सीताफल के बीजों को बकरी के दूध के साथ पीसकर लगाने से सिर के उड़े हुए बाल भी फिर से उग आते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए
आज के खानपान की वजह से बहुत से लोगों मेंं तनाव और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो गई है. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बहुत ही गंभीर समस्या है इसकी वजह से हृदयघात जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है. सीताफल मेंं मैग्नीशियम और पोटेशियम की मात्रा ज्यादा होती है जो कि हमारे दिल को स्वस्थ बनाए रखने और इसके अलावा हमारे प्रणाली को स्वस्थ रखने मेंं मदद करती है.
कच्चा सीताफल खाने से अतिसार और पेचिश में फायदा मिलता है। कच्चे सीताफल को काटकर सुखा दें और पीसकर रोगी को खिलाएं। इसके कुछ दिन के सेवन से ही डायरिया बिलकुल सही हो जाएगा।
सीताफल एक बड़ा ही स्वादिष्ट फल है जिसकी खूबियों के बारे में आयुर्वेद में भी बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि सीता ने वनवास के समय श्रीराम को यह भेंट स्वरूव दिया था। तभी से इस फल का नाम सीताफल पड़ा।
सीताफल सिर्फ फल नहीं, बल्कि एक दवा भी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि जो लोग शरीर से दुबले पतले होते हैं उन्हें सीताफल का सेवन जरूर करना चाहिए। सीताफल खाने से शरीर की दुर्बलता तो दूर होती ही है साथ ही पुरुषत्व को बढ़ाने में भी यह रामबाण की तरह काम करता है।
मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए-
सीताफल खाने से शरीर की दुर्बलता, थकान दूर होकर मांस-पेशियां मजबूत होती है।
*आयुर्वेद के अनुसार सीताफल शरीर को शीतलता पहुंचाता है। कफ एवं वीर्यवर्धक, फल पित्तशामक, उल्टी रोकने वाला, पौष्टिक, तृप्तिकर्ता, तृषाशामक,, वात दोष शामक ,मांस एवं रक्त वर्धक ओर हृदय के लिए लाभदायी है।
दुर्बलता को दूर करने के लिए -
सीताफल दवा का काम भी करता है। इस फल को खाने से दुर्बलता दूर हो जाती है और यह पुरुषत्व को बढ़ाने में रामबाण है
दिल के लिए
सीताफल मेंं मैग्नीशियम की मात्रा अच्छी आती है जिसकी वजह से यह हमारे हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करने और तंत्रिका तंत्र को रिलैक्स करने मेंं मदद करता है. जिसकी वजह से दिल के रोगों की संभावनाओं को कम किया जा सकता है. इसके अलावा इसमेंं विटामिन B3, विटामिन B6 और इस तरह के कई अलग-अलग पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कि हमारे शरीर मेंं एमिनो एसिड के स्तर को ठीक रखने मेंं मदद करते हैं.
हड्डियों को मजबूत करने के लिए
सीताफल में कैल्शियम और मैग्नीशियम की मात्रा अच्छी पाई जाती है जिसकी वजह से हमारे हड्डियों के विकास के लिए बहुत ही फायदेमंद है. अगर सीताफल का नियमित सेवन किया जाए तो हड्डियों से जुड़ी बीमारियों को दूर किया जा सकता है.
खून की कमी को पूरा करता है
जिन लोगों को एनीमिया या खून की कमी जैसी समस्या है उनको सीताफल का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. क्योंकि यह बीमारी शरीर मेंं आयरन की वजह से होती है और सीताफल का इस्तेमाल करने से हमारे शरीर मेंं आयरन की मात्रा सही हो जाती है और हमेंं एनीमिया जैसे लक्षणों से छुटकारा मिल जाता है.
पाचन में लाभदायक
सीताफल मेंं फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है जिसकी वजह से यह हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करने मेंं हेल्प करता है. इसके साथ साथ ही यह हमारे शरीर मेंं कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता की भी पूर्ति करता है.
हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए
आज के खानपान की वजह से बहुत से लोगों मेंं तनाव और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो गई है. हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बहुत ही गंभीर समस्या है इसकी वजह से हृदयघात जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है. सीताफल मेंं मैग्नीशियम और पोटेशियम की मात्रा ज्यादा होती है जो कि हमारे दिल को स्वस्थ बनाए रखने और इसके अलावा हमारे प्रणाली को स्वस्थ रखने मेंं मदद करती है
सीताफल एक मीठा फल है जिसमें कैलोरी काफी मात्रा में होती है। यह फल आसानी से पचने वाला होने समेत पाचक और अल्सर तथा एसिडटी में लाभकारी है।
कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए
हमारे शरीर मेंं कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अगर सही है तो यह हमारे शरीर के लिए अच्छा होता है लेकिन अगर अधिक मात्रा मेंं कोलेस्ट्रोल हमारे शरीर मेंं हो तो यह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है और हमेंं कुछ गंभीर बीमारियां हो सकती है. सीताफल मेंं नियासिन सही मात्रा मेंं होता है जो कि हमारे अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने मेंं मदद करता है.
सीताफल के पत्तों को पीस कर फोड़ों पर लगाने से वो ठीक हो जाते हैं।
सिर को जुओं से मुक्त करने के लिए सीताफल-
सीताफल के बीजों को बारीक पीस कर रात को सिर में लगा लें और किसी मोटे कपड़े से सिर को अच्छी तरह बांध कर सो जाएं। इससे जुएं मर जाती हैं।