6.3.16

नजर तेज करने के उपाय: Measures to sharpen eyesight






प्रकृति का खूबसूरत तोहफा है आँखें। आँख है तो दुनिया रंगीन है, वरना चारों ओर अंधेरा है, इसलिए आँख की सुरक्षा भी जरूरी है, खास कर उन लोगों के लिए, जिन्हें कम नजर आता है या चश्मा लगाना पड़ता है।यदि हम जीवन जीने की शैली को कुछ बदल लें तथा अच्छे उपाय करें तो नजर की कमजोरी ठीक कर सकते हैं।
यहाँ दिए जा रहे उपायों से आप आँखों की सुरक्षा कुछ हद तक कर सकते हैं। निरंतर बगैर नागा किए निम्नलिखित उपाय करें तो हो सकता है आपका चश्मा छूट जाए। यह सब नियम पालन पर निर्भर है।

घरेलू चिकित्सा द्वारा उपचार

*200 ग्राम बादाम गिरि, 200 ग्राम सौंफ, 20 ग्राम दक्षिणी मिर्च (सफेद मिर्च) पीसकर 50 ग्राम घी में अच्छी तरह रगड़ लें तथा 400 ग्राम मिश्री पीसकर मिला लें। 2-2 चम्मच दवा गाय दूध के साथ सुबह-शाम 3-4 माह सेवन करने से नजर में इजाफा होता है। साथ में ऊपर बताए अन्य उपाय भी करें।
**गोरखमुंडी का अर्क 25-30 मिली नित्य प्रात: कुछ दिन सेवन करने से नजर बढ़ती है।


एक हल्दी की गांठ को नीबू में छेदकरके अन्दर रख दें। जब 8-10 दिन में नीबू सूख जाए तो फिर दूसरे नींबू में अन्दर रख दें। यह प्रक्रिया 3 बार करें। अर्थात् एक महीने बाद उस गांठ को गुलाब जल की कुछ बूंदें पत्थर में डालकर घिसकर अंजन की तरह आंख में लगाएं। कुछ दिन लगाने से आंख की रोशनी में फायदा होगा।
*100-100 ग्राम अश्वगन्धा चूर्ण, आंवला चूर्ण तथा मुलैठी चूर्ण मिलाकर रख लें। 4-5 ग्राम दवा रोज प्रात: सायं दूध के साथ 2-3 माह लेने से आंखों की कमजोरी में लाभ होता है।
*सुबह सूर्योदय से पहले उठें और उठते ही मुँह में पानी भरकर बंद आँखों पर 20-25 बार ठंडे पानी के छींटे मारें। याद रखें, मुँह पर छींटे मारते समय या चेहरे को पानी से धोते समय मुँह में पानी भरा होना चाहिए।
*धूप, गर्मी या श्रम के प्रभाव से शरीर गर्म हो तो चेहरे पर ठंडा पानी न डालें। थोड़ा विश्राम कर पसीना सुखाकर और शरीर का तापमान सामान्य करके ही चेहरा धोएँ । आँखों को गर्म पानी से नहीं धोना चाहिए।
*नहाने से पूर्व मुख में पानी भरकर और आंखें खोलकर साफ पानी से छीटें मारें या बाल्टी में साफ पानी भर कर चेहरे को थोड़ा पानी में डुबाकर पानी में आंखें 10-15 बार खोलें व बन्द करें।
* रोज प्रात: हल्के गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक डालकर टोटीदार लोटे से दोनों नथुनों से जलनेति क्रम से करें, फिर घी या सरसों का तेल लगा लें।
रात्रि में 2-3 ग्राम त्रिफला चूर्ण 20-25 मि.ली साफ पानी में मिलाकर कांच के गिलास में ढक कर रख दें। प्रात: पानी निथारकर छानकर एक बर्तन में रख लें। उसमें आंख डुबोकर बार-बार खोलें व बन्द करें। (30-40 बार)
*बहुत दूर के पदार्थों या दृश्यों को देर तक नजर गड़ाकर न देखें, तेज धूप से चमकते दृश्य को न देखें, कम रोशनी में लिखना, पढ़ना व बारीक काम न करें। नींद आ रही हो, आँखों में भारीपन, जलन या थकान महसूस हो तो काम तत्काल बंद कर थोड़ा विश्राम कर लें।
*देर रात तक जागना और सूर्योदय के बाद देर तक सोना आँखों के लिए हानिकारक होता है। देर रात तक जागना ही पड़े तो घंटा-आधा घंटे में एक गिलास ठंडा पानी पी लेना चाहिए। सुबह देर तक सोकर उठें तो उठने के बाद मुँह में पानी भरकर, आँखों पर ठंडे पानी से 20-25 छींटे जरूर मारें।
*आँखों को धूल, धुआँ, धूप और तेज हवा से बचाना चाहिए। ऐसे वातावरण में ज्यादा देर न ठहरें। लगातार आँखों से काम ले रहे हों तो बीच में 1-2 बार आँखें बंद कर, आँखों पर हथेलियाँ हलके हलके दबाव के साथ रखकर आँखों को आराम देते रहें।
*रोज प्रात: खाली पेट दोनों हाथों की तर्जनी व मध्यमा उंगली के नीचे जड़ पर तथा पैर की इन्हीं दो उंगलियों के नीचे आधा से एक मिनट क्रम में तीन बार दबाव देकर एक्यूप्रेशर चिकित्सा करें।
*दिन में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।


 
*प्रात:-सायं भस्त्रिका, अनुलोम विलोम, कपालभांति और भ्रामरी प्राणायाम करें।
*रोज प्रात: योगासान करें या पूरे शरीर का व्यायाम करें।
*खाना हल्का सुपाच्य एवं शाकाहारी करें।
*आंखों को धूल, मिट्टी, धुंआ, प्रदूषण, गन्दा पानी, अधिक धूप, अधिक ठंड आदि से बचाएं।
*यात्रा करते समय, बस, रेलगाड़ी व अन्य वाहनों में चलते-चलते कुछ न पढ़ें।
*अधिक रात्रि जागरण न करें, अधिक अंग्रेजी दवाएं सेवन न करें।
*तेज रफ्तार की सवारी करने पर हवा से आँखों को बचाएँ। अधोवायु, मल-मूत्र, छींक और तनाव अधिक देर तक लगातार रोना, अत्यधिक शोक संतृप्त रहना आदि नेत्रों को हानि पहुँचाने वाले काम हैं। इनसे बचने की भरपूर कोशिश करनी चाहिए। आँखें सबसे कोमल और संवेदनशील अंग हैं अतः जरा से गलत आचरण का सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव आँखों पर ही पड़ता है यह तथ्य याद रखना चाहिए।

3.3.16

प्याज के इतने सारे फायदे नहीं जानते होंगे आप Benefits of Onion







 भोजन के साथ सलाद के रूप में खाया जाने वाला कच्चा प्याज हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। सैंडविच, सलाद या फिर चाट, प्याज सभी के स्वाद को दोगुना कर देता है। यदि आपको डर है कि प्याज खाने से दुर्गंध आएगी तो खाने के बाद माउथ फ्रेशनर खाइए या ब्रश कर लीजिए, लेकिन प्याज जरूर खाइए। आहार विशेषज्ञों की मानें तो यह यौन दुर्बलता को दूर करने में भी बहुत उपयोगी है। यौन शक्ति के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए प्याज एक सस्ता एवं सुलभ विकल्प है।
*अगर आप ये सोचते हैं कि प्याज केवल सब्जी बनाने या फिर सलाद में खाने के लिए ही है तो आपको बता दें कि प्याज किसी औषधि‍ से कम नहीं. कई गंभीर बीमारियों के लिए ये रामबाण नुस्खा है. हालांकि इस बात की जानकारी होना भी जरूरी है कि हम इसका इस्तेमाल कब और किस तरह से करें ताकि भरपूर लाभ मिले.-*हरा प्याज खाने के कई फायदे हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम बनाए रखता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। एंटी बैक्टीरियल गुण के कारण ही इसे खाने से पाचन में भी सुधार होता है। हरे प्याज में क्रोमियम होता है।
* हरा प्याज खाने से इम्यूनिटी पावर बढ़ता है। हरा प्याज चेहरे की झुर्रियों को दूर करता है। इसे खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। हरा प्याज मैक्रोन्यूट्रिशयन को बनाए रखता है। हरे प्याज में एंटी-इन्फ्लामेटरी और एंटी- हिस्टामाइन गुण भी होते हैं। इसीलिए यह गठिया और अस्थमा के रोगियों के लिए लाभदायक रहता है।

लू लगने पर

*गर्मियों में लू लग जाना एक आम बात है लेकिन, अगर आप कच्ची प्याज खाती हैं तो आपको लू नहीं लगेगी. लू लगने पर प्याज का रस पीने से फायदा होता है. आपने बड़े-बुजुर्गों को ये कहते भी सुना होगा कि प्याज का टुकड़ा साथ रखने से लू नहीं लगती है.

*झड़ते बालों के लिए फायदेमंद

अगर आपके बाल गिर रहे हैं तो इसमें प्याज का रस बहुत फायदेमंद हो सकता है. साथ ही बालों में प्याज का रस लगाने से बाल चमकदार होते हैं.

*.वीर्यवृद्धि के लिए 

सफेद प्याज के रस के साथ शहद लेने पर फायदा होता है। सफेद *प्याज का रस, शहद, अदरक का रस और घी का मिश्रण 21 दिनों तक लगातार लेने से नपुंसकता दूर हो जाती है। कफ हो जाने पर प्याज के रस में मिश्री मिलाकर चाटने से फायदा मिलता है। प्याज को पीसकर गुड़ मिलाकर खाने से वीर्य वृद्धि होती है।
* 100 ग्राम अजवाइन को सफेद प्याज के रस में भिगोकर सुखा लें। सूख जाने पर फिर यही प्रक्रिया दोहराएं। ऐसा तीन बार करें। अच्छी तरह सूख जाने पर इसका बारीक पाउडर बना लें। अब इस पाउडर को पांच ग्राम घी और पांच ग्राम शक्कर के साथ सेवन करें। इस योग को इक्कीस दिन तक लेने पर शीघ्रपतन की समस्या से राहत मिलती है। एक किलो प्याज का रस, एक किलो शहद और आधा किलो शक्कर मिलाकर डिब्बे में पैक कर लें। इसे पंद्रह ग्राम की मात्रा में एक माह तक नियमित सेवन करें। इस योग के प्रयोग से सेक्शुअल डिजायर में वृद्धि होती है।
*एक किलो प्याज के रस में आधा किलो उड़द की काली दाल मिलाकर पीस कर पेस्ट बना लें। इसे सुखाकर एक किलो प्याज के रस में मिलाकर फिर से पीस लें। इस पेस्ट को दस ग्राम मात्रा में लेकर भैंस के दूध में पकाएं और शक्कर डाल कर पी जाएं। इस योग का सेवन तीस दिन तक नियमित सुबह-शाम सेवन करने से कमजोरी दूर होती है और कामेच्छा में बढ़ोतरी होती है।

कब्ज दूर करे-

प्यज में मौजूद रेशे पेट के लिए बेहद फायदेमंद हैं। प्याज खाने से कब्ज दूर हो जाती है। यदि आपको कब्ज की शिकायत है तो कच्चा प्याज रोज खाना शुरू कर दीजिए।

गले की खराश मिटाए

यदि आप सर्दी, कफ या खराश से पीड़ित हैं तो ताजे प्याज का रस पीजिए। इसमें गुड़ या शहद मिलाकर पीना अधिक फायदेमंद होता है।

पेशाब न होने पर

अगर किसी को रुक-रुक कर पेशाब हो रही हो तो पेट पर प्याज के रस की हल्की मालिश करनी चाहिए. प्याज का रस पीने से पेट संबंधी कई बीमारियों में फायदा होता है.

सर्दी-जुकाम में

प्याज की तासीर गर्म होती है. ऐसे में अगर आपको सर्दी हो गई है तो प्याज आपके लिए दवा का काम करेगी . इसके सेवन से बंद नाक और सर्दी में राहत मिलती है.

लंबी उम्र के लिए

प्याज का रस किसी बूटी से कम नहीं. इससे कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं इसलिए ये भी कहा जाता है कि प्याज खाने से इंसान की उम्र बढ़ती है

पथरी रोगी के लिए फायदेमंद

अगर आपको स्टोन की शिकायत है तो प्याज का रस आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं. सुबह के समय खाली पेट प्याज का देा चम्मच रस आपको इस मुसीबत से छुटकारा दिला सकता है.

ब्लीडिंग समस्या खत्म करें

नाक से खून बह रहा हो तो कच्चा प्याज काट कर सूंघ लीजिए। इसके अलावा यदि पाइल्स की समस्या हो तो सफेद प्याज खाना शुरू कर दें।

डायबिटीज करे कंट्रोल

रोजाना प्याज खाने से इंसुलिन पैदा होता है। यदि आप डायबिटिक हैं तो इसे खाने के साथ रोज सलाद के रूप में खाएं।

दिल से संबंधित बीमारियां खत्म करें

कच्चा प्याज ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। इसमें मिथाइल सल्फाइड और अमीनो एसिड होता है। इसीलिए यह कोलेस्ट्रॉल को भी काबू में रखता है और दिल को बीमारियों से बचाता है।

एनीमिया ठीक करे

रोजाना प्याज खाने से खून की कमी दूर होती है। 

गठिया के इलाज में
अगर आपके घर में किसी को गठिया या जोड़ो का दर्द है तो प्याज के रस की मालिश करने से आराम मिलेगा. प्याज के रस को सरसों के तेल में मिलाकर मालिश करने से आराम मिलता है.


  • पायरिया के घरेलू इलाज
  • चेहरे के तिल और मस्से इलाज
  • लाल मिर्च के औषधीय गुण
  • लाल प्याज से थायराईड का इलाज
  • जमालगोटा के औषधीय प्रयोग
  • एसिडिटी के घरेलू उपचार
  • नींबू व जीरा से वजन घटाएँ
  • सांस फूलने के उपचार
  • कत्था के चिकित्सा लाभ
  • गांठ गलाने के उपचार
  • चौलाई ,चंदलोई,खाटीभाजी सब्जी के स्वास्थ्य लाभ
  • मसूड़ों के सूजन के घरेलू उपचार
  • अनार खाने के स्वास्थ्य लाभ
  • इसबगोल के औषधीय उपयोग
  • अश्वगंधा के फायदे
  • लकवा की चमत्कारी आयुर्वेदिक औषधि वृहत वात चिंतामणि रस
  • मर्द को लंबी रेस का घोडा बनाने के अद्भुत नुस्खे
  • सदाबहार पौधे के चिकित्सा लाभ
  • कान बहने की समस्या के उपचार
  • पेट की सूजन गेस्ट्राईटिस के घरेलू उपचार
  • पैर के तलवों में जलन को दूर करने के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार
  • लकवा (पक्षाघात) के आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे
  • डेंगूबुखार के आयुर्वेदिक नुस्खे
  • काला नमक और सेंधा नमक मे अंतर और फायदे
  • हर्निया, आंत उतरना ,आंत्रवृद्धि के आयुर्वेदिक उपचार
  • पाइल्स (बवासीर) के घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे
  • चिकनगुनिया के घरेलू उपचार
  • चिरायता के चिकित्सा -लाभ
  • ज्यादा पसीना होने के के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार
  • पायरिया रोग के आयुर्वेदिक उपचार
  • व्हीटग्रास (गेहूं के जवारे) के रस और पाउडर के फायदे
  • घुटनों के दर्द को दूर करने के रामबाण उपाय
  • चेहरे के तिल और मस्से हटाने के उपचार
  • अस्थमा के कारण, लक्षण, उपचार और घरेलू नुस्खे
  • वृक्क अकर्मण्यता(kidney Failure) की रामबाण हर्बल औषधि
  • शहद के इतने सारे फायदे नहीं जानते होंगे आप!
  • वजन कम करने के उपचार
  • केले के स्वास्थ्य लाभ

  • 2.3.16

    मौसम्बी के फायदे








    मौसम्बी गर्मी के मौसम मे सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले फलों मे से एक है| मौसम्बी का जूस स्वास्थ्य के लिये बहुत अच्छा होता है। इसके जूस में ढेर सारा मिनरल और पौष्टिक तत्व जैस विटामिन सी और पोटैशियम आदि पाया जाता है। यह हेल्दी होने के साथ ही उर्जा पहुंचाने वाला भी होता है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि इसे पीने से वजन भी नियंत्रित होता है। इस बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि नींबू के बाद मौसम्बी एक ऐसा स्वीट लाइम फ्रूट होता है जो शरीर के बढ़ते वजन को कम करने में मददगार साबित हो सकता है|
    मौसमी का रस खून को साफ करने का रामबाण उपाय है इसके सेवन से फोड़े फुंसी व सरे तरह के त्वचा सम्बन्धी रोग दूर हो जाते है |
    दिल के मरीज़ो के लिए मौसमी का जूस अत्यंत फायदेमंद है । क्यूंकि ये नसों को साफ कर खून के बहाव को संतुलित करता है अतः ज्यादा से ज्यादा मौसमी का फल या जूस ले तो दिल को सुरक्षा मिलेगी ।
    टाइफाइड बुखार हो जाये तो मौसमी का रस सबसे उत्तम रहता है । इसके सेवन से नए रक्त का निर्माण होता है ।
    जुकाम हो जाये तो अदरक के रस के साथ मौसमी का रस मिलाकर देने से लाभ मिलता है हाल की एक रिसर्च के मुताबिक मौसमी, नारंगी और संतरे जैसे खट्टे फलों में कई खास केमिकल और फ्लेवनॉयड होते हैं, जो दिल को जवां बनाए रखने में मददगार होते हैं।शरीर में कमजोरी आ जाये या काम की वजह से थकान हो तो मौसमी का एक गिलास जूस या दो मौसमी शक्ति से भर देती है ये शरीर में नए खून का निर्माण कर सीधे दिल और दिमाग में ताज़गी देती है ।
    कब्ज़ के रोगियों को दोनों समय मौसमी का रस पीने से लाभ मिलता है ।

    स्कर्वी से बचाती है, इम्यून सिस्टम सही रखती है, एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल होती है, डैंड्रफ खत्म करती है, दोमुंहे बालों की समस्या से छुटकारा, एंटी-एजिंग का काम करती है, होंठों के कालेपन को दूर करती है, त्वचा में निखार लाती है।इम्यून सिस्टम सही रखती है|रोजाना इसके सेवन से इम्यून सिस्टम सही रहता है। साथ ही दिल की बीमारियों का भी खतरा कम रहता है।
    इसी प्रकार मौसंबी को अपनी गर्दन, अंडरआर्म्स(कांखें), कोहनियों और घुटनों पर रगड़कर आप उन्हें भी साफ़ कर सकते हैं। मौसंबी के छिलकों को पीसकर उसे चेहरे पर लगाकर आप मुंहासों से छुटकारा पा सकते हैं। होंठों के कालेपन को दूर करने के लिए तथा फटे होंठों को ठीक करने के लिए दिन में तीन से चार बार मौसंबी का रस लगायें।

    पुरुष ग्रंथि (प्रोस्टेट) बढ़ने से मूत्र - बाधा का अचूक इलाज 

    *किडनी फेल(गुर्दे खराब ) रोग की जानकारी और उपचार*

    गठिया ,घुटनों का दर्द,कमर दर्द ,सायटिका के अचूक उपचार 

    गुर्दे की पथरी कितनी भी बड़ी हो ,अचूक हर्बल औषधि

    पित्त पथरी (gallstone) की अचूक औषधि










    1.3.16

    उड़द की दाल के फायदे , Urad Dal fayde



    उड़द को एक अत्यंत पौष्टिक दाल के रूप में जाना जाता है|छिलकों वाली उड़द की दाल में विटामिन, खनिज लवण तो खूब पाए जाते हैं और कोलेस्ट्रॉल नगण्य मात्रा में होता है।उड़द की दाल में प्रोटीन, विटामिन बी थायमीन, राइबोफ्लेविन और नियासिन, विटामिन सी, आयरन, कैल्‍शियम, घुलनशील रेशा और स्टार्च पाया जाता है। उड़द वीर्य वर्द्धक, हृदय को हितकारी है। उड़द की दाल अन्य प्रकार की दालों में अधिक बल देने वाली व पोषक होती है। गरम मसाले डालकर बनाई हुई छिलके वाली उड़द दाल ज्यादा गुणकारी होती है


    उड़द एक दलहन होता है। उड़द दाल सफेद और काली होती है और यह दक्षिण एशिया में सबसे अधिक पैदा होती है। उड़द की दाल एक अत्यंत बलवर्द्धक, पौष्टिक व सभी दालों से ज्यादा पोषक होती है। कमजोर पाचन वालों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। उड़द का प्रयोग तमाम व्यंजन बनाने के काम आता है जैसे, डोसा, पापड़, वड़ा, लड्डू और दाल आदि। जिन लोगों की पाचन शक्ति प्रबल होती है, वे यदि इसका सेवन करें, तो उनके शरीर में रक्त, मांस, मज्जा की वृद्धि होती है।
    उड़द की दाल में प्रोटीन, विटामिन बी थायमीन, राइबोफ्लेविन और नियासिन, विटामिन सी, आयरन, कैल्‍शियम, घुलनशील रेशा और स्‍टार्च पाया जाता है। उड़द वीर्य वर्द्धक, हृदय को हितकारी है। यह वात, अर्श का नाश करती है। यह स्निग्ध, विपाक में मधुर, बलवर्द्धक और रुचिकारी होती है। उड़द की दाल अन्य प्रकार की दालों में अधिक बल देने वाली व पोषक होती है। धुली हुई दाल प्रायः पेट में आफरा कर देती है। छिलकों वाली दाल में यह दुर्गुण नहीं होता। गरम मसालों सहित छिलके वाली दाल ज्यादा गुणकारी होती है। 

    उड़द दाल के लाभकारी गुण

    *प्रोटीन- वैसे तो हर दाल में भारी प्रोटीन होता है। वे लोग जो पैसे की कमी की वजह से मीट मछली नहीं खा पाते उनके लिये यह एक सस्‍ता आहार माना जाता है। शरीर के पूरे विकास और मासपेशियों की मजबूती के लिये प्रोटीन बहुत जरुरी है। प्रोटीन त्वचा, रक्त, मांसपेशियों तथा हड्डियों की कोशिकाओं के विकास के लिए आवश्यक होते हैं।
    *पौरुष शक्ति बढाए- अगर काली उड़द को पानी में 6 से 7 घंटे के लिये भिगो कर उसे घी में फ्राई कर के शहद के साथ नियमित सेवन किया जाए तो पुरुष की यौन शक्ति बढती है तथा सभी विकार दूर होते हैं।
    *दुबले लोग यदि छिलके वाली उड़द दाल का सेवन करे तो यह वजन बढाने में मदद करती है। अपनी दोनो समय के भोजन में उड़द दाल का सेवन करने वाले लोग अक्सर वजन में तेजी से इजाफा होता हैं|
    *हृदय का स्वस्थ्य - कोलेस्ट्रॉल घटाने के अलावा काली उड़द स्वास्थ्य वर्धक होती है। यह मैगनीशियम और फोलेट लेवल को बढा कर धमनियों को ब्‍लॉक होने से बचाती है। मैगनीशियम, दिल का स्वस्थ्य ठीक रखती है क्योंकि यह रक्त प्रवाह को बढावा देती है।

    21.2.16

    बेर खाने के लाभ Benefits of eating berry









    बेर बहुत ही उपयोगी और पोषक तत्वों से भरपूर फल है। इन दिनों बेर का मौसम भी है। बेर को अधिकतर लोग बचपन में तो बहुत पसंद करते हैं, लेकिन बड़े होने पर खट्टेपन के कारण इसे नहीं खाते हैं। साथ ही, एक बड़ा कारण यह भी है कि लोग इसके गुणों से अनजान हैं।
    बेर दो तरह के होते है एक बड़े आकर वाले और दूसरे छोटे वाले होते है पका बेर स्वाद के साथ शरीर को कई रोग से बचाता है ।
    *गुर्दो में दर्द हो जाये तो बेरी के पत्तो को पीस कर उसका लेप पेट के गुर्दे वाली जगह पर करने से दर्द शांत होता है ।

    *विटामिन सी से भरपूर होता है-
    संतरे और नींबू की ही तरह बेर में भी प्रचूर मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है। इसमें अन्य फलों के मुकाबले विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा ज्यादा होती है। इसके सेवन से त्वचा लंबी उम्र तक जवां बनी रहती है।

    *पेट दर्द की समस्या खत्म कर देता है-
    बेर को छाछ के साथ लेने से पेट दर्द की समस्या खत्म हो जाती है।
    *बालों के झड़ने या रूखेपन से बचाने के लिए बेरी के पत्तो को हाथ से मसल कर पानी में उबाल ले और उस पानी को छान कर उससे सिर धोये तो इन समस्याओ से निजात मिलती है और रुसी की परेशानी भी हल हो जाती है


    *मुंह के छालों की समस्या हो जाये तो बेरी की छाल को अच्छी तरह सुखा कर चूर्ण बनाये और उस चूर्ण को छालों पर लगाये तो आराम मिलेगा ।

    *टी बी जैसे खतरनाक रोग का बहुत ही सरल उपाय बेर है । मरीज़ दिन में ३-४ बार एक पाव बेर प्रतिदिन सेवन करने से टी बी से बचाव और रोग मुक्ति संभव है ।
    *दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है-
    बेर खाने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। इस कारण दिल से जुड़ी बीमारियां होने की संभावना कम हो जाती है।

    *बालों के लिए फायदेमंद-

    बेर की पत्तियों में 61 आवश्यक प्रोटीन पाए जाने के साथ विटामिन सी, केरिटलॉइड और बी कॉम्प्लेक्स भी अधिक मात्रा में पाया जाता है। यह बालों को घना और हेल्दी बनाता है।
    *रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है-
    बेर में मैग्नीशियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, कॉपर, कैल्शियम और आयरन और खनिज पदार्थ भी मौजूद होते हैं। इन तत्वों से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। जिससे शरीर में रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है।
    *नाक में फुंसी हो जाये तो बहुत परेशान करती है अतः एक बेर को छील कर बार बार सूंघे तो ये ठीक हो जाती है

    खांसी और बुखार में है फायदेमंद-

    बेर का जूस खांसी, फेफड़े संबंधी विकारों और बुखार के इलाज में भी सहायक है। वैज्ञानिकों ने इसमें आठ तरह के फ्लेवेनॉयड ढूंढे हैं। उनके मुताबिक, यह दर्दनाशक होता है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण भी हैं।

    *अनिद्रा की समस्या दूर हो जाती है-बेर में 18 प्रकार के महत्वपूर्ण एमीनो एसिड मौजूद हैं, जो शरीर में प्रोटीन को संतुलित करते हैं। चीनी दवाओं में इसके बीज से एंग्जाइटी और अनिद्रा (इंसोम्निया) का इलाज होता है।
    अंतड़ियों में घाव हो या पाचन शक्ति कमजोर हो तो मरीज़ को सुबह जल्दी उठकर खाली पेट एक पाव बेर खाने चाहिए, दिन में भोजन के बाद बेर खाने चाहिए और साँझ के समय खाने के बाद बेर न खा सके तो उसका रस पी ले तो अंतड़ियों की सभी परेशानी दूर हो जाती है ।
    मेडिकल अध्ययन के अनुसार बेर से लो-ब्लड प्रेशर, एनीमिया, लीवर आदि की समस्याओं से राहत मिलती है। यह शरीर में ट्यूमर सेल्स पनपने नहीं देता। यह त्वचा की देखभाल के लिए भी उत्तम स्रोत है।
    इनके खाने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है ।

  • पायरिया के घरेलू इलाज
  • चेहरे के तिल और मस्से इलाज
  • लाल मिर्च के औषधीय गुण
  • लाल प्याज से थायराईड का इलाज
  • जमालगोटा के औषधीय प्रयोग
  • एसिडिटी के घरेलू उपचार
  • नींबू व जीरा से वजन घटाएँ
  • सांस फूलने के उपचार
  • कत्था के चिकित्सा लाभ
  • गांठ गलाने के उपचार
  • चौलाई ,चंदलोई,खाटीभाजी सब्जी के स्वास्थ्य लाभ
  • मसूड़ों के सूजन के घरेलू उपचार
  • अनार खाने के स्वास्थ्य लाभ
  • इसबगोल के औषधीय उपयोग
  • अश्वगंधा के फायदे
  • लकवा की चमत्कारी आयुर्वेदिक औषधि वृहत वात चिंतामणि रस
  • मर्द को लंबी रेस का घोडा बनाने के अद्भुत नुस्खे
  • सदाबहार पौधे के चिकित्सा लाभ
  • कान बहने की समस्या के उपचार
  • पेट की सूजन गेस्ट्राईटिस के घरेलू उपचार
  • पैर के तलवों में जलन को दूर करने के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार
  • लकवा (पक्षाघात) के आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे
  • डेंगूबुखार के आयुर्वेदिक नुस्खे
  • काला नमक और सेंधा नमक मे अंतर और फायदे
  • हर्निया, आंत उतरना ,आंत्रवृद्धि के आयुर्वेदिक उपचार
  • पाइल्स (बवासीर) के घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे
  • चिकनगुनिया के घरेलू उपचार
  • चिरायता के चिकित्सा -लाभ
  • ज्यादा पसीना होने के के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार
  • पायरिया रोग के आयुर्वेदिक उपचार
  • व्हीटग्रास (गेहूं के जवारे) के रस और पाउडर के फायदे
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  • 7.2.16

    खस खस (पोस्तदाना) के स्वास्थ्य लाभ // Benefits of Poppy Seeds




     

    खसखस सूक्ष्म  आकार का बीज होता है। इसे लोग पॉपी सीड के नाम से भी जानते हैं। खसखस प्यास को बुझाता है और ज्वर, सूजन और पेट की जलन से राहत दिलाता है और यह एक दर्द-निवारक भी है। लंबे समय से ही प्राचीन सभ्यता मे इसका उपयोग औषधीय लाभों के लिए किया जाता रहा है| 
    अनिद्रा- खसखस नींद से जुड़ी दिक्कतों  में मदद करता है क्‍योंकि इसके सेवन से आपके अंदर  सोने के लिए मजबूत इच्छा पैदा होती हैं। अगर आप भी अनिद्रा की समस्या  से परेशान हैं, तो सोने से पहले खसखस के पेस्ट  को गर्म दूध के साथ सेवन करना समस्या  में बहुत प्रभावी साबित हो सकता है।

    श्वसन संबंधी विकार-खसखस के बीज में शांतिदायक गुण होने के कारण यह सांस की बीमारियों के इलाज में बहुत कारगर होता है। यह खांसी को कम करने में मदद करता है और अस्थमा जैसी समस्याओं के खिलाफ लंबे समय तक राहत प्रदान करता है। 



    कब्ज,पोषण-खसखस के बीज ओमेगा-6 फैटी एसिड, प्रोटीन, फाइबर का अच्छा स्रोत हैं। इसके अलावा इसमें विभिन्न फाइटोकेमिकल्स, विटामिन बी, थायमिन, कैल्शियम और मैंगनीज भी होता हैं। इसलिए खसखस को एक उच्च पोषण वाला आहार माना जाता है।



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    खसखस फाइबर को बहुत अच्छा स्रोत हैं। इसमें इसके वजन से लगभग 20-30 प्रतिशत आहार फाइबर शामिल होता हैं। फाइबर स्वस्थ मल त्याग में और कब्ज की दिक्कत दूर करने में बहुत लाभकारी होती है। लगभग 200 ग्राम खसखस आपके दैनिक फाइबर की जरूरत को पूरा कर सकता हैं|

    शांतिकर 

    औषधि-सूखी खसखस को प्राकृतिक शांति प्रदान करने वाली औषधि माना जाता है कारण ,इसमें थोड़ी सी मात्रा में ओपियम एल्कलॉइड्स नामक रसायन होता है। यह रसायन तंत्रिका की अतिसंवेदनशीलता, खांसी और अनिद्रा को कम करते हुए आपकी तंत्रिका तंत्र पर एक न्यूनतम प्रभाव उत्पन्न करता है।
    एंटीऑक्सीडेंट-माना जाता है कि खसखस में बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होने के कारण इसमें अद्भुत एंटीऑक्सीडेंट गुण होते है। ये एंटीऑक्‍सीडेंट फ्री रेडिकल के हमलों से अंगों और ऊतकों की रक्षा करते है। इसलिए इन सब खतरों से बचने के लिए हमें अपने आहार में खसखस को शामिल करना चाहिए।


    दर्द-निवारक-

    खसखस में मौजूद ओपियम एल्कलॉइड्स नामक रसायन होता है, जो दर्द-निवारक के रूप में बहुत कारगर होता है। खसखस को दांत में दर्द, मांसपेशियों और नसों के दर्द को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।खसखस एक लोकप्रिय दर्द-निवारक भी है।

    त्वचा की देखभाल-

    आयुर्वेद में तो हमेशा से ही खसखस को त्‍वचा के लिए अच्‍छा माना जाता है। यह एक मॉइस्‍चराइजर की तरह काम करता है और त्वचा की जलन और खुजली को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा इसमें मौजूद लिनोलिक नामक एसिड एक्जिमा के उपचार में भी मददगार होता है।

    4.2.16

    कब्ज नाशक नुस्खे , Effective home remedies of constipation

                          

         आज की जीवनशैली और काम के बोझ में कब्ज होना कोई बड़ी बात नहीं हैं। कब्ज आज बेहद आम समस्या बन गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कब्ज को दूर करने के उपाय आपकी अपनी रसोई में मौजूद हैं।
        रात को सोने से पहले गुड़ खाने से सुबह के समय कब्ज की समस्या नहीं रहती। विटामिन और मिनरल्‍स से भरपूर गुड़ को गर्म करके खाने से कब्ज में बहुत आराम मिलता है। 

    आलूबुखारा खाने से आपकी पेट संबंधी सारी बीमारियां दूर हो जाती हैं। रोजाना 3 ग्राम आलूबुखारा खाने से     कब्ज को आसानी से दूर किया जा सकता है। दरअसल, आूलबुखारा में भारी मात्रा में फाइबर मौजूद होता है जिससे कब्ज को दूर करने में मदद मिलती है।
        नींबू का रस पाचन तंत्र को ठीक करता है। इससे शरीर में मौजूद विषाक्त कण निकल जाते हैं। ताजा नींबू पानी सुबह पीने से कब्ज नहीं होती। चाहे तो लेमन टी भी पी सकते हैं।
    कॉफी पीने से आप बिना देर किए बाथरूम तक पहुंच जाएंगे। दरअसल, कॉफी से प्रेशर जल्दी बनता है।
        रोजाना 15 मिनट टहलने से भी आप आसानी से कई समस्याओं को दूर कर सकते हैं। ज्यादा खाने के बाद यदि आपको नींद आने लगे तो आपको थोड़ा टहलना चाहिए। 


        पुदीना और अदरक दोनों की चाय बनाकर पीने से कब्ज की समस्या नहीं रहती। अदरक की चाय कब्ज से छुटकारा पाने के लिए बेहतरीन घरेलू नुस्‍खा हैं।

    विशिष्ट परामर्श-






    यकृत,प्लीहा,आंतों के रोगों मे अचूक असर हर्बल औषधि "उदर रोग हर्बल " चिकित्सकीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है|पेट के रोग,लीवर ,तिल्ली की बीमारियाँ ,पीलिया रोग,कब्ज और गैस होना,सायटिका रोग ,मोटापा,भूख न लगना,मिचली होना ,जी घबराना ज्यादा शराब पीने से लीवर खराब होना इत्यादि रोगों मे अत्यंत  प्रभावशाली है|बड़े अस्पतालों के महंगे इलाज के बाद भी निराश रोगी इस औषधि से ठीक हुए हैं| औषधि के लिए वैध्य दामोदर से 9826795656 पर संपर्क करें|

     




    19.1.16

    घर पर ही दर्द नाशक तेल बनाएँ/ Make painkiller oil at home




    शरीर के विभिन्न अंगों मे  जब तब दर्द होना गैर मामूली  बात नहीं है| दर्द होने पर लोग आम तौर पर दर्द नाशक गोलियों  का  उपयोग करते   हैं| पेन किलर  उपयोग  के कई साईड इफेक्ट होते हैं|  मेरा तोई सुझाव यह है  कि पेन किलर  खाने की गोलियों  का उपयोग न करना ही  ठीक  है|  दर्द नाशक तेल की मालिश करना ज्यादा बेहतर  विकल्प है| मैं यहाँ  एक बहुत बढ़िया  दर्द निवारक तेल बनाने की विधि लिख देता हूँ | बनाकर इस्तेमाल करें ,लाभ उठावें|




      दर्द नाशक तेल बनाने की विधि-

    1) एक काँच की शीशी में 60 ग्राम  तारपीन का तेल  और  25 ग्राम  कपूर डालकर  ढक्कन बंद करें  और इसे धूप मे रख दें| समय समय पर इसे हिलाते भी रहें ताकि  कपूर  भली प्रकार घुल जाये|
    2)  एक बर्तन मे  सरसों का तेल 50 ग्राम ,,लहसुन के दो गांठ  छिले  हुए का पेस्ट ,और आधा छोटा  चम्मच  सेंधा नमक   डालकर धीमी आंच पर  पकाएँ कि लहसुन काली पड जाए|  ठंडा कर छानकर एक काँच की शीशी मे भर लें|
    3)  तीसरी काँच की शीशी मे अजवायन का सत एक छोटा चमच ,कपूर एक  छोटा चम्मच और पुदीने का सत एक छोटा  चम्मच डालकर रखें और जब तीनों वस्तुएँ भली प्रकार  घुल जाये तो  इसमे एक छोटा चामच नीलगिरी का तेल डालकर अच्छी  तरह हिलाएँ| 
    उपरोक्तानुसार तीनों तेल अलग अलग तैयार करें फिर तीनों को एक बोतल मे भरलें | दर्द नाशक मालिश का तेल तैयार है| |यह तेल संधिवात ,कमर दर्द ,गठिया का दर्द के अलावा अन्य शारीरिक दर्दों मे परम हितकारी सिद्ध हुआ है|



    5.1.16

    पालक के अनेक फायदे // Health Benefits of spinach





    सर्दियों में सब्जी मार्केट मे पालक की आवक बढ़ जाती है|। हर सब्जी के ठेले पर ये आपको जरूर मिलेगी। पालक मे मौजूद होता है ओमेगा 3, फैटी एसिड और फॉलिक एसिड। ये शरीर में खून का बहाव अच्छा बनाते हैं और धमनियों को बंद नहीं होने देते।
    पालक में विटामिन सी और आयरन की मात्रा ज्यादा होती है जो शरीर में मेटाबॉलिजम सुधारता है और शरीर ज्यादा कैलोरी बर्न कर पाता है। यानी पालक खा कर आप वजन भी कम कर सकते हैं।
    पालक में कैल्शियम होता है जो दांतों को मजबूत बनाता है। ये दांतों पर से दाग भी हटाता है।
    पालक में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को साफ करते हैं और झुर्रियां नहीं पड़ने देते। आप लंबे समय तक जवां दिखते हैं।
    यह हरी पत्तेदार सब्जी मर्दों में स्पर्म की गुणवत्ता बढ़ाती है। इसमें फॉलिक एसिड, जिंक, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो स्पर्म के लिए फायदेमंद होते हैं और मर्दानगी भी बढ़ती है। इसलिए मर्दों को पालक जरूर खानी चाहिए।


    पालक मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत जरूरी बताई जाती है। जिन्हें मधुमेह नहीं होता वो अगर इसका नियमित सेवन करें तो मधुमेह होने का खतरा भी कम हो जाता है।
    बढ़ती उम्र के साथ याद्दाश्त कमजोर होने लगती है क्योंकि दिमाग के सेल बिगड़ने लगते हैं। लेकिन अगर चाहते हैं कि याद्दादश्त मजबूत बनी रहे तो पालक का सेवन करना न छोड़ें।








    पालक में जो खास एंटीऑस्किसीडेंट होते हैं वो आंखों से जुड़ी कई बीमारियों दूर करते हैं। आयरन, विटामिन ए भी इसमें मदद करते हैं। ये आंखओं की रोशनी बढ़ाते हैं।
    अपच दूर करने के लिए पालक से बेहतर क्या हो सकता है। इसमें खूब सारा फाइबर होता है जो शरीर से आसानी से मल को निकलने देता है। जिन्हें कब्ज की ज्यादा शिकायत होती है उन्हें रोज एक गिलाज पालक का जूस पीना चाहिए।


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    1.1.16

    अकरकरा के गुण और लाभ



    भृंगराज कुल का यह झाड़ीदार पौधा पूरे भारत वर्ष में पाया जाता है।आयुर्वेदिक ग्रंथों में खासकर मध्यकालीन ग्रंथों में इसे आकारकरभ नाम से वर्णित किया गया है जिसे हिंदी में अकरकरा भी कहा जाता है।अंग्रेजी में इसी वनस्पति का नाम पेलिटोरी है।इस वनस्पति का प्रयोग ट्रेडीशनल एवं पारंपरिक चिकित्सकों द्वारा दांतों एवं मसूड़े से सम्बंधित समस्याओं को दूर करने हेतु सदियों से किया जाता रहा है|
    इस पौधे के सबसे अधिक महत्वपूर्ण भाग इसके फूल एवं जडें हैं।जब इसके फूलों एवं पत्तियों को चबाया जाता है तो यह एक प्रकार से दाँतों एवं मसूड़ों में सुन्नता उत्पन्न करता है।इसके फूल इसके सबसे महत्वपूर्ण भाग हैं।यूँ तो इसे मूल रूप से ब्राजील एवं अफ्रीका से आयी वनस्पति माना जाता है लेकिन यह हर प्रकार के वातावरण चाहे वो उष्णता हो या शीतकालीन में उगने वाली वनस्पति है।इस पौधे की विशेषता इसके फूलों का विशिष्ट आकार है जो कोन यानि शंकु के आकार के होते हैं।पत्तियों का प्रयोग त्वचा रोग में भी किया जाता है।इस वनस्पति में पाया जानेवाला स्पाइलेंथनॉल अपने एनाल्जेसिक एवं एनेस्थेटिक प्रभाव को उत्पन्न करने के लिए जाना जाता है।यह लालास्राव भी उत्पन्न करता है।यह मुखगुहा से ट्रांस्डर्मली अवशोषित होकर एक विशेष प्रकार के ट्रांजेएन्ट रिसेप्टर को स्टिम्युलेट करता है जिस कारण केटेकोलामीन पाथवे प्रभावित होता है और लार उत्पन्न होता है।इस वनस्पति के अन्य लाभकारी प्रभाव भी है जैसे रक्तगत पैरासाइटस को समाप्त करना साथ ही लेयुकोसाटस को बढ़ाना एवं फेगोसायटिक एक्टीविटी को बढ़ाना।इसे इम्युनोमाडुलेटर एवं मलेरिया नाशक के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है।
    आयुर्वेद अनुसार यह कफवातजनित व्याधियों में प्रयुक्त होनेवाली प्रमुख औषधि है।पक्षाघात एवं नाडीदौर्बल्य में इसके मूल से तेल सिद्धित कर अभ्यंग का विधान है।इसके मूल के क्वाथ का गण्डूष दंतकृमि,दंतशूल आदि में बेहद लाभकारी होता है।विद्रधि पर इसके मूल या पत्तियों का लेप करने भर मात्र से लाभ मिलता है।
    उष्ण वीर्य प्रभाव वाली यह औषधि बल प्रदान करनेवाली साथ ही प्रतिश्याय शोथ एवं वात विकारों में लाभकारी है।
    नाड़ी दौर्बल्य जनित विकारों ,ध्वज भंग के साथ प्रीमेच्युर इजेकुलेशन में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
    इसका प्रमुख योग आकारकरभादि चूर्ण है। उष्ण एवं उत्तेजक होने से इसे वाजीकारक तथा शुक्रस्तम्भक प्रभाव हेतु भी प्रयोग में लाया जाता है।