एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बवासीर का सबसे बड़ा कारण कब्ज है, जो गलत खान-पान या सुस्त जीवनशैली की वजह से हो सकता है। बवासीर दो तरह की होती है आंतरिक और बाहरी। आंतरिक बवासीर में गुदा के अंदर नसें फूल जाती है और जोर लगाए जाने पर उनमें खून आ सकता है। बाहरी बवासीर में गुदा के बाहर मस्से बन जाते हैं जिससे मल त्याग करना कठिन और दर्दनाक बन जाता है।
बवासीर के लिए नीम
अध्ययन के अनुसार, बवासीर के मरीजों के लिए नीम फायदेमंद हो सकता है। बाजार में नीम का तेल भी मिलता है, जो बवासीर में असरदार है। इस तेल को दिन में दो बार प्रभावित जगह पर लगाने से दर्द और खुजली कम हो जाती है, जिससे समस्या के बढ़ने की संभावना कम हो जाती है और साथ ही राहत मिलती है।
अध्ययन के अनुसार, इसका उपयोग आंतरिक और बाहरी दोनों बवासीर में किया जाता है। इसे सीधे गुदा पर लगाया जा सकता है या एलोवेरा का रस (दिन में तीन बार 1 कप) भी लिया जा सकता है। यह उपचार में तेजी लाने, खुजली और सूजन को कम करने में मदद करता है। यह रक्तस्राव को रोकने में भी मदद करता है।
तिल के बीज और तेल खत्म करेगा बवासीर
अध्ययन के अनुसार, यह खूनी बवासीर में उपयोगी हो सकते हैं। इसके लिए इसे पीसकर मक्खन के साथ लिया जाना चाहिए। इसके अलावा आप 60 ग्राम बीजों को अच्छी तरह चबाकर खा सकते हैं। बाहरी बवासीर पर तिल का तेल लगाने से आराम मिलता है।
खूनी बवासीर का रामबाण इलाज जामुन का पेड़
जामुन एक बड़ा सदाबहार पेड़ है जिस पर गहरे बैंगनी काले रंग के फल आते हैं। जामुन का मीठा-खट्टा स्वाद होता है। इसके फल को मौसम में 2-3 महीने तक नमक के साथ लेना चाहिए। हर मौसम में इस फल का सेवन करने से बवासीर से खून बहने से बचा जा सकता है। ताजे फल को शहद के साथ लेने से भी लाभ होता है।