30.11.22

गुड खाने के क्या फायदे होते हैं?:Gud khane ke fayde





गुड़ का आयुर्वेद में काफी महत्व बताया गया है। गुड़ केवल एक खाद्य पदार्थ या चीनी का विकल्प भर ही नहीं है बल्कि इसमें सेहत का खजाना छिपा है। यह एंटी टॉक्सिन का भी काम करता है। रात में गुड़ का सेवन करने से शरीर में मौजूद हानिकारक टॉक्सिन बाहर निकल जाता है। यानि यह खून को साफ करने का काम भी करता है। वैसे तो गुड़ के सेवन के कई फायदे हैं लेकिन हम आपको यहां 7 चुनिंदा फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं।

1.सूक्रोज़ (sucrose) का सबसे अच्छा संग्राहक गुड़ होता है। भारतीय संस्कृति में भोजन करने के बाद मीठा खाने का प्रचलन सदियों पुराना है। इस गतिविधि को आगे बढ़ाने के लिए गुड़ सबसे अच्छा माध्यम होता है। गुड़ में बहुत ही पोष्टिक तत्व होते है। इसमें फाइबर (Fiber) बिल्कुल भी नहीं होता। यह पाचन प्रक्रिया को मजबूत करने में मदद करता है साथ ही यह कब्ज को रोकने में असरदार होता है।

2. इसमें उपस्थित पोषक तत्‍वों में लौह तत्‍व और फोलेट अच्‍छी मात्रा में होते है, ये तत्‍व शरीर में लाल रक्‍त कोशिकाओं की सामान्‍य मात्रा बनाए रखने में मदद करते है। इस प्रकार यह एनीमिया (Anaemia) को रोकने में मदद करते है। जिन लोगों को लौह तत्‍व की कमी होती है उन लोगों के लिए गुड़ का सेवन करना काफी फायदेमंद होता है।

3.देशी गुड़ में प्रतिरोधक तत्‍वों की अधिकता होती है इस कारण इसे कई प्रकार के सीरप और दवाओं में उपयोग किया जाता है। इसमें उपस्थित एंटीऑक्सिडेंट आपकी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ाने में मददगार होते है। सर्दी-खांसी और बुखार में इसका सेवन विशेष रूप से किया जाना चाहिए। इसमें विटामिन सी होता है जो‍ कि आपके शरीर को ठंड़ से बचा कर गर्मी देने का काम करता है। इसका सेवन करने से बीमार व्‍यक्ति को अधिक ऊर्जा प्राप्‍त होती है।

4.गुड़ अच्छी त्वचा के लिए भी जरूरी है। त्वचा की देखभाल करने के लिए आप अपने आहार में इसको शामिल कर सकते हैं। यह ब्लड प्यूरिफाई करने में मदद करता है। यह त्‍वचा को साफ रखने में अहम भूमिका निभाता है। गुड़ शरीर से हानिकारक टॉक्‍सिन बाहर निकालने में मददगार है। इससे आपकी त्‍वचा साफ और स्‍वस्‍थ बनी रहती है। रोजाना गुड़ खाने से मुंहासों से छुटकारा मिल जाता है और चेहरा ग्‍लो करने लगता है।

5.नियमित गुड़ का सेवन करने वजन कम करने में मदद मिलती है। गुड़ में पोटेशियम अच्‍छी मात्रा में होते है यह एक खनिज पदार्थ है। पोटैशियम इलेक्‍ट्रोलाइट्स (electrolytes) के स्‍तर को अनियंत्रित होने के खतरे कम करता है। यह पानी के अवशोषण को कम करता जो कि आपके वजन बढ़ने का प्रमुख कारण हो सकता है। पोटैशियम मांसपेशियां कोशिकाओं के निर्माण और चयापचय में वृद्धि करता है। इन्‍हीं वजहों से यह आपके वजन को कम करने में उपयोगी होता है।

6.शुगर और गुड़ दोनों ही मीठे होते है जो हमें शक्ति देते है, लेकिन शक्कर की अपेक्षा गुड़ हमें ज्यादा शक्ति प्रदान करता है क्‍योंकि इसमें शक्‍कर की तुलना में कार्बोहाइड्रेट ज्‍यादा होता है जो कि हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यह खून में आसानी से अवशोषित हो जाता है जिससे हमें तत्‍काल ही ऊर्जा प्राप्‍त होने लगती है गुड़ को खाने से हमें ऊर्जा बहुत देर तक मिलती रहती है. यह शरीर की थकावट और कमजोरी को दूर करता है।

7. दूध और गुड़ का सेवन करने से जोड़ों के दर्द में या गठिया से होने वाली तकलीफों को दूर किया जा सकता है। यदि आपको जोड़ों का दर्द होता है तो इसका सेवन कर आप इसे दूर कर सकते हैं. इस को आप अदरक के साथ मिला कर उपयोग कर सकते है। आप अपनी शारीरिक संरचना और वोन्‍स को शक्तिशाली बनाने के लिए प्रतिदिन एक गिलास दूध के साथ इसका सेवन कर सकते है। यह आपको गठिया, जोड़ों के दर्द और हड्डियों की तकलीफ को दूर करने में मदद कर सकता है।
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28.11.22

शीघ्र पतन के होमयोपैथिक ,आयुर्वेदिक उपचार:shighra patan gharelu nuskhe

 




 आमतौर पर यौन समस्याएं महिला और पुरुष दोनों को होती है, लेकिन वीर्य जल्दी बाहर निकल आना या शीघ्रपतन एक ऐसी समस्या है जो पुरुषों में बहुत सामान्य है। अक्सर पाया गया है कि ज्यादातर पुरुष जोश में जल्दी वीर्य गिरने की समस्या से परेशान रहते हैं। चूंकि जल्दी स्खलित हो जाने से पत्नी या पार्टनर को बेहतर शारीरिक सुख प्राप्त नहीं हो पाता है, इसलिए यह समस्या पुरुषों की मर्दानगी पर भी सवाल उठाती है।वीर्य का जल्दी बाहर निकल आना या शीघ्रपतन एक ऐसी समस्या है आप अपने साथी के साथ संभोग करते समय एक मिनट से भी कम समय में या बहुत जल्दी स्खलित हो जाते हैं और अपने साथी को यौन संतुष्टि प्रदान नहीं कर पाते और वह सेक्स का आनंद नहीं ले पाती है। 
जल्दी स्खलित होने की समस्या काफी शर्मनाक मानी जाती है और यह शादीशुदा जीवन को भी प्रभावित करती है।
 होमियोपैथिक एक लक्षण चिकित्सा-पद्धति है । इस पद्धति में रोग के नाम के अनुसार नहीं, अपितु रोगों के लक्षण के आधार पर चिकित्सा की जाती है । शीघ्रपतन premature ejaculation के लक्षणों में निम्नलिखित होम्योपैथिक औषधियाँ लाभकारी होती हैं –


लाइकोपोडियम –

 ये ध्वजभंग की मुख्य औषध है । जननेन्द्रिय की कमजोरी, जिन युवकों ने अधिक गुप्त-पाप (व्यभिचार) किये हो तथा उनकी जननेद्रिय क्लान्त हो गयी हो, अत्यधिक मैथुन तथा अप्राकृतिक मैथुन के कारण लिंगेन्द्रिय में उत्तेजना या कड़ापन न आना अथवा थोड़ी देर के लिए आना, शीघ्रपतन आदि लक्षणों में उपयोगी है । विशेषकर वृद्धों के लिए बहुत लाभकारी है ।

ग्रैफाइटिस

 प्रचण्ड कामोत्तेजना, रात्रिकालीन स्वप्नदोष, लिंगोतेजना इतनी कड़ी होना कि लिंग-प्रवेश के तुरन्त बाद ही वीर्य-स्खलन premature ejaculation  हो जाए अथवा संगमेच्छा का अभाव एवं लिंग में कड़ापन न आना । कमजोर लिंगोद्रेक के साथ स्वप्नदोष, गुप्त-दुराचार (हस्तमैथुन) आदि तथा अतिरिक्त काम-तृप्ति के कारण ध्वजभंग, लिंगमुण्ड पर कटे घाव तथा खाल उधड़ जाना, लिंग की शोथ (सूजन) तथा पुराने सुजाक के लसदार-चिपचिपे स्राव आदि लक्षणों में।

फास्फोरस 6, 30 –

 प्रचण्ड कामेच्छा, बार-बार, लिंगोद्रेक होना, दिन-रात लिंग में दर्द होना, बिना अश्लील स्वप्न देखे ही रात में स्वप्नदोष हो जाना, नमक के अत्यधिक व्यवहार के कारण इन्द्रिय दौर्बल्य, अत्यधिक उत्तेजना तथा गुप्त व्यभिचार के बाद ध्वजभंग,
दिन-रात बारम्बार पतले, लसदार वर्णहीन तरल पदार्थ का मूत्र-मार्ग से स्राव, मेरुदण्ड के रोग के साथ अत्यधिक कामोत्तेजना, मैथुन के समय वीर्य का शीघ्र स्खलित  premature ejaculation  हो जाना आदि लक्षणों में ।

सेलिनियम 30 – 

लिंगेन्द्रिय की असीम दुर्बलता, प्रबल कामेच्छा होने पर भी लिंग में कड़ापन न आना अथवा लैंगिक-क्रिया का असन्तोषपूर्ण अथवा सम्पूर्ण न होना, बार-बार वीर्य-स्राव, बिना कामेच्छा के ही प्रात:काल लिंगोतेजना, परन्तु सहवास की चेष्टा करने पर लिंगेन्द्रिय का शिथिल हो जाना, जननेन्द्रिय में खुजली तथा सुरसुरी, नींद में चलते समय, पाखाने के समय अथवा अनजाने में लिंग से गोंद जैसा लसदार पदार्थ निकलना आदि लक्षणों में ।

सीपिया – 

पुरुषों का इन्जेक्शन के कारण रुके हुए पुराने प्रमेह का, मूत्र-नली से अत्यधिक पीला अथवा दूध जैसा स्राव अथवा अन्तिम बूंद दर्द रहित होना, मूत्रेन्द्रिय से रात के समय स्राव तथा प्रात:काल मूत्र-नली का मुख आपस में सट जाना, बहुत दिनों तक बीमारी बने रहना अथवा बारम्बार वीर्यस्राव के कारण कामेद्रिय का दुर्बल हो जाना । कामेच्छा का घट जाना अथवा कामेच्छा के प्रति अरुचि आदि लक्षणों में ।

फास्फोरिक एसिड – 

युवको की अत्यधिक कामलिप्सा तथा गुप्त-पाप (हस्तमैथुन, व्यभिचार आदि) के कारण कमजोरी, ध्वजभंग के साथ अचैतन्यता जैसी अवस्था, मानसिक अवसन्नता, शारीरिक रूप से स्वस्थ्य होने पर भी मानसिक क्षीणता, सम्पूर्ण शरीर में अत्यधिक क्लान्ति, इन्द्रिय-शैथिल्य, लिंगोद्रेक न होना, संगम से अनिच्छा, काम-वासना का नाश, आलिंगन काल में ही लिंगेन्द्रिय का शिथिल हो जाना तथा सम्पूर्ण क्रिया न कर पाना आदि लक्षणों में यह औषधि हितकर सिद्ध होती हैं ।

सल्फर –

 जननेन्द्रिय पर उदभेद, खुजली, जननेन्द्रिय के पास बहुत पसीना होना, जननेन्द्रिय की ठण्डक, पुरुषों में ध्वजभंग, कामेच्छा के समय जबरदस्त खाँसी उठना, लिंग में भरपूर कड़ापन न आना व योनि प्रवेश के पूर्व ही अथवा प्रवेश करते ही बहुत जल्दी वीर्य स्खलित  premature ejaculation  हो जाना, जननेन्द्रिय से बहुत दुर्गन्ध आना आदि लक्षणों में 
जिंकम मेटालिकम – बहुत अधिक काम के कारण रोगी का क्लान्त तथा उत्तेजनाशील होना तथा इसी कारण शीघ्रपतन के कारण होने पर इस औषध का सेवन करें ।

बर्बेरिस –

 गठिया प्रकृति वाली स्त्री के लिए यह औषध सर्वोत्तम है, जिसे सहवास-काल में वेदना होती है और पुरुष-संग की इच्छा नहीं होती ।कामोत्तेजना या तो देर से होती है अथवा होती ही नहीं, इससे उसे अवसन्नता भी आ जाती है । स्त्री की मूत्र-नली में जलन, योनि-पथ में जलन का दर्द आदि लक्षणों में।

कैलेडियम – 

स्त्रियों की जननेन्द्रिय में खुजली, जिसके साथ अस्वाभाविक उत्तेजना भी जाती रहती है । पुरुषों में, शिथिल लिंग के साथ भयानक कामेच्छा, प्रात:काल अर्द्ध-निद्रित अवस्था में लिंगोतेजना, जो जगते ही चली जाती हो, कामवासना के खूब जाग्रत होने पर भी शक्ति का न रहना, बिना इच्छा के स्वतः ही लिंगोतेजना, कड़ापन व नपुन्सकता तथा शीघ्रपतन  premature ejaculation  के लक्षणों में। कार्बोबेजिटेबिलस –

 पुरुष तथा स्त्री दोनों की जननेन्द्रिय में कमजोरी तथा शिथिलता, पुरुष-लिंग का झूल पड़ना, स्त्री-योनि की शिथिलता, ठण्डी तथा पसीने से भरी स्त्री-जननेन्द्रिय, जिससे अपने आप तरल रस रिसता रहता हो । यह औषध स्त्रियों के लिए अधिक उपयोगी है ।

कार्बोनियम सल्फ्यूरेटम – 

मूत्रनली से पुराने सूजाक जैसा स्राव, मूत्राशय के कष्ट, मूत्रनली में वेदना, सम्पूर्ण ध्वजभंग, लिंगमुण्ड का प्रदाह, अण्डकोष में दर्द, जननेन्द्रिय में खुजली, जननेन्द्रिय की शिथिलता, सहवास के समय अतिशीघ्र स्खलित हो जाना, रात में स्वप्नदोष, कामेन्द्रियों का सिकुड़ जाना, कामेच्छा का अभाव आदि लक्षणों में इस औषधि का सेवन करें ।

कोनियम मेकुलेटम 3 – 

पुरुषों की रमणशक्ति का दुर्बल पड़ जाना, ध्वजभंग, प्रचण्ड कामेच्छा रहने पर भी लिंग का उत्तेजित न होना, रात्रि में बिना स्वप्न के ही वीर्यस्राव, अत्यधिक रमणइच्छा होने पर भी सम्पूर्ण अथवा आंशिक, ध्वजभंग, दर्द भरा वीर्यस्राव तथा भारी वेदनापूर्ण लिंगोद्रेक, लिंगोद्रेक होने पर छुरी से काटने जैसा दर्द, विधुर तथा स्त्री प्रसंग के अनभ्यस्त पुरुषों की दबी हुई कामेच्छा का दुष्परिणाम, शीघ्रपतन के लक्षण में दें ।

ऐग्नस कैक्टस Q –

 लिंग में कमजोरी, परन्तु कामेच्छा का अधिक होना, मल-त्याग के समय जोर लगाने से अथवा नींद में वीर्य स्खलन, एकदम मानसिक अवसन्नता, कमजोर तथा अनमनेपन का भाव आदि लक्षणों में इसके मूल अर्क को 5 से 10 बूंद तक की मात्रा में सेवन करें ।

नूफर लूटिया –

 कामूक वार्तालाप एवं सामान्य उत्तेजना से ही वीर्य स्खलित हो जाना तथा स्वप्नदोष के साथ कमजोरी आने के लक्षणों में ।

कैल्केरिया कार्ब 6 –

 अत्यधिक मैथुनेच्छा  परन्तु लिंग में कड़ापन आने से पूर्व ही वीर्य का शीघ्र स्खलित  premature ejaculation हो जाना, सम्पूर्ण शरीर में दर्द तथा कमजोरी के लक्षणों में।

प्लैटिना 6 – 

युवावस्था के आरम्भ में ही अत्यधिक शुक्रक्षय तथा हस्तमैथुन के दुष्परिणाम स्वरूप कामेच्छा न होने पर भी लिंग में कड़ापन होना तथा वीर्य का शीघ्र स्खलित हो जाना आदि लक्षणों में इस औषधि का सेवन करें ।

नक्सवोमिका 3x, 30 – 


थोड़े ही कारण से कामोत्तेजना । प्रातः नींद खुलने पर अस्वाभाविक लिंगोद्रेक, अश्लील स्वप्न देखने के बाद स्वप्नदोष, कमजोरी, बेचैनी, मेरुदण्ड में जलन आदि लक्षण प्रतीत होने पर दें ।

थूजा Q –

 अत्यधिक शुक्र-क्षरण की यह उत्तम औषधि है । विशेषकर सूजाक के कारण उत्पन्न हुए उपसर्गों में लाभप्रद है । मात्रा 4 बूद ।

बैल्लिस पेरेनिस Q –

 धातु-दौर्बल्य की यह उत्तम औषध है । हस्तमैथुन के कारण उत्पन्न हुए इस रोग में यह औषध विशेष लाभ करती है । मात्रा-5 बूंद, दिन में दो बार नित्य सेवन करें ।
उक्त औषधियो के अतिरिक्त लक्षणानुसार निम्नलिखित औषधियाँ भी उपयोगी सिद्ध होती हैं –

बैराइटा-कार्ब, पिक्रिक-

 एसिड, स्टैफिसेग्रिया, डिजिटेलिस, आर्निका, कैनाबिस-सैट, एसिड फास्फोरिक, चायना, कैन्थरिस, पल्स, इग्नेशिया, आर्जेण्ट-मेट, सिलिका, व्यूफो, कैल्के-फॉस, लैकेसिस, नेटूम, साइना आदि ।

आरम मेटालिकम 3x, 200 – 

शरीर में भयंकर कामोत्तेजना का भाव, चंचलता, परन्तु फिर शीघ्र ही एक निश्चिलता की स्थिति लिंगेन्द्रिय की अत्यधिक शिथिलता, मैथुन करते ही लिंग का ढीला पड़ जाना, हस्तमैथुन के परिणाम आदि लक्षणों में । यह औषध स्त्रियों के लिए बहुत उपयोगी है ।

प्लाटिनम –

 अत्यधिक उत्तेजना, जिसके कारण हस्तमैथुन आदि करने पड़ें, कामोत्तेजना के कारण उत्पन्न अपस्मार, असह्य कामोत्तेजना तथा जननेन्द्रिय में लगातार सुरसुरी, अत्यधिक कामोत्तेजना के कारण शीघ्रपतन के लक्षण में।

शीघ्रपतन के  घरेलू आयुर्वेदिक उपाय 

शतावरी : 

यह एक आयुर्वेदिक औषधि है और इसका इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है। खासतौर पर यह सेक्स से जुड़ी समस्याओं के इलाज में बहुत अधिक फायदेमंद है। आयुर्वेद में शतावरी के फायदों के बारे में विस्तार से बताया गया है। शतावरी के नियमित सेवन से शीघ्रपतन के मरीजों को जल्दी आराम मिलता है।.
खुराक : रोजाना एक चम्मच शतावरी चूर्ण
सेवन का तरीका : आधा चम्मच शतावरी चूर्ण को दिन में दो बार शहद या दूध के साथ मिलाकर खाएं।

गोक्षुर :

आयुर्वेद में बताया गया है कि गोक्षुर एक ऐसी जड़ी बूटी है जो वात पित्त कफ तीनों को नियंत्रित रखने में मदद करती है।गोक्षुर का इस्तेमाल मुख्य रुप से यौन शक्ति बढ़ाने और शीघ्र स्खलन जैसी बीमारियों के इलाज में किया जाता है। इसके सेवन से मांसपेशियों में ताकत आती है और टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ता है।
खुराक : रोजाना एक चम्मच गोक्षुर चूर्ण
सेवन का तरीका : आधा चम्मच गोक्षुर चूर्ण को घी और चीनी के साथ मिलाकर दिन में दो बार खाएं।
 
केसर : 

केसर के मुख्य फायदों से तो सभी भलीभांति परिचित है लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि केसर में कामोत्तेजक गुण भी होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार केसर को दूध के साथ मिलाकर पीने से शीघ्रपतन की बीमारी ठीक हो जाती है। इसके अलावा केसर के नियमित सेवन से सेक्स पॉवर और कामेच्छा बढ़ती है।
खुराक : रोजाना 5-7 केसर के रेशे (Styles)
सेवन का तरीका : 5-7 केसर के रेशे को दूध में उबालकर रात में सोने से पहले पिएं। यह शरीर की ताकत बढ़ाने वाली जड़ी बूटी है। शीघ्र स्खलन के आयुर्वेदिक दवा के रुप में इसका इस्तेमाल प्रमुखता से किया जाता है। इसके अलावा यह वीर्य बढ़ाने और नपुंसकता दूर करने के इलाज में भी इस्तेमाल की जाती है। कई डॉक्टरों का भी मानना है कि शीघ्रपतन के लिए यह एक अचूक औषधि है। आप मकरध्वज का सेवन भष्म या वटी के रुप में कर सकते हैं। इसकी मात्रा या खुराक की अधिक जानकारी के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लें।
खुराक : इसकी खुराक मरीज की वर्त्तमान स्थिति पर निर्भर करती है इसलिए खुराक के लिए डॉक्टर की सलाह लें।

सेवन का तरीका : 

डॉक्टर द्वारा बताए गये निर्देशानुसार ही इसका सेवन करें।

 मुलेठी :

 अधिकतर लोग मुलेठी का इस्तेमाल खांसी-जुकाम या गले की खराश दूर करने के लिए करते हैं लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि शीघ्रपतन के इलाज में भी आप मुलेठी का इस्तेमाल कर सकते हैं। आयुर्वेद में मुलेठी को वात-पित्त नाशक और शुक्रवर्धक माना गया है। मुलेठी का इस्तेमाल शीघ्रपतन रोकने के घरेलू उपाय के रुप में किया जाता है।
खुराक : रोजाना एक चम्मच मुलेठी चूर्ण
सेवन का तरीका : शीघ्रपतन दूर करने के लिए रोजाना आधा चम्मच मुलेठी चूर्ण को दूध या शहद के साथ मिलाकर सेवन करें।
अगर ऊपर बताए गए किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन के दौरान आपको किसी तरह की परेशानी होती है तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर से परामर्श लें। 

24.11.22

विक्स वेपोरब के फायदे:Vicks Vaporub ke upchar

 




 सर्दी आते ही सब विक्स का इस्तेमाल अपनी बंद नाक और गले के आराम के लिए करते है। लेकिन क्या आपको पता है की विक्स वेपोरब के इस्तेमाल करने के और भी बहुत सारे तरीके हैं। विक्स वेपोरब का उपयोग स्ट्रेच मार्क्स 
के निशान हटाने और वजन कम करने के लिए किया जा सकता है |VapoRub कपूर, नीलगिरी और मेन्थॉल से बना है। यह एक प्रकार की अरोमाथेरेपी है, या एक वैकल्पिक/पूरक उपचार है जिसमें सुगंधित तेलों और अन्य यौगिकों का उपयोग शामिल है।
जब आप भीड़भाड़ में होते हैं, तो VapoRub को अपनी छाती पर लगाने से (इसका इच्छित उपयोग) आपको यह महसूस करने में मदद मिल सकती है कि आपकी सांस लेने में सुधार हुआ है। यह मेन्थॉल वाष्प जारी करके ऐसा करता है जो आपके नाक मार्ग से टकराते ही ठंडक महसूस करते हैं। यह आपके मस्तिष्क को यह सोचने के लिए प्रेरित करता है कि आप अधिक आसानी से सांस ले रहे हैं।
हालांकि VapoRub वास्तव में जमाव या खांसी से राहत दिलाने में मदद नहीं करता है। आपका मस्तिष्क बस सोचता है कि यह करता है।
स्ट्रेच मार्क्स के निशान हटाने के लिए विक्स का प्रयोग

कई कारणों से स्ट्रेच मार्क्स के निशान हो सकते हैं इसमें गर्भावस्था सबसे आम है। स्ट्रेच मार्क्स के निशान विकास की गति के दौरान भी हो सकते हैं या कम समय में वजन कम करने के कारण भी हो सकते हैं।
माने या नहीं, विक्स की अनगिनत समीक्षाओं का कहना है कि यह गर्भावस्था के बाद स्ट्रेच मार्क्स के निशान या ढीले त्वचा के लिए यह इरेज़र की तरह है। मेन्थॉल, तेल और अन्य त्वचा शीतलन सामग्री का संयोजन खिंचाव के निशान के सबसे जिद्दी होने की चमक को कम करने के लिए बिल्कुल सही है! इस विधि का उपयोग करने वाले बहुत से लोग इसके बारे में बताते है, कि विक्स वेपोरब के इस्तेमाल से कुछ ही दिनों के भीतर आप स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पा सकते है जबकि विक्स वेपोरब के निर्माता दावा नहीं करते हैं कि इसका उत्पाद वास्तव में खिंचाव के निशान को कम कर सकता है या उपचार के रूप में इसका उपयोग करने की सिफारिश कर सकता है।

Vicks Vaporub ke fayde 

त्वचा के स्ट्रेच मार्क्स या स्कार्फिंग के लिए, उत्पाद में नीलगिरी की एंटी इन्फ्लामेंट्री तत्व होते है, जिसमें महिलाओं का कहना है कि इसका उपयोग करने के एक सप्ताह के भीतर, उनके खिंचाव के निशान 60 से 100 प्रतिशत चले गए थे। चूंकि विक्स वेपोरब में नीलगिरी के तेल, देवदार के पत्ते के तेल, पेट्रोलोलम, कपूर और टर्पेन्टाइन तेल का संयोजन होता है, ये तेल गठबंधन करते हैं और अत्यधिक खिंचाव वाली त्वचा को नरम बनाते हैं, और ड्राईनेस को भी कम करता है जो खिंचाव के निशान को दूर करता है।
स्ट्रेच मार्क्स हटाने के लिए विक्स वेपोरब का उपयोग करने के दो तरीके हैं यदि आप खिंचाव के निशान की दृश्यता को कम करना चाहते हैं, प्रभावित क्षेत्र पर विक्स वेपोरब को हल्के होथों से रगड़े। आप नियमित रूप से दो सप्ताह के बाद सकारात्मक परिणाम देखेंगे।
अपने सभी स्ट्रेच मार्क्स पर इसे रगड़ें और अपने कूल्हों के चारों तरफ एक चिपकने वाले पनी का टुकड़ा रखें। बाद में, टाइट लेगिंग्स (tight leggings) पहने और इसे रात भर के लिए छोड़ दें। जब आप जागते हैं तो स्ट्रेच मार्क्स चले जाना चाहिए। अगर वे गायब नहीं होते हैं, तो आप इसे अगली रात दोहरा सकते हैं।

Vicks Vaporub ke fayde 

वज़न कम करने के लिए विक्स वेपोरब का प्रयोग आप अपना वजन कम करने के लिए 2 चम्मच विक्स, 1 चम्मच बेकिंग सोडा (खाने का सोड़ा) आधा चम्मच कपूर पाउडर, और 2 चम्मच एल्कॉहल का एक मिश्रण बना लें। ध्यान रहे की इस मिश्रण में इतना विक्स वेपोरब मिलाएं कि पेस्ट जैसा बन जाएं।
एक बर्तन में इन सभी सामग्री को मिलाएं और इस पेस्ट को अपने पेट पर लगाएं। 5 मिनट के लिए धीरे मालिश करें और फिर अपने पेट को प्लास्टिक शीट से लपेट लें। इसे 1-2 घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें। इस बीच आप फिजीकल एक्सरसाइज करेंगें तो इसका असर डबल हो जायेगा, एक्सरसाइज करने के थोड़ी देर बाद इसे खोलकर पानी से धो लीजिए। यह विधि तुरंत परिणाम नहीं देती है, अच्छे रिजल्ट पाने के लिए लगभग 7 दिनों के लिए आपको यह करने की आवश्यकता हो सकती है।

अगर आपके हाथो या पैरो के नाखुनो में फंगस या पैरो की उंगलियो में खारवे या फंगस हो गई है तो आप वहाँ पर भी इसका इस्तेमाल कर सकते है।

पेट में गैस की वजह से दर्द 

अगर किसी के पेट में गैस की वजह से दर्द हो रहा है तो थोड़ा सा विक्स अपने पेट तथा नाभि के आस-पास लगा लें। कुछ ही देर में गैस्ट्रिक प्रॉब्लम दूर हो जाएगी और पेटदर्द से आराम आ जाएगा।

जब आपके सिर में हल्का सा दर्द हो तो आप हल्के हाथ से माथे पर इसकी मालिश कर सकते है
अगर आपको मच्छर, मक्खियां परेशान कर रहे हैं तो आप थोड़ा सा विक्स वेपोरब थोड़ी सी रूई में लगाकर अपने पास रख लें। विक्स वेपोरब की मेंथॉल खुशबू से ही मच्छर-मक्खियां आपके पास नहीं आएंगे। 

विक्स वेपोरब के हैरान कर देने वाले फायदे-

vicks की बोतल को अगर खुले में रख देते है तो उस जगह के आस पास मक्खिया नही आएगी।
अगर पैरों में मौजे पहनने पर बदबू आती है तो रात को सोते समय पैरों में हल्की सी विक्स लगाकर मौजे पहन कर सो जाएं। सुबह उठ कर पैर ठंडे पानी से धो लें। एक ही दिन में पैरों की बदबू दूर हो जाएगी।
अगर आपके कान में दर्द है तो थोड़ी सी vicks रुई में लगा कर अपने कान के पास रख ले इस में मौजूद मेंथोल अपना काम करेगा और आपको दर्द से आराम मिल जायेगा।

 मांस-पेशियों में खिंचाव

खेलते समय या कोई काम करते समय अगर शरीर की मांस-पेशियों में खिंचाव के कारण दर्द हो रहा है तो प्रभावित हिस्से तथा उसके आस-पास के हिस्से में विक्स वेपोरब लगा लें। इससे कुछ ही मिनट में आराम आ जाएगा। पीठ दर्द में भी विक्स वेपोरब से राहत मिलती है।
अगर आपकी त्वचा कहीं से कट गई है तो आप वहां पर भी vicks लगा सकते है यह बहुत दर्द करेगा पर आप इन्फेक्शन से बचे रहेगे।
अगर कोई ताज़ा खरोच लग गई हो तो vicks veporub में थोडा सा नमक मिला के लगाये |चोट का रंग नही बिगड़ेगा।

खांसी के लिए अपने पैरों पर विक्स का प्रयोग करें

यह स्पष्ट है कि Vicks VapoRub को अपने पैरों के तलवों पर लगाने से आपको कोई मदद नहीं मिलेगी। उत्पाद आपकी नाक से बहुत दूर है, इसलिए यह कोई अरोमाथेरेपी लाभ प्रदान नहीं करेगा।
फिर भी, एक लोकप्रिय सिद्धांत है जो कहता है कि विक्स आपके पैरों की नसों को उत्तेजित करके खांसी में मदद कर सकता है। सिद्धांत के अनुसार, यह उत्तेजना रीढ़ की हड्डी से मेडुला ऑबोंगेटा तक जाती हैमस्तिष्क में। मेडुला ऑब्लांगेटा आपके दिमाग का वह हिस्सा है जो खांसी को नियंत्रित करता है।
कुछ लोग इस विचार की तुलना मांसपेशियों में ऐंठन के सिद्धांत से करते हैं । कुछ वैज्ञानिक सोचते हैं कि कुछ तंत्रिकाओं की अति सक्रियता कम से कम एक प्रकार की मांसपेशियों में ऐंठन का कारण हो सकती है।
कई अध्ययनों से पता चला है कि तेज मसालों से बना पेय इस प्रकार के ऐंठन के लिए मददगार हो सकता है। दालचीनी और कैप्साइसिन जैसे मसालेयौगिक जो मिर्च को गर्म बनाता है, उन नसों को विचलित कर सकता है जो इन ऐंठन का कारण बनती हैं।
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16.11.22

मेथीदाना खाने के क्या फ़ायदे हैं ?:Methidana khane ke fayade

 



घर पर आसानी से मिल जाने वाली मेथी में इतने सारे गुण है कि आप सोच भी नहीं सकते है। यह सिर्फ एक मसाला नहीं है बल्कि एक ऐसी दवा है जिसमें हर बीमारी को खत्म करने का दम है। आइए आज हम आपको मेथी के पानी के कुछ चमत्कारिक फायदे  बताते हैं।

एक पानी से भरा गिलास ले कर उसमें दो चम्‍मच मेथी दाना डाल कर रातभर के लिये भिगो दें। सुबह इस पानी को छानें और खाली पेट पी जाएं। रातभर मेथी भिगोने से पानी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी ऑक्‍सीडेंट गुण बढ जाते हैं। इससे शरीर की तमाम बीमारियां चुटकियों में खत्म हो जाती है। आइए आपको बताते है कौन सी है वो खतरनाक 7 बीमारियां जो भाग जाएंगी इस पानी को पीने से।

वजन कम करे-methi ke fayade 

यदि आप भिगोई हुई मेथी के साथ उसका पानी भी पियें तो आपको जबरदस्‍ती की भूख नहीं लगेगी। रोज एक महीने तक मेथी का पानी पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है।

 
मेथी में galactomannan होता है जो कि एक बहुत जरुरी फाइबर कम्‍पाउंड है। इससे रक्‍त में शक्‍कर बड़ी ही धीमी गति से घुलती है। इस कारण से मधुमेह नहीं होता।

कोलेस्‍ट्रॉल लेवल घटाए-methi ke fayade 

बहुत सारी स्‍टडीज़ में प्रूव हुआ है कि मेथी खाने से या उसका पानी पीने से शरीर से खराब कोलेस्‍ट्रॉल का लेवल कम होकर अच्‍छे कोलेस्‍ट्रॉल का लेवल बढ़ता है।

कान के बहने पर मेथी के औषधीय गुण फायदेमंद

कान के बहने की बीमारी में मेथी के फायदे ले सकते हैं। मेथी के बीजों (Methi Seeds) को दूध में पीस लें। इसे छानकर तैयार कर लें। इस रस को गुनगुना या हल्का गर्म करके 1-2 बूँद कान में डालें। इससे कान का बहना बंद हो जाता है।

ब्लड प्रेशर होगा कंट्रोल-

मेथी में एक galactomannan नामक कम्‍पाउंड और पोटैशियम होता है। ये दो सामग्रियां आपके ब्‍लड प्रेशर को कंट्रोल करने में बड़ी ही सहायक होती हैं।


इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होने के नातेए मेथी का पानी गठिया से होने वाले दर्द में भी राहत दिलाती है।

कैंसर से बचाए-

मेथी में ढेर सारा फाइबर होता है जो कि शरीर से विषैले तत्‍वों को निकाल फेंकती है और पेट के कैंसर से बचाती है।किडनी स्‍टोनअगर आप भिगोई हुई मेथी का पानी 1 महीने तक हर सुबह खाली पेट पियेंगे आपकी किडनी से स्‍टोन जल्‍द ही निकल जाएंगे।
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14.11.22

पेट की बीमारियाँ कैसे दूर करें?:pet ke rog ki ramban dawa





हमारे पेट का अहम भाग होता है हमारा मलाशय. यदि पेट यानी मलाशय साफ रहेगा तो हमारी बीमारियां भी हमसे कोसो दूर रहेंगी.
पुराने जमाने में वैद्य-हकीम हमेशा अन्य बीमारियों का उपचार बाद में करते थे पहले पेट की बीमारियों को दूर करने के उपचार करते थे.
मलाशय हमारे पाचन तंत्र का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है, यह हमारे पेट से उन अपाच्य भोजन को बाहर निकाल देता है जो पचता नहीं है जैसे पानी, नमक, विटामिन और अन्य पोषक तत्व.
इसलिए जब यह ठीक से काम नहीं करता है तब यह विषैले तत्वों से ग्रसित हो जाता है. जो कई सारी परेशानियां पैदा करता है जैसे सिर दर्द, सूजन, कब्ज, गैस, वजन बढ़ना, कम ऊर्जा, थकान और पुरानी बीमारी को उजागर कर देना.|
यह सारी परेशानियां अपाच्य भोजन से होती हैं जो बहुत सारे अन्य रसायनों से तैयार किए जाते हैं, जिनसे आगे चल कर मलाशय में बलगम जमा होने लगता है जो शरीर के लिए बहुत हानिकारक होता है.
इन उपायों से मलाशय को स्वस्थ रख सकते हैं---

सेब का रस : 

सेब का रस मलाशय की सफाई के लिए सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है. सेब के रस का नियमित सेवन मल त्याग को प्रोत्साहित कर विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलता है. पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के साथ ही लीवर को भी बेहतर रखता है. अपने दिन की शुरुआत एक गिलास सेब के रस के साथ करें.

नींबू का रस : 

नींबू के रस में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है. इसलिए आप मलाशय की सफाई के लिए नींबू का रस ले सकते हैं. एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस, चुटकी भर समुद्री नमक और थोड़ा सा शहद मिलाकर सुबह खाली पेट लें. इसका सेवन आपको अधिक ऊर्जा, बेहतर मल त्याग और त्वचा को बेहतर बनाने में मदद करता है.

कच्ची सब्जियों का रस : 

यदि आपको मलाशय साफ रखना हो तो दो-तीन दिन भोजन से दूर रहें. ठोस आहार की जगह दिन में कई बार ताजा सब्जियों का जूस लें. सब्जियों के जूस में मौजूद शुगर मल त्याग में सुधार करता है.
इसमें मौजूद विटामिन, खनिज, अमीनो एसिड और एंजाइम आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
फाइबर युक्त आहार : फाइबर मल को नर्म कर मल त्याग में सुधार करता है. रसभरी, नाशपाती और सेब जैसे ताजे फल के साथ मटर और ब्रोकोली जैसी ताजा सब्जियों और अनाज जैसे साबुत अनाज, नट्स, बीन्स और बीज को अपने आहार में शमिल कर फाइबर की उच्च मात्रा पा सकते हैं.
रोज खाएं दही : रोज दही का सेवन मलाशय को स्वस्थ रखने का अच्छा उपाय है. दही आपके शरीर को समर्थक जैविक और अच्छे बैक्टीरिया देता है और बुरे बैक्टीरिया बाहर करता है. दही में मौजूद उच्च मात्रा में कैल्शियम मलाशय की कोशिकाओं का विकास करता है.

अलसी : 

अलसी तेजी से मलाशय को साफ करती है. अलसी पानी को अवशोषित कर विषाक्त पदार्थों और बलगम तेजी से दूर करती है. अलसी मलाशय को साफ करने के साथ ही कैंसर, हृदय रोग और मधुमेह को रोकने में भी मदद करती है

पानी : 

पानी एक ऐसा आसान उपाय है जिससे आप मलाशय साफ रख सकते हैं तो दिन कम से कम 12 से 15 गिलास पानी पिएं. यह मलाशय को साफ और आपके शरीर को विषैले पदार्थों को बाहर करने में सहायक होता है.
एलोवेरा : एलोवेरा में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट पाए जा
ते हैं. यह लैक्सटिव के रूप में कार्य भी करता है. एलोवेरा में मौजूद औषधीय गुण मलाशय के स्वास्थ्य में सुधार करता है. एलोवेरा से जैल निकालकर नींबू का रस मिलाकर जूस बना लें. इस जूस को दो तीन घंटे के लिए फ्रिज में रखें. इस जूस को दिन में कई बार पी सकते हैं. इससे आपकी अन्य प्रॉब्लम भी दूर हो सकती हैं.


विशिष्ट परामर्श-


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