता है जिसके कारण यह स्वाद में तीखा होता है। यह कच्चा, सूखा और पाउडर आदि रूपों में इस्तेमाल किया जाता है। लाल मिर्च मसालेदार स्वाद वाला होता है और इसमें उच्च मात्रा में विटामिन सी और कैरोटीन पाया जाता है। इसके अलावा इसमें विटामिन ए, विटामिन बी सहित एंटीऑक्सीडेंट भी मौजूद होते हैं।
लाल मिर्च लाल रक्त कोशिकाएं बनाने में सहायक
शरीर में आयरन की कमी के कारण एनीमिया और थकान की समस्या होती है। लाल मिर्च में कॉपर और आयरन पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जो नई रक्त कोशिकाएं बनाने में मदद करता है। लाल मिर्च में फॉलिक एसिड भी पाया जाता है जो शरीर में लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण करता है और खून की कमी को दूर करता है।
लाल मिर्च हृदय रोगों से बचाने में फायदेमंदशरीर में विभिन्न क्रियाओं के संचालन में पोटैशियम नामक खनिज की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लाल मिर्च में पोटैशियम काफी मात्रा में पाया जाता है जो इन कार्यों में सहायक होता है। फोलेट के साथ पर्याप्त पोटैशियम लेने से हृदय रोगों का खतरा कम हो जाता है। लाल मिर्च में राइबोफ्लैविन और नियासिन भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। नियासिन व्यक्ति के शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और हृदय से जुड़ी बीमारियों के खतरे को कम करता है।


लाल मिर्च फायदेमंद दर्द से राहत दिलाने में
ऑस्टियोआर्थराइटिस और डायबिटिक न्यूरोपैथी के कारण होने वाले दर्द को दूर करने में लाल मिर्च बहुत सहायक होता है। यह संवेदी रिसेप्टर को असंवेदनशील बनता है और एंटीइंफ्लैमेटरी गुण होने के कारण सूजन को कम करने में भी सहायता करता है। भोजन में लाल मिर्च का प्रयोग करने से एथरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) से बचाव होता है।
लाल मिर्च पाउडर के फायदे आंत की बीमारियों में
एंटीबैक्टीरियल एवं एंटी फंगल गुणों से युक्त होने के कारण लाल मिर्च का उपयोग खाद्य संरक्षक  के रूप में किया जाता है। लाल मिर्च में मौजूद कैप्सेकिन एच पाइलोरी  नामक बैक्टीरिया को नष्ट करता है और आंत में सूजन होने की समस्या से बचाता है। इसलिए आंत्र रोगों  से बचने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
लाल मिरची के फायदे स्वस्थ आंखों के लिए
एक रिसर्च में पाया गया है कि प्रतिदिन एक चम्मच लाल मिर्च का सेवन करने से आंखें स्वस्थ रहती हैं। लाल मिर्च में विटामिन ए पाया जाता है जो आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने में मदद करता है और रात में आंखों से न दिखने की समस्या को भी दूर करता है।
लाल मिर्च खाने के फायदे लंबी उम्र के लिए
विभिन्न अध्ययनों में यह पाया गया है कि 30 साल की उम्र के बाद प्रतिदिन कम से कम 5 से 6 बार भोजन में लाल मिर्च का प्रयोग करने से व्यक्ति की आयु लंबी होती है। जो लोग प्रतिदिन लाल मिर्च का सेवन नहीं करते हैं उनकी अपेक्षा प्रतिदिन लाल मिर्च का सेवन करने वाले लोगों में मृत्युदर कम पायी जाती है क्योंकि यह खून में आईजीएफ-1 नामक एंटी एजिंग हार्मोन के स्तर को बढ़ाता है।


लाल मिर्च के गुण कैंसर से बचाने
एक अध्ययन में पाया गया है कि लाल मिर्च ल्यूकेमिया  और कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने में मदद करता है। हल्दी की तरह करी बनाते समय इसमें लाल मिर्च का प्रयोग करने से यह ट्यूमर एवं कैंसर को बढ़ने से रोकता है। इसके अलावा यह स्तन कैंसर  को भी बढ़ने से रोकने में मदद करता है।
 वजन घटाने में फायदेमंद
मोटापा एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। नियमित रूप से भोजन में लाल मिर्च या लाल मिर्च पावडर का प्रयोग करने से अधिक भोजन करने की इच्छा घटती है और मेटाबोलिज्म बढ़ता है। लाल मिर्च का सेवन करने के बाद शरीर में गर्मी आती है जिससे एनर्जी बढ़ती है  और अतिरिक्त कैलोरी घटती है। इसलिए शरीर का वजन घटाने के लिए लाल मिर्च बहुत फायदेमंद है।


लाल मिर्च खाने के नुकसान
रेड चिली/लाल मिर्च में कैप्सैकिन होता है जो अधिक मसालेदार प्रकृति का होता है।
लाल मिर्च का सेवन करने से मुंह, जीभ और गले में जलन की समस्या हो सकती है।
लाल मिर्च में पाया जाने वाला कैप्सैकिन मुख गुहा(oral cavity), गले और पेट के संपर्क में आने से सूजन और जलन पैदा कर सकता है।
यदि हाथ में लाल मिर्च लगा हो तो उस हाथ से आंखों को नहीं छूना चाहिए अन्यथा आंखों में जलन  हो सकती है और आंखें लाल हो सकती हैं।
लाल मिर्च में एफ्लैटोक्सिन नामक रसायन यौगिक पाया जाता है जिसके कारण पेट, लिवर और कोलन कैंसर की समस्या हो सकती है।



19.6.19

बहुत काम के हैं संतरे के छिलके

                       
हम सभी संतरा खाने के बाद उसके छिलके को कूड़ेदान में फेंक देते हैं. हमें ये लगता है कि संतरे के छिलका के क्या फायदे हो सकते हैं, पर आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि संतरे का छिलका न केवल स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है बल्क‍ि खूबसूरती निखारने में भी ये बहुत कारगर है.
संतरे के छिलके में भी पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे तत्व मौजूद होते हैं, जिनके इस्तेमाल से आप कई तरह की स्किन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के साथ ही पा सकते हैं ग्लोइंग स्किन। संतरे में मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स सिर्फ सेहत के लिए ही नहीं बल्कि खूबसूरती को निखारने और उसे बरकरार रखने के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है।


ये चेहरे पर निखार लाने का काम करता है
संतरे के छिलके के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर लगाने से टैनिंग दूर हो जाती है और चेहरे पर निखार आता है.
ऑयली स्किन

ऑयली स्किन सिर्फ देखने में ही खराब नहीं लगती बल्कि चेहरे पर होने वाली कई सारी दूसरी समस्याओं के लिए भी जिम्मेदार होती है। इसे दूर करने का बहुत ही अच्छा उपाय है संतरा। इसका एस्ट्रिंजेंट तत्व स्किन से एक्स्ट्रा ऑयल आसानी से एब्ज़ॉर्ब कर लेता है।

इस्तेमाल का तरीका

इसके लिए 1 बड़े चम्मच संतरे के छिलके के पाउडर को दूध/दही या गुलाबजल में मिलाकर अच्छे से पेस्ट बना लें। अब इसे चेहरे पर लगा लें। हल्का सूखने के बाद गुनगुने पानी से धो लें। हफ्ते में दो बार के इस्तेमाल से ही आपको फर्क नज़र आने लगेगा।

सूक्ष्म रंध्रों को खोलने में मददगार
संतरे के छिलके के पाउडर में कुछ मत्रा दही की मिलाकर इसे चेहरे पर लगाने से सूक्ष्म रंध्र खुल जाते हैं और साथ ही ब्लैक हेड्स भी साफ हो जाते हैं.



डल स्किन

धूप, पॉल्यूशन और बढ़ती उम्र कई सारी वजहों से स्किन अपनी चमक खोने लगती है। तो इसे बरकरार रखने के लिए संतरा खाने के साथ-साथ इसे लगाएं भी।

इस्तेमाल का तरीका

1 बड़े चम्मच संतरे के छिलके को 2 बड़े चम्मच शहद में मिलाकर इसका पेस्ट बनाएं। चेहरे के साथ-साथ गर्दन पर भी लगाएं। सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लें। ग्लोइंग और हाइड्रेटेड स्किन के लिए ये फेस पैक है बेस्ट।
बालों के लिए भी फायदेमंद
संतरे का छिलका न केवल त्वचा के लिए फायदेमंद है बल्क‍ि बालों के लिए भी किसी औषधि से कम नहीं है. ये रूसी दूर करने में बहुत ही कारगर है. साथ ही अगर आपके बाल बहुत अधिक गिर रहे हैं और अपनी चमक खो चुके हैं तो भी संतरे का छिलका इस्तेमाल किया जा सकता है.
दाग-धब्बों के लिए

चेहरे पर किसी भी तरह के दाग-धब्बों को दूर करने में भी संतरे का छिलका बहुत ही कारगर है।

इस्तेमाल का तरीका

1 बड़े चम्मच संतरे के छिलके का पाउडर लेकर उसमें बेसन और नींबू का रस मिलाएं। इसे चेहरे पर अच्छी तरह लगाएं और 10 मिनट ठंडे पानी से धो लें। हफ्ते में दो बार इसका इस्तेमाल काफी होगा।
कील मुंहासों की रोकथाम के लिए
संतरे के छिलके का पाउडर त्वचा पर मौजूद सारी गंदगी को साफ कर देता है. इस पाउडर में थोड़ी सी मात्रा गुलाब जल की मिलाकर लगाने से कील-मुंहासों की समस्या में फायदा होता है.
ऐसे बनाएं छिलके से पाउडर

संतरे के छिलकों को धोकर धूप में सूखा लें। पूरी तरह मॉइश्चर खत्म हो जाने के बाद इसे ब्लेंडर में अच्छी तरह पीस लें। फिर किसी एयर टाइट डिब्बे में स्टोर कर लें। सेंसिटिव स्किन है तो इससे बनने वाले किसी भी तरह के पेस्ट को अवॉयड करें।
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सर्दी,जुकाम,खांसी के असरदार उपचार / cold and cough





सर्दी जुकाम और खांसी cold and cough बरसात और ठंड के मौसम में सामान्‍य समस्‍या होती है। लेकिन सर्दी जुकाम आपको बहुत ही परेशानी में डाल सकता है। सामान्‍य सर्दी की वजह से जब आपको खांसी या बुखार होता है और आप घर पर ही बिस्‍तर पर आराम  करते हैं तो यह आपके लिए सुखद अनुभव नहीं होता है। इस स्थिति में सिर दर्द, बदन दर्द, बुखार, सर्दी, नाक का बहना आदि असुविधाजनक घटनाएं आपके साथ घटित होती हैं। आप इनका इलाज भी करा सकते हैं, लेकिन आपके लिए अच्‍छी बात यह है कि इस सामान्‍य समस्‍या का उपचार आप अपने घर पर ही कुछ घरेलू उपायों के माध्‍यम से कर सकते हैं। आइए जाने सर्दी-खांसी-जुकाम के घरेलू इलाज के बारे में।

सर्दी जुकाम cold and cough का आयुर्वेदिक उपचार है लहसुन

एलिसिन नामक यौगिक की अच्‍छी मात्रा लहसुन में पाई जाती है जिसमें एंटीमाइक्रोबायल गुण होते हैं। आप अपने आहार में लहसून का उपयोग करके सर्दी के लक्षणों को दूर कर सकते हैं। कुछ अध्‍ययन बताते हैं कि यदि लहसुन का नियमित रूप से सेवन किया जाता है तो यह सर्दी जुकाम के प्रारंभिक या शुरुआती दौर में ही इसे रोकने में मदद करते हैं। लहसुन प्रकृति में गर्म होता है जो कि आपके शरीर को पर्याप्‍त गर्मी और पोषक तत्‍व उपलब्‍ध कराने में मदद करता है। इस तरह से आप सर्दी और जुकाम आदि के लक्षणों से बचने के लिए लहसुन का उपयोग कर सकते हैं। लहसुन को सर्दी जुकाम की आयुर्वेदिक दवा के रूप भी जाना जाता है।

सर्दी जुकाम cold and cough  की घरेलू दवा दूध और हल्‍दी

रसोई घर में उपलब्‍ध सबसे सामान्‍य मसाला हल्‍दी जिसका उपयोग हम अपने भोजन को स्‍वादिष्‍ट बनाने के लिए करते हैं। हल्‍दी में एंटीऑक्‍सीडेंट बहुत अच्‍छी मात्रा में होते हैं जो कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को हल करने में हमारी मदद करते हैं। यदि सर्दी जुकाम से जल्‍दी राहत पाना है तो आपको हल्‍दी और दूध का इस्‍तेमाल करना चाहिए। दूध और हल्‍दी सर्दी जुकाम का सबसे प्रभावी और उपयोगी घरेलू उपचारों में से एक है। आप रात में सोने से पहले 1 गिलास गुनगुने दूध में 1 छोटा चम्‍मच हल्‍दी मिलाकर सेवन करें। यह सर्दी जुकाम से राहत पाने का सबसे अच्‍छा तरीका हो सकता है।

खांसी जुकाम cold and cough के घरेलू नुस्खे में करें नमक और पानी से गरारे

पानी में नमक मिलाकर गरारे करने से आपको गले की खरास से राहत मिल सकती है। नमक वाला पानी सर्दी के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। पानी के साथ नमक का उपयोग करने से यह कफ की मात्रा को कम कर सकता है जिसमें बैक्‍टीरिया होते हैं। इस उपाय को अजमाने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में 1 चम्‍मच नमक डालें और फिर इस पानी से गरारे  करें। यह सर्दी के कारण होने वाले आपके गले के दर्द, और खरास आदि का प्रभावी तरीके से इलाज कर सकता है।

पुराने जुकाम का इलाज है हनी और ब्रांडी

आपने बुर्जुगों से सुना होगा कि ब्रांडी का उपयोग सीने को गर्म रखने के लिए उपयोग किया जाता है। ब्रांडी का उपयोग करने से शरीर के तापमान को बढ़ाया जाता है। यदि ब्रांडी में शहद को मिलाकर सेवन किया जाए तो यह सर्दी के दौरान होने वाली खांसी को कम करने में मदद करती है। इसके लिए आपको ब्रांडी की एक बोलत पीने की आवश्‍यकता नहीं है। आप केवल 1 चम्‍मच ब्रांडी में कुछ बूंदे शहद की मिला सकते हैं और इसका सेवन कर सकते हैं। यह आपको सर्दी और खांसी दोनों से राहत दिलाने में मदद करती है।

सर्दी जुकाम cold and cough का आयुर्वेदिक उपचार है मसालेदार चाय

आप सर्दी जुकाम के दौरान अपनी सामान्‍य चाय को और अधिक स्‍वादिष्‍ट और प्रभावी बनाने के लिए इसे मसालेदार बना सकते हैं। इस प्रकार की चाय आपकी सर्दी को मिटाने में बहुत ही प्रभावी होती है। आप अपनी चाय बनाते समय इसमें तुलसी, अदरक और काली मिर्चको मिला सकते हैं जो आपके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। ये तीनों मसाले  आपकी सामन्‍य सर्दी और जुकाम को दूर करने वाले औषधीय गुणों से भरपूर होती है।
जुकाम के घरेलू उपचार के लिए पीये गर्म पानी

सामान्‍य शीत और गले की खरास के लिए आप गुनगुने पानी का उपयोग कर सकते हैं। गर्म पानी का उपयोग करने से गले की सूजन को कम करने में मदद मिलती है। इसका एक और फायदा यह है कि गर्म पानी पीने से या गरारे करने से आपके गले और मुंह में मौजूद बैक्‍टीरिया की सफाई की जा सकती है। इसलिए सर्दी के दौरान हमेशा गुनगुना पानी  पीने की सलाह दी जाती है।

सर्दी जुकाम cold and cough  बुखार का घरेलू उपचार विटामिन सी

आपके शरीर के अच्‍छे विकास के लिए विटामिन सी बहुत ही महत्‍वपूर्ण होता है, इसके बहुत से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ जिनमें सर्दी जुकाम भी शामिल हैं। संतरा, नींबू, अंगूर, पत्‍तेदार सब्जियां और अन्‍य फलों से विटामिन सी (vitamin C) की अच्‍छी मात्रा प्राप्‍त की जा सकती है। गर्म चाय में नींबू का रस और शहद मिलाकर सेवन करने से यह सर्दी के दौरान कफ को कम करने में मदद करता है। हालांकि इस तरह के विटामिन सी से भरपूर फलों का सेवन करने पर यह पूरी तरह से सर्दी को ठीक नहीं करता है लेकिन वे आपको पर्याप्‍त विटामिन सी उपलब्‍ध करा सकते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं। विटामिन सी का उपयोग कर सर्दी से संबंधित संक्रमणों से भी बच सकते हैं।

सर्दी जुकाम cold and cough के घरेलू नुस्खे में करें चिकिन सूप का सेवन

यदि आप समझ रहे है कि चिकिन सूप का उपयोग हमेशा ही किसी दवा के रूप में उपयोग किया जा सकता है तो यह गलत है। लेकिन यदि आप सामान्‍य सर्दी या जुकाम से पीड़ित हैं तो यह आपके लिए अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है। अध्‍ययनों से पता चलता है कि सब्जियों के साथ चिकिन सूप का सेवन करने से आपके शरीर को गर्मी प्रदान करता है और यह आपके शरीर में न्‍यूट्रोफिल की गति को धीमा कर सकता है जिससे यह प्रभावित क्षेत्र में अधिक समय तक ठहरता है और आपकी उपचार प्रक्रिया को बढ़ाने में मदद करता है।
न्‍युट्रोफिल सफेद रक्‍त कोशिकाओं का एक प्रकार है जो आपके शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करता है। अध्‍ययनों में पाया गया कि चिकिन सूप विशेष रूप से ऊपरी श्‍वसन संक्रमण के लक्षणों को कम करने में प्रभावी होता है। कम सोडियम सूप भी पोषण दिलाने में मदद करते हैं और आपको हाइड्रेट रखने में सहायक होते हैं।

गर्मी के जुकाम का इलाज है आंवला –

एक बहुत ही शक्तिशाली इम्यूनो मॉड्यूलेटर होने के कारण आंवला कई बीमारियों से हमारे शरीर की रक्षा करता है। नियमित रूप से आंवला का सेवन करने से बहुत से स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्राप्‍त हो सकते हैं। सामान्‍य मौसम में बदलाव या गर्मी के जुकाम को ठीक करने का सबसे अच्‍छा उपाय आंवला के रूप में मौजूद है। आवंला का सेवन करने से यह यकृत की उचित कार्यप्रणाली सुनिश्चित करता है और रक्‍त परिसंचरण में सुधार करता है। इसलिए आप गर्मी के जुकाम का उपचार करने के लिए आंवले का फायदेमंद उपयोग कर सकते हैं।

सर्दी का घरेलू इलाज है अदरक और नमक :cold and cough

आप सोच रहे होगें कि एक अदरक कितने प्रकार से सर्दी का उपचार कर सकता है। लेकिन यह ऐसी जड़ी बूटी  है कि यह कई प्रकार से हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद होती है। आप यदि अदरक की चाय  का सेवन नहीं करना चाहते हैं तो आप अदरक को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और इसमें अपने स्‍वादानुसार नमक मिलाएं। गले की खरास, सर्दी और खांसी से बचने के लिए आप अदरक के इन टुकड़ों को मुंह में लें और चबाएं। यह आपके गले को राहत देगा और आपकी सर्दी का उपचार भी करेगा।

पुराने जुकाम का इलाज है अदरक की चाय:cold and cough

यह आयुर्वेद की सबसे ज्‍यादा शक्तिशाली जड़ी बूटीयों में से एक है। इसमें एंटीवायरल  गुण अच्‍छी मात्रा में होते हैं जो पर्याप्‍त मात्रा में सेवन करने पर सर्दी के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। इसके लिए आप अदरक को कच्‍चा ही खा सकते हैं लेकिन अदरक की चाय ज्‍यादा सुविधाजनक और फायदेमंद होती है। इसके लिए आप अदरक का पेस्‍ट बनाकर इसका रस निकालकर इसमें नींबू का रस और शहद  को मिलाकर चाय तैयार करें। यह आपकी सर्दी को रोकने में आपकी मदद करती है।

सर्दी जुकाम की घरेलू दवा है शहद:cold and cough

कच्‍चा शहद (Unpasteurized) में एंटीमाइक्रोबायल और एंटीऑक्‍सीडेंट गुण अच्‍छी मात्रा में मौजूद रहते हैं। शहद के ये गुण प्रतिरक्षा को बढाते हैं और खांसी के प्रभाव को कम करने में मदद करते हैं। कच्‍चे शहद का उपयोग विशेष रूप से 6 वर्ष की आयु से छोटे बच्‍चों के लिए बहुत ही प्रभावी होता है। लेकिन कुछ जानकार सलाह देते हैं कि 1 वर्ष से कम आयु वाले बच्‍चों को शहद (Honey) का सेवन नहीं कराया जाना चाहिए। यदि आप सर्दी जुकाम के दौरान शहद का उपयोग करते हैं और इससे आपको आराम नहीं मिलता है तो आपको डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए। लेकिन आयुर्वेद में ऐसा माना जाता है कि यदि नियमित रूप से शहद का सेवन किया जाए तो यह सर्दी, खांसी जैसी सामान्‍य समस्‍याओं से छुटकारा दिला सकता है।

सर्दी जुकाम की घरेलू दवा अलसी के बीज :cold and cough

सामान्‍य सर्दी और खांसी को ठीक करने के लिए अलसी के बीज (Flax seeds) एक प्रभावी उपाय हैं। इसके लिए आप थोड़े से अलसी के बीजों को पानी में उबालें जब तक की मिश्रण गाढ़ा ना हो जाये। जब अच्‍छी तरह से अलसी बीज उबल जाएं तो आप इसे ठंडा करके इसमें नींबू का रस और शहद की कुछ बूंदे मिलाएं। इस मिश्रण को अच्‍छी तरह से मिलाने के बाद आप इसका सेवन कर सकते हैं। यह आपको सर्दी जुकाम से राहत दिलाने का सबसे अच्‍छा घरेलू उपाय है।

भाप का प्रयोग

आप सर्दी के कारण अपनी बंद नाक को साफ करने के लिए अपने चेहरे को एक गर्म पानी से भरे बर्तन के ऊपर ले जाएं और इससे निकलने वाली भाप से धीरे-धीरे सांस लें इससे आपकी बंद नाक साफ होगी और आपको सर्दी से राहत भी मिल सकती है।











    17.6.19

    हृदय रोगों से बचने के उपाय और उपचार


    हृदय रोग कई स्थितियों का वर्णन करता है जो आपके दिल को प्रभावित करती हैं। हृदय रोगों के तहत रोगों में रक्त वाहिका रोग शामिल हैं, जैसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हृदय के धड़कने में समस्‍या होना और जन्मजात हृदय दोष के साथ यह बीमारी पैदा होती है। हृदय रोग आमतौर पर उन स्थितियों को संदर्भित करता है जिसमें संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाएं होती हैं जो दिल का दौरा, सीने में दर्द (एनजाइना) या स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं। अन्य हृदय स्थितियां, जैसे कि आपके दिल की मांसपेशियों, वाल्वों या लय को प्रभावित करती हैं, जिन्हें हृदय रोग के रूप भी माना जाता है।
    हृदय रोगों से कैसे बचें
    जीवन शैली में करें सकारात्मक परिवर्तन
    अपने हृदय और हृदय प्रणाली को स्वस्थ रखने की दिशा में कुछ खास बदलाव करें। प्रतिदिन व्यायाम करें। ये तरीके हृदय को स्‍वस्‍थ रखते हैं और हृदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद करते हैं। और साथ ही हृदय रोग होने की स्थिति में रोग को गंभीर होने से भी रोकते हैं। ये बदलाव करने से आपको कोई अन्य हृदय रोग होने से बचाव होगा और यदि रोग का उपचार चल रहा है तो उसमें जल्दी लाभ होने में भी सहायता होगी।
    संतुलित आहार लें


    एक स्वस्थ संतुलित आहार लें जिसमें सभी खाद्य समूहों से खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। वे भोजन जिनमें संतृप्त वसा, ट्रांस वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है, वे शरीर के नुकसानदेह होते हैं। यदि आप हृदय रोगों और समस्याओं से दूर रखना चाहते हैं तो आपको एल्कोहोल का इस्तेमाल भी कम करना होगा।
    अन्य स्थितियों पर नजर रखें
    हृदय रोग से ग्रसित रोगी अकसर कुछ अन्य रोगों की निदान की प्रक्रियाओं जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल आदि से भी गुजर रहे होते हैं। इन सभी को नियमित जांच और नियंत्रण कर, आप ह्रदय रोगों के जोखिम कारकों से आसानी से मुकाबला कर पायेंगे। हृदय रोग के मरीजों को चाहिए कि वे अपना रक्त चाप 140/90 से कम रखें। इससे उन्हें हृदय रोग को काबू करने में मदद मिलती है। साथ ही वे रोगी जिन्हें हृदय रोग के साथ डाइबटीज है वे अपनी शुगर की नियमित जांच भी करें।
    आवश्यक दवाएं भी लें
    कभी-कभी जीवन शैली में बदलाव हृदय रोगों के निदान के लिए काफी नहीं होता है। दवाएं हृदय रोग के लक्षणों के कई प्रकार के इलाज के लिए एक कारगर तरीका है। कुछ दवाएं रक्त को पतला करने तथा कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने का कार्य करती हैं। आपके लिए यह जानना आवश्यक है कि जो दवा आप ले रहे हैं वह आपके दिल की बीमारी के इलाज के लिए कैसे काम करती है। यह दवाएं नीयमित रूप से व ठीक मात्रा और समय पर ली जानी जरूरी होती हैं। अपने डॉक्टर की सलाह के बिना दवाओं का सेवन कतई बंद ना करें, ऐसा करने से आपका रोग और गंभीर हो सकता है।
    *हृदय रोग वर्तमान में एक गंभीर समस्या है, लेकिन इससे बचने के लिए तरीकों एवं उपचारों की भी कोई कमी नहीं है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए जानिए दो ऐसे घरेलू रामबाण उपाय, जो आपके लिए मददगार साबित होंगे -



    (1) 250 ग्राम घीया (लौकी) छिल्के सहित धोकर उसे कस लें। कसी हुई लौकी को या तो ग्राइंडर में अथवा सिल-बट्टे पर पीस लें। पिसी हुई लौकी का रस ग्राइंडर से अपने आप बाहर आ जाएगा फिर उसे कपड़े से छान लें। लौकी को पीसते समय तुलसी की 7 पत्तियां और पुदीने की 6 पत्तियां डालना न भूलें। घीया के रस में उतनी ही मात्रा में पानी मिला लें। पानी में 4 पिसी हुई कालीमिर्च और 1 ग्राम सेंधा नमक डाल लें। भोजन के आधे घंटे बाद सुबह-शाम और रात को 3 बार इसका सेवन करें। ध्यान रहे कि हर बार रस ताजा ही निकाला जाए। घीया का रस पेट में जो भी पाचन विकार होते हैं, उन्हें दूर कर मलद्वार से बाहर निकाल देता है, संभव है कि इसके सेवन से प्रारंभ के 3-4 दिन पेट में कुछ खलबली या गड़गड़ाहट-सी महसूस हो, परंतु बाद में सब बंद हो जाएगा।
    (2) पान, लहसुन, अदरक का 1-1 चम्मच रस और 1 चम्मच शहद- इन चारों को एकसाथ मिला ले और सीधे पी जाएं। इसमें पानी मिलाने की जरूरत नहीं है। इसे दिन में एक बार सुबह और एक बार शाम को पि‍एं, और तनाव लेना बंद कर दें। दिल में कोई कठिनाई महसूस हो तो जो सामान्य दवा लेता हो, वह लेता रहे।प्रयत्न करें कि उसे लेना न पड़े। इस प्रयोग से एक हफ्ते में ही सुधार शुरू हो जाएगा और 21 दिन लेना फायदेमंद होगा।









    14.6.19

    चुकंदर एक फायदे अनेक /Beetroot Benefits



    अपने गहरे लाल रंग के लिए लोकप्रिय चुकंदर Beetroot स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ानी हो या सौंदर्यता बरकरार रखनी हो, चुकंदर हर तरीके से फायदा पहुंचाता है। यह जीनस बीटा वल्गेरिस की किस्मों में से एक है और पौधे का जड़ वाला हिस्सा होता है। इसका सेवन अक्सर सलाद और जूस के रूप में किया जाता है।

    भोजन के साथ सलाद के तौर पर सेवन करने के अलावा चुकंदर Beetroot  का प्रयोग औषधि और फूड कलर के रूप में भी किया जाता है। इसका रंग इतना गहरा होता है कि सेवन करने के बाद जीभ भी लाल रंग की नजर आती है। विभिन्न भाषाओं में इसके अलग-अलग नाम हैं, जैसे अंग्रेजी में बीटरूट, स्पेनिश में ला रेमोलाचा (la remolacha) और चीनी भाषा में हांग कै टू (Hong cai tou)। इस लेख में हम चुकंदर के विभिन्न शारीरिक फायदों और इसे इस्तेमाल करने के तरीकों को बारे में विस्तार से बताएंगे।
    *डायबिटीज एक वैश्विक बीमारी है, जो शरीर में इंसुलिन की कमी के कारण होती है, और सही समय पर रोकथाम के अभाव में इसके परिणाम घातक भी हो सकते हैं। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक 2012 तक दुनिया भर में मधुमेह से प्रभावित लोगों की संख्या 382 मिलियन थी और ऐसा माना जा रहा है, कि 2035 तक यह आंकड़ा 592 मिलियन तक पहुंच जाएगा । ऐसे में आपका सावधान रहना बेहद जरूरी है।चकुंदर खाने के फायदों में मधुमेह पर नियंत्रण भी शामिल है। डायबिटीज के प्राकृतिक इलाज के रूप में आप चुकंदर Beetroot का सेवन कर सकते हैं। यह एक गुणकारी खाद्य पदार्थ है। रोजाना इसका सेवन करने से रक्त शर्करा संतुलित हो जाती है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह काफी फायदेमंद हो सकता है। चुकंदर, फाइटोकेमिकल्स और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले बायोएक्टिव यौगिक जैसे पॉलीफेनोल्स, फ्लेवोनोइड्स और एंथोकायनिन का एक बड़ा स्रोत है। ये सभी तत्व मधुमेह के स्तर को कम करने का काम करते हैं।

    *हृदय स्वास्थ्य:Beetroot Benefits

    हृदय को ठीक रखने के लिए भी चुकंदर के कई फायदे हैं। शरीर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है हृदय, जिसका स्वस्थ रहना हर हाल में जरूरी है। इससे जुड़ी कोई भी तकलीफ मौत का कारण सकती है। चुकंदर का रोजाना सेवन हृदय को स्वस्थ रखने का काम करता है। इसमें मौजूद नाइट्रेट तत्व रक्तचाप को सामान्य कर हृदय रोगों और हृदयाघात से बचाता है । एक अध्ययन के अनुसार, बीटरूट मायोकार्डियल इन्फार्कशन से बचाता है । चुकंदर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और हृदय रोग से जुड़े इंफ्लेमेशन को कम करने का काम करता है । इसमें मौजूद जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स हृदय को स्वस्थ रखते हैं। दिल के रोगों से बचने के लिए आप चुकंदर का सेवन रोजाना कर सकते हैं।

    *उच्च रक्तचाप :Beetroot Benefits

    एक गंभीर शारीरिक समस्या है, जिसमें धमनियों में रक्त का दबाव सामान्य से अधिक बढ़ जाता है । स्ट्रोक, हृदय रोग, आंखों की समस्या, किडनी खराब होना आदि हाई ब्लड प्रेशर के घातक परिणाम हो सकते हैं। सही स्वास्थ्य के लिए धमनियों में रक्त का प्रवाह सामान्य रहना बहुत जरूरी है। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने के कई आधुनिक उपाय मौजूद हैं, लेकिन अगर आप प्राकृतिक उपचार की खोज में हैं, तो आप चुकंदर का सेवन कर सकते हैं। बीट रूट में नाइट्रेट नामक तत्व पाया जाता है , जो हाई बीपी को कम करने का काम करता है। उच्च रक्तचाप के देसी उपचार के रूप में आप रोजाना चुकंदर का जूस या इसे सलाद के रूप में ले सकते हैं।
    *कैंसर मानव शरीर में कहीं भी हो सकता है, जो खरबों कोशिकाओं से बना होता है। आमतौर पर कोशिकाएं विकसित होती हैं और नई कोशिकाओं को बनाने के लिए विभाजित होती हैं, क्योंकि शरीर को उनकी आवश्यकता होती है। वहीं, जब कोशिकाएं पुरानी हो जाती हैं या क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो उनकी जगह नई कोशिकाएं विकसित होती हैं, लेकिन जब कैंसर होता है, तो यह प्रक्रिया टूट जाती है ।
    कैंसर से बचने के लिए आप चुकंदर का सेवन कर सकते हैं। चुकंदर एक गुणकारी खाद्य पदार्थ है, जो आपको कर्करोग जैसी घातक बीमारी से बचा सकता है। एक अध्ययन में पाया गया है कि बीटरूट फेफड़ाें और स्किन कैंसर को शरीर में विकसित होने से रोकता है । एक अन्य अध्ययन में इस बात की भी पुष्टि की गई है कि गाजर और चुकंदर का जूस एक साथ मिलाकर पीने से शरीर में ब्लड कैंसर की आशंका को खत्म किया जा सकता है

    *एनीमिया:Beetroot Benefits

    हीमोग्लोबिन एक आयरन युक्त प्रोटीन है, जो लाल रक्त कोशिकाओं को फेफड़ों से ऑक्सीजन को शरीर के बाकी हिस्सों तक ले जाने में मदद करता है। अगर आपको एनीमिया है, तो शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रक्त मिलने में कमी होने लगती है। परिणामस्वरूप आपको थकान या कमजोरी महसूस हो सकती है। आपको सांस की तकलीफ, चक्कर आना या सिरदर्द हो सकता है। चुकंदर आयरन से भरपूर होता हैं, जो शरीर में आयरन की आपूर्ति करने का काम करता है। इसके सेवन से एनीमिया में धीरे-धीरे सुधार होने लगता है। भविष्य में एनीमिया के डर से बचने के लिए आप रोजाना थोड़ी मात्रा में चुकंदर का सेवन कर सकते हैं।

    *पाचन क्रिया:Beetroot Benefits

    शरीर को पोषित रखने के लिए पाचन क्रिया का मजबूत रहना बहुत जरूरी है। जब पोषक तत्व आंत द्वारा अवशोषित हो जाते हैं, तो वो रक्त प्रवाह के जरिए लिवर तक पहुंचते हैं। फिर लिवर का काम होता है सभी पोषक तत्वों और विटामिन्स की प्रोसेसिंग करना, जिससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह होता है ।
    पाचन क्रिया की मजबूती के लिए आप चुकंदर का सेवन कर सकते हैं। चुंकदर में ग्लूटामाइन नाम का एमिनो एसिड होता है, जो भोजन को पचने में मदद करने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को ठीक रखता है

    *बढ़ाता है ऊर्जा:Beetroot Benefits

    चुकंदर शरीर को कई रूप में फायदा पहुंचाता है। शरीर को ऊर्जावान बनाने के लिए आप इसका सेवन कर सकते हैं। चुकंदर प्राकृतिक रूप से आयरन का एक बड़ा स्रोत है, जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं और ऊर्जा के विकास में मदद करता है। यह आतों में कैंडिडा (एक प्रकार का संक्रमण) को पनपने से रोकता है, जो ऊर्जा के स्तर को कम करने का काम करता है। शरीर में ऊर्जा के लिए लिवर का सही काम करना जरूरी है। चुकंदर में फ्लेवोनोइड, सल्फर और बीटा कैरोटीन भी होते हैं, जो लिवर की कार्य प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते हैं 

    * लिवर को रखता है स्वस्थ:Beetroot Benefits

    बीट के फायदों में लिवर स्वास्थ्य भी शामिल है। शरीर को पोषित करने के लिए लिवर का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है। लिवर से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए आप चुकंदर का रोजाना सेवन कर सकते हैं। बीटरूट हाई फैट वाले भोजन से होने वाली लिवर की क्षति को कम करने में मदद करता है। इसमें फ्लेवोनॉयड्स भी पाया जाता है, जो मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने में सहायता करता है 

    *मजबूत दांत और हड्डियां:Beetroot Benefits

    हड्डियां हमारे शरीर को मजबूती प्रदान करती हैं और हमारे आकार को बनाने में मदद करती हैं। शरीर के पूरे वजन को संभालने के लिए हड्डियों का मजबूत रहना बहुत जरूरी है। इसके अलावा, हड्डियां शरीर के अंगों की रक्षा भी करती हैं, जैसे खोपड़ी मस्तिष्क की रक्षा करती है और चेहरे का आकार बनाती है। पसलियां एक पिंजरे का निर्माण करती हैं, जिससे हृदय और फेफड़े सुरक्षित रहते हैं। वहीं, पेलविस मूत्राशय, आंतों के हिस्से और महिलाओं के प्रजनन अंगों की रक्षा करने का काम करता है।
    हड्डियों की मजबूती के लिए शरीर में कैल्शियम का होना बहुत जरूरी है और चुकंदर कैल्शियम का अच्छा स्रोत है। रोजाना इसका सेवन न सिर्फ आपकी हड्डियों, बल्कि आपके दांतों को भी मजबूत बनाने में मदद करेगा।

    *त्वचा के लिए:Beetroot Benefits

    चुकंदर का रस एंटीऑक्सीडेंट का बेहतरीन स्रोत है, जो त्वचा के लिए एक प्रभावशाली एंटी-एजिंग एजेंट के रूप में काम करता है। इसमें विटामिन-सी भी पाया जाता है, जो त्वचा को झुर्रियों और सूखेपन से बचाने में मदद करता है । चुकंदर आपकी त्वचा को नर्म और कोमल बना सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह मृत कोशिकाओं की शीर्ष परत को हटा देता है। चुकंदर का रस पीने से आपकी त्वचा हाइड्रेट रहती है।

    15. बालों के लिए/Beetroot Benefits

    चुकंदर में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन-ए, विटामिन-सी, कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है। यह शरीर को कई मायनों में लाभ पहुंचाता है। बालों के स्वास्थ्य के लिए भी आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बाल झड़ने और स्कैल्प में खुजली से निजात दिलाने का काम करता है। चुकंदर में कैरोटीनॉयड नामक तत्व पाया जाता है, जो बालों की गुणवत्ता, वृद्धि, मोटाई और चमक में सुधार करता है ।

    * कोलेस्ट्रॉल

    कोलेस्ट्रॉल शरीर के मेटाबॉलिज्म के लिए आवश्यक है। साथ ही यह बाइल एसिड, स्टेरॉयड हार्मोन और विटामिन-डी के संकलन के लिए जिम्मेदार होता है । वहीं, अगर शरीर में इसका स्तर अधिक हो जाए, तो कई प्रकार से नुकसान हो सकता है। अधिक कोलेस्ट्रॉल हृदय रोग व स्ट्रोक का कारण बन सकता है, जिससे मौत भी हो सकती है।
    बीट के फायदों में कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण भी शामिल है। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और इसके घातक परिणामों से बचने के लिए आप चुकंदर का सेवन कर सकते हैं। चुकंदर में कैलोरी की मात्रा कम होती है और इसमें शून्य कोलेस्ट्रॉल होता है ।

    गर्भावस्था

    गर्भावस्था के दौरान आप चुकंदर का सेवन कर सकते हैं। इसमें फोलेट के साथ-साथ मैंगनीज, पोटैशियम, विटामिन-सी, फास्फोरस, कॉपर और आयरन भी पाया जाता है। ये सभी तत्व गर्भावस्था के दौरान मां और बच्चे को स्वस्थ रखने का काम करते हैं। एक अध्ययन में पाया गया है कि रोजाना 500ml चुकंदर का जूस पीने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। चुकंदर फोलिक एसिड का भी एक बड़ा स्रोत है, जो बच्चे में न्यूरल ट्यूब दोष को रोकने में मदद करता है 

     वजन घटाने में मददगार

    चुकंदर स्वस्थ खनिज और विटामिन से भरपूर होता हैं। चुकंदर के रस में फाइबर की मात्रा अधिक होती है और अधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ वजन कम करने में मदद करते हैं (22)। हाई फाइबर फूड्स में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए ये पेट भरने का काम करने के साथ-साथ शरीर को मोटापे से भी बचाते हैं।

    * मोतियाबिंद

    मोतियाबिंद आंख से जुड़ी बीमारी है, जो 60 साल की उम्र के बाद ज्यादा देखने को मिलती है। इस बीमारी के कारण देखने की क्षमता कमजोर हो जाती हैं। अगर आप बुढ़ापे में ऐसी बीमारी से बचना चाहते हैं, तो विटामिन-सी से युक्त चुकंदर का सेवन रोजाना जूस या सलाद के रूप में कर सकते हैं। विटामिन-सी आंखों को स्वस्थ रखने का काम करता है।

    * यौन स्वास्थ्य:Beetroot Benefits

    चुकंदर खाने के फायदों में यौन स्वास्थ्य भी आता है। बीट में अच्छी मात्रा में बोरॉन मौजूद होता है । यह खनिज सीधे सेक्स हार्मोन के उत्पादन से संबंधित है।
    *सफेद चुकंदर को पानी में उबाल कर छान लें। यह पानी फोड़े, जलन और मुहांसों के लिए काफी उपयोगी होता है। खसरा और बुखार में भी त्वचा को साफ करने में इसका उपयोग किया जा सकता है.

    कब्ज और बवासीर-

    चुकंदर का नियमित सेवन करेंगे, तो कब्ज की शिकायत नहीं होगी। बवासीर के रोगियों के लिए भी यह काफी फायदेमंद होता है। रात में सोने से पहले एक गिलास या आधा गिलास जूस दवा का काम करता है.
    चुकंदर खाने के फायदों को जानने के बाद अब पता करते हैं कि इसमें कौन-कौन से पौष्टिक तत्व होते हैं।

    चुकंदर के उपयोग – 

    चुकंदर का सेवन आप निम्नलिखित रूपों में कर सकते हैं –
    कच्चा – बीट्स को आप कच्चा खा सकते हैं। इसे काटकर और फिर उस पर हल्का नमक और नींबू छिड़क कर खाएं।
    पनीर के साथ भुना हुआ – बीट को तब तक भूनें, जब तक कि वह नरम और रसदार न हो जाए। भूने हुए चुकंदर के साथ पनीर मिलाकर खाएं।
    जूस- आप चुकंदर का जूस निकाल कर रोजाना पी सकते हैं।
    सलाद के रूप में – भोजन के साथ सलाद के रूप में भी आप चुकंदर का सेवन कर सकते हैं। आप इसके साथ प्याज भी मिला सकते हैं।
    सब्जी – बीट को आप अन्य सब्जी की तरह बनाकर भी खा सकते हैं।

    1.6.19

    दूध गर्म पीना चाहिए या ठंडा


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    आपको दूध पीना पसंद हो चाहे न हो लेकिन इस बात को हर कोई मानता है कि दूध सबसे हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर फूड आइटम है। कैल्शियम, प्रोटीन, आयोडीन, पोटैशियम, फॉस्फॉरस और विटमिन बी 12 जैसे पोषक तत्वों से भरपूर 1 गिलास दूध आपके दिन भर के पोषक जरूरतों को पूरा कर सकता है। लिहाजा फिट और हेल्दी रहने के लिए हर व्यक्ति को रोजाना कम से कम 1 गिलास दूध जरूर पीना चाहिए।
    दूध गर्म पीना चाहिए या ठंडा यह सवाल हर किसी के द‍िमाग में यहीं सवाल आता है। ज्यादातर लोगों को देखा होगा कि वो यह सोचते रहते हैं कि किसका दूध सबसे अच्छा होता है। अगर आप रोजाना दूध पीते हैं तो ये सब जानकारी रखनी चाहिए। दूध स्‍वास्‍थ्‍य के लिए लाभकारी माना जाता है। ये कैल्शियम, पोटेशियम और विटामिन डी का बहुत अच्छा स्रोत होता है। कुछ लोग गर्म दूध पीना पसंद करते हैं तो कुछ लोगों को ठंडा दूध अच्‍छा लगता है। आइए जानते है कि ठंडा या गर्म दूध हमें क्‍या पीना चाह‍िए?
    लैक्‍टोज पाचने में दिक्‍कत गर्म दूध का सबसे बड़ा लाभ ये है कि ये आसानी से पच जाता है। अगर आपको लैक्‍टोज नहीं पचता तो आप ठंडा दूध पीने से बचें क्‍योंकि इसे पचाना आपके लिए मुश्किल होगा। आप ठंडे दूध का आनंद उसमें अनाज के पदार्थ मिलाकर ही ले सकते हैं। गर्म दूध में लैक्‍टोज कम हो जाता हैं और इससे दस्‍त और बदहजमी जैसी समस्या नहीं होती।
    दूध गर्म पीने से आती है अच्‍छी नींद अगर आपको नींद न आने की बीमारी है तो आप बिस्‍तर पर जाने से पहले एक गिलास गर्म दूध पी सकते हैं। दूध में ट्रिप्‍टोफैन नाम का एमिनो एसिड होता है जो सेरोटोनिन और मेलाटोनिन नाम का केमिकल पैदा करते हैं जिससे आपको आराम मिलता है और अच्‍छी नींद आती है।
    एसिडिटी खत्‍म करने के लिए पिएं ठंडा दूध ठंडा दूध पेट में एसिडिटी के कारण होने वाली जलन में राहत पहुंचाने के लिए बेहतर पदार्थ है। खाने के बाद आधा गिलास ठंडा दूध पीने से एसिड उत्‍पादन खत्‍म हो जाता है और एसिडिटी से राहत मिलती है।
    पानी की कमी को रोकने के लिए पिएं ठंडा दूध ठंडा दूध पीने से आपके शरीर में पानी की कमी नहीं होगी। सुबह के समय ठंडा दूध पीने का सबसे बेहतर समय होता है। अगर आप फ्लू और कोल्‍ड से पीड़ित हैं, तो ठंडा दूध पीने से बचें।

    31.5.19

    असली नकली केसर की पहिचान ऐसे करें /How to identify real fake saffron

      


     आजकल बाज़ार में सभी चीजों में मिलावट होती है और इन मिलावटी चीजों में असली और नकली की पहचान करना बहुत ही मुश्किल है। आज हम आपको केसर saffron के बारे में बताते है। क्योंकि केसर बहुत महंगा होता है, केसर खरीदते समय, असली और नकली केसर की पहचान होना बहुत ज़रूरी है। तो चलिए आज जानते हैं शुद्ध और असली केसर कैसे पहचाने......केसर महंगे मसालों में से एक है। हमारे देश में केसर का इस्‍तेमाल सेहत और सौंदर्य दोनों के ल‍िहाज से किया जा सकता है। केसर की पैदावार सबसे ज्यादा भारत में जम्‍मू-कश्‍मीर के पुलवामा में होती है। साथ ही आसपास के जगहों पर लोग इसकी खेती करते हैं। अगस्त-सितंबर के दौरान केसर को रोपने का काम होता है और अक्टूबर-दिसंबर तक इसके फूल निकल आते हैं। भारत में असली केसर बाजार में तीन से साढ़े तीन लाख रुपये किलो बिकता है। इसके महंगे होने का कारण इसकी कठिन खेती है।

      मार्केट में असली केसर saffron के नाम पर कई दुकानदार नकली केसर बेच रहे हैं। हम में से कई लोग असली और नकली केसर में अंतर नहीं पहचान पाते हैं। हम नकली केसर को भी असली समझ कर इस्‍तेमाल में ले लेते हैं। आज हम बता रहे हैं कुछ ऐसे टिप्स और ट्रिक्स जिससे असली और नकली केसर में फर्क पहचान सकते हैं।
    केसर की खुश्‍बू केसर के एक रेशे को अपनी जीभ पर रखें और हल्का चबाएं। अगर केसर का स्वाद आपको मीठेपन में लगे तो समझ लीजिये कि आप नकली केसर का स्वाद चख रहें हैं क्यूंकि असली केसर की पहचान मीठी खुशबू और कड़वे स्वाद द्वारा ही की जा सकती है।
     ठंडे पानी में मिलाकर देखें थोड़ा सा ठंडा पानी किसी कांच की बोतल में डालें और अब इसमें 2-4 रेशे केसर की डालें। अगर केसर तुरंत अपना रंग छोड़ने लगा है तो वह नकली है क्यूंकि रंग हमेशा उसी का उतरेगा जिस पर रंग चढ़ा होगा। असली केसर धीरे धीरे अपना पीला रंग छोड़ता है अब अगर केसर असली है तो पानी डालकर इसमें ऊँगली घुमाएं आप देखेंगे कि केसर लगातार अपना रंग छोड़ रहा है और इसकी भीनी-भीनी खुशबू और रंग अगर 15-20 मिनट तक रहे या हाथ धोने के बाद भी ना जाए तो समझ जाएं कि केसर असली है।
     गर्म जगह पर रखकर देखें केसर के धागे हमेशा सूखे होते हैं, पकड़ने से टूट जाते हैं और गर्म जगह पर केसर रखने से यह खराब हो जाता है जबकि नकली केसर वैसा का वैसा रहता है।
      रंग से पहचानें हल्‍के गरम पानी में केसर के 2 रेशे डालिए। अब यदि रेशे तुरंत अपना रंग छोड़ने लगे तो समझ जाइये की केसर नकली है क्यूंकि असली केसर saffron जब तक उबलता है या पानी में रहता है तो धीरे-2 रंग छोड़ता है।
    बेकिंग पाउडर में मिलाकर देखें पानी में थोडा सा बेकिंग सोडा डालकर भी केसर की शुद्धता को परखा जा सकता है। एक कप पानी में थोडा सा बेकिंग सोडा डालें, अच्छे से इसे मिला लें। अब ध्यान दें कि अगर केसर भगवा रंग छोड़ रहा है तो वह नकली है। क्यूंकि केसर के रेशे का असली रंग भगवा होता है और बेकिंग सोडा में मिलाने से या किसी भी चीज़ में डालने से केसर पीला रंग छोड़ता है

    कपड़े पर केसर का रंग - 

    एक सफेद कपड़ा पानी से थोड़ा गिला कर लीजिए और उस पर थोड़ा-सा केसर रगड़ीये। अगर कपड़े पर हल्का पीला रंग आता है और केसर का रंग लाल ही रहता है, तो केसर असली है। कपड़ा धोने के बाद धीरे-धीरे यह पीला रंग कम होता है। नकली या मिलावटी केसर कपड़े पर रगड़ने से उसका लाल रंग कपड़े को लगता है और केसर का रंग लाल से सफेद हो जाता है।

    स्वाद - 

    केसर का गंध भले ही मीठा हो, लेकिन इसका स्वाद कड़वा होता है। जरा-सा केसर लेकर अपने जीभ पर रखिए अगर 15-20 मिनट के बाद आपको सिर में गर्मी महसूस होती है, तो केसर असली है। मिलावटी केसर का स्वाद मीठा होता है और इसे चखने के बाद यह आपके जीभ पर लाल रंग छोड़ती है।
    कपड़े पर रगड़कर देखें केसर के रेशे को पानी में भिगोकर सफ़ेद कपड़े पर हल्का सा रगड़ें तो कपड़े पर यदि पीला केसरिया रंग दिखाई दे तो केसर असली होता है। नकली केसर को इस प्रकार रगड़ने से लाल रंग का दाग दिखेगा , बाद में ये कपड़े का दाग पीला पड़ सकता है।

    केसर - 

    केसर saffron का उपयोग आयुर्वेद में झड़ते बालों की समस्या के, लिए स्वस्थ और सुंदर त्वचा पाने के लिए, हृदय रोग में तथा रक्तचाप में किया जाता है। हाल ही में इसका उपयोग कैंसर को रोकने में भी किया जा रहा है। इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों जैसे मानसिक रोगों में भी किया जाता है क्योंकि यह बहुत अच्छा स्ट्रेस बस्टर है।
    *******************
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    यौन शक्ति बढ़ाने के अचूक घरेलू उपाय/sex power

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    किडनी स्टोन के अचूक हर्बल उपचार

    स्तनों की कसावट और सुडौल बनाने के उपाय

    लीवर रोगों के अचूक हर्बल इलाज

    सफ़ेद मूसली के आयुर्वेदिक उपयोग

    दामोदर चिकित्सालय शामगढ़ के आशु लाभकारी उत्पाद

    तुलसी है कई रोगों मे उपयोगी औषधि

    20.5.19

    काली मिर्च के स्वास्थ्य लाभ /kali mirch

                                                             



    गर्म मसाले में प्रमुखता से शामिल काली मिर्च अनेक औषधीय गुणों से भी भरपूर होती है। यह पेट से लेकर त्वचा तक की समस्या में अनेक तरह से काम आती है। काली मिर्च के ढेर सारे फायदों के बारे में जानकारी -
    किंग ऑफ स्पाइस या ब्लैक पेपर नाम से प्रचलित काली मिर्च भोजन में इस्तेमाल किए जाने वाले गर्म मसाले का अहम् हिस्सा है। काली मिर्च हमारे भोजन का केवल स्वाद ही नहीं बढ़ाती, कई बीमारियों के इलाज में भी सहायक साबित होती है।
    *ब्लड प्रेशर काबू करने के लिए दिन में 2-3 बार 5-5 दाने काली मिर्च के साथ 20-20 दाने किशमिश का सेवन करें।
    *हाई ब्लड प्रेशर में आधा गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच काली मिर्च पाउडर घोल कर 2-2 घंटे
    के अंतराल पर पीने से आराम मिलता है।
    *दो चम्मच दही, एक चम्मच चीनी और 6 ग्राम पिसी काली मिर्च मिलाकर चाटने से काली और सूखी खांसी में आराम मिलता है।
    *एक चम्मच शहद में 2-3 पिसी काली मिर्च kali mirch  और चुटकी भर हल्दी मिलाकर खाने से जुकाम में बनने वाले कफ से राहत मिलेगी।
    *नाक में एलर्जी होने पर 10-10 ग्राम सोंठ, काली मिर्च, पिसी इलायची और मिश्री को पीस कर चूर्ण बना लें। इसमें बीज निकला 50 ग्राम मुनक्का और तुलसी के 10 पत्ते पीसकर डालें और अच्छी तरह मिला लें। इस मिश्रण की 3-5 ग्राम की गोलियां बनाकर छाया में सुखा लें। सुबह-शाम 2-2 गोलियां गर्म पानी के साथ लें।
    *पिसी काली मिर्च पुराने गुड़ के साथ खाने से नाक से बहता खून बंद हो जाता है।
    *गला बैठ गया है, तो 7 काली मिर्च और 7 बताशे रात को सोने से पहले चबाकर खाएं।
    *बुखार में तुलसी, काली मिर्च  kali mirch  और गिलोय का काढ़ा पीना फायदेमंद होता है।
    *फेफड़े और सांस नली में संक्रमण होने पर काली मिर्च और पुदीने की चाय का सेवन करें। इसके अलावा पिसी काली मिर्च, घी और मिश्री बराबर मात्रा में मिलाएं। सुबह-शाम एक-एक चम्मच लें, लाभ होगा।
    *काली मिर्च और काला नमक दही में मिलाकर खाने से पाचन संबंधी विकार दूर होते हैं। छाछ में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर पीने से पेट के कीटाणु मरते हैं और पेट की बीमारियां दूर होती हैं।
    *पेट में गैस की समस्या होने पर एक कप पानी में आधा नीबू का रस, आधा चम्मच पिसी काली मिर्च और आधा चम्मच काला नमक मिला कर पिएं।
    *कब्ज होने पर 4-5 काली मिर्च  kali mirch  के दाने दूध के साथ रात में लेने से आराम मिलता है।
    *बदहजमी होने पर कटे नीबू के आधे टुकड़े के बीज निकाल कर काली मिर्च और काला नमक भरें। इसे तवे पर थोड़ा गर्म करके चूसें।
    *चेहरे पर झाइयां होने पर काली मिर्च, जायफल और चंदन तीनों का पाउडर बराबर मात्रा में मिलाएं। 2-3 चुटकी पाउडर और थोड़ा पानी मिलाकर उबटन बनाएं। इसे चेहरे पर लगाएं। सूखने पर सादे पानी से चेहरा धो लें।
    शरीर के किसी भी अंग में सूजन होने पर काली मिर्च का लेप लगाएं, आराम मिलेगा।
    *20 ग्राम काली मिर्च, 10 ग्राम जीरा और 15 ग्राम शक्कर या मिश्री पीस कर मिश्रण बना लें। इसे सुबह-शाम पानी के साथ फांक लें। बवासीर रोग में आराम मिलेगा।
    *काली मिर्च  kali mirch आंखों के लिए उपयोगी है। भुने आटे में देसी घी, काली मिर्च और चीनी मिला कर मिश्रण बनाएं। सुबह-शाम 5 चम्मच मिश्रण का सेवन करें।
    *नमक के साथ काली मिर्च मिलाकर दांतों में मंजन करने से पायरिया ठीक होता है। दांतों में चमक और मजबूती बढ़ती है।
    *सर्दी-खांसी होने पर 8-10 काली मिर्च, 10-15 तुलसी के पत्ते मिलाकर चाय बनाकर पीने से आराम मिलता है।
    *100 ग्राम गुड़ पिघला कर 20 ग्राम काली मिर्च का पाउडर उसमे  मिलाएं। थोड़ा ठंडा होने पर उसकी छोटी-छोटी गोलियां बना लें। खाना खाने के बाद 2-2 गोलियां खाने से खांसी में आराम मिलता है।
    *मुंह से बदबू आती है, तो दो काली मिर्च रात को ब्रश करने से पहले चबा लें।
    *माइग्रेन होने पर एक कप दूध में एक चम्मच पिसी काली मिर्च और एक चुटकी हल्दी मिला कर उबाल कर पिएं।
    *काली मिर्च शहद में मिलाकर खाने से कमजोर याददाश्त में फायदा होता है।
    *चेहरे पर झाइयां होने पर एक गिलास गाजर के रस में नमक और पिसी काली मिर्च मिलाकर पीना फायदेमंद है।
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