13.12.23

चीकू फल सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं ,जानिए इसके ख़ास फायदे

 



  हर फल की अपनी अलग खासियत और स्वाद होता है, जिसकी वजह से उसे पसंद किया जाता है। ऐसे ही फलों में सपोटा यानी चीकू का नाम भी शुमार है। इस फल में एक अलग मिठास के साथ ही अनेक ऐसे गुण हैं, जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं। यह फल ही नहीं बल्कि इसके पेड़ के विभिन्न हिस्सों का इस्तेमाल लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने और उनके लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है।
चीकू विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसलिए यह फल सेहत के साथ ही त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। हम लेख में आगे चीकू के फायदे पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इस दौरान हम चीकू के गुण के बारे में बताएंगे, जो शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही त्वचा और बालों पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं। ध्यान दें कि चीकू के खाने के फायदे तो हैं ही इसके साथ ही चीकू के पत्ते, जड़ और पेड़ की छाल भी काफी उपयोगी होती हैं, जिनका इस्तेमाल स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जा सकता है
सेहत/स्वास्थ्य के लिए चीकू के फायदे

वजन नियंत्रण:

अगर आप बढ़ते वजन से परेशान हैं और अपना वजन वजन नियंत्रण करना चाहते हैं तो आपकेे लिए चूकी फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि चीकू का फल गैस्ट्रिक एंजाइम एवं मेटाबॉलिज्म नियंत्रित होते हैं। इसके साथ ही चीकू में प्रचूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो आपको लम्बे समय तक भूखे रहने की क्षमता देता है और भूख लगने से बचाता है। इस कारण आप अधिक भोजन खाने से बच जाते हैं और आपका वजन नियंत्रित रहता है।

कैंसर:

लंबे समय से चीकू में कैंसर गुण हैं या नहीं इसको लेकर शोध किया जा रहा था। हाल ही में किए गये शोध के मुताबिक चीकू में एंटी-कैंसर गुण पाए गये हैं। इससे संबंधित एक शोध के मुताबिक चीकू के मेथनॉलिक अर्क में कैंसर के ट्यूमर को बढ़ने से रोकने के गुण पाए गये हैं। रिसर्च के मुताबिक चीकू का सेवन न करने वाले चूहों के मुकाबले इसका सेवन करने वालों के जीवन में 3 गुना वृद्धि हुई और ट्यूमर की बढ़ने की गति भी धीमी पाई गयी (। वहीं, चीकू और इसके फूल के अर्क को ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मददगार पाया गया है। फिलहाल, इंसानों पर इसके प्रभाव जानने के लिए और शोध की आवश्यकता है। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि कैंसर एक गंभीर रोग है और इसके इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो घरेलू उपचार की जगह डॉक्टरी उपचार को प्राथमिकता देना एक अच्छा फैसला है।

इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए

इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए आप चीकू का प्रयोग कर सकते हैं। चीकू में पाया जाने वाला विटामिन-सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है और शरीर को बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाता है। इसके साथ ही यह शरीर में होने वाले कमजोरी को दूर करता है और आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करता है

पाचन और कब्ज:

पाचन क्रिया में सुधार के लिए फाइबर आवश्यक होता है। फाइबर शरीर में मौजूद खाद्य पदार्थों को पचाने के साथ ही अपशिष्ट पदार्थ को मल के माध्यम से बाहर निकालने में मदद कर सकता है। सपोडिला यानी चीकू में भी फाइबर होता है, इसलिए माना जाता है कि चीकू खाने के फायदे में पाचन भी शामिल है। इसमें मौजूद फाइबर लैक्सेटिव की तरह काम करता है, जिसकी मदद से मल आसानी से मलद्वार से बाहर निकल जाता है और कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है। चीकू के फल को पानी में उबालकर पीने से डायरिया भी ठीक हो सकता है। वहीं चीकू में मौजूद टैनिन (Tannins- प्लांट यौगिक) एटी-इंफ्लामेटरी की तरह काम करते हैं। वहीं चीकू में मौजूद टैनिन (Tannins) एटी-इंफ्लामेटरी की तरह काम करते हैं। यह प्रभाव पाचन तंत्र संबंधी समस्याओं जैसे फूड पाइप में होने वाली सूजन (Esophagitis), छोटी आंत में होने वाली सूजन (Enteritis), इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम (आंत संबंधी विकार), पेट दर्द और गैस की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है

सर्दी और जुखाम:

चीकू के फायदे में खांसी-जुखाम से बचाव भी शामिल है। यह कफ और बलगम को नाक की नली (Nasal Passage) और श्वसन पथ (Respiratory Tract) से हटाकर सीने की जकड़न और क्रॉनिक कफ से आराम दिलाने में मदद कर सकता है। एनसीबीआई (National Center For Biotechnology Information) पर छपे एक शोध के मुताबिक उपचार की पारंपरिक प्रणाली में सपोडिला यानी चीकू की पत्तियों का उपयोग भी सर्दी और खांसी के लिए किया जाता रहा है । ऐसे में माना जाता है कि इसकी पत्तियों को उबालकर इसका पानी पीने से सर्दी और खांसी से राहत मिल सकती है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सपोटा और इसकी पत्तियों में मौजूद कौन सा केमिकल कंपाउंड सर्दी-जुखाम से राहत दिलाने में मदद करता है। वैसे यह एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण भी प्रदर्शित करता है । ये गुण कुछ हद तक सर्दी-जुखाम से बचाव में मदद कर सकते हैं।

आंखों के लिए -

चीकू में विटामिन ए होता है, जो आंखों के लिए अच्छा होता है। आप हेल्दी आंखों की रोशनी के लिए इसे खा सकते हैं ये आई इंफेक्शन को भी रोक सकते हैं।

टूथ कैविटी:

दांतों में कैविटी होना काफी आम हो गया है, जिसकी अहम वजह है बैक्टीरिया। इस समस्या से निपटने में चीकू मदद कर सकता है। दरअसल, चीकू में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण यहां लाभदायक हो सकते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने और इनसे बचाव में मदद कर सकते हैं। साथ ही इस पर किए गए शोध में जिक्र मिलता है कि सपोडिला (चीकू) फल में पाए जाने वाले लैटेक्स (एक तरह का गम) का उपयोग दांतों की कैविटी को भरने के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा, चीकू में मौजूद विटामिन-ए ओरल कैविटी कैंसर से बचाव में मदद कर सकता है

स्वस्थ हड्डियों के लिए चीकू के फायदे:

हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन काफी अहम पोषक तत्व माने जाते हैं। ऐसे में इन तीनों पोषक तत्वों से भरपूर चीकू ह़ड्डी को मजबूत बनाकर उसे लाभ पहुंचा सकता है। चीकू में कॉपर की मात्रा भी पाई जाती है, जो हड्डियों, कनेक्टिव टिश्यू और मांसपेशियों के लिए जरूरी होता है। कॉपर ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी से जुड़ा रोग), मांसपेशियों की कमजोरी, ताकत में कमी और कमजोर जोड़ों की आशंकाओं को कम करने का काम कर सकता है। कॉपर के साथ ही इसमें मौजूद मैंगनीज, जिंक और कैल्शियम बुढ़ापे की वजह से हड्डी को होने वाले नुकसान से बचाने में सहायक हो सकते हैं

किडनी स्टोन के लिए चीकू के फायदे:

गलत खान-पान और लाइफ स्टाइल की वजह से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए सपोटा यानी चीकू मदद कर सकता है। किडनी स्टोन से बचाव करने और इसके लक्षण कम करने के लिए चीकू फल के बीज को पीसकर पानी के साथ सेवन करना लाभदायक माना जाता है। दरअसल, इसमें ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण होते हैं। माना जाता है कि यह गुण किडनी में मौजूद स्टोन को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालने में मदद कर सकता है

एंटी-इंफ्लामेटरी:

टैनिन की उच्च मात्रा की वजह से चीकू एंटी-इंफ्लामेटरी एजेंट की तरह काम करता है। यह आंत संबंधी समस्या, सूजन और दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। यह प्रभाव सूजन व एडिमा से बचाव यानी शरीर के किसी भी हिस्से में तरल पदार्थ व द्रव इकट्ठा होने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह इंफ्लामेशन से संबंधित अन्य रोग से भी राहत दिलाने और बचाव करने में फायदेमंद साबित हो सकता है । इंफ्लामेशन की वजह से होने वाले रोग में गठिया (Arthritis), ल्यूपस ( जब इम्यून सिस्टम खुद स्वस्थ कोशिकाओं को नष्ट करता है, जिससे जोड़ों, किडनी, हार्ट और कई हिस्सों पर असर पड़ता है), मल्टीपल स्क्लेरोसिस (मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की अक्षमता) जैसी बीमारियां शामिल हैं

स्किन के लिए अच्छा:

चीकू में मौजूद विटामिन C कोलेजन के उत्पादन में मदद करता है. इस फल को खाने से झुर्रियों को जल्दी आने से रोका जा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें एस्कॉर्बिक एसिड, फ्लेवोनोइड्स और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं.

रक्तचाप:

सपोटा में मौजूद मैग्नीशियम रक्त वाहिकाओं को गतिशील बनाए रखता है। इसके अलावा, चीकू में मौजूद पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। रोजाना चीकू को उबालकर इसका पानी पीने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है

प्रेगनेंसी:

कई फल होते हैं जिन्हें गर्भावस्था के दौरान सेवन करना लाभदायक हो सकता है, उन्हीं फलों में से एक है चीकू। कार्बोहाइड्रेट, प्राकृतिक शुगर, विटामिन-सी जैसे कई आवश्यक पोषक तत्वों की उच्च मात्रा से भरपूर होने के कारण इसे गर्भवतियों और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए चीकू को बेहद फायदेमंद माना जाता है। यह गर्भवतियों को होने वाली कमजोरी को दूर करने के साथ ही गर्भावस्था के अन्य लक्षण जैसे मतली और चक्कर आने की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही चीकू में मौजूद आयरन और फोलेट जैसे पोषक तत्व गर्भावस्था के दौरान एनीमिया के खतरे से बचाने में लाभदायक हो सकते हैं। इसके अलावा, चीकू में मैग्नीशियम भी होता है, जिसे ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक माना जाता है

एलर्जी-

चीकू खाने से एलर्जी की परेशानी होना एक आम समस्या है. इसमें टैनिन और लेटेक्स जैसे केमिकल होते हैं जो एलर्जी को ट्रिगर कर सकते हैं. अगर आपको चीकू खाने से शरीर में किसी भी तरह का बदलाव नजर आता है तो आप इसका सेवन न करें.

झुर्रिया और एंटी-एजिंग:

झुर्रिया को बढ़ती उम्र की निशानी माना जाता है। कई बार त्वचा का ख्याल न रखने की वजह से समय से पहले चेहरे पर झुर्रिया पड़ने लग जाती हैं। यही वजह है कि लोग कई तरह की एंटी-एजिंग क्रीम का इस्तेमाल करते हैं। अगर घरेलू उपचार की बात की जाए तो चीकू एक फायदेमंद विकल्प के रूप में काम कर सकता है। दरअसल, इसमें एंटी-ऑक्सिडेंट प्रभाव के साथ ही पॉलीफेनोल और फ्लेवोनॉयड कंपाउंड होते हैं, जो झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकते हैं । इसलिए चीकू को हैप्पी फूड भी कहा जाता है।

नुकसान-

डायबिटीज-

डायबिटीज रोगियों को चीकू का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, यदि शुगर लेवल बढ़ा हुआ है तो चीकू के सेवन से बचना चाहिए. इससे शुगर लेवल और बढ़ सकता है.

स्वाद में बदलाव-

कच्चा चीकू फल खाने से मुंह का स्वाद कड़वा हो सकता है. क्योंकि इसमें लेटेक्स और टैनिन की अधिक मात्रा मौजूद होती है, जो मुंह के स्वाद को कड़वा बना सकते हैं.

पेट दर्द की समस्या -

कई बार चीकू (Chikoo) के सेवन से व्यक्ति को पेट में दर्द हो सकता है। इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में फाइबर होता है, ऐसे में किसी भी चीज को ज्यादा खाने से परेशानी हो सकती है।

चीकू न खाएं-

रात में आपको चीकू भी नहीं खाना चाहिए. चीकू में शुगर की मात्रा काफी होती है. इससे शरीर में शुगर और एनर्जी का लेवल बढ़ जाता है और आपको नींद आने में परेशानी हो सकती है.
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10.12.23

मोटा पेट और लटकती तोंद को काबू में लाने वाली सब्जियां






वजन कम करने के लिए लिए अपने खानपान में बदलाव करना सबसे ज्यादा जरूरी माना जाता है. अगर आप पेट की चर्बी या पेट के मोटापे से परेशान हैं और चाहते हैं कि आप भी दूसरों की तरह स्लिम और फिट दिखें तो आपको अपने खाने में कुछ चीजों को शामिल करने की जरूरत है. आप अगर प्रोपर वेट लॉस डाइट भी फॉलो नहीं करते हैं तो भी सामान्य चीजों को खाकर फैट बर्न कर सकते हैं. पेट कम कैसे करें? मोटापा घटाने के तरीके सबके लिए एक जैसा काम नहीं करते हैं, लेकिन कैलोरी का ध्यान रखना जरूरी है. ये आप भी जानते हैं कि हम जाने अनजाने में हाई कैलोरी वाली चीजें खा लेते हैं, लेकिन हम इसे आसानी से रोक सकते हैं. आपको बस अपनी डाइट में कुछ हाई फाइबर वाली सब्जियों को शामिल करना और रात के खाने में डेली इन्हें बदल-बदलकर खाना है. कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आने लगेगा. चलिए जानते हैं कौन सी सब्जियां वजन घटाने में मददगार साबित हो सकती हैं.

लौकी

लौकी, वेट लॉस करने वालों के लिए परफेक्ट सब्जी है। इस सब्जी में 90 प्रतिशत तक पानी होता है। इसके अलावा इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो कि मेटाबोलिज्म को तेज करता है और पाचन क्रिया में तेजी लाता है। इसके अलावा ये शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में तेजी से काम करता है जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है।

गाजर

गाजर में प्रचुर मात्रा में घुलनशील फाइबर होता है. ये कैरोटीनॉयड और ल्यूटिन जैसे प्लांट कंपाउंड का भी एक बड़ा स्रोत है. कैरोटीनॉयड इम्यून फंक्शन को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है. साथ ही वजन घटाने में भी कारगर साबित हो सकता है.

पालक

पालक खा कर आप सच में अपना वजन घटा सकते हैं। इसका प्रोटीन वेट लॉस में तेजी से मदद करता है और मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है। इसके अलावा इसका फाइबर बॉवेल मूवमेंट को तेज करने में भी मददगार है। तो, वेट लॉस के लिए पालक की स्मूदी पिएं या फिर इसे ऐसे ही सलाद में खाएं।

चुकंदर

चुकंदर जड़ वाली सब्जी है जो घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर प्रदान करती हैं. चुकंदर भी नाइट्रेट का एक अच्छा स्रोत है, जो आपकी ब्लड वेसल्स को चौड़ा करने और ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है. साथ ही वजन घटाने में भी लाभकारी है.

खीरा

वेट लॉस में खीरा काफी कारगर तरीके से आपकी मदद कर सकता है। दरअसल, खीरे में पानी की अच्छी मात्रा होती है जो कि शरीर में हाइड्रेशन लेवल को बढ़ाता है और बॉवेल मूवमेंट को तेज करता है। साथ ही ये पेट को भरा रखता है और भूख कंट्रोल करता है। इसके अलावा इसका फाइबर, मेटाबोलिज्म बढ़ता है और आंतों में चिपके फैट को बाहर निकालते हुए वेट लॉस में तेजी से मदद करता है।

फूलगोभी

फूलगोभी कम कार्ब वाली और हाई फाइबर वाली सब्जी है. अपने फाइबर सेवन को बढ़ाने के लिए चावल, स्टेक और चिकन विंग्स की जगह फूलगोभी लें. इसे रात के खाने में शामिल कर वजन घटाने में आसानी होती है.

बैंगन

बैंगन में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं. इसके साथ ही ये एंटीऑक्सीडेंट, एंथोसायनिन का शक्तिशाली स्रोत है. यही चीज बैंगन को उनका गहरा बैंगनी रंग प्रदान करती है. ये सभी तत्व वजन लॉस में मददगार माने जाते हैं.

करेला

यह एक लो कैलोरी वाली सब्जी है जो अच्छी मात्रा में घुलनशील फाइबर देती है. अपना फैट कम करना चाहते हैं तो इस सब्जी को डाइट में शामिल करना तो बनता है. वजन घटाने के लिए करेला को कई तरीके से डाइट में शामिल किया जा सकता है.

पत्ता गोभी

पत्ता गोभी को आप वेट लॉस डाइट में कई प्रकार से शामिल कर सकते हैं। आप इसे कच्चा खा सकते हैं। आप इसका सूप पी सकते हैं। यानी कि आप पत्ता गोभी का कई प्रकार से सेवन कर सकते हैं और इसका फाइबर और रफेज शरीर में जमा चर्बी को साफ करने में मदद करेगा।

ब्रोकली

ब्रोकली में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होने के साथ हाई कैलोरी भी होती है। यानी कि इसे खा कर आपका पेट लंबे समय तक के लिए भरा रह सकता है। साथ ही इसके माइक्रोन्यूट्रीएंट्स वेट लॉस में काफी मदद करते हैं और इसलिए इसे वेट लॉस डाइट का हिस्सा बनाया जाता है।
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9.12.23

सर्दियों में गुनगुनी धुप में बैठने के इतने सारे फायदे नहीं जानते होंगे आप!




शरीर में विटामिन डी (vitamin D) की कमी को पूरा करने का सबसे अच्छा स्रोत है धूप 

 विटामिन डी की (vitamin d deficiency) कमी पर कई हेल्थ एक्सपर्ट्स  हमें धूप में बैठने की सलाह देते हैं. इसकी कमी से न सिर्फ हमारी हड्डियों पर असर पड़ता है बल्कि हमारी इम्यूनिटी, मांसपेशियां भी कमजोर होती हैं. लेकिन सवाल ये बनता है कि आखिर धूप में किस समय बैठने से विटामिन डी की सही मात्रा हमारे शरीर को मिलेगी. अगर आप भी इससे अनजान है तो यहां आप जानेंगे धूप में बैठने का सही समय और विटामिन डी पूरा करने के और भी कई तरीके जो आपके शरीर को दिलाएगा और भी कई फायदे.
शरीर में धूप से विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आपको हर मौसम में सुबह 8 बजे लेकर 11 बजे तक बैठना चाहिए. ये वो समय होता है जब धूप की रौशनी बहुत तेज नहीं होती और हमारे शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिलती है. आपको बता दें कि गर्मी में 20- 25 मिनट और सर्दी में लगभग 2 घंटे की धूप सेंकना फयदेमंद माना जाता है.

विटामिन डी प्रदान करता है

स्वाभाविक रूप से विटामिन डी की अनुशंसित दैनिक खुराक प्राप्त करना सुबह के सूर्य का उपयोग करने के प्रमुख लाभों में से एक है. ज्यादातर भारतीयों में विटामिन डी की कमी होती है, जो शरीर को फ्लू सहित कई प्रकार की बीमारियों और संक्रमणों से बचाने और हेल्दी बोन्स और दांतों को बनाए रखने के लिए जरूरी है. सूर्य के संपर्क में आने की प्रतिक्रिया में मानव शरीर द्वारा विटामिन डी का उत्पादन किया जाता है.
नींद में सुधार करता है


नींद को बढ़ावा देने के लिए आपके शरीर द्वारा उत्पादित हार्मोन मेलाटोनिन जरूरी है. शोध के अनुसार, सुबह-सुबह एक घंटे की प्राकृतिक रोशनी मिलने से आपकी नींद में सुधार होगा. अपने शरीर को निर्देश देकर कि कब अधिक और कम मेलाटोनिन का उत्पादन करना है, सूरज की रोशनी आपके सर्कैडियन रिदम को कंट्रोल करती है.
सर्दी में अगर आप धूप सेंकते है तो आपका चेहरा भी ग्लो करता है. साथ ही अगर आपको जुकाम, बुखार हो रहा हो तो धूप सेंकने से ये भी ठीक हो जाएगा. धूप सेंकने से आपका इम्यून सिस्टम काफी मजबूत रहता है, अगर आपके शरीर की इम्यूनिटी मजबूत रहेगी तो जाहिर तौर पर आप किसी भी बीमारी से लड़ने मे सक्षम रहेंगे. सर्दी के मौसम में वैसे भी बीमारी जल्दी पकड़ करती है.

कैंसर को रोक सकता है


विडंबना यह है कि अगर सही तरीके से न किया जाए तो सनबाथिंग कैंसर पैदा करने के साथ-साथ कैंसर को भी रोक सकता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि विटामिन डी की कमी लेवल और सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख कारणों में से एक है. सूर्य के संपर्क में आने पर मानव त्वचा द्वारा विटामिन डी के तीव्र लेवल का उत्पादन किया जा सकता है. इसलिए कुछ कैंसर को रोकने के लिए त्वचा पर कोई लोशन या तेल लगाए बिना हर दिन धूप में समय बिताना जरूरी

हड्डियों को मजबूत बनाता है

बाहर रहना विटामिन डी प्राप्त करने का सबसे बड़ा और सरल तरीका है. धूप के संपर्क में आने पर हमारा शरीर विटामिन डी का निर्माण करता है. अगर आपकी त्वचा गोरी है, तो हर दिन 15 मिनट धूप में रहना काफी है.

अवसाद में सुधार हो सकता है

धूप में समय बिताने के बाद अवसाद के लक्षणों में कमी देखी जा सकती है. हार्मोन सेरोटोनिन जो मूड में भी सुधार कर सकता है और शांति की भावनाओं को बढ़ावा दे सकता है, सूर्य के प्रकाश द्वारा जारी किया जाता है. बाहर समय बिताने से शायद बिना अवसाद के भी मूड में सुधार हो सकता है

हाई ब्लड प्रेशर को मैनेज करने में मददगार

हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए धूप सेंकना बेहद फायदेमंद होगा. यह देखा गया है कि सनबाथ लेने से त्वचा की ऊपरी परत में मौजूद नाइट्रिक ऑक्साइड को ट्रिगर करने में मदद मिलती है. ब्लड वेसल्स को बड़ा करके यह ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने में सहायता करता है. यह आपके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है.

रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है

धूप संक्रमण और कई ऑटोइम्यून बीमारियों जैसे सोरायसिस से लड़ने के लिए फायदेमंद है. विटामिन डी लेवल को बढ़ाने अपनी इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और कई वायरल बीमारियों से लड़ने के लिए सुबह की धूप में 10 से 15 मिनट के लिए धूप सेंकें.

तनाव कम करता है

बाहर रहने से आपके शरीर को स्वाभाविक रूप से मेलाटोनिन को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, जो आपके स्ट्रेस लेवल को कम करने में मदद कर सकता है. मेलाटोनिन तनाव प्रतिक्रियाशीलता को काफी कम करता है. इसके अतिरिक्त व्यायाम जो आपको बाहर रहने से मिलता है, जहां आप अक्सर शारीरिक गतिविधि में लगे रहते हैं, तनाव को कम करता है.

सूर्य की रौशनी से शरीर को यूवीए मिलेगा जो ब्लड फ्लो को बेहतर करता है.
यहां तक की शरीर में ग्लुकोज लेवल में भी सुधार होता है.


भारत में विटामिन डी के लिए कौन सी धूप अच्छी है?

सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच सूरज की रोशनी के संपर्क में रहने से पूरे साल त्वचा में विटामिन डी के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।सर्दी में अगर आप धूप सेंकते है तो आपका चेहरा भी ग्लो करता है. साथ ही अगर आपको जुकाम, बुखार हो रहा हो तो धूप सेंकने से ये भी ठीक हो जाएगा. धूप सेंकने से आपका इम्यून सिस्टम काफी मजबूत रहता है, अगर आपके शरीर की इम्यूनिटी मजबूत रहेगी तो जाहिर तौर पर आप किसी भी बीमारी से लड़ने मे सक्षम रहेंगे. सर्दी के मौसम में वैसे भी बीमारी जल्दी पकड़ करती है.
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गुर्दे की पथरी की अचूक हर्बल औषधि

हार सिंगार का पत्ता गठिया और सायटिका का रामबाण उपचार

प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ने से मूत्र रुकावट की हर्बल औषधि

घुटनों के दर्द की हर्बल औषधि

मर्दानगी बढ़ाने वाले आयुर्वेदिक नुस्खे

डिप्रेशन अवसाद से कैसे निजात पाएं

गोखरू गुर्दे के रोगों मे अचूक जड़ी बूटी

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सेहत के गुणों से भरपूर ड्रेगन फ्रूट रखता है कई बीमारियों को दूर


 


ड्रैगन फ्रूट में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन्स की मात्रा भरपूर होती है, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं.ड्रैगन फ्रूट में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा काफी ज्यादा होती है. इस वजह से अगर आप रोज इसका सेवन करते हैं तो इससे आपके शरीर को फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी.इससे ह्रदय रोगों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है.
ड्रैगन फ्रूट में फाइबर की अधिकता होती है जिस वजह से यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और वजन को कंट्रोल करने में भी आपकी मदद करता है.
ड्रैगन फ्रूट - चमकीले छिलके वाला फल जिसका गूदा काले बीजों से युक्त होता है - फिटनेस प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गया है। विदेशी फल, जिसे कैक्टस फल, ड्रैगन पर्ल फल और पिटाया भी कहा जाता है, अपने अनोखे रूप और स्वाद के लिए पसंद किया जाता है। हाल ही में, शेफ कुणाल कपूर ने भी इस उष्णकटिबंधीय फल के बारे में इंस्टाग्राम पर साझा करते हुए लिखा: “हालांकि लोग मुख्य रूप से इसके अनूठे रूप और स्वाद के लिए इसका आनंद लेते हैं

इम्यूनिटी-

ड्रैगन फ्रूट में मौजूद विटामिन सी और कैरोटीनॉयड आपके इम्यून सिस्टम को बढ़ा देने में मदद कर सकते हैं. इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए आप ड्रैगन फ्रूट का सेवन कर सकते हैं.

. आयरन-

ड्रैगन फ्रूट को आयरन से भरपूर माना जाता है. अगर आपके अंदर खून की कमी है तो आप ड्रैगन फ्रूट का सेवन कर सकते हैं. रोजाना इसे खाने से एनीमिया की कमी को दूर कर सकते हैं.एनीमिया के लक्षणों को भी कम करने में मदद मिलेगी. रोजाना ड्रैगन फ्रूट खाने से हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है.

स्किन-

ड्रैगन फ्रूट में मौजूद विटामिन सी त्वचा में कोलेजन का उत्पादन करने, बालों को मजबूत बनाने और टूटने से बचाने में मदद कर सकता है.

हार्ट-

ड्रैगन फ्रूट में ओमेगा-3 और ओमेगा-9 फैटी एसिड्स होते हैं, जो हार्ट को हेल्दी रखने में मदद कर सकते हैं.

डायबिटीज-

ड्रैगन फ्रूट को लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फ्रूट माना जाता है. ड्रैगन फ्रूट को डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी फल माना जाता है.

पाचन-

ड्रैगन फ्रूट में डाइटरी फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो हमारे पाचन को बेहतर रखने में मदद कर सकते हैं. आंतों की सेहत को भी सुधारने के लिए आप खाली पेट इस फल को खा सकते हैं. इसमें प्रोबायोटिक होता है जो खाना पचाने में मदद करते हैं और आंतों से जुड़ी समस्याओं को कम करते हैं.

सर्दी जुखाम

ड्रैगन फ्रूट में विटामिन सी की मात्रा होती है जो आपके इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकती है. इसके सेवन से मौसमी बीमारियों से बचाव होगा. सर्दी जुखाम जैसी समस्याएं भी नहीं होगी.

ड्रैगन फ्रूट को कब खाना चाहिए?

ड्रैगन फ्रूट में फाइबर की अधिकता होती है जिस वजह से यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और वजन को कंट्रोल करने में भी आपकी मदद करता है. आंतों की सेहत को भी सुधारने के लिए आप खाली पेट इस फल को खा सकते हैं. इसमें प्रोबायोटिक होता है जो खाना पचाने में मदद करते हैं और आंतों से जुड़ी समस्याओं को कम करते हैं
बाहर से गुलाबी और काटने पर सफेद, लाल, छोटे-छोटे काले बीजों वाले इस फल के बारे में आज भी बहुत कम लोग जानते या खाते होंगे. पोषक तत्वों से भरपूर ड्रैगन फ्रूट की तासीर ठंडी होती है, इसलिए गर्मी में इसे खाना बेस्ट है.

क्या हम खाली पेट ड्रैगन फ्रूट खा सकते हैं?

इसे लेने का सबसे अच्छा समय कब है? जबकि फलों का सेवन करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि पाचन तंत्र फलों की चीनी को जल्दी से तोड़ देता है और उन्हें सभी पोषक तत्व प्रदान
करता है, ड्रैगन फ्रूट को मध्य भोजन के रूप में या रात में भी खाया जा सकता है

क्या मैं एक दिन में 1 ड्रैगन फ्रूट खा सकता हूं?

इस फल में विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को बढ़ाता है और आपको स्वस्थ रहने में मदद करता है। विटामिन C ज़्यादा होने का मतलब है कि आपका शरीर घातक संक्रमणों से लड़ने में सक्षम है। आपको बस इतना करना है कि रोज़ाना 1 कप (200 ग्राम) ड्रैगन फ्रूट खाएं और स्वस्थ रहें

ड्रैगन फ्रूट कौन सी बीमारी में खाया जाता है?

चर्बी कम करना: इसमें लो-कैलोरी और हाई-फाइबर होता है, जिससे यह वजन घटाने में मदद कर सकता है. ट्वाइप 2 मधुमेह: कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि ड्रेगन फ्रूट मधुमेह के प्रभाव को नियंत्रित कर सकता है. हृदय के लिए लाभकारी: इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-9 फैटी एसिड्स होते हैं जो हृदय की सेहत के लिए अच्छे होते हैं.

ड्रैगन फूड का दूसरा नाम क्या है?

ड्रैगन फ्रूट को स्ट्रॉबेरी नाशपाती और पिताया के नाम से भी जाना जाता है। सफेद, लाल और गुलाबी रंग के गूदे वाले इस फल का स्वाद हल्का खट्टा-मीठा और रसीला होता है। यह दक्षिण अमेरिका का फल है जिसे अब दुनिया भर में उगाया जा रहा है।
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7.12.23

पेट के लिए वरदान सेहत के लिए रामबाण सीताफल शुगर में भी है फायदेमंद!




 फल और सब्जियां खाना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं. फलों में कई तरह के पोषक तत्व और विटामिंस पाए जाते हैं. यही वजह है कि रोजाना के डाइट में फल शामिल करने की सलाह दी जाती है. उसी तरह का एक फल सीताफल है. सीताफल को कई नामों से जाना जाता है जैसे कस्टर्ड एप्पल, शुगर एप्पल, चेरिमोया, शरीफा आदि. सीताफल हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होता है. यह फल विटामिन सी, मैग्नीशियम, विटामिन B6 और आयरन आदि से भरपूर होता है. यह फल हार्ट और डायबिटीज दोनों के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. आइए आज आपको सीताफल के होने वाले फायदे बताते हैं.
शरीफा विटामिन बी6 (पाइरिडोक्सिन) का बहुत अच्छा स्रोत है। इस फल के सेवन से आप अपने मूड को ठीक कर सकते हैं। शोध के अनुसार, शरीफा में मौजूद विटामिन-6 मूड से संबंधित विकारों को ठीक करने में योगदान दे सकता है। बता दें कि विटामिन बी-6 का लिंक डिप्रेशन यानी अवसार से है। वृद्ध वयस्कों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया कि विटामिन बी-6 की कमी से डिप्रेशन की संभावना दोगुनी हो जाती है। ऐसे में शरीफा का ये विटामिन डिप्रेशन के जोखिम को कम करने में आपकी मदद कर सकता है।

अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद:

सीताफल खाना अस्थमा के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इसके सेवन से फेफड़े के सूजन दूर होने के साथ एलर्जी की समस्या भी कम होती है. सीताफल के रोजाना सेवन से शरीर हेल्दी रहता है

हार्ट अटैक के खतरे को रोकने के लिए

हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए भी सीताफल का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, सीताफल में विटामिन-बी6 की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है.एक डॉक्टरी रिसर्च के अनुसार, विटामिन-बी6 का सेवन, हृदय रोग के खतरे को कम कर सकता है.इसमें हार्ट अटैक भी शामिल है।

​वजन घटाने में मदददार है शरीफा

कि कस्टर्ड सेब या सीताफल फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है। यदि वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं और फ्रूट डाइट पर हैं तोशरीफा का चुनाव करना बेहतर विकल्प है। हालांकि, ये फल कैलोरी से भरपूर होता है, लेकिन फाइबर में अधिक होने के कारण ये आपका पेट काफी देर तक भरा रखता है। इसलिए आप बार-बार अनाप शनाप स्नैक्स नहीं खाते हैं।


डाइजेस्टिव सिस्टम सुधारे:

सीताफल में फाइबर भरपूर मात्रा में होता है. इससे डाइजेस्टिव सिस्टम सही रखने में मदद मिलती है और कब्ज व डायरिया जैसी समस्याएं दूर होती हैं. इसके सेवन से डाइजेस्टिव सिस्टम सही बना रहता है

डायबिटीज के उपचार में

डायबिटीज की स्थिति में सीताफल के लाभ उपयोग में लिए जा सकते हैं। दरअसल, सीताफल में एंटी-डायबिटिक गुण पाया जाता है। यह ब्लड ग्लूकोज के स्तर में सुधार करता है और डायबिटीज के लिए जिम्मेदार विभिन्न जोखिम को भी रोकने में प्रभावी रूप से कार्य कर सकता है .इसके लिए सीताफल के गूदे की स्मूदी का सेवन किया जा सकता है। डायबिटीज में सीताफल लक्षणों को कम कर सकता है, उपचार नहीं कर सकता। बेहतर उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

​आंखों की सेहत के लिए अच्छा है शरीफा

आंखों को स्वस्थ रखे: सीताफल आंखों के लिए बेहद फायदेमंद होता है. सीताफल में मौजूद ल्‍युटिन एक पावरफूल एंटीऑक्सीडेंट है, जो आंखों में पाया जाता है. यह फ्री रेडिकल्स से बचाता है और आंखों की कई समस्याओं को दूर करके आंखों की हेल्थ को सही रखता है. आंखों के हेल्थ के लिए सीताफल बहुत फायदेमंद होता है.


इम्यूनिटी बढ़ाए:

सीताफल विटामिन सी का बहुत अच्छा स्त्रोत माना जाता है. विटामिन सी इम्यूनिटी को बढ़ाने और रोगों से बचाने में फायदेमंद है. इसकी कमी से इंफेक्शन होने का जोखिम बढ़ जाता है. इम्यूनिटी बूस्ट करने में बेहद मददगार होता है.

​शरीफा में पाए जाते हैं कैंसर रोधी गुण

चेरिमोया में कुछ यौगिक कैंसर से लड़ने में मदद कर सकते हैं। चेरिमोया में कैटेचिन, एपिक्टिन और एपिगैलोकैटेचिन सहित फ्लेवोनोइड्स जैसे तत्व होते हैं, जिन्हें टेस्ट-ट्यूब अध्ययनों में कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने के लिए दिखाया गया है। शोध में पाया गया कि कुछ कैटेचिन - जिनमें चेरिमोया शामिल हैंयस्तन कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोक सकते हैं।


ब्लड प्रेशर को करे कंट्रोल:

सीताफल ब्लड प्रेशर के लिए बेहद फायदेमंद होता है. सीताफल में पोटैशियम और मैग्नीशियम होता है, जो ब्लड वेसल्स को डाइल्यूट होने में मदद करता है. सीताफल खाने से ब्लड प्रेशर लो रहता है. इससे हार्ट डिजीज से भी बचाव संभव है.

​हड्डियों को मजबूत बनाता है सीताफल

सीताफल में मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम आपकी हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाते हैं। मजबूत हड्डियां ही एक स्ट्रांग व्यक्ति की पहचान होती हैं। इसलिए आपको इसे अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए
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6.12.23

सर्दियों में शकरकंद खाने से होते हैं कई रोग दूर ,sweet potato benefits



 शकरकंद खाने में जितना स्वादिष्ट होता है, स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही फायदेमंद होता है। अंग्रेजी में इसे स्वीट पोटैटो कहते हैं। शायद यही वजह है कि कुछ लोग इसे आलू से जोड़कर भी देखते हैं, यही कारण है कि इसे मीठा आलू भी कहा जाता है। मीठा आलू खाने के फायदे ढेरों हैं। आमतौर पर यह सर्दियों में अधिक बिकता है, क्योंकि तब इसके फायदे भी अधिक होते हैं। देश के लगभग सभी हिस्सोंं में पाए जाने वाले शकरकंद को कुछ क्षेत्रों में लोग शकरकंदी के नाम से भी जानते हैं और इसे खाने का तरीका भी अलग-अलग है।
इसे आप कच्चा और पक्का कर दोनों रूप में खा सकते हैं। कुछ लोग इसे आग में पकाते हैं और उसके बाद खाते हैं। इसकी बहुत सारी किस्म आप को दुनिया भर में आसानी से मिल जाएंगे। जो शकरकंद लाल किस्म के होते हैं उसके गूदे सूखे और ठोस होते हैं और जो शकरकंद सफेद और पीले रंग के होते हैं। उनके गूदे के अंदर बहुत ज्यादा रस होता है। जो शकरकंद (Sweet Potato) लाल किस्म के होते हैं उनकी खुशबू अलग ही होती है। जब आप उन्हें उबाल कर खाते हैं तो आपको और भी ज्यादा पोषक तत्व मिल जाते हैं। इसके अंदर बीटा कैरोटीन की मौजूदगी होती है। चलिए आज हम आपको शकरकंद खाने के फायदे और नुकसान दोनों के बारे में विस्तारपूर्वक बताते हैं।

मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए स्वीट पोटैटो के फायदे


रक्त में बढ़ता हुआ ग्लूकोज का स्तर मधुमेह की समस्या का कारण बन सकता है। इस समस्या को नियंत्रित करने या इस अवस्था से बचने में शकरकंद फायदेमंद हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए शोध के अनुसार शकरकंद में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं.इसके अलावा, शोध में पाया गया है कि शकरकंद में एंटीडायबिटिक गुण होते हैं, जो मधुमेह को नियंत्रित करने में मददगार हो सकते हैं
 जैसा कि हम सब जानते हैं कि जिन्हें डायबिटीज (diabetes) की प्रॉब्लम होती है उन्हें मीठी चीज नहीं खानी चाहिए। परंतु आपको जानकर हैरानी होगी कि मीठा आलू डायबिटीज वालों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। यह शरीर में उचित स्त्राव और कार्य में काफी सहायक होता है। जिसकी वजह से रक्त शर्करा (Blood sugar) का स्तर हमेशा संतुलित रहता है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों के लिए यह बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। अगर आप चाहे तो आप कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन या चावल की जगह इसका इस्तेमाल करें तो आपके शरीर को इससे कोई नुकसान नहीं होगा।

पाचन में करता है सुधार:


शकरकंद उच्च फाइबर सामग्री के कारण पाचन में सुधार करता है। मैग्नीशियम के साथ सहक्रियाशील रूप से कार्य करते हुए, वे स्वाभाविक रूप से हमारी पाचन प्रक्रिया को बढ़ाते हैं। साथ ही शकरकंद की सभी सामग्री पेट और आंतों के लिए बहुत सुखदायक है। इसमें स्टार्च होता है जिसे व्यक्ति आसानी से पचा सकते हैं। यह कब्ज के जोखिम को दूर करता है जो हृदय रोगों के साथ एक जरायुज व्यक्ति के लिए फायदेमंद है।

कैंसर की रोकथाम के लिए शकरकंद खाने के फायदे

कैंसर जानलेवा बीमारी है। शकरकंद का सेवन कर इस गंभीर बीमारी को पनपने से रोका जा सकता है। इस विषय पर हुए शोध के अनुसार, शकरकंद के छिलके में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीकैंसर गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा, शकरकंद में कई फायदेमंद तत्व भी होते हैं। शकरकंद में पाए जाने वाले ये गुण और तत्व विभिन्न प्रकार के कैंसर को पनपने से रोक सकते हैं . साथ ही हम स्पष्ट कर दें कि शकरकंद का सेवन कैंसर का इलाज नहीं हो सकता है। किसी व्यक्ति को कैंसर होने पर डॉक्टर द्वारा बताया गया उपचार ही फायदेमंद हो सकता है।

हड्डियों की मजबूती के लिए:

कैल्शियम की कमी के कारण हड्डियां कमजोर हो सकती है। इसलिए हड्डियों की मजबूती के लिए शकरकंद का उपयोग किया जा सकता है। क्योंकि शकरकंद में कैल्शियम व मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जिस कारण यह हड्डियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। साथ ही कैल्शियम व मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूती देने के साथ ही उनके विकास में भी मददगार होता है।

शकरकंद खाने के फायदे गठिया के उपचार में

यह बात हम सब जानते हैं कि इंसान को किसी न किसी तरह की बीमारी घेरे ही रहती है। आपको इस दुनिया में कोई भी ऐसा इंसान नहीं मिलेगा, जिसे कोई भी बीमारी ना हो। उन्हीं में से एक बीमारी लोगों को आम समस्या की तरह घेरे रहती है, वह बीमारी है गठिया (Arthritis) की बीमारी। अगर आपको गठिया की बीमारी है यानि कि आपको जोड़ो में दर्द रहता है तो जिस पानी में आप शकरकंद को उबालते हैं। उस पानी को जोड़ो पर लगाएं। शकरकंद के फायदे से आपको गठिया का दर्द भी कम हो जाएगा और उसके दर्द से काफी राहत भी मिलेगी।

शकरकंद के फायदे पेट के अल्सर के उपचार में

स्वीट पोटैटो पेट और आंतों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके अंदर बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं। जैसे कि विटामिन बी कॉन्प्लेक्स, विटामिन सी, कैरोटीन, पोटेशियम, बीटा कैरोटीन और कैल्शियम इत्यादि। इसकी वजह से आपके पेट में अगर अल्सर (stomach ulcer ) है तो वह भी ठीक हो जाएगें। अगर आप शकरकंद खाते हैं तो इससे आपको कब्ज और एसिडिटी की भी शिकायत नहीं रहेगी। इसकी वजह से आपको अल्सर होने की संभावना भी कम हो जाएगी।


शकरकंद खाने के फायदे ब्रोंकाइटिस में

ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारी अगर किसी को है उसे शकरकंद जरूर खाना चाहिए। क्योंकि इसके अंदर विटामिन सी, आयरन और कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। जिसकी वजह से यह बीमारी का खात्मा हो जाता है। अगर आप मीठा आलू खाते हैं तो यह आपके शरीर को गर्म रखता है जिसकी वजह से आपके शरीर का तापमान बराबर रहता है। अगर आपके फेफड़े में कफ जमा हुआ है तो यह उसे निकालने में भी मदद करता है।


बच्चों के लिए शकरकंद के गुण

बड़ों के साथ-साथ बच्चों के लिए भी शकरकंद खाने के लाभ हो सकते हैं। इस विषय पर कई शोध हो चुके हैं। उनमें से एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, बच्चों में विटामिन-ए की कमी से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं। शकरकंद विटामिन-ए की कमी को पूरा करने में मददगार हो सकता है। इससे समस्या को कुछ हद तक दूर किया जा सकता है, इसके अलावा यह बच्चों में अंधेपन को भी दूर करने में फायदेमंद हो सकता है (8

रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करे

कमजोर इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण सर्दी-जुकाम जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं। इस समस्या से निपटने के लिए और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए शकरकंद का उपयोग किया जा सकता है। शोध से पता चला है कि बैंगनी शकरकंद के अर्क में पॉलीसेकेराइड (polysaccharide) नामक कंपाउंड पाया जाता है। यह कंपाउंड इम्यून साइटोकाइन (immune cytokine) के स्तर को सुधारे में मददगार हो सकता है .इम्यून साइटोकाइन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

गर्भावस्था में शकरकंद खाने के फायदे

माना जाता है कि विटामिन-ए की कमी अंधपन और गंभीर मामलों में मृत्यु तक का कारण बन सकती है। इसका सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव गर्भावस्था में दिखाई दे सकता है। सामान्य अवस्था के साथ ही शकरकंद के फायदे गर्भावस्था में भी देखने को मिलते हैं। शोध में पाया गया कि शकरकंद में विटामिन-ए की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसलिए, अगर किसी को विटामिन-ए की कमी है, तो शकरकंद का सेवन फायदेमंद हो सकता है .अगर कोई गर्भवती महिला शकरकंद खाना चाहती है, तो पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें

स्वीट पोटैटो के अंदर फाइबर (Fiber) होता है। जिसकी वजह से शरीर में पानी की कमी  (डिहाइड्रेशन) कभी भी नहीं होती है। शकरकंद पानी की मात्रा को बनाए रखने में सहायक होता है। इसके अलावा यह आपके शरीर को हाइड्रेट बनाए रखने में और आपकी कोशिकाओं को अच्छे से काम करने में मदद करता है।

अस्थमा से राहत के लिए शकरकंद खाने के फायदे

अस्थमा की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए भी शकरकंद का सेवन लाभदायक हो सकता है। अस्थमा से लड़ने में एंटीऑक्सीडेंट कारगर हो सकता है और शकरकंद में कैरोटीन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। इसलिए, शकरकंद अस्थमा जैसी श्वास संबंधी समस्याओं में लाभकारी हो सकता
शकरकंद खाने के फायदे वजन बढ़ाने में
अगर आप चाहते हैं कि आपके शरीर में वजन की मात्रा बढ़ जाए तो इसके लिए शकरकंद बहुत ही अच्छा भोजन है। क्योंकि इसके अंदर बहुत ही अच्छी मात्रा में स्टार्च होता है और इसके अलावा इसमें विटामिन, खनिज और कई तरह के प्रोटीन भी पाए जाते हैं। शकरकंद बहुत ही आसानी से पच भी जाता है और आपको अधिक उर्जा भी देता है। इसलिए यह वजन बढ़ाने (Weight gain) में भी काफी सहायक होता है।

मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए

अच्छी सेहत के साथ ही मस्तिष्क का स्वस्थ होना भी आवश्यक है। इसलिए, शकरकंद का सेवन जरूर करना चाहिए। शकरकंद का नियमित सेवन मस्तिष्क की कार्य क्षमता को बढ़ा सकता है। एक शोध के मुताबिक, मीठा आलू यानी शकरकंद याददाश्त और सीखने की क्षमता को बढ़ा सकता है। इसमें एंथोसायनिन नामक कंपाउंड पाया जाता है, जिसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को दूर कर दिमाग के कार्य करने की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है

बालों के लिए शकरकंद के गुण

त्वचा और सेहत के अलावा बालों के लिए भी शकरकंद खाने के लाभ हो सकते हैं। बालों के विकास के लिए और उन्हें टूटने से बचाने के लिए कई प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जैसे विटामिन-ए, विटामिन-सी, कैल्शियम, आयरन, जिंक और बीटा-कैरोटिन . शकरकंद में इन सभी पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो बालों की कई समस्याओं को दूर करने के साथ ही उनकी ग्रोथ में मददगार हो सकते हैं.

नुक्सान-

ज्यादा शकरकंद खाने से आपके गुर्दे में पथरी होने का भी खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि इसके अंदर आपको ऑक्सलेट, कैल्शियम-ऑक्सलेट मिलता है जिसकी वजह से आपके गुर्दे में पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
शकरकंद उन लोगों को नहीं खाना चाहिए जिनके गुर्दे खराब है। ऐसे लोगों को शकरकंद डॉक्टर के परामर्श लेने के बाद ही खाना चाहिए।
कुछ लोगों को पेट दर्द की शिकायत हमेशा ही बनी रहती है या फिर उनका पेट बहुत ही जल्दी खराब हो जाता है। ऐसे लोगों को शकरकंद का सेवन नहीं करना चाहिए।
शकरकंद को मैनिटोल युक्त पदार्थ भी कहा जाता है। अगर आपको मैनिटोल युक्त पदार्थ से एलर्जी है तो आपको इसका सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

1. शकरकंद को कैसे खाएं:

आप इसे उबालकर या आग में भूनकर खा सकते हैं। देशभर में इसे अलग-अलग प्रकार से खाया जाता है। साथ ही आप किसी भी प्रकार से शकरकंद खाएं, इसका लाभ आपको भरपूर मिलेगा।

2. शकरकंद कितना खाना चाहिए:

इसे लेकर कोई मानक तो तय नहीं है, लेकिन आप कच्चा शकरकंद भी खा सकते है। क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पचने में समय लगता है। ऐसे में अगर आप अधिक मात्रा में शकरकंद का सेवन करेंगे, तो आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगेगी।

3. शकरकंद कब खाना चाहिए:


स्वीट पोटैटो खाने के फायदे तो है, लेकिन इसे खाने को लेकर लोग असमंजस में रहते हैं। साथ ही शकरकंद खाने की कोई समय सीमा तय नहीं है। इसलिए आप अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी इसका सेवन कर सकते हैं। फिर चाहे आप इसे भोजन के बाद मीठे के तौर पर खाएं या फिर सुबह नाश्ते के रूप में लें। किसी भी समय इसका सेवन किया जा सकता है।
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5.12.23

बेहद फायदे मंद होता है सर्दियों के मौसम में गराड़ू खाना





ठंड के सीजन में गराडू खाना लोगों की पहली पसंद होती है। क्योंकि यह चटपटा और कुरकुरा होने के साथ बेहद स्वादिष्ट होता है। इसलिए लोग इसे बड़े चाव के साथ खाते हैं। गराडू में फाइबर, ढेर सारे पोषक तत्व होते है साथ ही ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। इसे दिमाग के लिए भी है फायदेमंद माना जाता है। इसे बच्चों को भी खिलाना चाहिए। गराडू का स्वाद भी एक दम स्वादिष्ट होता है इसलिए बच्चे इसे बड़े शौक से खाना पसंद करेंगे।

सर्दियों के मौसम में गराड़ू खाने के ये फायदे

गराडु में भरपूर मात्रा में फाइबर यानी की रेशे अच्छी मात्रा में पाए जाते है,जिस वजह से यह पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. फाइबर वाले आहारों के सेवन से आंतों की गंदगी साफ हो जाती है और भोजन पचने में आसानी होती है. इसलिए गराडू को खाने से आपके पाचन से जुड़ी सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं जैसे- कब्ज, अपच, बदहजमी, गैस आदि. गराडू खाने से आपका पेट अच्छी तरह साफ होता है.

मौजूद हैं अनेक पोषक तत्व -

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि गराडू में कैल्शियम, आयरन, कॉपर, मैग्नीज, फॉस्फोरस आदि तत्व अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं. ये सभी तत्व आपको सेहतमंद रखने और शरीर को कई तरह की बीमारियो से बचाने में मददगार होते हैं. कुछ जगहों पर गराडू के बारे में लोग कम ही जानते हैं, लेकिन ये सब्जी बहुत सारे पोषक तत्वों से भरपूर होती है.
गराडू की सब्जी में ढेर सारे पोषक तत्व मौजूद रहते है। गराडू में कैल्शियम आयरन कॉपर मैगनीज फॉस्फोरस आदि तत्व पाए जाते हैं।

एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में -

गराडू में विटामिन्स के साथ के साथ ही एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते है। इसका सेवन मानसिक तनाव को कम करने में मददगार होता है।

इम्यूनिटी बढ़ाने में करता है मदद



 सर्दियों का मौसम शुरू होते ही गराडू मार्केट में आने लग जाते हैं। दरअसल गराडू को लोग एक सब्जी की तरह भी खाना पसंद करते हैं। यह सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में बिका और खाया जाता है। कई लोग गराडू तल कर खाना पसंद करते हैं, तो कई इसकी सब्जी बनाकर खाते हैं। ठंड में गराडू खाने के काफी ज्यादा फायदे बताए गए हैं। दरअसल गराडू की तासीर गर्म होती है। इसलिए इसे सर्दियों में खाना पसंद किया जाता है।

फाइबर से भरपूर -


गराडू में फाइबर यानी रेशे बहुत अच्छी मात्रा में होते हैं। इसलिए ये पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। फाइबर वाले आहारों के सेवन से आंतों की गंदगी साफ हो जाती है और भोजन अच्छी तरह पचता है।

दिमाग के लिए भी है फायदेमंद

गराडू कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो आपको दिमाग और शरीर की कई बीमारियों से बचाते हैं। एंटीऑक्सीडेंट्स वो तत्व होते हैं, जो शरीर में ऑक्सिडेशन की प्रक्रिया को धीमा करते हैं, जिससे आप लंबे समय तक जवान रहते हैं और कैंसर, ट्यूमर, कार्डियोवस्कुलर रोगों से बचे रहते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है -

जानकारों का कहना है कि गराडू में विटामिन सी होता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। वहीं कैल्शियम की मौजूदगी से गराडू हड्डियों और दांतों के लिए फायदेमंद होता है।

गराडू की गरमा-गरम चाट खाने का मजा कुछ और -


सर्दी के दिनों में गरमा-गरम गराडू खाने और मजा ही कुछ और होता है। ठंड में शाम अथवा रात के के समय गराडू खाना स्वास्थ्य के साथ शरीर को गर्माहट देता है।
दरअसल गराडू को लोग एक सब्जी की तरह भी खाना पसंद करते हैं। यह सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में बिका और खाया जाता है। कई लोग गराडू तल कर खाना पसंद करते हैं, तो कई इसकी सब्जी बनाकर खाते हैं।

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4.12.23

अच्छी सेहत के लिए सर्दियों में क्या ख़ास फूड्स खाएं ?





सर्दी हो या गर्मी सुबह उठने के बाद हम अकसर चाय, कॉफी और बिस्कुट खाते हैं। लेकिन सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीना सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है। सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीने की आदत काफी बुरी होती है। कई लोग फिर भी सुबह उठने के बाद चाय और कॉफी ही पीते हैं, लेकिन कई लोग सुबह हेल्दी ड्रिंक या फिर हर्बल टी पीते हैं। वहीं, आपका ब्रेकफास्ट भी हेल्दी होना चाहिए। आपको अपने सुबह के खाने को बिल्कुल भी स्किप नहीं करना चाहिए। खासकर, सर्दियों में सुबह उठने के बाद हेल्दी भोजन खाना बहुत जरूरी होता है। अभी सर्दी का मौसम शुरू हो गया है, इसलिए आप सोच रहे होंगे कि आखिर सर्दी में सुबह उठने के बाद क्या खाना चाहिए?
सर्दियों में सुबह उठने के बाद ड्राई फ्रूट्स खाना बेहद फायदेमंद होता है। ड्राई फ्रूट्स में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही ड्राई फ्रूट्स की तासीर भी बेहद गर्म होती है। ऐसे में अगर आप सर्दी में सुबह उठकर ड्राई फ्रूट्स खाएंगे, तो इससे आपका शरीर गर्म रहेगा। साथ ही आपकी इम्यूनिटी भी बूस्ट होगी। आपको एनर्जी मिलेगी, आप पूरे दिन ऊर्जावान और फिट महसूस करेंगे।

पंजीरी

हमारे देश के उत्तरी भागों में सर्दियों के दौरान इससे कई रेसिपी तैयार किया जाते हैं। यह सूखा और मीठा स्नैक बहुत गर्म होता है और माना जाता है कि यह शरीर को दर्द से राहत दिलाता है और मांसपेशियों और जोड़ों को भी खोलता है। साबुत गेहूं, बाजरा, सत्तू या मूंग दाल के आटे का उपयोग करके आप गुड़ से अलग-अलग चीजें बना सकते हैं। साथ ही आप इनमें घी, नट्स, ड्राई फ्रूट्स, और मसाले जैसे इलायची, सौंफ, केसर और जायफल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जो कि इम्यूनिटी बूस्टर हैं।

दालचीनी का पानी

दालचीनी की तासीर बेहद गर्म होती है। ऐसे में अगर आप सर्दी के मौसम में सुबह दालचीनी का पानी पिएंगे, तो इससे आपको गर्माहट मिलेगी। इसके साथ ही दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण भी पाए जाते हैं। रोजाना दालचीनी का पानी पीने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी और आपको सर्दी-जुकाम नहीं लगेगी। दालचीनी का पानी पीने से आपका पाचन और मेटाबॉलिज्म में भी सुधार होगा। इसके लिए आप एक गिलास पानी में दालचीनी का टुकड़ा डालें। इसे अच्छी तरह से उबाल लें और फिर पानी को छानकर पी लें।

गुड़

गुड़ एक नेचुरल स्वीटनर है। यह हमारे गले के आंतरिक अस्तर पर एक परत बनाकर गले की जलन को शांत करता है और खराश में कमी लाता है। यह ब्लड वेसल्स को भी पतला करता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। सर्दियों में रोज रात को सोने से पहले इसे खाना शरीर में गर्माहट पैदा करता है।
तुलसी

सर्दियों में तुलसी खाना या इसका रेगुलर इस्तेमाल करना आपको कई बीमारियों से बचाए रख सकता है। ऐसा इसलिए कि इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण होते हैं। ये वायरल संक्रमणों से लड़ने, विशेष रूप से सर्दियों में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ शरीर को अंदर से गर्म रखने का काम करते हैं।

लहसुन

ताजा लहसुन में एलिसिन होता है, जो कि प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। ये रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। ये एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है, जो सर्दियों में होने वाले हड्डियों के दर्द से आपको बचाए रख सकता है। इसे आप चटनी और सूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

बाजरा

सर्दियों के मौसम में बाजरे का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ-साथ शरीर को गर्म रखने में भी मदद करता है। साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के लिए भी यह काफी फायदेमंद हो सकता है।

पपीता

पपीता सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सुबह उठकर पपीता खाना सेहत के लिए लाभकारी होता है। पपीता में फाइबर, विटामिन्स और फोलेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इससे आपको पर्याप्त एनर्जी और ऊर्जा मिलेगी। पपीता खाने से पाचन में भी सुधार होता है। इसलिए हेल्दी और फिट रहने के लिए आप सुबह उठकर पपीता खा सकते हैं।

अंडा

सर्दियों में सुबह अंडा खाना काफी लाभकारी होता है। रोजाना सुबह उठने के बाद अंडा खाने से आपको पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलेगा। साथ ही आपका पेट भी लंबे समय तक भरा हुआ रहेगा। अंडे की तासीर भी गर्म होती है। ऐसे में सर्दियों में अंडा खाने से आपको गर्माहट मिलेगी, आपकी इम्यूनिटी बढ़ेगी। हर दिन अंडा खाने से आप सर्दियों में फिट और हेल्दी बने रह सकते हैं। अगर आपका वजन अधिक है, तो आप सिर्फ अंडे का सफेद हिस्सा खा सकते हैं।

सब्जियों का जूस

सर्दियों में सुबह उठकर सब्जियों का जूस पीना काफी फायदेमंद होता है। सब्जियों में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए आप सर्दियों में गाजर और चुकंदर का जूस पी सकते हैं।

टमाटर सूप




सर्दी हो या गर्मी सुबह उठने के बाद हम अकसर चाय, कॉफी और बिस्कुट खाते हैं। लेकिन सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीना सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है। सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीने की आदत काफी बुरी होती है। कई लोग फिर भी सुबह उठने के बाद चाय और कॉफी ही पीते हैं, लेकिन कई लोग सुबह हेल्दी ड्रिंक या फिर हर्बल टी पीते हैं। वहीं, आपका ब्रेकफास्ट भी हेल्दी होना चाहिए। आपको अपने सुबह के खाने को बिल्कुल भी स्किप नहीं करना चाहिए। खासकर, सर्दियों में सुबह उठने के बाद हेल्दी भोजन खाना बहुत जरूरी होता है। अभी सर्दी का मौसम शुरू हो गया है, इसलिए आप सोच रहे होंगे कि आखिर सर्दी में सुबह उठने के बाद क्या खाना चाहिए?
सर्दियों में सुबह उठने के बाद ड्राई फ्रूट्स खाना बेहद फायदेमंद होता है। ड्राई फ्रूट्स में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही ड्राई फ्रूट्स की तासीर भी बेहद गर्म होती है। ऐसे में अगर आप सर्दी में सुबह उठकर ड्राई फ्रूट्स खाएंगे, तो इससे आपका शरीर गर्म रहेगा। साथ ही आपकी इम्यूनिटी भी बूस्ट होगी। आपको एनर्जी मिलेगी, आप पूरे दिन ऊर्जावान और फिट महसूस करेंगे।

पंजीरी

हमारे देश के उत्तरी भागों में सर्दियों के दौरान इससे कई रेसिपी तैयार किया जाते हैं। यह सूखा और मीठा स्नैक बहुत गर्म होता है और माना जाता है कि यह शरीर को दर्द से राहत दिलाता है और मांसपेशियों और जोड़ों को भी खोलता है। साबुत गेहूं, बाजरा, सत्तू या मूंग दाल के आटे का उपयोग करके आप गुड़ से अलग-अलग चीजें बना सकते हैं। साथ ही आप इनमें घी, नट्स, ड्राई फ्रूट्स, और मसाले जैसे इलायची, सौंफ, केसर और जायफल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जो कि इम्यूनिटी बूस्टर हैं।

दालचीनी का पानी

दालचीनी की तासीर बेहद गर्म होती है। ऐसे में अगर आप सर्दी के मौसम में सुबह दालचीनी का पानी पिएंगे, तो इससे आपको गर्माहट मिलेगी। इसके साथ ही दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण भी पाए जाते हैं। रोजाना दालचीनी का पानी पीने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी और आपको सर्दी-जुकाम नहीं लगेगी। दालचीनी का पानी पीने से आपका पाचन और मेटाबॉलिज्म में भी सुधार होगा। इसके लिए आप एक गिलास पानी में दालचीनी का टुकड़ा डालें। इसे अच्छी तरह से उबाल लें और फिर पानी को छानकर पी लें।

गुड़

गुड़ एक नेचुरल स्वीटनर है। यह हमारे गले के आंतरिक अस्तर पर एक परत बनाकर गले की जलन को शांत करता है और खराश में कमी लाता है। यह ब्लड वेसल्स को भी पतला करता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। सर्दियों में रोज रात को सोने से पहले इसे खाना शरीर में गर्माहट पैदा करता है।
तुलसी

सर्दियों में तुलसी खाना या इसका रेगुलर इस्तेमाल करना आपको कई बीमारियों से बचाए रख सकता है। ऐसा इसलिए कि इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण होते हैं। ये वायरल संक्रमणों से लड़ने, विशेष रूप से सर्दियों में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ शरीर को अंदर से गर्म रखने का काम करते हैं।

लहसुन

ताजा लहसुन में एलिसिन होता है, जो कि प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। ये रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। ये एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है, जो सर्दियों में होने वाले हड्डियों के दर्द से आपको बचाए रख सकता है। इसे आप चटनी और सूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

बाजरा

सर्दियों के मौसम में बाजरे का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ-साथ शरीर को गर्म रखने में भी मदद करता है। साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के लिए भी यह काफी फायदेमंद हो सकता है।

पपीता

पपीता सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सुबह उठकर पपीता खाना सेहत के लिए लाभकारी होता है। पपीता में फाइबर, विटामिन्स और फोलेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इससे आपको पर्याप्त एनर्जी और ऊर्जा मिलेगी। पपीता खाने से पाचन में भी सुधार होता है। इसलिए हेल्दी और फिट रहने के लिए आप सुबह उठकर पपीता खा सकते हैं।

अंडा

सर्दियों में सुबह अंडा खाना काफी लाभकारी होता है। रोजाना सुबह उठने के बाद अंडा खाने से आपको पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलेगा। साथ ही आपका पेट भी लंबे समय तक भरा हुआ रहेगा। अंडे की तासीर भी गर्म होती है। ऐसे में सर्दियों में अंडा खाने से आपको गर्माहट मिलेगी, आपकी इम्यूनिटी बढ़ेगी। हर दिन अंडा खाने से आप सर्दियों में फिट और हेल्दी बने रह सकते हैं। अगर आपका वजन अधिक है, तो आप सिर्फ अंडे का सफेद हिस्सा खा सकते हैं।

सब्जियों का जूस

सर्दियों में सुबह उठकर सब्जियों का जूस पीना काफी फायदेमंद होता है। सब्जियों में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए आप सर्दियों में गाजर और चुकंदर का जूस पी
टमाटर सूप (Tomato Soup)यह सूप के सबसे लोकप्रिय प्रकारों में से एक है और इसे ही ज्यादातर दुनिया भर के लोगों द्वारा पसंद किया जाता है।
टमाटर के सूप में विटामिन E, A, C, K और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो हमें स्वस्थ रखता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

शहद

गर्मियों में शहद का सेवन करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। लेकिन सर्दियों के लिए यह अच्छा विकल्प है और साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने वाले कई गुण इसके अंदर मौजूद होते हैं, जो बेहद फायदा देते हैं।

हेल्दी मॉर्निंग ड्रिंक्स

जिस तरह आप गर्मी के मौसम में मॉर्निंग ड्रिंक्स पीते हैं, उसी तरह सर्दियों में भी हेल्दी ड्रिंक्स पीना बहुत जरूरी होता है। आप रोज सुबह उठकर जीरा पानी, नारियल पानी, मेथी का पानी या फिर शहद का पानी पी सकते हैं। इसके अलावा आप सर्दियों में नींबू का पानी, काली मिर्च का पानी पी सकते हैं। इससे आपका पाचन सही होगा, बॉडी डिटॉक्स होगी और आपकी इम्यूनिटी भी बढ़ेगी।
हर्बल ड्रिंक जैसे ग्रीन टी, लेमन टी, अदरक और तुलसी की चाय का सेवन करें क्योंकि ये आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करेंगे और स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छे हैं।
सर्दियों में स्वस्थ रहने के लिए कुछ टिप्स विटामिन C से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने की कोशिश करें, क्योंकि इस मौसम में हमारी त्वचा शुष्क हो जाती है और खट्टे पदार्थ त्वचा और बालों के लिए अच्छे होते हैं।
अपने कार्ब्स को खर्च करें, क्योंकि हम इस मौसम में बहुत कुछ खाते हैं और अपने वजन को बनाए रखने और फिट रहने के लिए आवश्यक है की, आप अपने शरीर में मौजूद वसा को घटायें इसके लिये हमेशा कुछ व्यायाम करें।
ढेर सारा पानी पियें, यह आपको हाइड्रेटेड रखेगा और इससे आपकी त्वचा स्वस्थ रहेगी।
सर्दियों में अपने आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड शामिल करें, क्योंकि यह डिप्रेशन को कम करता है, जो आमतौर पर सर्दियों में देखा जा सकता है। मछली, बीज वाले भोज्य पदार्थों और नट्स में ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्रचुर मात्रा होती है।
धूप में बैठें, क्योंकि हमारे शरीर के लिए विटामिन D बहुत आवश्यक होता है और यह किसी भी भोजन में नहीं पाया जाता, क्योंकि हमारा शरीर इसे कोलेस्ट्रॉल से बनाता है। जब पराबैंगनी किरणें हमारे शरीर को छूती हैं, तो त्वचा कोशिकाओं में कोलेस्ट्रॉल की उपस्थिति से विटामिन D बनाती है। इसलिए हमेशा धूप में कुछ समय बिताने की कोशिश करें।

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