मित्रों घरेलू आयुर्वेद से रोगों की चिकित्सा के विडिओ की शृंखला मे आज का विषय है " यौन शक्ति बढ़ाने वाली गोरख मुंडी के और भी हैं कई चमत्कारी फायदे "
गोरखमुंडी एक सुगंधित जड़ी बूटी है जो पूरे भारत में पाई जाती है, लेकिन दक्षिणी भारत में यह प्रचुर मात्रा में पाई जाती है.
सर्दी-खांसी के लिए रामबाण उपाय
सर्दी, खांसी, जुकाम की समस्या के लिए गोरखमुंडी कारगर है. इसके लिए गोरखमुंडी के गोल फूल को अदरक, तुलसी, काली मिर्च को पानी में उबालकर दिन में दो बार सेवन करने से सर्दी-खांसी की समस्या दूर होती है. शरीर को आराम मिलता है.
इस पौधे के पूरे हिस्से जैसे जड़, फूल और पत्तियां कई रोगों के इलाज के लिए फायदेमंद होते हैं
गोरखमुंडी के स्वास्थ्य लाभ बताते हैं -
सर्दी-खांसी के लिए रामबाण उपाय
सर्दी, खांसी, जुकाम की समस्या के लिए गोरखमुंडी कारगर है. इसके लिए गोरखमुंडी के गोल फूल को अदरक, तुलसी, काली मिर्च को पानी में उबालकर दिन में दो बार सेवन करने से सर्दी-खांसी की समस्या दूर होती है. शरीर को आराम मिलता है.
सेक्सुअल क्षमता बढ़ाने के लिए
गोरख मुंडी के पौधों को छांव में सुखाकर बारीक पीस लें. अब इसमें मिश्री को पीसकर मिला लें. प्रतिदिन सुबह शाम एक छोटा चम्मच पाउडर को दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से कामेन्द्रिय की क्षमता बढ़ती है. इसके अलावा गोरखमुंडी के बीजों को सुखाकर पीस लें इसमें समान मात्रा में पीसा हुआ शक्कर मिलाकर प्रतिदिन दो से तीन ग्राम पानी के साथ पीएं. इससे सेक्सुअल स्टैमिना बढ़ता है. गोरख मुंडी का सेवन शहद, दूध मट्ठे के साथ किया जा सकता है।
गोरख मुंडी का प्रयोग बवासीर में भी बहुत लाभदायक माना गया है। गोरख मुंडी की जड़ की छाल निकालकर उसे सुखाकर चूर्ण बनाकर हर रोज एक चम्मच चूर्ण लेकर ऊपर से मट्ठे का सेवन किया जाये तो बवासीर पूरी तरह समाप्त हो जाती है।
गोरखमुंडी में मौजूद विशेष तत्व हार्टबीट को मजबूत करने और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं. गोरखमुंडी को पूरी तरह संपूर्ण पंचांग के रूप में जड़, फूल, तना को उबालकर काढ़ा बनाकर सेवन करने से हृदय से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं.
किडनी के लाभकारी
गोरखमुंडी किडनी से जुड़ी बीमारी को दूर करने में सहायक है. इसमें शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने के खास गुण होते हैं. नियमित तौर पर दो कप पानी में गोरखमुंडी के जड़ और फूल को अच्छी तरह पानी में गर्म करना चाहिए. आधा कप बच जाने पर उसे छान कर सेवन करने से किडनी से जुड़ी बीमारी दूर होती है.
कुष्ठ रोग दूर करे
कुष्ठ रोग होने पर गोरख मुंडी का चूर्ण और नीम की छाल मिलाकर काढ़ा तैयार कीजिए, सुबह-शाम इस काढ़े का सेवन करने से कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है।
आंतों के कीड़े खत्म करने में
आंतों के कीड़ों को खत्म करने और बाहर निकालने में यह जड़ी-बूटी बड़े काम की साबित हो सकती है. यह पेट के कीड़ों को निकालने में भी मदद करती है. गोरखमुंडी की जड़ का पाउडर बनाकर दिन में एक बार आधा चम्मच सेवन करें.
पाइल्स के इलाज में
गोरखमुंडी का तना और जड़ लेकर इसे सुखा लें और इसका पाउडर बना लें. हर दिन मट्ठे के साथ एक चम्मच चूर्ण का सेवन करने से पाइल्स यानी बवासीर पूरी तरह समाप्त हो जाता है.
शुगर लेवल नियंत्रित करने में मददगार
गोरखमुंडी शुगर लेवल को कम करने में काफी प्रभावी माना जाता है. इसकी जड़ का चूर्ण बनाकर गर्म पानी के साथ पीने से शुगर लेवल बैलेंस रहेगा. शुगर नहीं बढ़ेगी.
गोरख मुंडी के पौधों को छांव में सुखाकर बारीक पीस लें. अब इसमें मिश्री को पीसकर मिला लें. प्रतिदिन सुबह शाम एक छोटा चम्मच पाउडर को दूध के साथ मिलाकर सेवन करने से कामेन्द्रिय की क्षमता बढ़ती है. इसके अलावा गोरखमुंडी के बीजों को सुखाकर पीस लें इसमें समान मात्रा में पीसा हुआ शक्कर मिलाकर प्रतिदिन दो से तीन ग्राम पानी के साथ पीएं. इससे सेक्सुअल स्टैमिना बढ़ता है. गोरख मुंडी का सेवन शहद, दूध मट्ठे के साथ किया जा सकता है।
गोरख मुंडी के अद्भुत औषधीय गुण :
गोरख मुंडी का प्रयोग बवासीर में भी बहुत लाभदायक माना गया है। गोरख मुंडी की जड़ की छाल निकालकर उसे सुखाकर चूर्ण बनाकर हर रोज एक चम्मच चूर्ण लेकर ऊपर से मट्ठे का सेवन किया जाये तो बवासीर पूरी तरह समाप्त हो जाती है।
जड़ को सिल पर पीस कर उसे बवासीर के मस्सों में तथा कण्ठमाल की गाठों में लगाने से बहुत लाभ होता है। पेट के कीड़ों में भी इस की जड़ का पूर्ण प्रयोग किया जाता है, उससे निश्चित लाभ मिलता है।
गोरख मुंडी एक एसी औषधि है जो आंखो को शक्ति देती है। आयुर्वेद मे गोरख मुंडी को रसायन कहा गया है।
हृदय के लिए लाभकारी
गोरख मुंडी एक एसी औषधि है जो आंखो को शक्ति देती है। आयुर्वेद मे गोरख मुंडी को रसायन कहा गया है।
हृदय के लिए लाभकारी
गोरखमुंडी में मौजूद विशेष तत्व हार्टबीट को मजबूत करने और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं. गोरखमुंडी को पूरी तरह संपूर्ण पंचांग के रूप में जड़, फूल, तना को उबालकर काढ़ा बनाकर सेवन करने से हृदय से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं.
गठिया के मरीजों के लिए
गठिया के मरीजों को 30 ग्राम गोरखमुंडी और 10 ग्राम कुटकी के पाउडर को मिलाकर एक शीशी में सुरक्षित रख लें. अब प्रतिदिन इसके दो ग्राम पाउडर को शहद में मिलाकर लेने से गठिया में राहत मिलती है.
*गोरख मुंडी का सुजाक, प्रमेह आदि धातु रोग में सर्वाधिक सफल प्रयोग किया गया है।
गठिया के मरीजों को 30 ग्राम गोरखमुंडी और 10 ग्राम कुटकी के पाउडर को मिलाकर एक शीशी में सुरक्षित रख लें. अब प्रतिदिन इसके दो ग्राम पाउडर को शहद में मिलाकर लेने से गठिया में राहत मिलती है.
*गोरख मुंडी का सुजाक, प्रमेह आदि धातु रोग में सर्वाधिक सफल प्रयोग किया गया है।
आंखों की रोशनी के लिए
गोरखमुंडी का उपयोग कान, नाक और गले के विकार तथा नेत्र विज्ञान के विभिन्न विकारों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके कुछ समय तक सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ सकती है. गोरखमुंडी के 3-4 ताजे फूल लें और इसे दो चम्मच तिल के तेल में मिलाएं. नियमित सेवन आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने में मदद करेगा. साथ ही आंखों की लालिमा से भी छुटकारा दिलाएगा.
गोरखमुंडी का उपयोग कान, नाक और गले के विकार तथा नेत्र विज्ञान के विभिन्न विकारों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके कुछ समय तक सेवन करने से आंखों की रोशनी बढ़ सकती है. गोरखमुंडी के 3-4 ताजे फूल लें और इसे दो चम्मच तिल के तेल में मिलाएं. नियमित सेवन आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने में मदद करेगा. साथ ही आंखों की लालिमा से भी छुटकारा दिलाएगा.
गोरखमुंडी किडनी से जुड़ी बीमारी को दूर करने में सहायक है. इसमें शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने के खास गुण होते हैं. नियमित तौर पर दो कप पानी में गोरखमुंडी के जड़ और फूल को अच्छी तरह पानी में गर्म करना चाहिए. आधा कप बच जाने पर उसे छान कर सेवन करने से किडनी से जुड़ी बीमारी दूर होती है.
कुष्ठ रोग दूर करे
कुष्ठ रोग होने पर गोरख मुंडी का चूर्ण और नीम की छाल मिलाकर काढ़ा तैयार कीजिए, सुबह-शाम इस काढ़े का सेवन करने से कुष्ठ रोग ठीक हो जाता है।
सांसों की बदबू से छुटकारा
सांसों की बदबू से छुटकारा पाने के लिए गोरखमुंडी का पाउडर सिरके के साथ लें. इसके लिए गोरखमुंडी पाउडर को सिरके में अच्छे से मिला लें और सुबह-शाम एक चुटकी लें.
पित्ताशय की पथरी को दूर करे
पथरी और पित्ताशय की पथरी को खत्म करने में गोरखमुंडी फायदेमंद है. गर्भाशय, योनि से संबंधित अन्य बीमारियों के लिए बहुत फायदेमंद औषधि है.
सांसों की बदबू से छुटकारा पाने के लिए गोरखमुंडी का पाउडर सिरके के साथ लें. इसके लिए गोरखमुंडी पाउडर को सिरके में अच्छे से मिला लें और सुबह-शाम एक चुटकी लें.
पित्ताशय की पथरी को दूर करे
पथरी और पित्ताशय की पथरी को खत्म करने में गोरखमुंडी फायदेमंद है. गर्भाशय, योनि से संबंधित अन्य बीमारियों के लिए बहुत फायदेमंद औषधि है.
आंतों के कीड़ों को खत्म करने और बाहर निकालने में यह जड़ी-बूटी बड़े काम की साबित हो सकती है. यह पेट के कीड़ों को निकालने में भी मदद करती है. गोरखमुंडी की जड़ का पाउडर बनाकर दिन में एक बार आधा चम्मच सेवन करें.
गोरखमुंडी का तना और जड़ लेकर इसे सुखा लें और इसका पाउडर बना लें. हर दिन मट्ठे के साथ एक चम्मच चूर्ण का सेवन करने से पाइल्स यानी बवासीर पूरी तरह समाप्त हो जाता है.
गोरखमुंडी शुगर लेवल को कम करने में काफी प्रभावी माना जाता है. इसकी जड़ का चूर्ण बनाकर गर्म पानी के साथ पीने से शुगर लेवल बैलेंस रहेगा. शुगर नहीं बढ़ेगी.
सावधानी -किसी भी औषधि तत्व के प्रयोग करने से पहिले चिकित्सा विशेषज्ञ से परामर्श लेना उचित है| हमारे चैनल को suscribe करें |धन्यवादआभार !
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