बेर बहुत ही उपयोगी और पोषक तत्वों से भरपूर फल है। इन दिनों बेर का मौसम भी है। बेर को अधिकतर लोग बचपन में तो बहुत पसंद करते हैं, लेकिन बड़े होने पर खट्टेपन के कारण इसे नहीं खाते हैं। साथ ही, एक बड़ा कारण यह भी है कि लोग इसके गुणों से अनजान हैं।
बेर दो तरह के होते है एक बड़े आकर वाले और दूसरे छोटे वाले होते है पका बेर स्वाद के साथ शरीर को कई रोग से बचाता है ।
*गुर्दो में दर्द हो जाये तो बेरी के पत्तो को पीस कर उसका लेप पेट के गुर्दे वाली जगह पर करने से दर्द शांत होता है ।
*विटामिन सी से भरपूर होता है-
संतरे और नींबू की ही तरह बेर में भी प्रचूर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है। इसमें अन्य फलों के मुकाबले विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा होती है। इसके सेवन से त्वचा लंबी उम्र तक जवां बनी रहती है।
*पेट दर्द की समस्या खत्म कर देता है-
बेर को छाछ के साथ लेने से पेट दर्द की समस्या खत्म हो जाती है।
*बालों के झड़ने या रूखेपन से बचाने के लिए बेरी के पत्तो को हाथ से मसल कर पानी में उबाल ले और उस पानी को छान कर उससे सिर धोये तो इन समस्याओ से निजात मिलती है और रुसी की परेशानी भी हल हो जाती है
*मुंह के छालों की समस्या हो जाये तो बेरी की छाल को अच्छी तरह सुखा कर चूर्ण बनाये और उस चूर्ण को छालों पर लगाये तो आराम मिलेगा ।
*टी बी जैसे खतरनाक रोग का बहुत ही सरल उपाय बेर है । मरीज़ दिन में ३-४ बार एक पाव बेर प्रतिदिन सेवन करने से टी बी से बचाव और रोग मुक्ति संभव है ।
*दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है-
बेर खाने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। इस कारण दिल से जुड़ी बीमारियां होने की संभावना कम हो जाती है।
*बालों के लिए फायदेमंद-
बेर की पत्तियों में 61 आवश्यक प्रोटीन पाए जाने के साथ विटामिन सी, केरिटलॉइड और बी कॉम्प्लेक्स भी अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह बालों को घना और हेल्दी बनाता है।
*रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है-
बेर में मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कॉपर, कैल्शियम और आयरन और खनिज पदार्थ भी मौजूद होते हैं। इन तत्वों से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। जिससे शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है।
*नाक में फुंसी हो जाये तो बहुत परेशान करती है अतः एक बेर को छील कर बार बार सूंघे तो ये ठीक हो जाती है*रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है-
बेर में मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कॉपर, कैल्शियम और आयरन और खनिज पदार्थ भी मौजूद होते हैं। इन तत्वों से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। जिससे शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है।
खांसी और बुखार में है फायदेमंद-
बेर का जूस खांसी, फेफड़े संबंधी विकारों और बुखार के इलाज में भी सहायक है। वैज्ञानिकों ने इसमें आठ तरह के फ्लेवेनॉयड ढूंढे हैं। उनके मुताबिक, यह दर्दनाशक होता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी हैं।
*अनिद्रा की समस्या दूर हो जाती है-बेर में 18 प्रकार के महत्वपूर्ण एमीनो एसिड मौजूद हैं, जो शरीर में प्रोटीन को संतुलित करते हैं। चीनी दवाओं में इसके बीज से एंग्जाइटी और अनिद्रा (इंसोम्निया) का इलाज होता है।
अंतड़ियों में घाव हो या पाचन शक्ति कमजोर हो तो मरीज़ को सुबह जल्दी उठकर खाली पेट एक पाव बेर खाने चाहिए, दिन में भोजन के बाद बेर खाने चाहिए और साँझ के समय खाने के बाद बेर न खा सके तो उसका रस पी ले तो अंतड़ियों की सभी परेशानी दूर हो जाती है ।
मेडिकल अध्ययन के अनुसार बेर से लो-ब्लड प्रेशर, एनीमिया, लीवर आदि की समस्याओं से राहत मिलती है। यह शरीर में ट्यूमर सेल्स पनपने नहीं देता। यह त्वचा की देखभाल के लिए भी उत्तम स्रोत है।
इनके खाने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है ।