ज्यादा गर्मी के कारण नाक से खून बहने लगता है जिसे नकसीर कहते हैं। नकसीर बंद करने के कई घरेलू उपाय हैं| वैसे नाक से खून निकलना अपने आप में कोई रोग नहीं है लेकिन, जब बार-बार नाक से खून निकलता है तब यह एक रोग बन जाता है। नाक की अंदरूनी सतह के पास की रक्त वाहिकाएँ फट जाती हैं। इस तरह की नकसीर जल्दी ही ठीक हो जाती है और बहुत कम उपचार की जरूरत होती है। कभी-कभी रक्त वापस मुंह में भी चला जाता है जिससे श्वास नलिका मे रुकावट हो सकती है। स्थिति गंभीर हो सकती है।कुछ गर्म खा लेने या बाहर की गर्मी लग जाने से नकसीर की समस्या कुछ लोगों को ज्यादा ही परेशान करती है। कुछ लोग अपनी नाजुक प्रकृति के कारण नाक पर जरा सी चोट लगते ही नाक से खून बहने की परेशानी से रूबरू हो जाते हैं|
1) रोगी के दोनों हाथों में बर्फ के टुकड़े रखने चाहिए तथा रोगी की नाक पर बर्फ को कपडे में लपेट कर रोगी के सिर को नीचे रखना चाहिए।
2 ) काली मिट्टी पर पानी छिड़ककर इसकी खुशबू सूंघें।
3 ) रुई के फाए को सफेद सिरका में भिगोकर उस नथुने में रखें, जिससे खून बह रहा हो।
4) जब नाक से खून बह रहा हो तो कुर्सी पर बिना टेका लिए बैठ जाएं, नाक की बजाय मुंह से सांस लें।
5) किसी भी प्रकार के धूम्रपान (एक्टिव या पैसिव दोनों) से बचें।
6) पित्त शामक '' गुलकंद''का सेवन करे और साफ हरे धनिए की पत्तियों के रस की कुछ बूंदें नाक में डाल लें।
7) शीशम या पीपल के पत्तों को पीसकर या कूटकर , उसका रस नाक में 4-5 बूँद ड़ाल दिया जाए तो तुरंत आराम आता है .
8) थोड़ा सा सुहागा पानी में घोलकर नथूनों पर लगाऐं नकसीर तुरन्त बन्द हो जाएगी।
9) जिस व्यक्ति को नकसीर चल रही है उसे बिठाकर सिर पर ठण्डे पानी की धार डालते हुए सिर भिगों दें। बाद में थोड़ी पीली मिट्टी को भिगोकर सुंघाने से नकसीर तुरन्त बन्द हो जाएगी
10) प्याज को काटकर नाक के पास रखें और सूंघें।
11) . जिस व्यक्ति को नकसीर चल रही है उसे बिठाकर सिर पर ठण्डे पानी की धार डालते हुए सिर भिगों दें। बाद में थोड़ी पीली मिट्टी को भिगोकर सुंघाने से नकसीर तुरन्त बन्द हो जाएगी
ऩकसीर रोगी के पथ्य परहेज
नकसीर फूटने पर गरम पदार्थों जैसे गरम मसाले, चाट-पकौड़े, चाय, कहवा, शराब या अन्य प्रकार के मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। शरीर की सहनशीलता तथा स्वभाव से अधिक ठंडे पदार्थों को भी नहीं ग्रहण करना चाहिए। सम स्वभाव या तासीर के फल तथा सब्जियां खानी चाहिए। ठंडे पदार्थों का सेवन हितकारी रहता है। वैसे पित्त को शान्त करने वाले नुस्खों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस लेख के माध्यम से दी गयी जानकारी आपको अच्छी और लाभकारी लगी हो तो कृपया लाईक और शेयर जरूर कीजियेगा । आपके एक शेयर से किसी जरूरतमंद तक सही जानकारी पहुँच सकती है और हमको भी आपके लिये और बेहतर लेख लिखने की प्रेरणा मिलती है|
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2 ) काली मिट्टी पर पानी छिड़ककर इसकी खुशबू सूंघें।
3 ) रुई के फाए को सफेद सिरका में भिगोकर उस नथुने में रखें, जिससे खून बह रहा हो।
4) जब नाक से खून बह रहा हो तो कुर्सी पर बिना टेका लिए बैठ जाएं, नाक की बजाय मुंह से सांस लें।
5) किसी भी प्रकार के धूम्रपान (एक्टिव या पैसिव दोनों) से बचें।
6) पित्त शामक '' गुलकंद''का सेवन करे और साफ हरे धनिए की पत्तियों के रस की कुछ बूंदें नाक में डाल लें।
7) शीशम या पीपल के पत्तों को पीसकर या कूटकर , उसका रस नाक में 4-5 बूँद ड़ाल दिया जाए तो तुरंत आराम आता है .
8) थोड़ा सा सुहागा पानी में घोलकर नथूनों पर लगाऐं नकसीर तुरन्त बन्द हो जाएगी।
9) जिस व्यक्ति को नकसीर चल रही है उसे बिठाकर सिर पर ठण्डे पानी की धार डालते हुए सिर भिगों दें। बाद में थोड़ी पीली मिट्टी को भिगोकर सुंघाने से नकसीर तुरन्त बन्द हो जाएगी
10) प्याज को काटकर नाक के पास रखें और सूंघें।
11) . जिस व्यक्ति को नकसीर चल रही है उसे बिठाकर सिर पर ठण्डे पानी की धार डालते हुए सिर भिगों दें। बाद में थोड़ी पीली मिट्टी को भिगोकर सुंघाने से नकसीर तुरन्त बन्द हो जाएगी
ऩकसीर रोगी के पथ्य परहेज
नकसीर फूटने पर गरम पदार्थों जैसे गरम मसाले, चाट-पकौड़े, चाय, कहवा, शराब या अन्य प्रकार के मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। शरीर की सहनशीलता तथा स्वभाव से अधिक ठंडे पदार्थों को भी नहीं ग्रहण करना चाहिए। सम स्वभाव या तासीर के फल तथा सब्जियां खानी चाहिए। ठंडे पदार्थों का सेवन हितकारी रहता है। वैसे पित्त को शान्त करने वाले नुस्खों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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