यदि किसी कारणवश गुर्दे की छानने की क्षमता कम हो जाए तो यह यूरिया-यूरिक एसिड (Uric Acid) में बदल जाता है ।जो बाद में हड्डियों में जमा हो जाता है जिसके कारण पीड़ित व्यक्ति को जॉइंट में दर्द रहने लगता है ।यूरिक एसिड प्यूरिन के टूटने से बनता है वैसे तो यूरिक एसिड(Uric Acid)शरीर से बाहर पेशाब के रूप में निकल जाता है ।परन्तु यदि किसी कारणवश जब यूरिक एसिड शरीर में रह जाए तो धीरे-धीरे इसकी मात्रा ही आपके शरीर के लिए नुकसान दायक हो जाती है।यह अधिकांश आपके हड्डियों के जोड़ो में इकठ्ठा होने लगता है जिसके कारण आपको जॉइंट पैन होने लगते हैं।
उच्च यूरिक एसिड(High Uric Acid)के नुकसान-
इसका सबसे बड़ा नुकसान है शरीर के छोटे जोड़ों मे दर्द जिसे गाउट रोग के नाम से जाना जाता है।
पैरो-जोड़ों में दर्द होना।
जोड़ों में सुबह शाम तेज दर्द कम-ज्यादा होना।
एक स्थान पर देर तक बैठने पर उठने में पैरों एड़ियों में सहनीय दर्द। फिर दर्द सामन्य हो जाना।
पैरों, जोड़ो, उगलियों, गांठों में सूजन होना।
शर्करा लेबल बढ़ना।
पैर एडियों में दर्द रहना।
गांठों में सूजन
इस तरह की समस्या होने पर तुरन्त यूरिक एसिड जांच करवायें।
बढ़े हुए युरिक एसिड का
नुस्खा नम्बर 1
त्रिफला-250 ग्राम,गिलोय चूर्ण – 200 ग्राम,कलोंजी-100 ग्राम,मैथी पीसी – 100 ग्राम,अजवायन – 100 ग्राम,अर्जुन छाल चूर्ण -100 ग्राम,चोबचीनी -100 ग्राम,200 एलोवेरा रस में सभी चूर्ण को मिलाकर छावं में सुखाए।
सेवन की विधि :- 21 दिन से 90 दिन तक दिन में 3 बार 2 से 5 ग्राम सेवन करें ।
नुस्खा नम्बर 2
सेवन की विधि :- 21 दिन से 90 दिन तक दिन में 3 बार 2 से 5 ग्राम सेवन करें ।
नुस्खा नम्बर 2
छोटी हरड का पावडर – 100 ग्राम,बड़ी हरड का पावडर – 100 ग्राम,आवंला का पावडर – 100 ग्राम,जीरा का पावडर -100 ग्राम,गिलोय का पावडर – 200 ग्राम,अजवायन – 100 ग्राम,इन सभी को आपस में मिला लीजिये।
प्रतिदिन 5 ग्राम सुबह और 5 ग्राम शाम को पानी से निगल लीजिये।यूरिक एसिड नार्मल होते देर नहीं लगेगी।
लेकिन सावधान आपको लाल मिर्च का पावडर और किसी भी अन्य खटाई,अचार का सेवन बिल्कुल नहीं करना है
हाई यूरिक एसिड में क्या खाये और नहीं खाना चाहिए
प्यूरिन की वजह यूरिक एसिड हाई होता है इसलिए खाने पीने ऐसी चीजों के सेवन से दूर रहे जिनसे प्यूरिन बनता है, जेसे रेड मीट, ऑर्गन मीट, फिश और सी फुड।
दूध कम फट वाला ही पिए।
नींबू पानी शरीर को साफ़ करता है और क्रिस्टल्स घोलता है।
बियर और शराब के सेवन से परहेज करे।
जिन चीजों में फाइबर अधिक हो ऐसी चीज खाये।
ओमेगा – 3 फैटी एसिड का यूरिक एसिड में परहेज करे।
पेस्ट्री, केक और पैनकेक जैसे बेकरी उत्पादों के सेवन से बचे।
जामुन, चेरी और स्ट्रॉबेरी जैसे फल गठिया का इलाज करने और यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करते है।
जैतून के तेल में खाना बनाये।
डिब्बा बंद खाना खाने से बचे।
विटामिन सी युक्त चीजों का सेवन करे।
इस लेख के माध्यम से दी गयी जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है|
जिन चीजों में फाइबर अधिक हो ऐसी चीज खाये।
ओमेगा – 3 फैटी एसिड का यूरिक एसिड में परहेज करे।
पेस्ट्री, केक और पैनकेक जैसे बेकरी उत्पादों के सेवन से बचे।
जामुन, चेरी और स्ट्रॉबेरी जैसे फल गठिया का इलाज करने और यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करते है।
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