19.8.21

जामुन का सिरका के फायदे और नुकसान:Jamun ka sirka



जामुन और जामुन के बीजों के कई सेहत लाभ होते हैं। ये फल डायबिटीज रोगियों के ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखता है। यही नहीं इसका रस या सिरका भी कई गुणों से भरपूर होता है। जामुन से तैयार जूस या इसका सिरका कई सौंदर्य लाभ प्रदान करता है। इसमें विटामिन सी, एंटी-ऑक्सीडेंट्स, आयरन, कैल्शियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसके अलावा, जामुन में ग्लूकोज, फ्रुक्टोज और सभी महत्वपूर्म लवण भी होते हैं।

जामुन का सिरका के फायदे-

कब्ज की समस्या करे दूर जामुन विनेगर

पाचन तंत्र से संबंधित समस्या से रहते हैं परेशान, तो आप जामुन का सिरका का सेवन कर सकते हैं। पेट के कई रोगों का जड़ से इलाज करता है जामुन का रस। जिन लोगों को गैस, पेट दर्द, कब्जा, की समस्या लगातार बनी रहती है, उन्हें जामुन के सिरके का सेवन करने से लाभ पहुंचता है। इतना ही नहीं, किडनी में स्टोन है, तो इस सिरका के सेवन से स्टोन धीरे-धीरे टूट कर गल जाता है और शरीर से बाहर निकल जाता है। उल्टी जैसा महसूस हो तो भी आप एक गिलास पानी में जामुन के सिरके को मिलाकर पी सकते हैं।

मौसम बदलते ही लोग सर्दी-खांसी से परेशान हो जाते हैं। आजकल कोरोना काल में खांसी होना डराने वाला होता है, क्योंकि कोरोने के मुख्य लक्षणों में सूखी खांसी भी शामिल है। आपको भी खांसी है, तो जामुन का सिरका पिएं। यह जिद्दी कफ को भी बाहर निकालता है। साथ ही आप गला खराब या गले में खराश होने पर भी जामुन का सिरका पी सकते हैं।

डायबिटीज होने पर शुगर लेवल बढ़ जाता है। ऐसे में डायबिटीज रोगियों को अपने खानपान में कुछ ऐसी चीजों को शामिल करना चाहिए जिससे शुगर लेवल हाई ना हो। इसके लिए आप जामुन के सिरका का सेवन करें। जामुन का सिरका आप हर दिन नाश्ते के समय लें। एक चम्मच सिरके को आधे से एक गिलास पानी में मिलाकर पिएं। इससे शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।

मुंह के छाले हो सही

मुंह में छाले होने पर आप जामुन का सिरका पी लें। जामुन का सिरका पीने से आपके मुंह के छाले तुरंत सही हो जाएंगे। छालों के अलावा मूसड़ों में दर्द होने पर भी अगर जामुन का सिरका पीया जाए तो मसूड़ों का दर्द भी एकदम सही हो जाता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी जामुन का सिरका  कारगर साबित होता है और रोज दो समय जामुन का सिरका पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर अच्छा असर पड़ता है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग रोजाना इसका सेवन किया करते हैं उनका शरीर अंदर से मजबूत बन जाता है और शरीर की रक्षा कई तरह के रोगों से होती है।

लीवर के लिए लाभदायक

जामुन का सिरका पीने से लीवर एकदम सही रहता है और अच्छे से कार्य करता है। लीवर के अलावा किडनी के लिए भी जामुन का सिरका फायदेमंद साबित होता है। जिन लोगों को लिवर में सूजन की समस्या हैं वह जामुन की गुठली के रस का सेवन अवश्य करें। अगर आप रोजाना जामुन के सिरके का सेवन करेंगे आके लिवर की समस्या ठीक होने लग जाएगी।

उल्टी आने पर पीएं सिरका

उल्टी आने पर आप जामुन के सिरके का सेवन करें। जामुन का सिरका पीने से मन एकदम सही हो जाएगा और उल्टी की समस्या से राहत मिल जाएगी। उल्टी के अलावा दस्त होने पर भी जामुन का सिरका पीया जाए तो दस्त एकदम सही हो जाते हैं। यदि आपको बार बार उल्टी हो रही हैं तो आप 20 ग्राम जामुन के पत्ते लें अब इसको 400 मिली पानी में उबालें। यह पानी तब तक उबालें जब तक यह आधा न रह जाए। अब यह पानी ठंडा होने पर पिए। इससे आपकी उल्टी बंद हो जाएगी।

विटामिन सी की कमी हो पूरी

जामुन के सिरके में विटामिन सी अच्छी मात्रा में मौजूद होता है। इसलिए शरीर में विटामिन सी की कमी होने पर आप जामुन का सिरका  पीएं। इसे पीने से शरीर में विटामिन की कमी पूरी हो जाएगी

जामुन सिरका के सौंदर्य लाभ

जामुन में पानी अधिक होने से यह त्वचा को हाइड्रेट रखता है। जामुन खाने से खून साफ होता है। त्वचा को ग्लोइंग बनाने के लिए जामुन का सिरका पी सकते हैं। इससे खून में मौजूद टॉक्सिन बाहर निकलता है। जामुन में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है। विटामिन सी त्वचा के लिए हेल्दी होता है। आप जामुन के जूस या सिरका को त्वचा पर लगाएंगे तो स्किन में निखार आएगी| जामुन का सिरका चेहरे के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसके साथ ही मुंहासों को कम करने के लिए भी जामुन का सिरका काफी कारगार साबित होता है.

किडनी स्टोन-

यह किडनी की समस्‍याओं से परेशान लोगों के लिए जादुई उपाय की तरह काम करता है. जामुन का सिरका किडनी स्‍टोन को तोड़ने में सक्षम है और उन्हें आपके शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है

18.8.21

भोजन के साथ पापड़ खाने के फायदे और नुकसान:papad khane ke nuksan



हमारे देश के ज्यादातर हिस्सों में भोजन के साथ पापड़ खाए जाने की परंपरा है। लेकिन सबसे अधिक पापड़ खाने का चलन राजस्थान में है। हालांकि देश में सबसे अधिक पसंद किए जानेवाले पापड़ गुजरात राज्य के हैं। देशभर में शादी-ब्याह और त्योहारों पर पकवान के साथ पापड़ बनाए जाते हैं। खाने का स्‍वाद बढ़ाने के लिए अगर आप भी साथ पापड़ खाते हैं तो अब इसके नुकसान भी जान लें। ये चटपटा और तीखा पापड़ आपकी जीभ को भले ही तसल्‍ली दे लेकिन पेट और सेहत पर भारी पड़ सकता है। भले ही आप तर्क दें कि पापड़ को दूसरों की तरह तलने की बजाय आप भून कर या रोस्‍ट करके खाते हैं, लेकिन तब भी आपको इस स्‍नैक के साइड इफेक्‍ट जान ही लेने चाहिए।

पाचन सही करता है पापड़

पापड़ को भोजन करने के अंत में खाया जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पापड़ सुपाच्य होता है और जब हम बहुत अधिक गरिष्ठ भोजन (हाई कैलरी फूड या बहुत तला-भुना और मसालेदार भोजन) करते हैं तो पापड़, उस भोजन को पचाने में हमारे पाचनतंत्र की सहायता करता है।

गुण और स्वाद का मिश्रण

आमतौर पर पापड़ मूंगदाल और उड़द की दाल के बनाए जाते रहे हैं। इन दाल को रातभर पानी में भिगोकर और महीन पीसकर पापड़ तैयार करने की पुरानी परंपरा है।
-साथ ही इन पापड़ को बनाते समय इनमें अजवाइन, काली मिर्च का पाउडर और हल्का नमक मिलाया जाता है। ये तीनों चीजें पापड़ का स्वाद बढ़ाने क साथ ही इसके गुणों में भी वृद्धि करती हैं।

पापड़ खाने के नुकसान-

खाने के साथ कई लोग सलाद की तरह पापड़ खाना भी बहुत पसंद करते हैं। यकीनन चावल, दाल, छोले और राजमा आदि के साथ पापड़ खाने का मजा ही अलग है। लेकिन क्या आपको पता है कि चटपटा और कुरकुरा पापड़ आपके स्वास्थ्य का स्वाद बिगाड़ सकता है? दरअसल पापड़ कई तरह के होते हैं और इन्हें विभिन्न प्रकार के आटे से तैयार किया जाता है। इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें कई तरह के आर्टिफिशियल फ्लेवर्स और कलर एड किये जाते हैं, जो कि सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं।

सोडियम बेंजोएट की अधिक मात्रा- 

पापड़ में सोडियम बेंजोएट जैसे प्रीज़र्वटिव (यानि पापड़ को लंबे समय तक सही रखने का तत्व) की मात्रा अधिक होती है। सोडियम बेंजोएट से आपके शरीर पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, सोडियम बेंजोएट और आर्टफिशल कलर के मिश्रण से बच्चों में अतिसक्रियता बढ़ सकती है। इसका मतलब हुआ कि ज्यादा पापड़ खाने से आपका स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।

नमक की अधिक मात्रा-

 इसमें नमक की मात्रा सोडियम बेंजोएट का स्रोत बन जाता है। जाहिर है नमक की अधिक मात्रा भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है। ये हाइपरटेंशन, हार्ट डिजीज़, पानी की कमी और सूजन का कारण बन सकता है।

एसिडिटी का जोखिम- 

बाज़ार में उपलब्ध पापड़ को विभिन्न तरह के मसालों से तैयार किया जाता है। इससे आपका पाचन तंत्र प्रभावित हो सकता है और आपको एसिडिटी की समस्या हो सकती है।

तेल की अधिक मात्रा- 

लोग पापड़ को तलने के बाद खाना ज्यादा पसंद करते हैं। जाहिर है तलने से इसमें भी तेल की मात्रा भी अधिक हो जाती है। ये आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाकर आपको हृदय रोगों की ओर ले जा सकता है।
*माना जाता है कि दो पापड़ एक रोटी के बराबर होता है। अब अगर आप डाइटिंग कर रहे हैं और कम खाने के चक्‍कर में पापड़ से पेट भर रहे हैं तो समझ जाएं कि वजन कम होना मुश्‍किल है

भुना हुआ पापड़ भी सही नहीं होता है-

कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि भुना हुआ पापड़ फ्राई पापड़ से अच्छा होता है। एक अध्ययन के अनुसार, पापड़ को फ्राई करने पर उसमें मौजूद सोडियम बेंजोएट के कारण एक्रिलामाइड का गठन होता है। ये एक कैंसरकारी कारक है। ठीक इसी तरह पापड़ को रोस्टेड करने पर एक्रिलामाइड का पूरी तरह से गठन हो जाता है।

गंदे तरीके से बना हो सकता है- 

पापड़ को बनाने का तरीका आपके लिए चिंता का विषय हो सकता है। इसे धूप में खुले स्थान पर सुखाया जाता है। जाहिर है खुले स्थान पर वायु प्रदूषण के कारण ये ख़राब हो सकता है।


13.8.21

खून साफ करने के घरेलू उपाय:blood purifier herbs

 

हमारे शरीर में बहुत सी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या खून की खराबी के कारण होती हैं। क्‍या आप खून साफ करने के घरेलू उपाय जानते हैं। इस लेख में हम आपको खून साफ करने के घरेलू उपाय और नुस्खे के बारे में बता रहें हैं। खून हमारे शरीर का एक प्रमुख घटक है जिसके कारण ही हमारा शरीर जीवित है। लेकिन जब इस रक्‍त में कई प्रकार की अशुद्धियां होती हैं तो यह हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक हो सकता है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्‍योंकि घरेलू उपाय की मदद से आप अपने खून को साफ कर सकते हैं। खून की खराबी के कारण गुर्दे और यकृत आदि को भी नुकसान हो सकता है। आज इस आर्टिकल में आप खून साफ करने के घरेलू उपाय जानेगें। जिनकी मदद से आपको अशुद्ध रक्‍त संबंधी समस्‍याओं से छुटकारा मिल जायेगा।

हल्‍दी एक प्राकृतिक उपाय

विभिन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने के लिए हल्‍दी एक प्राकृतिक उपाय है। यह सूजन को दूर करने और शरीर में मौजूद विषाक्‍तता को दूर करने में सहायक होती है। हल्‍दी की पर्याप्‍त मात्रा का सेवन आपके जिगर को स्‍वस्‍थ रखने में सहायक होता है। आपके रक्‍त को साफ करने के लिए गुर्दे और यकृत का स्‍वस्‍थ रहना आवश्‍यक है। यदि ये आंतरिक अंग सही तरह से काम नहीं करते हैं तो आपके रक्‍त में विषाक्‍तता बढ़ सकती है। आप अपने रक्‍त को शुद्ध करने के लिए काली मिर्च, इलायची, दालचीनी, लौंग और अदरक आदि की बराबर मात्रा लें और इसे 1 गिलास दूध के साथ मिलाकर पियें। यह आपके रक्‍त को साफ करने का सबसे आसान और बेहतरीन तरीका हो सकता है।

पर्याप्त मात्रा में पानी पीना

खून साफ और पतला करने के उपाय में सबसे पहला तरीका है पानी ज्यादा पिए। हमारे शरीर में एक तिहाई भाग पानी का है। शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलने और बॉडी को डिटॉक्स करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।

ग्रीन टी 

ग्रीन टी ज्यादातर लोग weight loss करने के मकसद से पीते है पर वजन कम करने के साथ साथ ग्रीन टी थकान दूर करने, तनाव कम करने और खून साफ़ करने में भी असरदार है। Blood purify करने के लिए ग्रीन टी दिन में 1 से 2 बार पिए।

खून साफ और पतला करने के उपाय: 

ब्लड साफ़ करने और अच्छी सेहत पाने के लिए घर में प्रयोग होने वाले सौंफ को कई तरीके से इस्तेमाल कर सकते है। सौंफ से ब्लड साफ़ करने के उपाय में सब से पहले बराबर मात्रा में मिश्री और सौंफ ले कर पीस ले। अब इस मिश्रण को 2 महीने तक सुबह शाम पानी के साथ ले। इस देसी नुस्खे से शरीर में खून का प्रवाह अच्छा होता है, त्वचा की समस्याएं दूर होती है, आँखो की रोशनी बढ़ती है और खून साफ़ होता है।

पसीना 

पसीना आने से शरीर की अशुद्धियाँ बाहर निकलती है। शारीरिक श्रम करे ताकि पसीना ज्यादा आए। पसीना लाने के लिए आप एक्सरसाइज और योगा भी कर सकते है। योग से तन और मन स्वस्थ रहेगा, ज्यादा पसीनाआएगा और योग करते वक़्त हम ज्यादा ऑक्सीजन लेते है जिससे blood circulation अच्छा होता है

अलसी

अपने उपयोगी और औषधीय गुणों के कारण अलसी के बीज सुपर फूड के रूप में लोकप्रिय हो रहे हैं। लेकिन अध्‍ययन यह बताते हैं कि नियमित रूप से अलसी के बीजों का सेवन करना स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद होता है। एक पशु अध्‍ययन के अनुसार नियमित रूप से अलसी का सेवन करने से यकृत और किडनी के कामकाज में सुधार होता है साथ ही यह रक्‍तचाप को नियंत्रित भी करता है। हालांकि इसमें मौजूद फाईबर भी मधुमेह और मोटापे जैसे लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं जो कि खून की खराबी से संबंधित हैं। इस तरह से आप अपने खून को साफ करने के उपाय के रूप में अलसी के बीजों का उपयोग कर सकते हैं।

सब्जियों से बनाएं स्मूदी

ऐसी कई सब्जियां है जिनके वैज्ञानिक प्रयोग के बाद पता चला है कि इन सब्जियों में खून साफ करने के गुण हैं. पालक, चुकंदर, लहसुन, अदरक, ब्रोकली जैसी हरी सब्जियां आपका खून साफ करती हैं. आप इन सब्जियों को उबाल कर खा सकते हैं या फिर मिक्स करके स्मूदी तैयार कर सकते हैं. स्मूदी बनाने के लिए आप थोड़ी-थोड़ी मात्रा में सभी सब्जियां लें अब आधा ग्लास पानी डालकर ग्राइंडर में पीस लें. अगर पीने में स्वाद अच्छा नहीं लग रहा तो आप इसमें थोड़ा सा काला नमक और नींबू भी डाल सकते हैं. खून साफ करने के लिए शानदार ड्रिंक तैयार है. आप इसे हफ्ते में कम से कम 2 बार जरूर पीएं.

आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि हर सब्जी में पड़ने वाला हरा धनिया कितना गुणकारी है. हरा धनिया खून साफ करने में भी अहम है. इसके अलावा पुदीना भी पेट संबंधी बीमारियों के लिए फायदेमंद होता है. ज्यादातर घरों में धनिया पुदीने का इस्तेमाल रोजाना किया जाता है. लेकिन अगर आपको खून साफ करना है तो आप धनिया और पुदीने की पत्तियों की चाय बनाकर पिएं. इसके लिए आप किसी बर्तन में 1 ग्लास पानी लें उसमें थोड़ी सी पुदीने की पत्तियां और धनिया की पत्तियां अच्छी तरह धोकर कर डाल दें. अब इसे 10 मिनट तक उबालने दें. बाद में पानी को छानकर गुनगुना चाए के जैसा पिएं. अगर आप धनिया पुदीने की चाय सुबह सुबह पीते हैं तो इसका फायदा सबसे ज्यादा होगा.

ताजे फलों को अपने आहार में शामिल करें

यदि आप अपना खून साफ करना चाहते हैं तो ताजे फलों को अपने आहार में शामिल करें। लेकिन इस बात का ध्‍यान रखें की अधिकांश फलों को उनके छिलके के साथ ही सेवन किया जाना चाहिए। सेब, अमरूद, आलूबुखारा और नाशपाती जैसे फलों के छिलकों में पेक्टिन फाइबर होता है जो खून को साफ करने में मदद करता है। आपके रक्‍त और यकृत में अतिरिक्‍त वसा के साथ ही पेक्टिन भारी धातुओं और अन्‍य हानिकारक रसायनों को दूर करने में सहायक होता है। इसके अलावा लाल फलों में ग्‍लूटाथियोन होता है जो कि शरीर के लिए फायदेमंद माना जाता है।

तुलसी के पत्तों की चाय

तुलसी की पत्तियां नैचुरल डिटॉक्स का काम करती हैं. इसके अलावा तुलसी के पत्तों में एंटीबैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण भी होते हैं. अगर आप रोजाना तुलसी की 8-10 पत्तियों को चबाकर खाते हैं तो इससे आपके खून में मौजूद गंदगी साफ हो जाती है. इसके अलावा आप सुबह शाम जब भी चाय पिएं उसमें तुलसी के पत्ते जरूर डालें. ऐसी चाय आपको रोगों से दूर रखेगी. अगर आपको खून साफ करने के लिए तुलसी की चाय बनानी है तो आप एक ग्लास पानी में 10-15 तुलसी की पत्तियां डालकर करीब 10 मिनट तक पकाएं. अब इस पानी को छानकर चाय की तरह पिएं. इसमें किसी भी तरह की शुगर का इस्तेमाल न करें तो ज्यादा फायदेमंद होगा.

खाने में नींबू का इस्तेमाल करें

नींबू विटामिन सी का अच्छा श्रोत माना जाता है. नींबू में मौजूद एसिडिक गुण आपके खून की गंदगी को भी साफ करते हैं. इसके अलावा भी नींबू में कई प्राकृतिक और औषधीय गुण पाए जाते हैं. अगर आप रोज एक ग्लास नींबू पानी पीते हैं तो इससे आपका खून साफ होता है. खून में मौजूद खराब टॉक्सिन्स टायलेट के जरिए बाहर निकल जाते हैं. इसलिए रोज सुबह उठकर खाली पेट एक ग्लास गुनगुने पानी में आधा नींबू का रस घोलकर पिएं. इससे आपका खून तो साफ होगा ही साथ ही आपको विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में मिल जाएगी. रोज सुबह खाली पेट नींबू पानी पीने से आपका वजन भी कम हो जाएगा.

अदरक और गुड़ वाली चाय पिएं

गुड़ और अदरक के कई फायदे हैं. गुड़ पेट साफ करने के अलावा खून भी साफ करता है. गांवों में गुड़ और पानी पीने का चलन होता है. इसके अलावा रात को खाना खाने के बाद गुड़ खाने से भोजन अच्छी तरह पचता है. गुड़ शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकाल देता है. खून साफ करने के लिए आपको गुड़ और अदरक की चाय पीनी चाहिए. इसके लिए 1 बड़े कप पानी में थोड़ी सी अदरक घिसकर या कूचकर डालें और एक छोटा टुकड़ा गुड़ का डालें. इसे 5-6 मिनट पकाएं और फिर छानकर पी लें. ये सर्दी जुकाम में भी बहुत फायेदमंद है. कोशिश करें अगर कहीं से देसी गुड़ मिल जाए नहीं तो बाजार में मिलने वाले गुड़ का ही इस्तेमाल करें.

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11.8.21

खीरा ककड़ी खाने के फायदे:kheera ke fayde




 सलाद के तौर पर अक्सर इस्तेमाल होने वाला खीरा सभी को पसंद होता है। खीरे से हमारे शरीर को कई जरूरी न्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स मिलते हैं। खीरे में पानी की मात्रा काफी अधिक होती है, इसलिए अक्सर गर्मियों में कई शहरों में सड़क किनारे खूब खीरे बिकते हैं। इसी सीज़न खीरे का रायता, खीरे की सब्जी, खीरे का सलाद या फिर ऐसे ही खीरा काटकर खूब खाया जाता है। क्योंकि खीरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और प्लांट कंपाउंड कई बीमारियों से बचा सकते हैं।

 खीरा वजन घटाने, इम्यूनिटी को बढ़ाने और त्वचा को निखारने के साथ-साथ आंखों को ठंडक देने का काम करता है. खीरे में पानी का अच्छा स्रोत पाया जाता है. जो पानी की कमी को पूरा करने का काम करता है. दिखने में ये भले ही छोटा है, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभ बड़े हैं. खीरे में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी, विटामिन के, पोटैशियम, मैग्नीशियम और मैग्नीज के तत्व पाए जाते हैं. जो कई बीमारियों से बचाने में हमारी मदद करते हैं.

हाइड्रेशन

खीरा शरीर के लिए पानी का एक अच्छा सोर्स माना जाता है, क्योंकि खीरे में पानी की मात्रा करीब 96 फीसदी तक होती है जो शरीर में पानी की कमी को पूरा करने का काम कर सकता है.

खीरे से मिलते हैं फायदेमंद एंटीऑक्सीडेंट्स-

एंटीऑक्सीडेंट्स कई बीमारियों के खतरे को कम करते हैं। फ्री रेडिकल्स की वजह से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस होता है जिससे दिल की बीमारियों और कैंसर का संबंध भी पाया गया है। वहीं, एंटीऑक्सीडेंट्स ऑक्सिडेशन रोकने का काम करते हैं और यह खीरे में काफी अधिक पाया जाता है। एक स्टडी के दौरान करीब 30 दिनों तक लोगों को खीरे का सप्लीमेंट दिया गया और आखिर में पाया गया कि खीरे की वजह से एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी बढ़ गई। खीरे में फ्लेवोनॉयड्स के तत्व होते हैं जो नुकसानदायक फ्री रेडिकल्स को ब्लॉक करते हैं। एंटीऑक्सीडेंट का मुख्य सोर्स
एंटीऑक्सिडेंट वो मॉलिक्यूल्स होते हैं जो कि ऑक्सीकरण को रोकते हैं, जिससे आप कई बीमारियों से बच जाते हैं। फैट युक्त भोजन के ऑक्सीकरण रोकने के लिए भोजन में एक खास तरह का पदार्थ एंटीऑक्सीडेंट मिला दिया जाना चाहिए और खीरा इसमें अहम रोल निभाता है।
 यदि ऑक्सीकरण नहीं रुकता तो ऑक्सीडेटिव तनाव को कैंसर और हृदय, फेफड़े और ऑटोइम्यून जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। लेकिन खीरे में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट से ये खतरा कम हो जाता है।
 एक स्टडी में 30 एडल्ट्स को एंटीऑक्सिडेंट पाउडर और खीरा पाउडर देकर इनकी शक्ति को मापा गया। जिसमें पाया गया कि खीरा पाउडर से एंटीऑक्सिडेंट गतिविधि में अधिक लाभ मिला।
एक अन्य टेस्ट-ट्यूब स्टडी ने खीरे के एंटीऑक्सिडेंट गुणों की जांच की और पाया कि उनमें फ्लेवोनोइड और टैनिन होते हैं, जो यौगिकों के दो समूह हैं जो विशेष रूप से हानिकारक रेडिकल्स को रोकने में प्रभावी हैं।

वजन घटाने में करता है मदद

खीरा कई तरह से आपको वजन कम करने में मदद कर सकता है। एक तो खीरे में कैलोरी काफी कम होती है। अगर आप एक पूरा खीरा (करीब 300 ग्राम का) खाते हैं तो उससे आपको 45 ग्राम कैलोरी ही मिलेगी। इसलिए आप कई खीरे आराम से खा सकते हैं और इससे वजन नहीं बढ़ेगा। वहीं, खीरे को अगर आप अन्य हाई कैलोरी वाले फूड की जगह सलाद या सैंडविच में इस्तेमाल करते हैं तब भी यह वजन कम करने में मदद करेगा। खीरे में मौजूद पानी की अधिक मात्रा भी वजन कम करने में योगदान देता है। करीब 3600 लोगों पर की गई एक स्टडी में देखा गया था कि हाई वॉटर और लो कैलोरी वाले फूड से लोगों को वजन करने में साफ तौर से मदद मिली।
खीरे को आमतौर पर वजन कम करने के लिए जाना जाता है। ये कुछ अलग तरीके से भी वजन कम करने में मददगार साबित हो सकता है।
पहला तो ये कि खीरा कैलोरी में काफी कम है।
एक कप (104 Gm) खीरे में केवल 16 कैलोरी होती है, जबकि (300 Gm) की एक ककड़ी में 45 कैलोरी होती है। इसका मतलब है कि आप बिना एक्स्ट्रा कैलोरी लिए हुए खीरे का खूब सेवन कर सकते हैं, जिससे वजन नहीं बढ़ता है।
इसके अलावा, खीरे में मौजूद हाई वॉटर कंटेंट भी वजन घटाने में मदद कर सकता है। 3,628 लोगों पर हुई 13 स्टडीज के एक एनालेसिस में पाया गया कि काफी मात्रा में पानी और कम कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ शरीर के वजन को कम करने में मदद करते हैं।

इम्यूनिटी:

खीरे में विटामिन सी, बीटा कैरोटीन और एंटी ऑक्सीडेंट्स के गुण मौजूद होने से इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करता है. खीरे का सेवन करना हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है.

स्किन के लिए है फायदेमंद

आपने कई जगह देखा होगा कि महिलाएं या पुरुष खीरे के टुकड़े को आंख के ऊपर रखते हैं या फिर स्किन के ऊपर उसका रस लगाते हैं।
दरअसल खीरे में पौटेशियम, मैगनीशियम और सिलिकॉन अत्यधिक मात्रा में होता है जो कि चमचमाती हुई स्किन के लिए काफी फायदेमंद है और त्वचा इससे चमकदार बनती है। खीरे की स्लाइस को काटकर आंख के ऊपर रखने से काले धब्बे भी कम होते हैं।

हड्डियों के लिए 

खीरे में विटामिन K पाया जाता है। विटामिन K ब्लड क्लॉटिंग में मदद करता है और हड्डियों के लिए भी अच्छा होता है। विटामिन K बॉडी को कैल्शियम अब्जॉर्प्शन में मदद करता है। 142 ग्राम खीरे में 10 ग्राम विटामिन K पाया जाता है। वयस्क महिलाओं को रोज 90 ग्राम और पुरुषों को 120 ग्राम विटामिन K रिकमेंड किया जाता है। वहीं खीरे में कुछ मात्रा कैल्शियम की भी होती है।
माना जाता है कि खीरे का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं. क्योंकि खीरे के छिलके में काफी मात्रा में सिलिका पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम कर सकता है.



















खीरे में पानी की मात्रा की अधिकता के कारण यह शरीर से विषैले पदार्थ को बाहर निकाल देता है और और इसमें मौजूद सॉल्युबल फाइबर पेट को साफ कर देता है। इससे पेट संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है और खाना पचने में भी काफी मदद मिलती है।
साथ ही साथ इसमें इरेप्सिन नाम का एन्जाइम होता है जो कि पेट के लिए अच्छा होता है। इसे खाने से पेट संबंधित बीमारियां नहीं होतीं। जैसे- कब्ज, बदहजमी, अल्सर आदि।
ये बात तो आप जानते ही होंगे कि पेट से ही आपकी ओवरऑल हेल्थ सही रहती है।

खीरा ब्लड शुगर लेवल को कम करने में

कई स्टडीज से ये सामने आया है कि खीरा ब्लड शुगर लेवल को कम करने में और डायबिटीज की कॉम्प्लीकेशन्स को कम करने में मदद करता है।
दरअसल इसके रस में ऐसे तत्व होते हैं जो पैनक्रियाज को सक्रिय करते हैं और पैनक्रियाज सक्रिय होने पर शरीर में इंसुलिन बनती है। जिसके बाद इंसुलिन डायबिटीज से लड़ने में मदद करती है।
साथ ही साथ इसमें फाइबर, पोटैशियम और मैगनीशियम होता है जो ब्लड प्रेशर को सही रखता है।
एक रिसर्च ने ब्लड शुगर पर विभिन्न पौधों के प्रभावों की जांच की और पाया कि खीरा ब्लड शुगर को काफी हद तक कम कर सकता है।
इसके अलावा, एक टेस्ट-ट्यूब स्टडी में पाया गया कि खीरा ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने और डायबिटीज से संबंधित बीमारियों को रोकने में मदद कर सकता है।
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2.8.21

देसी गाय के घी के स्वास्थ्य लाभ:gaay ka ghee






देसी गाय के घी को रसायन कहा गया है जो जवानी को कायम रखते हुए बुढ़ापे को दूर रखता है। गाय का घी खाने से बूढ़ा व्यक्ति भी जवान जैसा हो जाता है। गाय के घी में स्वर्ण छार पाए जाते हैं जिसमें अदभुत औषधीय गुण होते हैं जो गाय के घी के इलावा अन्य घी में नहीं मिलते।गाय के घी से बेहतर कोई दूसरी चीज नहीं है। गाय के घी में वैक्सीन एसिड, ब्यूट्रिक एसिड, बीटा-कैरोटिन जैसे माइक्रोन्यूट्रींस मौजूद होते हैं जिस के सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है।

बहुत से लोग ऐसे है जो वजन बढ़ने के डर से घी का सेवन नहीं करते। लेकिन अगर गाय के घी का सेवन नियमित रूप से किया जाये तो वजन तो नियंत्रित रहता ही है, साथ ही हर प्रकार की बीमारी से भी बचे रहते हैं। जी हां, देशी घी का मतलब है गाय के दूध से बना शुद्ध घी, जो कि एक प्रकार की दवा भी माना जाता है। जिस प्रकार गाय के दूध में खूब सारी एनर्जी होती है उसी प्रकार देशी घी खाने वाले भी एनर्जी से भरपूर होते हैं। आयुर्वेद में तो गाय के घी को अमृत समान बताया गया है। गाय का घी खाने वाले व्‍यक्ति के चेहरे पर एक अल्‍ग प्रकार की चमक, शरीर में जान और तेज बुद्धि होती है। गाय का घी स्‍वादिष्‍ट और सुगन्‍धित होता है।

कोलेस्ट्रॉल कम करें

घी पर हुए शोध के अनुसार, इससे रक्त और आंतों में मौजूद कोलेस्ट्रॉल कम होता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि घी से बाइलरी लिपिड का स्राव बढ़ जाता है। देशी घी शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को सही रखता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए अगर आप कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या से परेशान है, तो अपने आहार में गाय के घी को शामिल करें।

दिल के लिए फायदेमंद

अब तक तो यही समझा जाता था कि देशी घी ही रोगों की सबसे बड़ी जड़ है? लेकिन यह सच नहीं है क्‍योंकि गाय का घी दिल समेत कई बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है। दिल की नलियों में ब्लॉकेज होने पर गाय का घी एक ल्यूब्रिकेंट की तरह काम करता है। जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने की मनाही है, वह गाय का घी खाएं, इससे दिल मजबूत होता है।

आँखों के विकारो को दूर करता है

इसके नियमत सेवन करने से नेत्रों से कम दिखना, आँखों के आगे धुंधलापन होना,अँधेरा छा जाना, सर में दर्द रहना, आँखों की कमजोरी एवं समस्त आँखों के विकारो को दूर करता है। इसको एक चम्मच गाय के घी और आधा चम्मच शहद के साथ सुबह -शाम सेवन करना चाहिए। ऊपर से गाय का दूध ले, मात्रा 125 से 250 मिलीग्राम।

मेटाबॉल्जिम को सही रखें

देशी घी शरीर में जमा फैट को गला कर विटामिन में बदलने का काम करता है। इसमें चेन फैट एसिड कम मात्रा में होता है, जिससे आपका खाना जल्दी डाइजेस्ट होता है और मेटाबॉल्जिम सही रहता है। इसके अलावा खाने में देशी घी मिलाकर खाने से खाना जल्दी डाइजेस्ट होता है। यह मेटाबॉल्जिम प्रक्रिया को बढाता है।

पाचन शक्ति बढ़ाये

घी का स्मोकिंग पॉइंट दूसरे फैट की तुलना में बहुत अधिक है। यही कारण है कि पकाते समय आसानी से नहीं जलता। घी में स्थिर सेचुरेटेड बॉण्ड्स बहुत अधिक होते हैं, जिससे फ्री रेडिकल्स निकलने की आशंका बहुत कम होती है। घी की छोटी फैटी एसिड की चेन को शरीर बहुत जल्दी पचा लेता है। जिससे आपकी पाचन शक्ति अच्‍छी रहती है।

वजन को निय‍ंत्रित रखें

देशी घी में सीएलए होता है जो मेटाबॉल्जिम को सही रखता है। इससे वजन कंट्रोल में रहता है। सीएलए इंसुलिन की मात्रा को कम रखता है, जिससे वजन बढ़ने और शुगर जैसी दिक्कतें होने का खतरा कम रहता है। इसके अलावा यह हाइड्रोजनीकरण से नहीं बनाया जाता है, इसलिए देशी घी खाने से शरीर में एक्स्ट्रा फैट बनने का सवाल ही नहीं पैदा होता।

कैंसर से लड़े

देसी घी में सूक्ष्म जीवाणु, एंटी-कैंसर और एंटी-वायरल जैसे तत्‍व मौजूद होते हैं जो कई बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं। गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है। गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।

माइग्रेन की समस्‍या से बचाये

माइग्रेन में आमतौर पर सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है और सिरदर्द के वक्त मितली या उलटी भी आ सकती है। इस समस्‍या से बचने के लिए गाय का घी आपकी मदद कर सकता है। दो बूंद गाय का देसी घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है। साथ ही गाय के घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म होती है, नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है।

त्‍वचा में निखार लाये

गाय के घी में बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो फ्री रेडिकल्स से लड़ता है और चेहरे की चमक बरकरार रखता है। साथ ही यह त्‍वचा को मुलायम और नमी प्रदान करता है और त्‍वचा को नॉरिश करने के साथ-साथ ड्रायनेस को भी कम करता है और त्वचा की कांति बढ़ाता है। आप देशी घी से रोज चेहरे की मसाज कर सकते हैं।

खाली पेट घी खाने के लाभ-

.* खाली पेट घी का सेवन करने से आपके शरीर की कोशिकाएं मजबूत होती हैं. ये शरीर के अन्दर की मृत कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने का काम भी करता हैं. इसकी इसी खूबी के चलते आपकी स्किन में एक नया निखार आ जाता हैं. इसके सेवन से चेहरे की नमी बनी रहती हैं और स्किन में एक तरह की चमक आ जाती हैं.

जोड़ो के दर्द की समस्यां 

*सुबह खाली पेट घी पीने से जोड़ो के दर्द की समस्यां नहीं होती हैं. साथ ही ये गठिया जैसी बिमारी से भी छुटकारा दिलाने में मदद करता हैं. घी एक नेचरल ल्युबिकेंट की तरह कार्य करता हैं जो आर्थिसिस की बिमारी नहीं होने देता हैं. साथ ही इसमें उपस्थित ओमेगा फैट 3 एसिड भी होता हैं जो जोड़ो के दर्द होने की समस्यां से निजात दिलाता हैं. इन सब के अतिरिक्त घी हड्डियों को मजबूत करने का काम भी करता हैं.

*मेमोरी पॉवर

घी का सेवन स्टूडेंट्स के लिए काफी फायदेमंद होता हैं. दरअसल सुबह खाली पेट इसे लेने से आपके दिमाग की कोशिकाएं खुल जाती हैं. इस तरह आपका दिमाग तेज़ी से कार्य करता हैं और साथ ही आपकी मेमोरी पॉवर भी काफी बढ़ जाती हैं.
*घी के सेवन से अल्जाइमर की बिमारी नहीं होती हैं.

वजन को घटाने में 

कई लोगो में ये गलतफेहमी होती हैं कि घी के सेवन से उनका वजन बढ़ जाएगा. लेकिन सच तो ये हैं कि यदि आप रोज सुबह खाली पेट 5 से 10 एमएल घी का सेवन करेंगे तो आपके शरीर का मेटाबोलीक रेट बढ़ेगा और आपका वजन कम होगा. इस तरह घी आपके वजन को घटाने में भी आपकी मदद कर सकता हैं
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21.7.21

पाचन तंत्र को मजबूत रखने के उपाय:digestive system




अगर आपका पाचन तंत्र अच्छा नहीं होगा तो आपकी सेहत कभी अच्छी नहीं रहेगी और आपको हमेशा किसी ना किसी स्वास्थ बीमारी से जूझना पड़ेगा. ऐसे में आपको हमेशा अपने पाचन तंत्रा का खास ख्याल रखना चाहि ताकि गंभीर बीमारियां आपसे कोसो दू रहें. पाचन को इंप्रूव करने के उपाय कई सारे हो सकते हैं, खासकर आप घर पर मिलने वाली चीजों की मदद से ही आप अपने पाचन का बेहतर बना सकते हैं

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आंतों को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है. इसलिए आपको अपने खाने-पीने में ऐसे आहार को शामिल करना चाहिए जिससे आपकी आंत स्वस्थ रहें. जानिए आंतों स्वास्थ्य रखने के 3 आसान तरीके
आंत हमारे पाचन तंत्र का महत्वपूर्ण अंग हैं. छोटी आंत और बड़ी आंत दोनों ही हमारी पाचन क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. आंत का काम हमारे खाने से स्वस्थ और पौष्टिक चीजों को पचाने का है. बाकी खराब पदार्थ को शरीर से बाहर निकालने का काम भी आंत करती हैं. आंत हमारे पूरे शरीर को पोषक तत्व पहुंचाती है. लेकिन आपकी आंत सही तरीके से काम करें इसके लिए जरूरी है कि आप आंत के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें. अगर आंत में कोई समस्या पैदा होती है तो इससे हमारा पाचन तंत्र सबसे पहले प्रभावित होता है. पाचन तंत्र कमजोर होने के कारण हमारी इम्युनिटी कमजोर होती है और इंफेक्शन या किसी दूसरी तरह की समस्याएं शरीर को घेर लेती हैं.
एक स्वस्थ आंत, आपको स्वस्थ पाचन तंत्र और आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया और प्रतिरक्षा कोशिकाओं को बढ़ाने का काम करती है. आंत आपको कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस संक्रमण से भी बचाती है. इसके अलावा आंत का संबंध दिमाग से भी जुड़ा है. इसमें कुछ रसायन और न्यूरोट्रांसमीटर आपकी भावनाओं को कंट्रोल करते हैं. ऐसे में आप जो खाते हैं उससे पता चलता है कि आप कैसा महसूस कर रहे हैं. और उसी हिसाब से आप व्यवहार करते हैं. इसीलिए आपको ऐसा खाना खाना चाहिए जिसे खाकर आप और आपकी आंत दोनों खुश हो जाएं. तो आज हम आपको आंत को स्वस्थ रखने के कुछ आसान तरीके बता रहे हैं.
ऐसे बढ़ाएं पाचन शक्ति...
इलायची खाएं- इलायची का सेवन एक गर्भवती महिला के लिए बहुत लाभकारी होता है। ...
अदरक खाएं – अदरक हमारे शरीर में भोजन पचाने वाले पाचक रस और एंजाइम बनाता रहता है। ...
निम्बू लें – नींबू हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है. ...
सलाद खाएं- खाने में अगर सलाद हो तो खाने का मजा दोगुना बढ़ जाता है.
विटामिन-सी
अपनी डाइट में विटामिन सी से भरपूर चीजों को शामिल करें. विटामिन डी पाचन को बेहतर बनाने काफी लाभकारी होता है. विटामिन-सी से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन से पाचन शक्ति मजबूती मिल सकती है. इसलिए अपने आहार में विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे- ब्रोकली, संतरा, कीवी और स्ट्राबेरी आदि को शामिल करें. यह आपके इम्यून सिस्टम के लिए फायदेमंद माना जाता है.

 ज्यादा खाने से बचें

कभी भी पेट को पूरा न भरें. छोटा भाजन बार-बार खाएं. अपने पेट को 80 प्रतिशत तक ही भरें. ज्यादा खाना आपके पाचन तंत्र को खराब कर सकता है. कई लोग पेट नहीं मन भरकर खाते हैं. इससे खाना पचाने में दिक्कत हो सकती है, साथ ही पेट संबंधित कई तरह की परेशानियां भी हो सकती हैं. इसलिए थोड़ा-थोड़ा करके खाएं और ऐसे आहार का सेवन करें, जो पचने में आसान हों.
 
हमेशा चबाकर खाएं

खाने को चबाकर खाने से पाचन बेहतर होता है. अक्सर लोगों की आदत होती है कि वह जल्दी-जल्दी खाने के चक्कर में भोजन को अच्छी तरह चबाते ही नहीं हैं, इससे खाना आसानी से पचता नहीं है. इसलिए बेहतर है कि खाने को चबा-चबाकर खाएं. इससे पाचन शक्ति मजबूत होती है और पेट की समस्याओं से भी आराम मिल सकता है. इसलिए जब खाएं इस बात का ध्यान रखें कि आप चबाकर खा रहे हैं

आंतों को स्वस्थ रखने वाला खाना खाएं

अगर आपको अपनी आंतों को सुरक्षित रखना है तो आपको अपने खानपान में बदलाव करने होंगे. आतों स्वस्थ रखने और बीमारियों से लड़ने में मदद करने वाले कुछ खाद्य पदार्थ हैं, जो आपके स्वास्थ्य भी रखते हैं और आंतों के लिए भी फायदेमंद हैं. सबसे पहले आपको अपने खाने में कच्ची, उबली और पकी सब्जियों को शामिल करना चाहिए. कुछ फलों, नट्स, स्प्राउट्स और प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स से भरपूर खाना खाएं. बता दें कि प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स से भरपूर भोजन आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं. इसके अलावा आप खाने में कलरफुल फल-सब्जियों को शामिल करें. प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स वाला खाना जैसे दही, फर्मेन्टेड डेयरी फूड, बकरी का दूध और फर्मेन्टड केफिर, माइक्रोएलगी, मिसो सूप, सौरक्राउट, या अचार खाने में जरूर खाएं. ये खाना आपकी आंतो के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है.


खाने में प्रोटीन जरूर शामिल करें

आंतों को स्वस्थ रखने की बात हो तो आपको खाने में प्रोटीन का सेवन जरूर करना चाहिए. प्रोटीन बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. आप दिन की दो मील में प्रोटीन जैसे पनीर, दालें, साबुत अनाज या अंडा जरूर शामिल करें. इसके अलावा आप डाइट में फल-सब्जियों को भी शामिल करें. प्रोटीन आपके पेट को स्वस्थ रखता है. इसके अलावा प्रोटीन वजन घटाने में भी हेल्पफुल होता है.

अपनी दिनचर्या का पालन करें

अगर आपकी दिनचर्या सही है तो आधी बामारियां आपसे दूर भाग जाएंगी. जी हां अगर आपको अपनी आंतों का भी विशेष ख्याल रखना है तो एक सही दिनचर्या को फॉलो करें. इसके आपकी आंतों का स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा. आपको अपने जगने, व्यायाम करने, खाने और सोने का समय निर्धारित करना होगा. अगर आप उस रूटीन को फॉलो करते हैं तो आप स्वस्थ रह सकते हैं. इसके अलावा बाहर के खाने, ज्यादा मीठा खाने या फिर फ्राइड फूड्स से बचें. अपने खाने में डेयरी प्रॉडक्ट को ज्यादा से ज्यादा शामिल करें. इससे आप भी स्वस्थ्य रहेंगे और आपकी आंतों स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा

गुनगुना पानी पिएं

ठंडा पानी आपके पाचन तंत्र को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है. पानी शरीर के लिए सबसे जरूरी चीजों में से एक है. शरीर का हाइड्रेट रहना सबसे ज्यादा जरूरी है. पानी शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है. ठंडा पानी पीने से कई ज्यादा बेहतर है कि आप गुनगुना पानी पिएं. इससे पाचन शक्ति मजबूत करने में काफी मदद मिल सकती है. आप नींबू पानी का सेवन भी कर सकते हैं. रोजाना सुबह इस ड्रिंक का पानी पीकर भी पाचन तंत्र को मजबूत किया जा सकता है.

चेतावनी के संकेत

पेट एवं आंत के रोगों और कैंसर के लक्षणों में शामिल है: खाना निगलने में कठिनाई, पेट में हमेशा दर्द रहना, बार-बार उल्टी होना एवं जी मिचलाना, अपने आप वजन घटना, भूख न लगना, उल्टी में रक्त, मल में रक्त, आंत्र की आदतों में बदलाव (लगातार दस्त या कब्ज रहना), लगातार पेट की परेशानी, पेट साफ़ ना होना, कमजोरी या थकान महसूस करना, लगातार अपच रहना, सीने में काफी जलन होना, पीलिया, खुजली, मधुमेह की शुरुआत, 

पेट में गांठ और आवाज में बदलाव

यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण है, तो कैंसर होने की संभावना इस पर निर्भर करती है कि आपमें कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कितने कारण मौजूद हैं। जितने ज़्यादा कारण उतनी ही ज़्यादा संभावना। वैसे तो कैंसर के खतरे को बढ़ाने वाले कारण सभी कैंसर के लिए भिन्न होते हैं, लेकिन आम तौर पर इसमें बढ़ती उम्र, पेट और आंत के कैंसर का पारिवारिक इतिहास, धूम्रपान और शराब का सेवन, आहार में फलों और सब्जियों की कमी और मोटापा शामिल है।

क्या करें?

एक हल्के पेट की परेशानी या गैस्ट्रिक परेशानी की अनदेखी करने में संभवतः बहुत नुकसान नहीं है। लेकिन, आपको चिंतित होना चाहिए, अगर इनमें से कोई भी लक्षण नियमित रूप से होता है। इसके अलावा, आपकी शिकायत अगर कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है और तो तुरंत अपने चिकित्सक या एक विश्वसनीय जीआई सर्जन से परामर्श करें। अगर सही समय पर जांच की जाये तो इन कैंसर का पता ऐसी स्टेज में चल सकेगा जहां वे अभी भी ठीक हो सकते हैं।

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20.7.21

बेसन की रोटी के फायदे:Besan ki roti




बेसन भारत में प्रमुख खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है। चना दाल के पिसे आटे को बेसन कहते हैं। लेकिन क्‍या आप बेसन खाने के फायदे और नुकसान जानते हैं। बेसन को ग्राम फ्लौर या छोले का आटा  भी कहा जाता है। बेसन ऐसा खाद्य पदार्थ है जो आमतौर सभी रसोई घरों में उपलब्‍ध होता है। बेसन का उपयोग हम       विभिन्‍न प्रकार के स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजनों को बनाने के लिए करते हैं। बेसन खाने के फायदे जानकर आप हैरान हो जाएगें। बेसन खाने के फायदे मधुमेह का इलाज करने, मोटापा कम करने, हृदय को स्‍वस्‍थ रखने, हड्डियों को मजबूत करने, एनीमिया का उपचार करने और कोलेरेक्‍टल कैंसर जैसी गंभीर समस्‍याओं को दूर करने में होते हैं।

बेसन की रोटी सेहत के लिए फायदेमंद होती है, यह बात हम सभी जानते हैं. बेसन की रोटी के फायदे के तौर पर यह देखा जाता है कि इसमें कितने पोषक तत्व पाये जाते हैं. बेसन की रोटी फॉर वेट लॉस सबसे अधिक सर्च किया जाता है. इसका मुख्य कारण यह है कि बेसन की रोटी में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. प्रोटीन और फाइबर युक्त फूड वेट लॉस के लिए सबसे ज्यादा कारगर होते हैं. बेसन की रोटी डायबिटीज रोगियों के लिए भी फायदेमंद होती है. आइए जानते हैं बेसन की रोटी के फायदे के बारे में..

बेसन की रोटी के फायदे

हेल्द के हिसाब से देखा जाए तो बेसन की रोटी के फायदे अनेक हैं. डायबिटीज में ब्लड शुगर कंट्रोल करने में बेसन की रोटी फायदे मंद होती है. शरीर में अगर आयरन की कमी से ब्लड सेल्स कम हैं तो बेसन की रोटी के फायदे मिलते हैं. इसके अलाव बेसन की रोटी वेट लॉस में काफी मददगार होती है. आइए जानते हैं अन्य फायदों के बारे में.

वजन कम करने के लिए 

डाइट में बेसन की रोटी शामिल करना लाभ देने वाला होता है. जब बेसन की रोटी फॉर वेट लॉस के लिए उपयोग की जाती है, तो इसमें प्रोटीन और फाइबर की मात्रा के कारण ऐसा किया जाता है. डाइट एक्पर्ट्स की मानें तो इसमें प्रोटीन और फाइबर की मात्रा के साथ बहुत कम कैलोरी होती है जो वजन कम करने में मदद करती है.जो लोग अपना वजन कम करने का प्रयास कर रहे हैं उन्‍हें अपने आहार में बेसन को शामिल करना चाहिए। क्‍योंकि बेसन खाने के लाभ वजन कम करने में प्रभावी पाए गए हैं। चूंकि बेसन में ग्‍लाइसेमिक इंडेक्‍स कम होता है इसलिए इसमें कैलौरी की मात्रा भी कम होती है। यही कारण है कि बहुत से फिटनेस सलाहकार बेसन को प्रमुख आहार के रूप में खाने की सलाह देते हैं। भारत में बेसन का उपयोग सत्‍तू के रूप में भी किया जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी कम होती है जो प्रोटीन से भरपूर होता है। इसके अलावा बेसन में फाइबर भी अच्‍छी मात्रा में होता है जो अधिक वजन को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इस तरह से बेसन के फायदे वजन कम करने के लिए भी जाने जाते हैं।

डायबिटीज में बेसन की रोटी के फायदे

मधुमेह के रोगियों के लिए बेसन की रोटी फायदेमंद होती है. बेसन की रोटी में ग्‍लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, जो ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मददगार होता है. मधुमेह के रोगी अन्य रोटियों का सेवन बहुत ज्यादा नहीं कर सकते हैं. डायबिटीज रोगियों के लिए बेसन की रोटी के फायदे अनेक हैं.हम अपने आहार में बेसन का कई प्रकार से उपयोग कर सकते हैं। बेसन खाने के फायदे रक्‍त शर्करा के स्‍तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। बेसन को बहुत ही कम ग्‍लाइसेमिक स्‍तर के लिए जाना जाता है जो उच्‍च मधुमेह वाले लोगों के लिए फायदेमंद होता है। ऐसा माना जाता है बेसन की रोटी खाने के फायदे मधुमेह रोगी के लिए बहुत अधिक होते हैं। आप बेसन के पराठे भी खा सकते हैं। आप बेसन के कुछ आटे को भून सकते हैं और इसमें मसालों के साथ फ्राई करके उपभोग कर सकते हैं। यह आपके शरीर में रक्‍त शर्करा के स्‍तर को कम करने का सबसे अच्‍छा और पौष्टिक तरीका हो सकता है।

बैड कोलेस्टॉल को कम करने में बेसन की रोटी के फायदे

शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की अधिक होने की वजह से हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है. बैड कोलेस्ट्रॉल की वजह से दिल की बीमारी होने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है. बेसन की रोटी के फायदे में यह भी एक बहुत बढ़ा फायदा है.

बेसन खाने के फायदे बेहतर नींद के लिए

क्‍या आप अनिद्रा या नींद की समस्‍या से परेशान हैं। यदि ऐसा है तो बेसन को अपने आहार में शामिल कर लाभ प्राप्‍त किया जा सकता है। अच्‍छी नींद को बढ़ावा देने में बेसन महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है। बेसन के फायदे इसमें मौजूद 3 प्रमुख घटकों के कारण होते हैं। ये घटक हैं अमीनो एसिड, ट्रिप्टोफैन और सेरोटोनिन। ट्रिप्टोफैन आपके मस्तिष्‍क को शांत करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा सेरोटोनिन नींद को उत्‍तेजित करने में सहायक होते हैं। इसलिए ही बेसन खाने के फायदे आपकी नींद को बेहतर बनाने और आपके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं।

बेसन की रोटी बेनिफिट्स फॉर हार्ट

आप अपने दिल को स्‍वस्‍थ रखने के लिए बेसन का उपयोग कर सकते हैं। बेसन में घुलनशील फाइबर होता है जो आपके हृदय स्‍वास्‍थ्‍य को लंबे समय तक बनाए रखता है। इसलिए कहा जाता है कि बेसन की रोटी बेनिफिट्स फॉर हार्ट। बेसन में ऐसे बहुत से घटक होते हैं तो रक्‍त वाहिकाओं को आराम दिलाने के साथ ही आपके हृदय की कार्य क्षमता को बढ़ाने में सहायक होते हैं। बहुत से हार्ट सर्जन रोगी को बेसन का सेवन करने की सलाह भी देते हैं। हृदय रोगियों के लिए बेसन खाने के फायदे उनके जीवन को बढ़ाने में सहायक होते हैं।

बेसन की रोटी के फायदे खून बढ़ाने के लिए

चने के आटे या बेसन की रोटी के फायदे एनीमिया के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। बेसन शरीर की थकान, अधिक वजन और लोहे की कमी जैसी समस्‍याओं का प्रभावी ढंग से इलाज कर सकता है। जानकारों के अनुसार नियमित रूप से बेसन की अनुशंसित मात्रा का सेवन करने से एनीमिया या खून की कमी जैसे लक्षणों को दूर किया जा सकता है। बेसन थियामिन का अच्‍छा स्रोत होता है जिसके कारण यह आपको पर्याप्‍त मात्रा में ऊर्जा दिलाने में सक्षम है।

बेसन के गुण कमजोरी दूर करे

चने को पीसकर बेसन प्राप्‍त किया जाता है जिसमें आयरन की अच्‍छी मात्रा होती है। इस तरह से बेसन का नियमित सेवन कर शरीर में आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा बेसन में फोलेट भी होता है जो शारीरिक कमजोरी  को दूर करने में प्रभावी होता है। यदि आप भी अपने शरीर को कमजोर महसूस कर रहे हैं तो अपने नियमित आहार में शामिल कर बेसन के फायदे प्राप्‍त कर सकते हैं।

बेसन का उपयोग स्‍वस्‍थ गर्भावस्‍था के लिए

उन महिलाओं के लिए भी बेसन के फायदे होते हैं जो गर्भवती हैं। क्‍योंकि बेसन में फोलेट और आयरन दोनों की उच्‍च मात्रा होती है जो गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत ही आवश्‍यक हैं। गर्भावस्‍था के दौरान बेसन का सेवन करने से यह महिलाओं की कमजोरी को भी दूर करने में सहायक होता है। इसके अलावा इसमें मौजूद फोलेट बच्‍चे के तंत्रिका विकास में सहायक होता है। बेसन में कैल्शियम भी होता है जो गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं की हड्डियों को मजबूत रखने का अच्‍छा विकल्‍प है। इस तरह से गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं के लिए बेसन खाने के फायदे होते हैं।

बेसन के फायदे स्‍तन कैंसर से बचाये

स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाने के लिए बेसन में विभिन्‍न प्रकार के औषधीय गुण होते हैं। इन्‍हीं गुणों में कैंसर रोधी गुण भी शामिल है। इसलिए बेसन के फायदे स्‍तन कैंसर जैसी गंभीर समस्‍या के लक्षणों को कम करने में सहायक होते हैं। हालांकि बेसन में कैंसर रोधी गुण आंशिक रूप से होते हैं। बेसन में सैपोनिन्‍स नामक फाइटोकेमिल होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में सहायक होते हैं। इसके अलावा यह ट्यूमर के विकास की संभावना को भी कम करते हैं। नियमित रूप से महिलाओं द्वारा बेसन का सेवन करने से यह ऑस्टियोपोरोसिस से रक्षा करता है। रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में स्‍तन कैंसर को रोकने वाले हार्मोन को उत्‍तेजित करने में भी बेसन के पोषक तत्‍व अहम भूमिका निभाते हैं।

रक्‍तचाप को नियंत्रित करने में सहायक

जानकारों का मानना है कि बेसन का सेवन करने के फायदे रक्‍तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि बेसन में मैग्‍नीशियम की अच्‍छी मात्रा होती है। यह आपके रक्‍तचाप को नियंत्रित करने और बहुत सी हृदय संबंधी समस्‍याओं को रोकने में प्रभावी होता है। जो लोग हृदय रोग से ग्रसित हैं उन्‍हें नियमित रूप से बेसन का सेवन करना चाहिए क्‍योंक‍ि बेसन के गुण हृदय स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देते हैं।

बेसन का इस्‍तेमाल सूजन को कम करे

एक अध्‍ययन के अनुसार बेसन में सूजन रोधी गुण होते हैं। इसलिए बेसन का इस्‍तेमाल सूजन को कम करने के लिए किया जा सकता है। बेसन में सेलेनियम, पोटेशियम, विटामिन ए और और विटामिन बी भी होते हैं। ये सभी घटक सूजन संबंधी समस्‍याओं को दूर करने में प्रभावी होते हैं। यदि आप भी सूजन संबंधी समस्‍याओं से परेशान हैं तो सबसे पहले डॉक्‍टर से संपर्क करें साथ ही विकल्‍प के रूप से बेसन का सेवन कर सकते हैं।

बेसन के नुकसान-

बेसन बहुत सी स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर कर सकता है। लेकिन विशेष परिस्थितियों और शारीरिक क्षमता के अनुसार बेसन खाने नुकसान भी हो सकते हैं। जो एलर्जी का कारण बन सकते हैं।
बहुत से लोगों को चने के बेसन या चने से बने उत्‍पादों का सेवन करने से पाचन संबंधी समस्‍याएं हो सकती हैं। जिनमें पेट की ऐंठन, दस्‍त, आंतों की गैस आदि समस्‍या हो सकती है। इसके अलावा अधिक मात्रा में बेसन का सेवन करने से दस्‍त, कब्‍ज और पेट दर्द आदि भी हो सकता है।
बहुत से लोग बेसन और च
ने के प्रति संवेदनशील होते हैं। ऐसे लोगों को बेसन का सेवन करने से बचना चाहिए।

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13.7.21

बेकिंग सोडा के फायदे और नुकसान:Baking soda ke upyog




सेहत और त्वचा के लिए कई फायदेमंद पदार्थ हमारे किचन में ही मौजूद होते हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में हम उसका लाभ नहीं उठा पाते। ऐसी ही एक सामग्री है बेकिंग सोडा। सफेद रंग-सा दिखना वाला बेकिंग सोडा चेहरे और सेहत के लिए जादुई पाउडर साबित हो सकता है। बशर्ते इसका इस्तेमाल सही तरीके और सही मात्रा में किया जाए। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम बेकिंग सोडा के फेसपैक से लेकर खाने के लिए उपयोग करने के ऐसे तरीकों के बारे बता रहे हैं, जिससे स्किन ग्लोइंग और सेहत माइंड ब्लोइंग हो जाएगी। चलिए, जानते हैं बेकिंग सोडा के फायदे और इससे जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातों के बारे में।

बेकिंग सोडा क्या है?

बेकिंग सोडा सफेद रंग का पाउडर होता है, जिसका रासायनिक नाम सोडियम बाइकार्बोनेट (NaHCO3) है। इसे अंग्रेजी और हिंदी दोनों में बेकिंग सोडा ही कहा जाता है। कई लोग बेकिंग सोडा और पाउडर को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन दोनों अलग हैं। बेकिंग सोडा हल्का दरदरा होता है, जबकि बेकिंग पाउडर मैदा जैसा मुलायम होता है। बेकिंग पाउडर को बेकिंग सोडा और एसिड को मिलाकर बनाया जाता है। कुछ लोग आटा व मैदा गूंथने के लिए खासतौर पर बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करते हैं।

1. निखरी त्वचा के लिए बेकिंग सोडा

सामग्री:

2 बड़े चम्मच संतरे का छिलका
1 बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा

उपयोग करने का तरीका:

बेकिंग सोडा और संतरे के छिलके को मिक्स करके पेस्ट बना लें।
अब साफ चेहरे पर फेस मास्क की तरह इस मिश्रण को लगाएं।
15 मिनट बाद चेहरे पर पानी की छीटें डालकर एक मिनट तक हल्के-हल्के हाथों से मसाज करें।
अब ठंडे पानी से चेहरे को धो लें और तौलिये से चेहरा साफ कर लें।
अंत में चेहरे पर मॉइस्चराइजर जरूर लगाएं।
कैसे लाभदायक है:
बेकिंग सोडा में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो चेहरे को जीवाणुओं से बचाते हैं (1)। बेकिंग सोडा के साथ इस पैक में इस्तेमाल होने वाले संतरे का छिलके में सूरज की पराबैंगनी किरणों से त्वचा को बचाने का गुण होता है (2)। इसमें एंजी-एजिंग गुण भी होते हैं, जो त्वचा के एजिंग साइन्स जैसे खोई चमक, ढीली और झुर्रिदार त्वचा को कुछ हद तक ठीक कर सकते हैं (3)। इसके अलावा, संतरे में मौजूद विटामिन-सी में डीपिगमेंटिंग प्रभाव होता है, जो मेलेनिन की मात्रा को कम करके काले दाग-धब्बों को ठीक कर सकता है (4) (5)। इसी वजह से चमकदार स्किन के लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल किया जाता है

2. एक्ने व पिंपल

सामग्री:
1 चम्मच बेकिंग सोडा
1 चम्मच पानी

उपयोग करने का तरीका:

बेकिंग सोडा और पानी को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें।
अपने हाथों व चेहरे को धो लें और तौलिये से चेहरे की नमी को साफ कर लें।
कील-मुंहासों से प्रभावित त्वचा पर बेकिंग सोडा का पेस्ट लगाएं और कुछ मिनटों तक उंगलियों की मदद से धीरे-धीरे त्वचा की मसाज करें।
मसाज के दो-तीन मिनट बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें।
अब अपने चेहरे पर मॉइस्चराइजर का उपयोग करें।
कैसे लाभदायक है:
स्किन के लिए बेकिंग सोडा का उपयोग एक्ने और पिंपल को भी दूर कर सकता है। दरअसल, बेकिंग सोडा में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं । वहीं, एक्ने भी जीवाणुओं की वजह से होते हैं । ऐसे में माना जाता है कि बेकिंग सोडा में मौजूद यह गुण मुंहासे व एक्ने को पैदा होने व पनपने से रोक सकता है। । फिलहाल, इस संबंध में और वैज्ञानिक शोध की जरूरत है।

3. सनबर्न के लिए बेकिंग सोडा

सामग्री:
एक कप बेकिंग सोडा
दो-चार कप ओट्स पाउडर
नहाने योग्य पानी
उपयोग करने का तरीका:
टब को पानी से भर दें।
अब उसमें बेकिंग सोडा और ओट्स पाउडर डाल दें।
लगभग 20 मिनट तक इस पानी में बैठें।
टब न हो तो बाल्टी में इन सामग्रियों को डालकर मग की मदद से नहा सकते हैं।
कैसे लाभदायक है:
सोडियम बाइकार्बोनेट लाभ में सनबर्न से राहत पाना भी शामिल है। माना जाता है कि बेकिंग सोडा एंटीइंफ्लेमेटरी गुण से समृद्ध होता है, जो सनबर्न से प्रभावित त्वचा को आराम पहुंचाने का काम कर सकता है (7) (8)
4. हार्ट बर्न
सामग्री:
1 गिलास साधारण पानी
एक चम्मच बेकिंग सोडा
उपयोग करने का तरीका:
पानी में बेकिंग सोडा को डालें।
अब अच्छे से इसे चम्मच की मदद से घोल लें।
फिर इसे पी लें।
कैसे लाभदायक है:
बेकिंग सोडा पीने के फायदे में हार्ट बर्न भी शामिल है। सोडियम बाइकार्बोनेट एक प्रकार का एंटासिड है, जिसका उपयोग हार्टबर्न से राहत दिला सकता है। हालांकि, बेकिंग सोडा में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए इसका इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही करनी चाहिए। वैसे इसका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर ही किया जाए, तो बेहतर होगा

5. काले होठों के लिए बेकिंग सोडा

सामग्री:
1 चम्मच शहद
नींबू के रस की कुछ बूंदें
1 चम्मच बेकिंग सोडा
उपयोग करने का तरीका:
तीनों सामग्रियों को मिलाकर पेस्ट तैयार करें।
अब इस मिश्रण को होठों पर लगाएं और लगभग 2 मिनट के लिए छोड़ दें।
अब धीरे-धीरे उंगलियों की मदद से होठों को रगड़ें।
कैसे लाभदायक है:
बेकिंग सोडा एक्सफोलिएटिंग गुण से समृद्ध होता है, जो त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने का काम कर सकता है। साथ ही शहद और नींबू दोनों में विटामिन-सी पाया जाता है । विटामिन-सी को एस्कोरबिक एसिड भी कहा जाता है, जो बतौर ब्लीचिंग एजेंट हमारी स्किन पर काम करता है । काले होठों से बचाव व प्राकृतिक रंग पाने के लिए आप इस मिश्रण को अपना सकते हैं। हालांकि, इस संबंध में अभी और शोध की जरूरत है।

6. त्वचा के अनचाहे बाल

सामग्री:
1 बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा
200 ml गर्म पानी
उपयोग करने का तरीका:
गर्म पानी में बेकिंग सोडा मिलाएं और घोल को ठंडा होने दें।
अब एक पट्टी को घोल में भिगोकर हल्का निचोड़ लें।
पट्टी को त्वचा पर लगाकर छोड़ दें।
फिर कुछ देर बाद बेकिंग पाउडर से हल्की मसाज करें।
इसके बाद त्वचा को साफ पानी से धो लें।
धोने के बाद चेहरे को तौलिये से पोंछकर मॉइस्चराइजर लगाएं।
कैसे लाभदायक है:
माना जाता है कि बेकिंग सोडा अनचाहे बालों को हटाने में मदद करता है। लोग इसका पेस्ट बनाकर अनचाहे बाल हटाने के लिए बेकिंग सोडा को उपयोग में लाते हैं। हालांकि, इसके संबंध में किसी तरह का शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन कई लोग इस नुस्खे को अपनाते हैं। बस ध्यान दें कि संवेदनशील त्वचा पर बेकिंग सोडा जलन पैदा कर सकता है, इसलिए उपयोग से पहले पैच टेस्ट जरूर कर लें।

7. दांतों को सफेद करने के लिए

सामग्री:
आधा चम्मच बेकिंग सोडा
पानी की कुछ बूंदें
उपयोग करने का तरीका:
पानी की कुछ बूंदों के साथ बेकिंग सोडा मिलाकर पेस्ट बना लें।
अपने टूथब्रश पर बेकिंग सोडा पेस्ट लगाएं और धीरे-धीरे दांतों को ब्रश करें।
तीन-चार मिनट अच्छी तरह ब्रश करने के बाद पानी से कुल्ला कर लें।
कैसे लाभदायक है:
बेकिंग सोडा को हमेशा से ही जिद्दी दाग साफ करने वाला प्रभावी उपाय माना गया है। ओरल हेल्थ में सुधार करने के साथ ही बेकिंग सोडा दांतों के पीले धब्बों को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद व्हाइटनिंग प्रभाव दांतों को सफेद चमक दे सकता है

8. अंडर आर्म्स

सामग्री:
एक बड़ा चम्मच कुचला हुआ खीरा
दो बड़े चम्मच जैतून का तेल
एक बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा
तीन चम्मच नींबू का रस
उपयोग करने का तरीका:
एक कटोरी में सभी सामग्रियों को मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें।
अब इस मिश्रण को 10 मिनट के लिए अपने अंडरआर्म्स पर लगाएं।
अब गुनगुने पानी से अंडरआर्म्स को धो लें और साफ तौलिये से पोंछ लें।
कैसे लाभदायक है:
बेकिंग सोडा का इस्तेमाल बगल की सफाई के लिए भी किया जा सकता है। बेकिंग सोडा एंटीबैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है, जो गंदगी और तन की दुर्गंध बढ़ाने वाले जीवाणुओं को दूर भगाने का काम कर सकता है । तन से आने वाली दुर्गंध को कम करने की वजह से बेकिंग सोडा को डियोडरेंट का विकल्प भी माना जाता है । साथ ही कुछ लोग बेकिंग सोडा को काले होते बगल के रंग को हल्का करने में भी प्रभावी मानते हैं, लेकिन इस संबंध में किसी तरह का शोध मौजूद नहीं है।

9. नेल फंगस

सामग्री:
चार-पांच चम्मच बेकिंग सोडा
एक नॉर्मल सिरका या सेब का सिरका
पानी
पेपर टॉवल (आवश्यकतानुसार)
एक तिहाई बाल्टी पानी
उपयोग करने का तरीका:
बाल्टी को एक तिहाई पानी से भरें और इसमें सिरका मिलाएं।
अपने पैरों को लगभग 15 मिनट के लिए सिरके के पानी में डुबोकर रखें।
अब पैरों को पेपर टॉवल से सुखाएं।
बाल्टी से सिरके का पानी निकाल दें और उसमें फिर से एक-तिहाई साफ पानी भरें।
इसमें बेकिंग सोडा मिलाएं और अपने पैरों को 15 मिनट के लिए डुबोकर रखें।
अब पैरों को पेपर टॉवल से सुखाएं।
कैसे लाभदायक है:
सिरका और बेकिंग सोडा दोनों एंटीफंगल गुण से समृद्ध है। इसी वजह से माना जाता है कि फंगस की वजह से होने वाले नेल इंफेक्शन से इनका मिश्रण राहत दिला सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक अध्ययन की बात करें, तो उसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बेकिंग सोडा नेल फंगस की वजह बनने वाले फंगस से लड़ सकता है

10. माउथ अल्सर

सामग्री:
एक बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा
एक चम्मच पानी
उपयोग करने का तरीका:
बेकिंग सोडा और पानी को मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें।
इस पेस्ट को मुंह के अल्सर पर लगाएं और सूखने के लिए छोड़ दें।
एक बार सूख जाने पर बेकिंग सोडा पेस्ट हटा दें और पानी से कुल्ला कर लें।
वैकल्पिक रूप से आप सिर्फ पानी में बेकिंग सोडा डालकर कुल्ला भी कर सकते हैं।
कैसे लाभदायक है:
माउथ अल्सर में छोटे, दर्दनाक घाव मुंह या मसूड़ों पर पनपने लगते हैं। खाना, पीना और बातें करना इस वजह से असहज हो जाता है। इस समस्या को कम करने में बेकिंग सोडा मदद कर सकता है। बेकिंड सोडा एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है। यह प्रभाव माउथ अल्सर से होने वाले दर्द को कम करने और मुंह में बैक्टीरिया को पनपने से रोक सकता है। इसी वजह से इसे माउथ अल्सर के लक्षण को कम करने में लाभदायक माना जाता है।

11. डैंड्रफ

सामग्री:
एक बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा
उपयोग करने का तरीका:
अपने बालों को हल्का गीला कर लें और बेकिंग सोडे को सीधा स्कैल्प पर लगाएं।
फिर उंगलियों की मदद से धीरे-धीरे कुछ सेकंड तक स्कैल्प की मालिश करें।
अब अपने बालों को कंडीशन करें।
कैसे लाभदायक है:
डैंड्रफ होने के पीछे मुख्य कारण मालसिजिया (Malassezia) नामक फंगस को माना गया है । वहीं, बेकिंग सोडा में एंटीफंगल गुण होते हैं, जिस वजह से माना जाता है कि यह डैंड्रफ को दूर कर सकता है। एक स्टडी में भी पाया गया है कि बेकिंग सोडा में मौजूद एंटी-फंगल प्रभाव त्वचा पर होने वाले इंफेक्शन से बचा सकता है । इस तथ्य को अच्छी तरह से प्रमाणित करने के लिए वैज्ञानिक और अध्ययन कर रहे हैं।

12. घने बाल

सामग्री:
तीन कप पानी
एक कप बेकिंग सोडा
अरंडी का तेल (आवश्कतानुसार)
उपयोग करने का तरीका:
सभी सामग्रियों को मिलाएं और किसी बोतल में स्टोर कर लें।
बालों को हल्का गीला कर लें और बेकिंग सोडा के घोल को सीधा स्कैल्प पर लगाएं।
इसके बाद धीरे-धीरे बालों की मालिश करें।
कैसे लाभदायक है:
सोडियम बायोकार्बोनेट यानी बेकिंग सोडा का इस्तेमाल बालों से संबंधित हेयर प्रोडक्ट्स में किया जाता है । कई लोगों का मानना है कि इसका घोल बोलों को घना बना सकता है, लेकिन इससे संबंधित किसी तरह का शोध उपलब्ध नहीं है।
बेकिंग सोडा खाने के फायदे, पीने व लगाने के लाभ के बाद अब सोडियम बाइकार्बोनेट के उपयोग का तरीका जानते हैं।

बेकिंग सोडा का उपयोग

वजन कम करें: जैसा आप जानते है सोडा के फायदे और नुकसान दोनों है। सोडा के फायदे में वजन कम करना भी शामिल है। जब आप चीनी से समृद्ध पेय पदार्थों को कम कर देते है, तब कैलोरी लेने की मात्रा अपने आप कम हो जाती है। अगर आप रोजाना बिना कैलोरी वाला स्पार्कलिंग वाटर कुछ मात्रा में पिएंगे, तो इस तरह आप कैलोरी का सेवन कम कर पाएंगे और वजन भी धीरे-धीरे कम होने लगेगा।

शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालें: 

अगर आप जानते है कि नल का पानी साफ व फिल्टर किया हुआ है, तो आपके लिए यह पानी पीना सुरक्षित है। अगर आप नल के पानी की जगह सोडा वॉटर पीते है तो उसकी फिल्टर करने की संभावना अधिक होती है क्योंकि कार्बन मिलाने से पहले ज्यादातर इसे साफ किया जाता है। इसी वजह से आप नल का गंदा पानी पीने से बच जाते है।
पेट भरा हुआ लगे: खाने से पहले ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए, जिससे आप जरूरत से अधिक खाना ना खा पाएं लेकिन सामान्य पानी के मुकाबले सोडा पानी पीने से आपको ज्यादा देर तक अपना पेट भरा हुआ महसूस होता है। एक स्टडी का कहना है कि सोडा वॉटर की वजह से खाना पेट में ज्यादा देर तक रहता है, जिससे आपका पेट जल्द ही भरा हुआ महसूस होता है।

मोशन सिकनेस नहीं होने दे: 

सोडा वॉटर पीने से मतली और उल्टी और मोशन सिकनेस की समस्या नहीं होती। मोशन सिकनेस को कम करने के लिए सोडा वॉटर फायदेमंद होता है।
कब्ज नहीं होने दे: कब्ज ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को मल बहुत कम आता है। जो लोग कब्ज की समस्या से परेशान होते है उन्हें पेट में गैस, पेट फूलने और मल त्याग करते समय दर्द महसूस होता है। एक स्टडी के अनुसार, सोडा पानी कब्ज का इलाज करने में मदद करता है। सोडा वॉटर पीने से मल त्याग करने में आसानी होती है और अन्य समस्याएं भी कम हो जाती है।

शरीर में पानी की कमी नहीं होती: 

कई लोग ऐसा सोचते है कि सोडा पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है। सामान्य पानी की तरह सोडा भी पानी की कमी नहीं होने देता। सोडा शरीर से सारे विषाक्त पदार्थ निकालने में मदद करता है और आपको पूरा दिन हाइड्रेट रखते है।

ह्रदय रोग का जोखिम कम करें: 

एक स्टडी में पाया गया कि गर्भवती महिलाओं को सोडा पानी देने से उनमें ह्रदय रोग का खतरा कम होता है। इसके अलावा जो लोग सोडा पीते है, उन्हें पाचन से संबंधित परेशानी नहीं होती। सोडा पीने से पेट साफ रहता है। जो महिलाऐं सोडियम से भरपूर सोडा पानी पीती है, उनके शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाता है और गुड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है।बेकिंग सोडा खाने के फायदे पाने के लिए इसे किस तरह से इस्तेमाल किया जाना चाहिए, आइए क्रमवार तरीके से जानते हैं।
बेकिंग सोडा का उपयोग केक बनाने के लिए भी किया जा सकता है।
बेकिंग सोडा को आटा गूंथते हुए किण्वित (fermentation) करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
बालों को धोने के लिए बेकिंग सोडा का उपयोग कर सकते हैं।
बेक करके बनाने वाली सामग्रियों में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
बेकिंग सोडा पीने के फायदे भी होते हैं, इसलिए इसे पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
बेकिंग सोडा का उपयोग फेसपैक के रूप में किया जा सकता है।
बेकिंग सोडा को एक क्लीन्जर की तरह भी उपयोग किया जा सकता है। फलों और सब्जियों को धोने के लिए या दाग ​​धब्बे को साफ करने के लिए बेकिंग सोडा उपयोगी हो सकता है।
अब जानते हैं कि किस प्रकार बेकिंग सोडा लंबे समय तक खराब नहीं हो सकता।

बेकिंग सोडा को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें

बेकिंग सोडा को सुरक्षित रखने के लिए सूखी जगह को चुनें। अगर पैकेट वाला बेकिंग सोडा खरीदा है, तो उसे एयर टाइट डिब्बे में बंद करके रखें। इसके अलावा, हर बार इस्तेमाल करने के बाद डिब्बे का ढक्कन अच्छे से बंद करें, वरना उसमें नमी आ जाएगी और वो खराब हो जाएगा।
बेकिंग सोडा के नुकसान 
शरीर के लिए बेकिंग सोडा खाने के फायदे कई हो सकते हैं, लेकिन इसके कई दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। नीचे जानिए बेकिंग सोडा के नुकसान के बारे में :
प्यास बढ़ सकती है।
पेट में ऐंठन हो सकती है।
गैस जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
सिरदर्द हो सकता है।
जी-मिचलाना जैसी परेशानी हो सकती है।
उल्टी शुरू हाे सकती है।
भूख में कमी आ सकती है।
चिड़चिड़ापन जैसा महसूस हो सकता है।
कमजोरी महसूस हो सकती है।
बार-बार पेशाब आने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
धीमी गति से सांस लेना भी इसके नुकसान में शामिल है।
पैरों में सूजन आ सकती है।
खूनी व काला मल जैसी समस्या हो सकती है।
पेशाब में रक्त आना भी इसके नुकसान के लक्षणों में शामिल है।
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