25.7.18

भूख बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक औषधियाँ : increase appetite

                                             




आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में भूख बढ़ाने की विभिन्न दवा उपलब्ध है | इनका उपयोग करके भी आप अपनी समस्या से निजात पा सकते है | यहाँ हमने आयुर्वेद की सर्वमान्य एवं प्रशिद्ध दवाओं की सूचि दी है जो भूख न लगने की समस्या में अचूक दवा साबित होती है |


शिवाक्षार पाचन चूर्ण

भूख न लगने की समस्या, अजीर्ण, अपच एवं अरुचि में आयुर्वेद का सबसे अधिक प्रसिद्ध चूर्ण है | इसका प्रयोग किया जा सकता है | अगर आपको पाचन की खराबी के कारण भूख नहीं लगती तो निश्चित ही इस चूर्ण का उपयोग करना चाहिए | निरंतर 10 दिन के प्रयोग से ही आपकी भूख बढ़ने लगेगी | पतंजलि, डाबर, बैद्यनाथ, आदि सभी कम्पनियाँ इसका निर्माण करती है |

हिंग्वाष्टक चूर्ण

भूख बढ़ाने के लिए हिंग्वाष्टक चूर्ण भी रामबाण औषधीय दवा सिद्ध होती है | अगर आपको भूख कम लगने की समस्या के साथ – साथ गैस, पेट दर्द, कब्ज, पेट में कीड़े एवं अजीर्ण एवं अपच की समस्या भी है तो निश्चित रूप से हिंग्वाष्टक चूर्ण के सेवन से इन समस्याओं से पूर्णत: निजात पाया जा सकता है

अग्निकुमार रस

अग्नि कुमार रस का सेवन भूख बढ़ाने के लिए किया जा सकता है एवं इसके परिणाम भी अच्छे मिलते है | यह आयुर्वेद के रस प्रकरण की औषधि है | इसका सेवन भूख न लगने, कमजोर पाचन, अजीर्ण, अपच में किया जा सकता है | अगर आप इसका सेवन भूख बढ़ाने के लिए कर रहें है तो 1 से 2 गोली सौंफ अर्क या चिकित्सक के निर्देशानुसार करें |

*अग्निमुख चूर्ण

अग्निमंध्य, पाचन का ठीक ढंग से काम न करना, खट्टी डकारें आना आदि में अग्निमुख चूर्ण का सेवन कर सकते है | इसका निर्माण सोंठ, जीरा, काला नमक एवं सेंधा नमक आदि से होता है | अत: भूख कम लगने की बीमारी में 1 से 3 ग्राम की मात्रा में भोजन के बाद पानी के साथ सेवन किया जा सकता है | 5 – 7 खुराक में ही भूख बढ़ने लगेगी |

* चित्रकादी वटी

मन्दाग्नि के साथ साथ , आंतो में सुजन, उदर के विकार एवं आमातिसार आदि रोगों में उपयोग की जाती है | चित्रक, हिंग, पीपल एवं यवक्षार आदि औषध द्रवों से इसका निर्माण किया जाता है 
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भूख बढ़ाने वाले औषध योग एवं चूर्ण का करे घर पर निर्माण

* अग्निवर्धक चूर्ण

अग्नि को बढ़ाने वाला यह चूर्ण आप घर पर ही बना सकते है , इसके लिए आपको निम्न चीजों की आवश्यकता होगी |

भुना हुआ जीरा 100 ग्राम
पीसी हुई सोंठ 50 ग्राम
कालीमिर्च 50 ग्राम
निम्बू का सत 50 ग्राम
काला नमक 50 ग्राम
सेंधा नमक 150 ग्राम
पिपरमेंट – 2 ग्राम
इन सभी को कूट पीसकर महीन चूर्ण बना ले एवं शीशी में भर ले | यह अग्निवर्धक चूर्ण तैयार हो गया | इसका इस्तेमाल नित्य भोजन के पश्चात आधा – आधा चम्मच की मात्रा में पानी के साथ करें | नित्य प्रयोग से भोजन अच्छी तरह पचने लगेगा और खुल कर भूख लगेगी | गैस एवं आफरे की समस्या में भी आराम पहुंचाता है |
2. त्रिफला चूर्ण-
आंवला , हरड एवं बहेड़ा – इन तीनो को सामान मात्रा में लेकर कूट पीसकर चूर्ण बना ले | त्रिफला चूर्ण सम्पूर्ण शरीर के कायाकल्प के काम आता है | नित्य प्रयोग से पाचन की क्रिया सुधरती है एवं भूख बढती है | इसे आयुर्वेद में त्रिदोष शामक औषधि माना जाता है | अत: यह सभी प्रकार के अन्य रोगों में भी लाभदायक सिद्ध होता है |
 लवण भास्कर चूर्ण भी एक उत्तम योग है जिसके प्रयोग से सभी प्रकार के पेट के रोग दूर होते है | भूख बढ़ाने के लिए आप इसका इस्तेमाल कर सकते है |
 पंचकोल चूर्ण
दीपन एवं पाचन गुणों से युक्त इस चूर्ण का इस्तेमाल भी आप भोजन में रूचि जगाने के लिए कर सकते है | भूख बढ़ाने के साथ – साथ पेट की विभिन्न रोग जैसे – आफरा, पेट दर्द एवं अपचन में लाभ देता है |
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सूखे नारियल(खोपरा गोला) के स्वास्थ्य लाभ

                                             



नारियल का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व है, कोई भी पूजा हो या धार्मिक समारोह उसमें नारियल की उपस्थिति अनिवार्य मानी जाती है। बिना इसके पूजा अधूरी मानी जाती है। धार्मिक महत्व के अलावा नारियल को हम किसी न किसी रूप में अपने खाने में इस्तेमाल भी करते हैं। चाहे वो कच्चे नारियल का पानी हो या पका नारियल हो जिसकी हम गिरी खाते हैं। या हो सूखा नारियल जिसका इस्तेमाल पकवानों में किया जाता है लेकिन क्या आपको सूखे नारियल के फायदों के बारे में पता है ? आज हम आपको बताएंगे सूखे नारियल के फायदे के बारे में।
*एनीमिया से करता है बचाव
शरीर में खून की कमी होना जो की कभी कभी जानलेवा भी साबित होता है। सूखा नारियल खाने से एनीमिया यानी खून की कमी की बिमारी से भी राहत देता है। अक्सर महिलाओं में खून की कमी ज़्यादा होती है और वो कमजोर पड़ जाती हैं और तो और शरीर में जीवाणुओं का हमला भी आराम से हो सकता है जिससे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। सूखे नारियल में आयरन भारी मात्रा में पाया जाता है और इसके सेवन से एनीमिया पर काबू पाने में आसानी होती है।

 ह्दय के लिए लाभदायक -


ड्राई कोकोनट में डायटरी फाइबर होता है जो कि ह्दय को हेल्दी बनाये रखता है। जैसाकि आप जानते हैं कि पुरूष के शरीर को 38 ग्राम डायटरी फाइबर और महिला के शरीर को 25 ग्राम डायटरी फाइबर चाहिए होता है। ड्राई कोकोनट से शरीर की ये आवश्यकता पूरी हो जाती है।

*मस्तिष्क स्वस्थ रहता है

सूखा नारियल खाने से ब्रेन फंक्शन में सुधार होता है और इलेक्ट्रिकल सिग्नल्स भी बेहतर तरीके से काम करते हैं। ब्रेन में न्यूरॉन्स होते हैं और इस पर एक कवर होता है जिसपर कोई भी क्षति गंभीर न्यरोलॉजिकल समस्या को जन्म दे सकती है। नारियल में मौजूद तत्व इस हिस्से की रक्षा करते हैं।

पुरूषों में प्रजनन क्षमता बढ़ाना -

यह कोई मिथक नहीं है बल्कि एक सत्य है कि नारियल का सेवन करने से पुरूषों में नपुसंकता दूर होती है। मेडीकल साइंस में भी कई परीक्षणों से इस बात को सिद्ध किया जा चुका है। ऐसा इसमें पाये जाने वाले सीलियम के कारण होता है जो पुरूषत्व को मजबूत बना देता है

*कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करता है

सूखे नारियल में हेल्दी फैट्स होते हैं जो ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम करता है जिससे आर्टरीज़ में ब्लॉकेज के चांस कम हो जाते हैं और दिल भी बेहतर तरीके से काम करता है और दिल के दौरे का खतरा नहीं रहता है|

इम्यून सिस्टम को बूस्ट करना -

इसमें 5.2 माईक्रोग्राम सेलेनियम होता है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है। इसे अपनी खुराक में शामिल करने से शरीर में कई रोग भी नहीं होते हैं।




गठिया ठीक करने में -

ड्राई कोकोनट के सेवन से गठिया ठीक हो जाती है और दर्द से आराम मिलता है। चूंकि इसमें कई मिनरल्स होते हैं ऐसे में ये ऊतकों को स्वस्थ रखते हैं और शरीर को हेल्दी बनाएं रखते हैं।

* मजबूत होती है हड्डियां

टिश्यूज में भरपूर मिनरल्स का होना ज़रूरी होता है क्योंकि इसकी कमी हमारे शरीर के हिस्सों को नुकसान पहुंचाती है जिससे आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां हो सकती हैं। ऐसे में सूखा नारियल खाने से त्वचा, लिगामेंट्स, टेंडन्स और हड्डियों के टिश्यूज़ में मजबूती आती है और टिश्यूज को मिनरल्स भी मिल जाता है ।

कैंसर के खतरे को कम करना -

यदि आपके परिवार में किसी को पहले कैंसर था तो आपको हमेशा सतर्कता बरतनी चाहिए, खासकर महिलाओं को, जिनके यहां ब्रेस्ट कैंसर का मामला सामने हो। वैसे कोकोनट प्रोस्टेट कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर को न होने में मदद करता है। इसलिए आप इसे अपनी खुराक में अवश्य शामिल करें।

पाचन क्रिया को दुरूस्त करना -

ड्राई कोकोनट का सेवन करने से पाचन क्रिया दुरूस्त बनी रहती है और कब्ज, खूनी दस्त और बवासीर की समस्या भी सही हो जाती है। साथ ही इसका कोई दुष्प्रुभाव भी नहीं पड़ता है।






20.7.18

याददाश्त ,स्मरणशक्ति तेज करने के उपाय:smaran shakti badhana


                                                                       


   अच्छी और तीव्र स्मरण शक्ति के लिए हमें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ, सबल और निरोग रहना होगा | जब तक हम पूरी तरह से स्वस्थ और सबल नहीं रहेंगे हमारी स्मरण शक्ति कभी भी तेज नहीं हो सकतीहैं |
ध्यान रहे कि स्मरण शक्ति हमेशा ध्यान और मन की एकाग्रता पर ही निर्भर होती हैं | हम जिस तरफ जितना अधिक ध्यान केन्द्रित करेंगे उस तरफ हमारी विचार शक्ति उतनी ही अधिक तीव्र हो जायेगी | आप जिस भी कार्य पर जितना अधिक तीव्रता और ध्यान के साथ, स्थिरिता के साथ मन लगायेंगे वह चीज उतनी ही जल्दी हमारे मानस पटल पर, हमारे स्मृति पटल पर अंकित हो जायेगा
बाहरी उपचार भी बुद्धि बढ़ाने में बहुत सहायता पहुँचाते देखे गये हैं। कान के ऊपर वाले कोने से लेकर कनपटी तक की जगह के स्नायु बुद्धि धारण करने के काम में अधिक आते हैं। मस्तिष्क के बुद्धिकोषों का पोषण इनके द्वारा होता है। इन स्नायुओं को परिपुष्ट करने के लिए हलकी मालिश करना बहुत मुफीद है। आँवले के तेल से, कान की ऊपर वाली जड़ से लेकर कनपटी तक की जगह की धीरे-धीरे मालिश करनी चाहिए। इसके लिए प्रातःकाल का समय बहुत अच्छा है।
*स्नान करते समय सिर के ऊपर ठंडे जल की धार छोड़ने से भी बड़ा लाभ होता है। नल के नीचे बैठकर सबसे पहले दस पन्द्रह मिनट सिर के ऊपर ही पानी लिया जाय तो बड़ा अच्छा हो। इस समय धीरे-धीरे सिर को मलते जाना चाहिए। दस पन्द्रह मिनट हो जाने के बाद तब हाथ पाँव एवं शरीर के अन्य स्थानों को धोया जाय। इस प्रकार के स्नान से भी मस्तिष्क को बल मिलता है और बुद्धि तीक्ष्ण होती है।
*पढ़ने-लिखने का काम करने वाले सभी लोग प्रायः सिर में तेल डालते हैं। फैशन की दृष्टि से सुगन्धित तेलों का रिवाज भी चल पड़ा है। हर व्यक्ति की यही कोशिश होती है कि वह खुशबूदार तेल बालों में डाले। इसमें कई प्रकार का खतरा भी होता है। मिट्टी के तेलों पर बनी हुई कई तरह की विलायती सुगंधित शीशियाँ बाजार में बिकती हैं, यह हानिकारक हैं। यह बालों की जड़ों को कमजोर करती है और दिमाग को गर्मी पहुँचाती है। चमेली की खुशबू से बाल जल्दी सफेद हो जाते हैं। मूँगफली, महुआ आदि के सस्ते तेलों में रंग और खुशबू मिलाकर जो सुगन्धित तेल बनते हैं वे भी हानि ही पहुँचाते हैं। इसलिए आयुर्वेदिक रीति के अनुसार बने हुए ब्राह्मी या आँवले के तेलों को सिर में डालना चाहिए। शुद्ध सरसों का तेल लाभ की दृष्टि से बहुत ही उपयोगी है।
*जिन्हें खुश्की अधिक रहती है उनके सिर पर खुरट से जमते हैं और सफेद भुसी सी जमा होती रहती है। इसे दूर करने के लिए दही और बेसन से सिर को धोना चाहिए। तेज साबुन, सोडा, खटाई, नमक आदि से सिर धोना हानिकारक है। बिल्कुल बाल न रखना और बहुत बड़े-बड़े केश रखना दोनों ही बातें अहितकर हैं। स्वास्थ्य और सौंदर्य दोनों ही दृष्टि से एक डेढ़ इंच के बाल पर्याप्त हैं। हाँ, जो लोग स्त्रियों की भाँति बालों की सफाई कर पूरा ध्यान दे सकें और उनकी ठीक तरह साज संभाल रखें वे बड़े-बड़े बाल भी रख सकते हैं। कभी-कभी कानों में सरसों का तेल डालना भी उचित है। कानों का भीतरी छिद्र मस्तिष्क तक असर पहुँचाता है और शीतलता एवं पोषण प्रदान करता है। शीर्षासन का व्यायाम मस्तिष्क को पुष्ट करने वाला माना जाता है।
*प्रातःकाल सूर्योदय से घंटा भर पूर्व उठना और नित्यकर्म से निवृत्त होकर हरे भरे शुद्ध वायु के स्थानों में टहलने जाना, बुद्धि को बढ़ाता है। वह बात परीक्षा द्वारा सिद्ध हो चुकी है कि जो लोग बहुत देर में सो कर उठते हैं धूप चढ़े तक चारपाई पर पड़े रहते हैं उनकी बुद्धि मन्द हो जाती है। आपको ऐसा एक भी तीक्ष्ण बुद्धि वाला मनुष्य न मिलेगा जो प्रातःकाल जल्दी ही सो कर न उठ बैठता हो।
*आहार-विहार को ठीक रखना, बुद्धिजीवी मनुष्यों के लिए आवश्यक है। गरम, तीक्ष्ण, रूखी, गरिष्ठ, बासी और मादक वस्तुएं पेट को खराब करती हैं। इनसे हाजमा बिगड़ता है और खून खराब होकर मस्तिष्क में अनावश्यक उष्णता पहुँचती है। अधिक मिर्च मसाले चाट, पकौड़ियाँ, मिठाइयाँ, तले हुए पदार्थ, माँस-मदिरा आदि न तो अच्छी तरह हजम ही होते हैं और न मस्तिष्क को पुष्ट करने लायक शुद्ध रस ही बनाते हैं। इसलिए इनको त्याग देना चाहिए। सादा ताजा, हलका और पौष्टिक भोजन ही सेवनीय है। घी, दूध, फल, मेवे, तरकारियों की मात्रा अधिक होनी चाहिए। जल्दी सोना और जल्दी उठना आवश्यक है। ब्रह्मचर्य की ओर विशेष ध्यान रहना चाहिए। वीर्यपात तभी किया जाय जब उसका पूरा औचित्य दिखाई पड़ता हो वैसा किये बिना हानि की संभावना है। आहार-विहार की उत्तमता का मस्तिष्क पर असर पड़ता है। सात्विक जीवन व्यतीत करने वालों की बुद्धि सदा तीव्र रहेगी और स्मरण शक्ति आदि सब शक्तियाँ ठीक प्रकार काम करती रहेंगी।
*मस्तिष्क को पुष्ट करने के लिए अनेक प्रकार की औषधियाँ बाजार में बिकती हैं। कई प्रकार के पाक और चूर्ण सेवन किये जाते हैं। परन्तु इस जमाने में जब कि लोग सस्ती, खराब और अंटशंट चीजें डालकर नकली दवाएं बेचकर अधिक धन कमाने की कला में अधिक चतुर होते जाते हैं, यह विश्वास करना कठिन है कि कौन सी दवा हितकर होगी। हर एक की परीक्षा करके मत स्थिर करना तो बड़ा कठिन है।
अक्‍सर कहा जाता है कि अधिक उम्र में स्मरणशक्ति साथ नहीं देती है। एक शोध में कहा गया है कि दिमाग के पास इस्‍तेमाल करने के लिए जब ज्यादा ऊर्जा होगी तो वह अधिक सक्रियता से काम करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि 65 साल से अधिक उम्र के लोग की याद्दाश्‍त भी काफी अच्छी हो सकती है

याद शक्ति को बढ़ाने के कारगर और आसान तरीके:

1). सौंफ को मोटा कूट कर उसे छान लें और इसे एक-एक चम्मच सुबह शाम दो बार पानी या दूध के साथ फंकी लें।
2) जीरा, अदरक, और मिश्री को पीसकर उसका पेस्ट बनाकर खाने से याददाशत की कमजोरी दूर होती है।
3) गुलकन्द को रोज दिन में दो से तीन बार खाने से स्मरण शक्ति को लाभ मिलता है।
4) शहद में 10 ग्राम दालचीनी को मिलाकर चाटने से दिमाग तेज होता है।
5) 6 से 7 काली मिर्च में 25 से 30 ग्राम मक्खन और शक्कर मिलाकर रोज खाने से दिमाग तेज होता है और भूलने की बीमारी दूर होती है।
6) गेहूं के पौधे जवारे का रस कुछ दिनों तक रोज पीने से भूलने की बीमारी दूर होती है
7) गाय के घी से सिर पर कुछ दिनों तक मालिश करने से आपकी याद शक्ति बढ़ती है।
8) यदि आप अखरोट खाते हैं तो भी आपकी याददाश्त बढ़ती है। 10 ग्राम किशमिश के साथ 20 ग्राम अखरोट खायें। इससे मानसिक तनाव भी दूर होता है।
9) गाजर का हलुआ खाते रहने से दिमाग की कमजोरी दूर होती है।
10). सुबह खाली पेट आंवले का मुरब्बा खाने से दिमागी विकार दूर होता है।
11) रात को 10 बादामों को पानी में भिगोकर सुबह उनका छिलका उतार लें और इसे 10 ग्राम मक्खन और मिश्री के साथ मिलाकर कुछ दिनों तक खाने से दिमाग की शक्ति बढ़ती है।
12) रात को उड़द की दाल को भिगोकर सुबह पीस लें और इसे दूध और मिश्री के साथ खायें। एैसा करने से दिमाग तेज होता है।
*एक गाजर लें और लगभग 50-60 ग्राम पत्ता गोभी अर्थात 10-12 पत्ते पत्ता गोभी के अच्छी तरह से काटकर एक प्लेट में रख लें और इस पर हरी धनिया काटकर डाल दें , फिर उसके ऊपर से सेंधा नमक, काली मिर्च कर चूर्ण और नीम्बू का रस डाल कर अच्छी तरह से मिला लें फिर इसे नास्ते में खाए, खूब चबाकर कर खाए और भोजन के साथ एक गिलास छाछ भी पिया करें |
ऐसा करने से आपकी स्मरणशक्ति बहुत अधिक बढ़ेगी, और इसका असर आपको बहुत ही जल्द देखने को मिलेगा |
आवश्यक सामग्री –
शंखावली (शंखपुष्पी) को अच्छी तरह से कूट-पीसकर एक शीशी में भर कर रख ले I 2 बादाम, खरबूजा, तरबूज, पतली ककड़ी, खीरा इन सभी के बीज 5-5 ग्राम लें साथ में 2 पिस्ता, 1छुहारा, 4 छोटी इलायची, 5 ग्राम सौंफ, 1 चमच्च मक्खन, 1 गिलास दूध ले |
विधि – 
रात में बादाम, पिस्ता, छुहारा और चारों फलों के बीजों को 1 कप पानी में डालकर रख दें I प्रातःकाल बादाम को 2-4 बूँद पानी में छिलका हटाकर अच्छी तरह से घिस लें और उस लेप को कटोरी में रख लें I फिर बाकी बचे पिस्ता, इलायची के दानों व छुहारे को बारीक काट कर पीस लें और फिर उसे भी बादाम के लेप में मिला लें और चारों बीज भी उसमें ही डाल लें I अब इन्हें खूब अच्छी तरह से चबा-चबा कर खा लें उसके बाद 3 ग्राम शंखावली के महीन चूर्ण को मक्खन में मिलाकर कर चाट लें और ऊपर से एक गिलास गुनगुना दूध धीरे-धीरे पी लें . अंत में बचे हुए सौंफ को मुंह में डालकर धीरे-धीरे 15-20 मिनट तक चूस ले और फिर उसे चबा ले I
लाभ –
यह प्रयोग करने से आपके दिमाग की ताकत, तरावट और स्मरण शक्ति को बढाने के लिए बहुत ही बेजोड़ उपाय हैं | साथ ही साथ यह शरीर में शक्ति और स्फूर्ति भी पैदा करता हैं I इसे लगातार 40 दिनों तक प्रतिदिन सुबह नित्यकर्मों से निवृत होकर खाली पेट प्रयोग में लाने से आपको चमत्कारिक लाभ देखने को मिल सकते हैं |

पढ़ते समय सावधानी बरतें –

पढ़ते समय आप हमेशा ध्यान रखे कि आपकी कमर झुकी हुई नहीं होनी चाहिए या फिर आप कभी लेट कर या फिर झुक कर अगर पढने की सोच रहे हैं या फिर आप अगर ऐसा कर रहे हैं तो यह बहुत ही गलत हैं |
अगर आप रात के 9 बजे के बाद भी पढ़ रहे हैं या फिर आपको देर रात तक पढ़ना पड़ता हैं तो आप हर आधे घंटे पर आधा –आधा गिलास ठंडा पानी पीते रहे हैं इससे रात में जागने के कारण होने वाला वात प्रकोप नहीं होगा .| वैसे तो कहा जाता हैं कि रात में 11 बजे से पहले सो जाना चाहिए और सुबह जल्दी उठकर पढायी करनी चाहिए |
पढ़ते समय आलस्य लगने पर चाय या फिर सिगरेट का सेवन कभी न करें यह थोड़ी देर के आलस्य को भगाने के लिए आपको जीवन भर के लिए दिक्कत दे सकती हैं|
*धार्मिक उपायों में ज्ञान, बुद्धि, विद्या, वाणी और कला की देवी मां सरस्वती की उपासना न केवल मानसिक शक्ति को मजबूत बनाने वाली, बल्कि उसके बूते मिली दक्षता, निर्णय क्षमता व कला सफलता की नई-नई ऊंचाईयों पर ले जाने वाली मानी गई है।
*देवी पूजा के विशेष दिन शुक्रवार को माता सरस्वती की उपासना बहुत शुभ मानी गई है। बुद्धि और सफलता की कामना से हर सुबह भी एक विशेष व छोटा-सा मंत्र द्वारा माता सरस्वती का ध्यान बड़ा मंगलकारी सिद्ध होता है। प्रस्तुत है वह मंत्र और पूजा उपाय –
* सुबह स्नान के बाद सफेद वस्त्र पहन माता सरस्वती की प्रतिमा या तस्वीर की केसरिया या सफेद चंदन, अक्षत, केसरिया या पीले फूल माता सरस्वती को अर्पित करें।
* माता को दूध की खीर, तिल्ली या सूखे मेवों से बने पकवानों का भोग लगाएं। सुगंधित धूप व दीप जलाकर महासरस्वती के नीचे लिखे बीज मंत्र ‘ऐं’ युक्त इस असरदार मंत्र को आसन पर बैठकर यथाशक्ति अधिक से अधिक बार तुलसी या चंदन की माला से बुद्धि व विवेक से सफलता की कामना के साथ करें –

ॐ ऐं नम:

*पूजा व मंत्र जप के बाद आरती कर देवी को चढ़ाया प्रसाद स्वयं व परिजनों का खिलाएं।
*ब्रिटेन की यूनीवर्सिटी ऑफ वारविक में हुए अध्‍ययन में कहा गया है कि याद रखने की ताकत बढ़ाने में एक चम्‍मच चीनी मददगार हो सकती है। इससे लोगों को मूड सुधरता है और दिमाग अधिक ताजगी के साथ काम करने लगता है। उम्र चाहे कितनी भी हो, मीठा ड्रिंक पीने के बाद लोग पहले से ज्‍यादा ऊर्जावान, खुश और अच्‍छी याद्दाश्‍त का अनुभव करते हैं। विशेषज्ञों का दावा है कि एक चम्‍मच चीनी के बराबर मीठा खाने से उनका आत्‍म विश्‍वास बढ़ता है, जिससे व्‍यक्‍ति दिमागी रूप से मजबूत होता है।
    शोधकर्ताओं का दावा है कि इस अध्‍ययन से अधिक उम्र में खानपान के तौर-तरीकों को नए तरह से समझने में मदद मिलेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक उम्र में ज्यादा जोश से अपना काम करने के लिए प्रेरणा की जरूरत होती है, जो कम समय के लिए ब्‍लड शुगर का स्‍तर बढ़ने से प्रेरणा मिल सकती है। इस काम में एक चम्‍मच चीनी के बराबर मीठा पेय अच्छा रहता है।
इस अध्‍ययन के लिए विशेषज्ञों ने लोगों को कम मात्रा में ग्‍लूकोज या शक्‍कर वाला पेय पीने को दिया। 65 साल से अधिक उम्र के लोगों ने चीनी पीने के बाद जोश, याद्दाश्‍त और प्रदर्शन में बेहतरी महसूस की, जबकि आर्टिफीशियल स्‍वीटनर लेने वालों के साथ ऐसा नहीं हुआ। 18 से 27 साल की उम्र के लोगों ने भी चीनी या ग्‍लूकोज वाला पेय पीने के बाद जोश, याद्दाश्‍त और प्रर्दशन में इजाफा महसूस किया।
शोधकर्ताओं का कहना है कि अधिक उम्र में मुश्‍किल काम में दिमाग लगाने से उसकी ताकत बढ़ती है। उम्रदराज लोगों में मुश्‍किल कामों की चुनौती लेने के लिए प्रेरित करने में चीनी काफी मददगार हो सकती है। यह अध्‍ययन साइकोलॉजी एंड एजिंग जर्नल में प्रकाशित हो चुका है।














































19.7.18

फलों के छिलके मे छुपा है सेहत का राज:Secrets of health in fruit peels


                                                 

फलों और सब्जियों से कहीं अधिक पौष्टिक और फायदेमंद उनके छिलके होते हैं। फलों तथा सब्जियों को छिलके समेत खाना अत्यधिक स्वास्थ्यवर्धक होता है।

फलों के छिलके
हम फलों का सेवन करने के बाद उनके छिलकों फेंक देते हैं। अगर आपकी भी यहीं आदत है तो इसे बदल दीजिए। फलों के साथ इसके छिलके भी बेहद गुणकारी तथा औषधीय तत्वयुक्त पौष्टिक होते है। कई फलों के छिलके शरीर कीप्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाते हैं। सभी फलों को छिलकों सहित नहीं खाया जा सकता है। इसके लिए उन्हें उतारने के बाद गूदों को खा जाएं और छिलकों को पानी में उबालकर चाय की तरह सेवन करें।

संतरे का छिलका

लगभग सभी एंटी कोलेस्ट्रोल यौगिक संतरे के छिलके में पाए जाते हैं। ये यौगिक हमारे शरीर में एलडीएल या बुरे कोलेस्ट्रोल से लड़ने में सहायक होते हैं। ये कोलेस्ट्रोल हृदय की धमनियों में थक्के और प्लाक जमने का कारण होते हैं। अत: अपने आहार में संतरे के छिलके शामिल करके आप अपने शरीर में कोलेस्ट्रोल के स्तर को कम कर सकते हैं।
पपीते का छिलका
पपीते के छिलके सौंदर्यवर्धक माने जाते हैं। पपीते को खाने से पेट की समस्याओं का निदान होता है। लेकिन इसकसे छिलके को धूप में सुखाकर बरीक पीस लें और ग्लिसरीन में मिलाकर लेप बनायें और चेहरे पर लगायें। इससे चेहरे की खुसकी दूर होगी और चेहरे पर चमक आयेगी। त्वचा पर लगाने से खुश्की दूर होती है। एड़ियों पर लगाने से वे मुलायम होती हैं।
केला का छिलका
केले के छिलके में सेरोटोनिन हार्मोन को सामान्य बनाए रखने के गुण मौजूद होते हैं। यह हार्मोन खुश रहने के लिए जरूरी होता है। केले के छिलकों में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व और कार्बोहाइड्रेट होते हैं। इसमें विटामिन बी-6, बी-12, मैगनीशियम, कार्बोहाइड्रेट, एंटीऑक्सीडेंट, पोटेशियम, मैगनीशियम और मैंगनीज जैसे पोषक तत्व होते हैं जो मेटाबॉलिज्म के लिए बेहद उपयोगी होते हैं।
बेरी-अंगूर
अंगूर के छिलकों में कोलैस्ट्रोल घटाने की क्षमता है । इसलिए मिक्सर में अंगूर व बेरी का जूस तैयार कर पीने के बजाय उन्हें चूसकर खाना चाहिए । जूस बनाने से उनके छिलकों में विद्यमान पौष्टिक तत्व पिसकर नष्ट हो जाते हैं ।इसी प्रकार अमरूद के छिलकों में एंटीआक्सीडैंट गूदे से अधिक मात्रा में पाया जाता है
अनार का छिलका
अनार के छिलकों में भी एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो त्वचा को मुंहासों व संक्रमण से दूर रखने में मदद करते हैं। इसके छिलके को सुखाकर तवे पर भुन लें। ठंडा होने पर मिक्सर में पीसे और पैक की तरह चेहरे पर लगाएं। मुंहासे दूर होंगे। इसके साथ ही छिलके को मुंह में रखकर चूसने से खांसी का वेग शांत होता है। अनार के छिलके के बूरादे को बारीक पीसकर उसमें दही मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बनाकर सिर पर लगाने से बाल मुलायम होते हैं।
सेब
सेब के छिलकों में इतने अधिक पोषक तत्व हैं के ये सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को दूर कर सकता है। इसलिए ही डॉक्टर सेब को बिना छीले खाने की सलाह देते हैं।सेब के छिलकों में मौजूद क्यूरसेटिन नामक तत्व सांसों से संब‌िधित दिक्कतों जैसे दमा आदि से बचाव में काफी मददगार है। सेब के छिलकों में युरसोलिक एसिड अच्छी मात्रा में होता है जो शरीर में ब्राउन फैट्स की मात्रा बढ़ाता है जिससे फैट्स बर्न होता है और वेट लॉस आसान हो जाता है।


















































पोहा है वजन कम करनेवाला सेहतमंद नाश्ता //poha ka nashta

                                                                                     
                                                       





पोहा पीटे हुए चावल से बना एक स्‍वस्‍थ नाश्ता है। यह आसानी से तैयार होने वाला स्‍वादिष्‍ट और अधिक मात्रा में सब्जियों की मौजूदगी के कारण बेहद पौष्टिक होता है। भारत के विभिन्न राज्यों में, पोहा अलग अलग तरीकों से तैयार किया जाता है और कई घरों का तो यह एक प्रधान नाश्ता है।

भारत में पोहा सुबह के नाश्ते के तौर पर खासा पसंद किया जाता है। लंबे समय से भारतीय पोहे का सुबह के नाश्ते में सेवन कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अब बाजार में ओट और कीनोआ जैसे नाश्ते के तौर पर सेवन किए जाने वाले आहार भी मौजूद हैं, इनको बनाने वाली कंपनिया दावा करती हैं कि इनसे आप तेजी से वजन कम कर सकते हैं। लेकिन इन सब के बीच विशषज्ञों का मानना है कि पोहा सबसे सेहतमंद नाश्ता है। पोहे में 76.9 फीसदी कार्बोहाइड्रेट्स और 23.1 फीसदी प्रोटीन होता है। जो कि इसे एक सेहतमंद नाश्ता बनाता है, जो आपको सुबह-सुबह ऊर्जा देता है।
हल्का आहार :
अधिकांश स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति जागरूक लोग वजन घटाने वाले आहार में कुछ समय के लिए पोहा को शामिल कर इसके प्रभाव को देखते हैं। यह आहार पेट के लिए हल्‍का होता है और आमतौर पर कम मात्रा में परोसा जाता है साथ ही यह एक स्‍वस्‍थ जीवन शैली को आगे बढ़ने में मदद करता है। इस आहार को नींबू के साथ परोसा जाता है। पोहे पर नींबू के रस की मौजूदगी इसे अतिरिक्‍त स्‍वास्‍थ्‍य लाभ प्रदान करती हैं।
- पोहा खाने से पेट से संबंधित समस्याएं नहीं होंगी क्योंकि इसमें बहुत ही कम मात्रा में ग्लूटीन पाया जाता है.
- डायबिटीज के मरीज को पोहा खिलाने से भूख कम लगती है साथ ही ब्लडप्रेशर लेवल में रहता है.
- पोहे में बहुत ज्यादा मात्रा में कैलोरी पायी जाती है. इसे कई तरीके से बनाया जाता है. जहां वेजीटेबल पोहा में 244 किलो कैलोरी होती है वहीं मूंगफली पोहा में 549 किलो कैलारी शामिल होती है.
पोहा भारत का एक मशहुर नाश्ता है, जिसे चावल से बनाया जाता है। वे कहती हैं कि यह अपने आप में एक पूर्ण आहार है। इसमें भारी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स, आयरन और फाइबर होते हैं। साथ ही पोहे में एंटी ऑक्सीडेंट और जरूरी विटामिन की भी जरूरी मात्रा में होती है। वे कहती हैं कि यह सुबह के नाश्ते के लिए या दिन में किसी भी समय स्नैक की तरह खाया जा सकता है। इसके अलावा इसमें कार्ब्स की मात्रा बहुत कम होती है। साथ ही इसमें इंसुलिन न होने के कारण पोहा वजन कम करने में भी मदद करता है।
क्योंकि पोहा को चावलों को पीटकर बनाया जाता है। जिसके कारण ये आासनी से पच जाता है, जिस कारण पेट पर दबाव नहीं रहता और आपको पूरे दिन पेट फुला हुआ महसूस नहीं होता।
अगर आप सोचते हैं पोहा सिर्फ ब्रेकफास्ट मील है तो यह काफी नहीं है. पोहे में ऐसे कई गुण हैं जो आपको हेल्दी रखने में काफी मददगार हैं. जानिए एक्सपर्ट क्या कहते हैं पोहे के बारे में.
- पोहे में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है. इसको खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन और इम्यूनिटी पावर बढ़ती है.
- पोहे में सबसे ज्यादा सब्जियों का इस्तेमाल किया जाता है. जिस कारण यह खनिज, विटामिन और फाइबर का खजाना हो जाता है.
- अगर पोहे में सोयाबीन, सूखे मेवे और अंडा मिलाकर खाया जाए तो विटामिन के साथ ही प्रोटीन भी मिलेगा.
- पोहे में अच्छी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है. जिससे शरीर को ऊर्जा मिलती है. इससे शरीर को बीमीरियों से लड़ने में मदद मिलती है.
पोहे को पचाने में शरीर को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती. यह आसानी से पचने वाला खाना है.
- वहीं एक्सपर्ट का मानना है कि पोहे को ब्रेकफास्ट में खाने से इसका फायदा कई गुना बढ़ जाता है.
कार्बोहाइड्रेट से भरपूर
आप पोहे पर भरोसा कर इसे कार्बोहाइड्रेट के लिए अपना प्राथमिक स्रोत बना सकते हैं। पीटा चावल अन्य कार्बोहाइड्रेट विकल्पों की तुलना में स्वस्थ होता है। आप चिप्स या अन्य नाश्ते की तुलना में नाश्ते में इसे खा सकते हैं। पर्याप्त कार्बोहाइड्रेट के बिना, आप अपनी दैनिक गतिविधियों को नहीं कर सकते हैं। एक और अच्छी खबर, पोहा फाइबर से भी समृद्ध होता है।
पोषक तत्व से भरपूर
पोहे में अनेक प्रकार की सब्जियों को मिलाने के कारण इसमें विटामिन और मिनरल की अधिकता पाई जाती है। आप इसे स्‍वादिष्‍ट और प्रोटीन युक्‍त बनाने के लिए इसमें मूंगफली और अंकुरित दालों को भी मिला सकते हैं। कुछ लोग पोहे को प्रोटीन से भरपूर बनाने के लिए इसमें अंडा भी मिला देते हैं। आप इसे अपने बच्‍चे के लंच बॉक्‍स में भी पैक कर सकते हैं।
ग्लूटेन का कम स्तर
पोहा में ग्‍लूटेन के कम स्‍तर के कारण, कम ग्‍लूटेन खाद्य पदार्थों का उपभोग करने वाले डॉक्‍टर की सलाह से इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। पोहा मधुमेह रोगियों द्वारा भी सेवन किया जा सकता है। यह पोहे के स्वास्थ्य लाभ में से एक है।
मधुमेह रोगियों के लिए
खून में शुगर के धीमी गति से बढ़ावा देने के कारण पोहा मधुमेह रोगियों के लिए भोजन का अच्‍छा विकल्प माना जाता है। साथ ही यह आपको लंबे समय तक पूर्ण महसूस करता है। एक बार इसके सेवन से आप भूख के कष्‍ट और अस्वास्थ्यकर मिठाई और जंक फूड को दूर रखने में पर्याप्‍त होता है। इसके पोषक मूल्य में वृद्धि करने के लिए आप इसमें सोया मिला सकते हैं।
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