सेहत का खजाना करेला: मधुमेह, वजन कम करने और सेहत के लिए

मित्रों ,घरेलू आयुर्वेद के विडिओ प्रस्तुत करने की शृंखला म आज टॉपिक है " सेहत का खजाना करेला: मधुमेह, वजन कम करने और सेहत के लिए"
करेला (Bitter gourd)एक औषधीय पौधा है. इसके फल और पत्तियों में विशेष गुण होते है जिस वजह से यह बहुत से रोगों में प्रभावी ढंग से काम करता है. आयुर्वेद में इसे मधुमेह, पाइल्स, , कब्ज, अनियमित मासिक धर्म, आंत्र परजीवी में, कान दर्द में. , गठिया, रक्त शोधन के रूप में कई स्थितियों में इस्तेमाल किया जाता है| डायबिटीज या मधुमेह
डायबिटीज या मधुमेह मे करेला बहुत उपयोगी है.उपयोग के तरीके-
1. करीब छह चम्मच कटी करेले की पत्तियों और दो गिलास पानी लें. पत्तियों को लगभग 15 मिनट के लिए पानी मे उबालें. उबलते समय ढके नही.
इसे ठंडा होने दें और छान लें. इसे तीन खुराक में बाट लें और एक दिन में तीन बार सेवन करें।
2. करेले को धूप मे सूखा लें और पूरी तरह से सूख जाने पर पीस कर पाउडर बना ले. इस पाउडर को ३-६ ग्राम की मात्रा मे दो से तीन बार पानी के साथ लें.
3. रोज़ करेले का जूस 10-15 मिलीलीटर पीना भी शुगर लेवेल को नियंत्रित रखता है.
नियमित सेवन से टाइप 2 डाइयबिटीस में शुगर लेवेल नियंत्रित रहता है.
वजन घटाने के लिए करेले के फायदे
इन्सुलिन को करता है ऐक्टिव
करेले का जूस इन्सुलिन को ऐक्टिव करता है जिससे शरीर में बनने वाली शुगर फैट का रूप नहीं ले पाती। इससे चर्बी कम करने और फैट कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
करेले में कैलरीज, फैट और कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा कम होती है। आपको जानकर शायद हैरानी हो कि 100 ग्राम करेले में सिर्फ 34 कैलरीज होती हैं। ऐसे में आपको करेले के जूस से कैलरी काउंट मेनटेन रखने और फैट कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।
करेले के रस को नींबू के रस के साथ पानी में मिलाकर पीने से वजन कम होने लगता है
करेले की चाय
खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है करेला -
अगर शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल जमा हो गया है, तो रोजाना करेले का जूस पिएं। करेले का सेवन करने से खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी कम होता है।
करेले की चाय
करेले की चाय आपके लीवर को डिटॉक्स करने में मदद कर सकती है. आंतों की सफाई कर सकती है और अपच की समस्या भी दूर होती है. इसके अलावा करेले की चाय से इम्यूनिटी बूस्ट करती है. करेले में विटामिन सी की प्रचुर मात्रा है, जो संक्रमण से लड़ने में आपकी मदद कर सकता है, आंखों की रोशनी के लिए भी करेले की चाय बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती है, इसमें विटामिन ए की मौजूदगी होती है और विटामिन ए बीटा कैरोटीन का काफी अच्छा स्रोत होता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है
करेले की चाय कैसे बनाएं
करेले की चाय बनाने के लिए सबसे पहले करेले के स्लाइस काट लीजिए. अब इसे एक कप पानी में डालकर अच्छी तरह से उबाल लें. इसके बाद इसे छान लें. अब इसमें शहद डालकर सेवन करें.
त्वचा के लिए फायदेमंद करेला -
करेला रक्त शोधक के रूप में जाना जाता है। इसमें मौजूद रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण रक्त को शुद्ध करने में मदद करते हैं, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं और रक्त विकार दूर होते हैं।
करेले की चाय कैसे बनाएं
करेले की चाय बनाने के लिए सबसे पहले करेले के स्लाइस काट लीजिए. अब इसे एक कप पानी में डालकर अच्छी तरह से उबाल लें. इसके बाद इसे छान लें. अब इसमें शहद डालकर सेवन करें.
त्वचा के लिए फायदेमंद करेला -
करेला आपकी त्वचा को ना केवल 10 साल तक जवां बना सकता है बल्कि चेहरे की चमक के साथ ही बालों की ग्रोथ और शाइन को बढ़ाने में किसी जादुई टॉनिक की तरह काम करता है। नियमित रूप से करेला खाने से आपका सौंदर्य कई गुना बढ़ सकता है।
करेला का इस्तेमाल क्लींजर की तरह कर सकते हैं. इसके लिए एक चम्मच करेले के जूस में 2 चम्मच संतरे का रस मिलाएं. इन दोनों चीजों को मिलाकर रूई की मदद से चेहरे पर लगाएं. जब ये मिश्रण सूख जाएं तो पानी से धो लें. आप त्वचा की परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए रोजाना करेले के जूस का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
करेला का इस्तेमाल क्लींजर की तरह कर सकते हैं. इसके लिए एक चम्मच करेले के जूस में 2 चम्मच संतरे का रस मिलाएं. इन दोनों चीजों को मिलाकर रूई की मदद से चेहरे पर लगाएं. जब ये मिश्रण सूख जाएं तो पानी से धो लें. आप त्वचा की परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए रोजाना करेले के जूस का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
करेला खून साफ करता है
करेला रक्त शोधक के रूप में जाना जाता है। इसमें मौजूद रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण रक्त को शुद्ध करने में मदद करते हैं, जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं और रक्त विकार दूर होते हैं।
करेला खाने के अन्य फायदे :
कफ की शिकायत होने पर करेले का सेवन करना चाहिए। करेले में फास्फोरस होता है जिसके कारण कफ की शिकायत दूर होती है।
करेला हमारी पाचन शक्ति को बढाता है जिसके कारण भूख बढती है। करेले ठंडा होता है, इसलिए यह गर्मी से पैदा हुई बीमारियों के उपचार के लिए फायदेमंद है।
लकवे के मरीजों के लिए करेला बहुत फायदेमंद होता है। इसलिए लकवे के मरीज को कच्चा करेला खाना चाहिए।
उल्टी-दस्त या हैजा होने पर करेले के रस में थोड़ा पानी और काला नमक मिलाकर सेवन करने से तुरंत लाभ मिलता है।
लीवर से संबंधित बीमारियों के लिए तो करेला रामबाण औषधि है। जलोदर रोग होने पर आधा कप पानी में 2 चम्मच करेले का रस मिलाकर ठीक होने तक रोजाना तीन-चार बार सेवन करने से फायदा होता है।
पीलिया के मरीजों के लिए करेला बहुत फायदेमंद है। पीलिया के मरीजों को पानी में करेला पीसकर खाना चाहिए।
गठिया रोग होने पर या हाथ-पैर में जलन होने पर करेले के रस से मालिश करना चाहिए। इससे गठिया के रोगी को फायदा होगा।
दमा होने पर बिना मसाले की करेले की सब्जी खाना चाहिए। इससे दमा रोग में फायदा होगा।
उल्टी, दस्त और हैजा होने पर करेले के रस में थोडा पानी और काला नमक डालकर पीने से फायदा होता है।
करेले को कई प्रकार से खाया जा सकता है। यदि इसका जूस पिया जाए तो यह कई रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।
करेला हमारी पाचन शक्ति को बढाता है जिसके कारण भूख बढती है। करेले ठंडा होता है, इसलिए यह गर्मी से पैदा हुई बीमारियों के उपचार के लिए फायदेमंद है।
लकवे के मरीजों के लिए करेला बहुत फायदेमंद होता है। इसलिए लकवे के मरीज को कच्चा करेला खाना चाहिए।
उल्टी-दस्त या हैजा होने पर करेले के रस में थोड़ा पानी और काला नमक मिलाकर सेवन करने से तुरंत लाभ मिलता है।
लीवर से संबंधित बीमारियों के लिए तो करेला रामबाण औषधि है। जलोदर रोग होने पर आधा कप पानी में 2 चम्मच करेले का रस मिलाकर ठीक होने तक रोजाना तीन-चार बार सेवन करने से फायदा होता है।
पीलिया के मरीजों के लिए करेला बहुत फायदेमंद है। पीलिया के मरीजों को पानी में करेला पीसकर खाना चाहिए।
गठिया रोग होने पर या हाथ-पैर में जलन होने पर करेले के रस से मालिश करना चाहिए। इससे गठिया के रोगी को फायदा होगा।
दमा होने पर बिना मसाले की करेले की सब्जी खाना चाहिए। इससे दमा रोग में फायदा होगा।
उल्टी, दस्त और हैजा होने पर करेले के रस में थोडा पानी और काला नमक डालकर पीने से फायदा होता है।
करेले को कई प्रकार से खाया जा सकता है। यदि इसका जूस पिया जाए तो यह कई रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है।
करेला कौन नहीं खा सकता है?
जिगर और गुर्दे की बीमारी वाले लोग : करेला में मौजूद फाइबर इसे पचाने में मुश्किल बनाता है, यह सूजन भी पैदा कर सकता है, इसलिए जिगर और गुर्दे की बीमारी वाले लोगों को इस फल को खाने से बचना चाहिए।
जिगर और गुर्दे की बीमारी वाले लोग : करेला में मौजूद फाइबर इसे पचाने में मुश्किल बनाता है, यह सूजन भी पैदा कर सकता है, इसलिए जिगर और गुर्दे की बीमारी वाले लोगों को इस फल को खाने से बचना चाहिए।
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