मित्रों ,घरेलु आयुर्वेद से चिकित्सा के विडियो की श्रृंखला में आज का टॉपिक है "आयुर्वेदिक उपचार से हाथों और पैरों में झुनझुनी को करें अलविदा"
हाथ और पैर सुन्न होना कई बीमारियों का संकेत हो सकता है, जिनमें कुछ आम बीमारियाँ हैं - डायबिटीज, विटामिन बी 12 की कमी, कार्पल टनल सिंड्रोम, और नस दबने की समस्या. इसके अतिरिक्त, कुछ गंभीर स्थितियाँ जैसे स्ट्रोक या दिल का दौरा भी हाथ-पैर सुन्न होने का कारण बन सकती हैं.
विटामिन B12 की कमी के कारण हाथों और पैरों में झुनझुनी होती है।
विटामिन B12 की कमी से नसों को नुकसान हो सकता है, जिससे हाथों और पैरों में झुनझुनी, संवेदना में कमी, मांसपेशियों में कमजोरी, संतुलन की कमी, भ्रम और मनोभ्रंश जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
विटामिन B12 एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है, और तंत्रिका तंत्र के सही कार्य के लिए आवश्यक है. विटामिन B12 की कमी को आहार में मांस, मछली, अंडे और डेयरी उत्पादों को शामिल करके पूरा किया जा सकता है.
शरीर में झनझनाहट (tingling) कई कारणों से हो सकती है। यह अस्थायी या स्थायी हो सकती है। झनझनाहट के कुछ सामान्य कारणों में शामिल हैं:
लंबे समय तक एक ही मुद्रा में रहना:
एक ही स्थिति में लंबे समय तक रहने से रक्त संचार प्रभावित हो सकता है, जिससे झनझनाहट हो सकती है.
आहार में बी12 की कमी से तंत्रिका संबंधी क्षति हो सकती है, जो आपके हाथों या पैरों में झुनझुनी के रूप में प्रकट हो सकती है। आपको हर दिन विटामिन बी6 का सेवन करना चाहिए क्योंकि यह शरीर में जमा नहीं हो सकता। मांस, मछली, मेवे, फलियां, अनाज, खट्टे फल और आलू बी6 के अच्छे स्रोत हैं।
हाथ और पैरों में झनझनाहट की समस्या के लिए आप कुछ घरेलू उपाय कर सकते हैं, जैसे कि बादाम तेल से मालिश, गुनगुने पानी में सेब का सिरका डालकर हाथ डुबोना, हल्दी दूध का सेवन करना, और लैवेंडर ऑयल से मसाज करना। इन उपायों से झनझनाहट कम हो सकती है और मांसपेशियों को आराम मिल सकता है.
बादाम तेल से मालिश:
15-20 मिनट तक बादाम तेल से मालिश करने से झनझनाहट दूर हो सकती है.
सेब का सिरका:
गुनगुने पानी में सेब का सिरका डालकर हाथ डुबोकर रखने से दर्द कम हो सकता है.
हल्दी दूध:
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। हल्दी वाले दूध का सेवन करने से झनझनाहट दूर हो सकती है.
लैवेंडर ऑयल:
लैवेंडर तेल की मसाज झनझनाहट को कम कर मांसपेशियों को राहत पहुंचाती है.
गुनगुना पानी:
अगर हाथ या पैर सुन्न पड़ गए हैं तो 5-10 मिनट तक गुनगुने पानी में डुबोकर रखने से आराम मिल सकता है.
सेंधा नमक:
नहाने के पानी में सेंधा नमक डालकर स्नान करने से मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं.
मांसपेशियों को आराम देना:
पैरों के नीचे तकिया लगाकर सोने से भी झनझनाहट कम हो सकती है.
पर्याप्त नींद:
पर्याप्त नींद लेने से नसों में सूजन कम होती है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है.
हेल्दी डाइट:
पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें, जैसे कि विटामिन बी6, बी12 और मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ.
योगासन:
शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर करने के लिए योगासन करें.
पर्याप्त पानी:
दिन भर में पर्याप्त पानी पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है और नसों को सही तरीके से काम करने में मदद मिलती है.
लैवेंडर ऑयल या साइप्रस ऑयल की मालिश:
लैवेंडर या साइप्रस ऑयल की मालिश करने से क्षतिग्रस्त नसों की मरम्मत हो सकती है.
सेब का सिरका:
गुनगुने पानी में सेब का सिरका मिलाकर हाथ या पैर डुबोकर रखने से झनझनाहट से राहत मिल सकती है.
हाथ पैर सुन्न होने के कई आयुर्वेदिक इलाज उपलब्ध हैं, जैसे कि तेल मालिश, हल्दी वाला दूध, अदरक की चाय और नियमित व्यायाम। ये उपाय रक्त संचार में सुधार करते हैं और सुन्नता को कम करने में मदद करते हैं.
आयुर्वेदिक उपचार:
1. तेल मालिश:
सरसों का तेल या बादाम तेल हल्का गर्म करके हाथ और पैरों की मालिश करें। इससे रक्त संचार बेहतर होता है और झनझनाहट कम होती है.
2. हल्दी वाला दूध:
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध पीने से आराम मिल सकता है.
3. अदरक की चाय:
अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। अदरक की चाय पीने से रक्त संचार भी बेहतर होता है.
4. नियमित व्यायाम:
व्यायाम करने से रक्त संचार बेहतर होता है और हाथ-पैरों की सुन्नता कम हो सकती है.
5. अन्य उपाय:
सेंधा नमक से स्नान करना मांसपेशियों को आराम देता है.
लैवेंडर तेल की मालिश झनझनाहट को कम करने में मदद कर सकती है.
गुनगुने पानी में हाथ-पैर डुबोकर रखना भी आराम पहुंचाता है.
दालचीनी के तेल का उपयोग भी झनझनाहट को कम करने में मदद कर सकता है.
कुछ खाद्य पदार्थ जैसे कि ठंडी चीजें और गैस बनाने वाले भोजन हाथ-पैरों की सुन्नता को बढ़ा सकते हैं, इसलिए इन चीजों से बचना चाहिए.
यदि झनझनाहट बनी रहती है या गंभीर हो जाती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है.
सुन्नता का इलाज घर पर कोल्ड कंप्रेस, दर्द निवारक आदि का उपयोग करके किया जा सकता है, लेकिन अगर यह दूर नहीं होता है, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
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