27.6.24

बारिश के मौसम की बीमारियाँ और घरेलू उपाय ,Rainy season diseases




 बरसात का मौसम बीमारियों को आमंत्रित करने का मौसम होता है, क्योंकि इस मौसम में बारिश से कई स्थानों पर जलजमाव, कीचड़ व गंदगी से पैदा होने मच्छर व बैक्टीरिया बीमारियां फैलाते हैं। इसके अलावा मौसम में नमी के कारण बैक्टीरिया अधिक पनपते हैं जो पानी और खाद्य पदार्थों को दूषित कर, शरीर की बीमारियों का कारण बनते हैं।

जानते हैं  बरसात की 5  प्रमुख बीमारियां :

1 . डेंगू - डेंगू बुखार भी मच्छरों के काटने से ही फैलता है, लेकिन डेंगू फैलाने वाले मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इस बात का विशेष ध्यान रखें। एडिज मच्छर के काटने से फैलने वाले इस रोग का प्रभाव मरीज के पूरे शरीर और जोड़ों में तेज दर्द के रूप में होता है। इससे बचने के लिए मच्छरों से बचें और घर से निकलने से पहले शरीर को पूरी तरह ढंककर रखें।

2 . मलेरिया - मलेरिया बरसात में होने वाली आम लेकिन गंभीर संक्रामक बीमारी है, जो जलजमाव से पैदा होने वाले मच्छरों के काटने से होती है। यह रोग मादा ऐनाफिलिज मच्छर के काटने से फैलता है। इससे बचने के लिए अपने आसपास पानी का जमाव न होने दें।
3. डायरिया - बरसात के मौसम में डायरिया सबसे आम समस्या है, जो जीवाणुओं के संक्रमण के कारण होता है। इसमें पेट में मरोड़ होने के साथ ही दस्त लगना प्रमुख हैं। यह खास तौर से बरसात में प्रदूषित पानी और खाद्य पदार्थों के सेवन के कारण होता है, अत: खाद्य पदार्थों को ढंक कर रखें, पानी उबालकर व छानकर पिएं और हाथ धोने के बाद ही कुछ ग्रहण करें।
4 . चिकनगुनिया - चिकनगुनिया भी मच्छरों से फैलने वाला बुखार है, जिसका संक्रमण मरीज के शरीर के जोड़ों पर भी होता है और जोड़ों में तेज दर्द होता है। इससे बचने के लिए जलजमाव से बचें, ताकि उसमें पनपने वाले मच्छर बीमारी न फैलाएं।
4. हैजा - विब्रियो कोलेरा नामक जीवाणु के कारण फैलने वाला यह रोग दूषित भोज्य व पेय पदार्थों के कारण होता है। पेट में ऐंठन के साथ लगातार होने वाले उल्टी-दस्त इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं जिसके कारण शरीर में पानी की कमी होना और मिनरल्स की कमी हो जाती है और मरीज बेहद कमजोर हो जाता है। इससे बचने के लिए खाने-पीन संबंधी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
मानसून में गर्मी और नमी होती है जो कि कीटाणुओं के प्रजनन के लिए परफेक्ट मौसम है, इसमें मक्खी और मच्छर के अलावा कई जहरीले कीटाणुओं की संख्या बढ़ जाती है। ये सभी इंसानों में बीमारियां फैलाते हैं, यही कारण है कि बरसात के मौसम में फ्लू होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। बारिश के मौसम में अगर शरीर का ख्याल सही से न रखा जाए तो यह बीमारियों का घर बन जाता है। इस मौसम में होने वाली ज्यादातर बीमारियां एक दूसरे में फैलती हैं, ऐसे में आप अपने साथ साथ घर वालों को भी बीमार कर सकते हैं।
बरसात के मौसम में कई स्वास्थ्य समस्याएं बहुत अधिक बढ़ जाती हैं। सर्दी, खांसी और बुखार जैसी परेशानियोों से राहत के कुछ घरेलू उपाय
इस मौसम में संक्रामक बीमारियां तेजी से फैलती हैं। जैसे कि सर्दी, खांसी और बुखार इस दौरान काफी प्रभावी होते हैं। अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है तो इन बीमारियों के होने का रिस्क और भी बढ़ जाता है। इसके अलावा इस मौसम में अच्छे खासे स्वस्थ लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता भी कम हो जाती है। इन बीमारियों का अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह आपके लिए और भी परेशानिया बढ़ा सकती हैं।
आयुर्वेद में कई प्राकृतिक घरेलू उपचार हैं जिनका उपयोग आप इन बीमारियों के इलाज में कर सकते हैं। यहाँ हम आपको कुछ ऐसे 5 आयुर्वेदिक घरेलू उपाय बताएंगे जो मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी और बुखार में आपको राहत प्रदान कर सकते हैं-

तुलसी

तुलसी एक प्राकृतिक औषधि है जिसका उपयोग सर्दी, खांसी और बुखार से आराम पाने के लिए किया जा सकता है। आप इसके ताजे पत्तों का उपयोग करके तुलसी का काढ़ा बनाकर पी सकते हैं। तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं और सामान्य सर्दी ज़ुखाम के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।

गर्म पानी की भाप लें

सर्दी, खांसी और बुखार होने के लक्षणों को कम करने के लिए गर्म पानी की भाप लें। इसमें अजवाइन के पत्ते, तुलसी के पत्ते और हल्दी पाउडर डालना न भूलें। यह बंद नाक को खोलने और खांसी व बुखार के लिए कारगर उपाय है।

हल्दी दूध

सर्दी, खांसी और बुखार में हल्दी दूध पीना एक प्रमुख आयुर्वेदिक उपाय है। हल्दी के एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण आपके शरीर के रोगों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और आपको कुछ समय में राहत प्रदान करते हैं। एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाएं और इसे सोने से पहले पिएं।

गार्गल करें

गर्म पानी में नमक मिलाकर गार्गल करना सर्दी और खांसी के लिए अत्यंत प्रभावी होता है। यह गले में जमी बलगम और फेफड़ों को साफ करने में मदद करता है और खांसी को कम करता है। गार्गल करने के लिए एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाएं और इस मिश्रण से गार्गल करें।



पिएं हर्बल ड्रिंकिंग वाटर

हर्बल ड्रिंकिंग वाटर पीना आपकी सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता हैं। फ्लू के लक्षणों को दूर करने के लिए और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए सादे पानी की बजाय हर्बल वाटर पीना चाहिए। आप घर पर सोठ , धनिया और तुलसी के पत्ते को उबलाकर इसको बना सकते हैं।

बरसात के मौसम में बीमारियों से बचाव कैसे करें? 

हाथ धोने की आदत


कोरोना महामारी के फैलने के बाद से लोग समझ चुके हैं कि हाथ धोना कितना जरूरी है। बारिश के मौसम में भी बार बार हाथ धोने की आदत डाल लेनी चाहिए। फ्लू फैलाने वाले वायरस आमतौर पर हाथ के जरिए ही आपके शरीर में खाने के माध्यम से पहुंचते हैं। बस स्टॉप, सार्वजनिक शौचालय, बाजार जैसी जगहों पर कीटाणु बहुत होते हैं। ऐसे में वह आपके संपर्क में आकर आपको फ्लू जैसी बीमारी दे सकते हैं। बारिश के मौसम में बार बार साबुन से हाथ धोने से ये कीटाणु खत्म हो सकते हैं।

घर में खाना खाएं

बारिश के मौसम में स्ट्रीट फूड्स से बचना चाहिए। घर में पका खाना ही खाएं और ध्यान रखें कि बाहर से सब्जी लाते वक्त इसे अच्छे से साफ करें। अपने खाने में ताजे फल और सब्जियों की मात्रा बढ़ा दें।

विटामिन सी

विटामिन सी आपको सर्दी और फ्लू से तेजी से उबरने में मदद करता है, इसलिए अपनी डाइट में नींबू और अन्य खट्टे फलों जिनमें विटामिन सी की भरपूर मात्रा हो, उन्हें बढ़ा दें। इस मौसम में आप डॉक्टर के परामर्श के बाद विटामिन सी की गोलियां लेना भी शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा आप पानी भी खूब पिएं। स्वस्थ शरीर के लिए दिन में 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए।

मच्छरों से बचाव

बरसात के मौसम में ध्यान रखें कि आपके आस पास पानी जमा न हो। पानी में मच्छरों को पनपने के लिए अनुकूल वातावरण मिलता है, जिससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैलती हैं। आप घर में कपूर का तेल, नीम का तेल इस्तेमाल करके मच्छरों को भगा सकते हैं।

बारिश से कौन सी बीमारी हो सकती है?

यह एक आम ग़लतफ़हमी है कि बारिश में भीगने से आपको सर्दी लग सकती है। बारिश से वास्तव में आप बीमार नहीं पड़ सकते। हालाँकि, लंबे समय तक भीगने और ठंडे रहने से आपके शरीर का तापमान इतना कम हो सकता है कि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावित हो सकती है - जिससे आपको सर्दी या फ्लू वायरस होने का जोखिम बढ़ जाता है।

बरसात के मौसम में बुखार क्यों आता है?

मानसून के समय में जगह-जगह पानी जमने से बैक्टीरिया और वायरस पनपने लगते हैं और वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। बुखार हमें यह संकेत देता है कि हमारे शरीर में कुछ परेशानी है। बुखार और भी कई कारणों से हो सकता है, जैसे- संक्रमण, थकावट, ट्यूमर, वैक्सीनेशन(टिका) इत्यादि।

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