31.3.23

घाव जल्दी भरने के उपाय:Ghav bharne ke upay



जब किसी कारण चोट लग जाए तो उसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। चोट छोटी बड़ी नहीं होती है, चोट चोट होती है। जिसका सही उपचार न करने पर वह गंभीर समस्या बन जाती है। चोट लगने या जलने से घाव हो जाता है। आप कोई उपचार करें या न करें, बॉडी चोट लगते ही घाव भरने का काम शुरु कर देती है। छोटी मोटी खरोंचे तो शरीर ख़ुद ठीक कर लेता है, लेकिन घाव अगर बड़ा हो जाए तो उसको भरने के लिए हमें कुछ उपाय करके अपने शरीर के काम में मदद करनी पड़ती है। आज हम घाव जल्दी भरने के लिए क्या करना चाहिए, इसके घरेलू उपाय जानेंगे।
घाव की गहराई की जांच

जब भी चोट लगे तो घाव की गहराई की जांच तुरंत कर लेनी चाहिए। जिससे आपको पता चलेगा कि घर पर ये ठी क हो सकेगी या फिर आपको डॉक्टर के पास जाना पड़ेगा। घाव गहरा होने पर उसमें टांके लगाने पड़ सकते हैं, इसलिए बड़ी चोटों के लिए डॉक्टर से ज़रूर मिलिए।
ख़ून रोकने के उपाय

चोट से अगर ख़ून बह रहा हो तो घाव पर रूई की पट्टी बांधकर उसे थोड़ी देर हल्का सा दबाकर रखें। ज़्यादा दबाने की ज़रूरत नहीं है, ख़ून बंद न हो तो एक पट्टी और रखिए। ख़ून न रुक रहा हो फ़ौरन डॉक्टर से मिलिए। ख़ून बंद होने के बाद ही घाव भरने के उपाय किए जा सकते हैं।
घाव की सफ़ाई

ख़ून रुक जाने के बाद घाव की सफ़ाई कीजिए। ध्यान रखें कि घाव की सफ़ाई से पहले अपने हाथ साबुन से अच्छे से धो लेने चाहिए। इससे इंफ़ेक्शन के चांसेज कम हो जाएंगे। चोट पर साबुन न लगने दें।
– घाव को साफ़ पानी से धुलना चाहिए, नल के ताज़े पानी से घाव की सफ़ाई करते समय नल का प्रेशर कम रखना चाहिए।
– घाव को रुई से थपथपाना चाहिए, न कि उसे पोंछना चाहिए। पोंछने से घाव खुल सकता है।
– घाव को धूल और मिट्टी से बचाना चाहिए। धूल मिट्टी के कण घाव में बैठ जाएँ तो घाव पक सकता है।
– घाव को सैलाइन घोल _ Saline Solution से साफ़ करना चाहिए। यह डिस्टिल्ड वाटर और सोडियम क्लोराइड का आइसोटोनिक घोल _ Isotonic Solution होता है।
घाव की मरहम पट्टी

घाव पर एंटी बैक्टीरियल ओइंमेंट लगाकर पट्टी बांधनी चाहिए। ये इंफ़ेक्शन की संभावना कम करके घाव भरने की दर बढ़ाता है।
घाव भरने के उपाय

आयुर्वेदिक तरीक़ों से भी घाव जल्दी भरे जा सकते हैं, इसके लिए हर्बल एंटीसेप्टिक और मरहम का इस्तेमाल किया जाता है। इन उपायों से घाव के निशान भी गायब हो जाते हैं।

1. एलो वेरा

– ज़ख़्म गहरा न हो तो एलो वेरा जेल का प्रयोग कीजिए। इससे घाव की सूजन कम हो जाती है, साथ ही ज़ख़्म को ज़रूरी नमी मिल जाती है।
– गहरे और खुली चोटों पर ऐलो वेरा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
– ऐलो वेरा से एलर्जी होने की संभावना बहुत ही कम है, लेकिन यदि त्वचा का रंग लाल हो जाए तो डॉक्टर से मिलें।
– कटे छिले पर ऐलो वेरा का रस बहुत फ़ायदेमंद है।
2. शहद

– शहद के प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल गुण घाव को पकने से बचाते हैं। जिससे घाव जल्दी भरता है।
– छोटी मोटी चोटों के लिए घाव साफ़ करने के लिए शहद लगाकर पट्टी से बांध दें।
– त्वचा में बढ़ने वाली सूजन शहद लगाने ठीक हो जाती है।
3. हल्दी

– एंटी सेप्टिक गुणों से युक्त हल्दी घाव को इंफ़ेक्शन से बचाती है।
– घाव को गोमूत्र से भी साफ़ किया जा सकता है, इसके बाद हल्दी का लेप लगा लीजिए।
4. सिरका

कटे छिले ज़ख़्म पर सिरका लगाने से आराम मिलता है। सिरका लगाने से आपको थोड़ी जलन होगी, लेकिन घाव जल्दी भर जाता है। सिरके की दो चार बूंदे ही रुई पर डालकर साफ़ करना चाहिए।
5. आइसपैक

– चोट की सूजन कम न हो तो आइसपैक प्रयोग करनी चाहिए। इससे ख़ून बहना कम हो जाता है और दर्द में भी आराम मिलता है।
– आइसपैक न हो तो एक रूमाल या तौलिए में बर्फ़ लपेटकर घाव पर लगाएँ।
– आइसपैक या बर्फ़ को चोट के सम्पर्क में सीधे नहीं लाना चाहिए।
6. योग और व्यायाम

हल्की एक्सरसाइज़ से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। योग, स्ट्रेचिंग, टहलना और साइकलिंग आदि कर सकते हैं।
घाव भरने के आयुर्वेदिक उपाय

– चोट पर गौमूत्र या अपना मूत्र इस्तेमाल करें।
– हल्दी वाला दूध ही पीना चाहिए।
– घाव होने पर भोजन कम करना चाहिए, इससे घाव जल्दी भर जाता है।
घाव जल्दी भरने के लिए आहार

शरीर में पोषक तत्वों की कमी से घाव भरने में देर लग सकती है। इसलिए प्रोटीन और विटामिन का सेवन करना चाहिए। प्रोटीन से घाव जल्दी भरता है और विटामिन स्किन को हेल्दी रखता है। विटामिन ए और सी पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए। साथ ही ज़िंक में भी घाव भरने की क्षमता होती है।
– शाकाहारी प्रोटीन के लिए दालें, सोयाबीन और चने का सेवन करें और मांसाहारी अंडे, मछली और चिकन खा सकते हैं।
– नींबू, संतरा, अन्नानास और ब्रोकोली

से विटामिन सी मिलता है। जबकि दूध, पनीर, गाजर और हरी सब्ज़ियों में विटामिन ए होता है।
– पानी में अनेक प्रकार के मिनिरल्स होते हैं, जिससे घाव जल्दी भरते हैं। साथ यह शरीर में डी-हाइड्रेशन नहीं होता है।
घाव भरने के अन्य उपाय

चोट लगने पर डायबिटीज़ के मरीज़ का ख़ून जल्दी नहीं रुकता है, और इससे घाव भरने दर भी धीमी हो जाती है। कभी कभी समस्या गैंगरीन बन जाती है, जिसमें मरीज़ का चोटिल अंग सड़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि उस भाग की सभी कोशिकाएँ मर जाती हैं और नई कोशिकाएँ विकसित नहीं होती हैं। ऐसी स्थिति में अंग को काटकर अलग करना पड़ता है।
आयुर्वेदिक औषधि बनाने की विधि

गैंगरीन के उपचार के लिए आप घर पर औषधि बना सकते हैं। जिसमें गाय का मूत्र, हल्दी और गेंदे के फूल चाहिए।
– गाय के मूत्र को साफ़ कपड़े से छानकर प्रयोग करना चाहिए।
– छने हुए गौ मूत्र में हल्दी और गेंदे की पत्तियाँ मिलाकर पीस लीजिए। इस लेप का प्रयोग घाव पर दिन में दो बार करें।
– दुबारा घाव पर यह लेप लगाने से पहले घाव को गौ मूत्र से धोना चाहिए, डेटॉल से नहीं।
– लेप को प्रयोग से तुरंत पहले बनाना चाहिए।
घाव भरने के लिए सावधानियाँ

– चोट लगने पर घाव को खुला छोड़ने की बजाय उसपर एंटी सेप्टिक लगाएँ।
– घाव छूने और पट्टी बदलने से पहले अपने हाथ ज़रूर धो लें।
– चोट पर ब्यूटी या कॉस्मेटिक क्रीम का प्रयोग न करें।
– ज़ख़्म भर जाने के बाद पपड़ी को ख़ुद झड़ने दें। अगर आप ज़बरदस्ती निकालेंगे तो चोट का निशान रह जाएगा।
– कुछ हफ़्ते में घाव ठीक न हो तो डॉक्टर को दिखाएँ।
– घाव को हमेशा ढककर रखना चाहिए, ताकि उस पर मक्खियाँ न लगें।
– घाव को धूप में न रखें, इससे उसके निशान रह जाते हैं।

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29.3.23

गुर्दे ख़राब किडनी फेल की जीवन रक्षक हर्बल औषधि-Kidney failure Medicine

 

 हमारे शरीर के हानिकारक पदार्थो को शरीर से छानकर बाहर निकालने का काम किडनी का ही होता है! किडनी हमारे शरीर के लिए रक्त शोधक का काम करती है, दुख की बात तो ये है के इस बीमारी का बहुत देर से पता चलता है जब तक किडनी 60-65% तक ख़राब हो चुकी होती है!

क्यों होती है किडनी फेल-

ब्लड प्रेशर किडनी फेल होने का सबसे बड़ा कारण है, इसलिए नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करवाते रहना आवश्यक है। 

लक्षण:

हाथ-पैरों और आंखों के नीचे सूजन,
* सांस फूलना, 
*भूख न लगना और हाजमा ठीक न रहना, 
*खून की कमी से शरीर पीला पड़ना,
* कमजोरी, थकान, 
*बार-बार पेशाब आना,
 *उल्टी व जी मिचलाना, 
*पैरों की पिंडलियों में खिंचाव होना,
 *शरीर में खुजली होना आदि लक्षण यह बताते हैं कि किडनियां ठीक से काम नहीं कर रही हैं।

किडनी निष्क्रियता रोगी  के लिए डाईट चार्ट एवं हर्बल उपचार :

*प्रोटीन, नमक, और सोडियम कम मात्र में खाए!
* नियमित व्यायाम करे, अपने वजन को बढ़ने न दे, खाना समय पर और जितनी भूख हो उतनी ही खायें, बाहर का खाना ना ही खाए तो बेहतर है, सफाई का विशेष ध्यान रखे, तथा पौषक तत्वों से भरपूर भोजन करें!
*अंडे के सफ़ेद वाले भाग को ही खाए उसमे किडनी को सुरक्षित रखने वाले तत्व जैसे के फोस्फोरस और एमिनो एसिड होते है|
*मछली (Fish) खाए इसमे ओमेगा 3 फैटी एसिड किडनी को बीमारी से रक्षा करता है!
*किडनी रोग मे प्याज, स्ट्राबेरी, जामुन, लहसुन इत्यादी फायेदेमंद होते है ये मूत्र के संक्रमण से भी  बचाते है | 



किडनी के रोग में परहेज-

किडनी के रोगी को नमकीन चटपटी खट्टी चीजे तली हुई चीजें बेकरी आइटम जैसे पाव, ब्रेड, बटर, खारी बिस्कुट, नान खटाई, सूप, जूस, कोल्ड ड्रिंक सभी प्रकार की दाले, करेला, भिन्डी, बैंगन, टमाटर, शिमला मिर्ची, पत्ते वाली सब्जी जैसे पालक, चौलाई, मेथी, फलो का रस, सूखे मेवे,बेसन, पापड़, आचार, चटनी, बेकिंग पाउडर एवं सोडा लेने की मनाही है।

किडनी के रोगी के लिए चाय-

अदरक और तुलसी के पत्ते वाली काली चाय मे थोड़ा सा काली मिर्च, सोंठ, दालचीनी, छोटी इलायची, बड़ी इलायची, तेजपत्ता, अजवायन और लवंग का चूर्ण डालकर बनाए, सुबह शाम 100- 150 ग्राम चाय दे, ध्यान रखे, इसमें चाय पत्ती ना डाले।


किडनी के रोगी के लिए नाश्ता-

उपमा, पोहा, कुरमुरा दलिया, इडली, सफेद ढोकला, साबुदाना, रवा, साबुदाना खिचड़ी बिना मूँगफली नारियल के।


किडनी के रोगी के लिए रोटी-

किडनी के रोगी के लिए रोटी सूखी होनी चाहिए, मतलब बिना घी, तेल लगाये, मक्का, जवार, बाजरी की हो तो उत्तम, नही तो गेहू थोड़ा मोटा पिसा हुआ ले मैदे या बारीक पिसे आटे की ना बनवाए।इसके आलावा अंकुरित मूंग थोड़ी मात्रा मे उबालने के बाद खाना उपकारी होता है|

किडनी के रोगी के लिए सब्जी -

हमेशा दो तरह की सब्जी ले एक जमीन के नीचे होने वाली जैसे आलू, मूली ,गाजर अरुई चुकंदर,शकरकन्द| दूसरी जमीन के उपर वाली लौकी भोपला गोभी पत्ते वाली ,सेम ,सहजन ,नेनुआ ,तुरई, कूनरू, परवल, रायता आदि।

किडनी के रोगी के लिए सलाद-

ककड़ी, खीरा, गाजर, बीट रूट, पत्ते वाली गोभी, मूली, प्याज लेकिन मूली का सेवन रात्रि मे ना करे।

किडनी के रोगी के लिए दूध दही पनीर 

गाय का दूध मलाई निकालकर 100 – 150 मिली नाश्ते के समय,दही एक  कटोरी दोपहर भोजन के समय और पनीर 30 ग्राम डिनर के साथ ले।

किडनी के रोगी के लिए फल-

सेब बिना छिलके के, बेर, अमरूद, पपीता और पाईनेपल  मे से कोई एक फल।

किडनी अकर्णयता रोगी के लिए हितकारी उपचार-

*किडनी फेल्योर रोगी के लिए  हर्बल मेडिसीन(वैध्य दामोदर 98267-95656) बहुत फायदेमंद रहती है|यह औषधि 10 मिली  की मात्रा मे दिन मे 3 बार खाली पेट सेवन करना चाहिए|इससे क्रिएटीनिन  और यूरिया लेविल नीचे लाने मे मदद  मिलती है| 
*गेंहू के जवारों का रस 50 ग्राम और गिलोय (अमृता की एक फ़ीट लम्बी व् एक अंगुली मोटी डंडी) का रस निकालकर – दोनों का मिश्रण दिन में एक बार रोज़ाना सुबह खाली पेट निरंतर लेते रहने से डायलिसिस द्वारा रक्त चढ़ाये जाने की अवस्था में आशातीत लाभ होता है।
 *इसके आलावा किडनी  रोगी को छोटे गोखरू का काढ़ा बनाकर भी  उपयोग करना लाभप्रद रहता है||

सामग्री -


 छोटा गोखरू  250 ग्राम लें| इसे 4 लीटर पानी मे  तब तक उबालें  की एक लीटर  शेष रह जाये|ठंडा होने पर छानकर एक बोतल मे भर लें| 

खुराक :

यह औषधि सुबह -शाम 100 मिली की मात्रा मे दिन मे 2 बार खाली पेट लेना चाहिए |पीने के वक्त औषधि की 100 मिली मात्रा मामूली गरम कर लेना चाहिए| काढ़ा पीने के एक घंटे के बाद ही कुछ खाइए और अपनी पहले की दवाई ख़ान पान का रूटीन पूर्ववत ही रखिए।औषधि समाप्त होने पर फिर बना लेना चाहिए|जैसे जैसे आपके अंदर सुधार होगा काढे की मात्रा कम कर सकते है या दो बार की बजाए एक बार भी कर सकते है।

यह भी आज़माएँ-

किडनी के रोगी चाहे उनका डायलासिस चल रहा हो या अभी शुरू होने वाला हो चाहे उनका क्रिएटिनिन या यूरिया कितना भी बढ़ा हुआ हो और डाक्टर ने भी उनको किडनी ट्रांसप्लांट के लिए परामर्श दिया हो ऐसे में उन रोगियों के लिए एक  असरदार प्रयोग है जो इस रोग से छुटकारा दिला सकता है|

* नीम और पीपल की छाल का काढ़ा :-

3 गिलास पानी में 10 ग्राम नीम की छाल और 10 ग्राम पीपल की छाल लेकर आधा रहने तक उबाल कर काढ़ा बना ले इस काढ़े को 3-4 भाग में बांटकर दिन में सेवन करते रहे इस प्रयोग से मात्र 7 दिन में क्रिएटिनिन का स्तर व्यवस्थित हो सकता है या वांछित लेवल तक आ सकता है
*खून मे क्रिएटीनिन की नियमित जांच करवाते रहें| जरूरत पड़ने पर डायलिसिस करवाना चाहिए||योग्य चिकित्सक से संपर्क बनाए रखें|

विशिष्ट परामर्श-

किडनी फेल रोगी के बढे हुए क्रिएटनिन के लेविल को नीचे लाने और गुर्दे की क्षमता बढ़ाने में हर्बल औषधि सर्वाधिक सफल होती हैं| किडनी ख़राब होने के लक्षण जैसे युरिनरी फंक्शन में बदलाव,शरीर में सूजन आना ,चक्कर आना और कमजोरी,स्किन खुरदुरी हो जाना और खुजली होना,हीमोग्लोबिन की कमी,उल्टियां आना,रक्त में यूरिया बढना आदि लक्षणों  में दुर्लभ जड़ी-बूटियों से निर्मित यह औषधि रामबाण की तरह असरदार सिद्ध होती है|डायलिसिस  पर   आश्रित रोगी भी लाभान्वित हुए हैं| औषधि हेतु  वैध्य दामोदर से 98267-95656 पर संपर्क किया जा सकता है|
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24.3.23

लौकी का जूस से वजन कैसे कम करें:louki juice weight loss

 

बढ़ता वजन मोटापे की समस्या को जन्म दे सकता है, जो आगे चलकर कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल की अधिकता और कैंसर जैसी कई बीमारियां हैं, जिनका मुख्य कारण मोटापा ही है इन बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए वजन को नियंत्रित रखना जरूरी है। ऐसे में वजन को संतुलित रखने के लिए एक सामान्य सी सब्जी ‘लौकी’ उपयोगी हो सकती है। इस लेख में हम आपके लिए लौकी का जूस फॉर वेट लॉस लेकर आए हैं।


लौकी में भरपूर मात्रा में विटामिन बी व फाइबर

लौकी में भरपूर पानी के साथ फाइबर व विटामिन बी होता है। इसके सेवन से शरीर को मेटाबॉलिक मिलता है, जिससे मनुष्य का पाचन तंत्र मजबूत हो जाता है। लौकी के सेवन से भूख बढ़ता है उससे भूख नियंत्रित भी होता है। इसको खाने से मनुष्य का कब्ज व पेट की समस्याएं भी नहीं होती है। यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।

लॉकी का जूस पीने से कम होगा वजन

नियमित रूप से लौकी का जूस पीने से वजन तेजी से कम होता है। लौकी मे विटामिन बी व पानी अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो मनुश्य के शरीर को गंठिया व सुदृढ़ करने में भी मदद करता है। इसके सेवन से सैचुरेटेड फैट व कोलेस्ट्रॉल बहुत कम होता है, जिससे रक्तचाप व मुधमेह बढ़ने का खतरा नहीं रहता है। लौकी मे विटामिन बी, प्रचुर मात्रा में पानी के अलावा विटामिन ई, फोलेट,पोटैशियम आदि पदार्थ पाए जाते हैं जो वजन कम करने में मदद करते हैं। लौकी का जूस नियमित रूप से सेवन करने से वजन कम होना तय है। इसको सुबह में पीने से पूरे दिन इनर्जी बना रहता है।

कैलोरी


बॉटल गॉर्ड जूस फॉर वेट लॉस इसलिए भी कारगर माना जा सकता है, क्योंकि इसमें कैलोरी बेहद कम होती है। इससे संबंधित एक शोध से जानकारी मिलती है कि पकी हुई लौकी में बहुत कम कैलोरी होती है। यही वजह है कि जो लोग डाइटिंग करते हैं उनके लिए यह एक शानदार भोजन माना जाता है। बताया जाता है कि आधा कप या 58 ग्राम लौकी में केवल आठ कैलोरी होती है । वहीं, लौकी का जूस भी उसे उबाल कर ही बनाया जाता है। इस आधार पर कह सकते हैं कि लौकी का जूस वजन घटाने के लिए फायदेमंद हो सकता

जाने लौकी का जूस बनाने का क्या है तरीका

लौकी का जूस बनाने के लिए एक या दो किलो लौकी लेंगे
फिर उसे छोटे-छोट टुकड़ों में काटेंगे
जूसर ग्राइंडर में लौकी के टुकड़ों को पिस कर उसका जूस निकालेंगे
फिर जूस को एक ग्लास में निकालकर उसमें एक चम्मच दालचीनी का पाउडर डालेंगे
स्वाद के मुताबिक उस जूस में नींबू का रस या काल नमक मिलाकर सेवन कर सकते हैं।

मोटापा कम करने के लिए लौकी का जूस का उपयोग कैसे करें?

वजन कम करने के लिए लौकी का जूस का उपयोग कैसे करें, इसके लिए यहां हम कुछ रेसिपी बता रहे हैं। इन्हें घर में आसानी से बनाया जा सकता है। इसके अलावा हम यह भी बताएंगे कि लौकी का जूस कब पीना चाहिए।

वजन घटाने के लिए लौकी का जूस

सामग्री:उबली हुई आधी लौकी के छोटे टुकड़े
2 छोटे चम्मच ताजा कटा हरा धनिया
2 छाेटे चम्मच पुदीना
अदरक का एक छोटा टुकड़ा
नमक स्वादानुसार
चुटकीभर काला नमक
आधा चम्मच नींबू का रस
1 कप पानी
जूस बनाने की विधि:सबसे पहले ब्लेंडिंग जार में सभी सामग्रियों को डाल दें।
ऊपर से पानी डाल दें।
इसके बाद सभी सामग्रियों को 3 से 4 मिनट तक ब्लेंड करें।
लौकी का जूस तैयार है।
इस जूस को गिलास में डालकर सर्व करें।
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23.3.23

1 दिन में 1 किलो वजन कैसे कम करें : How to Lose 1 Kg of Weight in a Day




१ दिन में वजन कम करने के लिए आपको आगे कुछ तरीके बताये जा रहे है। इनका उपयोग करके आप आसानी से अपना वजन कम कर सकते है।

१. रोज व्यायाम करे

आहार पर नियंत्रण करने के अलावा आपको रोज एक्सरसाइज भी करनी होगी। यह शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को जलाने का काम करती है। इसके लिए आपको सिर्फ जिम जाने की ही जरूरत नहीं है। आप पैदल चलकर, रनिंग करके या सीढ़ियां भी चढ़ सकते है। फैट कम करने के लिए एक्सरसाइज बहुत जरुरी है।

२. गर्म पानी जरूर पिएं

गर्म पानी पीने से शरीर में जमा चर्बी को कम करने में मदद मिलती है। गर्म पानी शरीर को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है। जब आप इसे डिटॉक्सीफाई करते हैं तो शरीर का मेटाबॉलिक रेट बढ़ने लगता है। मेटाबॉलिज्म बेहतर होगा तो आपको अधिक वजन कम करने में मदद मिलेगी।

३. चीनी का सेवन बंद या बिल्कुल कम कर दे


चीनी शरीर की चयापचय दर को धीमा कर देती है और इससे आपका वजन आसानी से कम नहीं होता है बल्कि और बढ़ने लगता है जल्दी वजन कम करने के लिए आपको मीठा खाना बंद कर देना चाहिए। जिन खाद्य पदार्थों में चीनी है आपको उनसे बचने की कोशिश करना चाहिए। अगर फिर भी शुगर की क्रेविंग हो रही है तो गुड़ और शहद जैसे विकल्पों का सेवन कर सकते है।

४. प्रत्येक भोजन में प्रोटीन खाएं

प्रोटीन आपको तृप्त रखता है जिससे आपको भूख कम लगती है और आप भरा हुआ महसूस करते है। प्रोटीन युक्त आहार लेने से भूख को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। शाकाहारी लोग राजमा, दालें, दही और पनीर जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करके अपने आहार में प्रोटीन को शामिल कर सकते हैं।

५. ग्रीन टी पिएं

रोजाना तीन कप ग्रीन टी पीकर आप अपने शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ा सकते हैं। ग्रीन टी से शरीर की चर्बी जल्दी जलने लगती है। ग्रीन टी एंटीऑक्सिडेंट से भरी होती है जो आपके लिए स्वस्थ भी है। इसे आप नियमित रूप से पीते है तो यह आपको दुबला होने में मदद मिलती है।

घर बैठे वजन कैसे कम करें -

यहाँ आपको वजन कम करने के कुछ तरीके बताये गए है इन तरीकों से आप घर बैठे ही वजन कम कर सकते है।

१. संपूर्ण एकल-घटक खाद्य पदार्थ खाएं


अपने आहार में संपूर्ण एकल-घटक खाद्य पदार्थों को शामिल करे। संपूर्ण खाद्य पदार्थ बहुत भरने वाले होते हैं।

२. रिफाइंड कार्ब्स का सेवन सीमित करें


रिफाइंड कार्ब्स वह होते हैं जिनमें से लाभकारी पोषक तत्व और फाइबर हटा दिए जाते हैं। रिफाइंड कार्ब्स के मुख्य आहार स्रोत सफेद चावल, सफेद ब्रेड, सोडा, सफेद आटा, स्नैक्स, पेस्ट्री, मिठाई, पास्ता, नाश्ता अनाज और अतिरिक्त चीनी हैं।

३. अधिक फल और सब्जियां खाएं

यह पानी, पोषक तत्वों और फाइबर में उच्च होने के अलावा आमतौर पर बहुत कम ऊर्जा घनत्व वाले होते है। कई अध्ययनों से पता चला है कि जो लोग अधिक फल और सब्जियां खाते हैं उनका वजन कम होता है।

४. प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें

प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ अतिरिक्त शर्करा, अतिरिक्त वसा और कैलोरी में उच्च होते हैं। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ से आपको बार - बार खाने की इच्छा होती है भूख ज्यादा लगती है असंसाधित खाद्य पदार्थों की तुलना में नशे की लत जैसे खाने की अधिक संभावना रखते हैं।

५. कैलोरी गिनें



वजन कम करने की कोशिश करते समय आप क्या खा रहे हैं, इसके बारे में जानना जरुरी है। कैलोरी गिनने के कई तरीके है जैसे खाने की डायरी रखना, उसकी तस्वीरें लेना, किसी ऐप या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक टूल का उपयोग करना।

६. लो-कार्ब डाइट ट्राई करें

वजन घटाने के लिए लो-कार्ब डाइट बहुत कारगर होती है। कार्बोस सीमित करना और अधिक वसा और प्रोटीन खाने से आपकी भूख कम हो जाती है और आपको कम कैलोरी खाने में मदद मिलती है।

७. छोटी प्लेटों में खाएं


छोटी प्लेटों में खाने से आपको कम खाने में मदद मिलती है। बड़ी प्लेट में खाने से आकार की परवाह किए बिना लोग अपनी प्लेटों को समान रूप से भरते हैं, इसलिए वे छोटी प्लेटों की तुलना में बड़ी प्लेटों पर अधिक भोजन डालते हैं।

८. धीरे खाओ

यदि आप बहुत तेजी से खाते हैं, तो आप बहुत अधिक कैलोरी खा सकते हैं धीरे-धीरे चबाने से आपको कम कैलोरी खाने और वजन घटाने से जुड़े हार्मोन के उत्पादन में वृद्धि करने में मदद मिल सकती है।

९. प्रतिरोध व्यायाम जोड़ें

यदि आप बहुत अधिक मांसपेशियों को खो देते हैं, तो आपका शरीर पहले की तुलना में कम कैलोरी बर्न करना शुरू कर देगा। नियमित रूप से वज़न उठाकर, आप मांसपेशियों में होने वाले इस नुकसान को रोकने में सक्षम होंगे।

वजन घटाने के लिए प्रो टिप्स

बहुत से लोगों के लिए १ दिन में १ किलो वजन कम करना मुश्किल हो सकता है लेकिन कुछ टिप्स आपको वजन घटाने में मदद कर सकती हैं।

१. प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें


अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ खाने से वजन बढ़ता है और यह मोटापे के उच्च जोखिम से जोड़ा जा सकता है।

२. भरपूर मात्रा में पानी पिएं

भरपूर पानी पीने से आपको भूख कम लगेगी और आपका पेट भरा हुआ महसूस होगा। पानी ज्यादा पीना आपको स्वस्थ और हाइड्रेटेड रखने में मदद करता है।

३. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ


खाद्य पदार्थ जो फाइबर से भरपूर होते हैं उनका सेवन करे। इसके लिए फल, सब्जियां, साबुत अनाज और फलियां खा सकते है यह पेट को खाली करने की गति को धीमा कर सकते हैं इस प्रकार भूख को कम करने और वजन घटाने को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।

४. प्रोटीन का अधिक सेवन


अगर आप अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाते है तो इससे भूख नियंत्रण में होती है भोजन की लालसा कम हो सकती है और परिपूर्णता की भावना बढ़ सकती है।

निष्कर्ष :

वजन कम करना इतना भी कठिन नहीं है जितना की आप सोच लेते है। यदि आप कड़े प्रयास करते है और वह सभी चीजें जो वजन कम करने में सबसे महत्वपूर्ण है, जैसे: आपको क्या खाना है, क्या नहीं खाना है और कैसे खाना है यह सभी चीजें बहुत महत्वपूर्ण है।
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