25.1.19

मोटापा छूमंतर मूंग दाल के पानी से / Obesity ends with moong dal water

                                        

मूंग की दाल हर कोई चाव से खाना पसंद करता है। घरों में मूंग की दाल की कई तरह की वरायटी बनाई जाती है। मूंग की दाल हमारी सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद है क्योंकि इसमें काफी मात्रा में पौष्टिक तत्व होते हैं। इसके सेवन से अनीमिया दूर करने के साथ ही वजन कम करने में भी मदद मिलती है।  मूंग की दाल में भारी मात्रा में कैल्शियम, मैग्नेशियम, पोटैशियम और सोडियम होता है। इसमें अच्छी मात्रा में विटमिन-सी, कार्ब्स और प्रोटीन के साथ डायटरी फाइबर भी है। मूंग की दाल के फायदों पर डालें एक नजर-


बच्चों के लिए हेल्दी 

मूंग की दाल का पानी छोटे बच्चों के लिए भी काफी स्वास्थयवर्धक होता है। दाल का पानी आसानी से पच जाता है। इसे पीने से शिशु की इम्यून पावर यानी रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है। 
मूंग दाल का सेवन करने से हमारे शरीर को काफी फायदे मिलते हैं। इसके लिए हमें अपने दिन की शुरुआत गुनगुने पानी से करनी चाहिए। गुनगुने पानी को धीरे-धीरे पीने से शरीर का टॉक्सिन निकलने के साथ ही बॉडी हाइड्रेटेड बनी रहती है। इसके बाद एक्सरसाइज करें और फिर मूंग की दाल का सूप बना लें। जो हमारे शरीर के लिए काफी सही रहता है। मूंग की दाल में अदरक, नमक, लहसुन, हींग, हरी मिर्च, जीरा, धनिया और सौंफ को डालकर उबाल लें, लेकिन ध्यान रहे कि किसी भी चीज का तड़का ना लगाएं।इसके बाद इस सूप को दिन में 6 बार और लगातार 3 दिन तक पीने से शरीर को कई तरह के लाभ मिलते हैं, और ये हमारे मोटापे को कम करने में काफी मदद करता है। इस बात का भी ध्यान देना चाहिए कि मूंग दाल सूप का सेवन करते समय तेल, घी और खट्टी चीजें जैसे-दही, टमाटर, नींबू आदि चीजों का सेवन न करें। ऐसा करने से ही शरीर को पूर्ण तरीके से लाभ मिल पाएंगे। 
 मूंग दाल में काफी मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। साथ ही इसमें फैट नहीं होता है।मूंग के सूप के साथ ही सब्जियों से बने सलाद का भी सेवन कर सकते हैं। इनका उपयोग उबालकर या फिर भाप में पकाकर भी किया जा सकता है। इस सलाद में चुकंदर, गाजर, शलगम, खीरा, प्याज, मूली, लौकी, गोभी, ककड़ी को शामिल कर सकते हैं। मूंग की दाल के इस सूप को लेने के बाद अगर आपको पहले दिन कमोजरी का एहसास हो, तो अगले दिन से सूप पीने की मात्रा को बढ़ा लें। साथ ही हो सकता है कि आपके सिर में हल्का दर्द या आपका मन भी मचला सकता है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये डिटॉक्स की प्रक्रिया के कारण होता है।
  अगर आप मूंग की दाल खाकर बोर हो गए हैं या इस दौरान आपको रिफ्रेश होना है, तो इसमें आपकी मदद चाय और कॉफी कर सकते हैं। साथ ही आप 8 से 10 गिलास पानी पीकर भी खुद को रिफ्रेश कर सकते हैं। वहीं, जब आपकी इस डाइट के आखिरी 2 दिन हों तो आप मूंग की दाल का चीला बनाकर भी खा सकते हैं। दिन में तीन बार एक-एक चीला आप खा सकते हैं। इस डाइट को फॉलो करने के बाद आपको वजन कम करने में काफी मदद मिल सकती है।

हल्की होती है दाल 

कई बार होता है कि शरीर से काफी मात्रा में पसीना बह जाने के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। मूंग की दाल का पानी पीने से शरीर में एनर्जी की पूर्ति होती है। ये शरीर और मस्तिष्क के लिए भी काफी फायदेमंद होती है। 

वजन होता है कम 

अगर आप वजन घटाने को लेकर परेशान हैं तो मूंग दाल का पानी आपकी हर चिंता का हल है। ये न सिर्फ आपकी कैलरी कम करती है बल्कि इसका पानी पीने से लंबे वक्त तक भूख का भी अहसास नहीं होता है। इसे पीने से न सिर्फ आप एनर्जेटिक फील करते हैं बल्कि आसानी से वजन भी कम कर सकते हैं।

दस्त होने पर 

अगर आपको दस्त या डायरिया की समस्या हो गई है तो इसके लिए आप एक कटोरी मूंग दाल का पानी पी लीजिए। ये न सिर्फ आपके शरीर में पानी की आपूर्ति को पूरा करेगा बल्कि मूंग दाल का पानी पीने से दस्त की समस्या भी कम हो जाएगी।
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16.1.19

बाल फिर से उगाने के अनुपम उपाय Unique ways to regrow hair

                          

बाल जल्दी उगाने के लिए आपको सबसे पहले बालों की देखभाल करनी होगी। यदि आप बालों की सफाई नहीं रखेंगे, और उन तक पोषक तत्व नहीं पहुंचाएंगे, तब तक बाल जल्दी नहीं बढ़ेंगे।

  यह आम धारणा है कि बालों के झड़ना शुरु होने के बाद बाल दोबारा नहीं उगते हैं। जबकि ऐसा नहीं है। आपको यदि कोई गंभीर बीमारी है या फिर किमोथेरेपी या दवा की साइड इफेक्ट की वजह से बाल झड़ रहें हैं तो बालों का झड़ना नहीं रुक सकता और हेयर रिग्रोथ  की संभावना कम होती है।
लेकिन यदि इनमें से कोई भी कारण नहीं है, आप अंदर से सेहतमंद हैं और बालों की उचित देखभाल कर रहे हैं तो हेयर रिग्रोथ निश्चित रुप से होगी। हेयर रिग्रोथ तभी संभव है जब बालों की जड़ और उनकी कोशिकाओं को पोषण मिल रही हो।
बालों की जड़ों को पोषण में सबसे असरदार है - कुदरती उपाय। कुदरती जड़ी-बूटियों से बने तेल, पत्ते और औषधियों में ऐसे नायाब गुण होते हैं जो हेयर रिग्रोथ  regrow hair में काफी मदद करते हैं।
हालांकि मेडिकल साइंस अब इतना विकसित कर गया है कि गंजे सिर में भी स्टेम शेल थेरेपी से बाल उगाए जा रहे हैं। बालों का प्रत्यारोपण भी किया जा रहा है, लेकिन यह उपाय काफी महंगे हैं और यह सब जगह आसानी से उपलब्ध भी नहीं है।
यही कारण है कि हेयर रिग्रोथ के लिए कुदरती और आयुर्वेदिक उपाय सबसे ज्यादा प्रचलन में है। 

बाल जल्दी उगाने के लिए सबसे उत्तम उपाय पर्याप्त जल पीना है। प्रतिदिन 4 से 5 लीटर पानी पीना अनिवार्य होता है जोकि हमारे शरीर में जल के स्तर को संतुलित करता है। जल हमारे बालों को नमी प्रदान करता है जिससे कि बाल घने और मज़बूत बनते हैं।
जल शरीर में मौजूद हानिकारक तत्वों को नष्ट करने में सहायक होता है और एक स्वस्थ शरीर का निर्माण करता है। पर्याप्त जल 
स्वस्थ बाल उगाने में  regrow hair मदद करता है|

अरंडी का तेल  और बायोटिन थेरेपी 

बालों के झड़ने की बड़ी वजह तनाव, अवसाद (Dejection) और विटामिन बी-7 (बायोटिन) की कमी होती है। इस समस्या को खत्म करने के लिए बालों की जड़ (Scalp) में अरंडी का तेल लगाएं और बायोटिन की गोलियां खाना जरुरी है। यह सबसे आसान थेरेपी है।
पहली बार इसे आजमाने वाले अरंडी के तेल में नारियल तेल, जैतून का तेल या फिर कोई ऐसा तेल मिला लें जो आसानी से अरंडी के तेल में मिल जाए। अरंडी का तेल थोड़ी मोटा और गाढ़ा होता है और इसे पतला बनाने के लिए अन्य तेलों को मिलाना जरुरी होता है। जब तेल तैयार हो जाए तो इससे बालों की जड़ों की मालिश करें।
अरंडी के तेल की मालिश के साथ-साथ विटामिन बी7 या बायोटिन  की गोलियां भी नियमित रुप से खाते रहेंगे तो 3 से 6 महीने के अंदर बेहतर नतीजे आएंगे। बालों का बढ़ना शुरु हो जाएगा। ध्यान रहे विटामिन बी7 की गोलियां 5 एमजी से ज्यादा एक दिन में नहीं खाएं। ओवरडोज से साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं।

विटामिन ई थेरेपी 

विटामिन बी7 के अलावां विटामिन ई भी बालों की वृद्धि  regrow hair में काफी पोषण देती है। पुरुष और स्त्री दोनों के बालों के पोषण के लिए विटामिन ई थेरेपी जरुरी है। यह बालों के झड़ने की बीमारी को भी रोकता है। विटामिन ई की गोलियां खाने या विटामिन ई युक्त तेल बालों की जड़ में लगाने से बालों की जड़ में रक्त संचार की गति तेज होती है और बाल फिर से ग्रोथ होने लगते हैं।

गंजेपन को दूर करने और हेयर रिग्रोथ  regrow hair के लिए कुछ जरुरी दवाएं 

पुरुषों के गंजेपन को दूर करने से लिए एलोपैथ में अब दवाएं भी बनने लगी हैं। इन दवाओं को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से मान्यता भी मिल चुकी है। गंजेपन के इलाज और हेयर रिग्रोथ के लिए तीन दवाएं मुख्य रुप से प्रचलन में हैं।
Dutasteride – इसे पुरुषों के गंजेपन के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। यह बालों की जड़ों की वृद्धि में काफी मदद करता है।
Finasteride – यह भी पुरुषों के गंजेपन के इलाज में खाया जाता है।
Minoxidil – यह क्रीम के रुप में आता है और इसे सिर पर लगाई जाती है।
नोट: किसी भी दवा को लेने से पहले योग चिकित्सक से परामर्श आवश्यक है।



हेयर रिग्रोथ के कुछ घरेलू और कुदरती उपाय


एलोवेरा मास्क और नारियल तेल 

एलोवेरा के जूस और नारियल तेल का मिश्रण हेयर रिग्रोथ regrow hair  में काफी असरदार होता है। दोनों को कुछ इस तरह मिलाएं कि यह पेस्ट की तरह बन जाए। फिर इस पेस्ट को हेयर मास्क की तरह लगाएं। मास्क लगाने के बाद बालों की जड़ की मसाज भी करें। काफी फायदा दिखेगा।


आयुर्वेदिक हेयर वाश

आधा किलो शिकाकाई, मेथी एक पाव, करी पत्ता, तुलसी पत्ता और रीठा 100 ग्राम लें। इस सभी को मिला कर बालों को धोने लायक शैंपू बनाएं। इससे बालों की कई परेशानी दूर होने के साथ बालों में वृद्धि भी होगी।


भृंगराज

भृंगराज के तेल से बालों की मालिश करें। इससे बहुत जल्दी बाल आने लगेंगे।

जटामांसी 


इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल आयुर्वेद में हेयर ग्रोथ के दवा के रुप में किया जाता है। इसे आप कैप्सूल की तरह खा भी सकते हैं और इसे सीधे बालों की जड़ में लगा भी सकते हैं।


प्याज और लहसुन 

प्याज और लहसुन में सल्फर की मात्रा पाई जाती है जो हेयर रिग्रोथ में काफी मदद करती है। इसके लिए कुछ ख़ास नहीं करना है, बस प्याज को काटकर जूस निकाल लेना है और इस जूस से बालों के जड़ की मालिश 15 मिनट तक करनी है।
दूसरी तरफ आपको कुछ लहसुन के दाने के जूस निकाल कर उसे नारियल तेल में मिला देना है। फिर उसे कुछ देर तक उबालना है। जब यह ठंढा हो जाए तो इससे बालों के जड़ की मालिश करनी है।
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15.1.19

हृदय रोगियों के लिए उपकारी है पोटेशियम युक्त आहार

                                        


उच्च-पोटेशियम वाले खाद्य पदार्थ किसी भी संतुलित आहार का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। खनिज आपके शरीर के द्रव स्तर, मांसपेशियों के कार्य में सहायक और अपशिष्ट को हटाने में मदद करता है और आपके तंत्रिका तंत्र को ठीक से काम करने के लिए प्रेरित करता है। रिसर्च से पता चलता है कि उच्च रक्तचाप वाले लोगों में पोटेशियम युक्‍त फूड रक्तचाप और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकता है। यहां हम आपको ऐसे ही कुछ पोटैशियम युक्‍त फूड के बारे में बता रहे हैं जिनका सेवन करना आपके लिए पूरी तरह से सुरक्षित है और स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद भी है।
पोटैशियम युक्‍त  आहार 

आलू 

आलू में केले से ज्यादा पोटैशियम होता है। हैरान रह गए न आप? जी हां! एक मीडियम साइज के उबले हुए आलू में 941 मिलीग्राम पोटैशियम होता है। ये दैनिक जरूरत का लगभग 20 प्रतिशत है। लेकिन इसके लिए आलू को उबलने के बाद थोड़ा थंडा हो जाने दीजिए। आलू में मौजूद स्टार्च गठिया रोग में भी फायदेमंद होता है। आलू के अलावा शकरकंद में भी भरपूर पोटैशियम होता है।

पालक

पालक गुणों की खान है और इसमें ढेर सारे मिनरल्स औैर विटामिन्स होते हैं। पालक में पोटैशियम की मात्रा भी भरपूर होती है। एक कप पालक में लगभग 540 मिलीग्राम पोटैशियम होता है। इसके अलावा पालक आयरन और फाइबर का भी महत्वपूर्ण स्रोत है। इसलिए इसके सेवन से शरीर को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। एनीमिया में पालक के सेवन से लाभ मिलता है।

चुकंदर

चुकंदर में शरीर को फायदा पहुंचाने वाले ढेर सारे तत्व होते हैं। चुकंदर में पोटैशियम भी भरपूर पाया जाता है। एक कप चुकंदर में लगभग 518 मिलीग्राम पोटैशियम होता है जो आपकी दैनिक जरूरत का लगभग 11 प्रतिशत है। चुकंदर में आयरन भी भरपूर होता है इसलिए ये ब्लड में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है और एनीमिया जैसे खून की कमी वाली बीमारियों से बचाता है। 




केला 

यदि आपने किसी पोटेशियम युक्त खाद्य पदार्थ के बारे में सुना है, तो आप शायद जानते होंगे कि केले एक अच्छा स्रोत हैं, जिसमें लगभग 400 मिलीग्राम से अधिक पोटेशियम होता है। केले एक हेल्‍दी और एनर्जी स्नैक हैं। यह विटामिन बी 6 में उच्च होता है और फाइबर और विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है।

शकरकंद

शकरकंद में भरपूर मात्रा में पोटेशियम होता है। एक सामान्‍य आकार की शकरकंद में 694 मिलीग्राम तक पोटेशियम होता है। यह हमारी रोजमर्रा की जरूरत का 15 फीसदी होता है। इसके साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा भी कम होती है। एक शकरकंद में केवल 131 कैलोरी होती हैं। यानी शकरकंद का सेवन हमारी सेहत पर दोतरफा सकारात्‍मक प्रभाव डालता है। इतना ही नहीं शकरकंद में बीटा कोरटेन और विटामिन ए भी भरपूर मात्रा में होता है। इन खूबियों के कारण आप इसे सुपरफूड भी कह सकते हैं। 

संतरे का जूस

संतरे का जूस नाश्‍ते में बेहद फायदेमंद होता है। संतरे को विटामिन सी से भरपूर माना जाता है। लेकिन, इसके साथ ही इसमें भरपूर मात्रा में पोटेशियम भी होता है। इसकी सबसे अच्‍छा बात यह है कि इसे बनाना भी बेहद आसान है। और साथ ही अगर आपको संतरे को यूं ही खाना चाहें तो भी कोई दिक्‍कत नहीं। 

पत्‍तेदार सब्जियां 

यह पत्‍तेदार सब्जी न केवल विटामिन ए और विटामिन 'के' से भरपूर होती है, बल्कि साथ ही इसमें पोटेशियम भी काफी मात्रा में होता है। इसके महज आधे कप में 655 मिलीग्राम पोटेशियम होता है। इसका सेवन करने से पोषण संबंधी आपकी काफी आवश्‍यकतायें पूरी हो सकती हैं। यह सुपरफूड वीटा कोर‍टेन और विटामिन ए से भी भरपूर होता है।

खजूर

अपनी गर्म तासीर के लिए खजूर सर्दियों का खास ड्राई फूट होता है। मूल रूप से मध्‍य एशिया का खजूर स्‍वाद में तो लाजवाब होता ही है साथ ही इसके कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी होते हैं। आधा कप खजूर में 584 मिलीग्राम पोटेशियम होता है। खजूर को आप दूध के साथ भी खा सकते हैं। 

टमाटर

टमाटर सलाद से लेकर सब्‍जी तक में इस्‍तेमाल किया जाता है। लाल टमाटर भारत के सतरंगी भोजन का अहम हिस्‍सा है। चौथाई कप टमाटर पेस्‍ट में 2.8 मिलीग्राम विटामिन ई होता है। यह हमारी रोजमर्रा की जरूरत का पांचवां हिस्‍सा होता है। इसके साथ ही इसमें 664 मिलीग्राम पोटेशियम, 34 मिलीग्राम लिकोपिन और 54 कैलोरी होती हैं। अपनी इन खूबियों के कारण इसे सुपरफूड भी कहा जा सकता है। 

दही

दही में कई पोषक तत्‍व होते हैं। इसमें कैल्श्यिम भी भरपूर मात्रा में होता है, जो हमारी हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन, शायद आपको यह न पता हो कि दही में पोटेशियम भी प्रचुर मात्रा में होता है। करीब 220 ग्राम नॉन-फैट दही में 579 मिलीग्राम तक पोटेशियम होता है।
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