29.1.24

नियमित मालिश से रहें अनगिनत रोगों से दूर -क्या है मसाज की विधि -Body massage benefits



बॉडी में कहीं पेन रहता है अकड़न फील होती है या फिर डाइजेशन खराब रहता है तो इन सारी परेशानियों को दूर करने के लिए आप नियमित रूप से तेल मालिश करवा सकते हैं। बॉडी मसाज से बॉडी के कई सारे अंग अपना काम सही तरीके से कर पाते हैं।
आजकल लोगों को तनाव, असंतुलित लाइफस्टाइल और भागदौड़ भरी जिंदगी के चलते खुलकर सांस लेना मुश्किल हो गया है। बढ़ती स्पर्धा (competition) के कारण हर समय थकान का रहना रोजमर्रा की बात हो गयी है। दैनिक जीवन से जुड़ी इन समस्याओं के लिए लोग कई प्रकार के उपाय खोज रहे हैं। ऐसे में मसाज एक ऐसा उपाय है, जो व्यक्ति को राहत प्रदान करता है। यह शरीर में ऊर्जा का संचार करती है।
शरीर की तेल से मालिश करवाते रहने से सेहत को कई सारे लाभ होते हैं। हममें से ज्यादातर लोग इसके फायदों से वाकिफ नहीं हैं, लेकिन आपको बता दें कि नियमित रूप से मालिश सेहत के साथ-साथ आपकी स्किन और बालों के लिए भी फायदेमंद है।
आयुर्वेदिक मसाज थेरेपी एक प्राचीन थेरेपी है। इसमें आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और तेल के माध्यम से शरीर की मालिश की जाती है। जो शरीर को तरोताजा रखती है। इसलिए थकान और तमाम बीमारियों के लिए यह एक बेहतर विकल्प है।

क्या है मसाज थेरेपी?

जितना महत्व आधुनिक दिनचर्या में किए जाने वाले कार्यों, व्यायाम और आहार का है। उतना ही महत्व मसाज का भी है। तेल, क्रीम या किसी अन्य चिकने पदार्थ (Greasy substance) को बॉडी पर हल्के हाथ से रगड़ना या मलना, मसाज (मालिश) कहलाता है। इस चिकित्सा में शरीर की मांशपेशियों और नरम ऊतकों को हाथों से आराम दिया जाता है। मालिश करने से मांशपेशियों के दर्द में आराम मिलता है और रक्त परिसंचरण में सुधार होता है। इसके अतिरिक्त मसाज करने से त्वचा और मस्तिष्क संबंधित बीमारियां कम होती हैं।

मसाज के प्रकार;

मसाज या मालिश के निम्नलिखित प्रकार हैं-सिर की मालिश।
बालों की मालिश।
आंखों की मालिश।
गालों की मालिश।
कनपटी की मालिश।
ठोड़ी (chin) की मालिश।
हाथों की मालिश।
पैरों की मालिश।
बॉडी की मालिश।

मसाज करने की विधि;

सर्वप्रथम सिर में गुनगुना तेल लगाकर उंगलियों से धीरे-धीरे मालिश करें। मालिश करते समय कान के पीछे और ऊपरी भाग पर (कनपटी वाले स्थान) पर विशेष रूप से मालिश करें।
गर्दन की मालिश ऊपर से नीचे और पीछे से आगे की ओर करें।
चेहरे की मालिश करते समय विशेष ध्यान देना आवश्यक है। इसलिए पूरे चेहरे पर अच्छी तरह से तेल लगा लें। अब दोनों हाथों की तर्जनियों को नाक के आसपास रखकर दबाव के साथ धीरे-धीरे कान की ओर ले जाएं। कुछ समय बाद पुनः उंगलियों को घुमाते हुए कान के नीचे जबड़े की हड्डी (jaw bone) तक लाएं। इस क्रिया को दो से तीन बार दोहराएं।
गाल एवं ठोड़ी (chin) की मालिश हथेलियों के द्वारा नीचे से ऊपर की ओर करनी चाहिए। गाल और आंखों के चारों ओर पलकों पर गोलाकार मालिश करें।
इसके बाद छाती, पेट तथा पीठ की मालिश करें।
छाती एवं पेट की मालिश ऊपर से नीचे (अनुलोम दिशा) की ओर हल्के हाथों से मालिश करें।
दोनों भुजाओं (हाथों) पर ऊपर से नीचे समान गति से मालिश करें। साथ ही बाजुओं के विभिन्न भाग- जैसे कोहनी, कलाई इत्यादि परगोलाई में मालिश करें।
इसी तरह से पैरों की मालिश करें। तलवों और हथेलियों की मालिश करना शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
मसाज के फायदें;
ये भी जान लें कि महीने दो महीने या 4-5 महीने में तेल मालिश कराने से और हफ्ते में 1-2 बार मालिश कराने में काफी फर्क होता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जिस तरह से टाइम पर खाना, सोना, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और फिजिकल एक्टिविटी जरूरी है उतना ही जरूरी मसाज भी है। इससे आप लंबे समय तक निरोग बने रह सकते हैं।
मसाज करने से शरीर को मिलने वाले लाभ निम्नलिखित हैं-
मसाज थेरेपी से पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है।
इससेपाचन शक्ति तेज होती है और पेट साफ रहता है।
मालिश करने से शरीर के विभिन्न अंग जैसे दिल, आंते, फेफड़े और यकृत आदि शक्तिवान होते हैं।
इस चिकित्सा के प्रयोग से अपच, वायु, अनिद्रा, बवासीर, उच्च रक्तचाप और पित्त विकार जैसे रोगों में फायदा मिलता है।
मालिश करने से त्वचा के बंद रोम क्षिद्र (Hair follicle) खुलने लगतें है। साथ ही त्वचा के रक्त संचारमें भी सुधार होता है।
इस चिकित्सा से त्वचा की मृत कोशिकाएं स्वच्छ होती हैं और उन्हें जरूरी पोषण तत्व मिलता है। जिससे त्वचा में चमक आती है।

ब्लड प्रेशर पर कंट्रोल

अगर हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी है, तो नियमित रूप से मालिश करवाते रहने से यह परेशानी भी कंट्रोल हो सकती है। इतना ही नहीं, यह कार्डिएक हेल्थ में सुधार लाने में भी मदद करती है।

पाचन रहता है सही

बॉडी मसाज में पेट की मालिश भी शामिल होती है, तो पेट की मालिश होने से नाभि की एक्टिविटी बढ़ती है। पेट के निचले भाग की मालिश से पीरियड पेन में राहत मिलती है। मालिश से बड़ी आंत, लिवर, पैंक्रियाज सभी बॉडी पार्ट्स अपना काम सही तरीके से कर पाते हैं, जिससे आंतों में गैस्ट्रिक जूस पर्याप्त मात्रा में निकलता है और लिवर का फंक्शन दुरुस्त रहता है।

बढ़ाती है इम्युनिटी

रिसर्च के मुताबिक, रेगुलर मसाज से बॉडी की इम्युनिटी बढ़ती है, जिससे शरीर कई सारी बीमारियों का सामना बिना दवाइयों के ही कर पाता है।

रिलैक्स होती है मसल्स

नियमित रूप से मालिश करवाते रहने से कार्टिसोल के लेवल में कमी आती है, जिससे मूड अच्छा रहता है। बॉडी के साथ माइंड रिलैक्स होता है। मालिश एक तरह से थेरेपी का काम करती है, जो न सिर्फ मानसिक तनाव दूर करती है, बल्कि जोड़ों के दर्द को भी कम करती है। मालिश से शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन सही तरह से हो पाता है। यह फ्लेक्सिबिलिटी को बेहतर बनाती है। मालिश से खराब पोस्चर भी धीरे-धीरे ठीक होने लगता है।इस थेरेपी से शरीर में लचीलापन आता है। जिससे मूवमेंट बेहतर होता है।
मालिश करने से शरीर में रक्तचाप सामान्य रहता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस अच्छा होने से मधुमेह में भी फायेदा मिलता है।
मसाज थेरेपी का प्रयोगकरने से मांसपेशियों की सिकुड़ने और फैलने की क्षमता बढ़ती है। साथ ही उनमें मेटाबॉलिज्म का कार्य निश्चित रूप से होने लगता है। जिससे शरीर में बन रहे मुक्त कण (free redicles) को भी हटाया जा सकता है।
मसाज करते वक्त ध्यान रखें यह सावधानियां;मालिश के तुरंत बाद न नहाएं। हमेशा मालिश के कम से कम आधे घंटे बाद स्नान करें।
मालिश के तुरंत बाद भोजन न करें। भोजन और मसाज के बीच लगभग तीन घंटे का अंतर होना चाहिए। इसलिए सूर्योदय के समय मालिश कराना सबसे अच्छा होता है।
सर्दियों में खुली धूप में और गर्मियों के समय छाया में मालिश कराएं।
प्रत्येक अंग पर कम से कम पांच मिनट तक मालिश अवश्य कराएं।
जिस हिस्से पर मालिश करानी है, वह हिस्सा साफ होना चाहिए।
चोट, घाव, फ्रैक्चर जैसी समस्याओं में भूलकर भी मालिश न कराएं।
बुखार इत्यादि जैसे रोगों से पीड़ित लोगों को मालिश नहीं करानी चाहिए।
प्रतिदिन संपूर्ण शरीर पर कम से कम10-20 मिनट तक ही मालिश करनी चाहिए।

2.1.24

दुनिया में सबसे शक्तिशाली मर्दाना ताकत बढ़ाने वाली दवा कौन सी है?

 


दुनिया में सबसे शक्तिशाली मर्दाना ताकत बढ़ाने वाली दवा चाहिए तो आपको थोड़ा मेहनत करने की जरुरत है
मै आपको तरीका बता देता हूँ और आप इस दवा को खुद अपने घर में ही बना सकते हैं

आपको क्या क्या चाहिये :

मिट्टी का बर्तन (05 किलोग्राम साइज) - 01 नग
मध्यम साइज के देसी सफेद प्याज - 60 नग
देसी शहद - 2.5 किलोग्राम



आपको करना क्या है :सबसे पहले प्याजों को छील लें और किसी नुकीले सुये या सलाई की सहायता से उसमे आडे टेढ़े छेद कर ले.
अब मिटटी के बर्तन में इन प्याजों को डाल कर शहद से भर दें ताकि सभी प्याज शहद में डूब जायें.
अब इस बर्तन को ढक्कन लगा कर और मिटटी का लेप लगा कर अच्छे से हवारहित तरीके से बंद कर दें
अब आप खेत या किसी भी कच्ची जगह में कम से कम तीन फ़ीट गहरा खडडा खोद कर इस बर्तन को 60 दिन के लिए जमीन में दबा दे.
अब 60 दिन में यह नुस्खा तैयार हो जाएगा.

आपको सेवन कैसे करना है
:

सूबह के समय शौच से मुक्त होकर खाली पेट एक प्याज और थोड़ा शहद खाना है

आपको क्या फायदा मिलेंगा :

इस दवा से आपका शारीरिक और मर्दाना ताकत बढ़ जाएगी और वीर्य शहद की तरह ही गाढ़ा हो जायेगा

आपको कब तक लेना है :

आपको यह दवा केवल और केवल 60 दिन तक ही लेना है

यह दवा कौन ले सकता है :

यह दवा 15 वर्ष से लेकर 75 वर्ष तक का मर्द ले सकता है जो डायबिटीज से पीड़ित नहीं है.


16.12.23

हल्दी और सरसों के तेल के फायदे,लिवर और किडनी को रखे सुरक्षित


भारतीय किचन में अधिकतर लोग हल्दी और सरसों के तेल का इस्तेमाल करते हैं। आमतौर पर इसका इस्तेमाल खाना तैयार करने में किया जाता है। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण स्वास्थ्य के जुड़ी कई समस्याओं को दूर कर सकता है। रोजाना हल्दी और सरसों के तेल का इस्तेमाल करने से कई तरह की बीमारियों को दूर किया जा सकता है। यह स्किन संबंधी परेशानियों को दूर कर सकता है। साथ ही मोटापा भी कंट्रोल करने में प्रभावी है. इतना ही नहीं, हल्दी और सरसों तेल का इस्तेमाल करने से शरीर की सूजन को कम की जा सकती है। आज हम इस लेख में हल्दी और सरसों तेल के फायदों के बारे में जानेंगे।
हल्दी और सरसों के तेल का सेवन करने से सेहत को कई तरह के लाभ मिलते हैं। हल्दी और सरसों के तेल में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल और एंटीवायरल के गुण पाए जाते है, जो स्वास्थ्य के जुड़ी कई समस्याओं को दूर करते है। साथ ही नियमित रूप से हल्दी और सरसों के तेल का इस्तेमाल करने से कई तरह की बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। दर्द को कम करने के लिए हल्दी और सरसों के तेल का सेवन करना फायदेमंद होता है। साथ ही ये हार्ट को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। तो आइए जानते हैं हल्दी और सरसों के तेल के फायदे के बारे में

हल्दी और सरसों के तेल के फायदे

हार्ट के लिए हेल्दी

हल्दी, सरसों तेल और नमक का एक साथ इस्तेमाल करने से आप हार्ट को स्वस्थ रख सकते हैं। दरअसल, हल्दी और सरसों तेल में खून को साफ करने का गुण होता है। साथ ही यह ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर कर सकता है, जिसकी मदद से आप हार्ट डिजीज के खतरों को कम कर सकते हैं।
हार्ट को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हल्दी और सरसों के तेल का एक साथ सेवन करना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि हल्दी और सरसों के तेल एक साथ मिलाकर खाने से ब्लड प्यूरीफाय होता है और क्लॉटिंग की आशंका कम होती है। जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और हार्ट डिजीज का खतरा भी कम होता है।

लिवर और किडनी को रखे सुरक्षित 

हल्दी और सरसों के तेल का खाने से शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाला जा सकता है। इससे शरीर के संक्रमण को भी दूर कर सकते हैं। साथ ही किडनी इंफेक्शन की समस्या को दूर करने में भी हल्दी और सरसों तेल काफी फायदेमंद हो सकता है। हल्दी और सरसों तेल का सेवन आप खाने में शामिल करके कर सकते हैं।

कब्ज से राहत 

कब्ज की परेशानी को दूर करने के लिए हल्दी और सरसों तेल का इस्तेमाल करें। यह आपके पाचन के लिए हेल्दी हो सकता है। इसके सेवन से आप गैस, कब्ज जैसी परेशानियों को कम कर सकते हैं

दर्द और सूजन को कम करने में फायदेमंद

दर्द और सूजन को कम करने के लिए हल्दी और सरसों का तेल इस्तेमाल करना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि हल्दी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट्स के गुण पाए जाते हैं, जो शरीर की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही हल्दी में करक्यूमिन गुण पाए जाते हैं, जो शरीर के दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इसलिए हल्दी और सरसों के तेल का इस्तेमाल करने से शरीर में दर्द और सूजन की समस्या दूर रहती है।

दांतों की बढ़ाए चमक

हल्दी, नमक और सरसों तेल का एक साथ इस्तेमाल करने से आप अपने दांतों को स्वस्थ रख सकते हैं। यह दांतों की चमक को बढ़ाने में प्रभावी होता है। इसका प्रयोग करने के लिए 1 चम्मच सरसों तेल लें। इसमें 1 चुटकी नमक और हल्दी मिक्स करें। अब इस मिश्रण को उंगलियों की मदद से अपने दांतों को साफ करें। इससे दांतों की चमक बढ़ेगी।

स्किन को स्वस्थ बनाए रखने में फायदेमंद

स्किन को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हल्दी और सरसों के तेल इस्तेमाल करना बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि इनका इस्तेमाल करने से स्किन को स्वस्थ रखा जा सकता है। इसलिए रोजाना स्किन और चेहरे पर हल्दी और सरसों का तेल लगाने से स्किन इंफेक्शन और स्किन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।

मुंह की बदबू से राहत


मुंह की बदबू को कम करने के लिए आप सरसों तेल, हल्दी और नमक के मिश्रण से मंजन कर सकते हैं। यह मुंह में मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करने में मददगार हो सकता है। सुबह ब्रश करने के बाद आप इस मिश्रण से कुछ मिनटों तक मंजन करें। इससे लाभ मिलेगा।


10.12.23

मोटा पेट और लटकती तोंद को काबू में लाने वाली सब्जियां






वजन कम करने के लिए लिए अपने खानपान में बदलाव करना सबसे ज्यादा जरूरी माना जाता है. अगर आप पेट की चर्बी या पेट के मोटापे से परेशान हैं और चाहते हैं कि आप भी दूसरों की तरह स्लिम और फिट दिखें तो आपको अपने खाने में कुछ चीजों को शामिल करने की जरूरत है. आप अगर प्रोपर वेट लॉस डाइट भी फॉलो नहीं करते हैं तो भी सामान्य चीजों को खाकर फैट बर्न कर सकते हैं. पेट कम कैसे करें? मोटापा घटाने के तरीके सबके लिए एक जैसा काम नहीं करते हैं, लेकिन कैलोरी का ध्यान रखना जरूरी है. ये आप भी जानते हैं कि हम जाने अनजाने में हाई कैलोरी वाली चीजें खा लेते हैं, लेकिन हम इसे आसानी से रोक सकते हैं. आपको बस अपनी डाइट में कुछ हाई फाइबर वाली सब्जियों को शामिल करना और रात के खाने में डेली इन्हें बदल-बदलकर खाना है. कुछ ही दिनों में आपको फर्क नजर आने लगेगा. चलिए जानते हैं कौन सी सब्जियां वजन घटाने में मददगार साबित हो सकती हैं.

लौकी

लौकी, वेट लॉस करने वालों के लिए परफेक्ट सब्जी है। इस सब्जी में 90 प्रतिशत तक पानी होता है। इसके अलावा इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है जो कि मेटाबोलिज्म को तेज करता है और पाचन क्रिया में तेजी लाता है। इसके अलावा ये शरीर को डिटॉक्सीफाई करने में तेजी से काम करता है जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है।

गाजर

गाजर में प्रचुर मात्रा में घुलनशील फाइबर होता है. ये कैरोटीनॉयड और ल्यूटिन जैसे प्लांट कंपाउंड का भी एक बड़ा स्रोत है. कैरोटीनॉयड इम्यून फंक्शन को बेहतर बनाने में भी मदद कर सकता है. साथ ही वजन घटाने में भी कारगर साबित हो सकता है.

पालक

पालक खा कर आप सच में अपना वजन घटा सकते हैं। इसका प्रोटीन वेट लॉस में तेजी से मदद करता है और मेटाबोलिक रेट बढ़ाता है। इसके अलावा इसका फाइबर बॉवेल मूवमेंट को तेज करने में भी मददगार है। तो, वेट लॉस के लिए पालक की स्मूदी पिएं या फिर इसे ऐसे ही सलाद में खाएं।

चुकंदर

चुकंदर जड़ वाली सब्जी है जो घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर प्रदान करती हैं. चुकंदर भी नाइट्रेट का एक अच्छा स्रोत है, जो आपकी ब्लड वेसल्स को चौड़ा करने और ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकता है. साथ ही वजन घटाने में भी लाभकारी है.

खीरा

वेट लॉस में खीरा काफी कारगर तरीके से आपकी मदद कर सकता है। दरअसल, खीरे में पानी की अच्छी मात्रा होती है जो कि शरीर में हाइड्रेशन लेवल को बढ़ाता है और बॉवेल मूवमेंट को तेज करता है। साथ ही ये पेट को भरा रखता है और भूख कंट्रोल करता है। इसके अलावा इसका फाइबर, मेटाबोलिज्म बढ़ता है और आंतों में चिपके फैट को बाहर निकालते हुए वेट लॉस में तेजी से मदद करता है।

फूलगोभी

फूलगोभी कम कार्ब वाली और हाई फाइबर वाली सब्जी है. अपने फाइबर सेवन को बढ़ाने के लिए चावल, स्टेक और चिकन विंग्स की जगह फूलगोभी लें. इसे रात के खाने में शामिल कर वजन घटाने में आसानी होती है.

बैंगन

बैंगन में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर होते हैं. इसके साथ ही ये एंटीऑक्सीडेंट, एंथोसायनिन का शक्तिशाली स्रोत है. यही चीज बैंगन को उनका गहरा बैंगनी रंग प्रदान करती है. ये सभी तत्व वजन लॉस में मददगार माने जाते हैं.

करेला

यह एक लो कैलोरी वाली सब्जी है जो अच्छी मात्रा में घुलनशील फाइबर देती है. अपना फैट कम करना चाहते हैं तो इस सब्जी को डाइट में शामिल करना तो बनता है. वजन घटाने के लिए करेला को कई तरीके से डाइट में शामिल किया जा सकता है.

पत्ता गोभी

पत्ता गोभी को आप वेट लॉस डाइट में कई प्रकार से शामिल कर सकते हैं। आप इसे कच्चा खा सकते हैं। आप इसका सूप पी सकते हैं। यानी कि आप पत्ता गोभी का कई प्रकार से सेवन कर सकते हैं और इसका फाइबर और रफेज शरीर में जमा चर्बी को साफ करने में मदद करेगा।

ब्रोकली

ब्रोकली में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होने के साथ हाई कैलोरी भी होती है। यानी कि इसे खा कर आपका पेट लंबे समय तक के लिए भरा रह सकता है। साथ ही इसके माइक्रोन्यूट्रीएंट्स वेट लॉस में काफी मदद करते हैं और इसलिए इसे वेट लॉस डाइट का हिस्सा बनाया जाता है।

9.12.23

सेहत के गुणों से भरपूर ड्रेगन फ्रूट रखता है कई बीमारियों को दूर


 


ड्रैगन फ्रूट में प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम और विटामिन्स की मात्रा भरपूर होती है, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं.ड्रैगन फ्रूट में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा काफी ज्यादा होती है. इस वजह से अगर आप रोज इसका सेवन करते हैं तो इससे आपके शरीर को फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी.इससे ह्रदय रोगों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है.
ड्रैगन फ्रूट में फाइबर की अधिकता होती है जिस वजह से यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और वजन को कंट्रोल करने में भी आपकी मदद करता है.
ड्रैगन फ्रूट - चमकीले छिलके वाला फल जिसका गूदा काले बीजों से युक्त होता है - फिटनेस प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय हो गया है। विदेशी फल, जिसे कैक्टस फल, ड्रैगन पर्ल फल और पिटाया भी कहा जाता है, अपने अनोखे रूप और स्वाद के लिए पसंद किया जाता है। हाल ही में, शेफ कुणाल कपूर ने भी इस उष्णकटिबंधीय फल के बारे में इंस्टाग्राम पर साझा करते हुए लिखा: “हालांकि लोग मुख्य रूप से इसके अनूठे रूप और स्वाद के लिए इसका आनंद लेते हैं

इम्यूनिटी-

ड्रैगन फ्रूट में मौजूद विटामिन सी और कैरोटीनॉयड आपके इम्यून सिस्टम को बढ़ा देने में मदद कर सकते हैं. इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए आप ड्रैगन फ्रूट का सेवन कर सकते हैं.

. आयरन-

ड्रैगन फ्रूट को आयरन से भरपूर माना जाता है. अगर आपके अंदर खून की कमी है तो आप ड्रैगन फ्रूट का सेवन कर सकते हैं. रोजाना इसे खाने से एनीमिया की कमी को दूर कर सकते हैं.एनीमिया के लक्षणों को भी कम करने में मदद मिलेगी. रोजाना ड्रैगन फ्रूट खाने से हिमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है.

स्किन-

ड्रैगन फ्रूट में मौजूद विटामिन सी त्वचा में कोलेजन का उत्पादन करने, बालों को मजबूत बनाने और टूटने से बचाने में मदद कर सकता है.

हार्ट-

ड्रैगन फ्रूट में ओमेगा-3 और ओमेगा-9 फैटी एसिड्स होते हैं, जो हार्ट को हेल्दी रखने में मदद कर सकते हैं.

डायबिटीज-

ड्रैगन फ्रूट को लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फ्रूट माना जाता है. ड्रैगन फ्रूट को डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी फल माना जाता है.

पाचन-

ड्रैगन फ्रूट में डाइटरी फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो हमारे पाचन को बेहतर रखने में मदद कर सकते हैं. आंतों की सेहत को भी सुधारने के लिए आप खाली पेट इस फल को खा सकते हैं. इसमें प्रोबायोटिक होता है जो खाना पचाने में मदद करते हैं और आंतों से जुड़ी समस्याओं को कम करते हैं.

सर्दी जुखाम

ड्रैगन फ्रूट में विटामिन सी की मात्रा होती है जो आपके इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद कर सकती है. इसके सेवन से मौसमी बीमारियों से बचाव होगा. सर्दी जुखाम जैसी समस्याएं भी नहीं होगी.

ड्रैगन फ्रूट को कब खाना चाहिए?

ड्रैगन फ्रूट में फाइबर की अधिकता होती है जिस वजह से यह आपके पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और वजन को कंट्रोल करने में भी आपकी मदद करता है. आंतों की सेहत को भी सुधारने के लिए आप खाली पेट इस फल को खा सकते हैं. इसमें प्रोबायोटिक होता है जो खाना पचाने में मदद करते हैं और आंतों से जुड़ी समस्याओं को कम करते हैं
बाहर से गुलाबी और काटने पर सफेद, लाल, छोटे-छोटे काले बीजों वाले इस फल के बारे में आज भी बहुत कम लोग जानते या खाते होंगे. पोषक तत्वों से भरपूर ड्रैगन फ्रूट की तासीर ठंडी होती है, इसलिए गर्मी में इसे खाना बेस्ट है.

क्या हम खाली पेट ड्रैगन फ्रूट खा सकते हैं?

इसे लेने का सबसे अच्छा समय कब है? जबकि फलों का सेवन करने के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि पाचन तंत्र फलों की चीनी को जल्दी से तोड़ देता है और उन्हें सभी पोषक तत्व प्रदान
करता है, ड्रैगन फ्रूट को मध्य भोजन के रूप में या रात में भी खाया जा सकता है

क्या मैं एक दिन में 1 ड्रैगन फ्रूट खा सकता हूं?

इस फल में विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को बढ़ाता है और आपको स्वस्थ रहने में मदद करता है। विटामिन C ज़्यादा होने का मतलब है कि आपका शरीर घातक संक्रमणों से लड़ने में सक्षम है। आपको बस इतना करना है कि रोज़ाना 1 कप (200 ग्राम) ड्रैगन फ्रूट खाएं और स्वस्थ रहें

ड्रैगन फ्रूट कौन सी बीमारी में खाया जाता है?

चर्बी कम करना: इसमें लो-कैलोरी और हाई-फाइबर होता है, जिससे यह वजन घटाने में मदद कर सकता है. ट्वाइप 2 मधुमेह: कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि ड्रेगन फ्रूट मधुमेह के प्रभाव को नियंत्रित कर सकता है. हृदय के लिए लाभकारी: इसमें ओमेगा-3 और ओमेगा-9 फैटी एसिड्स होते हैं जो हृदय की सेहत के लिए अच्छे होते हैं.

ड्रैगन फूड का दूसरा नाम क्या है?

ड्रैगन फ्रूट को स्ट्रॉबेरी नाशपाती और पिताया के नाम से भी जाना जाता है। सफेद, लाल और गुलाबी रंग के गूदे वाले इस फल का स्वाद हल्का खट्टा-मीठा और रसीला होता है। यह दक्षिण अमेरिका का फल है जिसे अब दुनिया भर में उगाया जा रहा है।

4.12.23

अच्छी सेहत के लिए सर्दियों में क्या ख़ास फूड्स खाएं ?





सर्दी हो या गर्मी सुबह उठने के बाद हम अकसर चाय, कॉफी और बिस्कुट खाते हैं। लेकिन सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीना सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है। सुबह खाली पेट चाय या कॉफी पीने की आदत काफी बुरी होती है। कई लोग फिर भी सुबह उठने के बाद चाय और कॉफी ही पीते हैं, लेकिन कई लोग सुबह हेल्दी ड्रिंक या फिर हर्बल टी पीते हैं। वहीं, आपका ब्रेकफास्ट भी हेल्दी होना चाहिए। आपको अपने सुबह के खाने को बिल्कुल भी स्किप नहीं करना चाहिए। खासकर, सर्दियों में सुबह उठने के बाद हेल्दी भोजन खाना बहुत जरूरी होता है। अभी सर्दी का मौसम शुरू हो गया है, इसलिए आप सोच रहे होंगे कि आखिर सर्दी में सुबह उठने के बाद क्या खाना चाहिए?
सर्दियों में सुबह उठने के बाद ड्राई फ्रूट्स खाना बेहद फायदेमंद होता है। ड्राई फ्रूट्स में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स काफी अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही ड्राई फ्रूट्स की तासीर भी बेहद गर्म होती है। ऐसे में अगर आप सर्दी में सुबह उठकर ड्राई फ्रूट्स खाएंगे, तो इससे आपका शरीर गर्म रहेगा। साथ ही आपकी इम्यूनिटी भी बूस्ट होगी। आपको एनर्जी मिलेगी, आप पूरे दिन ऊर्जावान और फिट महसूस करेंगे।

पंजीरी

हमारे देश के उत्तरी भागों में सर्दियों के दौरान इससे कई रेसिपी तैयार किया जाते हैं। यह सूखा और मीठा स्नैक बहुत गर्म होता है और माना जाता है कि यह शरीर को दर्द से राहत दिलाता है और मांसपेशियों और जोड़ों को भी खोलता है। साबुत गेहूं, बाजरा, सत्तू या मूंग दाल के आटे का उपयोग करके आप गुड़ से अलग-अलग चीजें बना सकते हैं। साथ ही आप इनमें घी, नट्स, ड्राई फ्रूट्स, और मसाले जैसे इलायची, सौंफ, केसर और जायफल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, जो कि इम्यूनिटी बूस्टर हैं।

दालचीनी का पानी

दालचीनी की तासीर बेहद गर्म होती है। ऐसे में अगर आप सर्दी के मौसम में सुबह दालचीनी का पानी पिएंगे, तो इससे आपको गर्माहट मिलेगी। इसके साथ ही दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण भी पाए जाते हैं। रोजाना दालचीनी का पानी पीने से आपकी इम्यूनिटी बूस्ट होगी और आपको सर्दी-जुकाम नहीं लगेगी। दालचीनी का पानी पीने से आपका पाचन और मेटाबॉलिज्म में भी सुधार होगा। इसके लिए आप एक गिलास पानी में दालचीनी का टुकड़ा डालें। इसे अच्छी तरह से उबाल लें और फिर पानी को छानकर पी लें।

गुड़

गुड़ एक नेचुरल स्वीटनर है। यह हमारे गले के आंतरिक अस्तर पर एक परत बनाकर गले की जलन को शांत करता है और खराश में कमी लाता है। यह ब्लड वेसल्स को भी पतला करता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। सर्दियों में रोज रात को सोने से पहले इसे खाना शरीर में गर्माहट पैदा करता है।
तुलसी

सर्दियों में तुलसी खाना या इसका रेगुलर इस्तेमाल करना आपको कई बीमारियों से बचाए रख सकता है। ऐसा इसलिए कि इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण होते हैं। ये वायरल संक्रमणों से लड़ने, विशेष रूप से सर्दियों में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ शरीर को अंदर से गर्म रखने का काम करते हैं।

लहसुन

ताजा लहसुन में एलिसिन होता है, जो कि प्राकृतिक एंटीबायोटिक है। ये रोगों से लड़ने में मदद करते हैं। ये एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है, जो सर्दियों में होने वाले हड्डियों के दर्द से आपको बचाए रख सकता है। इसे आप चटनी और सूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

बाजरा

सर्दियों के मौसम में बाजरे का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि पोषक तत्वों से भरपूर होने के साथ-साथ शरीर को गर्म रखने में भी मदद करता है। साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के लिए भी यह काफी फायदेमंद हो सकता है।

पपीता

पपीता सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सुबह उठकर पपीता खाना सेहत के लिए लाभकारी होता है। पपीता में फाइबर, विटामिन्स और फोलेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इससे आपको पर्याप्त एनर्जी और ऊर्जा मिलेगी। पपीता खाने से पाचन में भी सुधार होता है। इसलिए हेल्दी और फिट रहने के लिए आप सुबह उठकर पपीता खा सकते हैं।

अंडा

सर्दियों में सुबह अंडा खाना काफी लाभकारी होता है। रोजाना सुबह उठने के बाद अंडा खाने से आपको पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मिलेगा। साथ ही आपका पेट भी लंबे समय तक भरा हुआ रहेगा। अंडे की तासीर भी गर्म होती है। ऐसे में सर्दियों में अंडा खाने से आपको गर्माहट मिलेगी, आपकी इम्यूनिटी बढ़ेगी। हर दिन अंडा खाने से आप सर्दियों में फिट और हेल्दी बने रह सकते हैं। अगर आपका वजन अधिक है, तो आप सिर्फ अंडे का सफेद हिस्सा खा सकते हैं।

सब्जियों का जूस

सर्दियों में सुबह उठकर सब्जियों का जूस पीना काफी फायदेमंद होता है। सब्जियों में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए आप सर्दियों में गाजर और चुकंदर का जूस पी सकते हैं।

टमाटर सूप

टमाटर सूप (Tomato Soup)यह सूप के सबसे लोकप्रिय प्रकारों में से एक है और इसे ही ज्यादातर दुनिया भर के लोगों द्वारा पसंद किया जाता है।
टमाटर के सूप में विटामिन E, A, C, K और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो हमें स्वस्थ रखता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

शहद

गर्मियों में शहद का सेवन करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। लेकिन सर्दियों के लिए यह अच्छा विकल्प है और साथ ही हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने वाले कई गुण इसके अंदर मौजूद होते हैं, जो बेहद फायदा देते हैं।

हेल्दी मॉर्निंग ड्रिंक्स

जिस तरह आप गर्मी के मौसम में मॉर्निंग ड्रिंक्स पीते हैं, उसी तरह सर्दियों में भी हेल्दी ड्रिंक्स पीना बहुत जरूरी होता है। आप रोज सुबह उठकर जीरा पानी, नारियल पानी, मेथी का पानी या फिर शहद का पानी पी सकते हैं। इसके अलावा आप सर्दियों में नींबू का पानी, काली मिर्च का पानी पी सकते हैं। इससे आपका पाचन सही होगा, बॉडी डिटॉक्स होगी और आपकी इम्यूनिटी भी बढ़ेगी।
हर्बल ड्रिंक जैसे ग्रीन टी, लेमन टी, अदरक और तुलसी की चाय का सेवन करें क्योंकि ये आपके शरीर को डिटॉक्सीफाई करेंगे और स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छे हैं।
सर्दियों में स्वस्थ रहने के लिए कुछ टिप्स विटामिन C से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने की कोशिश करें, क्योंकि इस मौसम में हमारी त्वचा शुष्क हो जाती है और खट्टे पदार्थ त्वचा और बालों के लिए अच्छे होते हैं।
अपने कार्ब्स को खर्च करें, क्योंकि हम इस मौसम में बहुत कुछ खाते हैं और अपने वजन को बनाए रखने और फिट रहने के लिए आवश्यक है की, आप अपने शरीर में मौजूद वसा को घटायें इसके लिये हमेशा कुछ व्यायाम करें।
ढेर सारा पानी पियें, यह आपको हाइड्रेटेड रखेगा और इससे आपकी त्वचा स्वस्थ रहेगी।
सर्दियों में अपने आहार में ओमेगा 3 फैटी एसिड शामिल करें, क्योंकि यह डिप्रेशन को कम करता है, जो आमतौर पर सर्दियों में देखा जा सकता है। मछली, बीज वाले भोज्य पदार्थों और नट्स में ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्रचुर मात्रा होती है।
धूप में बैठें, क्योंकि हमारे शरीर के लिए विटामिन D बहुत आवश्यक होता है और यह किसी भी भोजन में नहीं पाया जाता, क्योंकि हमारा शरीर इसे कोलेस्ट्रॉल से बनाता है। जब पराबैंगनी किरणें हमारे शरीर को छूती हैं, तो त्वचा कोशिकाओं में कोलेस्ट्रॉल की उपस्थिति से विटामिन D बनाती है। इसलिए हमेशा धूप में कुछ समय बिताने की कोशिश करें।

2.12.23

सर्दियों में अमरूद खाने के चौंकाने वाले फायदे !, Amrud ke fayde







सर्दि‍यों के मौसम में बाजार में अमरूद आसानी से मिल जाते हैं। वैसे तो ये गर्म और शुष्क दोनों जलवायु में पाया जाता है, मगर सर्दि‍यों में ये ज्यादा पाए जाते हैं। अमरूद सेहत के लिए काफी अच्छा होता है। इसमें विटामिन-सी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा विटामिन-ए और बी भी इसमें पाए जाते हैं। इसमें लोहा, चूना और फॉस्फोरस भी ज्यादा मात्रा में होते हैं।अमरूद में पाए जाने वाला मैग्नीशियम मांसपेशियों को मजबूत और राहत देने का काम करते हैं. इसको खाने से तनाव भी कम होता है. अगर आप अवसाद से पीड़ित हैं तो इसका सेवन जरूर करें.

वजन कम करने में भी अमरूद बहुत कारगर

वजन कम करने में भी अमरूद बहुत कारगर होता है. इसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती हो जो वजन को बढ़ने नहीं देती है. वहीं, अमरूद खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बूस्ट होती है. इससे आपका ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. इसे गर्भावस्था के दौरान भी खा सकती हैं.

 डायबिटीज से बचाता है

अमरूद डायबिटीज से बचाता है। इसमें रिच फाइबर कंटेंट और लो ग्लायसेमिक इंडेक्स पाया जाता है। लो ग्लायसेमिक इंडेक्स अचानक शुगर लेवल बढ़ने से रोकता है। वहीं, फाइबर्स के कारण शुगर अच्छे से रेगुलेट होती रहती है।

डाइजेशन –

सर्दियों में अमरूद खाने का सबसे बड़ा फायदा पाचन में सुधार से मिलता है. फाइबर से भरपूर होने के चलते अमरूद पेट से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है और इससे कब्ज से भी राहत मिलती है. अमरूद विटामिन सी का भी अच्छा सोर्स है. स्टडीज में पाया गया है कि अमरूद की पत्तियों का रस डायरिया में काफी फायदा पहुंचाता है. अपनी डाइट में अमरूद को शामिल कर इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से भी राहत पाई जा सकती है.

कब्ज में मिलता है आराम

खराब दिनचर्या, गलत खानपान के चलते आजकल कब्ज आम समस्या हो गई है। अगर आप भी कब्ज की समस्या से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं, तो रोजाना अमरूद का सेवन कर सकते हैं। सर्दी में अमरूद खाने से पाचन तंत्र मजबूत होता है। इसमें डाइटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके लिए डॉक्टर रोजाना सुबह में अमरूद खाने की सलाह देते हैं ।

वजन कंट्रोल होता है

अगर आप बढ़ते वजन से परेशान हैं और तेजी से वजन कंट्रोल करना चाहते हैं, तो अमरूद का सहारा ले सकते हैं। अमरूद के सेवन से बढ़ते वजन को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें डाइटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। साथ ही क्रेविंग की समस्या से भी निजात मिलता है।

इम्यून सिस्टम मजबूत होता है

कोरोना काल में इम्यून सिस्टम मजबूत रहना जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर विटामिन सी रिच फूड खाने की सलाह देते हैं। अगर आप भी इम्यून सिस्टम को मजबूत करना चाहते हैं, तो अमरूद का सेवन जरूर करें। इसके सेवन से सेहत पर अनुकूल असर पड़ता है।

 शरीर को पहुंचाता है ताकत

अच्छी तरह पके नरम और मीठे अमरूदों को मसलकर दूध में फेंट लें। इसके बाद छानकर इसके बीज निकाल दें। आवश्यकतानुसार शक्कर मिलाकर सुबह सुबह 21 दिन तक लेने से शरीर में काफी ताकत आती है।

बवासीर में असरदार

सुबह खाली पेट 200-300 ग्राम अमरूद का नियमित रूप से सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है। पके अमरुद खाने से पेट का कब्ज खत्म होता है। इससे बवासीर में काफी फायदा पहुंचता है। कुछ दिनों तक रोजाना सुबह खाली पेट 250 ग्राम अमरूद खाने से बवासीर ठीक हो जाती है। बवासीर को दूर करने के लिए सुबह खाली पेट अमरूद खाना सबसे अच्छा होता है


 पेट दर्द में पहुंचाता है फायदा

नमक के साथ पके हुए अमरूद को खाने से आराम मिलता है। इसके पेड़ के 50 ग्राम पत्तों को पीसकर पानी में मिलाकर पीने से लाभ मिलता है। अमरूद के पेड़ की पत्तियों को बारीक पीसकर काले नमक के साथ चाटने से भी आराम होता है। अमरूद के फल की फुगनी यानि कि इसके फल के नीचे वाले छोटे पत्ते में थोड़ी सी मात्रा में सेंधा नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पीने से पेट का दर्द खत्म हो जाता है। 250 ग्राम अमरूद भोजन करने के बाद कुछ देर बाद खाने से कभी पेट की कोई समस्या नहीं होती है। कब्ज की शिकायत रहने वाले लोगों को खाना खाने से पहले अमरूद खाना चाहिए।अमरूद में पाए जाने वाला मैग्नीशियम मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने और होने वाले दर्द से राहत देने का काम करते हैं. इसको खाने से तनाव भी कम होता है. अगर आप अवसाद से पीड़ित हैं तो इसका सेवन जरूर करें.
अमरूद खाने से आपकी आंखों की भी सेहत अच्छी होती है. यह फल विटामिन-ए, सी व फोलेट से समृद्ध होता है. साथ ही इसमें जिंक और कॉपर जैसे तत्व भी पाए जाते हैं. जिन लोगों को कम उम्र में आंखों की समस्या होती है उनको तो इसे जरूर आहार में शामिल कर लेना चाहिए.

नुकसान 

सर्दी होने या जुखाम होने पर अमरूद का सेवन भी आपको नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसकी तासीर काफी ठंडी होती है. दरअसल, खाली पेट अमरूद खाने से पेट में दर्द इसलिए होता है, क्योंकि अमरूद के बीज खाली पेट में जाकर आसानी से नहीं पचते हैं और इस वजह से पेट में दर्द हो सकता है

अमरूद फल के तौर पर खाएं: 

अपनी भूख के अनुसार 1-2 अमरूद एक दिन में खाए जा सकते हैं।

अमरूद खाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

अमरूद को खाली पेट छोड़कर किसी भी समय खाना चाहिए। यह बात केले पर भी लागू होती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यदि आपके शरीर को इन फलों के लाभों को प्राप्त करने की आवश्यकता है, तो इसे पचाने और साथ में मिश्रण करने के लिए आपके पेट में कुछ भोजन होना चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इसका सेवन खाना खत्म करने के 30 मिनट बाद ही करना चाहिए।

23.11.23

शरीर सिर्फ हड्डियों का ढांचा है तो सर्दियों में कैसे वजन बढाएं?



 आज के समय में लोग मोटापे से परेशान हैं वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो दुबलेपन के कारण परेशान है. पेट भर कर खाना खाने के अलावा कई तरह के तरीके आजमाने के बाद भी उनका वजन बढ़ने का नाम नहीं लेता है.
सर्दियों को खाने-पीने के लिए एक अच्छा मौसम माना जाता है। इस मौसम में भूख ज्यादा लगती है, व्यक्ति सामान्य से अधिक खाना खा लेता है। इसलिए अकसर ऐसा समझा जाता है कि जो लोग दुबले-पतले और कमजोर हैं, उनके लिए सर्दियों का मौसम बेस्ट होता है। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि आपको फास्ट फूड, जंक फूड जैसे खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करना होता है। सर्दियों में भी आपको सिर्फ हेल्दी फूड्स खाकर ही वजन बढ़ाने की कोशिश करनी चाहिए।
अगर आप सर्दियों में वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको मौसम का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। सर्दियों में वजन बढ़ाने वाले लोगों को ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जिनकी तासीर गर्म हो। क्योंकि इससे सर्दियों में आपको गर्माहट मिलेगी, साथ ही आप ऊर्जावान भी महसूस करेंगे। अकसर लोग सर्दियों में गुड़, सूप, ड्राई फ्रूट्स, दूध, रागी-बाजरा आटा आदि को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। वैसे तो इन चीजों का सेवन किसी भी समय पर किया जा सकता है। लेकिन अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो विंटर फूड्स को सही समय पर खाना भी बहुत जरूरी होता है। तो चलिए, जानते हैं


वजन बढ़ाने के लिए विंटर डाइट प्लान-

खाली पेट

अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो सुबह खाली पेट गुड़ का पानी पी सकते हैं। इसके लिए आप रात को एक गिलास पानी में गुड़ का टुकड़ा भिगोकर रख दें। सुबह उठते ही इस पानी को पी लें। इससे आपको आयरन, कैल्शियम मिलेगा। साथ ही दुबलेपन से भी छुटकारा मिलेगा। इसके अलावा वजन बढ़ाने के लिए आप सुबह खाली पेट भीगे हुए ड्राई फ्रूट्स, बनाना शेक, मिल्क शेक, आल्मंड शेक आदि का सेवन भी कर सकते हैं।

वजन बढ़ाने के लिए ब्रेकफास्ट

ब्रेकफास्ट करना प्रत्येक व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी होता है। अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको भूलकर भी ब्रेकफास्ट को स्किप नहीं करना चाहिए। वजन बढ़ाने के लिए आप ब्रेकफास्ट में अंडा, चने, स्प्राउट्स, मिल्क ओट्स, मिल्क दलिया, आदि का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा वजन बढ़ाने के लिए आप सर्दियों में ब्रेकफास्ट में पीनट बटर सैंडविच, पैनकेक आदि खा सकते हैं। आपको ब्रेकफास्ट 8 से 9 बजे के बीच में कर लेना चाहिए।

वजन बढ़ाने के लिए मिड मॉर्निंग फूड्स

मिड मॉर्निंग में कुछ लाइट फूड्स का सेवन किया जा सकता है। अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो मिड मॉर्निंग में एक कटोरी फलों का सेवन कर सकते हैं। इसमें मौसमी फलों को ही शामिल करें। इसके अलावा आप प्रोटीन बार भी खा सकते हैं। मिड मॉर्निंग में आप पीनट बटर, कॉफी आदि का भी सेवन कर सकते हैं। लेकिन कॉफी का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें।

वजन बढ़ाने के लिए लंच

अगर आप नॉनवेज खाते हैं, तो लंच में फिश या मटन शामिल कर सकते हैं। लंच में आप रोटी, चावल, दही, सब्जी, दाल और सलाद शामिल करें। लंच में आपको ब्रेकफास्ट से अधिक खाना चाहिए। लंच में बैलेंस डाइट लें। वजन बढ़ाने वाले लोगों के लिए फुल फैट वाली दूध फायदेमंद साबित हो सकती है।

वजन बढ़ाने के लिए स्नैक्स

सर्दियों में वजन बढ़ाने वाले लोगों के लिए स्नैक्स में सूप पीना सबसे अधिक फायदेमंद होता है। अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो स्नैक्स में चिकन, टमाटर, वेजिटेबल सूप पी सकते हैं। इसके अलावा स्नैक्स में आप स्प्राउट्स, पनीर आदि का भी सेवन कर सकते हैं। आप स्नैक्स में तिल-गुड़ लड्डू, अलसी के लडूड भी खा सकते हैं।

वजन बढ़ाने के लिए डिनर

डिनर लाइट होना चाहिए और सोने से 2-3 घंटे पहले कर लेना चाहिए, यह नियम सभी के लिए लागू होता है। अगर आप वजन भी बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको डिनर लाइट ही करना चाहिए। साथ ही डिनर समय पर कर लेना चाहिए। आप अपने डिनर में नॉनवेज शामिल कर सकते हैं। साथ ही इसके अलावा आप 1-2 रोटी, सब्जी और सलाद भी अपने डिनर में शामिल करें।

वजन बढ़ाने के लिए बेड टाइम ड्रिंक

अगर आप वजन बढ़ाना चाहते हैं, तो रात को सोते समय हल्दी वाला दूध पी सकते हैं। इसके अलावा वजन बढ़ाने वाले लोग रात को दूध में खजूर, अंजीर, बादाम, किशमिश, काजू, अखरोट आदि मिलाकर भी पी सकते हैं। रात को दूध में होममेड प्रोटीन पाउडर मिलाकर पीने से भी वजन बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
खाने का सही विकल्प आपके वजन बढ़ाने पर बड़ा प्रभाव डाल सकते है. जी हां आज हम बात कर रहे हैं वजन को बढ़ाने के लिए खाने वाली चीजों के बारे में. जहां आज के समय में लोग मोटापे से परेशान हैं वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो दुबलेपन के कारण परेशान है. पेट भर कर खाना खाने के अलावा कई तरह के तरीके आजमाने के बाद भी उनका वजन बढ़ने का नाम नहीं लेता है. ऐसे में हमें मेवे, बीज और नट बटर कैलोरी से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए जो प्रोटीन और हेल्दी फैट से भरपूर होते हैं और मांसपेशियों के विकास में भी बढ़ावा देते हैं और शरीर को एनर्जी भी देते हैं. इसके अलावा पीनट बटर और केलों का सेवन भी वजन बढ़ाने में मदद करता है
लीन मीट, फिश और बींस जैसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें ये टिश्यू को रिपेयर करने में मदद कर सकते हैं. इसके अलावा चावल, सूखे मेवे और केला भी कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत हैं जो हेल्दी तरीके से वजन को बढ़ाने में मदद करता है.

चावल

वजन बढ़ाने के लिए चावल सबसे स्वास्थ्यवर्धक और संतुष्टिदायक फूड ऑप्शन्स में से एक है. इसमें मौजूद खनिज और कार्बोहाइड्रेट वजन बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. चावल के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि यह आपको लंबे समय तक तृप्त रखता है और साथ ही इसमें अच्छी मात्रा में पौष्टिक कैलोरी भी होती है.

ड्राई फ्रू्ट्स

ड्राई फ्रू्ट्स पोषक तत्वों का सर्वोत्तम स्रोत हैं! काजू, मूंगफली, किशमिश और बादाम जैसे सूखे मेवें वजन बढ़ाने वाले शानदार खाद्य पदार्थ हैं. इसके साथ ही भूख लगने पर इनका सेवन आपे पेट को भरा रखने में भी मदद कर सकता है. इनका सेवन शरीर को पोषण और हेल्दी फैट प्रदान करता है.

पीनट बटर

कई लोगों को लगता है कि पीनट बटर खाने से उन्हें वजन बढ़ाने में मदद मिलती है. खैर, यह सच है, और ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पीनट बटर में स्वस्थ कैलोरी होती है. क्योंकि यह एक बहुत ही पौष्टिक नाश्ता है, एथलीट, जिम लवर और बॉडीबिल्डर इसका सेवन करते हैं. हालाँकि, इसका सबसे अच्छा पहलू यह है कि यह अलग-अलग तरह के फ्लेवर्स में आता है और प्रोटीन से भरपूर होता है.

केला

वजन बढ़ाने के लिए केले सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में से हैं क्योंकि इनमें कैलोरी, कार्बोहाइड्रेट और खनिज उच्च मात्रा में होते हैं. स्वस्थ और तेजी से वजन बढ़ाने के लिए आप प्रतिदिन लगभग 4-5 पके केले खा सकते हैं. शरीर को एनर्जी देने के अलावा इसका स्वाद भी अच्छा होता है. इसके अतिरिक्त ये पाचन में सहायता करते हैं और शरीर के चयापचय को भी बेहतर करते हैं.

अंडा

वजन बढ़ाने के लिए अंडा सबसे अच्छा ऑप्शन है. ये स्वादिष्ट, पौष्टिक, स्वास्थ्यप्रद हैं और वजन बढ़ाने के लिए भी अच्छे हैं. अंडा एक ऐसा भोजन है जिसे आप कई तरीकों से खा सकते हैं. इसमें महत्वपूर्ण विटामिन के साथ-साथ प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
कमजोर शरीर के कारण अक्सर व्यक्ति को शर्मिंदगी का सामना उठाना पड़ता है. वहीं कमजोर शरीर जल्दी बीमारियों की चपेट में आ जाता है. ऐसे में यदि आप अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं तो रात को सोने से पहले कुछ चीजों का सेवन करें. इन चीजों के सेवन से आसानी से वजन बढ़ सकता है. 

दूध

व्यक्ति रात को सोने से पहले दूध का सेवन कर सकता है. बता दें कि दूध वजन को बढ़ाने में उपयोगी है. हालांकि दूध का सेवन सोने से 1 घंटे पहले करें. दूध के सेवन के साथ यदि मखाना, अंजीर, खजूर आदि का सेवन किया जाए तो जल्दी वजन बढ़ाने में मदद मिल सकती है.

किशमिश 

 किशमिश के सेवन से भी वजन को बढ़ाया जा सकता है. ऐसे में आप नियमित रूप से किशमिश का सेवन करें. आप चाहें तो दूध में भिगोकर किशमिश का सेवन कर सकते हैं.

बीन्स 

बीन्स के अंदर भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं. ऐसे में यदि आप सोने से दो-तीन घंटे पहले बीन्स का सेवन करते हैं तो इससे वजन को बढ़ाने में मदद मिल सकती है.

दलिया

 वजन बढ़ाने के लिए दलिया का सेवन करना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. ऐसे में आप दलिये का सेवन रात को सोने से पहले कर सकते हैं. आपको बता दें कि दलिये का सेवा नाश्ते के वक्त करना भी सेहत के लिए अच्छा हो सकता है. यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है साथ ही वजन को बढ़ाने में भी उपयोगी है. इससे हेल्दी वेट गेन हो सकता है.

ज्यादा कैलोरी-

स्टाइलसेटलाइफ वेबसाइट पर 10 दिनों में वजन बढ़ाने के टिप्स बताए गए हैं. इसमें कहा गया है कि यदि आप 10 दिनों में वजन बढ़ाना चाहते हैं तो जितनी कैलोरी आप रोजाना पहले लेते थे, उससे 1000 कैलोरी अब ज्यादा लेनी होगी. इसके लिए डाइट में अतिरिक्त चीजों को शामिल करना होगा.

5-6 बार भोजन-

 एक्स्ट्रा डाइट के लिए रोजाना 5 से 6 बार भोजन करना जरूरी है. इसके लिए डाइट चार्ट यह है कि 3 हैवी मील और 2 ब्रेकफास्ट लें. सुबह नाश्ता हैवी लें. इसके बाद दोपहर मील और रात में डिनर हैवी लें. रात में 8 बजे तक डिनर कर लें. इसके अलावा शाम में और दोपहर के बाद हल्का ब्रेकफास्ट जरूर करें. वैसे जब भूख लगे, उसी समय खाने का नियम बना लें.

सुबह खाली पेट जूस-

सुबह में खाली पेट गाजर का जूस पीएं. इससे पहले आप स्प्रॉउट लेंगे तो यह ज्यादा अच्छा रहेगा. स्प्रॉउट में मूंग, चना और कुछ साबुत अनाज ले सकते हैं. स्प्रॉउट प्रोटीन से भरा होता है. इससे शरीर को तुरंत एनर्जी मिलेगी.

पोष्टिक भोजन करें-

भोजन का मतलब यह नहीं है कि जंक फूड या फास्ट फूड खा लें. भोजन हेल्दी होना चाहिए जिसमें पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों का होना जरूरी है. इसके लिए आप डाइट चार्ट को फॉलो करें.

खाने से पहले पानी नहीं -

पानी पर्याप्त मात्रा में पीना जरूरी है लेकिन खाने से पहले पानी या अन्य तरल पदार्थ लेंगे तो सही से भोजन नहीं कर पाएंगे. इससे पेट भरा हुआ महसूस होगा और आप सही से खाना नहीं खा पाएंगे.

 एक्सरसाइज-

वजन बढ़ाने के मतलब यह नहीं कि आप खाना सिर्फ खाएं और एक्सरसाइज न करें. यदि आप चाहते हैं कि आप हेल्दी रहें तो नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. एक्सरसाइज नहीं करेंगे तो मेटाबोलिज्म सही से नहीं होगा और मेटाबोलिज्म सही से नहीं होगा तो आप जो खा रहे हैं उसका अवशोषण नहीं होगा. यानी वह एनर्जी में नहीं बदलेगा.