बेकिंग सोडा के फायदे का विडिओ
मित्रों,
बेकिंग सोडा जिसे मीठा सोडा भी कहते हैं एक बहुमुखी घरेलू उपचार है जो कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोगी हो सकता है। यहाँ कुछ घरेलू उपचार बताते हैं जिनमें बेकिंग सोडा का उपयोग किया जा सकता है:
किडनी स्टोन होने से रोकना :
बेकिंग सोडा क्षारीय होता है और यह स्टोन पथरी को छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है जिससे कि यह आसानी से मूत्र से बाहर निकल जाता है। यदि आप लगातार खाली पेट बेकिंग सोडा पीते हैं तो आपको कभी भी किडनी स्टोन की समस्या नहीं आयेगी।
छाती में जलन और दर्द के लिए शक्तिशाली उपचार
बेकिंग सोडा एक एंटासिड और एक उत्कृष्ट अल्कलाइज़र है। इसके क्षारीय गुण पेट की अम्लता को अप्रभावी करने में मदद करते हैं, छाती में जलन और दर्द का ज्ञात कारण। छाती में जलन और दर्द से अस्थायी लेकिन तत्काल राहत के लिए, 100 मिलीलीटर पानी में आधा टीस्पून बेकिंग सोडा मिलाएं। सर्वोत्तम परिणामों के लिए धीरे -धीरे पीएं।
यूटीआई (मूत्र नली संक्रमण) में मीठा सोडा के घोल का सेवन बहुत असरदार दवा के रूप में साबित हुआ है. इसी तरह गर्भ धारण में विफलता के मामले में भी इसकी असरदार भूमिका की अनेक ‘सक्सेज़ स्टोरीज़’ हैं. आँखों का तेज़ी से ख़राब होना, दांतों का तेज़ी से घिसना, जॉन्डिस, एक्ज़िमा, सोरायसिस जैसी बीमारियों में मौखिक सेवन और गाढ़े घोल में पट्टियां भिगोकर रखने से रोग तेज़ी से घटते हैं.
मौखिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करता है
बेकिंग सोडा मुंह में बैक्टीरिया के विकास को रोकता है और मौखिक संक्रमण से बचाता है। इसकी विशेषता यह है कि यह मुंह के हर कोने तक पहुंच सकता है, जैसे कि दांत, मसूड़े और जीभ |इससे दांत साफ और स्वस्थ रहते हैं। बेकिंग सोडा में प्राकृतिक श्वेतकरण गुण भी होते हैं जो दांतों को चमकदार और सफेद बनाते हैं।
इंफेक्शन को दूर करे
अगर आप रोजाना बाहर जाते हैं, तो आप इसका इस्तेमाल नहाने के पानी में कर सकते हैं। क्योंकि इसमें एंटी-एजिंग गुण मौजूद होते हैं, जो स्किन की तमाम समस्याओं जैसे फंगस, दाद आदि को दूर करने का काम करते हैं। इसके लिए आप आधा चम्मच बेकिंग सोडा का इस्तेमाल नहाने के पानी में कर सकते हैं।
स्किन ट्रीटमेंट के लिए
इसके लिए बस 3 छोटे चम्मच बेकिंग सोडा में थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट तैयार लें और चेहरे पर जहां भी डेड स्किन या ब्लैकहेड्स दिख रहे हों वहां लगा लें और मसाज करें।
बग काटने के लिए उपचार
कीड़े के काटने, विशेष रूप से मच्छर के काटने से त्वचा पर लाल, दर्दनाक उभार हो जाते हैं। वे त्वचा की खुजली और जलन का कारण बनते हैं। बेकिंग सोडा के पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाने से तुरंत राहत मिलती है
पायरिया व दांतों की अन्य बीमारियों
पायरिया व दांतों की अन्य बीमारियों में भी मीठा सोडा बड़ी मुफ़ीद दवा है. एक छोटा चम्मच सोडा में चंद बूंदे पानी की डालकर हल्के हाथों से टूथपेस्ट की तरह मसूड़ों में रगड़ने से विभिन्न दांत सम्बन्धी रोगों में लाभ पहुँचता है. गंदे और पीले दांतों की साफ़-सफ़ाई भी इसी प्रकार की जा सकती है.
जोड़ों के दर्द से छुटकारा
रक्त में यूरिक एसिड का उच्च स्तर जोड़ों के दर्द का कारण बनता है। बेकिंग सोडा के प्रमुख उपयोगों में रक्त और मूत्र में एसिड को निष्क्रिय करके जोड़ों के दर्द को कम करना शामिल है। इस प्रकार यह गाउट और गठिया जैसी दर्दनाक और पुरानी स्थितियों के इलाज में मदद करता है।
कैंसर से करे बचाव
नींबू और बेकिंग सोडा के सेवन से कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोका जा सकता है। दरअसल, इसके सेवन से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है, जो कैंसर के खतरे को कम करने में आपकी मदद कर सकता है।
मूत्र पथ के संक्रमण से राहत
बेकिंग सोडा मूत्र की अम्लीय सामग्री को कम करने में मदद करता है जो अक्सर महिलाओं में मूत्र पथ के संक्रमण की बार-बार पुनरावृत्ति से जुड़ा होता है। बेकिंग सोडा का सेवन पेशाब में एसिड के स्तर को बेअसर करने में मदद कर सकता है।
मोटापे को नियंत्रण में रखता है
बेकिंग सोडा मीठे की चाहत को कंट्रोल करने में मदद करता है। बस अपने मुंह को बेकिंग सोडा के घोल से धोने से चीनी की तलब तुरंत गायब हो जाती है। चूंकि अधिक चीनी का सेवन सीधे वजन बढ़ाने और मोटापे से जुड़ा होता है, बेकिंग सोडा स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है क्योंकि यह आपके शर्करा के सेवन को नियंत्रित रखता है।
पेट में होने वाली जलन
खाना खाने के बाद मुंह, गले और पेट में होने वाली जलन के पीछे एसिड बढ़ने की प्रवृत्ति है, इसे ज़्यादातर लोग जानते हैं और इससे जूझने के लिए वे मीठा सोडा का इस्तेमाल पीढ़ियों से करते भी आये हैं. . जिन लोगों को खाना खाते ही एसिडीटी उभर आने की प्रवृत्ति है वे इसे नियमित तौर पर ख़ाली पेट तीन बार लें
शैम्पू की तुलना में ज़्यादा असरदार
सिर के बालों में इसका गाढ़ा घोल लगाकर धोने से यह किसी भी अच्छे शैम्पू की तुमला में ज़्यादा असरदार और रसायन रहित साबित होता है. अपवाद के बतौर कुछ लोगों की खोपड़ी की त्वचा को मीठा सोडा सूट नहीं भी करता है, तो उन्हें इसका सिर में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
बेकिंग सोडा क्षारीय होता है और यह स्टोन पथरी को छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है जिससे कि यह आसानी से मूत्र से बाहर निकल जाता है। यदि आप लगातार खाली पेट बेकिंग सोडा पीते हैं तो आपको कभी भी किडनी स्टोन की समस्या नहीं आयेगी।
छाती में जलन और दर्द के लिए शक्तिशाली उपचार
बेकिंग सोडा एक एंटासिड और एक उत्कृष्ट अल्कलाइज़र है। इसके क्षारीय गुण पेट की अम्लता को अप्रभावी करने में मदद करते हैं, छाती में जलन और दर्द का ज्ञात कारण। छाती में जलन और दर्द से अस्थायी लेकिन तत्काल राहत के लिए, 100 मिलीलीटर पानी में आधा टीस्पून बेकिंग सोडा मिलाएं। सर्वोत्तम परिणामों के लिए धीरे -धीरे पीएं।
यूटीआई (मूत्र नली संक्रमण)
यूटीआई (मूत्र नली संक्रमण) में मीठा सोडा के घोल का सेवन बहुत असरदार दवा के रूप में साबित हुआ है. इसी तरह गर्भ धारण में विफलता के मामले में भी इसकी असरदार भूमिका की अनेक ‘सक्सेज़ स्टोरीज़’ हैं. आँखों का तेज़ी से ख़राब होना, दांतों का तेज़ी से घिसना, जॉन्डिस, एक्ज़िमा, सोरायसिस जैसी बीमारियों में मौखिक सेवन और गाढ़े घोल में पट्टियां भिगोकर रखने से रोग तेज़ी से घटते हैं.
मौखिक स्वास्थ्य सुनिश्चित करता है
बेकिंग सोडा मुंह में बैक्टीरिया के विकास को रोकता है और मौखिक संक्रमण से बचाता है। इसकी विशेषता यह है कि यह मुंह के हर कोने तक पहुंच सकता है, जैसे कि दांत, मसूड़े और जीभ |इससे दांत साफ और स्वस्थ रहते हैं। बेकिंग सोडा में प्राकृतिक श्वेतकरण गुण भी होते हैं जो दांतों को चमकदार और सफेद बनाते हैं।
अगर आप रोजाना बाहर जाते हैं, तो आप इसका इस्तेमाल नहाने के पानी में कर सकते हैं। क्योंकि इसमें एंटी-एजिंग गुण मौजूद होते हैं, जो स्किन की तमाम समस्याओं जैसे फंगस, दाद आदि को दूर करने का काम करते हैं। इसके लिए आप आधा चम्मच बेकिंग सोडा का इस्तेमाल नहाने के पानी में कर सकते हैं।
नेचुरल एंटाएसिड :
हमारे पेट में एसिड होते हैं जो स्वस्थ पाचन के लिए जरुरी होते हैं। लेकिन जब यह एसिड हमारे पेट से निकलकर आहार नली में आ जाता है तो हमें गले और पेट में जलन जैसी दिक्कत होने लगती है। क्षारीय प्रवृति होने के कारण बेकिंग सोडा एक नेचुरल एंटाएसिड होता है। यह हमारे पेट में मौजूद एसिड को उदासीन करता है और पेट में गैस को बनने से रोकता है जिससे हमें पेट और गले में होने वाली जलन से आराम मिलता है।
खराब गंधों को खत्म करता है
दुर्गंध आमतौर पर अम्लीय गंध होती है। बेकिंग सोडा का उपयोग एसिडिक और बेसिक गंध अणुओं को निष्क्रिय करके खराब गंध को दूर करने में मदद करता है।
हमारे पेट में एसिड होते हैं जो स्वस्थ पाचन के लिए जरुरी होते हैं। लेकिन जब यह एसिड हमारे पेट से निकलकर आहार नली में आ जाता है तो हमें गले और पेट में जलन जैसी दिक्कत होने लगती है। क्षारीय प्रवृति होने के कारण बेकिंग सोडा एक नेचुरल एंटाएसिड होता है। यह हमारे पेट में मौजूद एसिड को उदासीन करता है और पेट में गैस को बनने से रोकता है जिससे हमें पेट और गले में होने वाली जलन से आराम मिलता है।
खराब गंधों को खत्म करता है
दुर्गंध आमतौर पर अम्लीय गंध होती है। बेकिंग सोडा का उपयोग एसिडिक और बेसिक गंध अणुओं को निष्क्रिय करके खराब गंध को दूर करने में मदद करता है।
त्वचा को गोरा करने वाला एजेंट
बेकिंग सोडा में ब्लीचिंग के बेहतरीन गुण होते हैं। इसके हल्के एक्सफोलिएशन, क्लींजिंग और त्वचा को गोरा करने वाले गुण इसे कॉस्मेटिक उत्पादों में एक बेहतरीन अतिरिक्त बनाते हैं।
बेकिंग सोडा में ब्लीचिंग के बेहतरीन गुण होते हैं। इसके हल्के एक्सफोलिएशन, क्लींजिंग और त्वचा को गोरा करने वाले गुण इसे कॉस्मेटिक उत्पादों में एक बेहतरीन अतिरिक्त बनाते हैं।
स्किन ट्रीटमेंट के लिए
इसके लिए बस 3 छोटे चम्मच बेकिंग सोडा में थोड़ा पानी मिलाकर पेस्ट तैयार लें और चेहरे पर जहां भी डेड स्किन या ब्लैकहेड्स दिख रहे हों वहां लगा लें और मसाज करें।
बग काटने के लिए उपचार
कीड़े के काटने, विशेष रूप से मच्छर के काटने से त्वचा पर लाल, दर्दनाक उभार हो जाते हैं। वे त्वचा की खुजली और जलन का कारण बनते हैं। बेकिंग सोडा के पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाने से तुरंत राहत मिलती है
पायरिया व दांतों की अन्य बीमारियों
पायरिया व दांतों की अन्य बीमारियों में भी मीठा सोडा बड़ी मुफ़ीद दवा है. एक छोटा चम्मच सोडा में चंद बूंदे पानी की डालकर हल्के हाथों से टूथपेस्ट की तरह मसूड़ों में रगड़ने से विभिन्न दांत सम्बन्धी रोगों में लाभ पहुँचता है. गंदे और पीले दांतों की साफ़-सफ़ाई भी इसी प्रकार की जा सकती है.
जोड़ों के दर्द से छुटकारा
रक्त में यूरिक एसिड का उच्च स्तर जोड़ों के दर्द का कारण बनता है। बेकिंग सोडा के प्रमुख उपयोगों में रक्त और मूत्र में एसिड को निष्क्रिय करके जोड़ों के दर्द को कम करना शामिल है। इस प्रकार यह गाउट और गठिया जैसी दर्दनाक और पुरानी स्थितियों के इलाज में मदद करता है।
कैंसर से करे बचाव
नींबू और बेकिंग सोडा के सेवन से कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोका जा सकता है। दरअसल, इसके सेवन से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है, जो कैंसर के खतरे को कम करने में आपकी मदद कर सकता है।
मूत्र पथ के संक्रमण से राहत
बेकिंग सोडा मूत्र की अम्लीय सामग्री को कम करने में मदद करता है जो अक्सर महिलाओं में मूत्र पथ के संक्रमण की बार-बार पुनरावृत्ति से जुड़ा होता है। बेकिंग सोडा का सेवन पेशाब में एसिड के स्तर को बेअसर करने में मदद कर सकता है।
मोटापे को नियंत्रण में रखता है
बेकिंग सोडा मीठे की चाहत को कंट्रोल करने में मदद करता है। बस अपने मुंह को बेकिंग सोडा के घोल से धोने से चीनी की तलब तुरंत गायब हो जाती है। चूंकि अधिक चीनी का सेवन सीधे वजन बढ़ाने और मोटापे से जुड़ा होता है, बेकिंग सोडा स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है क्योंकि यह आपके शर्करा के सेवन को नियंत्रित रखता है।
पेट में होने वाली जलन
खाना खाने के बाद मुंह, गले और पेट में होने वाली जलन के पीछे एसिड बढ़ने की प्रवृत्ति है, इसे ज़्यादातर लोग जानते हैं और इससे जूझने के लिए वे मीठा सोडा का इस्तेमाल पीढ़ियों से करते भी आये हैं. . जिन लोगों को खाना खाते ही एसिडीटी उभर आने की प्रवृत्ति है वे इसे नियमित तौर पर ख़ाली पेट तीन बार लें
सिर के बालों में इसका गाढ़ा घोल लगाकर धोने से यह किसी भी अच्छे शैम्पू की तुमला में ज़्यादा असरदार और रसायन रहित साबित होता है. अपवाद के बतौर कुछ लोगों की खोपड़ी की त्वचा को मीठा सोडा सूट नहीं भी करता है, तो उन्हें इसका सिर में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
किसी भी तत्व को चिकित्सा मे उपयोग करने से पहिले योग्य चिकित्सक से परामर्श लेना अच्छा होता है |
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