जैसे-जैसे इंसान की जिंदगी आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे वो कई समस्याओं का भी शिकार होते चला जाता है। वहीं, आज के दौर में तो लगभग हर दूसरा व्यक्ति किसी न किसी समस्या से जूझ रहा है। इसके पीछे कहीं न कहीं हमारा खानपान, हमारी खराब दिनचर्या और हमारा अनुशासन का पालन न करना शामिल है। न तो लोग समय पर खाना खाते हैं और न ही छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देते हैं, जो आगे चलकर विकराल रूप ले लेती है। जैसे- जोड़ों का दर्द। सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि युवा भी काफी संख्या में इस बीमारी से ग्रसित हैं।
आयुर्वेद में बहुत सी वात व्याधियों का वर्णन है | इनमे से एक आमवात है जिसे हम गठिया रोग भी कह सकते है | आमवात में पुरे शरीर की संधियों में तीव्र पीड़ा होती है साथ ही संधियों में सुजन भी रहती है | आमवात दो शब्दों से मिलकर बना है – आम + वात | आम अर्थात अधपचा अन्न या एसिड और वात से तात्पर्य दूषित वायु | जब अधपचे अन्न से बने आम के साथ दूषित वायु मिलती है तो ये संधियों में अपना आश्रय बना लेती है और आगे चल कर संधिशोथ व्याधि का रूप ले लेती जिसे आयुर्वेद में आमवात और बोलचाल की भाषा में गठिया रोग कहते हैं.
चरक संहिता में भी आमवात विकार की अवधारणा का वर्णन मिलता है लेकिन आमवात रोग का विस्तृत वर्णन माधव निदान में मिलता है
आमवात के कारण
आयुर्वेद में विरुद्ध आहार को इसका मुख्य कारण माना है | मन्दाग्नि का मनुष्य जब स्वाद के विवश होकर स्निग्ध आहार का सेवन करता और तुरंत बाद व्याम या कोई शारीरिक श्रम करता है तो उसे आमवात होने की सम्भावना हो जाती है | रुक्ष , शीतल विषम आहार – विहार, अपोष्ण संधियों में कोई चोट, अत्यधिक् व्यायाम, रात्रि जागरण , शोक , भय , चिंता , अधारणीय वेगो को धारण करने से आदि शारीरिक और मानसिक वातवरणजन्य कारणों के कारण आमवात होता है |
आमवात की आयुर्वेदिक औषधियां -
अदरक
जोड़ों के दर्द में राहत पाने के लिए आप अदरक के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, अदरक वाली चाय पीने से भी आपको लाभ मिल सकता है। इसके अलावा आप अदरक को गर्म पानी में शहद और नींबू के साथ मिलाकर पी सकते हैं। अदरक में पाया जाने वाला एंटी इंफ्लेमेटरी कंपाउंड सूजन को कम करने में मदद करता है।
धूप लेना जरूरी
जोड़ों का दर्द मांसपेशियों और हड्डियों के कमजोर होने पर होता है। ऐसे में इससे बचने के लिए आपके लिए जरूरी है कि आप धूप ले सकते हैं, क्योंकि ये विटामिन-डी का सबसे अच्छा स्त्रोत है। ऐसा करने से आपकी हड्डियां मजबूत होने में मदद मिलेगी।
तुलसी में पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी स्पास्मोडिक गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द में राहत दिलाने का काम करते हैं। आपको करना ये है कि रोजाना तीन से चार बार तुलसी की चाय का सेवन करना है। ऐसा करने से आपको जरूर लाभ मिल सकता है।
इन चीजों का कर सकते हैं सेवन
आपकी डाइट एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होनी चाहिए, जिसके लिए आप मछली, फल, जैतून का तेल, अखरोट, मेथी के दानों को पानी में भिगोकर खाएं, सब्जियां और टी का सेवन कर सकते हैं। ऐसी डाइट लेने से जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिल सकता है।
जोड़ो के दर्द के लिए के लिए घरेलू उपाय
गर्म और ठंडा कंप्रेशन-
* अजवायन या नीम के तेल से मालिश करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलेगा.
* पानी में एक मुट्ठी अजवायन और 1 बड़ा चम्मच नमक डालकर उबालें. उस पर जाली रखकर कपड़ा निचोड़कर तह करके गरम करें और उससे सेंक करें. दर्द दूर हो जाएगा.
* राई का लेप करने से भी हर तरह का दर्द दूर होता है.
* अजवायन को पानी में डालकर पका लें और उस पानी की भाप को दर्द वाली जगह पर दें. देखते ही देखते दर्द छूमंतर हो जाएगा.
लहसुन पीसकर लगाने से बदन के हर अंग का दर्द छूमंतर हो जाता है, लेकिन इसे ज़्यादा देर तक लगाकर न रखें, वरना फफोले पड़ने का डर रहता है.
* कड़वे तेल में अजवायन और लहसुन जलाकर उस तेल की मालिश करने से हर तरह के दर्द से छुटकारा मिलता है.
* विनेगर और जैतून के तेल को मिलाकर मालिश करें.
* कपड़े में 4-5 नींबू के टुकड़े बांधकर गरम तिल के तेल में थोड़ी देर डुबोएं. फिर उसे घुटनों पर लगाएं.
* राई को पीसकर घुटनों पर उसका लेप करें. तुरंत आराम मिलेगा.
* अजवायन को पानी में उबालकर उसकी भाप घुटनों पर लेने से दर्द से राहत मिलेगी.
* सेंधा नमक को गुनगुने पानी में डालकर नहाएं.
* दालचीनी पाउडर और शहद मिलाकर पेस्ट बनाएं. इससे जोड़ों पर मालिश करें.
* जोड़ों के दर्द में नीम के तेल की मालिश लाभदायक होती है.
* लहसुन की दो कलियां कूटकर तिल के तेल में गर्म करके जोड़ों पर मालिश करें.
* सरसों के तेल में अजवायन और लहसुन गरम करके दर्दवाले भाग पर मालिश करें.
* अमरूद के पत्ते पीसकर दर्द वाले स्थान पर लगाएं. अमरूद के पत्ते पानी में उबालकर इस पानी से सिकाई करने से भी लाभ मिलता है.
* कांच की बॉटल में आधा लीटर तिल का तेल और 10 ग्राम कपूर मिलाकर धूप में रख दें. जब ये दोनों घुलकर एक हो जाएं, तो इस तेल से मालिश करें. जोड़ों के दर्द से आराम मिलेगा.
* लहसुन की दो कलियां कूटकर तिल के तेल में गरम करें और इससे जोड़ों पर मालिश करें. बहुत लाभ होगा.
* दर्द से परेशान होने पर कपड़े को गरम करके जोड़ों पर सेंक कर करें. इससे बहुत आराम मिलता है.
* कनेर की पत्ती उबालकर पीस लें और मीठे तेल में मिलाकर लेप करें.
आमवात के कारण
आयुर्वेद में विरुद्ध आहार को इसका मुख्य कारण माना है | मन्दाग्नि का मनुष्य जब स्वाद के विवश होकर स्निग्ध आहार का सेवन करता और तुरंत बाद व्याम या कोई शारीरिक श्रम करता है तो उसे आमवात होने की सम्भावना हो जाती है | रुक्ष , शीतल विषम आहार – विहार, अपोष्ण संधियों में कोई चोट, अत्यधिक् व्यायाम, रात्रि जागरण , शोक , भय , चिंता , अधारणीय वेगो को धारण करने से आदि शारीरिक और मानसिक वातवरणजन्य कारणों के कारण आमवात होता है |
आमवात के लिए कोई बाहरी कारण जिम्मेदार नहीं होता इसके लिए जिम्मेदार होता है हमारा खान-पान | विरुद्ध आहार के सेवन से शारीर में आम अर्थात यूरिक एसिड की अधिकता हो जाती है | साधारनतया हमारे शरीर में यूरिक एसिड बनता रहता है लेकिन वो मूत्र के साथ बाहर भी निकलता रहता है | जब अहितकर आहार और अनियमित दिनचर्या के कारण यह शरीर से बाहर नहीं निकलता तो शरीर में इक्कठा होते रहता है और एक मात्रा से अधिक इक्कठा होने के बाद यह संधियों में पीड़ा देना शुरू कर देता है क्योकि यूरिक एसिड मुख्यतया संधियों में ही बनता है और इक्कठा होता है | इसलिए बढ़ा हुआ यूरिक एसिड ही आमवात का कारण बनता है |
आमवात में मुख्या तय संतुलित आहार -विहार का ध्यान रखे और यूरिक एसिड को बढ़ाने वाले भोजन का त्याग करे | अधिक से अधिक पानी पिए ताकि शरीर में बने हुए विजातीय तत्व मूत्र के साथ शारीर से बाहर निकलते रहे | संतुलित और सुपाच्य आहार के साथ वितामिन्न इ ,सी और भरपूर कैरोटिन युक्त भोजन को ग्रहण करे | अधिक वसा युक्त और तली हुई चीजो से परहेज रखे |
आमवात की आयुर्वेदिक औषधियां -
अदरक
जोड़ों के दर्द में राहत पाने के लिए आप अदरक के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, अदरक वाली चाय पीने से भी आपको लाभ मिल सकता है। इसके अलावा आप अदरक को गर्म पानी में शहद और नींबू के साथ मिलाकर पी सकते हैं। अदरक में पाया जाने वाला एंटी इंफ्लेमेटरी कंपाउंड सूजन को कम करने में मदद करता है।
धूप लेना जरूरी
जोड़ों का दर्द मांसपेशियों और हड्डियों के कमजोर होने पर होता है। ऐसे में इससे बचने के लिए आपके लिए जरूरी है कि आप धूप ले सकते हैं, क्योंकि ये विटामिन-डी का सबसे अच्छा स्त्रोत है। ऐसा करने से आपकी हड्डियां मजबूत होने में मदद मिलेगी।
तुलसी
तुलसी में पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी स्पास्मोडिक गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द में राहत दिलाने का काम करते हैं। आपको करना ये है कि रोजाना तीन से चार बार तुलसी की चाय का सेवन करना है। ऐसा करने से आपको जरूर लाभ मिल सकता है।
इन चीजों का कर सकते हैं सेवन
आपकी डाइट एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होनी चाहिए, जिसके लिए आप मछली, फल, जैतून का तेल, अखरोट, मेथी के दानों को पानी में भिगोकर खाएं, सब्जियां और टी का सेवन कर सकते हैं। ऐसी डाइट लेने से जोड़ों के दर्द में काफी आराम मिल सकता है।
जोड़ो के दर्द के लिए के लिए घरेलू उपाय
गर्म और ठंडा कंप्रेशन-
गर्म और ठंडा दोनों कंप्रेशन एक एंटी-इंफ्लेमेटरी के रूप में काम करते हैं. गर्मी मांसपेशियों को आराम देती है. बेहतर परिणामों के लिए, आप गर्म पानी की बोतल या गर्म पैड का इस्तेमाल कर सकते हैं. घुटने की सूजन को कम करने के लिए आप बर्फ का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. आप एक आइस क्यूब को एक कपड़े में लपेट कर प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं.
हल्दी-
हल्दी एक जादुई मसाला है. इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं. इसमें एंटीसेप्टिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. इसमें करक्यूमिन होता है जो हल्दी में पाया जाने वाला एक एंटी-इंफ्लेमेटरी रसायन है जिसमें बहुत सारे एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. ये रूमेटाइड अर्थराइटिस को कम करने में मदद करती है. ये घुटने के दर्द के कारणों में से एक है. राहत के लिए आधा चम्मच पिसी हुई अदरक और हल्दी को एक कप पानी में 10 मिनट तक उबालें. छान लें, स्वादानुसार शहद डालें और इस चाय का सेवन दिन में दो बार कर सकते हैं.
आमवात की औषध व्यवस्था
गुगुल्ल प्रयोग – सिंहनाद गुगुल्लू , योगराज गुगुल , कैशोर गुगुल , त्र्योंग्दशांग गुगुल्ल आदि |
भस्म प्रयोग – गोदंती भस्म, वंग भस्म आदि |
रस प्रयोग – महावातविध्वंसन रस, मल्लासिंदुर रस , समिर्पन्न्ग रस, वात्गुन्जकुश | संजीवनी वटी , रसोंनवटी, आम्वातादी वटी , चित्रकादी वटी , अग्नितुण्डी वटी आदि |
स्वेदन – पत्रपिंड स्वेद, निर्गुन्द्यादी पत्र वाष्प |
सेक – निर्गुन्डी , हरिद्रा और एरंडपत्र से पोटली बना कर सेक करे |
लौह – विदंगादी लौह, नवायस लौह , शिलाजीतत्वादी लौह, त्रिफलादी लौह |
अरिष्ट / आसव – पुनर्नवा आसव , अम्रितारिष्ट , दशमूलारिष्ट आदि |
तेल / घृत ( स्थानिक प्रयोग ) – एरंडस्नेह, सैन्धाव्स्नेह, प्रसारिणी तेल, सुष्ठी घृत आदि का स्थानिक प्रयोग क्वाथ प्रयोग – रस्नासप्तक , रास्नापंचक , दशमूल क्वाथ, पुनर्नवा कषाय आदि |
स्वरस – निर्गुन्डी, पुनर्नवा , रास्ना आदि का स्वरस |
चूर्ण प्रयोग – अज्मोदादी चूर्ण, पंचकोल चूर्ण, शतपुष्पदी चूर्ण , चतुर्बिज चूर्ण |
भस्म प्रयोग – गोदंती भस्म, वंग भस्म आदि |
रस प्रयोग – महावातविध्वंसन रस, मल्लासिंदुर रस , समिर्पन्न्ग रस, वात्गुन्जकुश | संजीवनी वटी , रसोंनवटी, आम्वातादी वटी , चित्रकादी वटी , अग्नितुण्डी वटी आदि |
स्वेदन – पत्रपिंड स्वेद, निर्गुन्द्यादी पत्र वाष्प |
सेक – निर्गुन्डी , हरिद्रा और एरंडपत्र से पोटली बना कर सेक करे |
लौह – विदंगादी लौह, नवायस लौह , शिलाजीतत्वादी लौह, त्रिफलादी लौह |
अरिष्ट / आसव – पुनर्नवा आसव , अम्रितारिष्ट , दशमूलारिष्ट आदि |
तेल / घृत ( स्थानिक प्रयोग ) – एरंडस्नेह, सैन्धाव्स्नेह, प्रसारिणी तेल, सुष्ठी घृत आदि का स्थानिक प्रयोग क्वाथ प्रयोग – रस्नासप्तक , रास्नापंचक , दशमूल क्वाथ, पुनर्नवा कषाय आदि |
स्वरस – निर्गुन्डी, पुनर्नवा , रास्ना आदि का स्वरस |
चूर्ण प्रयोग – अज्मोदादी चूर्ण, पंचकोल चूर्ण, शतपुष्पदी चूर्ण , चतुर्बिज चूर्ण |
घरेलू असरदार नुस्खे -
* पानी में एक मुट्ठी अजवायन और 1 बड़ा चम्मच नमक डालकर उबालें. उस पर जाली रखकर कपड़ा निचोड़कर तह करके गरम करें और उससे सेंक करें. दर्द दूर हो जाएगा.
* राई का लेप करने से भी हर तरह का दर्द दूर होता है.
* अजवायन को पानी में डालकर पका लें और उस पानी की भाप को दर्द वाली जगह पर दें. देखते ही देखते दर्द छूमंतर हो जाएगा.
लहसुन पीसकर लगाने से बदन के हर अंग का दर्द छूमंतर हो जाता है, लेकिन इसे ज़्यादा देर तक लगाकर न रखें, वरना फफोले पड़ने का डर रहता है.
* कड़वे तेल में अजवायन और लहसुन जलाकर उस तेल की मालिश करने से हर तरह के दर्द से छुटकारा मिलता है.
* विनेगर और जैतून के तेल को मिलाकर मालिश करें.
* कपड़े में 4-5 नींबू के टुकड़े बांधकर गरम तिल के तेल में थोड़ी देर डुबोएं. फिर उसे घुटनों पर लगाएं.
* राई को पीसकर घुटनों पर उसका लेप करें. तुरंत आराम मिलेगा.
* अजवायन को पानी में उबालकर उसकी भाप घुटनों पर लेने से दर्द से राहत मिलेगी.
* सेंधा नमक को गुनगुने पानी में डालकर नहाएं.
* दालचीनी पाउडर और शहद मिलाकर पेस्ट बनाएं. इससे जोड़ों पर मालिश करें.
* जोड़ों के दर्द में नीम के तेल की मालिश लाभदायक होती है.
* लहसुन की दो कलियां कूटकर तिल के तेल में गर्म करके जोड़ों पर मालिश करें.
* सरसों के तेल में अजवायन और लहसुन गरम करके दर्दवाले भाग पर मालिश करें.
* अमरूद के पत्ते पीसकर दर्द वाले स्थान पर लगाएं. अमरूद के पत्ते पानी में उबालकर इस पानी से सिकाई करने से भी लाभ मिलता है.
* कांच की बॉटल में आधा लीटर तिल का तेल और 10 ग्राम कपूर मिलाकर धूप में रख दें. जब ये दोनों घुलकर एक हो जाएं, तो इस तेल से मालिश करें. जोड़ों के दर्द से आराम मिलेगा.
* लहसुन की दो कलियां कूटकर तिल के तेल में गरम करें और इससे जोड़ों पर मालिश करें. बहुत लाभ होगा.
* दर्द से परेशान होने पर कपड़े को गरम करके जोड़ों पर सेंक कर करें. इससे बहुत आराम मिलता है.
* कनेर की पत्ती उबालकर पीस लें और मीठे तेल में मिलाकर लेप करें.
- परामर्श -
संधिवात,कमरदर्द,गठिया, साईटिका ,घुटनो का दर्द आदि वात जन्य रोगों में जड़ी - बूटी निर्मित हर्बल औषधि ही अधिकतम प्रभावकारी सिद्ध होती है| रोग को जड़ से निर्मूलन करती है| बड़े अस्पताल के महंगे इलाज के बावजूद निराश रोगी इस औषधि से निरोग हुए हैं| बिस्तर पकड़े पुराने रोगी भी दर्द मुक्त गतिशीलता हासिल करते हैं| औषधि के लिए वैध्य श्री दामोदर से 98267-95656 पर संपर्क कर सकते हैं|
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