20.11.21

शहद और दालचीनी से करें रोगों का निवारण:honey and cinnamon




 

शहद इस धरती पर एक ऐसा पदार्थ है जो कभी सडता या खराब नहीं होता है। शहद को कभी उबालना नहीं चाहिये , वर्ना इसमें मौजूद एन्जाईम्स नष्ट हो जाएंगे। लेकिन कुछ उपचार ऐसे हैं जिनमें शहद को गर्म करना पड सकता है। बहुत दिनों तक ठंडे और अंध्रेरे की जगह में रखा रहने पर शहद जम जाता है और क्रिस्टल्स बन जाते हैं । इसके लिये किसी बर्तन में पानी गर्म करके उसमे शहद का पात्र कुछ समय रख दें । शहद पिघल जाएगा। ;अनुसंधान में यह प्रदशित हुआ है कि शहद और दाल चीनी के मिश्रण में मानव शरीर के अनेकों रोगों का निवारण करने की अद्भुत शक्ति है। दुनियां के करीब सभी देशों में शहद पैदा होता है। आज के वैज्ञानिक इस तथ्य को स्वीकार कर चुके हैं कि शहद कई बीमारियों की अचूक औषधि है। पश्चिम के वैज्ञानिक कहते हैं कि शहद मीठा जरूर है लेकिन अगर इसे सही मात्रा में सेवन किया जावे तो मधुमेह रोगी भी इससे लाभान्वित सकते हैं।


 हृदय रोगों में उपयोगी है

शहद और दालचीनी के पावडर का पेस्ट बनाएं और इसे रोटी पर चुपडकर खाएं। घी या जेली के स्थान पर यह पेस्ट इस्तेमाल करें। इससे आपकी धमनियों में कोलेस्टरोल जमा नहीं होगा और हार्ट अटेक से बचाव होगा। जिन लोगों को एक बार हार्ट अटेक का दौरा पड चुका है वे अगर इस उपचार को करेंगे तो अगले हार्ट अटेक से बचे रहेंगे। इसका नियमित उपयोग करने से द्रुत श्वास की कठिनाई दूर होगी । हृदय की धडकन में शक्ति का समावेश होगा। अमेरिका और कनाडा के कई नर्सिंग होम में प्रयोग किये गये हैं और यह निष्कर्ष आया है कि जैसे-जैसे मनुष्य बूढा होता है, उसकी धमनियां और शिराएं कठोर हो जाती हैं। शहद और दालचीने के मिश्रण से धमनी काठिन्य रोग में हितकारी प्रभाव देखा गया है।

संधिवात मे 

 संधिवात रोगी दो बडे चम्मच शहद और एक छोटा चम्मच दालचीनी का पावडर एक गिलास मामूली गर्म जल से लें। सुबह और शाम को लेना चाहिये। कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने अपने शौध में कहा है कि चिकित्सकों ने नाश्ते से पूर्व एक बडा चम्मच शहद और आधा छोटा चम्मच दालचीनी के पावडर का मिश्रण गरम पानी के साथ दिया। इस प्रयोग से केवल एक हफ़्ते में ३० प्रतिशत रोगी संधिवात के दर्द से मुक्त हो गये। एक महीने के प्रयोग से जो रोगी संधिवात की वजह से चलने फ़िरने में असमर्थ हो गये थे वे भी चलने फ़िरने लायक हो गये। मूत्राषय का संक्रमण


  ब्लाडर इन्फ़ेक्शन होने पर दो बडे चम्मच दालचीनी का पावडर और एक बडा चम्मच शहद मिलाकर गरम पानी के साथ देने से मूत्रपथ के रोगाणु नष्ट हो जाते हैं।


 




  कोलेस्टरोल घटाने के लिये

 बढे हुए कोलेस्टरोल में दो बडे चम्मच शहद और तीन चाय चम्मच दालचीनी पावडर मिलाकर आधा लिटर मामूली गरम जल के साथ लें। इससे सिर्फ़ २ घंटे में खून का कोलेस्टरोल लेविल १० प्रतिशत नीचे आ जाता है। और दिन मे तीन बार लेते रहने से कोलेस्टरोल बढे हुए पुराने रोगी भी ठीक हो जाते हैं।

मधुमेह रोगियों के लिए दालचीनी और शहद

मधुमेह रोगियों के लिए दालचीनी और शहद का मिश्रण बहुत ही फायदेमंद होता है। दालचीनी में एंटीऑक्‍सीडेंट फ्लेवोनोइड्स होते हैं। जिनका प्रभाव और कार्य इंसुलिन के समान होता है। जिसके कारण यह रक्‍त में शर्करा के स्‍तर को नियंत्रित करने और मौजूद ग्‍लूकोज को ऊर्जा के रूप में परिवर्तित करने में सहायक होता है। शहद को प्राकृतिक शर्करा का सबसे बेहतर रूप माना जाता है, लेकिन यह शरीर में रक्‍त शर्करा के उतार-चढ़ाव का कारण नहीं बनता है।
जब शहद और दालचीनी दोनों के गुण आपस में मिलते हैं तो शरीर द्वारा ग्‍लूकोज का उपयोग लगातार ऊर्जा उत्‍पादन में किया जाता है। जिससे शरीर को पर्याप्‍त ऊर्जा प्राप्‍त होती है साथ ही रक्‍त शर्करा के स्‍तर को भी नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आप भी मधुमेह रोगी हैं तो दालचीनी और शहद के मिश्रण का सेवन कर लाभ प्राप्‍त कर सकते हैं।

  आमाषय के रोग

   शहद और दालचीनी के पावडर का मिश्रण लेने से पेट दर्द और पेट के अल्सर जड से ठीक हो जाते हैं। जापान और भारत में किये गये रिसर्च में साबित हुआ है कि दालचीनी और शहद के प्रयोग से उदर की गैस का भी समाधान हो जाता है।

मुहासे


तीन बडे चम्मच शहद और एक चाय चम्मच दालचीनी पावडर का पेस्ट बनाएं। रात को सोते वक्त चेहरे पर लगाएं। सुबह गरम जल से धोलें । दो हफ़्ते के प्रयोग से मुहासे समाप्त होकर चेहरा कांतिमान दिखेगा।





त्वचा विकार


दालचीनी और शहद समाना भाग लेकर मिश्रित कर एक्ज़ीमा,दाद जैसे चर्म उद्भेद पर लगाने से अनुकूल परिणाम आते हैं।

  बेहरापन

कम सुनने के रोग में दालचीनी और शहद बराबर मात्रा मे लेने से फ़यदा होता है। दिन में दो बार लेना हितकर है।

  दीर्घ जीवन 

   लंबी उम्र के लिये दालचीनी और शहद की चाय नियमित उपयोग करें। तीन गिलास पानी उबालें । इसमें चार चाय चम्मच शहद और एक चाय चम्मच दालचीनी का पावडर मिलाएं। एक चौथाई गिलास चाय हर तीसरे घंटे पीयें। इससे त्वचा स्वच्छ और झुर्री रहित बनाने में मदद मिलती है। बुढापे को दूर रखने का सर्वोत्तम उपाय है। दीर्घ जीवन की कामना रखने वाले लोग १०० की उम्र में भी थिरकते दिखेंगे।

   प्रतिरक्षा तंत्र  शक्तिशाली बनाता है

शहद और दालचीनी के उपयोग से इम्युन सिस्टम ताकतवर बनता है। खून मे सफ़ेद कणों की वृद्धि होती है जो रोगाणु और वायरस के हमले से शरीर की सुरक्षा करते है। जीवाणु और वायरल बीमारियों से लडने की ताकत बढती है।

कैंसर - 

दालचीनी का प्रयोग कैंसर जैसे रोग पर नियंत्रण पाने में सक्षम है। वैज्ञानिकों ने अमाशय के कैंसर और हड्डी के बढ़ जाने की स्थति में दालचीनी और शहद को लाभदायक बताया है। एक माह तक गरम पानी में दालचीनी पाउडर और शहद का सेवन इसके लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ सके।

गठिया मे फायदा

गठिया एक गंभीर और बहुत ही कष्‍टदायक समस्‍या होती है। जिसके कारण रोगी के शरीर में लगभग सभी ज्‍वाइंटों में बेहद दर्द और सूजन रहती है। दालचीनी और शहद का सेवन गठिया का उपचार करने में आपकी मदद कर सकता है। इसके अलावा दालचीनी और शहद का लेप लगाना भी गठिया के लक्षणों को कम कर सकता है। आप इस पेस्‍ट का नियमित सेवन कर हड्डियों को स्‍वस्‍थ रख सकते हैं।
गठिया के दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए आप 1 गिलास गर्म पानी में थोड़ा सा दालचीनी पाउडर और 1 चम्‍मच शहद को घोलें और नियमित रूप से दिन में 2 बार सेवन करें। यह कुछ ही दिनों में आपको गठिया के लक्षणों से छुटकारा दिला सकता है।

हृदय रोग - 

हृदय को स्वस्थ बनाए रखने और हृदय रोगों पर नियंत्रण रखने में दालचीनी सहायक होती है, क्योंकि यह हृदय की धमनियों में कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकती है। प्रतिदिन शहद और दालचीनी का गर्म पानी के साथ सेवन करें। आप दालचीनी और शहद के मिश्रण को रोटी के साथ भी खा सकते हैं। इसके अलावा दालचीनी को चाय में डालकर भी ले सकते हैं। इसके प्रयोग से हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है।

मोटापा - 

मोटापे के लिए दालचीनी का सेवन एक रामबाण उपाय है। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल को कम करती है, जिससे मोटापा नहीं बढ़ता। इसके लिए दालचीनी की चाय बहुत फायदेमंद है।एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक गिलास जल में उबालकर आंच से उतार लें। इसके बाद उसमें दो बड़े चम्मच शहद मिलाकर सुबह नाश्ता करने से आधा घंटा पहले पिएं। रात को सोने से पहले भी इसका सेवन करना दुगुना फायदेमंद होता है, और अतिरिक्त चर्बी धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है।

दालचीनी और शहद का सेवन प्रजनन क्षमता बढ़ाए

वीर्य की गुणवत्‍ता और मात्रा को बढ़ाने के लिए शहद का उपयोग आयुर्वेद में प्राचीन समय से ही किया जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि शहद वीर्य को प्रबल बनाता है और बांझपन से संबंधित समस्याएं मिट जाती हैं। आयुर्वेद के अनुसार प्रतिदिन सोने से पहले 2 चम्‍मच शहद का सेवन करने से नपुंसकता के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। जबकि पूर्व के बहुत से देशों में जो महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती हैं उन्‍हें नियमित रूप से दालचीनी के सेवन की सलाह दी जाती है। चीन में महिलाएं अपने गर्भाशय को मजबूत बनाने के लिए दालचीनी पाउडर का सेवन करती हैं।
नियमित रूप से प्रतिदन दालचीनी और शहद का सेवन करने से पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम को भी ठीक किया जा सकता है। जिससे किसी महिला की अवधि चक्र को शुरु करने और प्रजनन क्षमता को बढ़ाने मदद मिलती है।
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18.11.21

अनचाहे मस्से से मुक्ति के उपाय:Warts and Mole




कई लोगों के चेहरे व शरीर के अन्य हिस्सों पर मस्से हो जाते हैं, जो खूबसूरती को कम कर देते हैं। अगर आप भी मस्सों की समस्या से परेशान से है तो घबराएं नहीं।मस्से वैसे तो कोई तकलीफ़ नहीं देते लेकिन खासकर चेहरे के मस्से रंग रूप को विकृत कर देते है। ये त्वचा पर उगते उभरते हैं और अवांछित प्रतीत होते हैं। मस्से गर्दन,हाथ,पीठ ,चिन,पैर आदि किसी भी जगह हो सकते हैं।
*मस्से पिगमेंट कोषिकाओं के समूह होते हैं। ये काले भूरे रंग के होते हैं। कुछ मस्से आनुवांशिक होते हैं लेकिन अधिक धूप में रहने से भी मस्से पनप सकते हैं। अधिकतर मस्से केंसर रहित होते हैं।
*मस्से का उपचार ऐसे करे सेब का सिरका मस्सों को जड़ से खत्म करने के लिए बेहद प्रभावकारी उपाय है। इसे प्रतिदिन कम से कम 3 बार मस्सों पर रुई की सहायता से लगाएं और ऊपर से रुई चिपका दें। कुछ ही दिनों में मस्से का रंग गहरा हो जाएगा और उसकी त्वचा सूखकर निकल जाएगी। अगर इसे लगाने के बाद आपको कोई परेशानी महसूस हो, तो आप ऐलोवेरा जैल लगा सकते हैं।
*त्वचा में मेलानिन (melanin) के ज्यादा होने के कारण तिल या मस्से विकसित हो जाते हैं. तिल और मस्से जन्मजात भी हो सकते हैं. हालांकि, यह अधिकतर मामलों में कोई नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, लेकिन फिर भी कुछ लोगों को अपने चेहरे या त्वचा पर तिल व मस्से अच्छे नहीं लगते हैं और वे उसे हटाना चाहते हैं. यहां आपको तिल और मस्से हटाने का इलाज मिलेगा, जिसके लिए आपको सिर्फ 1 लहसुन की जरूरत होगी.
तिल और मस्से हटाने का घरेलू उपायलहसुन की मदद से तिल हटाने का तरीका
*चेहरे पर मौजूद तिल व मस्से हटाने के लिए आपको सिर्फ 1 लहसुन लेना है. अब 4-5 लहसुन की कली को छिलकर छोटे टुकड़ों में काट लें. इसके बाद लहसुन के इन टुकड़ों को तिल व मस्से पर लगाकर बैंडएज (Bandage) लगा लें. इस बैंडज को 4-5 घंटे के लिए लगा रहने दें. उसके बाद बैंडज हटाकर साफ पानी से धो लें. मस्से व तिल हटाने के लिए इस तरीके को दिन में तीन बार अपनाएं.
*शरीर के लिए लहसुन काफी फायदेमंदहोता है. लहसुन का इस्तेमाल करने से त्वचा में मेलानिन का स्तर कम होता है और तिल व मस्से का रंग हल्का पड़ने लगता है और वह धीरे-धीरे दिखना बंद हो सकते हैं. तिल व मस्से को हटाने के लिए आप सिर्फ 1 लहसुन की मदद लेकर कई तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं.मस्सा हटाने के लिए 

लहसुन और सिरके का इस्तेमाल

तिल व मस्सा हटाने के लिए आप साधारण या सेब के सिरके में से किसी का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. सबसे पहले लहसुन की कुछ कलियों को पीसकर पेस्ट बना लें और उसमें सिरका मिला दें. अब लहसुन और सिरके के पेस्ट को तिल या मस्से पर लगाकर 30 मिनट बाद पानी से धो लें.
तिल और मस्से का इलाज: प्याज और लहसुन का उपयोग
*मस्से व तिल हटाने के लिए आप प्याज और लहसुन को अच्छी तरह पीसकर रस निकाल लें. इन दोनों के रस को मिलाकर कॉटन बॉल की मदद से तिल या मस्से पर 15 मिनट के लिए लगा रहने दें. इसके बाद चेहरे या त्वचा को साफ पानी से धो लें. आप दिन में दो बार इस उपाय को अपना सकते हैं.

अगरबत्ती

*तिल के साथ-साथ कुछ महिलाओं की बॉडी पर मस्से भी होने लगते हैं। कई बार तो शरीर के 1-2 हिस्से पर ही मस्से होते हैं, मगर कुछ लोगों के मस्से लगातार बढ़ते चले जाते हैं। ऐसे में इन्हें कुदरती तरीके से खत्म करने के लिए एक अगरबत्ती लें, उसे 1-2 सेकेंड तक जलाने के बाद, हाथ से बुझा लें। बुझाने के बाद इसे मस्से वाली जगह पर हल्के के छुआएं। ध्यान रखें, इस उपाय का इस्तेमाल घर के बड़े व्यक्ति की देख-रेख में ही करें। अगरबत्ती मस्से को छुहाते वक्त बस एक टच के बाद हटा लेनी है। ज्यादी देर तक आपको उसे छुहा कर नहीं रखना।

*तिल या मस्से से पीछा छुड़ाने के लिए आपको किसी पान वाले की दुकान से एक पान का पत्ता और थोड़ा सा चुना लेना होगा।इसी अनुसार पान के पत्ते की नोक पर चूना लेकर अपने तिल या मस्से वाली जगह पर लगाएं। और इसे तब तक लगा रहने दें, जब तक चूना सूख न जाए। और सूखने के पश्चात इसे हल्के गुनगुने पानी से धो लें। अब आप पाएंगे कि आपके चेहरे और त्वचा से तिल या मस्सा पूरी तरह से गायब हो जाएगा। और मस्सों के लिए भी आप इसे ऊपर बताई गई विधी अनुसार ही इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी सबसे अच्छी बात यह है कि यह कोई निशान भी नहीं छोड़ता बल्कि आपके चेहरे की त्वचा जैसी है बिल्कुल वैसे ही त्वचा तिल या मस्सा हटाने के बाद दिखाई देती है। इस बात का विशेष ध्यान रखें आप को चुना और कहीं से नहीं लेना है सिर्फ पान वाले की दुकान से चुना आपको लेना है जो पान लगाने के लिए इस्तेमाल होता है।
*बरगद के पेड़ के पत्तों का रस मस्सों के उपचार के लिए बहुत ही असरदार होता है। इस प्रयोग से त्वचा सौम्य हो जाती है और मस्से अपने आप गिर जाते हैं।
*अरंडी का तेल नियमित रूप से मस्सों पर लगायें। इससे मस्से नरम पड़ जायेंगे, और धीरे धीरे गायब हो जायेंगे। अरंडी के तेल के बदले कपूर के तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं।
*लहसून के एक टुकड़े को पीस लें, लेकिन बहुत महीन नहीं, और इस पीसे हुए लहसून को मस्से पर रखकर पट्टी से बांध लें। इससे भी मस्सों के उपचार में सहायता मिलती है।
*एक बूँद ताजे मौसमी का रस मस्से पर लगा दें, और इसे भी पट्टी से बांध लें। ऐसा दिन में लगभग 3 या 4 बार करें। ऐसा करने से मस्से गायब हो जायेंगे।
*बंगला, मलबारी, कपूरी, या नागरबेल के पत्ते के डंठल का रस मस्से पर लगाने से मस्से झड़ जाते हैं। अगर तब भी न झड़ें, तो पान में खाने का चूना मिलाकर घिसें। कैस्टर ऑयल और लहसुन
तिल व मस्से का घरेलू इलाज करने के लिए कुछ बूंद कैस्टर ऑयल और लहसुन की 2 से 3 कली चाहिए. लहसुन की कलियों को महीन पीसकर पेस्ट बना लें और फिर इसमें कैस्टर ऑयल मिला लें. इस पेस्ट को तिल व मस्से पर रात भर लगा रहने दें और अगली सुबह पानी से धो लें.
*मस्से पर आलू काटकर उसकी फ़ांक रगडनी चाहिये। कुछ रोज में मस्से झडने लगेगे।
* केले के छिलके का भीतरी हिस्सा मस्से पर रगडें। हितकारी उपचार है।४) प्याज का रस नियमित रूप से मस्से पर लगाते रहने से मस्से दूर होते हैं।
  *एक लहसुन की कली चाकू से काटकर उसे मस्से पर रगडें। धीरे-धीरे मस्से सूखकर झडने लगते हैं।
 खट्टे सेवफ़ल का रस मस्से पर दिन में तीन बार लगाने और ऊंगली से मालिश करने से मस्से समाप्त होते हैं।
*अम्लाकी को मस्सों पर तब तक मलते रहें जब तक मस्से उस रस को सोख न लें। या अम्लाकी के रस को मस्से पर मल कर पट्टी से बांध लें।
*कसीसादी तेल मस्सों पर रखकर पट्टी से बांध लें।मस्सों पर नियमित रूप से प्याज़ मलने से भी मस्से गायब हो जाते हैं।
*पपीता के क्षीर को मस्सों पर लगाने से भी मस्सों के गायब होने में मदद मिलती है।थूहर का दूध या कार्बोलिक एसिड सावधानीपूर्वक लगाने से मस्से निकल जाते हैं।
*शरीर में जितने भी मस्से हो उतनि ही काली मिर्च लेकर शनिवार को दिन में न्योत दे,फिर रविवार को सबेरे ही उन्हें कपडे में बांध कर राह में छोड़ दे ।इस टोटके से भी मस्से नष्ट हो जाते है ।
*मीठा सोडा अरंडी के तेल में मिलाकर पेस्ट जैसा बनाकर रोज रात को सोते वक्त मस्सों पर ऊंगली से लगाने और उस पर पट्टी बांधने और सुबह में पट्टी खोलने के अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।
*फ़ूल गोभी का रस लगाने से मस्से नष्ट हो जाते हैं।
*रात को सोते वक्त और सुबह के समय मस्सों पर शहद लगाने के लाभकारी परिणाम मिले हैं।
*मस्सों से जल्दी छुटकारा पाने के लिए आप ग्वापाठा (एलोवेरा) के जैल का भी प्रयोग कर सकते हैं। अगर आपके घर पर एलोवेरा है, तो उसका एक छोटा का टुकड़ा काटिये और ताजा जैल मस्से पर लगायें।
*लहसुन की कलियों का छिलका उतार कर काट लें और इसे मस्सों पर रगड़ें या फिर इसका पेस्ट बनाकर मस्सों पर लगाएं। ऐसा करने से भी कुछ ही दिनों में मस्से समाप्त हो जाएंगे। नींबू के रस में रुई भिगो कर मस्से पर लगाना भी लाभप्रद हो सकता है।
*सिरका को दिन में दो बार मस्सों पर लगाने से मस्सों की परेशानी दूर हो जाती है। इसको उपयोग करने के लिए चेहरे को अच्छी तरह धोएं और रूई को सिरके में भिगोकर मस्सों पर लगाएं। दस मिनट बाद गरम पानी से फेस को साफ कर लें ।
*अंजीर के इस्तेमाल से मस्से 3-4 हफ्ते में समाप्त हो जाते है। इसको इस्तेमाल करने के लिए ताजा अंजीर लें। इसे मसलकर इसकी कुछ मात्रा मस्से पर लगाएं और 20 से 30 मिनट तक लगा रहने दें फिर गुनगुने पानी से धो लें।
*आलू का रस लगाना या फिर आलू को काटकर मस्सों पर रगड़ना भी एक बढ़िया विकल्प है, अनचाहे मस्सों से निजात पाने का। आप चाहें तो आलू का रस रात भर मस्सों पर लगाकर भी रख सकते हैं।
*मस्सों से मुक्ति के लिए हरा धनिया एक कारगर उपाय है। इस उपाय को करने के लिए हरे धनिया को पीसकर उसका पेस्ट बना लें और इसे रोजाना मस्सों पर लगाएं।

बेकिंग सोडा 

बेकिंग सोडा का इस्तेमाल त्वचा की कई समस्याओं को समाप्त करने के लिए किया जाता है। मस्से समाप्त करने के लिए बेकिंग सोडा को अरंडी के तेल में मिलाकर पेस्ट तैयार करें और इसे मस्सों पर लगाएं। कुछ ही दिनों में फर्क नजर आएगा१०) विटामिन सी,विटामिन ए और विटामिन ई का नियमित सेवन करने से मस्सों से निजात मिल जाती है और स्वास्थ्य भी उन्नत हो जाता है।
 पोटेशियम युक्त सेव,केला,अंगूर,आलू,,पालक ,टमाटर का प्रचुर मात्रा में उपयोग करने से मस्से नष्ट होते हैं।



 थूहर का दूध या कार्बोलिक एसीड मस्सों पर लगाना कारगर चिक्त्सा मानी गई ह
नागरवेल के पान के डंठल का रस मस्से पर लगाना परम हितक्री उपचार है।
* ग्वार पाठा (एलोवेरा) से मस्से की चिकित्सा की जा सकती है। एलोवेरा के रस में रूई का फ़ाया (काटन बाल) एक मिनट के लिये भिगोएं फ़िर इसे मस्से पर रखें और चिपकने वाली पटी (एढीसिव टेप। से स्थिर कर दें। यह प्रक्रिया दिन में कई बार करना उचित है। ३-४ हफ़्ते में मस्से साफ़ हो जाएंगे।
 मस्से वाले भाग को पर्याप्त गरम पानी में डुबाकर रखने से मस्से मुलायम हो जाते हैं और मस्से के वायरस भी मर जाते हैं। पानी इतना गरम ना हो कि त्वचा जल जाए।
 *ताजा अंजीर लें। इसे कुचलकर -मसलकर इसकी कुछ मात्रा मस्से पर लगावें और ३० मिनिट तक लगा रहने दें फ़िर गरम पानी से धोलें। ३-४ हफ़्ते में मस्से समाप्त होंगे।
* होम्योपैथी में मस्से नष्ट करने की कई कारगर औषधियां हैं जो लक्षणों की समानता के आधार पर व्यवहार में लाई जाती हैं।
नीचे कुछ होम्योपैथिक दवाएं लिख रहा हूं जो मस्से के ईलाज में प्रयुक्त होती हैं :- थूजा 1m ,कास्टिकम 1m, कल्केरिया कार्ब 1m, डल्कामारा 1m, फ़ेरम पिक्रिकम 30, एसिड नाईट्रिक1m, नेट्रम कार्ब6, नेट्रम म्युरियेटिकम6, एन्टिमोनियम6, सीपिया 200

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ग्रीन टी के फ़ायदे :Green Tea Benefits




अगर आप लंबे समय तक यंग और फिट रहना चाहते हैं तो ग्रीन टी को अपने रूटीन का हिस्सा जरूर बनाएं। दिन में एक से दो प्याली ग्रीन टी पीने से कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर तो कंट्रोल में रहता ही है साथ ही मेटाबॉलिज्म भी दुरूस्त रहता है। ग्रीन टी में विटामिन, फाइबर, कैल्शियम, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल जैसे कई गुण होते हैं। लेकिन ग्रीन-टी में कुछ और भी चीजें मिलाकर पीएं तो इसका फायदा दोगुना हो जाता है।

शहद


ग्रीट टी का स्वाद और असर बढ़ाने के लिए उसमें शहद मिलाएं। क्योंकि शहद एंटी-ऑक्सीजेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल जैसे गुणों से भरा होता है। इसलिए इसे ग्रीन-टी में मिलाकर पिएं। इससे शरीर में मौजूद सारी गंदगी बाहर निकल जाती है जिससे स्किन पर ग्लो आता है।इम्यूनिटी बूस्ट होती है जिससे कई तरह की बीमारियां दूर रहती हैं।

नींबू

पेट, कमर और जांघ पर जमे फैट को कम करना है तो ग्रीन टी में नींबू मिलाकर पिएं। सिर्फ मोटापा ही नहीं ग्रीट टी औरनींबू का कॉम्बिनेशन सर्दी, खांसी, जैसे इंफेक्शन से भी दूर रखता है रोजाना इसके सेवन से डायबिटीज और ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।

दालचीनी

शहद, नींबू के अलावा ग्रीन-टी में दालचीनी मिलाकर पीना भी बेहद असरदार होता है। विटामिन, फाइबर, आयरन, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल से भरपूर दालचीनी सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद है। इससे डाइजेशन सुधरता है जिससे वजन कंट्रोल में रहता है। इसके अलावा ये इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है जिससे कई खतरनाक बीमारियों की संभावना कम हो जाती है।
 ग्रीन टी अनेक प्रकार से हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसके नियमित सेवन से वजन में कमी आती है, त्वचा संबंधी समस्याएं दूर होती हैं, बालों का झड़ना बंद हो जाता है और टॉक्सिन्स शरीर से बाहर हो जाते हैं। लेकिन इतने सारे फायदे होने के बावजूद ज्यादा मात्रा में ग्रीन टी पीना आपकी सेहत के लिए घातक भी हो सकता है। इससे उल्टी, दस्त, कब्ज, सिर दर्द, पेट दर्द, अनिद्रा आदि समस्याएं जन्म लेती हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक एक दिन में तकरीबन 300-400 मिग्रा ही ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए।
  ग्रीन टी मे कई स्वास्थ्यवर्धक गुण पाए जाते हैं। इसके नियमित सेवन से वज़न घटाने, त्वचा को सुंदर बनाने, तेज़ स्मरण शक्ति, पाचन और शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र मज़बूत बनाने में मदद मिलती है। यह दांतों की सड़न, ऑर्थराइटिस, किडनी के रोग, दिल के रोग और अनियमित रक्तचाप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन इसका अत्यधिक सेवन फ़ायदे की जगह नुक़सान का सबब बन सकता है।

अति’अच्छी नहीं-

 हालांकि, ग्रीन टी में ज्यादा मात्रा में कैफीन नहीं होता, फिर भी एक सीमा के बाद इसका सेवन अनिद्रा, चिंता, चिड़चिड़ापन और शरीर में आयरन की कमी के लिए ज़िम्मेदार हो सकता है। जानकारी के मुताबिक, दिन में 2-3 कप तक ही ग्रीन टी पीनी चाहिए। इससे ज्यादा पीने से उन लोगों को परेशानी हो सकती है, जो कैफीन की ज्यादा मात्रा के आदी नहीं होते हैं।

गर्भावस्था में करें नज़रअंदाज़-

 ग्रीन टी में मौजूद कैफीन व टॉनिक एसिड गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के लिए अच्छा नहीं
होता। गर्भवस्था के दौरान इसका सेवन न करें।

स्वास्थ्य के लिए लाभ

हृदय की सुरक्षा :- 

 ग्रीन टी में पाये जाने वाले एंटी – ऑक्सीडेंट ख़राब कोलेस्ट्रॉल को कम करने, अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने एवं ब्लडप्रेशर को कम करने में मदद करते हैं. और इस तरह से यह हृदय की सुरक्षा करने में मददगार होते हैं. ‘हार्वर्ड मेडिकल स्कूल’ के हेल्थ वॉच मैगज़ीन द्वारा किये गये एक अध्ययन में इसकी पुष्टि करते हुए यह कहा गया था.

मस्तिष्क की कार्यक्षमता में वृद्धि करती है :-

  ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा पर्याप्त होती हैं, जोकि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करती है. यह शरीर में एक उत्तेजक के रूप में कार्य करता है. यदि आप बहुत अधिक मात्रा में कैफीन लेते थे और आपको उसे छोड़ना है तो आप ग्रीन टी के माध्यम से धीरे – धीरे उसे छोड़ सकते हैं. मस्तिष्क को काम करने के विभिन्न पहलू जैसे मूड, प्रतिक्रिया और मेमोरी आदि में सुधार लाने के लिए ग्रीन टी बहुत मददगार होती है. ग्रीन टी में कैफीन के साथ ही साथ एमिनो एसिड एल – थीनिन भी होता है, जोकि विशेष रूप से मस्तिष्क के फंक्शन में सुधार करने में कुशल होता हैं.


 ग्रीन टी के लोकप्रिय होने का एक मुख्य कारण वजन घटाने की दिशा में इसका योगदान भी है. और ग्रीन टी इसमें कारगार साबित हुई है. यह शरीर के चयापचय को बढ़ाती है और कुछ हद तक फैट को बर्न करने का काम भी करती है. दरअसल ग्रीन टी में पाया जाने वाला पॉलीफेनॉल फैट को बर्न करने में मदद करता हैं. और जब आपके शरीर से अतिरिक्त फैट कम हो जाता है तो आपका वजन अपने आप ही कम होने लगता है. इसलिए यह वजन कम करने के लिये फायदेमंद हैं.

बैक्टीरियल इन्फेक्शन से सुरक्षा करती हैं :- 

 ग्रीन टी में कुछ ऐसे गुण होते हैं जोकि बैक्टीरिया और वायरस के कारण शरीर में होने वाले इन्फेक्शन से रक्षा करते हैं. ग्रीन टी में मौजूद बीटा – कैरोटीन श्वसन एवं पाचन तंत्र के रखरखाव में मदद करता है. और साथ ही विटामिन सी ठण्ड को रोकने और थकान को कम करने में मदद करता है.

  यह सच हैं कि यदि आप नियमित रूप से ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो यह आपको लंबे समय तक जीने में मदद करेगा. इसका कारण यह हैं कि यह आपको विभिन्न बीमारियों से बचाता है. एक कप ग्रीन टी आपके शरीर का कायाकल्प करती हैं, जिससे आप दिन की शुरुआत करने के लिए तरोताजा और सक्रीय महसूस करते हैं.

त्वचा के लिए लाभ

त्वचा में नई जान लाना :- 

 ग्रीन टी आपकी त्वचा में फिर से जान डालने एवं चमकदार बनाने में मदद कर सकती है. और उसे स्वस्थ बना सकती हैं. यह त्वचा से टोक्सिन को हटाने, सूजन को कम करने, और मुंहासों और निशान को ठीक करता है. यह त्वचा की इलास्टिसिटी को भी बेहतर बनाता है. इसके लिए आप 2 उपयोग किये हुए ग्रीन टी में 1-2 छोटी चम्मच शहद, एक छोटा नींबू आदि मिलाएं और इसे चेहरे पर लगायें. और 5 -10 मिनिट बाद गुनगुने पानी से धो लें. यह काफि असरदार होता है.

कैंसर की रोकथाम :-

  शोधकर्ताओं से यह पता चला है कि नियमित रूप से ग्रीन टी का सेवन करने से शरीर में कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद मिल सकती हैं. साथ ही अन्य कोशिकाओं के आसपास कोई भी हेल्थ टिश्यू से शरीर को होने वाले नुकसान से यह बचाती भी है. ग्रीन टी में पाए जाने वाले एंटी – ऑक्सीडेंट कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकते हुए उसके सामने एक सुरक्षात्मक बैरियर लगा देता है. जिससे कि यह विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे स्तन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर आदि से शरीर की रक्षा हो सके.

  ग्रीन टी में कैटेचिन कंपाउंड होता हैं जोकि मस्तिष्क की कोशिकाओं में न्यूरोंस पर कार्य करता है, और अल्जाइमर एवं पार्किन्सन रोगों के रिस्क को कम करने में मदद करता है, इस रोग से आमतौर पर बुजुर्ग महिलाएं एवं बुजुर्ग पुरुष पीड़ित होते हैं.

पफी आईज और डार्क सर्कल्स को कम करता है :- 

 एक शोध में यह पाया गया है कि ग्रीन टी में पाया जाने वाला विटामिन के पफी आईज और डार्क सर्कल्स को कम करता है. इसके लिए उपयोग किये हुए ग्रीन टी बैग्स को आधे घन्टे के लिए फ्रिज में रखें, फिर इसे अपनी आंखों को बंद करके उसके ऊपर रखें, और 15 मिनिट ऐसे ही रखें रहने दें, आप बहुत रिलेक्स महसूस करेंगे.
मुंहासों का इलाज एवं त्वचा के लिए टोनर :- इसी तरह उपयोग किये हुए ग्रीन टी बैग्स को पानी के साथ मिलाकर इसे कॉटन की सहायता से अपने चेहरे पर लगायें, यह मुंहासों और फुंसियों के ईलाज एवं एक त्वचा के टोनर के रूप में कार्य करता है.

बालों के लिए लाभ 

बालों के विकास को बढ़ाती है :- 

 ग्रीन टी में अधिक मात्रा में एंटी – ऑक्सीडेंट होते हैं, जो बालों के विकास को बढ़ाते हैं. इसमें मौजूद कैटेचिन में 5 अल्फ़ा – रिडक्टेज अवरोधक गुण होते हैं जो बालों के झड़ने के प्रमुख कारणों में से एक डीएचटी (डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन) को ब्लॉक करने में मदद करता है. यह नए बालों के विकास को बढ़ावा देने में भी मदद कर सकता है. ग्रीन टी आम बालों और स्कैल्प से सम्बंधित समस्याओं जैसे ड्राई स्कैल्प और रूसी को दूर रखने में भी उपयोगी है. इसके लिए आप अपने बालों को धोने के बाद ताज़ा ग्रीन टी में पानी मिलाकर बालों में इसका प्रयोग करें. और इसे 10 मिनिट ऐसे ही रखें और इसे फिर धो लें, ऐसा एक सप्ताह में 2 से 3 बार करें. इसके अलावा बालों को सुंदर बनाने के लिए 2 से 3 कप ग्रीन टी रोज पियें.

बालों को चमकदार बनाती है :- 

 अपने बालों को मजबूत और स्वस्थ बनाने के अलावा ग्रीन टी आपके स्कैल्प की चिकनाई से छुटकारा पाने में मदद कर सकती है, जिससे आपको चमकदार और सुंदर बाल प्राप्त होते हैं. साथ ही यह प्रदूषण और कठोर रसायन आधारित बालों में उपयोग होने वाले उत्पादों के नुकसान से भी बचाती है. ग्रीन टी में मौजूद पैंथेनॉल और विटामिन सी एवं ई के हाई लेवल आपके बालों को कंडीशन करते हैं. इसके लिए आप 4 कप गर्म पानी में 2 से 3 ग्रीन टी बैग्स डालें, दूसरी ओर अपने बालों को गीला करें. इसके बाद ग्रीन टी बैग्स को हटा कर उस घोल को अपने बालों में लगायें. फिर इसे 10 मिनिट रखने के बाद शैम्पू कर लें. इस तरह से आपके बाल चमकदार बनेंगे. यह आपके स्कैल्प के खुले हुए छिद्रों को भी सिकोड़ता भी हैं जिससे कि उसमें बेक्टेरिया का इन्फेक्शन नहीं हो पाता.
इस तरह से ग्रीन टी स्वास्थ्य लाभ के अलावा आपकी त्वचा एवं बालों को भी सुन्दरता प्रदान कर लाभ देती हैं. इसलिए यह बहुत ही उपयोगी व्यंजन हैं.

ग्रीन टी से होने वाले नुकसान एवं रिस्क 

 वयस्क लोगों के लिए ग्रीन टी का सेवन करने के लिए कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं हैं लेकिन फिर भी ग्रीन टी से होने वाले कुछ नुकसान या रिस्क का पता होना भी आवश्यक हैं तो आइये आपको इसके बारे में जानकारी देते हैं –

कैफीन सेंसिटिविटी :- 

 वे लोग जो अधिक मात्रा में ग्रीन टी का सेवन करते हैं उनके शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ जाती हैं जिससे वे लोग अनिद्रा, चिंता, चिड़चिड़ापन, उल्टी या पेट ख़राब, अनियमित दिल की धड़कन, आँख के रोग, ब्लीडिंग डिसऑर्डर और बार – बार पेशाब आना जैसी बीमारी जा अनुभव कर सकते हैं.

गर्भावस्था के दौरान ग्रीन टी पीने में रिस्क :- 

 गर्भावस्था के दौरान, ग्रीन टी का निरंतर सेवन करने से गर्भपात होने की आशंका बढ़ जाती हैं. इसलिए यदि एक या अधिकतम दो कप ग्रीन टी का सेवन यदि ऐसी महिलाएं करती हैं तो उनके लिए उचित होगा. लेकिन यदि वे गर्भावस्था के उन कुछ महीनों के लिए इससे बच सकती हैं तो इसका सेवन न ही करें तो बेहतर होगा. क्योंकि ग्रीन टी में मौजूद कैफीन की स्तन के दूध में फैलने की सम्भावना होती हैं, जिससे बच्चे पर भी इसका दुष्प्रभाव हो सकता है.

आयरन की कमी :-

ग्रीन टी का अधिक सेवन करने से एनीमिया और आयरन की कमी जैसी समस्या भी बढ़ सकती है.

कब न पिएं...

*बासी ग्रीन टी- लंबे समय तक ग्रीन टी रखे रहने से उसमें मौजूद विटामिन और उसके एटी-ऑक्सीडेंट गुण कम होने लगते हैं। इतना ही नहीं, एक सीमा के बाद इसमें बैक्टीरिया भी पलने
लगते हैं। इसलिए एक घंटे से पहले बनी ग्रीन टी क़तई न पिएं।

*खाली पेट नहीं-

सुबह ख़ाली पेट ग्रीन टी पीने से एसिडिटी की शिकायत हो सकती है। इसके बजाय सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुना सौंफ का पानी पीने की आदत डालें। इससे पाचन सुधरेगा और शरीर के अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकालने में मदद मिलेगी।

*भोजन के तुरंत बाद- 

जल्दी वज़न घटाने के इच्छुक भोजन के तुरंत बाद ग्रीन टी पीते है, जबकि इससे पाचन और पोषक तत्वों के अवशोषण की प्रक्रिया प्रभावित होती है।

*देर रात पीना

कैफीन के सेवन के बाद दिमाग़ सक्रिय होता है और नींद भाग जाती है। इसलिए देर रात या सोने से ठीक पहले ग्रीन टी का सेवन न करें।
दवाई के बाद नहीं- किसी भी तरह की दवा खाने के तुरंत बाद ग्रीन टी न पिएं।
उबालना नहीं है
*उबलते पानी में ग्रीन टी कभी ना डालें। इससे एसिडिटी की समस्या हो सकती है। पहले पानी उबाल लें, फिर आंच से उतारकर उसमें ग्रीन टी की पत्तियां या टी बैग डालकर ढंक दें। दो मिनट बाद इसे छान लें या टी बैग अलग करें

आँखों की सूजन कम करने के लिए-

 चाय पत्ती आंखों की सूजन और थकान उतारने के लिए परफेक्ट उपाय है। इसके लिए आपको मशक्कत करने की ज़रूरत नहीं, बस दो टी बैग्स लीजिए और हल्के गर्म पानी में गीला करके 15 मिनट के लिए आंखों पर रखिए। इससे आपकी आंखों में होने वाली जलन और सूजन कम हो जाती है। चाय में प्राकृतिक एस्ट्रिजेंट होता है, जो आपकी आंखों की सूजन को कम करता है। टी बैग लगाने से डार्क सर्कल भी खत्म होते हैं।

*मुहासे की समस्या को कम करना

चाय एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-ऑक्सीडेंट होने के कारण सूजन को कम करती है। चेहरे के मुहांसों को दूर करने के लिए ग्रीन टी परफेक्ट है। चेहरे से मुहांसे खत्म करने के लिए रात में सोने से पहले ग्रीन टी की पत्तियां चेहरे पर लगाएं। खुद को फिट रखने के लिए सुबह ग्रीन टी पिएं। इससे चेहरे पर प्राकृतिक चमक और सुंदरता बनी रहती है।

*त्वचा की सुरक्षा

ग्रीन टी त्वचा  के लिए बेहद ही फायदेमंद होती है। इससे आपकी स्किन टाइट रहती है। इसमें बुढ़ापा रोकने  के तत्व  भी होते हैं। ग्रीन टी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और एंटी-इन्फ्लामेंटरी एलिमेंट्स एक साथ होने की वजह से यह स्किन को प्रोटेक्ट करती है। ग्रीन टी से स्क्रब बनाने के लिए शकर , थोड़ा पानी और ग्रीन टी को अच्छे से मिलाएं। यह मिश्रण आपकी त्वचा  को पोषण करने के साथ-साथ मुलायम  बनाएगा और स्किन के हाइड्रेशन लेवल को भी बनाए रखेगा।

*बालों के लिए फायदेमंद

चाय बालों के लिए भी एक अच्छे कंडिशनर का काम करती है। यह बालों को नेचुरल तरीके से नरिश करती है। चाय पत्ती को उबाल कर ठंडा होने पर बालों में लगाएं। इसके अलावा, आप रोज़मेरी और सेज हरा (मेडिकल हर्बल) के साथ ब्लैक टी को उबालकर रात भर रखें और अगले दिन बालों में लगाएं। चाय बालों के लिए कुदरती कंडिशनर है।

*पैरों की दुर्गंध दूर करने के लिए

ग्रीन टी की महक स्ट्रॉन्ग और पावरफुल होती है। इसकी महक को आप पैरों की दुर्गंध दूर करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। यूज़ की हुई चाय पत्ती को पानी में डाल दें और उसमें पैरों को 20 मिनट के लिए डालकर रखें। इससे चाय आपके पैरों के पसीने को सोख लेती है और दुर्गंध को खत्म करती है।

* नव विवाहितों के लिए

ग्लोइंग स्किन, हेल्दी लाइफ के अलावा ग्रीन टी आपकी मैरिड लाइफ में भी महक बिखेरती है। ग्रीन टी में कैफीन, जिनसेंग (साउथ एशियन और अमेरिकी पौधा) और थियेनाइन (केमिकिल) होता है, जो आपके सेक्शुअल हार्मोन्स को बढ़ाता है। खासकर महिलाओं के लिए ये काफी सही है। इसलिए अगर आपको भी मैरिड लाइफ हैप्पी चाहिए तो रोज़ ग्रीन टी पिएं
ग्रीन-टी में अनेक एंटीआॉक्सीडंट पाए जाते हैं। जो हमारे स्वास्थ्य और अच्छी सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
*ग्रीन-टी प्रभावि रूप से रक्त में ख़राब कोलेस्ट्रॉल कम करती है । साथ ही खराब कोलस्ट्रॉल और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के अनुपात में सुधार करती है ।
*ग्रीन-टी के नियमित सेवन से हाई बीपी के खतरे को कम किया जा सकता है । एवं ग्रीन-टी का सेवन न करने वाले की अपेक्षा करने वाले 46% कम प्रभावित होते हैं।
* ग्रीन-टी में उपलब्ध एंटीआॉक्सीडंट से हमारी त्वचा में पाए जाने वाले हानिकारक कण कम हो जाते हैं । एवं त्वचा रोग होने की संभावना भी बहुत कम कर देता है।
*ग्रीन-टी में पॉलिफेनोल्स की मात्रा बहुत अधिक होती है जो कैंसर कोशिकाओं को मारने में मदद करती है और उन्हें बढ़ने से भी रोकती है ।
*ग्रीन-टी में पॉलिफेनोल्स की मात्रा अधिक होने से हड्डियों की मजबूती एवं शक्ती बनी रहती है। इसके नियमित सेवन से हड्डियों के फ्रेक्चर का जोखिम भी कम हो जाता है ।

ग्रीन टी पीने का सही समय 

सुबह 10 से 11 बजे के बीच
शाम को नाश्ते के बाद 5 से 6 बजे
रात को सोने से 2 घंटे पहले ग्रीन टी पी लेनी चाहिए
भोजन से 1 घंटा पहले या भोजन के 1 से 2 घंटे बाद पिएं
सुबह व्यायाम से लगभग 30 मिनट पहले
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16.11.21

वीर्य की मात्रा बढ़ाने और गाढ़ा करने के रामबाण उपचार:Virya badhana




 वीर्य (Semen) पुरुषत्व का प्रमुख सारतत्त्व माना गया है। संतानोत्पत्ति हेतु वीर्य आवश्यक तत्त्व है। कुसंगति, कुविचार तथा गलत आहार-विहार, अत्यधिक मैथुन के कारण वीर्य की कमी हो जाती है।
इस रोग में सबसे पहले वीर्य पतला होता है। उसके पश्चात धीरे-धीरे स्खलन की मात्रा में कमी आती जाती है। यदि सही समय पर उपयुक्त उपचार न किया जाए तो संभव है नपुंसकता हो जाए। रिसर्च में ये साबित हुआ है की वीर्य दो प्रकार का होता है एक तो गाढ़ा और सफ़ेद और दूसरा पतला पानी जैसा| रिसर्च में यह भी पाया गया है की   ज्यादातर पुरुष अपने वीर्य को गाढ़ा करना चाहते हैं क्योंकि उनके अनुसार गाढ़ा वीर्य मर्दाना ताकत और मर्दानगी का प्रतीक होता है| कुछ लोगों के अनुसार वीर्य का गाढ़ापन उनके पार्टनर को संतुष्ट करने के लिए जरुरी होता है| वहीँ कुछ पुरुष ऐसा भी सोचते हैं की पतला वीर्य होने पर उन्हें संतान प्राप्ति में दिक्कत होगी और गाढ़ा वीर्य उन्हें जल्दी संतान सुख प्रदान करेगा| इन्ही सब कारणों के कारण हर मर्द अपने वीर्य को गाढ़ा करना चाहता है|
 वीर्य की 1 ml मात्रा में करीब 2 करोड़ शुक्राणु पाए जाते हैं| आप अपनी शुक्राणु की संख्या spermcheck kit के द्वारा घर में ही जांच सकते हैं| इस kit को आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं| जैसे की हमने ऊपर बताया की गाढ़ा वीर्य मर्दानगी का प्रतीक माना जाता है खास कर तब जब आप बच्चे के लिए प्लान कर रहे हों| मोटापा, मानसिक तनाव, पोषण की कमी, tight अंडरवियर आदि कुछ कारन हैं जो की वीर्य के पतलेपन के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं| 

ज्यादा सख्लन से बचें

जरुरत से ज्यादा हस्तमैथुन करना या फिर सामान्य से अधिक संभोग में रूचि लेने से अकसर वीर्य पतले हो जाता है| इसलिए जरुरी है की आप इस ज्यादा सख्लन होने से बचें और हो सके तो हफ्ते में एक या दो बार ही संभोग करें| यह सच है की सख्लन आपको मानसिक तनाव से मुक्त रखता है लेकिन वीर्य को गाढ़ा करने के लिए जरुरी है की आप अपने ऊपर थोडा सयम रखें|

अपना लाइफस्टाइल बदलो


ख़राब लाइफस्टाइल और नशा जैसे तंबाकू, धुम्रपान, शराब का सेवन ला प्रभाव निश्चित रूप से आपकी वीर्य की सेहत पर पड़ता है और वीर्य पानी जैसा पतला हो जाता है| इसलिए यह जरुरी हो जाता है की आप बुरी आदतों से दूर रहे और अच्छी लाइफस्टाइल आदतें जैसे अच्छा पोषण युक्त खान पान, नियमित exercise और अच्छी नींद लें| अच्छी आदतों से आपकी जनन क्षमता भी अच्छी होगी और वीर्य की सेहत में भी सुधार होगा|

अश्विनी मुद्रा का अभ्यास कीजिये

अश्विनी मुद्रा को इंग्लिश में kegel exercise के नाम से भी जाना जाता है| यह मर्दों के लिए काफी अच्छी मुद्रा मानी जाती है| यह लिंग की नसों में कमजोरी, शीघ्रपतन, वीर्य सम्बन्धी समस्याएँ और स्तम्भन दोष आदि को सही करने में काफी लाभप्रद मानी जाती है| इस exercise में आपको अपनी गुदा की muscles को अन्दर की और कुछ सेकंड्स खीच कर रखना होता है और फिर यह क्रिया एक बार में 10 बार करनी होती है| *अपने आहार में फोलिक एसिड सप्लीमेंट लें: फोलिक एसिड (विटामिन B9) वीर्य की मात्रा बढ़ाने में मददगार साबित होता है। 400 ग्राम फोलिक एसिड हरी सब्जियां, फलियां, अनाज और नारंगी के रस में पाया जाता है।*विटामिन C और एंटीअॅक्सीडेंट से भरपूर भोजन खाएँ: ये पोषक तत्व आपकी वीर्य से संबंधित बीमारी को कम करेगा और वीर्य के जीवनकाल को भी बढ़ाएगा। भोजनोपरान्त एक नारंगी खाएँ! एक 8 आउन्स (230 ml) ग्लास नारंगी के जूस में 124 ml विटामिन C होता है जो एक दिन के लिए काफी है।
 जेहरीले वातावरण से करें बचाव जेहरीले वातावरण और pollution का प्रभाव आपकी जनन क्षमता को कम करता है| यदि आप किसी high रिस्क इंडस्ट्री में काम करते हैं to दस्तानों और मुँह पर मास्क पहनकर अपने ऊपर होने वाले जेहरीले तत्वों के प्रभाव से बचाव करें| इसी प्रकार डिटर्जेंट और chemicals से काम करते समय अपने हाथों पर रबर के दस्ताने पहने|

विटामिन D और कैल्शियम के प्रतिदिन सेवन को बढ़ाएँ:

आप दोनों को सप्लीमेंट के तौर पर भी ले सकते हैं या फिर कुछ समय धूप में व्यतीत करके विटामिन D की संश्लेषण कर सकते हैं। दही, स्लिम दूध, सैल्मन अधिक मात्रा में सेवन करके से आप कैल्शियम और विटामिन D की जरूरत को पूरा कर सकते हैं। अगर आप ज्यादा समय धूप में व्यतीत करते हैं तो अपने शरीर पर सनस्क्रीन लगाना नहीं भूलें ताकि सूर्य की हानिकारक किरणों से प्रभाव कम हो।
वीर्य को गाढ़ा करने वाली herbs यानि जड़ी बूटियाँ हो सकता है जिन herbs के बारे में हम यहाँ बताने वाले हैं वो भारत में ना मिलती हों लेकिन इन्हें आप आसानी से ऑनलाइन आर्डर करके मंगवा सकते हैं| यहाँ कुछ ऐसी जड़ी बूटियाँ हम बताने जा रहे हैं जो की पुरुष की समस्त समस्याएं दूर कर सकती हैं और आपके वीर्य को गाढ़ा बना सकती हैं|

वीर्य बढ़ाने के लिए मुनक्का का सेवन करें

 वीर्य (Semen) की कमी होने पर आवश्यकतानुसार मुनक्का धोकर पानी में भिगो दें। कुछ समय उसे पानी में ही रहने दें। जब मुनक्का फूल जाए तो उसे दूध में उबालकर पीने से वीर्यवर्धन होता है।
इसका सबसे अच्छा तरीका यह होगा कि आप शाम को कम से कम 10 मुनक्के भिगो दें और सुबह उसे इस्तेमाल करें | यदि किसी वजह से दूध उपलब्ध न हो हो केवल मुनक्का भी खाया जा सकता है, लेकिन दूध के साथ लेने पर जल्दी फायदा होता है |

पिस्ता का सेवन वीर्य को बढाता है

पिस्ते में विटामिन-ई पाया जाता है, जो वीर्यवर्धन में सहायक है। इसलिए यदि आपको वीर्य की कमी की शिकायत है तो आप पिस्ते का सेवन अवश्य करें | आप दिन तीन बार 20 – 20 पिस्ते ले सकते हैं |

वीर्य बढ़ाने के लिए तरबूज खायें

तरबूज के सेवन से वीर्य वृद्धि होती है। इसलिए आप तरबूज का सेवन इसके सीजन में अवश्य करें | हालाकि आजकल तरबूज तो सभी सीजन में पाया जाने लगा है लेकिन ग्रामीण इलाको में हो सकता है यह सीजन के अलाव उपलब्ध न हो |

आंवला का सेवन रामबाण है

आंवले के तीन-चार चम्मच ताजा रस में दो चम्मच शहद मिलाकर पीने तथा इसके पश्चात गर्म दूध पीने से वीर्य वृद्धि होती है तथा संभोगशक्ति भी बढ़ती है। आंवला तो वैसे भी अमृत के समान है, इसलिए आप आंवला का सेवन किसी न किसी रूप में अवश्य करे | आंवला यदि ताजा मिले तो सबसे अच्छा होता है, इसलिए जब इसका सीजन हो तो आंवले को खाने से साथ लें, चटनी बनाएं, पकाकर खायें, हलवा बनाकर खांयें |

नाशपाती खाना लाभप्रद है

प्रात: नित्य एक नाशपाती खाने से शुक्रवर्धन होता है, इसलिए आप कोशिश करें कि एक नाशपाती रोजाना खाए | कुछ ही दिनों में आपको लाभ दिखाए देगा |

आम खाए


आम के रस को दूध में मिलाकर पीने से वीर्य वृद्धि होती है। आम के सीजन में आप सीधे आम ले सकते है लेकिन जब सीजन न हो तो आम से बने उत्पाद आप ले सकते हैं जिससे किसी न किसी रूप में आम आपके शरीर में जाएगा |

नारियल

नियमित सूखे नारियल के सेवन से वीर्य गाढ़ा होता है, इसलिए आप नारियल का सेवन करे और लाभ पायें |

गोखरू

यह भारत में भी आसानी से मिल जाती है| इसमें पाए जाने वाले गुण आपके वीर्य को गाढ़ा करने में मदद करते हैं| इतना ही नहीं यह हर्ब वीर्य में शुक्राणु बढाती है, शुक्राणुओं की गतिशीलता बढाती है और शुक्राणु के जीवन को भी बढाती है| यह सभी बातें तब जरुरी होती हैं जब आपको संतान प्राप्ति में दिक्कत आ रही हो|

एलिसीन (Allicin) का सेवन करें:

यह लहसुन में पाया जाता है, एलिसीन एक ओरगानोसल्फर यौगिक है जो वीर्य की मात्रा को यौन अंग में खून के संचार के अनुकूल बनाता है, जिससे स्वस्थ वीर्य की मात्रा बढती है। कुछ नए और दिलचस्प लहसुन युक्त खाना खाएँ या फिर लौंग और लहसुन की चाय बनाकर सुबह पी लें। वीर्य को स्वस्थ बनाने वाले इन भोजनों का सेवन करें: अगर वीर्य को आँखों से चमकते हुए देखना चाहते हैं, तो अपने खानपान में इन चीजों का प्रयोग करें। Goji berries (एंटीॅआक्सीडेंट) जिनसेंग (Ginseng), अश्वगंधा पम्पकिन सीड्स (omega-3 fatty acids) अखरोट (omega-3 fatty acids) एस्परगस (विटामिन C) केला (विटामिन C)

ढीले कपडे पहनें:


ऐसे कपडे पहने जिनसे आपके अंडकोश (testicles) पर दबाब न पड़े। गर्मी अंडकोश के लिए हानिकारक होती है, इसलिए ढीले वस्त्र जिसमें हवा का प्रवेश हो पहनें। अंडकोश का शरीर से बाहर होने का एकमात्र कारण यही है, ताकि उनमें ठंडक बनी रहे

अपने वज़न की जांच करें:

ज्यादा या कम वजन हार्मोन प्रक्रिया के संचालन में प्रभाव डालता है। एस्ट्रोजन (estrogen) की ज्यादा मात्रा या टेस्टोश्टेरोन (testosterone) की कमी वीर्य की मात्रा में गलत प्रभाव डाल सकता है। जिम ज्वाइन करें, और खुद को प्रोत्साहित करने के लिए नए और दिलचस्प तरीके ढ़ूढें ताकि, अपने वज़न कम करने की लक्ष्य को आप पूरा कर पाएँ।

तनाव दूर करें:

तनाव जानलेवा होता है। हालांकि, आप इसे कुछ समय के लिए संभाल लेंगे, मगर आपका वीर्य इतना मजबूत नहीं होता। तनाव वीर्य उत्पन्न करने वाले हार्मोन को कम कर देता है

गर्म टब से बाहर निकलें:

यह सुखद तो होता है, लेकिन जब आप मनमोहक क्रिया में खोए होते हैं, आपके अंडकोश गर्मी से तप जाते हैं। टब में विश्राम को किसी और समय के लिए छोड़ दें।

साइकिल से उतर जाएं:

साइकिल की सीटें वीर्य को कम करने के लिए प्रख्यात है, अगर कुछ पल के लिए आप सोचेंगे तो आपको महसूस होगा कि क्यों! दबाव, धक्का और उछाल- वीर्य को इनमें से कुछ भी पसंद नहीं है । जब ज्यादा वीर्य उत्पन्न करने की इच्छा हो तो कार या बस का प्रयोग करें।

वीर्य गाढ़ा करने का घरेलु नुस्खा.


वीर्य ही शारीर का सार है, एक योगी को सबसे ज्यादा दुःख अपने वीर्यपात होने पर ही होता है, मगर आज कल के युवा और आधुनिक डॉक्टर इसकी उतना नहीं आंकते, अत्यधिक मैथुन से या अश्लील सिनेमा और साहित्य से वीर्यपात कर चुके युवा जिनका वीर्य पानी कि भाँती हो चूका है, उनका जीवन नरक के समान है. वीर्य ही जीवन है, यही व्यक्ति कि आभा है, ये नहीं तो कुछ नहीं. वीर्य को गाढ़ा और शक्तिशाली करने के लिए सफ़ेद प्याज और अजवायन का ये प्रयोग बहुत लाभदायक है. आइये जाने.

वीर्य गाढ़ा करने के लिए सफ़ेद प्याज और अजवायन का प्रयोग.

एक किलो सफ़ेद प्याज का रस निकाल कर रख लीजिये, अभी इसमें 100 ग्राम अजवायन को 12 घंटे तक सफेद प्याज के रस में भिगोकर रख लीजिये, रस इतना ही डाले के अजवायन इसको सोख ले, सुबह जब सारा रस अजवायन सोख ले तो इसको छाया में सुखा लें। सूखने के बाद उसे फिर से इसी प्रक्कर प्याज के रस में गीला करके सुखा लें। इस तरह से तीन बार करें। उसके बाद इसे कूटकर किसी बोतल में भरकर रख लें। आधा चम्मच इस चूर्ण को एक चम्मच पिसी हुई मिश्री के साथ मिलाकर खा जाएं। फिर ऊपर से हल्का गर्म दूध पी लें। करीब-करीब एक महीने तक इस मिश्रण का उपयोग करें। इस दौरान संभोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। यह सेक्स क्षमता को बढ़ाने वाला सबसे अच्छा उपाय है।

सफ़ेद मूसली पुरुष रोगों में रामबाण औषिधि.

वियाग्रा और जिन्सेंग से कहीं बढ़कर है भारतीय सफ़ेद मूसली. आयुर्वेद में सदियों से ही इसका उपयोग कमजोरी से ग्रस्त रोगियों के लिए किया जाता रहा है. मुसली के पौधे की जड़ मूसल के समान होती और इसका रंग सफ़ेद होता है इसलिए इसे मुस्ली या मूसली कहा जाता है। वीर्य गाढ़ा करने के लिए सफ़ेद प्याज और अजवायन. वीर्य गाढ़ा करने का घरेलु नुस्खा. वीर्य ही शारीर का सार है,
 वीर्य ही शरीर की सप्त धातुओं का राजा माना जाता है और ये सप्त धातुयें भोजन से प्राप्त होती हैं | इसमे सातवी धातु ही पुरुष में वीर्य बनती है | 100 बूंद खून से एक बूंद वीर्य बनता है | एक महीने में लगभग 1 लीटर खून बनता है जिससे 25 ग्राम वीर्य बनता है और गर्भाधान के लिए 60 से 70 करोड़ जीवित शुक्राणुओं का होना जरूरी होता है | इसलिए संभोग हफ्ते में एक बार ही करना चाहिए क्योंकि एक बार के संभोग के दौरान 10 ग्राम वीर्य निकल जाता है |
 वीर्य में जीवित शुक्राणुओं की कमी से महिलाओं को गर्भवती भी बनाया नहीं जा सकता | वीर्य परीक्षण में वीर्य गर्भाधान के लिए 7.8 पी.एच से 8.2 पी. एच ही सही माना गया है | वीर्य में दो प्रकार के शुक्राणु होते हैं एक्स और वाई | एक्स शुक्राणुओं से पुत्री पैदा होती है और वाई शुक्राणुओं से पुत्र पैदा होता है | एक शुक्राणु की लम्बाई लगभग 1/500 इंच होती है
 कभी-कभी वीर्य पतला होने के कारण गर्भ नहीं ठहरा पाता ऐसा तब होता है जब कोई ज्यादा मैथुन करके वीर्य को नष्ट कर देता है या अन्य दूसरी किसी बीमारी से ग्रस्त होकर जैसे:- प्रमेह, सुजाक, मूत्रघात, मूत्रकृच्छ और स्वप्नदोष आदि |

वीर्य के दोष को दूर करने का घरेलू उपाय


ब्राह्मी:

ब्राह्मी, शंखपुष्पी, खरैटी, ब्रह्मदण्डी और कालीमिर्च को पीसकर खाने से वीर्य शुद्ध होता है 

बबूल:


बबूल की कच्ची फली को सुखाकर मिश्री में मिलाकर खाने से वीर्य की कमी व रोग दूर होते हैं | 10 ग्राम बबूल की कोंपलों को 10 ग्राम मिश्री के साथ पीसकर पानी के साथ लेने से वीर्य-रोगों में लाभ होता है | हरी कोंपले न हों तो 30 ग्राम सूखी कोंपलों का सेवन कर सकते हैं |
बबूल की फलियों को छाया में सुखा लें और बराबर की मात्रा मे मिश्री मिलाकर पीसकर रख लें | एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित रूप से जल के साथ सेवन से करने से वीर्य गाढ़ा होगा और सभी विकार दूर हो जाएंगे 
बबूल की गोंद को घी में तलकर उसका पाक बनाकर खाने से पुरुषों का वीर्य बढ़ता है और प्रसूत काल स्त्रियों को खिलाने से उनकी शक्ति भी बढ़ती है |
बबूल का पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) लेकर पीस लें, और आधी मात्रा में मिश्री मिलाकर एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम नियमित सेवन करने से कुछ ही समय में लाभ मिलता है |
बबूल की कच्ची फलियों के रस में 1 मीटर लंबे और 1 मीटर चौडे़ कपड़े को भिगोकर सुखा लेते हैं | एक बार सूख जाने पर उसे पुन: भिगोकर सुखाते है |इसी प्रकार इस प्रक्रिया को 14 बार करते हैं | इसके बाद उस कपड़े को 14 भागों में बांट लेते है, और प्रतिदिन एक टुकड़े को 250 मिलीलीटर दूध में उबालकर पीने से धातु की पुष्टि हो जाती है |

शतावर:

शतावर रस या आंवला रस अथवा गोखरू काढ़ा शहद में मिलाकर पीने से वीर्य शुद्ध होता है | शतावर, सफेद मूसली, असगन्ध, कौंच के बीज, गोखरू और आंवला ये सभी बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें तीन-तीन ग्राम चूर्ण सुबह-शाम खाने से धातु (वीर्य) में वृद्धि होती है |

धनिया:

धनिया, पोस्त के बीज के साथ मिश्री मिलाकर खाना लाभदायक होता है |

तालमखाना:

तालमखाना मे मिश्री मिलाकर खाने से वीर्य शुद्ध यानी साफ हो जाता है |

चोबचीनी:

चोबचीनी, सोठ, मोचरस, दोनों मूसली, काली मिर्च, वायविडंग और सौंफ सबको बराबर भाग में लेकर चूर्ण बनायें | बाद में 10 ग्राम की मात्रा में रोज खाकर ऊपर से मिश्री मिला दूध पी लें इससे वीर्य साफ होता है 

नींद और व्‍यायाम –

पूरी नींद और नियमित व्‍यायाम का सीधा संबंध आपकी यौन क्षमता से होता है। अध्‍ययनों से पता चलता है कि नियमित व्‍यायाम और आवश्‍यक आराम पुरुषों के शरीर में शुक्राणुकोशिकाओं की वृद्धि में सहायक होता है। इसलिए वीर्य की कमी को दूर करने के लिए सभी पुरुषों को उचित आराम और नियमित व्‍यायाम को अपने दैनिक जीवन का हिस्‍सा बनाना चाहिए।

मादक पदार्थों से परहेज –

वीर्य की गुणवत्ता और संख्‍या में कमी आने का प्रमुख कारण अधिक मात्रा में नशीले पदार्थों का सेवन हो सकता है। इसलिए जहां तक संभव हो मदिरा, धूम्रपान और अन्‍य मादक पदार्थों का सेवन करने से बचें या इन्‍हें बहुत ही कम मात्रा में उपयोग करें।

विटामिन डी और कैल्शियम की उचित मात्रा –

पुरुषों में वीर्य की संख्‍या बढ़ाने में विटामिन डी और कैल्शियम की अहम भूमिका होती है। विटामिन डी और कैल्शियम स्‍वस्‍थ वीर्य के उत्‍पादन को बढ़ाने में सहायक होता है।
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