दिन भर ऑफिस में काम करने वाले लोगों के लिए कंधों में दर्द की समस्या बहुत आम है। अगर आप अपने व्यस्त रुटीन से थोड़ा सा समय निकालकर इन तीन योगासनों को दें, तो कंधों के दर्द से हमेशा के लिए छुटकारा पाना कोई मुश्किल काम नहीं है।
आइए जानें, कंधों के दर्द को दूर भगाने वे आसनों के बारे में।
1. द्रुत ताड़ासन
इस आसन को आप बैठकर या खड़े होकर कर सकते हैं। दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक करके हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। हथेली छत की ओर होनी चाहिए। अब हाथों की ऊपर की ओर जितना खींच सकें, खींचें।
अब सांस छोड़ते हुए दाईं ओर झुकें और हाथों को स्ट्रेच करें, फिर सांस खींचते हुए सीधे हो जाएं। इसी प्रक्रिया को बाईं ओर से दोहराएं। इस पूरी प्रक्रिया को रोज पांच से 15 बार दोहराएं।
2. पर्वतासन
इससे न सिफई कंधे का दर्द दूर होता है बल्कि रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है। इसे करने के लिए पहले सुखासन में बैठ जाएं।
दोनों हाथों को जमीन से छुएं। अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊप उठाएं। बाजू काम से छूने चाहिए, कोहनी सीधी रखें और नमस्कार की मुद्रा बनाएं। हाथों को ऊपर की ओर स्ट्रेच करें।
अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे दोनों हाथों को नीचे की ओर लाएं। इसे रोज पांच से 10 बार करें।
3. ताड़ासन
इस आसन को भी आप बैठकर या खड़े होकर कर सकते हैं। दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक करके सांस खींचते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। हथेली छत की ओर होनी चाहिए। अब हाथों की ऊपर की ओर जितना खींच सकें, खींचें।
कुछ पल बाद सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों को नीचे की ओर ले जाएं। इस आसन को रोज पांच से 10 बार करें।
आइए जानें, कंधों के दर्द को दूर भगाने वे आसनों के बारे में।
1. द्रुत ताड़ासन
इस आसन को आप बैठकर या खड़े होकर कर सकते हैं। दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक करके हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। हथेली छत की ओर होनी चाहिए। अब हाथों की ऊपर की ओर जितना खींच सकें, खींचें।
अब सांस छोड़ते हुए दाईं ओर झुकें और हाथों को स्ट्रेच करें, फिर सांस खींचते हुए सीधे हो जाएं। इसी प्रक्रिया को बाईं ओर से दोहराएं। इस पूरी प्रक्रिया को रोज पांच से 15 बार दोहराएं।
2. पर्वतासन
इससे न सिफई कंधे का दर्द दूर होता है बल्कि रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है। इसे करने के लिए पहले सुखासन में बैठ जाएं।
दोनों हाथों को जमीन से छुएं। अब सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊप उठाएं। बाजू काम से छूने चाहिए, कोहनी सीधी रखें और नमस्कार की मुद्रा बनाएं। हाथों को ऊपर की ओर स्ट्रेच करें।
अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे दोनों हाथों को नीचे की ओर लाएं। इसे रोज पांच से 10 बार करें।
3. ताड़ासन
इस आसन को भी आप बैठकर या खड़े होकर कर सकते हैं। दोनों हाथों की उंगलियों को इंटरलॉक करके सांस खींचते हुए हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। हथेली छत की ओर होनी चाहिए। अब हाथों की ऊपर की ओर जितना खींच सकें, खींचें।
कुछ पल बाद सांस छोड़ते हुए दोनों हाथों को नीचे की ओर ले जाएं। इस आसन को रोज पांच से 10 बार करें।
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