4.12.23

मालकांगनी जड़ी बूटी के फायदे और नुकसान






  भारत देश में सालों से आयुर्वेद का इस्तेमाल पारंपरिक चिकित्सा के तौर पर किया जाता रहा है। इसके पीछे का कारण है यहां मौजूद अनगिनत जड़ी बूटियां, जिनका इस्तेमाल कई शारीरिक समस्याओं के इलाज के लिए फायदेमंद माना जाता है। मालकांगनी भी उन्हीं में से एक है।
 मालकांगनी (Malkangani) एक जड़ी बूटी है, जिसके बीज, फल, जड़, पत्ते आदि इस्तेमाल में लाए जाते हैं। मालकांगनी का सेवन सेहत को कई लाभ पहुंचाता है। क्योंकि मालकांगनी औषधीय गुणों से भरपूर होता है, मालकांगनी का सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं भी दूर होती है। क्योंति मालकांगनी में सोडियम, मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम, पोटेशियम, कैल्शियम, मैंगनीज, आयरन, कॉपर, तांबा जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिहाज से काफी फायदेमंद साबित होते हैं।
 स्वास्थ के लिए मालकांगनी के फायदे कई सारे हैं। यहां हम उन्हीं फायदों के बारे में क्रमवार तरीके से बताने वाले हैं, लेकिन उससे पहले हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि मालकांगनी को किसी भी गंभीर समस्या का संपूर्ण इलाज समझने की भूल न करें।

मस्तिष्क के लिए लाभकारी

मालकांगनी को दिमाग के लिए बेहद लाभकारी माना गया है। इस पर हुए शोध में साफ तौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के इलाज और सीखने एवं याददाश्त को बढ़ाने के लिए मलकांगनी का उपयोग कई सालों से किया जाता रहा है (2)। दरअसल, आयुर्वेद के अनुसार ज्योति का मतलब होता है ज्ञानोदय, और मती का अर्थ होता है मस्तिष्क की कार्यप्रणाली। बताया जाता है कि यह मध्य गुण यानी स्मृति शक्ति में सुधार कर सकता है। इसके पीछे नूट्रोपीक (nootropic- संज्ञानात्मक कार्य में सुधार करने वाला) प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है
इसके अलावा, मालकांगनी में सेडेटिव (sedative – दिमाग को शांत करने वाला) गुण भी मौजूद होता है। यही वजह है कि मालकांगनी की जड़ों और बीजों से बने काढ़े को ब्रेन टॉनिक के रूप में जाना जाता है। यही नहीं, ज्योतिषमति को सिरदर्द की समस्या और अवसाद की समस्या को भी कम करने में लाभकारी माना गया है
गठिया में उपयोग

नर्वस सिस्टम के लिए भी मालकांगनी के फायदे देखे जा सकते हैं। दरअसल, ज्योतिषमती के बीज से निकाले गए तेल को केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) बेहद प्रभावी माना गया है। इस पर हुए शोध बताते हैं कि इसके पाउडर का इस्तेमाल पानी के साथ मिलाकर तंत्रिका संबंधी विकारों के इलाज के किया जा सकता है । इसके अलावा, मालकांगनी के तेल पर हुए एक अन्य शोध में यह पाया गया है कि मलकंगनी का तेल एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रदर्शित कर सकता है, जो हाड्रोजन प्रोक्साइड (hydrogen peroxide) के खिलाफ न्यूरोनल कोशिकाओं पर एक सुरक्षात्मक प्रभाव दिखा सकता है

आंखों के लिए

मालकांगनी का उपयोग आंखों के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि अगर आप मालकांगनी के तेल से पैर के तलवों की मालिश करते हैं, तो इससे आंख संबंधी समस्या दूर होती है और आंखों की रोशनी (Eyesight) भी तेज होती है।


संक्रमण के लिए

मालकांगनी के फायदे संक्रमण से बचाव के लिए भी देखे जा सकते हैं। इससे संबंधित शोध में बताया गया है कि मालकांगनी में एंटी बैक्टीरियल गुण (बैक्टीरिया से लड़ने वाला) के साथ-साथ एंटी वायरल (संक्रमण से लड़ने वाला) गुण भी मौजूद होते हैं . इस आधार पर यह माना जा सकता है कि संक्रमण से बचाव के लिए मालकांगनी का उपयोग फायदेमंद हो सकता है।

गठिया में उपयोग

गठिया (Arthritis) की शिकायत होने पर जोड़ों में दर्द और सूजन की शिकायत हो जाती है, जिसकी वजह से उठने- बैठने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अगर आप मालकांगनी का सेवन करते हैं, तो यह काफी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि मालकांगनी के अर्क में एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण पाए जाते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

मासिक धर्म विकार के लिए

महिलाओं को मासिक धर्म के समय काफी दर्द और ऐंठन की शिकायत रहती है, इसलिए ऐसे में अगर महिलाएं मालकांगनी के सूखे पत्तों का सेवन करती हैं, तो इससे दर्द और ऐंठन की शिकायत से काफी हद तक छुटकारा मिलता है।

बालों के लिए

मालकांगनी तेल के उपयोग में बालों की देखभाल भी शामिल है। इससे संबंधित एक शोध में बताया गया है कि मालकांगनी तेल का उपयोग गुजरात में बालों की देखभाल के लिए किया जाता रहा है। मालकांगनी तेल के उपयोग से बालों को सिल्की बनाए रखने में मदद मिल सकती है .इसके अलावा, एक अन्य शोध से यह पता चलता है कि बालों को सफेद होने से बचाने के लिए मालकांगनी बीज के फायदे भी देखे जा सकते हैं। इसके लिए खीर के साथ घी में ऊबला हुआ मालकांगनी के बीज का सेवन करने की सलाह दी जाती है। बताया जाता है कि इसके सेवन से बालों के समय से पहले सफेद होने की समस्या को कम किया जा सकता है

दर्द से राहत पाने के लिए

दर्द से राहत पाने के लिए भी मालकांगनी के बीज लाभ देखे जा सकते हैं। बताया जाता है कि मालकांगनी के बीज का तेल शरीर पर लगाने से बदनदर्द से राहत मिल सकती है। साथ ही यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखने में भी मददगार साबित हो सकता है। यही नहीं, जोड़ों में दर्द की समस्या में भी मालकांगनी तेल के लाभ देखे जा सकते हैं .इसकी पीछे का कारण इसमें मौजूद एनालेजेसिक यानी दर्द से राहत दिलाने वाले गुण को जिम्मेदार माना जा सकता है

स्किन (Skin) के लिए 

 मालकांगनी के तेल का उपयोग स्किन (Skin) के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि मालकांगनी के तेल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी एजिंग गुण पाए जाते है, इसलिए अगर आप त्वचा पर मालकांगनी के तेल का उपयोग करते हैं, तो इससे झुर्रियों की शिकायत दूर होती है।

फिस्टुला के लिए

शरीर के दो अंगों को जोड़ने वाले अप्राकृतिक और असामान्य जोड़ को फिस्टुला कहा जाता है। यह किसी चोट, सर्जरी, सूजन या संक्रणम के कारण हो सकता है, जो शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है . ऐसे में मालकांगनी तेल का उपयोग लाभकारी साबित हो सकता है। इससे संबंधित एक शोध में साफतौर से बताया गया है कि फिस्टुला में मालकांगनी तेल लगाने से आराम मिल सकता है . हालांकि, फिस्टुला के लक्षणों को कम करने में इसका कौन सा गुण काम करता है, फिलहाल इस संबंध में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।

मालकांगनी के नुकसान

1- गर्भवती महिलाओं (Pregnant Women) को मालकांगनी का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है।
2- मालकांगनी का अधिक मात्रा में सेवन उल्टी (Vomiting) का कारण बन सकता है।
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2.12.23

सर्दियों में अमरूद खाने के चौंकाने वाले फायदे !, Amrud ke fayde







सर्दि‍यों के मौसम में बाजार में अमरूद आसानी से मिल जाते हैं। वैसे तो ये गर्म और शुष्क दोनों जलवायु में पाया जाता है, मगर सर्दि‍यों में ये ज्यादा पाए जाते हैं। अमरूद सेहत के लिए काफी अच्छा होता है। इसमें विटामिन-सी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन-ए और बी भी इसमें पाए जाते हैं। इसमें लोहा, चूना और फॉस्फोरस भी ज्यादा मात्रा में होते हैं।अमरूद में पाए जाने वाला मैग्नीशियम मांसपेशियों को मजबूत और राहत देने का काम करते हैं. इसको खाने से तनाव भी कम होता है. अगर आप अवसाद से पीड़ित हैं तो इसका सेवन जरूर करें.

वजन कम करने में भी अमरूद बहुत कारगर

वजन कम करने में भी अमरूद बहुत कारगर होता है. इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती हो जो वजन को बढ़ने नहीं देती है. वहीं, अमरूद खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बूस्ट होती है. इससे आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. इसे गर्भावस्था के दौरान भी खा सकती हैं.

 डायबिटीज से बचाता है

अमरूद डायबिटीज से बचाता है। इसमें रिच फाइबर कंटेंट और लो ग्लायसेमिक इंडेक्स पाया जाता है। लो ग्लायसेमिक इंडेक्स अचानक शुगर लेवल बढ़ने से रोकता है। वहीं, फाइबर्स के कारण शुगर अच्छे से रेगुलेट होती रहती है।

डाइजेशन –

सर्दियों में अमरूद खाने का सबसे बड़ा फायदा पाचन में सुधार से मिलता है. फाइबर से भरपूर होने के चलते अमरूद पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है और इससे कब्ज से भी राहत मिलती है. अमरूद विटामिन सी का भी अच्छा सोर्स है. स्टडीज में पाया गया है कि अमरूद की पत्तियों का रस डायरिया में काफी फायदा पहुंचाता है. अपनी डाइट में अमरूद को शामिल कर इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से भी राहत पाई जा सकती है.

कब्ज में मिलता है आराम

खराब दिनचर्या, गलत खानपान के चलते आजकल कब्ज आम समस्या हो गई है। अगर आप भी कब्ज की समस्या से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं, तो रोजाना अमरूद का सेवन कर सकते हैं। सर्दी में अमरूद खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसमें डाइटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके लिए डॉक्टर रोजाना सुबह में अमरूद खाने की सलाह देते हैं ।

वजन कंट्रोल होता है

अगर आप बढ़ते वजन से परेशान हैं और तेजी से वजन कंट्रोल करना चाहते हैं, तो अमरूद का सहारा ले सकते हैं। अमरूद के सेवन से बढ़ते वजन को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें डाइटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। साथ ही क्रेविंग की समस्या से भी निजात मिलता है।

इम्यून सिस्टम मजबूत होता है

कोरोना काल में इम्यून सिस्टम मजबूत रहना जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर विटामिन सी रिच फूड खाने की सलाह देते हैं। अगर आप भी इम्यून सिस्टम को मजबूत करना चाहते हैं, तो अमरूद का सेवन जरूर करें। इसके सेवन से सेहत पर अनुकूल असर पड़ता है।

 शरीर को पहुंचाता है ताकत

अच्छी तरह पके नरम और मीठे अमरूदों को मसलकर दूध में फेंट लें। इसके बाद छानकर इसके बीज निकाल दें। आवश्यकतानुसार शक्कर मिलाकर सुबह सुबह 21 दिन तक लेने से शरीर में काफी ताकत आती है।

बवासीर में असरदार

सुबह खाली पेट 200-300 ग्राम अमरूद का नियमित रूप से सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है। पके अमरुद खाने से पेट का कब्ज खत्म होता है। इससे बवासीर में काफी फायदा पहुंचता है। कुछ दिनों तक रोजाना सुबह खाली पेट 250 ग्राम अमरूद खाने से बवासीर ठीक हो जाती है। बवासीर को दूर करने के लिए सुबह खाली पेट अमरूद खाना सबसे अच्छा होता है


 पेट दर्द में पहुंचाता है फायदा

नमक के साथ पके हुए अमरूद को खाने से आराम मिलता है। इसके पेड़ के 50 ग्राम पत्तों को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। अमरूद के पेड़ की पत्तियों को बारीक पीसकर काले नमक के साथ चाटने से भी आराम होता है। अमरूद के फल की फुगनी यानि कि इसके फल के नीचे वाले छोटे पत्ते में थोड़ी सी मात्रा में सेंधा नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पीने से पेट का दर्द खत्म हो जाता है। 250 ग्राम अमरूद भोजन करने के बाद कुछ देर बाद खाने से कभी पेट की कोई समस्या नहीं होती है। कब्ज की शिकायत रहने वाले लोगों को खाना खाने से पहले अमरूद खाना चाहिए।अमरूद में पाए जाने वाला मैग्नीशियम मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने और होने वाले दर्द से राहत देने का काम करते हैं. इसको खाने से तनाव भी कम होता है. अगर आप अवसाद से पीड़ित हैं तो इसका सेवन जरूर करें.
अमरूद खाने से आपकी आंखों की भी सेहत अच्छी होती है. यह फल विटामिन-ए, सी व फोलेट से समृद्ध होता है. साथ ही इसमें जिंक और कॉपर जैसे तत्व भी पाए जाते हैं. जिन लोगों को कम उम्र में आंखों की समस्या होती है उनको तो इसे जरूर आहार में शामिल कर लेना चाहिए.

नुकसान 

सर्दी होने या जुखाम होने पर अमरूद का सेवन भी आपको नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी तासीर काफी ठंडी होती है. दरअसल, खाली पेट अमरूद खाने से पेट में दर्द इसलिए होता है, क्योंकि अमरूद के बीज खाली पेट में जाकर आसानी से नहीं पचते हैं और इस वजह से पेट में दर्द हो सकता है

अमरूद फल के तौर पर खाएं: 

अपनी भूख के अनुसार 1-2 अमरूद एक दिन में खाए जा सकते हैं।

अमरूद खाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

अमरूद को खाली पेट छोड़कर किसी भी समय खाना चाहिए। यह बात केले पर भी लागू होती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यदि आपके शरीर को इन फलों के लाभों को प्राप्त करने की आवश्यकता है, तो इसे पचाने और साथ में मिश्रण करने के लिए आपके पेट में कुछ भोजन होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इसका सेवन खाना खत्म करने के 30 मिनट बाद ही करना चाहिए।
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1.12.23

खाली पेट हींग का सेवन करना पेट के विकारों में रामबाण की तरह असरदार ,Heeng ke fayde




 हींग (Asafoetida) सौंफ (Fennel) की प्रजाति का ईरान मूल का एक पौधा है। किचन में वैसे कई मसाले हैं जिनका प्रयोग स्वाद और रंग लाने के लिए किया जाता है, लेकिन हींग का इ्स्तेमाल इसकी खुशबू लाने के लिए होता है। हींग काफी लंबे वक्त से हमारी पारंपरिक रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। दाल और सब्जियों में तड़का लगाने से लेकर बिरयानी में भी हींग का प्रयोग किया जाता है। हींग की खुशबू हमारे जायके को और भी लजीज बना देती है और साथ ही इसके कई स्वस्थ्य लाभ भी हैं। हींग में कई बीमारियों को दूर करने के गुण पाए जाते हैं।
हींग सदियों से पारंपरिक चिकित्सा का हिस्सा भी रही है। बताया जाता है कि हींग में एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होते हैं। यही एक कारण है कि हींग को देवताओं का भोजन भी कहा जाता है। हालांकि, हींग का हमें बाहर से आयात करना पड़ता है जिसका उत्पादन हमारे देश में नहीं बल्कि ईरान, अफगानिस्तान और उज्बेकिस्तान में होता है।
वे सभी लोग जो पाचन संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं, उनके लिए हींग एक अच्छे उपचारों में से एक है। इसका उपयोग पेट से संबंधित सामान्य समस्याओं जैसे कि सूजन, गैस, चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम के इलाज के लिए किया जाता है। आमतौर पर हींग का प्रयोग पाचन संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए जाना जाता है, लेकिन यह अन्य समस्याओं से भी राहत दिलाने में मददगार है।

पीरियड में उठने वाले दर्द

हींग मासिक धर्म यानी पीरियड में उठने वाले दर्द (menstrual pain) के लिए एक सही विकल्प है। यह प्रोजेस्टेरोन स्राव को बढ़ाने में मदद करती है जो रक्त प्रवाह को और आसान बनाता है और दर्द और ऐंठन से राहत देता है।
अपने एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, हींग खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करती है। यह छाती की जकड़न को दूर करती है।

सिरदर्द में फायदेमंद

सिरदर्द की समस्या में हींग का खाली पेट सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। हींग में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सिरदर्द की समस्या कम करने और सूजन से छुटकारा दिलाने में बहुत फायदेमंद होते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप डॉक्टर की सलाह लेकर हींग का सेवन कर सकते हैं।
गर्म दूध में हींग के कुछ टुकड़े मिलाकर इसका सेवन करने से आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को लाभ मिलते हैं। इसका रोजाना एक या दो बार सेवन किया जा सकता है। यह एसिडिटी और गैस को कम करने में मदद करती है।

ब्लड प्रेशर रेगुलेट करने में फायदेमंद

ब्लड प्रेशर की समस्या में हींग का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है, लेकिन इसका सेवन सिर्फ डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही करना चाहिए। हींग में मौजूद गुण शरीर में ब्लड क्लॉट होने से रोकते हैं और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में फायदेमंद होते हैं। रोजाना सुबह के समय हींग का पानी पीने से ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने में फायदा मिलता है।
हींग एक प्राकृतिक ब्लड थिनर के रूप में भी जानी जाती है, जो रक्तचाप के स्तर (blood pressure level) को कम करने में मदद करती है। साथ ही, हींग में एक यौगिक होता है जो रक्त के थक्कों यानी ब्लड क्लॉटिंग को बनने से रोकता है।

वजन घटाने के लिए

बटरमिल्क यानी छाछ आपके पाचन स्वास्थ्य और वजन घटाने के लिए बेहद फायदेमंद है। एक गिलास छाछ में एक चुटकी हींग मिलाकर पीने से आपकी सेहत को और अधिक लाभ मिल सकते हैं। गैस्ट्रिक समस्याओं के लिए, आप दिन में एक या दो बार खाना खाने के ठीक बाद हींग वाला एक गिलास छाछ पी सकते हैं। महिलाएं अपने पीरियड्स के दौरान भी इसका सेवन कर सकती हैं जिससे दर्द और ऐंठन को कम करने में भी मदद मिल सकती है।

मेटाबॉलिज्म ठीक करने में फायदेमंद

मेटाबॉलिज्म ठीक करने के लिए हींग का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। हींग में मौजूद गुण चयापचय को बेहतर बनाने में बहुत फायदेमंद होते हैं। सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ हींग का सेवन करने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने में बहुत फायदेमंद होता है।

पाचन के लिए फायदेमंद

हींग का सेवन पेट के लिए बहुत फायदेमंद होता है। हींग में मौजूद गुण अपच की समस्या में बहुत फायदेमंद होते हैं। खाली पेट एक चुटकी हींग खाने से आपको पेट से जुड़ी परेशानियों में फायदा मिलेगा। अपच या पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए आप डॉक्टर की सलाह पर हींग का सेवन कर सकते हैं।

सांस से जुड़ी परेशानियों में फायदेमंद

सांस से जुड़ी परेशानियों में हींग का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। हींग में एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस की समस्या में बहुत फायदेमंद होते हैं। सांस लेने में परेशानी और जकड़न की समस्या में खाली पेट हींग का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। अपने एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण, हींग खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। यह छाती की जकड़न को दूर करता है।
हींग का पानी पेट की समस्याओं में रामबाण की तरह काम करता है. औषधीय गुणों से भरपूर यह पानी कई बीमारियों से शरीर को सुरक्षित रखता है. गैस, बदहजमी, कब्ज जैसी समस्याओं को हींग का पानी (Hing Water Benefits) झट से दूर कर सकता है. वजन कम करना हो, हार्ट की बीमारी से बचना हो तो हींग पानी फायदेमंद होता है. एक हेल्थ वेबसाइट के मुताबिक, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों को भी हींग का पानी लाभ पहुंचा सकता है.
 ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप अपने डेली रूटीन में हींग का सेवन कर सकते हैं। हींग का पानी रोजाना पीना हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा। इसके लिए आप एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच हींग डालकर मिलाएं। इसे खाली पेट पीने से पाचन संबंधी समस्याओं (पाचन संबंधी समस्याओं के उपचार के उपाय) से राहत मिलती है। सिरदर्द होने पर भी हींग को ड्रिंक का सेवन किया जा सकता है।खाली पेट हींग के सेवन से आपकी पाचन क्रिया बेहतर होगी और आप अपच, कब्ज जैसी समस्याओं से दूर रहेंगे। रोजाना 1 चुटकी हींग खाली पेट खाने से पेट से जुड़ी दिक्कतें दूर हो सकती हैं। इसके सेवन से आपका पाचन तंत्र बेहतर काम करेगा।
पेट में ब्लोटिंग या गैस की समस्या से अगर आप परेशान रहते हैं तो हींग का सेवन जरूर करें। खाली पेट हींग के सेवन से ब्लोटिंग और गैस की समस्या से आराम मिलता है।
हींग के सेवन से ब्लड प्रेशर की समस्या में भी फायदा मिलता है। खाली पेट हींग का पानी पीने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रह सकता है। लेकिन ब्लड प्रेशर के मरीज इसका सेवन डॉक्टर के परामर्श पर करें।
एंटी-इंफ्लेमेटरी गणों से भरपूर हींग के सेवन से सिरदर्द में आराम मिलता है। इसके साथ ही सूजन की समस्या में भी हींग फायदा करती है।
खांसी, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस की समस्या में भी हींग का सेवन फायदेमंद साबित होता है। हींग में एंटी-वायरल और एंटी-

हींग और काला नमक खाने से क्या होता है?

हींग और काले नमक में मौजूद गुण मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने का काम करते हैं. पानी के साथ हींग और काला नमक मिलाकर पीने से मेटाबॉलिज्म की दर बढ़ जाती है, इससे पाचन से जुड़ी कई दिक्कतें दूर हो जाती हैं. काला नमक और हींग का पानी बॉडी को डिटॉक्स करने का काम करता है. इस पानी को पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है.
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26.11.23

पिंड खजूर सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं







खजूर का सेवन तो हम सभी करते हैं। कुछ लोग सूखे खजूर यानी छुहारा खाना पसंद करते हैं, वहीं कुछ लोग ताजे खजूर खाना पसंद करते हैं। आप खजूर का सेवन किसी भी रूप में करें, ये सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी पिंड खजूर का सेवन किया है? हम में से ज्यादातर लोग पिंड खजूर का सेवन करते हैं। यह थोड़े गीले और रस से भरपूर होते हैं, जिससे यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगते हैं। लेकिन ये सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, सेहत के लिए बहुत फायदेमंद भी होते हैं।
पिंड खजूर में सेहत के लिए जरूरी कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह विटामिन बी, डाइट्री फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, आयरन, कॉपर और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत है। जिससे यह न सिर्फ शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करने में सहायक है, बल्कि अद्भुत फायदे भी प्रदान करता है

वजन प्रबंधन में करे मदद:

 डाइट्री फाइबर से भरपूर पिंड खजूर बेहतरीन स्नैक हैं। यह क्रेविंग को कंट्रोल करते हैं और पाचन को बढ़ावा देते हैं। मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मददगार हैं, साथ ही भूख को भी नियंत्रित रखते हैं। जिससे यह शरीर में स्वस्थ वजन को बनाए रखने में मदद करते हैं।

त्वचा और बालों को रखे हेल्दी: 

खून की कमी दूर करने और प्रोटीन से भरपूर होने के कारण यह आपकी त्वचा और बालों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। यह त्वचा में नेचुरल ग्लो लाता है और बालों की कई समस्याओं को दूर करता है।

अच्छी आती है नींद: 

यह चिंता, तनाव और थकान को दूर करने में लाभकारी है और शरीर को ऊर्जावान बनाता है। यह आपको रात में बेहतर नींद लेने में मदद करता है और अनिद्रा से छुटकारा दिलाता है।

आर्थराइटिस के रोगियों को खाना चाहिए

खजूर में मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है। इसलिए आर्थराइटिस के रोगियों को काफी लाभ मिलता है। खजूर में पोटैशियम, बोरोन, कैल्शियम, कोबाल्ट, कॉपर, फ्लोरीन, मैंगनीज, फॉस्फोरस, सोडियम और जिंक जैसे 15 मिनरल्स होते हैं।

जो सेब, केले, संतरे में नहीं, वो केवल खजूर में

खजूर में पाए जाने वाले प्रोटीन में 23 तरह के एमिनो एसिड पाए जाते हैं। इनमें से कुछ एमिनो एसिड संतरे, सेब और केले में भी नहीं मिलता। खजूर में विटामिन C, B1 थाईमीन, B2 राइबोफ्लेविन, नायसीन और विटामिन A की प्रचुर मात्रा रहती है।

पेट को रखे स्वस्थ

 फाइबर से भरपूर होने के कारण यह पाचन को बेहतर बनाता है। साथ ही पेट में गैस, कब्ज, अपच, ब्लोटिंग और कई अन्य समस्याओं को दूर करता है। यह आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाता है और आंत में छालों से बचाता है। सुबह खाली पेट पिंड खजूर का सेवन पेट के लिए बहुत लाभकारी है।

हीमोग्लोबिन बढ़ाता है: 

शरीर में खून की कमी (एनीमिया) को दूर करने में लाभकारी है। आयरन से भरपूर होने की वजह यह रक्त में ऑक्सीजन और लाल रक्त कोशिकाओं के विकास को बढ़ावा देता है।

जिन्हें खून की कमी है वो 3 महीने तक खाएं खजूर

खजूर में आयरन की मात्रा काफी अधिक होती है। जिनमें हीमोग्लोबीन की कमी हो या जिनकी इम्यूनिटी कमजोर हो, उन्हें हर दिन एक खजूर खाना चाहिए। अगर 2 से 3 महीने तक खजूर खाते हैं तो न केवल वजन बढ़ेगा बल्कि शरीर में खून भी बनेगा।

ब्लड प्रेशर रखे कंट्रोल:

 कैल्शियम, पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर पिंड खजूर हाई ब्लड प्रेशर को कम करने और बीपी को सामान्य रखने में भी मददगार हैं।
पिंड खजूर का सेवन सेहत के लिए बहुत लाभकारी है। लेकिन डायबिटीज के रोगियों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इसमें शुगर की मात्रा अधिक होती है। साथ ही इसका अधिक सेवन न करें, दिन 4-5 खजूर से ज्यादा न खाएं।

1 दिन में कितने खजूर खा सकते हैं?

शरीर को जरूरी न्यूट्रिएंट्स देने के लिए हर दिन दो खजूर खाना काफी है। अगर पाचन क्रिया ठीक है तो चार खजूर भी खाए जा सकते हैं। जबकि बच्चों को दिनभर में एक खजूर से अधिक नहीं देना चाहिए। खजूर से बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ती है।

खाली पेट खजूर खाना ज्यादा फायदेमंद

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. दीक्षा भावसार बताती हैं कि खजूर को सही समय पर लिया जाए तो शरीर को अधिक लाभ होता है। आयुर्वेद के अनुसार, खजूर सुबह खाली पेट लेना चाहिए। चूंकि खजूर की तासीर ठंडी होती है इसलिए शरीर में वात और पित्त का बैलेंस बना रहता है।
वैसे एक-दो खजूर को दोपहर में स्नैक्स की तरह ले सकते हैं या जब मीठा खाने का मन करे तब खा सकते हैं। खजूर को भोजन करने के तुरंत बाद नहीं लेना चाहिए। यदि वजन बढ़ाना चाहते हैं तो रात में सोने से पहले घी के साथ खजूर खा सकते हैं।

खजूर को 8-10 घंटे पानी में भिगो कर रखें

खजूर को खाने से पहले उसे 8-10 घंटे पानी में भिगो कर रखें। पानी में रखने से खजूर में मौजूद टैनिंस या फाइटिक एसिड निकल जाते हैं। इससे न्यूट्रिएंट्स ठीक से एब्सॉर्ब हो पाते हैं। पानी में भिगो कर रखने से इसे पचाने में भी आसानी होती है।

अन्य गुण -

दांतों को मजबूती: खजूर में फ्लोरीन होता है जो दांतों को कमजोर होने से बचाता है।

कब्ज करे दूर: खजूर में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, इससे कब्ज की शिकायत दूर होती है।

हार्ट को रखे दुरुस्त: खजूर में मौजूद न्यूट्रिएंंट्स हमारे हार्ट को स्वस्थ रखते हैं।

कोलेस्ट्रॉल करे कम: हर दिन एक खजूर खाने से भी बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है।

हडि्डयों को मजबूती: खजूर को कैल्शियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कॉपर और मैग्नीशियम का पावर हाउस कहा जाता है। इससे हडि्डयों को ताकत मिलती है।

ब्रेन को खुराक: मेंटल हेल्थ को ठीक करता है, अल्जाइमर जैसी बीमारियों को कंट्रोल करने में भी मददगार होता है

स्टैमिना: शरीर की कमजोरी दूर होती है, स्टैमिना बढ़ता है।

पाइल्स में राहत: फाइबर रिच होने के कारण पाइल्स में भी खजूर खाना चाहिए।

हेल्दी प्रेग्नेंसी: आयरन की अधिक मात्रा होने की वजह से प्रेग्नेंट महिलाओं की डाइट में खजूर होना चाहिए।








24.11.23

सर्दियों के मौसम के रोग और उनके घरेलु उपचार








सर्दियों के मौसम में कई समस्याएं दस्तक देनी शुरू हो जाती हैं। शरीर का तापमान अधिक और बाहर का तापमान कम होने के कारण व्यक्ति कई समस्याओं से परेशान हो जाता है। ऐसे में इन समस्याओं से बचाव की जरूरत होती है। सर्दियों में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी काफी ज्यादा परेशान रहते हैं। शुष्क हवाओं के कारण इस मौसम में स्किन फटना बहुत ही आम समस्या है। इसके अलावा सर्दी, जुकामस फ्लू इत्यादि कई अन्य समस्याएं सर्दियों में होती हैं।

खांसी-जुकाम

सर्दियों में खांसी जुकाम होना बहुत ही आम है। लेकिन अगर समय पर इसका इलाज ना हुआ तो आपको अन्य समस्याएं हो सकती हैं। जैसे- नाक बहना, कफ, गले में दर्द, कफ की समस्या इत्यादि। इन समस्याओं से बचाव के लिए आप अपने घर में कुछ घरेलू नुस्खे अपना सकते हैं.

सर्दियों में खांसी-जुकाम होना उपचार -

  खांसी और जुकाम की समस्या से राहत पाने के लिए काली मिर्च, लौंग इलायची, बरहड़, कच्ची हल्दी, अदरक इत्यादि गर्म चीजें लेने से आपको राहत मिलती हैं।

औषधीय गुणों से भरपूर चाय

सर्दी जुकाम के कारण होने वाले गले के दर्द और खांसी में औषधीय गुणों वाली चाय बहुत फायदेमंद होती है। अदरक, तुलसी, काली मिर्च, सोंठ, हल्दी, गुड़, जैसी गुणकारी चीजों को मिलाकर बनी चाय गले की तकलीफ में आराम दिलाती है।

यूरिक एसिड बढ़ना-

यूरिक एसिड की समस्या से ग्रसित लोगों को भी सर्दियों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सर्दियां जैसे ही शुरू होती है, उन्हें अंगूठों में दर्द की शिकायत शुरू हो जाती है। इसके अलावा अगर यूरिक एसिड शरीर में ज्यादा बढ़ जाए, तो घुटनों और जोड़ों में भी दर्द शुरू हो जाता है। इन समस्याओं से बचाव के लिए आप आयुर्वेदिक उपचार का सहारा ले सकते हैं।

यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के घरेलू उपचार - 

   यूरिक एसिड को हम कंट्रोल करने के कई घरेलू उपचार हैं। यदि आप यूरिक एसिड की समस्या से ग्रसित हैं, तो 1 चम्मच काला जीरा लें। इसे अच्छी तरह भूनें। अब इसे पीसकर 1 गिलास गर्म पानी से इसका सेवन करें। ध्यान रहे कि जीरा का सेवन करने से एक घंटा पहले और बाद में कुछ भी ना खाएं।

हाइपोथर्मिया

हाइपोथर्मिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर का तापमान 35 डिग्री के नीचे चला जाता है। इस वजह से शरीर बहुत ही ज्यादा ठंडा होता है। ऐसे मरीजों को घर से बाहर निकलने या फिर पानी छूने में काफी ज्यादा ठंड लगती है। इस वजह से शरीर में थकान, बार-बार पेशाब आना औह थरथराहट जैसा महसूस होता है। इस समस्या का इलाज जल्द ना कराया गया, तो व्यक्ति की मौत हो सकती है। हाइपोथर्मिया से बचने के लिए मरीज को गर्म चीजें खानी चाहिए

हाइपोथर्मिया का घरेलू उपचार -

हाइपोथर्मिया से ग्रसित व्यक्ति को गर्म स्थान पर रखें। उन्हें कंबल या मोटी चीजों से ढककर रखें। ऐसे व्यक्ति के पास आग जलाएं, ताकि उसे गर्मी पहुंचे। स्किन टू स्किन हीट दें। हाइपोथर्मिया के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना ही इसका बचाव है।

अर्थराइटिस

आयुर्वेदाचार्य राहुल चतुर्वेदी का कहना है कि सर्दियों में हमारा शरीर हीट को काफी ज्यादा कंवर्ज करता है। इससे हृदय और फेफड़ों में ज्यादा रक्त संचार होने लगता है। ऐसे में बांह, घुटने और कंधे की कोशिकाएं काफी ज्यादा सिकुड़ जाती है। जिसके कारण जोड़ों में दर्द और अर्थराइटिस की समस्या काफी ज्यादा बढ़ जाती है।

अर्थराइटिस की समस्या को दूर करने के घरेलू उपाय - 

सर्दियों में अर्थराइटिस की समस्याओं से बचने के लिए स्वस्थ दिनचर्या को फॉलो करें। सुबह खाली पेट गर्म पानी पिएं। इसमें 1 चम्मच सेब का सिरका डालने से यह आपके लिए और भी ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।

अस्थमा की समस्या

सर्दियों में सर्द हवाओं की वजह से अस्थमा के लक्षण काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं। इस दौरान गले में घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होने लगती है। ऐसे में अस्थमा के रोगियों ठंड के मौसम में अपना खास ख्याल रखना चाहिए। ठंडियों में हवाओं में एलर्जेंस काफी ज्यादा मौजूद होते हैं, जो अस्थमा के रोगियों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। इस कारण झींक, खांसी और छाती में जकड़न जैसी परेशानी हो जाती है।

गले में खराश

सर्दियों में लोगों को गले में खराश की शिकायत काफी ज्यादा होती है। गले में खराश की वजह से बोलने और खाने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। लेकिन इसकी अच्छी बात यह है कि आप घरेलू नुस्खों से गले में खराश की समस्या से निजात पा सकते हैं।
गले में खराश की समस्या से निजात पाने के लिए आप कई तरह के घरेलू नुस्खे आजमा सकते हैं। अदरक और शहद का जूस सबसे असरदार माना जाता है। 1 चम्मच अदरक से जूस में 1 चम्मच शहद मिलाकर पिएं। दिन में 2-3 बार ऐसा करने से आपके गले की खराश दूर हो जाएगी।

अस्थमा का घरेलू उपचार - 

   अस्थमा के रोगियों को सर्दियों में खास ख्याल रखना होता है। बाहर निकलने से पहले हमेशा अपने हाथ, पैर और मुंह को ढककर रखें। पैरों में हमेशा मौजे पहने रहें। चिकित्सक की सलाह पर गर्म चीजों का सेवन करें। रात में सोने से पहले 1 गिलास दूध में 5-6 लहसुन की कलियां डालकर उबालें और इसे पी जाएं। यह दूध अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

ब्रेन स्ट्रोक

सर्दियों में हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा रहता है। खासतौर पर 50 से 60 वर्ष की उम्र के लोगों को इन दिनों काफी ज्यादा परेशानी होती है। अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी समस्याएं हैं, तो सर्दियों में अपना खास ख्याल रखें। आयुर्वेद के कुछ उपचार अपना कर आप ब्रेन स्ट्रोक के खतरे से बच सकते हैं।

ब्रेन स्ट्रोक के खतरे से बचने के लिए घरेलू उपाय- 

ब्रेन स्ट्रोक के खतरे से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपना जरूरी है। खतरे से बचाव के लिए वजन को कम रखें। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराएं। खाने में हरी सब्जियों को शामिल करें। सर्दियों में एक्सरसाइज को स्किप ना करें।

ड्राई स्किन

   सर्दियों में शुष्क हवाओं की वजह से स्किन काफी ड्राई हो जाती है। ड्राई स्किन सेहत पर काफी बुरा असर डाल सकती है। ऐसे में आपको स्किन ड्राई होने से पहले कुछ घरेलू उपाय अपनाने चाहिएं।

ड्राई स्किन से बचाव के घरेलू उपाय - 

 रात को सोने से पहले अपने चेहरे और हाथ-पैरों को सरसो तेल से मालिश करें। इससे आपको अच्छी नींद भी आएगी। साथ ही ड्राई स्किन से भी छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा अगर आपकी होंठ फटती है, जो नाभि में 1 बूंद तेल डालकर सोएं। यह आपके लिए फायदेमंद है।

हाई-ब्लड प्रेशर

सर्दियों में हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ने की काफी संभावना होती है। इसका प्रमुख कारण कम शारीरिक एक्टिविटी और अधिक खानपान है। हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने से शरीर में कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए सर्दियों में हाई ब्लड प्रेशर बढ़ने से बचने के लिए नियमित रूप से योगा और एक्सरसाइज करें।

घरेलू उपाय-

 हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को खाने में नमक की मात्रा कम रखनी चाहिए। सर्दियों में अपने शरीर को एक्टिव रखें। सुबह खाली पेट मेथी और अजवाइन का पानी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।

जावित्री और जायफल


रसोई के मसालों में मौजूद जायफल और जावित्री औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। इनमें एंटी.इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। छाती में जमा कफ और जुकाम से निपटने के लिए जायफल और जायपत्री को बराबर मात्रा में पीसकर पीसकर शहद के साथ बच्चों को चटाने से आराम मिलता है।


अदरक, हल्दी और पुराना गुड़

गले में जमा कफ और बंद नाक बच्चों की परेशानी का कारण बनने लगता है। इससे निजात पाने के लिए 1 इंच अदरक को 1 चुटकी हल्दी और पुराने गुड़ के साथ दूध में उबालें। कुछ देर बॉइल करने के बाद ठण्डा करके बच्चे को पिला दें। इससे बच्चे को जल्द राहत मिलने लगती है।

अजवाइन और लहसुन का तेल

अजवाइन और लहसुन की तासीर गर्म होने से उन्हें सरसों के तेल में कुछ देर पकाकर चेस्ट और पैरों पर लगाने से बेहद फायदा मिलता है। अगर आप ओवर द कांउटर मेडिसिन से परेशान हैं, तो कुछ आसान नुस्खे इस समस्या को हल कर सकते हैं। आधा कप सरसों के तेल को अच्छी तरह से पकाकर उसमें पिसा हुआ लहसुन और 1 चम्मच अजवाइन का मिलाएं और पकने दें। इससे ठण्ड, खांसी और जुकाम की समस्या अपने आप हल हो जाती है। रात को सोते वक्त इसे लगाकर कुछ देर के लिए पंखा बंद कर दें।

अदरक का रस और शहद

 गले में होने वाली खराब को कम करने के लिए एंटी इंफलामेटरी गुणों से भरपूर अदरक का प्रयोग फायदेमंद साबित होता है। इसके लिए 1 इंच को कसकर उसका रस निकाले लें। आधा चम्मच अदरक के रस में 2 से 3 बूंद शहद की टपकाएं और बच्चे को खाने के लिए दें। ध्यान रखें कि इसका सेवन धीरे धीरे करें। अन्यथा शहद गले में चिपकने का भय रहता है।

मुलेठी का पानी

गले में बढ़ने वाली खराश और कफ की समस्या को दूर करने के लिए मुलेठी का सेवन अवश्य करें। इसमें मौजूद औषधीय गुण प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ बनाए रखते हैं। जो विटामिन, आयरन और फासफोरस से भरपूर है। इसे चबाकर भी खा सकते हैं। इसके अलावा आधा चम्मच मुलेठी के पाउडर को पानी में उबालकर पीने से भी राहत मिल जाती है। बच्चों को 1 चौथाई कप मुलेठी का हल्का गुनगुना पानी पीने के लिए दें। इससे खांसी और चंस्ट कंजेशन की समस्या से बचा जा सकता है।

23.11.23

शरीर सिर्फ हड्डियों का ढांचा है तो सर्दियों में कैसे वजन बढाएं?



 आज के समय में लोग मोटापे से परेशान हैं वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो दुबलेपन के कारण परेशान है. पेट भर कर खाना खाने के अलावा कई तरह के तरीके आजमाने के बाद भी उनका वजन बढ़ने का नाम नहीं लेता है.
सर्दियों को खाने-पीने के लिए एक अच्छा मौसम माना जाता है। इस मौसम में भूख ज्यादा लगती है, व्यक्ति सामान्य से अधिक खाना खा लेता है। इसलिए अकसर ऐसा समझा जाता है कि जो लोग दुबले-पतले और कमजोर हैं, उनके लिए सर्दियों का मौसम बेस्ट होता है। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि आपको फास्ट फूड, जंक फूड जैसे खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करना होता है। सर्दियों में भी आपको सिर्फ हेल्दी फूड्स खाकर ही वजन बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।
अगर आप सर्दियों में वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको मौसम का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। सर्दियों में वजन बढ़ाने वाले लोगों को ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जिनकी तासीर गर्म हो। क्योंकि इससे सर्दियों में आपको गर्माहट मिलेगी, साथ ही आप ऊर्जावान भी महसूस करेंगे। अकसर लोग सर्दियों में गुड़, सूप, ड्राई फ्रूट्स, दूध, रागी-बाजरा आटा आदि को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। वैसे तो इन चीजों का सेवन किसी भी समय पर किया जा सकता है। लेकिन अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो विंटर फूड्स को सही समय पर खाना भी बहुत जरूरी होता है। तो चलिए, जानते हैं


वजन बढ़ाने के लिए विंटर डाइट प्लान-

खाली पेट

अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो सुबह खाली पेट गुड़ का पानी पी सकते हैं। इसके लिए आप रात को एक गिलास पानी में गुड़ का टुकड़ा भिगोकर रख दें। सुबह उठते ही इस पानी को पी लें। इससे आपको आयरन, कैल्शियम मिलेगा। साथ ही दुबलेपन से भी छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा वजन बढ़ाने के लिए आप सुबह खाली पेट भीगे हुए ड्राई फ्रूट्स, बनाना शेक, मिल्क शेक, आल्मंड शेक आदि का सेवन भी कर सकते हैं।

वजन बढ़ाने के लिए ब्रेकफास्ट

ब्रेकफास्ट करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी होता है। अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको भूलकर भी ब्रेकफास्ट को स्किप नहीं करना चाहिए। वजन बढ़ाने के लिए आप ब्रेकफास्ट में अंडा, चने, स्प्राउट्स, मिल्क ओट्स, मिल्क दलिया, आदि का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा वजन बढ़ाने के लिए आप सर्दियों में ब्रेकफास्ट में पीनट बटर सैंडविच, पैनकेक आदि खा सकते हैं। आपको ब्रेकफास्ट 8 से 9 बजे के बीच में कर लेना चाहिए।

वजन बढ़ाने के लिए मिड मॉर्निंग फूड्स

मिड मॉर्निंग में कुछ लाइट फूड्स का सेवन किया जा सकता है। अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो मिड मॉर्निंग में एक कटोरी फलों का सेवन कर सकते हैं। इसमें मौसमी फलों को ही शामिल करें। इसके अलावा आप प्रोटीन बार भी खा सकते हैं। मिड मॉर्निंग में आप पीनट बटर, कॉफी आदि का भी सेवन कर सकते हैं। लेकिन कॉफी का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें।

वजन बढ़ाने के लिए लंच

अगर आप नॉनवेज खाते हैं, तो लंच में फिश या मटन शामिल कर सकते हैं। लंच में आप रोटी, चावल, दही, सब्जी, दाल और सलाद शामिल करें। लंच में आपको ब्रेकफास्ट से अधिक खाना चाहिए। लंच में बैलेंस डाइट लें। वजन बढ़ाने वाले लोगों के लिए फुल फैट वाली दूध फायदेमंद साबित हो सकती है।

वजन बढ़ाने के लिए स्नैक्स

सर्दियों में वजन बढ़ाने वाले लोगों के लिए स्नैक्स में सूप पीना सबसे अधिक फायदेमंद होता है। अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो स्नैक्स में चिकन, टमाटर, वेजिटेबल सूप पी सकते हैं। इसके अलावा स्नैक्स में आप स्प्राउट्स, पनीर आदि का भी सेवन कर सकते हैं। आप स्नैक्स में तिल-गुड़ लड्डू, अलसी के लडूड भी खा सकते हैं।

वजन बढ़ाने के लिए डिनर

डिनर लाइट होना चाहिए और सोने से 2-3 घंटे पहले कर लेना चाहिए, यह नियम सभी के लिए लागू होता है। अगर आप वजन भी बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको डिनर लाइट ही करना चाहिए। साथ ही डिनर समय पर कर लेना चाहिए। आप अपने डिनर में नॉनवेज शामिल कर सकते हैं। साथ ही इसके अलावा आप 1-2 रोटी, सब्जी और सलाद भी अपने डिनर में शामिल करें।

वजन बढ़ाने के लिए बेड टाइम ड्रिंक

अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो रात को सोते समय हल्दी वाला दूध पी सकते हैं। इसके अलावा वजन बढ़ाने वाले लोग रात को दूध में खजूर, अंजीर, बादाम, किशमिश, काजू, अखरोट आदि मिलाकर भी पी सकते हैं। रात को दूध में होममेड प्रोटीन पाउडर मिलाकर पीने से भी वजन बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
खाने का सही विकल्प आपके वजन बढ़ाने पर बड़ा प्रभाव डाल सकते है. जी हां आज हम बात कर रहे हैं वजन को बढ़ाने के लिए खाने वाली चीजों के बारे में. जहां आज के समय में लोग मोटापे से परेशान हैं वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो दुबलेपन के कारण परेशान है. पेट भर कर खाना खाने के अलावा कई तरह के तरीके आजमाने के बाद भी उनका वजन बढ़ने का नाम नहीं लेता है. ऐसे में हमें मेवे, बीज और नट बटर कैलोरी से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए जो प्रोटीन और हेल्दी फैट से भरपूर होते हैं और मांसपेशियों के विकास में भी बढ़ावा देते हैं और शरीर को एनर्जी भी देते हैं. इसके अलावा पीनट बटर और केलों का सेवन भी वजन बढ़ाने में मदद करता है
लीन मीट, फिश और बींस जैसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें ये टिश्यू को रिपेयर करने में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा चावल, सूखे मेवे और केला भी कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत हैं जो हेल्दी तरीके से वजन को बढ़ाने में मदद करता है.

चावल

वजन बढ़ाने के लिए चावल सबसे स्वास्थ्यवर्धक और संतुष्टिदायक फूड ऑप्शन्स में से एक है. इसमें मौजूद खनिज और कार्बोहाइड्रेट वजन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. चावल के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको लंबे समय तक तृप्त रखता है और साथ ही इसमें अच्छी मात्रा में पौष्टिक कैलोरी भी होती है.

ड्राई फ्रू्ट्स

ड्राई फ्रू्ट्स पोषक तत्वों का सर्वोत्तम स्रोत हैं! काजू, मूंगफली, किशमिश और बादाम जैसे सूखे मेवें वजन बढ़ाने वाले शानदार खाद्य पदार्थ हैं. इसके साथ ही भूख लगने पर इनका सेवन आपे पेट को भरा रखने में भी मदद कर सकता है. इनका सेवन शरीर को पोषण और हेल्दी फैट प्रदान करता है.

पीनट बटर

कई लोगों को लगता है कि पीनट बटर खाने से उन्हें वजन बढ़ाने में मदद मिलती है. खैर, यह सच है, और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पीनट बटर में स्वस्थ कैलोरी होती है. क्योंकि यह एक बहुत ही पौष्टिक नाश्ता है, एथलीट, जिम लवर और बॉडीबिल्डर इसका सेवन करते हैं. हालाँकि, इसका सबसे अच्छा पहलू यह है कि यह अलग-अलग तरह के फ्लेवर्स में आता है और प्रोटीन से भरपूर होता है.

केला

वजन बढ़ाने के लिए केले सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में से हैं क्योंकि इनमें कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट और खनिज उच्च मात्रा में होते हैं. स्वस्थ और तेजी से वजन बढ़ाने के लिए आप प्रतिदिन लगभग 4-5 पके केले खा सकते हैं. शरीर को एनर्जी देने के अलावा इसका स्वाद भी अच्छा होता है. इसके अतिरिक्त ये पाचन में सहायता करते हैं और शरीर के चयापचय को भी बेहतर करते हैं.

अंडा

वजन बढ़ाने के लिए अंडा सबसे अच्छा ऑप्शन है. ये स्वादिष्ट, पौष्टिक, स्वास्थ्यप्रद हैं और वजन बढ़ाने के लिए भी अच्छे हैं. अंडा एक ऐसा भोजन है जिसे आप कई तरीकों से खा सकते हैं. इसमें महत्वपूर्ण विटामिन के साथ-साथ प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
कमजोर शरीर के कारण अक्सर व्यक्ति को शर्मिंदगी का सामना उठाना पड़ता है. वहीं कमजोर शरीर जल्दी बीमारियों की चपेट में आ जाता है. ऐसे में यदि आप अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं तो रात को सोने से पहले कुछ चीजों का सेवन करें. इन चीजों के सेवन से आसानी से वजन बढ़ सकता है. 

दूध

व्यक्ति रात को सोने से पहले दूध का सेवन कर सकता है. बता दें कि दूध वजन को बढ़ाने में उपयोगी है. हालांकि दूध का सेवन सोने से 1 घंटे पहले करें. दूध के सेवन के साथ यदि मखाना, अंजीर, खजूर आदि का सेवन किया जाए तो जल्दी वजन बढ़ाने में मदद मिल सकती है.

किशमिश 

 किशमिश के सेवन से भी वजन को बढ़ाया जा सकता है. ऐसे में आप नियमित रूप से किशमिश का सेवन करें. आप चाहें तो दूध में भिगोकर किशमिश का सेवन कर सकते हैं.

बीन्स 

बीन्स के अंदर भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं. ऐसे में यदि आप सोने से दो-तीन घंटे पहले बीन्स का सेवन करते हैं तो इससे वजन को बढ़ाने में मदद मिल सकती है.

दलिया

 वजन बढ़ाने के लिए दलिया का सेवन करना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. ऐसे में आप दलिये का सेवन रात को सोने से पहले कर सकते हैं. आपको बता दें कि दलिये का सेवा नाश्ते के वक्त करना भी सेहत के लिए अच्छा हो सकता है. यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है साथ ही वजन को बढ़ाने में भी उपयोगी है. इससे हेल्दी वेट गेन हो सकता है.

ज्यादा कैलोरी-

स्टाइलसेटलाइफ वेबसाइट पर 10 दिनों में वजन बढ़ाने के टिप्स बताए गए हैं. इसमें कहा गया है कि यदि आप 10 दिनों में वजन बढ़ाना चाहते हैं तो जितनी कैलोरी आप रोजाना पहले लेते थे, उससे 1000 कैलोरी अब ज्यादा लेनी होगी. इसके लिए डाइट में अतिरिक्त चीजों को शामिल करना होगा.

5-6 बार भोजन-

 एक्स्ट्रा डाइट के लिए रोजाना 5 से 6 बार भोजन करना जरूरी है. इसके लिए डाइट चार्ट यह है कि 3 हैवी मील और 2 ब्रेकफास्ट लें. सुबह नाश्ता हैवी लें. इसके बाद दोपहर मील और रात में डिनर हैवी लें. रात में 8 बजे तक डिनर कर लें. इसके अलावा शाम में और दोपहर के बाद हल्का ब्रेकफास्ट जरूर करें. वैसे जब भूख लगे, उसी समय खाने का नियम बना लें.

सुबह खाली पेट जूस-

सुबह में खाली पेट गाजर का जूस पीएं. इससे पहले आप स्प्रॉउट लेंगे तो यह ज्यादा अच्छा रहेगा. स्प्रॉउट में मूंग, चना और कुछ साबुत अनाज ले सकते हैं. स्प्रॉउट प्रोटीन से भरा होता है. इससे शरीर को तुरंत एनर्जी मिलेगी.

पोष्टिक भोजन करें-

भोजन का मतलब यह नहीं है कि जंक फूड या फास्ट फूड खा लें. भोजन हेल्दी होना चाहिए जिसमें पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों का होना जरूरी है. इसके लिए आप डाइट चार्ट को फॉलो करें.

खाने से पहले पानी नहीं -

पानी पर्याप्त मात्रा में पीना जरूरी है लेकिन खाने से पहले पानी या अन्य तरल पदार्थ लेंगे तो सही से भोजन नहीं कर पाएंगे. इससे पेट भरा हुआ महसूस होगा और आप सही से खाना नहीं खा पाएंगे.

 एक्सरसाइज-

वजन बढ़ाने के मतलब यह नहीं कि आप खाना सिर्फ खाएं और एक्सरसाइज न करें. यदि आप चाहते हैं कि आप हेल्दी रहें तो नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. एक्सरसाइज नहीं करेंगे तो मेटाबोलिज्म सही से नहीं होगा और मेटाबोलिज्म सही से नहीं होगा तो आप जो खा रहे हैं उसका अवशोषण नहीं होगा. यानी वह एनर्जी में नहीं बदलेगा.
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सर्दियों के मौसम में वजन कम कैसे करें ?





 

  सर्दियों के मौसम में लोगों में आलस बढ़ जाता है. लोग शारीरिक रूप से भी कम एक्टिव रहने लगते हैं. ठंड के कारण घर से बाहर निकलने से बचते हैं. जो लोग गर्मी में जिम जाकर वर्कआउट करते थे, वे भी अब कम बाहर निकलना पसंद करते हैं. सर्दियों के मौसम में शारीरिक गतिविधियां कम होने और घर में बैठकर सारा दिन खाते रहने की आदत डेवलप हो जाती है. इससे वजन बढ़ने लगता है. ऐसे में डाइट में सोच-समझकर आपको कोई भी फूड शामिल करना चाहिए. इस मौसम में ढेरों वेरायटी में सब्जियां मिलती हैं. साथ ही कई तरह के सीजनल फल, फूड मिलते हैं, जिनका सेवन करने से वजन को काफी हद तक कंट्रोल में रखा जा सकता है. यहां हम आपको कुछ ऐसे ही फूड्स के बारे में बता रहे हैं, जिनका सेवन करके आप हेल्दी रहने के साथ मोटापे से भी बचे रहेंगे.

गाजर खाएं- 

सर्दियों में गाजर खूब मिलता है. अक्सर ठंड में लोग गाजर का हलवा खूब खाते हैं. इसमें मावा, घी, चीनी, ड्राई फ्रूट्स खूब डाले जाते हैं, जो वजन को बढ़ा सकते हैं. बेहतर है कि आप कच्चा गाजर खाएं ताकि वजन कंट्रोल में रहे. ऐसा इसलिए, क्योंकि इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है. फाइबर वजन घटाने में आपकी मदद करती है. इसके अलावा, इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन के भी अधिक होता है. गाजर में कैलोरी भी कम होती है. ऐसे में वजन कम करने के लिए आप इसे प्रतिदिन खा सकते हैं. यह आंखों के लिए भी बेस्ट है.सर्दियों में फ्राईड और गर्म चीजें खाने का मन करता है, लेकिन इन चीजों से सबसे तेजी से वजन बढ़ता है. इस मौसम में मेटाबॉलिज्म भी स्लो हो जाता है. इसलिए आपको डाइट प्लान करके खाना चाहिए.
सर्दियों में तला-भुना खाने का सबसे ज्यादा मन करता है. जैसे ही ठंड के दिन आते है. घरों से पकौडे और समौसे की खुशबू आने लगती है. अक्सर आपने देखा होगा ठंड में स्ट्रीट फूड के स्टॉल्स पर भीड़ बढ़ जाती है. लोग सर्दियों में जमकर चाट-पकौड़े का मज़ा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं ठंड में इस तरह के खाने से सबसे जल्दी वजन बढ़ता है. इस तरह के खाने से आपके शरीर को नुकसान भी हो सकता है. वहीं ऐसे मौसम में हमारी इम्यूनिटी (Immunity) भी कमजोर हो जाती है. अगर आप वजन कम करने की सोच रहे हैं तो आपको अपनी डाइट और एक्सरसाइज पर थोड़ा ध्यान देना होगा. जानिए सर्दियों में वजन कम करने के लिए आपका डाइट प्लान कैसा होना चाहिए
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हेल्दी खाना खाएं- 

अगर आपको खाने की क्रेविंग ज्यादा होती है. तो आपको हमेशा छोटे-छोटे मील प्लान करके खाना चाहिए. इससे आपकी क्रेविंग भी खत्म हो जाएगी और वजन भी नियंत्रण में रहेगा. सर्दियों में खाना पचाने में शरीर को वक्त लगता है. ऐसे में आपको हेल्दी और सुपाच्य खाना ही खाना चाहिए. कुछ एक्टिविटी के बाद ही अपना दूसरा मील ले. अगर आपको कुछ तला भुना खाने का मन है तो आप केवल हफ्ते में एक दिन ही ऐसा खाना खाएं.

सूप या शोरबा पिएं- 

ठंड में आप डाइट में सूप जरूर शामिल करें. सूप के जरिए शरीर में बहुत सी सब्जियां और उनके पोषक तत्व चले जाते हैं जिससे आपका वजन तेजी से कम होता है. इसके अलावा शरीर के लिए भी सब्जियों का सूप बहुत फायदेमंद होगा. सूप बनाते समय मसाले ज्यादा न डालें. सूप में सब्जियों की मात्रा अच्छी डालें जिससे आप हेल्दी डाइट ले सकें. सर्दियों में गर्मा गरम सूप भी आपको फील गुड कराने के लिए अच्छा ऑप्शन है.

एंटीऑक्सीडेंट वाले फल खाएं- 

सीजनल फलों से भी आप अपने वजन को कम कर सकते हैं. इस मौसम में आने वाले फलों में बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं. जिससे आपकी इम्यूनिटी मजबूत बनती है. सीजनल फल खाने से आप इंफेक्शन से बचे रहते हैं. इतना ही नहीं अगर आप फल खाने की आदत डाल लेते हैं तो खुद को एक हेल्दी लाइफस्टाइल की ओर ले जा रहे हैं. फल खाने से आप तेलीय चीजों से दूर रहते हैं. ठंड में आप विटामिन सी से भरपूर फलों में अमरुद, संतरा, पाइनएप्पल और सेब खूब खाएं.

खूब पानी पिएं- 

सर्दियों में प्यास बहुत कम लगती है. लेकिन आपको पानी भरपूर मात्रा में पीना जरूरी है. ज्यादा मात्रा में पानी पीने से शरीर से टॉक्सिंस बाहर निकल जाते हैं जिससे वजन कम होने में मदद मिलती है. पानी पीने से भूख भी कम लगती है इसलिए ठंड में भी खुद को पूरी तरह से हाइड्रेट रखना जरूरी है.

अदरक वाली चाय- 

सर्दियों में बालकनी में खड़े होकर चाय पीना भला किसे पसंद नहीं होगा. ऐसे में अगर आप चाय के शौकीन हैं तो अदरक वाली चाय पीएं. अदरक सेहत के लिए और वजन कम करने के लिए लाभदायक है. लेकिन आप चाय में चीनी का इस्तेमाल कम करें या शक्कर वाली चाय पीएं.

वजन घटाने के लिए नींबू और शहद का उपयोग

एक गिलास पानी में आधा नींबू, एक चम्मच शहद एवं एक चुटकी काली मिर्च डालकर सेवन करें। काली मिर्च में पाइपरीन (piperine) नामक तत्व मौजूद होता है। यह नई वसा कोशिकाओं को शरीर में जमने नहीं देता है। नींबू में मौजूद एसकोरबिक एसिड (Ascorbic Acid) शरीर में मौजूद क्लेद को कम करता है, और शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है।

मोटापा कम करने के लिए दालचीनी का सेवन

लगभग 200 मि.ली. पानी में 3-6 ग्राम दालचीनी पाउडर डालकर 15 मिनट तक उबालें। गुनगुना होने पर छानकर इसमें एक चम्मच शहद मिला लें। सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले पिएँ। दालचीनी एक शक्तिशाली एंटी-बैक्टीरियल है, जो नुकसानदायक बैक्टीरिया से छुटकारा दिलाने में मदद करती है।

मोटापा घटाने के लिए सेब के सिरके का सेवन

एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका और एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर सेवन करें। इनमें मौजूद पेपटिन फाइबर (Pectin Fibre) से पेट को लम्बे समय तक भरा होने का एहसास होता है। यह लिवर में जमे फैट को घटाने में मदद करता है।

मोटापे से मुक्ति पाने के लिए पुदीना का इस्तेमाल

पुदीना की पत्तियों के रस की कुछ बूँद गुनगुने पानी में मिलाएँ। इसे खाना खाने के आधे घण्टे बाद पिएँ। यह पाचन में सहायक तथा चयापचय क्रिया को बढ़ाकर वजन घटाने में मदद करता है। इसका उपयोग लम्बे समय तक किया जा सकता है।

मोटापा घटाने के लिए सौंफ का सेवन

6-8 सौंफ के दानों को एक कप पानी में पाँच मिनट तक उबालें। इसे छानकर सुबह खाली पेट गर्म -गर्म ही पिएँ। इससे अधिक भूख लगने की समस्या से राहत मिलेगी तथा खाने की इच्छा कम होगी।

मोटापे से छुटकारा के लिए हल्दी का सेवन

हल्दी में विटामीन बी, सी, पौटेशियम, आयरन, ओमेगा- 3 फेटीऐसिड, एल्फा लिने लोयिक ऐसिड तथा फायबर्स आदि प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं, तथा अतिरिक्त चर्बी को घटाने में मदद करता है।

वजन कम करने के लिए इलायची का सेवन

रात में सोते समय दो इलायची खाकर गर्म पानी पीने से वजन कम करने में सहायता मिलती है। इलायची पेट में जमा फैट को कम करती है, तथा कोर्सिटोल (Cortisol) लेवल को भी नियंत्रित रखती है। इसमें मौजूद पोटेशियम (Potaseium), मैग्नेशियम (Magneseium), विटामिन बी1, बी6 (Vita. B1, B6), और विटामिन सी (Vita. C) वजन घटाने के साथ ही शरीर को स्वस्थ रखते हैं। इलायची अपने गुणों से शरीर में पेशाब के रूप में जमा अतिरिक्त जल को बाहर निकालती है।

मोटापा घटाने के लिए पिएं गुनगुना पानी

उबालकर आधा किया हुआ जल आधा-आधा गिलास करके दिन में ढाई से तीन लीटर पीना चाहिए। इससे आम का पाचन भी हो जाता है, और पेट भरा होने से भूख भी कम लगती है। यह हल्का, सुपाच्य, आम का पाचन करता है। यह शरीर के सभी सूक्ष्म से सूक्ष्म गंदगी को साफ करता है, और पेशाब तथा पसीना लाता है।

वजन कम करने के लिए करें अदरक और शहद का प्रयोग

लगभग 30 मि.ली. अदरक के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर पिएँ। अदरक और शहद शरीर की चयापचय क्रिया को बढ़ाकर अतिरिक्त वसा को जलाने का काम करते हैं। अदरक अधिक भूख लगने की समस्या को भी दूर करता है, तथा पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। इस योग को सुबह खाली पेट तथा रात को सोने से पहले लेना चाहिए।
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13.11.23

तोतलापन हकलाने की समस्या कैसे दूर करें






तुतलाने या haklana की समस्या एक प्रकार का डिसऑर्डर होता है। तुतलाने का घरेलू उपचार करने के लिए कुछ सामान्य से घरेलू नुस्खे और कुछ नियमित अभ्यास करने से फायदा मिलता है। इस आर्टिकल में विस्तार से जानेंगे हकलाना कौन सी बीमारी है और इसके होने का कारण क्या है,
तथा तुतलाने की समस्या से राहत पाने के घरेलू उपाय क्या है ?

हकलाने के कारण 

स्टैमरिंग यानि Tutlana हकलाना काफी सामान्य समस्या है। तुतलाने की समस्या बच्चों के साथ साथ बड़ो में भी होती है। Tutlane की समस्या के बहुत से कारण होते हैं। अगर माता-पिता में से किसी को हकलाने की समस्या है तो बच्चों में होने की आशंका बढ़ जाती है। क्योंकि बच्चों को भी हकलाने की आदत पड़ जाती है। स्टैमरिंग प्रॉब्लम के कई कारण हो सकते हैं जैसेबोलने में काम आने वाली मांसपेशियों व जीभ पर नियंत्रण ना होना।
दिमाग के बाएं हिस्से में कोई गड़बड़ होना।
जीभ की मांसपेशियों में सूजन होने के कारण।
बेचैन या अधिक खुश होने के दौरान जीभ पर नियंत्रण न रहना।
अधिक तनाव, कमजोरी, डर, थकान या दुखी होने पर भी हकलाने की समस्या बढ़ जाती है।

बच्चे हकलाते क्यों है?

Ans बच्चों के सबसे बड़ा कारण है बच्चे का भाषा पर पकड़ कम होना, बच्चे का भावुक ज्यादा होना, मानसिक तनाव, डर, एकाग्रता का कम होना, असमंजस की स्तिति आदि कारणों से बच्चों के तुतलाने की समस्या अधिक देखी जाती है।
हकलाने की समस्या से छुटकारा पाने के उपाय 

मक्खन में काली मिर्च

इस समस्या (Tutlana) से राहत पाने के लिए रोज सुबह मक्खन में काली मिर्च पाउडर मिलाकर खाना फायदेमंद होता है। इसका सेवन लगातार करते रहने से हकलाने की समस्या से छुटकारा मिलता है। साथ ही इसके सेवन से आवाज व गला भी साफ करने में मदद मिलती है।

बादाम

सुबह खाली पेट नियमित बादाम, काली मिर्च और मिश्री को पीसकर मक्खन के साथ खाने से तुतलाने की समस्या से राहत मिलती है। साथ ही बादाम का नियमित सेवन करने से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास ठीक से होने के साथ साथ याददाश्त भी तेज होती है। इसके अलावा बादाम के तेल को भी चाटने से तुतलाना कम ) होता है।


दालचीनी


सुबह ताजे मक्खन में दालचीनी चूर्ण डालकर चाटने से आवाज मधुर होती है तथा तुतलाने की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। इसके अलावा दालचीनी के तेल की जीभ पर कुछ दिन मालिश करने से जीभ पतली होती है और आवाज भी साफ हो जाती है।

आंवला

आयुर्वेद में आंवले का बहुत महत्व बताया गया है। शरीर में आंवला मेडिसिन की तरह काम करता है। नियमित सुबह के समय एक कच्चा आंवला चबाकर खाने से बॉडी में अनेक फायदे होने के साथ साथ यह तुतलाने की समस्या में भी लाभकारी होता है। इसके लिए रोज सुबह खाली पेट एक आंवला दो महीने तक लगातार खाना लाभदायक होता है।


 तेजपत्ता :

जिनको रुक-रुक कर बोलना या हकलाने की परेशानी उन व्यक्ति को तेजपत्ता जीभ के नीचे रखने से बहुत लाभ मिलता है और हकलापन तथा रुक-रुककर बोलना दूर हो जाता है। आंवला : काम से काम दो आंवला रोजाना कुछ दिनों तक चबाने से जीभ पतली और आवाज साफ होती है साथ ही उनका हकलापन और तुतलापन भी दूर हो जाता है।


तुतलाने की समस्या से राहत पाने के उपाय

धीरे-धीरे बोलने का अभ्यास करें


जिनको हकलाने की समस्या है उन्हें ज्यादा तेज बोलने के बजाय धीरे-धीरे बोलने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि जल्दी-जल्दी बोलने से हकलाहट की समस्या बढ़ती है। इसलिए धीरे-धीरे और आराम से बोलने का प्रयास करें और कुछ भी बोलने से पहले मन में सोचे कि क्या बोलना चाहते हैं।

मन को शांत रखें

इस समस्या से बचने के लिए बोलने से पहले गहरी सांस लें और शरीर को आराम दें तथा हकलाहट के बारे में दिमाग में बिल्कुल भी ना सोचें। हमेशा लोगों से नजर मिला कर बात करने की कोशिश करें बातों के बीच बीच में ठहराव लाएं ताकि बोलते वक्त शब्दों के बीच बीच में सोच भी सके।

डीप ब्रीदिंग

यह हकलाने की समस्या से बचने का बहुत अच्छा उपाय होता है। इसके लिए सबसे पहले गहरी सांस लें और फिर सांस को धीरे धीरे छोड़ते हुए अपनी बात बोलें। सांस को सही तरीके से नियंत्रण करने वाले अभ्यास करने से धीरे धीरे स्पीच में सुधार होने लगता है तथा हकलाने की समस्या से छुटकारा मिलने लगता है।

शब्दों को खींचकर बोलें

शब्दों को लंबा खींचकर बोलने की कोशिश करें। धीरे धीरे इसका अभ्यास करने से भी इस समस्या में राहत मिलती है। इसमें जिन शब्दों को बोलने में कठिनाई होती हो उन शब्दों का अभ्यास अधिक करें। इससे हकलाने की समस्या में राहत मिलने के साथ-साथ हकलाने में भी बदलाव आता जाएगा।

शब्द का उच्चारण करें

किसी भी एक शब्द जैसे राम, ओम, सीता आदि किसी एक शब्द का ऊंची आवाज में 10 – 15 बार उच्चारण करने को आदत बनाएं। इसके लिए सबसे पहले लंबी सांस लेकर किसी एक शब्द को देर तक बोलते रहें। यह उच्चारण शब्द बदल बदलकर अधिक समय तक करने का अभ्यास करते रहें और धीरे धीरे शब्द को बड़ा करते रहें जैसे जय श्री राम, ओम नमः शिवाय, जय सीता माता की आदि। 

शीशे के सामने अभ्यास करें

तुतलाने की समस्या से राहत पाने Stammering treatment के लिए शीशे के सामने खड़े होकर बोलने का अभ्यास करने से भी बहुत फायदा मिलता है। नियमित शीशे के सामने खड़े होकर शब्दों का अभ्यास करने के दौरान अपने मुंह और जीभ पर ध्यान रखें की किन शब्दों को बोलने में परेशानी होती है। उनको लंबा खींचकर बोलने का प्रयत्न करें। रोजाना 20 से 25 मिनट अभ्यास करने का प्रयास करें।


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