पाचन तंत्र के महत्वपूर्ण अंग हैं छोटी और बड़ी आंत। व्यक्ति जो भी खाता है, आंतें उनसे स्वस्थ और पौष्टिक चीजें निकालती हैं और शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर कर देती हैं। आंतों के सही काम न करने पर खाना पचने में दिक्कतें हो सकती हैं और पेट से जुड़े रोगों का जोखिम बढ़ जाता है। कभी-कभी आंतों का संक्रमण इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) का कारण बन सकता है। यह पाचन तंत्र से जुड़ी आम समस्या है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये संक्रमण आंत के नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं और इस सिंड्रोम का कारण बनते हैं।
आंत में सूजन की समस्या बड़ी ही पीड़ादायक होती है। इसके लक्षण शरीर में बड़ी ही धीरे-धीरे विकसित होते हैं। इस बीमारी को अल्सर कोलाइटिस भी कहा जाता है। इस बीमारी में बड़ी आंत व मलाशक के अंदरुनी परत प्रभावित होती है। इस बीमारी के अभी तक कोई निश्चित इलाज नहीं है लेकिन घरेलू नुस्खों के द्वारा व घरेलू इलाज के द्वारा इसे कंट्रोल में किया जा सकता है तथा इसके खतरे को कम किया जा सकता है।
इसके क्या है लक्षण
इस बीमारी के लक्षण सामान्य पेट दर्द के होते हैं लेकिन यदि इसकी पहचान सही पर कर ली जाए तो इसका इलाज संभव है, लेकिन यदि समय पर इसका इलाज ना हो तो ये आपकी आंतों के लिए साथ ही आपके पेट के लिए बड़ी समस्या पैदा कर सकते हैं। इसके सबसे खतरनाक लक्षण ये होते हैं जो इस बीमारी से ग्रसित रहता है उसे इसका पता नहीं चलता है, इसका पता तब चलता है जब ये अपने सबसे खराब स्टेज में पहुंच जाता है और तब तक ये खतरनाक रुप धारण कर लेता है।
इसमें मुख्य रुप से बड़ी आंत के उपरी सतह पर घाव हो जाता है जिससे उसमें सूजन आ जाता है। यह हर व्यक्ति में अलग-अलग प्रकार से होता है। इस बीमारी से आंतों कमजोर हो जाती है जिससे उसका खाना सही से पच नहीं पाता है पोषक तत्वों का सही से अवशोषण नहीं हो पाता है जिससे शरीर का वजन घटने लगता है और वह कमजोर होने लगता है।
इसमें बार-बार शौच का भी अनुभव होता है और पेट में मरोड़ जैसा अनुभव होता है। पेट के निचले हिस्से में हमेशा दर्द बना रहता है। एक स्टेज ऐसा आता है जब मरीज को दिन में 10 से ज्यादा बार शौच आता है और यह सबसे पीड़ा दायक अनुभव होता है। इससे शरीर में खून की कमी होने लगती है और मरीज बुखार से पीड़ित हो जाता है।
क्या है इसके कारण
इस खतरनाक बीमारी के कई कारण हैं। खराब खान-पान, शरीरिक व्यायाम में कमी, धूम्रपान, वायु प्रदूषण का प्रभाव, स्ट्रेस, गरिष्ठ भोजन,, विटामिन डी की कमी, हानिकारक बैक्टीरिया। अगर इसका सही से इलाज ना किया जाए तो ये कैंसर का रुप भी धारण कर सकता है। यदि यह 10 या फिर 10 से ज्यादा साल पुरानी बीमारी बन जाए तो यह कैंसर का रुप लेने की संभावना बढ़ सकती है।
घरेलू नुस्खे
पूरे दिन में पानी की थोड़ी- थोड़ी मात्रा पीते रहें
फैट युक्त खाद्य पदार्थ साथ ही जंक फूड खाने से परहेज करें
लैक्टोज से समस्या होती है तो दूध पीना कम कर दें
दिन भर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में कई बार भोजन करते रहना
प्रोटीन
आंत में सूजन का घरेलू उपाय है प्रोटीन। यह आंतों के खराब हो चुके ऊत्तकों को ठीक करने में मदद करता है। ऐसे में मरीज को कम फैट के दूध से बनाए गए प्रोटीन से भरपूर भोजन का सेवन करना चाहिए जैसे, अंडे, मछली, मूंगफली या अखरोट आदि। इसके अलावा सब्जियों में पनीर, सलाद का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कैल्शियम
ऐलोवेरा का सेवन किसी भी प्रकार के सूजन को कम करने के लिए फायदेमंद होता है। हरी पत्तियों वाला साग, ब्रॉकली इत्यादि का सेवन किया जा सकता है। कैल्शियम का सेवन विटामिन डी के साथ करने से ज्याजा लाभ मिलता है।
ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर पाया जाता है इसके सेवन से कई प्रकार के देसी इलाज में फायदा होता है। ग्रीन टी को किसी गिलास में पानी लेकर तैयार करें और इसे पी जाएं, इससे कई तरह की बीमारियां दूर होती है।
पर्याप्त मात्रा में पानी पीना
इस बीमारी में सबसे ज्यादा खतरा डिहाइड्रेशन होने का रहता है। ऐसे में मरीज को दिन भर में प्रचुर मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। इससे हमारी आंत और किडनी साफ रहती है। इसलिए आंत की समस्याओॆ में ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है।
विटामिन डी-
आंत के सूजन वाले मरीजों के लिए विटामिन डी फायदेमंद होता है. इसके लिए संतरे का जूस और दूध का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि इनमें विटामिन डी पर्याप्त मात्रा होती है.
नारियल का तेल-
इस तेल से बने भोजन को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं. इससे आंत की समस्याओं में राहत मिलती है.
इन चीजों का सेवन न करें
आपको आलू, बैंगन और टमाटर जैसी सब्जियां का सेवन नहीं करना है, साथ ही तिल के बीज, अखरोट, बैर, स्ट्रॉबेरी जैसे फल के सेवन से बचना है.
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