7.12.23

पेट के लिए वरदान सेहत के लिए रामबाण सीताफल शुगर में भी है फायदेमंद!




 फल और सब्जियां खाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं. फलों में कई तरह के पोषक तत्व और विटामिंस पाए जाते हैं. यही वजह है कि रोजाना के डाइट में फल शामिल करने की सलाह दी जाती है. उसी तरह का एक फल सीताफल है. सीताफल को कई नामों से जाना जाता है जैसे कस्टर्ड एप्पल, शुगर एप्पल, चेरिमोया, शरीफा आदि. सीताफल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होता है. यह फल विटामिन सी, मैग्नीशियम, विटामिन B6 और आयरन आदि से भरपूर होता है. यह फल हार्ट और डायबिटीज दोनों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. आइए आज आपको सीताफल के होने वाले फायदे बताते हैं.
शरीफा विटामिन बी6 (पाइरिडोक्सिन) का बहुत अच्छा स्रोत है। इस फल के सेवन से आप अपने मूड को ठीक कर सकते हैं। शोध के अनुसार, शरीफा में मौजूद विटामिन-6 मूड से संबंधित विकारों को ठीक करने में योगदान दे सकता है। बता दें कि विटामिन बी-6 का लिंक डिप्रेशन यानी अवसार से है। वृद्ध वयस्कों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया कि विटामिन बी-6 की कमी से डिप्रेशन की संभावना दोगुनी हो जाती है। ऐसे में शरीफा का ये विटामिन डिप्रेशन के जोखिम को कम करने में आपकी मदद कर सकता है।

अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद:

सीताफल खाना अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इसके सेवन से फेफड़े के सूजन दूर होने के साथ एलर्जी की समस्या भी कम होती है. सीताफल के रोजाना सेवन से शरीर हेल्दी रहता है

हार्ट अटैक के खतरे को रोकने के लिए

हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए भी सीताफल का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, सीताफल में विटामिन-बी6 की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है.एक डॉक्टरी रिसर्च के अनुसार, विटामिन-बी6 का सेवन, हृदय रोग के खतरे को कम कर सकता है.इसमें हार्ट अटैक भी शामिल है।

​वजन घटाने में मदददार है शरीफा

कि कस्टर्ड सेब या सीताफल फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है। यदि वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं और फ्रूट डाइट पर हैं तोशरीफा का चुनाव करना बेहतर विकल्प है। हालांकि, ये फल कैलोरी से भरपूर होता है, लेकिन फाइबर में अधिक होने के कारण ये आपका पेट काफी देर तक भरा रखता है। इसलिए आप बार-बार अनाप शनाप स्नैक्स नहीं खाते हैं।


डाइजेस्टिव सिस्टम सुधारे:

सीताफल में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. इससे डाइजेस्टिव सिस्टम सही रखने में मदद मिलती है और कब्ज व डायरिया जैसी समस्याएं दूर होती हैं. इसके सेवन से डाइजेस्टिव सिस्टम सही बना रहता है

डायबिटीज के उपचार में

डायबिटीज की स्थिति में सीताफल के लाभ उपयोग में लिए जा सकते हैं। दरअसल, सीताफल में एंटी-डायबिटिक गुण पाया जाता है। यह ब्लड ग्लूकोज के स्तर में सुधार करता है और डायबिटीज के लिए जिम्मेदार विभिन्न जोखिम को भी रोकने में प्रभावी रूप से कार्य कर सकता है .इसके लिए सीताफल के गूदे की स्मूदी का सेवन किया जा सकता है। डायबिटीज में सीताफल लक्षणों को कम कर सकता है, उपचार नहीं कर सकता। बेहतर उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

​आंखों की सेहत के लिए अच्छा है शरीफा

आंखों को स्वस्थ रखे: सीताफल आंखों के लिए बेहद फायदेमंद होता है. सीताफल में मौजूद ल्‍युटिन एक पावरफूल एंटीऑक्सीडेंट है, जो आंखों में पाया जाता है. यह फ्री रेडिकल्स से बचाता है और आंखों की कई समस्याओं को दूर करके आंखों की हेल्थ को सही रखता है. आंखों के हेल्थ के लिए सीताफल बहुत फायदेमंद होता है.


इम्यूनिटी बढ़ाए:

सीताफल विटामिन सी का बहुत अच्छा स्त्रोत माना जाता है. विटामिन सी इम्यूनिटी को बढ़ाने और रोगों से बचाने में फायदेमंद है. इसकी कमी से इंफेक्शन होने का जोखिम बढ़ जाता है. इम्यूनिटी बूस्ट करने में बेहद मददगार होता है.

​शरीफा में पाए जाते हैं कैंसर रोधी गुण

चेरिमोया में कुछ यौगिक कैंसर से लड़ने में मदद कर सकते हैं। चेरिमोया में कैटेचिन, एपिक्टिन और एपिगैलोकैटेचिन सहित फ्लेवोनोइड्स जैसे तत्व होते हैं, जिन्हें टेस्ट-ट्यूब अध्ययनों में कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने के लिए दिखाया गया है। शोध में पाया गया कि कुछ कैटेचिन - जिनमें चेरिमोया शामिल हैंयस्तन कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोक सकते हैं।


ब्लड प्रेशर को करे कंट्रोल:

सीताफल ब्लड प्रेशर के लिए बेहद फायदेमंद होता है. सीताफल में पोटैशियम और मैग्नीशियम होता है, जो ब्लड वेसल्स को डाइल्यूट होने में मदद करता है. सीताफल खाने से ब्लड प्रेशर लो रहता है. इससे हार्ट डिजीज से भी बचाव संभव है.

​हड्डियों को मजबूत बनाता है सीताफल

सीताफल में मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम आपकी हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाते हैं। मजबूत हड्डियां ही एक स्ट्रांग व्यक्ति की पहचान होती हैं। इसलिए आपको इसे अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए
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6.12.23

सर्दियों में शकरकंद खाने से होते हैं कई रोग दूर ,sweet potato benefits



 शकरकंद खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही फायदेमंद होता है। अंग्रेजी में इसे स्वीट पोटैटो कहते हैं। शायद यही वजह है कि कुछ लोग इसे आलू से जोड़कर भी देखते हैं, यही कारण है कि इसे मीठा आलू भी कहा जाता है। मीठा आलू खाने के फायदे ढेरों हैं। आमतौर पर यह सर्दियों में अधिक बिकता है, क्योंकि तब इसके फायदे भी अधिक होते हैं। देश के लगभग सभी हिस्सोंं में पाए जाने वाले शकरकंद को कुछ क्षेत्रों में लोग शकरकंदी के नाम से भी जानते हैं और इसे खाने का तरीका भी अलग-अलग है।
इसे आप कच्चा और पक्का कर दोनों रूप में खा सकते हैं। कुछ लोग इसे आग में पकाते हैं और उसके बाद खाते हैं। इसकी बहुत सारी किस्म आप को दुनिया भर में आसानी से मिल जाएंगे। जो शकरकंद लाल किस्म के होते हैं उसके गूदे सूखे और ठोस होते हैं और जो शकरकंद सफेद और पीले रंग के होते हैं। उनके गूदे के अंदर बहुत ज्यादा रस होता है। जो शकरकंद (Sweet Potato) लाल किस्म के होते हैं उनकी खुशबू अलग ही होती है। जब आप उन्हें उबाल कर खाते हैं तो आपको और भी ज्यादा पोषक तत्व मिल जाते हैं। इसके अंदर बीटा कैरोटीन की मौजूदगी होती है। चलिए आज हम आपको शकरकंद खाने के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हैं।

मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए स्वीट पोटैटो के फायदे


रक्त में बढ़ता हुआ ग्लूकोज का स्तर मधुमेह की समस्या का कारण बन सकता है। इस समस्या को नियंत्रित करने या इस अवस्था से बचने में शकरकंद फायदेमंद हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए शोध के अनुसार शकरकंद में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं.इसके अलावा, शोध में पाया गया है कि शकरकंद में एंटीडायबिटिक गुण होते हैं, जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मददगार हो सकते हैं
 जैसा कि हम सब जानते हैं कि जिन्हें डायबिटीज (diabetes) की प्रॉब्लम होती है उन्हें मीठी चीज नहीं खानी चाहिए। परंतु आपको जानकर हैरानी होगी कि मीठा आलू डायबिटीज वालों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। यह शरीर में उचित स्त्राव और कार्य में काफी सहायक होता है। जिसकी वजह से रक्त शर्करा (Blood sugar) का स्तर हमेशा संतुलित रहता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए यह बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। अगर आप चाहे तो आप कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन या चावल की जगह इसका इस्तेमाल करें तो आपके शरीर को इससे कोई नुकसान नहीं होगा।

पाचन में करता है सुधार:


शकरकंद उच्च फाइबर सामग्री के कारण पाचन में सुधार करता है। मैग्नीशियम के साथ सहक्रियाशील रूप से कार्य करते हुए, वे स्वाभाविक रूप से हमारी पाचन प्रक्रिया को बढ़ाते हैं। साथ ही शकरकंद की सभी सामग्री पेट और आंतों के लिए बहुत सुखदायक है। इसमें स्टार्च होता है जिसे व्यक्ति आसानी से पचा सकते हैं। यह कब्ज के जोखिम को दूर करता है जो हृदय रोगों के साथ एक जरायुज व्यक्ति के लिए फायदेमंद है।

कैंसर की रोकथाम के लिए शकरकंद खाने के फायदे

कैंसर जानलेवा बीमारी है। शकरकंद का सेवन कर इस गंभीर बीमारी को पनपने से रोका जा सकता है। इस विषय पर हुए शोध के अनुसार, शकरकंद के छिलके में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीकैंसर गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा, शकरकंद में कई फायदेमंद तत्व भी होते हैं। शकरकंद में पाए जाने वाले ये गुण और तत्व विभिन्न प्रकार के कैंसर को पनपने से रोक सकते हैं . साथ ही हम स्पष्ट कर दें कि शकरकंद का सेवन कैंसर का इलाज नहीं हो सकता है। किसी व्यक्ति को कैंसर होने पर डॉक्टर द्वारा बताया गया उपचार ही फायदेमंद हो सकता है।

हड्डियों की मजबूती के लिए:

कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियां कमजोर हो सकती है। इसलिए हड्डियों की मजबूती के लिए शकरकंद का उपयोग किया जा सकता है। क्योंकि शकरकंद में कैल्शियम व मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जिस कारण यह हड्डियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। साथ ही कैल्शियम व मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूती देने के साथ ही उनके विकास में भी मददगार होता है।

शकरकंद खाने के फायदे गठिया के उपचार में

यह बात हम सब जानते हैं कि इंसान को किसी न किसी तरह की बीमारी घेरे ही रहती है। आपको इस दुनिया में कोई भी ऐसा इंसान नहीं मिलेगा, जिसे कोई भी बीमारी ना हो। उन्हीं में से एक बीमारी लोगों को आम समस्या की तरह घेरे रहती है, वह बीमारी है गठिया (Arthritis) की बीमारी। अगर आपको गठिया की बीमारी है यानि कि आपको जोड़ो में दर्द रहता है तो जिस पानी में आप शकरकंद को उबालते हैं। उस पानी को जोड़ो पर लगाएं। शकरकंद के फायदे से आपको गठिया का दर्द भी कम हो जाएगा और उसके दर्द से काफी राहत भी मिलेगी।

शकरकंद के फायदे पेट के अल्सर के उपचार में

स्वीट पोटैटो पेट और आंतों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके अंदर बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं। जैसे कि विटामिन बी कॉन्प्लेक्स, विटामिन सी, कैरोटीन, पोटेशियम, बीटा कैरोटीन और कैल्शियम इत्यादि। इसकी वजह से आपके पेट में अगर अल्सर (stomach ulcer ) है तो वह भी ठीक हो जाएगें। अगर आप शकरकंद खाते हैं तो इससे आपको कब्ज और एसिडिटी की भी शिकायत नहीं रहेगी। इसकी वजह से आपको अल्सर होने की संभावना भी कम हो जाएगी।


शकरकंद खाने के फायदे ब्रोंकाइटिस में

ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी अगर किसी को है उसे शकरकंद जरूर खाना चाहिए। क्योंकि इसके अंदर विटामिन सी, आयरन और कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जिसकी वजह से यह बीमारी का खात्मा हो जाता है। अगर आप मीठा आलू खाते हैं तो यह आपके शरीर को गर्म रखता है जिसकी वजह से आपके शरीर का तापमान बराबर रहता है। अगर आपके फेफड़े में कफ जमा हुआ है तो यह उसे निकालने में भी मदद करता है।


बच्चों के लिए शकरकंद के गुण

बड़ों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी शकरकंद खाने के लाभ हो सकते हैं। इस विषय पर कई शोध हो चुके हैं। उनमें से एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, बच्चों में विटामिन-ए की कमी से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। शकरकंद विटामिन-ए की कमी को पूरा करने में मददगार हो सकता है। इससे समस्या को कुछ हद तक दूर किया जा सकता है, इसके अलावा यह बच्चों में अंधेपन को भी दूर करने में फायदेमंद हो सकता है (8

रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करे

कमजोर इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण सर्दी-जुकाम जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं। इस समस्या से निपटने के लिए और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए शकरकंद का उपयोग किया जा सकता है। शोध से पता चला है कि बैंगनी शकरकंद के अर्क में पॉलीसेकेराइड (polysaccharide) नामक कंपाउंड पाया जाता है। यह कंपाउंड इम्यून साइटोकाइन (immune cytokine) के स्तर को सुधारे में मददगार हो सकता है .इम्यून साइटोकाइन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

गर्भावस्था में शकरकंद खाने के फायदे

माना जाता है कि विटामिन-ए की कमी अंधपन और गंभीर मामलों में मृत्यु तक का कारण बन सकती है। इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव गर्भावस्था में दिखाई दे सकता है। सामान्य अवस्था के साथ ही शकरकंद के फायदे गर्भावस्था में भी देखने को मिलते हैं। शोध में पाया गया कि शकरकंद में विटामिन-ए की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसलिए, अगर किसी को विटामिन-ए की कमी है, तो शकरकंद का सेवन फायदेमंद हो सकता है .अगर कोई गर्भवती महिला शकरकंद खाना चाहती है, तो पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें

स्वीट पोटैटो के अंदर फाइबर (Fiber) होता है। जिसकी वजह से शरीर में पानी की कमी  (डिहाइड्रेशन) कभी भी नहीं होती है। शकरकंद पानी की मात्रा को बनाए रखने में सहायक होता है। इसके अलावा यह आपके शरीर को हाइड्रेट बनाए रखने में और आपकी कोशिकाओं को अच्छे से काम करने में मदद करता है।

अस्थमा से राहत के लिए शकरकंद खाने के फायदे

अस्थमा की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए भी शकरकंद का सेवन लाभदायक हो सकता है। अस्थमा से लड़ने में एंटीऑक्सीडेंट कारगर हो सकता है और शकरकंद में कैरोटीन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। इसलिए, शकरकंद अस्थमा जैसी श्वास संबंधी समस्याओं में लाभकारी हो सकता
शकरकंद खाने के फायदे वजन बढ़ाने में
अगर आप चाहते हैं कि आपके शरीर में वजन की मात्रा बढ़ जाए तो इसके लिए शकरकंद बहुत ही अच्छा भोजन है। क्योंकि इसके अंदर बहुत ही अच्छी मात्रा में स्टार्च होता है और इसके अलावा इसमें विटामिन, खनिज और कई तरह के प्रोटीन भी पाए जाते हैं। शकरकंद बहुत ही आसानी से पच भी जाता है और आपको अधिक उर्जा भी देता है। इसलिए यह वजन बढ़ाने (Weight gain) में भी काफी सहायक होता है।

मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए

अच्छी सेहत के साथ ही मस्तिष्क का स्वस्थ होना भी आवश्यक है। इसलिए, शकरकंद का सेवन जरूर करना चाहिए। शकरकंद का नियमित सेवन मस्तिष्क की कार्य क्षमता को बढ़ा सकता है। एक शोध के मुताबिक, मीठा आलू यानी शकरकंद याददाश्त और सीखने की क्षमता को बढ़ा सकता है। इसमें एंथोसायनिन नामक कंपाउंड पाया जाता है, जिसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को दूर कर दिमाग के कार्य करने की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है

बालों के लिए शकरकंद के गुण

त्वचा और सेहत के अलावा बालों के लिए भी शकरकंद खाने के लाभ हो सकते हैं। बालों के विकास के लिए और उन्हें टूटने से बचाने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जैसे विटामिन-ए, विटामिन-सी, कैल्शियम, आयरन, जिंक और बीटा-कैरोटिन . शकरकंद में इन सभी पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो बालों की कई समस्याओं को दूर करने के साथ ही उनकी ग्रोथ में मददगार हो सकते हैं.

नुक्सान-

ज्यादा शकरकंद खाने से आपके गुर्दे में पथरी होने का भी खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि इसके अंदर आपको ऑक्सलेट, कैल्शियम-ऑक्सलेट मिलता है जिसकी वजह से आपके गुर्दे में पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
शकरकंद उन लोगों को नहीं खाना चाहिए जिनके गुर्दे खराब है। ऐसे लोगों को शकरकंद डॉक्टर के परामर्श लेने के बाद ही खाना चाहिए।
कुछ लोगों को पेट दर्द की शिकायत हमेशा ही बनी रहती है या फिर उनका पेट बहुत ही जल्दी खराब हो जाता है। ऐसे लोगों को शकरकंद का सेवन नहीं करना चाहिए।
शकरकंद को मैनिटोल युक्त पदार्थ भी कहा जाता है। अगर आपको मैनिटोल युक्त पदार्थ से एलर्जी है तो आपको इसका सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

1. शकरकंद को कैसे खाएं:

आप इसे उबालकर या आग में भूनकर खा सकते हैं। देशभर में इसे अलग-अलग प्रकार से खाया जाता है। साथ ही आप किसी भी प्रकार से शकरकंद खाएं, इसका लाभ आपको भरपूर मिलेगा।

2. शकरकंद कितना खाना चाहिए:

इसे लेकर कोई मानक तो तय नहीं है, लेकिन आप कच्चा शकरकंद भी खा सकते है। क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पचने में समय लगता है। ऐसे में अगर आप अधिक मात्रा में शकरकंद का सेवन करेंगे, तो आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगेगी।

3. शकरकंद कब खाना चाहिए:


स्वीट पोटैटो खाने के फायदे तो है, लेकिन इसे खाने को लेकर लोग असमंजस में रहते हैं। साथ ही शकरकंद खाने की कोई समय सीमा तय नहीं है। इसलिए आप अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी इसका सेवन कर सकते हैं। फिर चाहे आप इसे भोजन के बाद मीठे के तौर पर खाएं या फिर सुबह नाश्ते के रूप में लें। किसी भी समय इसका सेवन किया जा सकता है।
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5.12.23

बेहद फायदे मंद होता है सर्दियों के मौसम में गराड़ू खाना





ठंड के सीजन में गराडू खाना लोगों की पहली पसंद होती है। क्योंकि यह चटपटा और कुरकुरा होने के साथ बेहद स्वादिष्ट होता है। इसलिए लोग इसे बड़े चाव के साथ खाते हैं। गराडू में फाइबर, ढेर सारे पोषक तत्व होते है साथ ही ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इसे दिमाग के लिए भी है फायदेमंद माना जाता है। इसे बच्चों को भी खिलाना चाहिए। गराडू का स्वाद भी एक दम स्वादिष्ट होता है इसलिए बच्चे इसे बड़े शौक से खाना पसंद करेंगे।

सर्दियों के मौसम में गराड़ू खाने के ये फायदे

गराडु में भरपूर मात्रा में फाइबर यानी की रेशे अच्छी मात्रा में पाए जाते है,जिस वजह से यह पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. फाइबर वाले आहारों के सेवन से आंतों की गंदगी साफ हो जाती है और भोजन पचने में आसानी होती है. इसलिए गराडू को खाने से आपके पाचन से जुड़ी सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं जैसे- कब्ज, अपच, बदहजमी, गैस आदि. गराडू खाने से आपका पेट अच्छी तरह साफ होता है.

मौजूद हैं अनेक पोषक तत्व -

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि गराडू में कैल्शियम, आयरन, कॉपर, मैग्नीज, फॉस्फोरस आदि तत्व अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं. ये सभी तत्व आपको सेहतमंद रखने और शरीर को कई तरह की बीमारियो से बचाने में मददगार होते हैं. कुछ जगहों पर गराडू के बारे में लोग कम ही जानते हैं, लेकिन ये सब्जी बहुत सारे पोषक तत्वों से भरपूर होती है.
गराडू की सब्जी में ढेर सारे पोषक तत्व मौजूद रहते है। गराडू में कैल्शियम आयरन कॉपर मैगनीज फॉस्फोरस आदि तत्व पाए जाते हैं।

एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में -

गराडू में विटामिन्स के साथ के साथ ही एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते है। इसका सेवन मानसिक तनाव को कम करने में मददगार होता है।

इम्यूनिटी बढ़ाने में करता है मदद



 सर्दियों का मौसम शुरू होते ही गराडू मार्केट में आने लग जाते हैं। दरअसल गराडू को लोग एक सब्जी की तरह भी खाना पसंद करते हैं। यह सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में बिका और खाया जाता है। कई लोग गराडू तल कर खाना पसंद करते हैं, तो कई इसकी सब्जी बनाकर खाते हैं। ठंड में गराडू खाने के काफी ज्यादा फायदे बताए गए हैं। दरअसल गराडू की तासीर गर्म होती है। इसलिए इसे सर्दियों में खाना पसंद किया जाता है।

फाइबर से भरपूर -


गराडू में फाइबर यानी रेशे बहुत अच्छी मात्रा में होते हैं। इसलिए ये पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। फाइबर वाले आहारों के सेवन से आंतों की गंदगी साफ हो जाती है और भोजन अच्छी तरह पचता है।

दिमाग के लिए भी है फायदेमंद

गराडू कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो आपको दिमाग और शरीर की कई बीमारियों से बचाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स वो तत्व होते हैं, जो शरीर में ऑक्सिडेशन की प्रक्रिया को धीमा करते हैं, जिससे आप लंबे समय तक जवान रहते हैं और कैंसर, ट्यूमर, कार्डियोवस्कुलर रोगों से बचे रहते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है -

जानकारों का कहना है कि गराडू में विटामिन सी होता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। वहीं कैल्शियम की मौजूदगी से गराडू हड्डियों और दांतों के लिए फायदेमंद होता है।

गराडू की गरमा-गरम चाट खाने का मजा कुछ और -


सर्दी के दिनों में गरमा-गरम गराडू खाने और मजा ही कुछ और होता है। ठंड में शाम अथवा रात के के समय गराडू खाना स्वास्थ्य के साथ शरीर को गर्माहट देता है।
दरअसल गराडू को लोग एक सब्जी की तरह भी खाना पसंद करते हैं। यह सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में बिका और खाया जाता है। कई लोग गराडू तल कर खाना पसंद करते हैं, तो कई इसकी सब्जी बनाकर खाते हैं।

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4.12.23

अच्छी सेहत के लिए सर्दियों में क्या ख़ास फूड्स खाएं ?





सर्दी हो या गर्मी सुबह उठने के बाद हम अकसर चाय, कॉफी और बिस्कुट खाते हैं। लेकिन सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीना सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है। सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीने की आदत काफी बुरी होती है। कई लोग फिर भी सुबह उठने के बाद चाय और कॉफी ही पीते हैं, लेकिन कई लोग सुबह हेल्दी ड्रिंक या फिर हर्बल टी पीते हैं। वहीं, आपका ब्रेकफास्ट भी हेल्दी होना चाहिए। आपको अपने सुबह के खाने को बिल्कुल भी स्किप नहीं करना चाहिए। खासकर, सर्दियों में सुबह उठने के बाद हेल्दी भोजन खाना बहुत जरूरी होता है। अभी सर्दी का मौसम शुरू हो गया है, इसलिए आप सोच रहे होंगे कि आखिर सर्दी में सुबह उठने के बाद क्या खाना चाहिए?
सर्दियों में सुबह उठने के बाद ड्राई फ्रूट्स खाना बेहद फायदेमंद होता है। ड्राई फ्रूट्स में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही ड्राई फ्रूट्स की तासीर भी बेहद गर्म होती है। ऐसे में अगर आप सर्दी में सुबह उठकर ड्राई फ्रूट्स खाएंगे, तो इससे आपका शरीर गर्म रहेगा। साथ ही आपकी इम्यूनिटी भी बूस्ट होगी। आपको एनर्जी मिलेगी, आप पूरे दिन ऊर्जावान और फिट महसूस करेंगे।

पंजीरी

हमारे देश के उत्तरी भागों में सर्दियों के दौरान इससे कई रेसिपी तैयार किया जाते हैं। यह सूखा और मीठा स्नैक बहुत गर्म होता है और माना जाता है कि यह शरीर को दर्द से राहत दिलाता है और मांसपेशियों और जोड़ों को भी खोलता है। साबुत गेहूं, बाजरा, सत्तू या मूंग दाल के आटे का उपयोग करके आप गुड़ से अलग-अलग चीजें बना सकते हैं। साथ ही आप इनमें घी, नट्स, ड्राई फ्रूट्स, और मसाले जैसे इलायची, सौंफ, केसर और जायफल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जो कि इम्यूनिटी बूस्टर हैं।

दालचीनी का पानी

दालचीनी की तासीर बेहद गर्म होती है। ऐसे में अगर आप सर्दी के मौसम में सुबह दालचीनी का पानी पिएंगे, तो इससे आपको गर्माहट मिलेगी। इसके साथ ही दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण भी पाए जाते हैं। रोजाना दालचीनी का पानी पीने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी और आपको सर्दी-जुकाम नहीं लगेगी। दालचीनी का पानी पीने से आपका पाचन और मेटाबॉलिज्म में भी सुधार होगा। इसके लिए आप एक गिलास पानी में दालचीनी का टुकड़ा डालें। इसे अच्छी तरह से उबाल लें और फिर पानी को छानकर पी लें।

गुड़

गुड़ एक नेचुरल स्वीटनर है। यह हमारे गले के आंतरिक अस्तर पर एक परत बनाकर गले की जलन को शांत करता है और खराश में कमी लाता है। यह ब्लड वेसल्स को भी पतला करता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। सर्दियों में रोज रात को सोने से पहले इसे खाना शरीर में गर्माहट पैदा करता है।
तुलसी

सर्दियों में तुलसी खाना या इसका रेगुलर इस्तेमाल करना आपको कई बीमारियों से बचाए रख सकता है। ऐसा इसलिए कि इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण होते हैं। ये वायरल संक्रमणों से लड़ने, विशेष रूप से सर्दियों में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ शरीर को अंदर से गर्म रखने का काम करते हैं।

लहसुन

ताजा लहसुन में एलिसिन होता है, जो कि प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। ये रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। ये एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है, जो सर्दियों में होने वाले हड्डियों के दर्द से आपको बचाए रख सकता है। इसे आप चटनी और सूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

बाजरा

सर्दियों के मौसम में बाजरे का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ-साथ शरीर को गर्म रखने में भी मदद करता है। साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के लिए भी यह काफी फायदेमंद हो सकता है।

पपीता

पपीता सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सुबह उठकर पपीता खाना सेहत के लिए लाभकारी होता है। पपीता में फाइबर, विटामिन्स और फोलेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इससे आपको पर्याप्त एनर्जी और ऊर्जा मिलेगी। पपीता खाने से पाचन में भी सुधार होता है। इसलिए हेल्दी और फिट रहने के लिए आप सुबह उठकर पपीता खा सकते हैं।

अंडा

सर्दियों में सुबह अंडा खाना काफी लाभकारी होता है। रोजाना सुबह उठने के बाद अंडा खाने से आपको पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलेगा। साथ ही आपका पेट भी लंबे समय तक भरा हुआ रहेगा। अंडे की तासीर भी गर्म होती है। ऐसे में सर्दियों में अंडा खाने से आपको गर्माहट मिलेगी, आपकी इम्यूनिटी बढ़ेगी। हर दिन अंडा खाने से आप सर्दियों में फिट और हेल्दी बने रह सकते हैं। अगर आपका वजन अधिक है, तो आप सिर्फ अंडे का सफेद हिस्सा खा सकते हैं।

सब्जियों का जूस

सर्दियों में सुबह उठकर सब्जियों का जूस पीना काफी फायदेमंद होता है। सब्जियों में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए आप सर्दियों में गाजर और चुकंदर का जूस पी सकते हैं।

टमाटर सूप




सर्दी हो या गर्मी सुबह उठने के बाद हम अकसर चाय, कॉफी और बिस्कुट खाते हैं। लेकिन सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीना सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है। सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीने की आदत काफी बुरी होती है। कई लोग फिर भी सुबह उठने के बाद चाय और कॉफी ही पीते हैं, लेकिन कई लोग सुबह हेल्दी ड्रिंक या फिर हर्बल टी पीते हैं। वहीं, आपका ब्रेकफास्ट भी हेल्दी होना चाहिए। आपको अपने सुबह के खाने को बिल्कुल भी स्किप नहीं करना चाहिए। खासकर, सर्दियों में सुबह उठने के बाद हेल्दी भोजन खाना बहुत जरूरी होता है। अभी सर्दी का मौसम शुरू हो गया है, इसलिए आप सोच रहे होंगे कि आखिर सर्दी में सुबह उठने के बाद क्या खाना चाहिए?
सर्दियों में सुबह उठने के बाद ड्राई फ्रूट्स खाना बेहद फायदेमंद होता है। ड्राई फ्रूट्स में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही ड्राई फ्रूट्स की तासीर भी बेहद गर्म होती है। ऐसे में अगर आप सर्दी में सुबह उठकर ड्राई फ्रूट्स खाएंगे, तो इससे आपका शरीर गर्म रहेगा। साथ ही आपकी इम्यूनिटी भी बूस्ट होगी। आपको एनर्जी मिलेगी, आप पूरे दिन ऊर्जावान और फिट महसूस करेंगे।

पंजीरी

हमारे देश के उत्तरी भागों में सर्दियों के दौरान इससे कई रेसिपी तैयार किया जाते हैं। यह सूखा और मीठा स्नैक बहुत गर्म होता है और माना जाता है कि यह शरीर को दर्द से राहत दिलाता है और मांसपेशियों और जोड़ों को भी खोलता है। साबुत गेहूं, बाजरा, सत्तू या मूंग दाल के आटे का उपयोग करके आप गुड़ से अलग-अलग चीजें बना सकते हैं। साथ ही आप इनमें घी, नट्स, ड्राई फ्रूट्स, और मसाले जैसे इलायची, सौंफ, केसर और जायफल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जो कि इम्यूनिटी बूस्टर हैं।

दालचीनी का पानी

दालचीनी की तासीर बेहद गर्म होती है। ऐसे में अगर आप सर्दी के मौसम में सुबह दालचीनी का पानी पिएंगे, तो इससे आपको गर्माहट मिलेगी। इसके साथ ही दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण भी पाए जाते हैं। रोजाना दालचीनी का पानी पीने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी और आपको सर्दी-जुकाम नहीं लगेगी। दालचीनी का पानी पीने से आपका पाचन और मेटाबॉलिज्म में भी सुधार होगा। इसके लिए आप एक गिलास पानी में दालचीनी का टुकड़ा डालें। इसे अच्छी तरह से उबाल लें और फिर पानी को छानकर पी लें।

गुड़

गुड़ एक नेचुरल स्वीटनर है। यह हमारे गले के आंतरिक अस्तर पर एक परत बनाकर गले की जलन को शांत करता है और खराश में कमी लाता है। यह ब्लड वेसल्स को भी पतला करता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। सर्दियों में रोज रात को सोने से पहले इसे खाना शरीर में गर्माहट पैदा करता है।
तुलसी

सर्दियों में तुलसी खाना या इसका रेगुलर इस्तेमाल करना आपको कई बीमारियों से बचाए रख सकता है। ऐसा इसलिए कि इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण होते हैं। ये वायरल संक्रमणों से लड़ने, विशेष रूप से सर्दियों में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ शरीर को अंदर से गर्म रखने का काम करते हैं।

लहसुन

ताजा लहसुन में एलिसिन होता है, जो कि प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। ये रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। ये एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है, जो सर्दियों में होने वाले हड्डियों के दर्द से आपको बचाए रख सकता है। इसे आप चटनी और सूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

बाजरा

सर्दियों के मौसम में बाजरे का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ-साथ शरीर को गर्म रखने में भी मदद करता है। साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के लिए भी यह काफी फायदेमंद हो सकता है।

पपीता

पपीता सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सुबह उठकर पपीता खाना सेहत के लिए लाभकारी होता है। पपीता में फाइबर, विटामिन्स और फोलेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इससे आपको पर्याप्त एनर्जी और ऊर्जा मिलेगी। पपीता खाने से पाचन में भी सुधार होता है। इसलिए हेल्दी और फिट रहने के लिए आप सुबह उठकर पपीता खा सकते हैं।

अंडा

सर्दियों में सुबह अंडा खाना काफी लाभकारी होता है। रोजाना सुबह उठने के बाद अंडा खाने से आपको पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलेगा। साथ ही आपका पेट भी लंबे समय तक भरा हुआ रहेगा। अंडे की तासीर भी गर्म होती है। ऐसे में सर्दियों में अंडा खाने से आपको गर्माहट मिलेगी, आपकी इम्यूनिटी बढ़ेगी। हर दिन अंडा खाने से आप सर्दियों में फिट और हेल्दी बने रह सकते हैं। अगर आपका वजन अधिक है, तो आप सिर्फ अंडे का सफेद हिस्सा खा सकते हैं।

सब्जियों का जूस

सर्दियों में सुबह उठकर सब्जियों का जूस पीना काफी फायदेमंद होता है। सब्जियों में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए आप सर्दियों में गाजर और चुकंदर का जूस पी
टमाटर सूप (Tomato Soup)यह सूप के सबसे लोकप्रिय प्रकारों में से एक है और इसे ही ज्यादातर दुनिया भर के लोगों द्वारा पसंद किया जाता है।
टमाटर के सूप में विटामिन E, A, C, K और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो हमें स्वस्थ रखता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

शहद

गर्मियों में शहद का सेवन करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। लेकिन सर्दियों के लिए यह अच्छा विकल्प है और साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने वाले कई गुण इसके अंदर मौजूद होते हैं, जो बेहद फायदा देते हैं।

हेल्दी मॉर्निंग ड्रिंक्स

जिस तरह आप गर्मी के मौसम में मॉर्निंग ड्रिंक्स पीते हैं, उसी तरह सर्दियों में भी हेल्दी ड्रिंक्स पीना बहुत जरूरी होता है। आप रोज सुबह उठकर जीरा पानी, नारियल पानी, मेथी का पानी या फिर शहद का पानी पी सकते हैं। इसके अलावा आप सर्दियों में नींबू का पानी, काली मिर्च का पानी पी सकते हैं। इससे आपका पाचन सही होगा, बॉडी डिटॉक्स होगी और आपकी इम्यूनिटी भी बढ़ेगी।
हर्बल ड्रिंक जैसे ग्रीन टी, लेमन टी, अदरक और तुलसी की चाय का सेवन करें क्योंकि ये आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करेंगे और स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छे हैं।
सर्दियों में स्वस्थ रहने के लिए कुछ टिप्स विटामिन C से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने की कोशिश करें, क्योंकि इस मौसम में हमारी त्वचा शुष्क हो जाती है और खट्टे पदार्थ त्वचा और बालों के लिए अच्छे होते हैं।
अपने कार्ब्स को खर्च करें, क्योंकि हम इस मौसम में बहुत कुछ खाते हैं और अपने वजन को बनाए रखने और फिट रहने के लिए आवश्यक है की, आप अपने शरीर में मौजूद वसा को घटायें इसके लिये हमेशा कुछ व्यायाम करें।
ढेर सारा पानी पियें, यह आपको हाइड्रेटेड रखेगा और इससे आपकी त्वचा स्वस्थ रहेगी।
सर्दियों में अपने आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड शामिल करें, क्योंकि यह डिप्रेशन को कम करता है, जो आमतौर पर सर्दियों में देखा जा सकता है। मछली, बीज वाले भोज्य पदार्थों और नट्स में ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्रचुर मात्रा होती है।
धूप में बैठें, क्योंकि हमारे शरीर के लिए विटामिन D बहुत आवश्यक होता है और यह किसी भी भोजन में नहीं पाया जाता, क्योंकि हमारा शरीर इसे कोलेस्ट्रॉल से बनाता है। जब पराबैंगनी किरणें हमारे शरीर को छूती हैं, तो त्वचा कोशिकाओं में कोलेस्ट्रॉल की उपस्थिति से विटामिन D बनाती है। इसलिए हमेशा धूप में कुछ समय बिताने की कोशिश करें।
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मालकांगनी जड़ी बूटी के फायदे और नुकसान




  भारत देश में सालों से आयुर्वेद का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा के तौर पर किया जाता रहा है। इसके पीछे का कारण है यहां मौजूद अनगिनत जड़ी बूटियां, जिनका इस्तेमाल कई शारीरिक समस्याओं के इलाज के लिए फायदेमंद माना जाता है। मालकांगनी भी उन्हीं में से एक है।
 मालकांगनी  एक जड़ी बूटी है, जिसके बीज, फल, जड़, पत्ते आदि इस्तेमाल में लाए जाते हैं। मालकांगनी का सेवन सेहत को कई लाभ पहुंचाता है। क्योंकि मालकांगनी औषधीय गुणों से भरपूर होता है, मालकांगनी का सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं भी दूर होती है। क्योंति मालकांगनी में सोडियम, मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम, पोटेशियम, कैल्शियम, मैंगनीज, आयरन, कॉपर, तांबा जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिहाज से काफी फायदेमंद साबित होते हैं।
 स्वास्थ के लिए मालकांगनी के फायदे कई सारे हैं। यहां हम उन्हीं फायदों के बारे में क्रमवार तरीके से बताने वाले हैं, लेकिन उससे पहले हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि मालकांगनी को किसी भी गंभीर समस्या का संपूर्ण इलाज समझने की भूल न करें।

मस्तिष्क के लिए लाभकारी





मालकांगनी को दिमाग के लिए बेहद लाभकारी माना गया है। इस पर हुए शोध में साफ तौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के इलाज और सीखने एवं याददाश्त को बढ़ाने के लिए मलकांगनी का उपयोग कई सालों से किया जाता रहा है । दरअसल, आयुर्वेद के अनुसार ज्योति का मतलब होता है ज्ञानोदय, और मती का अर्थ होता है मस्तिष्क की कार्यप्रणाली। बताया जाता है कि यह मध्य गुण यानी स्मृति शक्ति में सुधार करता है। इसके पीछे नूट्रोपीक  संज्ञानात्मक कार्य में सुधार करने वाला प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है
इसके अलावा, मालकांगनी में सेडेटिव  दिमाग को शांत करने वाला  गुण भी मौजूद होता है। यही वजह है कि मालकांगनी की जड़ों और बीजों से बने काढ़े को ब्रेन टॉनिक के रूप में जाना जाता है। यही नहीं, ज्योतिषमति को सिरदर्द की समस्या और अवसाद की समस्या को भी कम करने में लाभकारी माना गया है

गठिया में उपयोग





नर्वस सिस्टम के लिए भी मालकांगनी के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, ज्योतिषमती के बीज से निकाले गए तेल को केंद्रीय तंत्रिका तंत्र  बेहद प्रभावी माना गया है। इस पर हुए शोध बताते हैं कि इसके पाउडर का इस्तेमाल पानी के साथ मिलाकर तंत्रिका संबंधी विकारों के इलाज के किया जा सकता है । इसके अलावा, मालकांगनी के तेल पर हुए एक अन्य शोध में यह पाया गया है कि मलकंगनी का तेल एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रदर्शित कर सकता है, जो हाड्रोजन प्रोक्साइड  के खिलाफ न्यूरोनल कोशिकाओं पर एक सुरक्षात्मक प्रभाव दिखा सकता है

आंखों के लिए

मालकांगनी का उपयोग आंखों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि अगर आप मालकांगनी के तेल से पैर के तलवों की मालिश करते हैं, तो इससे आंख संबंधी समस्या दूर होती है और आंखों की रोशनी  भी तेज होती है।


संक्रमण के लिए

मालकांगनी के फायदे संक्रमण से बचाव के लिए भी देखे जा सकते हैं। इससे संबंधित शोध में बताया गया है कि मालकांगनी में एंटी बैक्टीरियल गुण (बैक्टीरिया से लड़ने वाला) के साथ-साथ एंटी वायरल (संक्रमण से लड़ने वाला) गुण भी मौजूद होते हैं . इस आधार पर यह माना जा सकता है कि संक्रमण से बचाव के लिए मालकांगनी का उपयोग फायदेमंद हो सकता है।

गठिया में उपयोग

गठिया  की शिकायत होने पर जोड़ों में दर्द और सूजन की शिकायत हो जाती है, जिसकी वजह से उठने- बैठने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अगर आप मालकांगनी का सेवन करते हैं, तो यह काफी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि मालकांगनी के अर्क में एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण पाए जाते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

मासिक धर्म विकार के लिए

महिलाओं को मासिक धर्म के समय काफी दर्द और ऐंठन की शिकायत रहती है, इसलिए ऐसे में अगर महिलाएं मालकांगनी के सूखे पत्तों का सेवन करती हैं, तो इससे दर्द और ऐंठन की शिकायत से काफी हद तक छुटकारा मिलता है।

बालों के लिए





मालकांगनी तेल के उपयोग में बालों की देखभाल भी शामिल है। इससे संबंधित एक शोध में बताया गया है कि मालकांगनी तेल का उपयोग गुजरात में बालों की देखभाल के लिए किया जाता रहा है। मालकांगनी तेल के उपयोग से बालों को सिल्की बनाए रखने में मदद मिल सकती है .इसके अलावा, एक अन्य शोध से यह पता चलता है कि बालों को सफेद होने से बचाने के लिए मालकांगनी बीज के फायदे भी देखे जा सकते हैं। इसके लिए खीर के साथ घी में ऊबला हुआ मालकांगनी के बीज का सेवन करने की सलाह दी जाती है। बताया जाता है कि इसके सेवन से बालों के समय से पहले सफेद होने की समस्या को कम किया जा सकता है

दर्द से राहत पाने के लिए

दर्द से राहत पाने के लिए भी मालकांगनी के बीज लाभ देखे जा सकते हैं। बताया जाता है कि मालकांगनी के बीज का तेल शरीर पर लगाने से बदनदर्द से राहत मिल सकती है। साथ ही यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने में भी मददगार साबित हो सकता है। यही नहीं, जोड़ों में दर्द की समस्या में भी मालकांगनी तेल के लाभ देखे जा सकते हैं .इसकी पीछे का कारण इसमें मौजूद एनालेजेसिक यानी दर्द से राहत दिलाने वाले गुण को जिम्मेदार माना जा सकता है

त्वचा के लिए-





मालकांगनी के तेल का उपयोग त्वचा  के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि मालकांगनी के तेल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी एजिंग गुण पाए जाते है, इसलिए अगर आप त्वचा पर मालकांगनी के तेल का उपयोग करते हैं, तो इससे झुर्रियों की शिकायत दूर होती है।

फिस्टुला के लिए

शरीर के दो अंगों को जोड़ने वाले अप्राकृतिक और असामान्य जोड़ को फिस्टुला कहा जाता है। यह किसी चोट, सर्जरी, सूजन या संक्रणम के कारण हो सकता है, जो शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है . ऐसे में मालकांगनी तेल का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है। इससे संबंधित एक शोध में साफतौर से बताया गया है कि फिस्टुला में मालकांगनी तेल लगाने से आराम मिल सकता है 

मालकांगनी के नुकसान

1- गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) को मालकांगनी का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
2- मालकांगनी का अधिक मात्रा में सेवन उल्टी (Vomiting) का कारण बन सकता है।

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2.12.23

सर्दियों में अमरूद खाने के चौंकाने वाले फायदे !, Amrud ke fayde







सर्दि‍यों के मौसम में बाजार में अमरूद आसानी से मिल जाते हैं। वैसे तो ये गर्म और शुष्क दोनों जलवायु में पाया जाता है, मगर सर्दि‍यों में ये ज्यादा पाए जाते हैं। अमरूद सेहत के लिए काफी अच्छा होता है। इसमें विटामिन-सी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन-ए और बी भी इसमें पाए जाते हैं। इसमें लोहा, चूना और फॉस्फोरस भी ज्यादा मात्रा में होते हैं।अमरूद में पाए जाने वाला मैग्नीशियम मांसपेशियों को मजबूत और राहत देने का काम करते हैं. इसको खाने से तनाव भी कम होता है. अगर आप अवसाद से पीड़ित हैं तो इसका सेवन जरूर करें.

वजन कम करने में भी अमरूद बहुत कारगर

वजन कम करने में भी अमरूद बहुत कारगर होता है. इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती हो जो वजन को बढ़ने नहीं देती है. वहीं, अमरूद खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बूस्ट होती है. इससे आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. इसे गर्भावस्था के दौरान भी खा सकती हैं.

 डायबिटीज से बचाता है

अमरूद डायबिटीज से बचाता है। इसमें रिच फाइबर कंटेंट और लो ग्लायसेमिक इंडेक्स पाया जाता है। लो ग्लायसेमिक इंडेक्स अचानक शुगर लेवल बढ़ने से रोकता है। वहीं, फाइबर्स के कारण शुगर अच्छे से रेगुलेट होती रहती है।

डाइजेशन –

सर्दियों में अमरूद खाने का सबसे बड़ा फायदा पाचन में सुधार से मिलता है. फाइबर से भरपूर होने के चलते अमरूद पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है और इससे कब्ज से भी राहत मिलती है. अमरूद विटामिन सी का भी अच्छा सोर्स है. स्टडीज में पाया गया है कि अमरूद की पत्तियों का रस डायरिया में काफी फायदा पहुंचाता है. अपनी डाइट में अमरूद को शामिल कर इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से भी राहत पाई जा सकती है.

कब्ज में मिलता है आराम

खराब दिनचर्या, गलत खानपान के चलते आजकल कब्ज आम समस्या हो गई है। अगर आप भी कब्ज की समस्या से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं, तो रोजाना अमरूद का सेवन कर सकते हैं। सर्दी में अमरूद खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसमें डाइटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके लिए डॉक्टर रोजाना सुबह में अमरूद खाने की सलाह देते हैं ।

वजन कंट्रोल होता है

अगर आप बढ़ते वजन से परेशान हैं और तेजी से वजन कंट्रोल करना चाहते हैं, तो अमरूद का सहारा ले सकते हैं। अमरूद के सेवन से बढ़ते वजन को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें डाइटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। साथ ही क्रेविंग की समस्या से भी निजात मिलता है।

इम्यून सिस्टम मजबूत होता है

कोरोना काल में इम्यून सिस्टम मजबूत रहना जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर विटामिन सी रिच फूड खाने की सलाह देते हैं। अगर आप भी इम्यून सिस्टम को मजबूत करना चाहते हैं, तो अमरूद का सेवन जरूर करें। इसके सेवन से सेहत पर अनुकूल असर पड़ता है।

 शरीर को पहुंचाता है ताकत

अच्छी तरह पके नरम और मीठे अमरूदों को मसलकर दूध में फेंट लें। इसके बाद छानकर इसके बीज निकाल दें। आवश्यकतानुसार शक्कर मिलाकर सुबह सुबह 21 दिन तक लेने से शरीर में काफी ताकत आती है।

बवासीर में असरदार

सुबह खाली पेट 200-300 ग्राम अमरूद का नियमित रूप से सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है। पके अमरुद खाने से पेट का कब्ज खत्म होता है। इससे बवासीर में काफी फायदा पहुंचता है। कुछ दिनों तक रोजाना सुबह खाली पेट 250 ग्राम अमरूद खाने से बवासीर ठीक हो जाती है। बवासीर को दूर करने के लिए सुबह खाली पेट अमरूद खाना सबसे अच्छा होता है


 पेट दर्द में पहुंचाता है फायदा

नमक के साथ पके हुए अमरूद को खाने से आराम मिलता है। इसके पेड़ के 50 ग्राम पत्तों को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। अमरूद के पेड़ की पत्तियों को बारीक पीसकर काले नमक के साथ चाटने से भी आराम होता है। अमरूद के फल की फुगनी यानि कि इसके फल के नीचे वाले छोटे पत्ते में थोड़ी सी मात्रा में सेंधा नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पीने से पेट का दर्द खत्म हो जाता है। 250 ग्राम अमरूद भोजन करने के बाद कुछ देर बाद खाने से कभी पेट की कोई समस्या नहीं होती है। कब्ज की शिकायत रहने वाले लोगों को खाना खाने से पहले अमरूद खाना चाहिए।अमरूद में पाए जाने वाला मैग्नीशियम मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने और होने वाले दर्द से राहत देने का काम करते हैं. इसको खाने से तनाव भी कम होता है. अगर आप अवसाद से पीड़ित हैं तो इसका सेवन जरूर करें.
अमरूद खाने से आपकी आंखों की भी सेहत अच्छी होती है. यह फल विटामिन-ए, सी व फोलेट से समृद्ध होता है. साथ ही इसमें जिंक और कॉपर जैसे तत्व भी पाए जाते हैं. जिन लोगों को कम उम्र में आंखों की समस्या होती है उनको तो इसे जरूर आहार में शामिल कर लेना चाहिए.

नुकसान 

सर्दी होने या जुखाम होने पर अमरूद का सेवन भी आपको नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी तासीर काफी ठंडी होती है. दरअसल, खाली पेट अमरूद खाने से पेट में दर्द इसलिए होता है, क्योंकि अमरूद के बीज खाली पेट में जाकर आसानी से नहीं पचते हैं और इस वजह से पेट में दर्द हो सकता है

अमरूद फल के तौर पर खाएं: 

अपनी भूख के अनुसार 1-2 अमरूद एक दिन में खाए जा सकते हैं।

अमरूद खाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

अमरूद को खाली पेट छोड़कर किसी भी समय खाना चाहिए। यह बात केले पर भी लागू होती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यदि आपके शरीर को इन फलों के लाभों को प्राप्त करने की आवश्यकता है, तो इसे पचाने और साथ में मिश्रण करने के लिए आपके पेट में कुछ भोजन होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इसका सेवन खाना खत्म करने के 30 मिनट बाद ही करना चाहिए।
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1.12.23

खाली पेट हींग का सेवन: पेट के विकार, ब्लड प्रेशर ,श्वासरोग ,सिरदर्द की अमोघ औषधि



मित्रों ,घरेलू आयुर्वेद से रोगों की चिकित्सा के विडिओ की शृंखला मे आज का टॉपिक है "खाली पेट हींग का सेवन: पेट के विकार, ब्लड प्रेशर ,श्वासरोग ,सिरदर्द  की अमोघ औषधि "
   हींग काफी लंबे वक्त से हमारी पारंपरिक रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। दाल और सब्जियों में तड़का लगाने से लेकर बिरयानी में भी हींग का प्रयोग किया जाता है। हींग की खुशबू हमारे जायके को और भी लजीज बना देती है और साथ ही इसके कई स्वस्थ्य लाभ भी हैं। हींग में कई बीमारियों को दूर करने के गुण पाए जाते हैं।
हींग सदियों से पारंपरिक चिकित्सा का हिस्सा भी रही है।  हींग में एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होते हैं। यही एक कारण है कि हींग को देवताओं का भोजन भी कहा जाता है। 
  हींग खाने से कई बीमारियों में आराम मिल सकता है, जैसे कि पाचन संबंधी समस्याएँ (कब्ज, गैस, अपच), श्वसन संबंधी समस्याएँ (खांसी, अस्थमा), और दर्द (सिरदर्द, जोड़ों का दर्द)। इसके अलावा, हींग रक्तचाप को नियंत्रित करने और रक्त संचार को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है. 

पीरियड में उठने वाले दर्द

हींग मासिक धर्म यानी पीरियड में उठने वाले दर्द (menstrual pain) के लिए एक सही विकल्प है। यह प्रोजेस्टेरोन स्राव को बढ़ाने में मदद करती है जो रक्त प्रवाह को और आसान बनाता है और दर्द और ऐंठन से राहत देता है।
अपने एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, हींग खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करती है। यह छाती की जकड़न को दूर करती है।

सिरदर्द में फायदेमंद




  सिर दर्द को कम करने के लिए हींग और घी का लेप फायदेमंद हो सकता है। सिरदर्द होने पर हींग और घी को मिक्स कर लें। इसके बाद इसे अपने सिर पर लगाएं और कुछ देर के लिए छोड़ दें। इससे आपको काफी रिलैक्स महसूस होगा, जो सिर के दर्द को कम कर सकता है।
  सिरदर्द की समस्या में हींग का खाली पेट सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। हींग में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सिरदर्द की समस्या कम करने और सूजन से छुटकारा दिलाने में बहुत फायदेमंद होते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप डॉक्टर की सलाह लेकर हींग का सेवन कर सकते हैं।
  गर्म दूध में हींग के कुछ टुकड़े मिलाकर इसका सेवन करने से आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को लाभ मिलते हैं। इसका रोजाना एक या दो बार सेवन किया जा सकता है। यह एसिडिटी और गैस को कम करने में मदद करती है।

ब्लड प्रेशर रेगुलेट करने में फायदेमंद





ब्लड प्रेशर की समस्या में हींग का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है, लेकिन इसका सेवन सिर्फ डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही करना चाहिए। हींग में मौजूद गुण शरीर में ब्लड क्लॉट होने से रोकते हैं और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में फायदेमंद होते हैं। रोजाना सुबह के समय हींग का पानी पीने से ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने में फायदा मिलता है।
हींग एक प्राकृतिक ब्लड थिनर के रूप में भी जानी जाती है, जो रक्तचाप के स्तर (blood pressure level) को कम करने में मदद करती है। साथ ही, हींग में एक यौगिक होता है जो रक्त के थक्कों यानी ब्लड क्लॉटिंग को बनने से रोकता है।

वजन घटाने के लिए




बटरमिल्क यानी छाछ आपके पाचन स्वास्थ्य और वजन घटाने के लिए बेहद फायदेमंद है। एक गिलास छाछ में एक चुटकी हींग मिलाकर पीने से आपकी सेहत को और अधिक लाभ मिल सकते हैं। गैस्ट्रिक समस्याओं के लिए, आप दिन में एक या दो बार खाना खाने के ठीक बाद हींग वाला एक गिलास छाछ पी सकते हैं। महिलाएं अपने पीरियड्स के दौरान भी इसका सेवन कर सकती हैं जिससे दर्द और ऐंठन को कम करने में भी मदद मिल सकती है।

पुरुषों के लिए हींग के फायदे





नपुंसकता और शीघ्रपतन में हींग के फायदे देखने को मिलते हैं। जिन पुरुषों को शीघ्रपतन और नपुंसकता की समस्या है उन्हें हींग का सेवन आवश्य करना चाहिए। आप हींग पाउडर को एक ग्लास गुनगुने पानी डालकर पी सकते हैं। इससे शरीर में रक्त संचार तेज होता है। यह खांसी और ब्रोंकाइटिस के लिए भी अच्छा होता है। इसके लिए आप हींग पाउडर में आधा चम्मच अदरक का रस और शहद को मिलाकर खा सकते हैं।

पाचन के लिए फायदेमंद

हींग का सेवन पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। हींग में मौजूद गुण अपच की समस्या में बहुत फायदेमंद होते हैं। खाली पेट एक चुटकी हींग खाने से आपको पेट से जुड़ी परेशानियों में फायदा मिलेगा। अपच या पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए आप डॉक्टर की सलाह पर हींग का सेवन कर सकते हैं।

सांस से जुड़ी परेशानियों में फायदेमंद

सांस से जुड़ी परेशानियों में हींग का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। हींग में एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस की समस्या में बहुत फायदेमंद होते हैं। सांस लेने में परेशानी और जकड़न की समस्या में खाली पेट हींग का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। अपने एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, हींग खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। यह छाती की जकड़न को दूर करता है।
    हींग का पानी पेट की समस्याओं में रामबाण की तरह काम करता है. औषधीय गुणों से भरपूर यह पानी कई बीमारियों से शरीर को सुरक्षित रखता है. गैस, बदहजमी, कब्ज जैसी समस्याओं को हींग का पानी  झट से दूर कर सकता है. वजन कम करना हो, हार्ट की बीमारी से बचना हो तो हींग पानी फायदेमंद होता है. 
 एक अध्ययन मे बताया गया है की  कैंसर और डायबिटीज के मरीजों को भी हींग का पानी लाभ पहुंचा सकता है.
 ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप अपने डेली रूटीन में हींग का सेवन कर सकते हैं। 
  हींग का पानी रोजाना पीना हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा। इसके लिए आप एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच हींग डालकर मिलाएं। इसे खाली पेट पीने से पाचन संबंधी समस्याओं  से राहत मिलती है। 
    पेट में ब्लोटिंग या गैस की समस्या से अगर आप परेशान रहते हैं तो हींग का सेवन जरूर करें। खाली पेट हींग के सेवन से ब्लोटिंग और गैस की समस्या से आराम मिलता है।
  हींग के सेवन से ब्लड प्रेशर की समस्या में भी फायदा मिलता है। खाली पेट हींग का पानी पीने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रह सकता है। 
एंटी-इंफ्लेमेटरी गणों से भरपूर हींग के सेवन से सिरदर्द में आराम मिलता है। इसके साथ ही सूजन की समस्या में भी हींग फायदा करती है।
खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस की समस्या में भी हींग का सेवन फायदेमंद साबित होता है। 

हींग और काला नमक खाने से क्या होता है?

हींग और काले नमक में मौजूद गुण मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का काम करते हैं. पानी के साथ हींग और काला नमक मिलाकर पीने से मेटाबॉलिज्म की दर बढ़ जाती है, इससे पाचन से जुड़ी कई दिक्कतें दूर हो जाती हैं. काला नमक और हींग का पानी बॉडी को डिटॉक्स करने का काम करता है. इस पानी को पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है.

बुखार होने पर छोटे बच्चों को कैसे लगाएं हींग की पट्टी?

यदि आपके घर में किसी छोटे बच्चों को बुखार हो गया है, तो हींग का लेप या फिर हींग की पट्टी लगाएं। इसका प्रयोग करने के लिए सबसे पहले 1 छोटी सी कटोरी लें, इसमें थोड़ा सा हींग और पानी की कुछ बूंदों को डालकर इसे लेप की तरह तैयार कर लें। इसके बाद एक कागज का टुकड़ा लें। अब इसे गोल आकार में काट लें और फिर इसे हींग के लेप में डुबोएंं। इसके बाद इसे अपने बच्चे के सिर के दोनों ओर लगाएं और रातभर के लिए छोड़ दें। धीरे-धीरे बच्चे के शरीर का तापमान कम हो जाता है।

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