18.9.19

नागफनी के गुण व औषधीय उपयोग





  नागफनी (nagfani tree) स्वाद में कड़वी, पचने पर मधुर और प्रकृति में बहुत गर्म होती है। नागफनी कफ को निकालती है, हृदय के लिए लाभकारी होती है, खून को साफ करती है, दर्द तथा जलन में आराम देती है और खून का बहना रोकती है। नागफनी खाँसी, पेट के रोगों और जोड़ों की सूजन तथा दर्द में लाभ पहुँचाती है। इसके फूल (nagfani flower) कसैले होते हैं। इसका तना तासीर में ठंडा और स्वाद में कसैला होता है। तना हल्का विरेचक (Purgative), भूख बढ़ाने वाला और बुखार तथा विष को नष्ट करने वाला होता है।

   नागफनी कैक्‍टस समुदाय की एक प्रजाति या प्रकार है। जिसका तना पत्ते के सामान और गूदेदार होता है। नागफनी एक ऐसा पौधा है जिसकी पत्तियां काँटों का रूप ले लेती हैं सामान्‍य रूप से नागफनी को एक अनुपयोगी कटीली झाड़ी के रूप में जाना जाता है। क्योंकि लोग नागफनी के फायदे नहीं जानते है। कैक्‍टस या नागफनी के लाभ मानव शरीर को कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से बचा सकते हैं। नागफनी का फायदा विशेष रूप से सूजन, अनिद्रा, वजन कम करना जैसी समस्‍याओं में होता है। इसके अलावा नागफनी के गुण हड्डियों को मजबूत करने और हृदय संबंधी कुछ समस्याओं का इलाज करने में भी प्रभावी होते हैं। नागफनी का यह पौधा सबसे पहले मैक्सिको में उगाया गया था है लेकिन यह अब भारत में भी बहुत आसानी से मिल जाता है।
नागफनी स्वाद में कड़वी और प्रकृति में बहुत गर्म होती है। आप नागफनी का उपयोग आहार और अन्‍य रूप जैसे तेल और जूस के रूप में अपने दैनिक जीवन में कर सकते हैं।
  नागफनी एक कांटेदार झाड़ीनुमा पौधा है जिसे नेपल्‍स (Nopales) के नाम से भी जाना जाता है जो कैक्‍टस की एक प्रजाति है। यह मूल रूप से संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका और मेक्सिको में पाया जाता है। जब यह पौधा युवावस्‍था में होता है तब यह खाने योग्‍य होता है। लेकिन नागफनी की युवावस्‍था गुजरने के बाद इसे खाना मुश्किल होता है। इसके अलावा अपने स्‍वास्‍थ्‍य लाभ और खाने योग्‍य होने के कारण नागफनी का उपयोग कई प्रकार की जेली और कैंडीज बनाने में भी किया जाता है। नागफनी के सभी स्‍वास्‍थ्‍य लाभ इसमें मौजूद पोषक तत्‍वों की मौजूदगी के कारण होते हैं।
  कुछ विशेष स्‍वास्‍थ्‍य लाभों को प्राप्‍त करने के लिए नागफनी का व्‍यापक उपयोग किया जाता है। नागफनी से प्राप्‍त स्‍वास्‍थ्‍य लाभ इसमें मौजूद पोषक तत्‍वों की मौजूदगी के कारण होते हैं। नागफनी को विटामिन और अन्‍य खनिज पदार्थों का अच्‍छा स्रोत माना जाता है। नागफनी में कुछ फाइटोकेमिकल्‍स (phytochemicals) और पॉलीसेकेराइड (polysaccharides) की उच्‍च मात्रा होती है। इसके अलावा नागफनी में पोटेशियम, मैंगनीज, मैग्‍नीशियम और कैल्शियम भी अच्‍छी मात्रा में होता है। यदि विटामिन की बात की जाये तो यह विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन K, विटामिन बी6 आदि से भरपूर है। नागफनी में खनिज पदार्थ के रूप में तांबा, आयरन और फाइबर जैसे घटक भी मौजूद रहते हैं। जिनके कारण नागफनी का सेवन हमें स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाता है। 

नागफनी के सेवन से दमा-खाँसी का इलाज

खाँसी और दम फूलने यानी दमा जैसे रोगों में नागफनी का प्रयोग काफी लाभदायक है। 10 मिली नागफनी के फल के रस में दोगुना मधु तथा 350 मिग्रा टंकण मिला कर सेवन करें। इससे खाँसी और दम फूलने की परेशानी में लाभ होता है।

हृदय स्‍वस्‍थ रखे

हृदय संबंधी समस्‍याओं को दूर करने के लिए नागफनी का इस्‍तेमाल किया जा सकता है। नागफनी में मौजूद फाइबर की उचित मात्रा शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को नियंत्रित करता है। जिसके परिणाम स्‍वरूप शरीर में खराब कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को कम करने और अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। शरीर में स्‍वस्‍थ कोलेस्‍ट्रॉल स्‍तर के बने रहने से रक्‍तचाप को नियंत्रित रखा जा सकता है। नागफनी का सेवन करना उच्‍च रक्‍तचाप को भी नियंत्रित करने में सहायक होता है। जिससे हृदय आघात या हार्ट अटैक जैसी संभावनाओं से बचा जा सकता है।
इसके अलावा नागफनी में फ्लेवोनोइड्स की मौजूदगी प्‍लेटलेट्स को सामान्‍य करने में मदद करती है जिससे हृदय स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाया जा सकता है। यदि आप भी भविष्‍य में हृदय संबंधी समस्‍याओं से बचना चाहते हैं तो अपने आहार में नागफनी का उपयोग कर सकते हैं।

सूजन दूर करे

अध्‍ययनों के अनुसार नागफनी का उपयोग करना आपको सूजन से राहत दिला सकता है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि नागफनी में एंटी-इंफ्लामेटी गुण होते हैं। जिसके कारण यह शरीर के किसी भी हिस्‍से में आने वाली सूजन के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा शोध से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार नागफनी से निकाले गए तेल में फेनोलिक और बीटैलेंस (phenolic and betalains) की मौजूदगी होती है। जिसके कारण इस तेल को प्रभावित त्‍वचा में लगाने से सूजन कम करने में मदद मिलती है। नागफनी तेल के फायदे चोट और कीड़े काटने जैसी स्थिति में आने वाली सूजन को दूर करने में प्रभावी होता है। नागफनी तेल का उपयोग डर्मेटाइटिस और सोराइसिस जैसी त्‍वचा स्थितियों को भी ठीक कर सकता है।

लिवर के लिए

लीवर हमारे शरीर के जरूरी अंगों में से एक है। यदि हम स्‍वस्‍थ रहना चाहते हैं तो लीवर को भी स्‍वस्‍थ रखना अनिवार्य है। लिवर को स्‍वस्‍थ रखने और अन्‍य प्रकार के गंभीर संक्रमण से बचाने के लिए आपको विशेष खाद्य पदार्थ या दवाओं की आवश्‍यकता होती है। लेकिन शायद आपकी तलाश नागफनी पर आकर खत्‍म हो जाये। क्‍योंकि नागफनी के औषधीय गुण लीवर को स्‍वस्‍थ रखने और इसे संक्रमण क्षति से बचाने में सहायक होते हैं। हमारे द्वारा खाये जाने वाले उच्‍च वसा युक्‍त और अधिक मसालेदार भोजन यकृत पर तनाव बढ़ा सकते हैं जिससे आक्‍सीडेटिव तनाव आ सकता है। इस प्रकार की समस्‍या से बचने के लिए आप नागफनी के जूस का सेवन कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीऑक्‍सीडेंट लीवर को स्‍वस्‍थ रखने में सहायक होते हैं।

वजन कम करे

दुनिया में अधिकांश लोग अपने वजन को घटाने के लिए कई प्रकार के प्रयास करते हैं। जिनमें कई प्रकार के घरेलू उपाय, दवाएं और व्‍यायाम आदि शामिल हैं। लेकिन उन्‍हें शायद नहीं पता कि जिस नागफनी को वे अनुपयोगी खरपतवार समझते हैं वह उनके वजन को घटाने में मदद कर सकती है। नागफनी को फाइबर का बैंक माना जाता है। इसलिए नागफनी का सेवन करने से आपको लंबे समय तक भोजन करने की आवश्‍यकता नहीं होती है साथ ही यह आपके शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को भी कम करने में सहायक होता है। यदि आप भी अपना वजन नियंत्रित करना चाहते हैं तो नागफनी और इससे बने अन्‍य उत्‍पादों का उपभोग कर सकते हैं।

हड्डियों के लिए

हमारे दांतों और हड्डियों की सुरक्षा के लिए कैल्शियम का पर्याप्त स्तर बहुत आवश्यक है। इसलिए हमारे आहार में कैल्शियम की एक निश्चित मात्रा शामिल करने की आवश्यकता है। अध्ययन से पता चलता है कि एक कप नागफनी में हमारी हड्डियों और दांतों को मजबूत करने और बढ़ाने के लिए दैनिक कैल्शियम की आवश्यक मात्रा होती है।

मधुमेह के लिए

मधमेह रोगियों के लिए रक्‍त शर्करा के स्‍तर को नियंत्रित रखना चुनौतीपूर्ण कार्य है। लेकिन आप अपने रक्‍त में शर्करा के उचित स्‍तर को बनाए रखने के लिए नागफनी का प्रयोग कर सकते हैं। अध्‍ययनों से पता चलता है कि नागफनी में मौजूद पोषक तत्व और अन्‍य घटक रक्‍त शर्करा के स्‍तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

कैंसर से बचाये

नेपल्‍स (Nopales) या नागफनी कैंसर जैसी गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से बचने में मदद कर सकती है। नागफनी में फ्लेवोनाइड (flavonoid) यौगिकों की अच्‍छी मात्रा होती है जिसके कारण यह प्रोस्‍टेट कैंसर, स्‍तन कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, अग्नाशय के कैंसर और अन्‍य प्रकार के कैंसरों के जोखिम को कम करने में मदद करती है। नागफनी पर किये गए कुछ अध्‍ययनों से पता चलता है कि नागफनी मे कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने और इन्‍हें नष्‍ट करने की क्षमता होती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्‍सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्‍स के प्रभाव से बचाने और इन्‍हें हटाने में सहायक होते हैं। ये फ्री रेडिकल्‍स ही कैंसर का मुख्‍य कारण होते हैं। यदि समय रहते नियमित रूप से नागफनी का सेवन किया जाये तो यह कैंसर रोगी और सामान्‍य लोगों को कैंसर से बचाने में मदद करता है।

बालों के लिए उपयोगी

नागफनी में विटामिन, खनिज और विभिन्‍न प्रकार के फैटी एसिड की अच्‍छी मात्रा होती है। इन पोषक तत्‍वों की मौजूदगी आपके बालों के लिए बहुत ही उपयोगी होती है। आप अपने बालों को स्‍वस्‍थ बनाने के लिए नागफनी का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप नागफनी के तेल को बालों की जड़ में लगाएं और बालों की मालिश करें। इसमें मौजूद विटामिन ई बालों को कंडीशनिंग करने और उन्‍हें मजबूत बनाने में सहायक होता है।

मासिक धर्म के लिए

महिलाओं को मासिक धर्म चक्र के दौरान कई प्रकार की समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। महिलाओं को प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम जैसे सिरदर्द, स्‍तनों में सूजन, ऐंठन और अन्‍य कई बीमारियां हो सकती हैं। इस प्रकार की समस्‍याओं का प्रमुख कारण महिलाओं में प्रोस्‍टाग्‍लैंडिंस के स्‍तर में वृद्धि को माना जाता है। लेकिन महिलाएं इस प्रकार की समस्‍याओं से बचने के लिए नागफनी का इस्‍तेमाल कर सकती हैं। क्‍योंकि नागफनी में प्रोस्‍टाग्‍लैंडिंस के संश्‍लेषण या विकास को रोकने की क्षमता होती है।

घाव ठीक करे

कैक्‍टस या नागफनी में फेनोलिक यौगिकों की अच्‍छी मात्रा होती है। जिसके कारण यह खुले हुए घावों और चोट के घाव आदि का तेजी से उपचार करता है। आप घाव उपचार के लिए नागफनी से निकाले गए तेल का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा नागफनी के तेल का उपयोग अन्‍य त्‍वचा संक्रमणों जैसे खुजली, मुंहासे आदि के इलाज में भी किया जा सकता है। यदि आप भी त्‍वचा संबंधी ऐसी ही किसी समस्‍या से परेशान हैं तो नागफनी के तेल के फायदे प्राप्‍त कर सकते हैं।

त्‍वचा स्‍वस्‍थ रखे

त्‍वचा को स्‍वस्‍थ रखने और त्‍वचा संक्रमण का इलाज करने में नागफनी का तेल फायदेमंद होता है। इसके अलावा यह त्‍वचा की चमक को बढ़ाने में भी सहायक होता है। आप अपनी त्‍वचा में नागफनी के तेल का इस्‍तेमाल कर त्‍वचा को हानिकारक यूवी किरणों से बचा सकते हैं।
स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्राप्‍त करने और आहार के रूप में उपभोग करने के लिए नागफनी पूरी तरह सुरक्षित है। यदि इसका बहुत ही कम मात्रा में सेवन किया जाये। आप अपने आहार में नागफनी को कई प्रकार से शामिल कर सकते हैं। लेकिन सामान्‍य रूप से अधिकांश लोग अपने भोजन के साथ नागफनी को सलाद के रूप में अधिक पसंद करते हैं।

उपयोग के तरीके

नागफनी की सलाद बनाने के लिए आप सावधानी से युवा नागफनी के पत्‍ते को तोड़ें और इसमें मौजूद कांटों को साफ कर लें। इसके बाद इसे अच्‍छी तरह से धो लें। फिर नागफनी की हरे रंग की ऊपरी परत को निकाल कर अलग कर दें। क्‍योंकि इस ऊपरी प‍रत का स्‍वाद कड़वा होता है। इसके बाद आप नागफनी के आंतरिक अवशेष जो सफेद रंग का होता है उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। अब आप इनका सेवन अपनी इच्‍छानुसार कर सकते हैं।

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15.9.19

मेथी का पानी पीने के फायदे और नुकसान




मेथी एक ऐसा हर्ब है जो बीज से लेकर पत्तों तक में तरह-तरह के फायदों से भरपूर है। मेथी के बीच सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। मेथी के बीज का पानी सेवन करने से कई तरह की बीमारियां ठीक होती हैं तो कई बीमारियां आस-पास भी नहीं आती हैं। अगर रोजाना खाली पेट मेथी के बीज का पानी पीया जाय तो पेट की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। आइए जानते हैं मेथी के बीज से पानी कैसे बनाते हैं और इसके सेवन से कौन-कौन फायदे होते हैं।

मेथी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग शायद आप सभी करते हैं। लेकिन मेथी का पानी पीने के फायदे भी कम नहीं हैं। मेथी में मौजूद पोषक तत्‍वों को ग्रहण करने का यह सबसे अच्‍छा तरीका है। मेथी का पानी पीने से कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर किया जा सकता है। मेथी का पानी पीने के लाभ विशेष रूप से वजन कम करने में, रक्‍त शर्करा नियंत्रित करने में, रक्‍त चाप नियंत्रित करने में, पाचन को ठीक करने, पथरी का इलाज करने आदि में होते हैं।
प्रकृति में गर्म होने के कारण मेथी के दानों का उपयोग भोजन पकाने के दौरान बहुत ही कम मात्रा में किया जाता है। यहां तक की औषधीय उपयोग में भी मेथी की कम मात्रा ली जाती है। लेकिन मेथी के औषधीय गुणों की भरपूर मात्रा प्राप्‍त करने के लिए मेथी के पानी का उपयोग भी किया जाता है। 

मेथी के बीज का पानी बनाने का तरीका
मेथी के बीज का पानी बनाने के लिए आपको डेढ़ चम्मच मेथी दाना लेना होगा और उसे एक गिलास पानी में रात में भीगाकर रख दें। मेथी दाना जो भी लें यह जरूर सुनिश्चित करें की वह साफ हो। सुबह उठकर इस पानी को अच्छे से छान लें और खाली पेट ही सेवन करें।
मोटापा ग्रस्‍त लोगों के लिए -
मोटापा ग्रस्‍त लोगों के लिए मेथी का पानी पीने के फायदे बहुत अधिक होते हैं। मेथी का पानी पीने से ऐसे लोग बहुत सी बीमारियों से बच सकते हैं। क्‍योंकि मोटापा कई बीमारियों को जन्‍म दे सकता है और मेथी का पानी मोटापे को कम करने में मदद कर सकता है। सुबह खाली पेट मेथी का पानी पीने से चयापचय को बढ़ावा मिलता है। इसका सेवन करने से शरीर में प्राकृतिक गर्मी उत्‍पन्‍न होती है जो वजन घटाने में मदद करती है। यदि आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो मेथी का पानी का नियमित सेवन शुरू कर सकते हैं।
 किडनी के  लिए-
के पानी का उपयोग अपने गुर्दे के स्‍वास्‍थ्‍य को बनाए रखने के लिए कर सकते हैं। यदि आप मेथी के पानी को गर्म करके पीते हैं तो यह और भी फायदेमंद होता है। यह शरीर में मौजूद विषाक्‍त पदार्थों को बाहर करने में मदद करता है। इसके साथ ही मेथी का पानी का सेवन सुबह जल्‍दी उठने में भी सहायक होता है। आप अपने गुर्दे के कामकाज को स्‍वस्‍थ्‍य बनाए रखने के लिए मेथी के पानी का नियमित सेवन कर सकते हैं।
महिलाओं के लिए-
स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए विशेष रूप से मेथी का पानी फायदेमंद होता है। क्‍योंकि मेथी का पानी महिलाओं में दूध उत्‍पादन को बढ़ाने में मदद करता है। मेथी का उपयोग शुरू से ही बहुत ही कम मात्रा में किया जाता है लेकिन यह कई समस्‍याओं का प्रभावी उपचार कर सकता है। मेथी का पानी के फायदे स्‍तनपान कराने वाली माताओं के साथ ही गर्भवतियों के लिए भी फायदेमंद होता है। अध्‍ययनों से यह भी पता लगता है कि मेथी के औषधीय गुण और गर्म पानी गर्भावस्‍था को आसान बनाने में भी मदद करते हैं। इस तरह से मेथी का पानी का नियमित सेवन महिलाओं के लिए लाभकारी होता है।
पाचन के लिए फायदेमंद मेथी का पानी
यदि आप भी पाचन समस्‍याओं से ग्रसित हैं तो मेथी का पानी का उपयोग कर लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं। आपकी पाचन व्‍यवस्‍था को खराब करने का प्रमुख कारण अम्‍लता है। लेकिन मेथी का पानी का सेवन कर आप अपने पाचन को ठीक कर सकते हैं। मेथी में अम्‍लत्‍वनाशक (antacid) गुण होते हैं। जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्‍याएं होती हैं उन्‍हें नियमित रूप से मेथी का पानी पीना चाहिए। मेथी का पानी पाचन तंत्र को मजबूत करने और गैस्ट्रिटिस और सूजन आदि को कम करने में सहायक होता है। सर्दीयों के मौसम में मेथी का पानी पीना अधिक फायदेमंद होता है।
डायबिटीज के लिए
नियमित मेथी के पानी का सेवन आपको मधुमेह की संभावनाओं से दूर रख सकता है। जब शरीर में रक्‍त शर्करा का स्‍तर अधिक हो जाता है तब मधुमेह बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। लेकिन आप इस समस्‍या से बच सकते हैं। मेथी रक्‍त शर्करा के स्‍तर को विनियमित करने में सहायक होती है। इसके अलावा मेथी के औषधीय गुण इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में मदद करते हैं। यही कारण है कि अधिकांश स्‍वास्‍थ्‍य सलाहकारों द्वारा म‍धुमेह रोगी को मेथी के सेवन की सलाह दी जाती है। यदि आप मधुमेह के लक्षणों से बचना चाहते हैं तो मेथी के पानी का सेवन प्रारंभ कर दें। क्‍योंकि मधुमेह को केवल नियंत्रित किया जा सकता है ना कि इसे ठीक किया जा सकता है।
सूजन कम करे
अपने एंटी-इंफ्लामेटरी गुणों के कारण मेथी हमें कई प्रकार के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाती है। मेथी का पानी का सेवन करने का एक और लाभ सूजन को कम करना है। इसका तात्पर्य यह है कि नियमित रूप से मेथी के पानी का सेवन करने से गठिया, पुरानी खांसी से गले की सूजन, ब्रोंकाइटिस, मुंह के छालों की सूजन, फोड़े आदि को ठीक करने में मदद करती है। यदि आप इस तरह की किसी भी समस्‍या से ग्रसित हैं तो मेथी के पानी के लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं।
त्वचा के लिए -
त्‍वचा को सुंदर और गोरा बनाने के लिए आप मेथी का पानी का सेवन कर सकते हैं। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि मेथी के फायदे पाचन को ठीक करने और विषाक्‍त पदार्थों को दूर करते हैं। ये विषाक्‍त पदार्थ ही आपकी त्‍वचा की सुंदरता को कम करने के लिए जिम्‍मेदार होते हैं। सुबह के समय मेथी का पानी का सेवन आपकी त्‍वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। यह दोषमुक्‍त त्‍वचा प्राप्‍त करने का सबसे अच्‍छा घरेलू उपाय भी है। आप भी मेथी का पानी का उपयोग कर लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं।
हृदय स्‍वास्थ्‍य के लिए-
दिल को स्‍वस्‍थ्‍य रखने के लिए आप मेथी के दानों का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन मेथी स्‍वाद में थोड़ी कड़वी होती है इसलिए इसका सेवन करने के बजाए मेथी के पानी का सेवन अधिक सुविधाजनक होता है। मेथी का पानी शरीर में मौजूद खराब कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। यह कोलेस्‍ट्रॉल आपकी रक्‍त वाहिकाओं में जमा हो कर रक्‍त परिसंचरण को अवरूद्ध कर सकता है। जिससे आपके हृदय के काम काज को प्रभावित किया जा सकता है। लेकिन मेथी का पानी का नियमित सेवन इस संभावना को कम करने में प्रभावी योगदान देता है।
फायदे बुखार में-
मेथी के पानी का विभिन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य लाभों में से एक लाभ यह भी है कि यह शरीर की गर्मी को नियंत्रित करने में सहायक होती है। इसके लिए आप 1 छोटे चम्‍मच मेथी के बीज लें और इसे 1 गिलास पानी में भिगों कर रात भर के लिए छोड़ दें। अगली सुबह आप इस पानी को पिएं और बचे हुए मेथी के बीजों को पीस लें। इससे बने पेस्‍ट को अपने माथे में लगाएं। यह शीतलन प्रभाव के कारण आपके शरीर के उच्‍च तापमान को कम करने में सहायक होता है।
सावधानी-
जो लोग चने के लिए एलर्जी हैं वे मेथी के प्रतिकूल प्रतिक्रिया भी कर सकते हैं क्योंकि दोनों पौधों में समान प्रोटीन और एलर्जेंस होते हैं।
मेथी हाइपरथायरायडिज्म (चूहों में किये गए अध्ययन) का कारण बन सकती है, इसलिए थायराइड समस्याओं वाले लोगों को मेथी से बचना चाहिए।
मेथी के पानी के उपयोग के साइड इफेक्ट्स में डायरिया, पेट फूलना और चक्कर आना शामिल है, लेकिन ये सभी अस्थायी होते हैं।
इसमें एक विशिष्ट और तेज गंध है, और कई लोगों ने बताया है कि उनके मूत्र और पसीने में गंध आती है।
चूंकि मेथी गर्भाशय संकुचन को प्रभावित करती है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान इसे नहीं लिया जाना चाहिए, लेकिन स्तनपान के दौरान और बाद में यह सुरक्षित है।
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12.9.19

पिचके गाल गोल मटोल बनाने के उपाय


चेहरे को सुंदर बनाने में आंख, नाक, होंठ की तरह ही गोल-मटोल गाल भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वैसे भी सुंदर गोल-मटोल, पिंक गाल हर किसी को बेहद पसंद होते हैं। क्योंकि गोल गाल किसी की भी सुंदरता में चार-चांद लगाने का काम करते हैं। अगर आपके गाल पिचके हुए हैं तो आप जितना मर्जी भी मेकअप कर लें आपकी खूबसूरती फीकी ही लगेगी। इसके साथ ही पिचके हुए गाल पौष्टिक तत्वों की कमी की निशानी होते हैं। इसके अलावा अगर आप पानी भी ठीक तरह से नहीं पीते तो इस वजह से भी आपके गाल पिचकने लगते हैं। गोल-मटोल गाल पाने के लिए लोग कई तरह के तरीके अपनाते हैं। मगर उससे भी कोई फायदा नहीं होता। एेसे में आज हम आपको कुछ घरेलू नुस्खे बताएंगे जिससे की आप अपने गालों को सुंदर गोल-मटोल बना सकते हैं।
अगर गाल उभरे हुए हों और चेहरा भरा-भरा सा हो तो हर व्यक्ति आकर्षक लगता है। यह चेहरे का एक परफेक्ट लुक माना जाता है। लेकिन आजकल आमतौर पर फूला हुआ चेहरा उन्हीं लोगों का देखने को मिलता है जो शरीर से भी मोटे होते हैं। मोटापे के कारण चेहरे पर जमी चर्बी प्राकृतिक रूप से आकर्षक नहीं लगती है। माना जाता है कि फैटी चेहरे और फूले हुए गाल वाले लोग अधिक जवान दिखायी देते हैं। शायद यही कारण है कि ज्यादातर स्त्री और पुरुष अपने चिपटे चेहरे को फैटी बनाने के लिए तरह-तरह के कास्मेटिक का इस्तेमाल करते हैं।
घर पर चेहरे को गोल मटोल (chubby) बनाने के लिए शहद एक बेहतर उपाय है। शहद चेहरे को मॉश्चराइज करता है और चेहरे की त्वचा को स्वस्थ बनाता है। शहद में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो चेहरे पर जमा विषाक्त पदार्थों को दूर कर देता है। पके हुए पपीते को पीसकर इसमें एक चम्मच शहद मिलाएं और इस पेस्ट को 10 मिनट तक चेहरे और गालों पर लगाकर रखें इसके बाद पानी से चेहरा धो लें। प्रतिदिन सुबह यह पेस्ट चेहरे पर लगाने से चेहरा फैटी और गोल मटोल हो जाता है।



एलोवेरा

चेहरे और गालों पर एलोवेरा जेल लगाकर कुछ देर तक उंगलियों के पोरों (fingertips) से गोल-गोल मसाज करने से गालों पर उभार आता है। पूरे चेहरे पर एलोवेरा जेल लगाकर करीब 20 से 30 मिनट तक मसाज करते हें। यदि आप हफ्ते भर में अपने गालों और चेहरे को फैटी बनाना चाहती हैं तो दिन में दो से तीन बार चेहरे पर एलोवेरा जेल लगाकर मसाज करें।
ग्लिसरीन का उपयोग
फेस को प्राकृतिक रूप से टाइट रखने के लिए ग्लिसरीन का उपयोग किया जाता है। यह चेहरे को मॉश्चराइज करता है और चेहरे पर उभार लाता है। चार से पांच बूंद ग्लिसरीन में दो बूंद गुलाब जल मिलाकर इसे पूरे चेहरे पर लगाएं और उंगलियों से हल्का-हल्का मसाज करें। एक घंटे बाद चेहरे को पानी से धो लें। कुछ दिनों बाद आपके गाल फूले हुए और चेहरा फैटी दिखने लगेगा।
दूध
जो लोग प्रतिदिन दूध पीते हैं, उनकी न सिर्फ सेहत ही ठीक रहती है बल्कि उसकी त्वचा भी स्वस्थ रहती है। दूध में प्रोटीन, मिनरल और विटामिन पाया जाता है जो चेहरे को मॉश्चराइज करने का काम करता है और गाल को फैटी बनाता है। ठंडे दूध से लगभग 15 मिनट तक चेहरे पर मसाज करें और फिर पांच मिनट तक के लिए छोड़ दें। कुछ दिनों तक यह प्रक्रिया अपनाने से आपका चेहरा भरा-भरा दिखायी देने लगेगा। इसके अलावा चेहरे को गोल मटोल बनाने के लिए दो कप कम वसायुक्त दूध प्रतिदिन पीना फायदेमंद होता है।
जैतून का तेल
जैतून का तेल त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इस तेल से गालों की मसाज करने पर यह नैचुरल तरीके से मोटे होने लगते हैं। प्रतिदिन 1 चम्मच जैतून के तेल से चेहरे पर मालिश करें।


नारियल तेल से मसाज करें

गालों को अधिक मांसल बनाने में नारियल का तेल बहुत फायदेमंद होता है। नारियल के तेल में फैटी एसिड पाया जाता है जो चेहरे में आसानी से अवशोषित हो जाता है। प्रतिदिन सुबह और रात में सोने से पहले हल्के गुनगुने नारियल के तेल से चेहरा का मसाज करने से जल्द ही बेहतर परिणाम दिखायी देते हैं और महीने भर में चेहरा फैटी दिखायी देने लगता है।
गुब्‍बारे की तरह मुंह को फुलाएं
गालों को गोल-मटोल करने के लिए इनको कम से कम 1 मिनट तक गुब्बारे की तरह फुलाकर रखें। इस प्रक्रिया को दिन में 3 बार करें। रोजाना करने से कुछ ही महीनों में पिचके हुए गाल गोल-मटोल हो जाएंगे।
मेथी पेस्ट लगाएं
पोषक तत्वों से युक्त होने के कारण मेथी टाइट स्किन और फूले हुए गाल बनाने में फायदेमंद होता है। यह चेहरे की त्वचा को एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन की सप्लाई करता है और झुर्रियों को दूर करता है। एक चम्मच मेथी के दाने को रातभर पानी में भिगोंए और सुबह मेथी का पेस्ट बनाकर चेहरे और गालों पर लगा लें इसके बाद सादे पानी (plain water) से चेहरा धो लें। गालों को उभरा और आकर्षक बनाने के लिए मेथी एक अचूक घरेलू उपाय है।
एपल पेस्ट
गालों और चेहरे को फूला हुआ बनाने के लिए सेब एक आम घरेलू उपाय है। सेब में पाये जाने वाले प्राकृतिक अवयव सप्ताह भर में गालों पर उभार ला देते हैं। सेब के एक टुकड़े को अच्छी तरह से पीसकर पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को चेहरे और गालों पर लगाएं। आधे घंटे बाद सामान्य पानी से चेहरे को साफ कर लें। यह पेस्ट पूरे चेहरे को टाइट रखने के साथ ही उन्हें फैटी बनाने में मदद करता है।
पिचके गाल फुलाने की योग
चेहरे को फैटी और गालों को गोल मटोल बनाने के लिए फेशियल योगा एक बेहतर उपाय है। यह कोलेजन (collagen) और इलास्टिन (elastin) भी बनाने में मदद करता है जो एक स्वस्थ त्वचा और गोल मटोल गाल के लिए जरूरी होता है। एक कुर्सी पर आराम से बैठ जाएं और अपने मुंह को हल्का सा खोलें और बंद करें। इसके बाद दोबारा कोशिश करें और मुंह को खोलकर इतना फैलाएं कि बीच के सभी दांत दिखायी दें और दोनों तरफ के गाल सिकुड़ जाएं। अब बार-बार मुंह खोलने और बंद करने का अभ्यास करें। प्रतिदिन 2 मिनट तक फेशियल योगा करने से गाल उभरे हुए दिखायी देते हैं।


पर्याप्त पानी पिये

गोल मटोल और फूला हुआ गाल पाने का एक बेहतर आसान तरीका यह है कि आप प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं। एक स्वस्थ शरीर और फैटी चेहरे के लिए प्रतिदिन कम से कम आठ गिलास पानी पीना बहुत जरूरी होता है। यह चेहरे और गालों को मॉश्चराइज करता है और उन्हें उभरा हुआ एवं स्वस्थ बनाता है। इसके अलावा आपको हरी पत्तेदार (green leafy) सब्जियां और फल भी पर्याप्त मात्रा में खाना चाहिए। लेकिन जो सबसे जरूरी है वह यह है कि लगातार जूस या पानी का सेवन करते रहें।
हेल्दी भोजन
प्रतिदिन हम जिस तरह का भोजन लेते हैं उनका भी हमारे स्किन पर असर पड़ता है। भोज्य पदार्थों में आवश्यक विटामिन, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंटपाये जाते हैं जो शरीर का विकास तो करने में मदद करते ही हैं साथ में गालों को भी स्वस्थ बनाते हैं। प्राकृतिक रूप से गालों को फूला हुआ (fuller) बनाने के लिए आपको प्रतिदिन ओट्स, पनीर, दूध, गाजर, सेब, एवोकैडो, बादाम और हेल्दी फैट का सेवन करना चाहिए। इससे आपके गाल प्राकृतिक रूप से उभरे और फूले हुए दिखायी देंगे।
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