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24.8.19

दाँत मजबूत बनाने के कारगर उपाय


मजबूत दांत पाचन, स्पीच और आपको स्वस्थ रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसका स्वस्थ और मजबूत रहना बहुत ही जरूरी है। आज हम जानेंगे कि अपनी मुस्कान को भी तरोताजा रखने के लिए अपने दांतों की सफाई और मजबूती का ख्याल कैसे रखा जाए।
दांत हमारे शरीर का एक अभिन्‍न और अनिवार्य हिस्‍सा हैं। इसलिए दांतों को मजबूत करने के उपाय, तरीके और नुस्‍खे आपको पता होना चाहिए। दांतों का स्‍वस्‍थ होना आपके चेहरे की सुंदरता को भी परिभाषित करता है। कल्‍पना करें कि यदि आपके दांत न हों तो आप कैसा महसूस करेंगे। आप अपनी इच्‍छानुसार भोजन का सेवन नहीं कर पायेंगे साथ ही आपका चेहरा बुजुर्गों की तरह दिखाई देगा। हालांकि यह मात्र एक कल्‍पना है। लेकिन यदि आपके दांत स्‍वस्‍थ और मजबूत नहीं होगें तो ऐसी स्थिति आने में समय नहीं लगेगा। आपको घबराने की आवश्‍यकता नहीं है क्‍योंकि दांतों को मजबूत करने के उपाय भी मौजूद हैं। आप अपनी जीवनशैली में कुछ परिवर्तन करके और कुछ विशेष खाद्य पदार्थों का सेवन कर दांतों को मजबूत बना सकते हैं।
अक्‍सर हम देखते हैं कि छोटे बच्‍चों और बुजुर्गों के दांतों में दर्द बना रहता है। हालांकि कमजोर दांत के लक्षण किसी भी उम्र में दिखाई दे सकते हैं। कमजोर दांत के लक्षण में ढीले दांत, खाने के दौरान दर्द या असुविधा, दांतों के आसपास मसूड़ों की सूजन या लालिमा, मसूड़ों से खून आना आदि शामिल हैं। स्‍वाभाविक रूप से दांतों को मजबूत करने के उपाय और तरीके अपनाकर आप भी अपने दांतों को स्‍वस्‍थ रख सकते हैं।
आपके दांत आपके स्‍वस्‍थ रहने का एक प्रमुख साधन है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि बिना दांतों के आप उचित आहार का सेवन नहीं कर सकते हैं। जिससे आपको पर्याप्‍त पोषक तत्‍व प्राप्‍त होते हैं। यदि आपके दांत कमजोर हैं या उनमें किसी प्रकार की समस्‍या है तो आपको तुरंत ही दांतों को मबजूत बनाने के उपाय अपनाना चाहिए। इसके लिए आप कुछ औषधीय जड़ी-बूटीयों, खाद्य पदार्थों और अच्‍छी आदतों को शामिल कर सकते हैं। आइए विस्‍तार से जाने दांतों को मजबूत करने के उपाय क्‍या हैं।



कैल्शियम है जरूरी

कैल्शियम, विटामिन डी और फास्फोरस बच्चों और वयस्कों में स्वस्थ दांतों और मसूड़ों के गठन और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं| आपकी हड्डियों और दांतों को मजबूत रखने में कैल्शियम बहुत मदद करता है। इसलिए अपने आहार कैल्शियम को शामिल कीजिए। इसके अलावा दांतो को मजबूत रखने के लिए ऐसे उत्पाद का इस्तेमाल करें जिसमें फ्लोराइड मौजूद हों।
खूब पानी पिएं
दांतों को मजबूत बनाने के सबसे प्रभावी उपाय में पर्याप्‍त पानी पीना भी शामिल है। पानी पीना आपके दांतों में मौजूद भोजन के अवशेष और बैक्‍टीरिया आदि को साफ करने का काम करता है। इसके अलावा पानी पीना एसिडिटीके लक्षणों को भी बेअसर करता है जो दांतों के सुरक्षा आवरण को नुकसान पहुंचाते हैं। आप भी अपने दांतों को मजबूत बनाने के लिए भोजन के बाद कुल्‍ला करने की आदत बनाएं। जिससे भोजन के बाद मुंह में बचे हुए भोजन के टुकड़ों को बाहर किया जा सके। जिससे दांतों की सड़न और अन्‍य समस्‍याओं से छुटकारा मिल सकता है। आप भी अपने दांतों को मजबूत बनाने के लिए बहुत सारा पानी पीना सुनिश्चित करें।
लहसुन
लहसुन भी शरीर और दांतों के लिए अच्छा माना गया है। लहसुन एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। इसमें एलिसिन नामक तत्व होते हैं, जो एंटीफंगल, एंटीवायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होता है। यह खराब बैक्टीरिया को नियंत्रित करता है, जो कैविटी और मसूड़े के रोग की समस्याओं का कारण बनते हैं।
काली मिर्च और हल्‍दी
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कालीमिर्च और हल्‍दी को मसाले के रूप में भी उपयोग किया जाता है जो कि वास्‍तव में जड़ी बूटीयां हैं। इनका उपयोग करने से मसूड़ों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। जिसके कारण आप अपने दांतों को मजबूत बना सकते हैं। इसके लिए आप कालीमिर्च और हल्‍दी के पाउडर का पेस्‍ट बनाएं और इससे अपने दांतों और मसूड़ों की हल्‍की मालिश करें। इसके बाद आप लगभग 30 मिनिट तक कुछ भी ना खाएं और न ही कुछ पिएं। ऐसा करने से आपको मसूड़ों की सूजन से राहत मिलेगी साथ ही हल्‍दी और कालीमिर्च के पोषक तत्‍व आपके दांतों को मजबूत करेंगे।
नमक
आप अपने आहार में नमक का नियमित सेवन करते हैं। लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि नमक का उपयोग आपके दांतों को मजबूत बना सकता है। आप अपने दांतों को स्‍ट्रोग बनाने के लिए भी नमक का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप सरसों के तेल में थोड़ा सा नमक लें और इससे अपने दांतों की मालिश करें। ऐसा करने से आपके मसूड़े स्‍वस्‍थ रहेंगे। जिससे स्‍वाभाविक रूप से दांतों को मजबूत बनाया जा सकता है।
मालिश करें
दांतों को सेहतमंद बनाने के लिए केवल ब्रश करना ही काफी नहीं है। इन्हें मजबूत और सफेद बनाने के लिए दांतों की मालिश करना भी बहुत आवश्यक है। इसके लिए नींबू बहुत ही फायदेमंद है। आप नींबू के रस से दिन में दो बार दांतों की मालिश करें ,जिससे दांत चमक उंठेगे। आप चाहे तो सरसों के तेल में थोड़ा-सा नमक मिलाकर भी दांतों और मसूढ़ों की मालिश कर सकते हैं जिससे दांत मजबूत बनेंगे।पुदीने का तेल
पुदीने का तेल आपके दांतों को मजबूत करने का सबसे अच्‍छा तरीका हो सकता है। यह मसूड़ों के दर्द और सूजन को दूर करने में मदद करता है। यदि आपके दांत कमजोर हैं और हिल रहे हैं तब भी आप पुदीने के तेल का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। दांतों के दर्द से राहत पानी के लिए आप पुदीने के तेल से मसूड़ों की मालिश करें। पुदीने में मौजूद दर्द नाशक और सूजन विरोधी गुण मसूड़ों को आराम दिलाने और दांतों को मजबूत करने में सहायक होते हैं।
नीम
दांतों को मजबूत करने के लिए एक और आयुर्वेदिक उपाय नीम है। नीम में जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो दांतों को स्वस्थ रखने और मसूड़ों को मजबूत करने में मदद करता है। एक अध्‍ययन के अनुसार दांतों के पारंपरिक उपचार के लिए नीम के पत्‍तों का उपयोग किया जा सकता है। अध्‍ययन के अनुसार नीम, आम या क्‍लोरहेक्सिडाइन (chlorhexidine) युक्‍त माउथवॉश का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। क्‍योंकि इनमें कई प्रकार के एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं। यदि आप दांतों को मजबूत करना चाहते हैं तो नियमित रूप से 3 स्‍प्‍ताह तक दिन में दो बार नीम से बने माउथवॉस का उपयोग करें। यह आपके दांतों को मजबूत करने के साथ ही मसूड़ों को भी स्‍वस्‍थ रखने में सहायक होता है।
आंवला
आंवला में विटामिन सी की अच्‍छी मात्रा होती है। सभी लोग यह जानते भी हैं कि आंवले का सेवन दांतों के लिए अच्‍छा होता है। लेकिन अधिकांश लोग जानने के बाद भी इसे अनदेखा कर देते हैं। आंवले में मौजूद विटामिन सी दांतों और मसूड़ो से जुड़ी समस्‍याओं को प्रभावी रूप से दूर करने और इन्‍हें मजबूत बनाने में मदद करता है। आप आंवले का सेवन करने के साथ ही आंवले के रस से दिन में कई बार कुल्‍ला कर सकते हैं। ऐसा करना भी आपके दांतों के लिए फायदेमंद होता है।


लौंग तेल

प्राचीन समय से ही दांत के दर्द को कम करने और दांतों को मजबूत बनाने के उपाय में लौंग के तेल का उपयोग किया जा रहा है। मसूड़ों में सूजन और दर्द होने की स्थिति में लौंग तेल बहुत ही प्रभावी होता है। लौंग में विभिन्‍न प्रकार के एंटीऑक्‍सीडेंट, एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। जो दांतों को कमजोर करने वाले बैक्‍टीरिया को नष्‍ट करने में सहायक होते हैं। अपने दांतों को मजबूत करने के लिए आप नियमित रूप से दिन में दो लौंग के तेल से दांतों और मसूड़ों की मालिश कर सकते हैं। लौंग का तेल दांत मजबूत करने का घरेलू नुस्‍खा है जो कि बहुत ही प्रभावी होता है।
मुलैठी
मुलैठी एक औषधीय जड़ी बूटी है जो आपके दांतों को मजबूत करने का तरीका हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि मुलैठी में लिकोरीसीडिन और लिकोरीसोफ्लैवन ए मौजूद होता है। ये घटक दांतों को नुकसान पहुंचाने वाले बैक्‍टीरिया के विकास को रोकने और उन्‍हें नष्‍ट करने में सहायक होते हैं। इसलिए आप अपने दांतों को मजबूत और स्‍वस्‍थ बनाने के लिए मुलैठी युक्‍त टूथ पेस्‍ट का उपयोग कर सकते हैं।
दही का उपयोग
प्राकृतिक रूप से प्रोबायोटिक्‍स प्राप्‍त करने का सबसे अच्‍छा तरीका ताजे दही का सेवन करना है। प्रोबायोटिक्‍स हमारे शरीर के अच्‍छे बैक्‍टीरिया होते हैं। दही का सेवन करने से आप अपने शरीर में अच्‍छे बैक्‍टीरिया की संख्‍या को बढ़ाकर खराब बैक्‍टीरिया की संख्‍या को संतुलित कर सकते हैं। दांतों का कमजोर होना और अन्‍य दांतों से संबंधी समस्‍याएं इन खराब बैक्‍टीरिया की अधिक मात्रा के कारण होती हैं। इसलिए दांतों को मजबूत करने के लिए दही का सेवन अच्‍छा होता है। इसके अलावा नियमित रूप से दही का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाया जा सकता है।
खट्टे फलों से बचें
खट्टे फल स्‍वास्‍थ्‍य के लिए फायदेमंद होते हैं। लेकिन अधिक मात्रा में इनका सेवन करना आपके दांतों के लिए हानिकारक हो सकता है। नींबू जैसे अन्‍य खट्टे फलों में अम्‍ल की अधिक मात्रा होती है जो दांतों के सुरक्षा कवच या तामचीनी (enamel) को नुकसान पहुंचा सकता है। जिससे आपके दांत कमजोर और क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। इसलिए अधिक मात्रा में इस प्रकार के खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए।

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13.5.16

एलर्जी (चर्म रोग) की आयुर्वेदिक चिकित्सा.allergy



एलर्जी कई प्रकार की होती हैं। इस तरह के सभी रोग परेशान करने वाले होते हैं। इन रोगों का यदि ठीक समय   पर इलाज न किया गया, तो परेशानी बढ़ जाती है। त्वचा के कुछ रोग ऐसे होते हैं, जो अधिक पसीना आने की जगह पर होते हैं दाद या खुजली। परंतु मुख्य रूप से दाद, खाज और कुष्ठ रोग मुख्य हैं। इनके पास दूसरे लोग बैठने से घबराते हैं। परंतु  इतना परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। इन रोगों में ज्यादातर साफ सफाई रखने की जरूरत होती है। वरना ये खुद आपके ही शरीर पर जल्द से जल्द फैल सकते हैं। तथा आपके द्वारा इस्तेमाल की गई चीजें अगर दूसरे लोग इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें भी यह रोग लग सकता है।

 यह  रोग रक्त की अशुद्धि से भी होता है। एक्जिमा, दाद, खुजली हो जाये तो उस स्थान का उपचार करें। ये रोग अधिकतर बरसात में होता है। जो बिगड़ जाने पर जल्दी ठीक नहीं होता है। उपचार ; फिटकरी के पानी से प्रभावित स्थान को धोकर साफ करें। उसपर  कपूर सरसों का तेल लगाते रहें।
आंवले की गुली जलाकर राख कर लें उसमें एक चुटकी फिटकरी, नारियल का तेल मिलाकर इसका पेस्ट उस स्थान पर लगाते रहें। विकार दूर करने के लिये खट्टी चीजें,, मिर्च, मसाले से दूर रहें। जब तक उपलब्ध हो गाजर का रस पियें दाद में।
विटामिन ए की कमी से त्वचा शुष्क होती है। ये शुष्कता सर्दियों में अधिक बढ़ जाती है। इस कारण सर्दियों में गाजर का रस पियें ये विटामिन ए का भरपूर स्त्रोत है। 

चुकंदर के पत्तों का रस, नींबू का रस मिलाकर लगायें दाद ठीक होगा। गाजर व खीरे का रस बराबर-बराबर लेकर चर्म रोग पर दिन में चार बार लगायें। चर्म रोग कैसा भी हो उस स्थान को नींबू पानी से धोते रहें लाभ होगा। रोज सुबह नींबू पानी पियें लाभ होगा। नींबू में फिटकरी भरकर पीड़ित स्थान पर रगड़े लाभ होगा।

चंदन का बूरा, नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पेष्ट बनाऐं व दाद, खुजली पर लगायें। दाद होने पर नीला थोथा, फिटकरी दोनों को आग में भूनकर पीस लें फिर नींबू निचोड़कर लेप बनाऐं और दाद पर लगायें पुराना दाद भी ठीक हो जायेगा।
दाद पर जायफल, गंधक, सुहागा को नींबू के रस में रगड़कर लगाने से लाभ होगा। दाद व खाज के रोगी, उबले नींबू का रस, शहद, अजवाइन के साथ रोज सुबह शाम पियें। दाद खाज में आराम होगा। नींबू के रस में इमली का बीज पीसकर लगाने से दाद मिटता है।
पिसा सुहागा नींबू का रस मिलाकर लेप बनाऐं तथा दाद को खुजला कर उस पर लेप करें। दिन में चार बार दाद को खुजलाकर उस पर नींबू रगड़ें। 
सूखें सिंघाड़े को नींबू के रस मे घिसें इसे दाद पर लगायें पहले तो थोड़ी जलन होगी फिर ठंडक पड़ जायेगी इससे दाद ठीक होगा। तुलसी के पत्तों को नींबू के साथ पीसें यानी चटनी जैसा बना लें इसे 15 दिन तक लगातार लगायें। दाद ठीक होगा।
प्याज का बीज नींबू के रस के साथ पीस लें फिर रोज दाद पर करीब दो माह तक लगायें दाद ठीक होगा। नहाते समय उस स्थान पर साबुन न लगायें। पानी में नींबू का रस डालकर नहायें। दाद फैलने का डर नहीं रहेगा।
पत्ता गोभी, चने के आटे का सेवन करें। नीम का लेप लगायें। नीम का शर्बत पियें थोड़ी मात्रा में। प्याज पानी में उबालकर प्रभावित स्थान पर लगायें। कैसा भी रोग होगा ठीक हो जायेगा। लंम्बे समय तक लगाये। प्याज के बीज को पीसकर गोमूत्र में मिलाकर दाद वाले हिस्से पर लगायें। प्याज भी खायें। बड़ी हरड़ को सिरके में घिसकर लगाने से दाद ठीक होगा। ठीक होने तक लगायें। चर्म रोग कोई भी हो, शहद, सिरका मिलाकर चर्म रोग पर लगाये मलहम की तरह। कुष्ठ रोग में भी शहद खायें, शहद लगायें। तुलसी का तेल बनाएं चर्म रोग के लिये– जड़ सहित तुलसी का हरा भरा पौधा लेकर धो लें, इसे पीसकर इसका रस निकालें। यह रस आधा किलो पानी,आधा किलो तेल मे डालकर हल्की आंच पर पकाएं, जब तेल रह जाए तो छानकर शीशी में भर कर रख दें। तेल बन गया। इसे सफेद दाग पर लगाएं। इन सब इलाज के लिए धैर्य की जरूरत है। कारण ठीक होने में समय लगता है। 

सफेद दाग में नीम एक वरदान है। कुष्ठ रोग का इलाज नीम से करें| नीम लगाएं, नीम खाएं, नीम पर सोएं, नीम के नीचे बैठे, सोये यानि कुष्ठ रोग के व्यक्ति जितना संभव हो नीम के नजदीक रहें। नीम के पत्ते पर सोएं, उसकी कोमल पत्तियां, निबोली चबाते रहें। रक्त शुद्धिकरण होगा। अंदर से त्वचा ठीक होगी। कारण नीम अपने में खुद एक एंटीबायोटिक है। इसका वृक्ष अपने आसपास के वायुमंडल को शुद्ध, स्वच्छ, कीटाणुरहित रखता है। इसकी पत्तियां जलाकर पीसकर नीम के ही तेल में मिलाकर घाव पर लेप करें। नीम की फूल, पत्तियां, निबोली पीसकर इसका शर्बत चालीस दिन तक लगाताकर पियें। कुष्ठ रोग से मुक्ति मिलेगी। नीम का गोंद, नीम के ही रस में पीसकर पिएं थोड़ी-थोड़ी मात्रा से शुरू करें इससे गलने वाला कुष्ठ रोग भी ठीक हो जाता है
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